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UPDATE-2
गंगू : "अरे, राजू भाई , आप...कहिए...''
राजू : "मैने सुना है की तेरे साथ एक लड़की आई है...देखने मे सुंदर भी है...और इन लोगो को लगता है की तू उसको कहीं से उठा कर लाया है..बोल, क्या बात है...मुझे अपनी जगह पर कोई पंगा नही चाहिए.....''
गंगू : "अरे नही राजू भाई, ऐसा कुछ भी नही है...ये लड़की तो मेरी जोरू है...कल ही गाँव से आई है..रास्ते मे एक्सीडेंट हो गया था, इसलिए अस्पताल ले गया था, आज ही छुट्टी हुई है..ये देखो..अस्पताल का पर्चा..''
उसने अपनी जेब से हॉस्पिटल का पर्चा दिखा दिया..
तभी वो लड़की अचानक बाहर निकल आई...उसके चेहरे पर कोई भी भाव नही था..वो सब लोगो को टकटकी लगाकर देख रही थी ..
राजू ने उस लड़की से पूछा : "ये तेरा मर्द है ना...बोल''
कुछ देर तक उसे देखते रहने के बाद उस लड़की ने अपना सिर हाँ मे हिला दिया..
उन सभी लोगो के साथ-2 गंगू भी हैरान रह गया..की आख़िर उस लड़की ने हाँ क्यो कहा..
सब लोग उसकी तरफ हैरानी से देखने लगे, की ऐसे बदसूरत भिखारी की इतनी सुंदर बीबी कैसे हो सकती है..
पर अब शक करने का कोई प्रश्न ही नही रह गया था...उसकी बात मानकर सभी लोग अपने-2 घर की तरफ चल दिए..
राजू ने जाते-2 कहा : "अब तू अपनी बीबी के साथ रहेगा यहाँ तो मेरी झोपड़ी का किराया 1500 होगा..समझा..''
गंगू ने हाँ मे सिर हिला दिया..
और उसके बाद राजू भी वहाँ से चला गया..
गंगू ने दराजा फिर से बंद किया और उस लड़की के सामने जाकर खड़ा हो गया..
और अपने प्रश्नो की बोछार कर दी उसके उसपर ....
गंगू : "बता मुझे, कौन है तू, कहा की रहने वाली है...वो आदमी कौन था तेरे साथ कार मे जो तेरे साथ ज़बरदस्ती कर रहा था..बोल...और तूने इन सबके सामने मेरे झूट का साथ क्यो दिया...''
लड़की हैरानी से उसकी तरफ देखे जा रही थी..मानो कुछ समझ ही नही पा रही की हो क्या रहा है उसके साथ..
उसने थोड़ी देर बाद सुबकना शुरू कर दिया...और बोली : "मुझे नही पता ...मुझे कुछ याद नही है...मेरा नाम क्या है...मुझे नही पता...वो तुमने हॉस्पिटल मे मेरा इतना ध्यान रखा ...मुझे घर ले आए...इसलिए मुझे लगा की तुम ही मेरे पति हो ...इसलिए सबके सामने मैने ऐसे कहा ...''
कुछ देर बाद वो बोली : "तुम ऐसे क्यो बोल रहे हो ....क्या मैं तुम्हारी पत्नी नही हू ...बोलो ...''
गंगू की समझ मे आ गया की उसे कुछ भी याद नही है..वो बेकार ही उसपर गुस्सा हो रहा था..
वो बाहर निकल गया और कुछ देर मे ही खाने पीने का समान लेकर आया और दोनो ने मिलकर खाना खाया.
खाना खाते हुए गंगू उसके शरीर को घूर-2 कर देख रहा था..उसका मासूम सा चेहरा, गोरा बदन..मोटे -2 मुम्मे और बाहर निकली हुई गांड ...उसकी उम्र लगभग 23 के आस पास थी ...बिल्कुल फिल्मी हीरोइन अमीशा पटेल जैसा चेहरा और फिगर था उसका..शादी शुदा तो नही लगती थी ...पर इतनी सेक्सी लड़की का कोई बाय्फ्रेंड नही रहा होगा, इसपर गंगू को शक़ था...
खाना खाने के बाद गंगू बीड़ी पीने के लिए बाहर निकल गया..शाम का समय था,..इसलिए कॉलोनी मे काफ़ी रोनक थी ...
तभी गंगू को ध्यान आया की घर पर सोने का तो कोई इंतज़ाम भी नही है...वो तो टूटी-फूटी सी चारपाई पर सो जाता था ...पर इस लड़की को उसपर नींद कैसे आएगी ..
और उसके लिए कपड़ो का भी इंतज़ाम करना होगा ..वो पिछले दो दीनो से उन्ही कपड़ो मे थी ..
वो कॉलोनी के बाहर पटरी पर लगने वाली मार्केट की तरफ चल दिया..वहाँ कॉलोनी के ही कई लोग सस्ते कपड़े बेचते थे ..
