Erotica Lagi Lund Ki Lagan Mai Chudi Sabhi Ke Sang(Completed)

Status
Not open for further replies.
S

S Meena

दोस्तो, एक बार फिर आप सब के सामने आपका प्यारा शरद एक नई कहानी के साथ हाजिर है।
आप में से बहुत लोग मुझे मेल लिख कर अपने विचारों से अवगत कराते हैं, आपके मेल के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
बहुत से लोग मुझसे अपनी कहानी लिखवाना चाहते हैं, मैं भी कोशिश करता हूँ कि आपकी कहानी को लिखूँ।

इसी क्रम में मेरे पास एक महिला प्रशंसक का मेल आया, वो चाहती थी कि मैं उसकी कहानी लिखूँ।
इसलिये मुझे अपनी दूसरी वाली घटना को बीच में ही रोकना पड़ रहा है क्योंकि उस महिला प्रशंसक की कहानी, जो उसने मुझे भेजी है, बड़ी ही रोचक है।
बस मैं उसे अपने शब्दों में डालने का प्रयास कर रहा हूँ।
कहानी को पढ़कर उसके बारे में आप लोग अपने विचारों से मुझे अवगत करायें।

तो दोस्तो, शुरू करता हूँ उस महिला प्रशंसक की कहानी… जिसमें शब्द तो मेरे है पर भाव उसके हैं।

मेरा नाम आकांक्षा है।
यह मेरे साथ बीती हुई वो घटना है जिसका जिक्र मैं नहीं कर पा रही थी और अपने मन में नहीं रख पा रही थी।
पर भला हो अन्तर्वासना और शरद जी, जिन्होंने मेरी कहानी को अपने शब्द में मेरी इस घटना को पिरोया है, जिसकी वजह से मैं अपनी यह घटना आप लोगों तक पहुँचा पा रही हूँ।

कहानी शुरू करने से पहले मैं आप सभी से माफी इसलिये मांगती हूँ क्योंकि मैंने इस कहानी में खूब खुल कर जिस्म के अंगों के नाम लिये हैं ताकि आप लोग जब कहानी पढ़ें तो कहानी का मजा खुल कर लें।

मेरी कहानी मेरी कॉलेज लाईफ से शुरू हो जाती है।
मेरा Boy Friend जिसका नाम रितेश है, जो बाद में मेरे जीवन का हमसफर भी बना।

शुरू शुरू में जब हमने कॉलेज ज्वाईन किया तो केवल हम दोनों क्लास मेट ही थे।

वो पढ़ने में भी बहुत अच्छा था इसलिये मेरी उससे दोस्ती भी हो गई।
हमने पढ़ाई में ही तीन समेस्टर निकाल दिये।

वो मेरी बहुत हेल्प करता, लेकिन कॉलेज टाईम में ही… न तो उसने कभी मेरे घर आने की कोशिश की और न ही उसने मुझे अपने घर बुलाया।

हाँ… उसमें एक अजीब आदत थी, वो यह कि जब कभी भी ममैं उसके पास किसी प्रॉब्लम को लेकर जाती तो वो मेरी प्रॉब्लम सोल्व तो करता लेकिन बीच-बीच में मेरे उरोजों में झाँकने की कोशिश जरूर करता और मेरे उरोजों की गहराइयों को मापने की कोशिश करता।
शुरू में तो मुझे बड़ा अजीब से लगता पर बाद में उसकी इस हरकत का असर होना ही बंद हो गया।
हम दोनों लोकल ही थे।

अरे हाँ… मैं तो अपना पूरा परिचय देना तो भूल ही गई।
मेरा नाम आकांक्षा है, मैं लखनऊ की रहने वाली हूँ, पाँच फुट पाँच इंच लम्बी हूँ। मेरे यौवन के दिनों का फिगर 28-30-28 था। न तो मेरी छाती ही ठीक से विकसित हुई थी और न ही मेरे शरीर का दूसरा अंग।