वो वहाँ पहुँचा और औरतों के कपड़े देखने लगा ...एक घाघरा चोली का सेट उसे पसंद आ गया ..और उसके साथ ही उसने एक ब्रा और पेंटी भी ले ली ...साथ मे एक मोटी चादर और चप्पल भी ले ली उस लड़की के लिए ..ये सारा सामान उसे 500 रुपए मे मिल गया..
वो अपने झोपडे की तरफ चल दिया..और वहां पहुँचकर उसने वो सब समान उस लड़की को दे दिया..तब तक वो अपना मुँह हाथ धो चुकी थी और पहले से काफ़ी साफ़ सुथरी दिख रही थी..
वो उन कपड़ों को गोल-2 आँखों से देखने लगी..गंगू ने चारपाई की चादर बदल दी ..और उस लड़की को कपड़े बदलने के लिए बोला ..
अब थी कठिन घड़ी उस लड़की के लिए...क्योंकि गंगू की 8x8 की झोपड़ी मे कोई अलग से कपड़े बदलने की जगह नही बनी हुई थी ...और गंगू तो चारपाई पर चादर बिछा कर ऐसे लेट गया जैसे वो कोई शो देखने के लिए आया हो ..
लड़की सकुचाती हुई सी उठी और उसने दूसरी तरफ मुंह कर लिया ..उसने वही हॉस्पिटल वाला पायज़ामा और अपने सूट का कुर्ता पहना हुआ था.. पहले उसने अपना पायज़ामा उतारा ..उसकी गोरी-2 पिंडलियाँ देखकर गंगू का लंड खड़ा हो गया ...वो उसे अपनी पेंट के उपर से ही मसलने लगा ...
फिर उस लड़की ने अपनी पेंटी को उतारा ...जो एक ब्लेक कलर की महंगी पेंटी थी ..चूँकि उस लड़की और गंगू की चारपाई के बीच ज़्यादा गेप नही था, गंगू ने अपना पैर लंबा करते हुए नीचे पड़ी हुई पेंटी को अपने पैर के अंगूठे मे फँसाया और उपर लाकर अपने हाथों मे पकड़ लिया ...
अहह ....इतनी गर्म पेंटी थी उसकी ...और चूत वाली जगह से गीली भी थी ...वो उसे सूंघने लगा...एक मादकता से भरी खुश्बू निकल रही थी ...उसे सूंघते ही वो समझ गया की उसकी चूत कुँवारी है ..इतना तो तजुर्बा हो ही चुका था उसे ...
गंगू : "अरे, राजू भाई , आप...कहिए...''
राजू : "मैने सुना है की तेरे साथ एक लड़की आई है...देखने मे सुंदर भी है...और इन लोगो को लगता है की तू उसको कहीं से उठा कर लाया है..बोल, क्या बात है...मुझे अपनी जगह पर कोई पंगा नही चाहिए.....''
गंगू : "अरे नही राजू भाई, ऐसा कुछ भी नही है...ये लड़की तो मेरी जोरू है...कल ही गाँव से आई है..रास्ते मे एक्सीडेंट हो गया था, इसलिए अस्पताल ले गया था, आज ही छुट्टी हुई है..ये देखो..अस्पताल का पर्चा..''
उसने अपनी जेब से हॉस्पिटल का पर्चा दिखा दिया..
तभी वो लड़की अचानक बाहर निकल आई...उसके चेहरे पर कोई भी भाव नही था..वो सब लोगो को टकटकी लगाकर देख रही थी ..
राजू ने उस लड़की से पूछा : "ये तेरा मर्द है ना...बोल''
कुछ देर तक उसे देखते रहने के बाद उस लड़की ने अपना सिर हाँ मे हिला दिया..
उन सभी लोगो के साथ-2 गंगू भी हैरान रह गया..की आख़िर उस लड़की ने हाँ क्यो कहा..
सब लोग उसकी तरफ हैरानी से देखने लगे, की ऐसे बदसूरत भिखारी की इतनी सुंदर बीबी कैसे हो सकती है..
पर अब शक करने का कोई प्रश्न ही नही रह गया था...उसकी बात मानकर सभी लोग अपने-2 घर की तरफ चल दिए..
राजू ने जाते-2 कहा : "अब तू अपनी बीबी के साथ रहेगा यहाँ तो मेरी झोपड़ी का किराया 1500 होगा..समझा..''
गंगू ने हाँ मे सिर हिला दिया..
और उसके बाद राजू भी वहाँ से चला गया..
गंगू ने दराजा फिर से बंद किया और उस लड़की के सामने जाकर खड़ा हो गया..
और अपने प्रश्नो की बोछार कर दी उसके उसपर ....
गंगू : "बता मुझे, कौन है तू, कहा की रहने वाली है...वो आदमी कौन था तेरे साथ कार मे जो तेरे साथ ज़बरदस्ती कर रहा था..बोल...और तूने इन सबके सामने मेरे झूट का साथ क्यो दिया...''