मैं बहुत दुबली पतली थी फिर भी कॉलेज के लड़के मुझे लाईन मारने से नहीं चूकते थे।
कामेन्ट तो ये होते थे कि एक बार मिल जाये तो इसकी चूची दबा-दबा कर बड़ी कर दूँ तो ये और मस्त माल लगेगी।

शुरू में मुझे बहुत बुरा लगता था और रोना भी आता था।
लेकिन धीरे-धीरे आदत होती गई और कभी-कभी लड़को की कमेन्ट सुनकर जब मैं घर पहुँचती थी तो शीशे के सामने नंगी खड़ी हो जाती थी और अपने छोटे छोटे लटके हुए अपने उरोजों को निहारती और अपने हाथों से दबाने की कोशिश करती।
 
S

S Meena

खैर अब मैं तो शादीशुदा हूँ और मेरे उरोज भी काफी बड़े, सुडौल और आकर्षक हो गये हैं।
बात चौथे समेस्टर की है, एक प्रोजेक्ट मिला था, वो मुझसे पूरा नहीं हो पा रहा था और रितेश कॉलेज से समय नहीं दे पा रहा था।
कई दिन टल जाने के बाद एक दिन मैंने मन में ठान लिया कि रितेश के घर पर ही प्रोजेक्ट पूरा करूँगी।
ऐसा सोचते ही मैं एक दिन रितेश के घर दोपहर में पहुँची तो उसकी माँ ने दरवाजा खोला।

नमस्ते करने के बाद उन्होंने मुझे दूर से ही रितेश का कमरा दिखा दिया।
उस समय शायद रितेश की माँ के अतिरिक्त घर में कोई नहीं था।

मैं सीढ़ियों से चढ़कर रितेश के कमरे की तरफ बढ़ रही थी, कमरे के पास पहुँच कर मैं ठिठकी।
रितेश के कमरे का परदा हिल रहा था और उस परदे के हिलने से बीच-बीच में अन्दर क्या हो रहा है, दिखाई पड़ रहा था।

उसी बीच मैंने देखा कि रितेश कान में ईयर फोन लगा कर बिल्कुल नंगा बैठा है और अपने अंगूठे से अपने लंड के अग्र भाग के ऊपर चलाता और फिर उंगली को अपनी जीभ से चाटता।

मैं एकदम शॉक्ड हो गई रितेश का यह रूप देख कर…
मैं थोड़ी देर खड़ी रही और रितेश को देखती रही।

रितेश की हरकत और नंगा बदन देख कर मेरे शरीर में हल्की से अकड़न होने लगी और मुझे लगा कि मेरे शरीर से कुछ निकल रहा है। स्वत: ही मेरे हाथ मेरे नाजुक अंग पर चले गये और मुझे कुछ गीलापन सा लगा।

उस समय मैंने सलवार सूट पहना हुआ था तो सलवार के ऊपर से ही उस नाजुक स्थान को साफ करने लगी।

मेरा दिमाग में अब रितेश को नंगा देखने का खुमार चढ़ चुका था।
मैंने थोड़े से परदे को हटाते हुए उसको आवाज लगाई और ऐसे कमरे में प्रवेश किया जैसे मैंने कुछ देखा ही नहीं हो।

इस तरह अचानक मेरे अन्दर आने से रितेश हड़बड़ा गया और पास पड़ी हुई टॉवल को अपने नीचे के नंगे अंगों को छुपा लिया।
‘ओह… I am sorry… बोल कर मैं वापस जाने लगी तो रितेश मुझे रोकते हुये बोला- कोई बात नहीं, अब अन्दर आ ही गई हो तो बैठो।
मैंने बैठते हुए पूछा- तुम नंगे बैठे हो कोई ऊपर नहीं आता क्या?
वह तौलिये को लपटते हुए खड़ा हुआ और दरवाजे को अन्दर से बन्द करते हुये बोला- शायद आज मैं दरवाजा बन्द करना भूल गया। तुम बताओ कैसे आना हुआ?