लड़की हैरानी से उसकी तरफ देखे जा रही थी..मानो कुछ समझ ही नही पा रही की हो क्या रहा है उसके साथ..
उसने थोड़ी देर बाद सुबकना शुरू कर दिया...और बोली : "मुझे नही पता ...मुझे कुछ याद नही है...मेरा नाम क्या है...मुझे नही पता...वो तुमने हॉस्पिटल मे मेरा इतना ध्यान रखा ...मुझे घर ले आए...इसलिए मुझे लगा की तुम ही मेरे पति हो ...इसलिए सबके सामने मैने ऐसे कहा ...''
कुछ देर बाद वो बोली : "तुम ऐसे क्यो बोल रहे हो ....क्या मैं तुम्हारी पत्नी नही हू ...बोलो ...''
गंगू की समझ मे आ गया की उसे कुछ भी याद नही है..वो बेकार ही उसपर गुस्सा हो रहा था..
वो बाहर निकल गया और कुछ देर मे ही खाने पीने का समान लेकर आया और दोनो ने मिलकर खाना खाया.
खाना खाते हुए गंगू उसके शरीर को घूर-2 कर देख रहा था..उसका मासूम सा चेहरा, गोरा बदन..मोटे -2 मुम्मे और बाहर निकली हुई गांड ...उसकी उम्र लगभग 23 के आस पास थी ...बिल्कुल फिल्मी हीरोइन अमीशा पटेल जैसा चेहरा और फिगर था उसका..शादी शुदा तो नही लगती थी ...पर इतनी सेक्सी लड़की का कोई बाय्फ्रेंड नही रहा होगा, इसपर गंगू को शक़ था...
खाना खाने के बाद गंगू बीड़ी पीने के लिए बाहर निकल गया..शाम का समय था,..इसलिए कॉलोनी मे काफ़ी रोनक थी ...
तभी गंगू को ध्यान आया की घर पर सोने का तो कोई इंतज़ाम भी नही है...वो तो टूटी-फूटी सी चारपाई पर सो जाता था ...पर इस लड़की को उसपर नींद कैसे आएगी ..
और उसके लिए कपड़ो का भी इंतज़ाम करना होगा ..वो पिछले दो दीनो से उन्ही कपड़ो मे थी ..
वो कॉलोनी के बाहर पटरी पर लगने वाली मार्केट की तरफ चल दिया..वहाँ कॉलोनी के ही कई लोग सस्ते कपड़े बेचते थे ..
वो वहाँ पहुँचा और औरतों के कपड़े देखने लगा ...एक घाघरा चोली का सेट उसे पसंद आ गया ..और उसके साथ ही उसने एक ब्रा और पेंटी भी ले ली ...साथ मे एक मोटी चादर और चप्पल भी ले ली उस लड़की के लिए ..ये सारा सामान उसे 500 रुपए मे मिल गया..
वो अपने झोपडे की तरफ चल दिया..और वहां पहुँचकर उसने वो सब समान उस लड़की को दे दिया..तब तक वो अपना मुँह हाथ धो चुकी थी और पहले से काफ़ी साफ़ सुथरी दिख रही थी..
वो उन कपड़ों को गोल-2 आँखों से देखने लगी..गंगू ने चारपाई की चादर बदल दी ..और उस लड़की को कपड़े बदलने के लिए बोला ..
अब थी कठिन घड़ी उस लड़की के लिए...क्योंकि गंगू की 8x8 की झोपड़ी मे कोई अलग से कपड़े बदलने की जगह नही बनी हुई थी ...और गंगू तो चारपाई पर चादर बिछा कर ऐसे लेट गया जैसे वो कोई शो देखने के लिए आया हो ..
लड़की सकुचाती हुई सी उठी और उसने दूसरी तरफ मुंह कर लिया ..उसने वही हॉस्पिटल वाला पायज़ामा और अपने सूट का कुर्ता पहना हुआ था.. पहले उसने अपना पायज़ामा उतारा ..उसकी गोरी-2 पिंडलियाँ देखकर गंगू का लंड खड़ा हो गया ...वो उसे अपनी पेंट के उपर से ही मसलने लगा ...
फिर उस लड़की ने अपनी पेंटी को उतारा ...जो एक ब्लेक कलर की महंगी पेंटी थी ..चूँकि उस लड़की और गंगू की चारपाई के बीच ज़्यादा गेप नही था, गंगू ने अपना पैर लंबा करते हुए नीचे पड़ी हुई पेंटी को अपने पैर के अंगूठे मे फँसाया और उपर लाकर अपने हाथों मे पकड़ लिया ...
अहह ....इतनी गर्म पेंटी थी उसकी ...और चूत वाली जगह से गीली भी थी ...वो उसे सूंघने लगा...एक मादकता से भरी खुश्बू निकल रही थी ...उसे सूंघते ही वो समझ गया की उसकी चूत कुँवारी है ..इतना तो तजुर्बा हो ही चुका था उसे ...