‘वही प्रोजेक्ट में तुम मेरी मदद करो।’
वो बोला- ओह…

फिर मेरे कंधे पर हाथ रखते हुये बोला- तुम्हें भी मेरी मदद करनी होगी।
मैंने बिना कुछ सोचे उसे हाँ बोल दिया और पूछा- कैसी हेल्प करनी है?
तो उसने मुझसे पक्का वादा लेते हुए कहा- तुम इंकार नहीं करोगी?

मैं इन तीन समेस्टर में उसके इतने करीब आ चुकी थी कि मुझे उससे प्यार हो गया था और उसके लिये मैं सब कुछ कर सकती थी जो भी वो मुझसे चाहता इसलिये मेरे हाँ कहते ही वो मुझसे बोला- तुम मुझसे प्यार करती हो?

मैं अचकचा गई और हकलाते हुए मैंने उससे हाँ बोल दिया।
तो उसने खुश होते हुए मुझे कस कर अपनी बाँहों में जकड़ लिया।

यह मेरे जीवन का पहला क्षण था कि जब मैं किसी मर्द के बाँहो में इस तरह से जकड़ी हुई थी।

थोड़ी देर वो मुझे अपनी बाँहों में जकड़ा रहा, फिर मुझे अपने से अलग करता हुआ मुझे कम्प्यूटर के पास बैठाया और एक चैट डॉयलॉग बाक्स को दिखाते हुए बोला- जिससे मैं चैटिंग कर रहा हूँ, ये एक मेल और फीमेल हैं और दोनों मुझसे चैट तो कर रहे हैं लेकिन वेब कैम में नहीं आ रहे है। इनका कहना है कि अगर तुम्हारा कोई फीमेल पार्टनर हो तो ही वो दोनों वेब कैम में सामने आयेंगे। अगर तुम मेरी पार्टनर बन जाओ तो मजा आयेगा। फिर जैसा मैं बोलूँगा, वो दोनों करेंगे और फिर जो वो दोनों बोलेंगे हम दोनों को करना पड़ेगा।
 
S

S Meena

मैंने थोड़ा सा मुंह बनाते हुए बोला- इसलिये तुम नंगे बैठे हो और चाहते हो कि मैं भी नंगी हो जाऊँ?
उसने मुस्कुराते हुये हाँ में सिर हिलाया।

उसकी इस बात से मेरी आँखों में आँसू आ गये।
मेरी आँखों में आँसू आने के कारण वो मेरे आँसू को पौंछते हुए बोला- आकांक्षा, तुम परेशान मत हो… नहीं करना है तो मत करो। पर मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और समेसटर ओवर होने के बाद जैसे ही मुझे जॉब मिलेगी मेरी जीवन संगिनी तुम ही रहोगी। चाहे तुम इस समय मेरे साथ हो या न हो।

उसकी इस बात को सुन कर पता नहीं मुझे कैसे उस पर विश्वास हो गया और बिना कुछ बोले मैं उसके साथ वेब कैम पर उसके सामने बैठ गई।
थोड़ा मुझे संकोच तो हो रहा था, फिर भी मुझे पता नहीं क्यों रितेश पर अपने से ज्यादा भरोसा होने लगा।

वेब कैम की रिक्वेस्ट रितेश ने भेजी जो दूसरी ओर से तुरन्त ही एक्सेप्ट कर ली गई।

दूसरी तरफ भी एक यंग कपल था।
उसने सबसे पहले ऑफर भेजा कि तुम अपनी पार्टनर के कुर्ते के अन्दर हाथ डालो।

रितेश ने वैसे ही किया पर मेरा हाथ ने उसके हाथ को बीच में ही रोक लिया।
तभी सामने से कमेन्ट आया कि तुम्हारी पार्टनर तो तैयार ही नहीं है।

इस पर रितेश को मेरे ऊपर हल्का सा गुस्सा आया और वो अपनी चैटिंग बन्द करने वाला ही था, पता नहीं मुझे क्या हुआ कि अचानक मैंने रितेश का हाथ पकड़ा और अपनी छाती पर रख दिया।

रितेश मेरे उरोजों को सामने से आते हुए कमेंट के अनुसार दबाता और बीच में मेरे उरोजों के दानों को दबाता।
रितेश के ऐसा करते रहने से मेरे ऊपर एक बार फिर से उत्तेजना हावी होने लगी।

फिर रितेश ने उनसे भी वैसा ही करने को कहा, तो दूसरे कपल ने भी वैसा ही किया।
इस तरह दो चार-छोटी हरकत करवाने के बाद उसने लिखा- अब हम दोनों पूरी तरह सहमत हैं और अब जो चाहो वो ऑन कैम हम लोग गेम खेल सकते हैं।

दूसरा कपल जिसका नाम टोनी और मीना था, दोनों नोएडा के रहने वाले थे।
उसमें से मीना चैट करने लगी और रितेश से बोली- आकांक्षा को अपनी गोदी में बैठाओ।

अब मेरी भी झिझक खत्म हो चुकी थी इसलिये रितेश के कहने से मैं उसके ऊपर बैठ गई।
तभी पता नहीं रितेश को क्या याद आया, वो तुरन्त उठा और नेकर पहन कर नीचे गया और थोड़ी देर बाद ऊपर आया।

मैंने उससे पूछा तो बताया कि नीचे माँ को देखने गया था, वो अब सो रही है।
कहकर उसने अपनी नेकर उतारी और फिर नंगा होकर बैठ गया और मुझे अपनी गोदी में बैठा लिया।
इस समय रितेश के लिंग सिकुड़ा हुआ सा था।

मैं कालेज की एक लड़की हूँ, फिर भी मुझे थोड़ा संकोच था कि मैं चूची, बुर, चूत, लंड, लौड़ा, गांड ऐसे शब्दों का यूज करूँ।
यहाँ तक कि मेरी सहेलियाँ भी मुझे ओल्ड फैशन्ड कहती थी और वो खुले आम जब भी कोई लड़का मूतता था तो बोलती थी- देख क्या लंड है उसका!

लेकिन मेरे सेक्स की दुनिया रितेश के घर बिताये हुए उस दोपहर के पल ने बदल दी।
खैर! तभी टोनी ने लिखा कि आकांक्षा को अपने ऊपर इस तरह खड़ा करो कि उसकी गांड तुम्हारे मुँह के पास हो और उसकी सलवार उतार कर मुझे उसकी चूत को दिखाओ।
 
S

S Meena

रितेश ने मेरी तरफ देखा और बोला- टोनी, तुम्हारी चूत देखना चाहता है।

मुझे ये शब्द बड़ा अजीब सा लगा लेकिन मुझमे खुमारी भी बढ़ती जा रही था और मजा भी आ रहा था इसलिये मैं बिना कुछ बोले अपनी जगह पर खड़ी हुई।
उसी समय रितेश ने कैम को ऐसा सेट किया कि उसका केवल दूसरी तरफ मुँह दिखे।

दूसरी तरफ से ओ॰के॰ आने पर रितेश वापस चेयर पर बैठ गया और मैं उसकी जांघों पर खड़ी हो गई। मेरा चूतड़ सॉरी मेरी गांड ठीक रितेश के मुँह पर थी।

टोनी ने जैसा कहा, रितेश ने मेरी सलवार का नाड़ा खोल कर सलवार को मुझसे अलग कर दिया।
मेरे हाथ अपने आप ही मेरी योनि एक बार फिर से सॉरी चूत पर चले गये और दोनों टांगें आपस में सिकोड़ने लगी।

तभी टोनी का फिर मैसेज आया- चड्डी उतारो।
पर इस बार रितेश थोड़ा रूक गया और मैसेज टाईप करने लगा जिसमे उसने टोनी से कहा- मीना भी अपने पूरे कपड़े उतारे।

मैसेज डिलिवर होते ही मीना ने एक झटके में अपने पूरे कपड़े उतार दिए।
मीना की चूची काफी बड़ी-बड़ी थी और उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था।

मीना ने एक कदम आगे बढ़ते हुए अपने हाथ से अपनी चूत को फैलाया, फिर अपने हाथ से ही अपनी चूची को दबाती और अपने निप्पल को अपनी जीभ से चाटती।

अब रितेश की बारी थी उसने भी मेरी चड्डी को मेरे से अलग कर दिया और मेरी गांड में अपने हाथ फेरते हुए बोला- आकांक्षा, तुम्हारी गांड तो बहुत ही चिकनी है!
कहकर दो-तीन किस उसने मेरी गांड पर कर दिए।

मैं अचकचा सी गई।
मेरी भी उलझन बढ़ती जा रही थी और मेरी चूत के एक अजीब सी खुजली सी हो रही थी।

तभी टोनी का मैसेज आया- तुम इसकी चूत चिकनी नहीं रखते हो क्या?
रितेश क्या बोलता।

उसने टोनी से कहा कि वो अपना लंड मीना से चुसवाये।
रितेश के कहने पर टोनी खड़ा हुआ तो उसका लंड तना हुआ था और काफी लम्बा नजर आ रहा था।

टोनी के लंड को मीना अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।
मीना को ऐसा करते देख कर मेरी आँखें फटी की फटी रह गई।

मीना बड़े प्यार से टोनी का लंड चूस रही थी, कभी वो टोनी के पूरे लंड को अपने मुँह के अन्दर डालती तो कभी उसके लंड के अग्र भाग को अपनी जीभ से चाटती।

काफी देर ऐसा करने के बाद जब मीना ने टोनी के लंड को अपने मुँह से निकाला तो टोनी का लंड सिकुड़ गया और उसी समय मीना ने अपने मुँह को कैमरे के सामने खोल दिया उसके मुँह में कुछ सफेद सा था।

तो मेरी जिज्ञासा बढ़ गई तो इस बार मैंने मैसेज लिखा- टोनी, तुम्हारा लंड तो टाईट था अब सिकुड़ क्यों गया और मीना के मुँह में ये सफेद-सफेद क्या है?

मेरे मैसेज को पढ़ते ही दोनों हँसने लगे।
फिर मीना उधर से मैसेज टाईप करने लगी और मुझसे पूछा- सही बताना, आज तक चुदी हो या नहीं? या सेक्स के बारे में नहीं जानती हो क्या?

मेरे ‘नहीं’ लिखने पर फिर वो बताने लगी कि मेरे मुँह जो सफेद सा पदार्थ देखा था वो टोनी का वीर्य था। और टोनी का जब वीर्य निकल गया तो उसका लंड सिकुड़ कर छोटा हो गया। तुम भी रितेश का लंड चूसो और उसका वीर्य अपने मुंह में लो, बड़ा मजा आयेगा।
 
S

S Meena

मीना जल्दी जल्दी मैसेज टाईप कर रही थी, उसने रितेश को खड़ा होने के लिये बोला, जैसे ही रितेश खड़ा हुआ और मेरी नजर उसके लंड पर गई तो मेरा हाथ अपने आप मेरे होंठ से चिपक गया।

हालाँकि मैंने पूरी तरीके से किसी मर्द का लंड नहीं देखा था फिर भी रितेश का लंड काफी बड़ा नजर आ रहा था।

तभी मीना ने फिर से टाईप किया और बोली- जैसे मैंने टोनी के लंड को चूसा था, वैसे तुम रितेश के लंड को चूसो।
मेरे सिर पर उत्तेजना हावी होती जा रही थी और संकोच भी खत्म हो गया था तो मैंने रितेश का लंड अपने मुँह में लिया और जिस तरह मीना टोनी के लंड की चुसाई कर रही थी, ठीक वैसे ही मैं भी रितेश का लंड चूस रही थी।

जैसे-जैसे मैं रितेश का लंड चूस रही थी वैसे-वैसे मेरे शरीर में भी एक अजीब सी उत्तेजना में वृद्धि हो रही थी और रितेश के मुँह से अजीब सी आवाज आ रही थी और वो मेरे सिर को बड़े ही ताकत के साथ अपने लंड के और करीब लाता जिससे उसका लंड मेरे हल्क तक चला जाता जिसके कारण मुझे घुटन सी होती।

अचानक रितेश को पता नहीं क्या हुआ, वो मेरे सिर को पकड़ कर अपने लंड से मुझको अलग करने लगा और बोलने लगा- आकांक्षा, मेरा निकलने वाला है, तुम अपना मुँह हटा लो।

उधर टोनी और मीना हम दोनों को एकटक देख रहे थे और रितेश की हरकत से मीना समझ गई कि वो मुझे अपने से अलग करना चाहता है।
इसलिये उसने फिर मैसेज लिखा- अपनी कुतिया के मुँह में उल्टी कर!
मैंने मैसेज तो पढ़ लिया लेकिन रितेश मैसेज नहीं पढ़ रहा था और वो कोशिश कर रहा था कि वो अपना लंड मेरे मुंह से निकाल ले।
मैं उसके लंड को निकाल कर खड़ी हुई और उससे चिपकते हुए बोली- रितेश, मैं समझ गई कि तुम अपना वीर्य मेरे मुँह में क्यों नहीं आने देना चाहते हो। पर तुम मेरा प्यार हो और तुम्हारे लिये मैं कुछ भी कर सकती हूँ। कभी भी तुमसे नहीं बोलूँगी कि ये गलत है या था। हाँ… तुमको अगर पसन्द होगा तो! और जब तुम अपने लंड का पानी खुद चख सकते हो तो मैं क्यो नही।

जितनी देर मैं रितेश से चिपकी रही उतनी देर वो मेरी गांड को सहलाता रहा।
फिर मैं नीचे बैठी और उसके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।

रितेश की सिसकारियाँ बढ़ने लगी वो बड़बड़ाये जा रहा था- जानू, तुम मेरा माल अपने मुँह में ले लो पर गटकना नहीं!
कहकर वो झड़ने लगा और उसका वीर्य से मेरा मुँह भर गया और कुछ हिस्सा मेरे मुँह से बाहर आ गया।

रितेश ने मुझे उठाया और अपने मुँह को मेरे पास करते हुए बोला- आधा तुम मेरे मुँह में डाल दो।

मैंने ऐसा ही किया आधा मैं पी गई और आधा रितेश पी गया।

थोड़ा सा कसैला और बदबूदार लगा था मुझे पहली बार फिर भी रितेश के लिये मैं पी गई।

रितेश का बाकी का माल जो मेरी कुर्ती पर गिर गया था वो उसको चाटने लगा।
और फिर मेरी कुर्ती और शमीज उतार कर मुझे भी पूरी तरह नंगी कर दिया।

तभी टोनी का मैसेज फिर आया उसमें लिखा था कि क्या तुमने (रितेश) ने उसको (मुझे) कभी चोदा है?

रितेश ने तुरन्त ही उत्तर दिया- नहीं, यह हम दोनों के लिये पहली बार है जो हम तुम्हारे सामने कैम पर हैं। आज से पहले मैंने आकांक्षा को कभी भी नंगी भी नहीं देखा था।
 
S

S Meena

‘इसका मतलब आकांक्षा अभी तक नहीं चुदी है।’

तभी मैंने लिखा- नहीं, मैं अभी तक नहीं चुदी हूँ और न इसके बारे में जानकारी है।
टोनी ने मैसेज लिखा- चलो, आज तुम दोनों को कैसे चुदने का खेल होता है, ये दिखाता हूँ। बस इतना करो कि अपनी कुर्सी को 90 डिग्री में घुमा लो और आकांक्षा को अपने गोदी में बैठा कर कस कर चिपका लो और फिर हमारा खेल देखो।

कहानी जारी रहेगी।
 
S

S Meena

मैं और मेरा क्लासमेट वेब कैम पर सेक्स चैट कर रहे थे।
जब सामने वाले जोड़े को पता चला कि मैं अभी तक बिन चुदी हूँ तो उन्होंने कहा कि वे कैम पर हमें दिखाने के लिए चुदाई करते हैं।

हमने अपनी कुर्सी को 90 डिग्री में घुमा लिया और मैं रितेश के ऊपर चढ़ कर बैठ गई जैसा कि मीना और टोनी ने हमें करके बताया था।

मुझे रितेश ने कस कर पकड़ लिया, मेरी छाती और रितेश की छाती आपस में चिपक गई थी।
मेरे और रितेश के गाल आपस में इस तरह सटे हुए थे कि हम दोनों ही आसानी से उन दोनों के चुदाई के खेल को देख सकते थे।

वेबकैम पर चूत चुदाई देखी
उधर टोनी और मीना ने अपना खेल प्रारम्भ कर दिया।

टोनी ने कुर्सी पर बैठे ही अपनी दोनों टांगों को हवा में उठा लिया और टोनी अपने घुटने के बल बैठ कर मीना की चूत चाटने लगा।

थोड़ी देर चूत चाटने के बाद टोनी खड़ा हुआ और अपना लंड मीना की चूत में एक झटके से डाल दिया और उसके बाद आगे पीछे होने लगा।

जब टोनी जोर-जोर से मीना की चूत में धक्के मार रहा था तो मीना की चूची बहुत तेज तेज हिल रही थी।

उन दोनों के चुदाई के इस खेल को देखने से मेरे अन्दर भी गर्मी बढ़ती ही जा रही थी और शायद रितेश के जिस्म में भी गर्मी बढ़ती जा रही थी।

रितेश का हाथ कभी मेरी पीठ को सहलाता और कभी मेरी गांड के उभारों को सहलाता और बीच-बीच में अपनी उंगली को मेरे गांड की छेद के अन्दर डालने की असफल कोशिश करता।

उधर थोड़ी देर धक्के लगाने के बाद मीना उठी और अपने दोनों पैरों के घुटने के बल पलंग पर खड़ी हो गई और अपने दोनों हाथ को आगे की ओर टिका कर झुक गई।

मैंने रितेश से पूछा- ये क्या है?
रितेश ने तुरन्त ही वैसा ही प्रश्न टोनी से पूछा।

तो टोनी ने अपने वेब कैम को जूम करते हुए बताया कि ये कुतिया की पोजिशन है। इसमे मैं मीना की चूत में पीछे से लंड डालूँगा और उसकी गांड भी मारूँगा।

टोनी के अपने कैम को जूम करने से मीना की चूत और गांड साफ-साफ दिख रही थी।

उसके बाद टोनी ने एक बार फिर मीना की चूत में अपना लंड डाल दिया और धक्के लगाने लगा।

मीना ने अपनी गर्दन को मेरी तरफ मोड़ा और मुझे आँख मारते हुए अपने एक हाथ से अपने चूतड़ के उभार को सहलाने लगी।

कुछ देर इस तरह करने के बाद टोनी हल्के से एक साईड हुआ और मीना की गांड को थोड़ा सा फैलाते हुए उसकी छेद पर पहले तो थुका और उसके बाद फिर अपनी उंगली से छेद के अन्दर डालने लगा, उसके बाद फिर अपनी जीभ उसके आस पास के क्षेत्र में चलाने लगा और उस छेद को भी चाटने लगा।

उसकी इस हरकत से मेरे शरीर का दम निकला जा रहा था, मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरे नीचे से कोई धार फूट रही हो।

रितेश के भी बर्दाश्त से बाहर हो रहा था, वो मेरी गांड के पीछे से अपने हाथ को चलाते हुए मेरी चूत को छू रहा था।
मेरा रस उसके अंगों में और हाथों में लग गया था।

वो मुझसे बोला- तुम्हारा पानी छूट गया है।

मुझे बड़ी शर्म सी लग रही थी लेकिन रितेश से चिपकना मेरी जिंदगी का सबसे हसीन पल भी था। इसलिये उसकी इस बात को सुनकर मैंने हौले से उसके गाल को चूम लिया।
 
S

S Meena

जब टोनी थोड़ी देर तक मीना की गांड चाट चुका तो उसने अपने लंड को मीना की गांड के अन्दर डाल दिया, फिर उसी तरह वो धक्के पे धक्का दिये जा रहा था और बीच-बीच में मीना की चूची को जोर से मसल देता था।

आवाज तो नहीं आ रही थी पर मीना के भाव से लग रहा था कि चूची जोर से मसलने के कारण उसे दर्द हो रहा होगा और इसलिये वो अपने होंठों को अपने दाँतों के बीच दबा रही थी और उसकी आँखें चढ़ी हुई थी।

टोनी भी जोर-जोर से धक्के लगा रहा था, वो कभी अपने लंड को मीना की गांड में डालता तो कभी उसकी चूत में डालता।

फिर थोड़ी देर बाद मीना सीधी बैठ गई और टोनी ने अब अपने लंड को मीना के मुँह में डाल दिया और अपना पूरा माल मीना के मुँह में डाल दिया जिसे मीना ने पूरा चूस लिया।

उसके बाद टोनी नीचे बैठ कर मीना की टांगो को फैलाते हुए उसकी चूत को चाटने लगा।

कुछ देर ऐसा करने के बाद दोनों लोग कम्प्यूटर के सामने आकर बैठ गये और एक दूसरे के होंठ को चूमने लगे।
उसके बाद टोनी ने मैसेज भेजा कि मेरी प्यारी बीवी की चूत और गांड चुदाई कैसी लगी।

रितेश ने तुरन्त ही मैसेज दिया- यार, बड़ा मजा आया। जिन्दगी में पहली बार लाईव चुदाई देख रहा हूँ।

तभी टोनी बोला- चलो, अब तुम आकांक्षा को चोदो।

मेरी चूत की चुदाई
इतना पढ़ते ही रितेश ने मुझे गोदी उठाया और पलंग पर लेटा दिया और जिस तरह से टोनी ने झटके से मीना की चूत में अपना लंड डाला, उसी तरह से रितेश भी मेरी चूत में अपना लंड डालने की कोशिश कर रहा था पर जा नहीं पा रहा था।

हम दोनों ही सोच में पड़ गये कि ऐसा कैसे है कि टोनी एक झटके में मीना की चूत और गांड में अपना लंड डाल रहा था और रितेश का लंड मेरी चूत में जा ही नहीं रहा था।

काफी देर ऐसा करते रहने पर भी रितेश का लंड मेरी चूत के अन्दर नहीं गया।

तभी मेरी नजर स्क्रीन पर पड़ी तो देखा कि दोनों हँस रहे थे।

तभी टोनी ने अपने हाथ से इशारा करके हम दोनों को कम्प्यूटर के पास बुलाया और मैसेज भेजा कि मीना पहले से चुदी चुदाई है इसलिये उसकी चूत और गांड में मेरा लंड आसानी से चला गया और तुम दोनों का यह पहला मौका है। इसलिये रितेश तुम कोई क्रीम लेकर पहले अपने लंड पर लगाओ और उसकी चूत के अन्दर भी लगाओ। उसके बाद आकांक्षा को बिस्तर पर लेटाओ और उसे कहो कि वो अपने हाथों से अपनी चूत के छेद को खोले और फिर तुम उस छेद के अन्दर अपने लंड को धीरे-धीरे डालना। जब तुम्हारा पूरा लंड तुम्हारे पार्टनर की चूत के अन्दर चला जाये तभी तुम मेरी तरह धक्के लगा सकते हो।

फिर उसने मुझे भी समझाया- तुम पहली बार किसी मर्द का लंड अपनी चूत में लोगी और तुम्हें बहुत दर्द भी होगा पर तुम बर्दाश्त कर लेना। एक बार तुमने लंड का मजा ले लिया तो फिर मीना की तरह आसानी से किसी का भी लंड अपनी चूत में ले सकती हो। और हाँ दोनों चुदाई करते समय हम लोगों की तरफ देखते रहना।

उसके बाद रितेश क्रीम ले आया, पहले अपने लंड पर लगाई, फिर अपनी उंगली से मेरी चूत के अन्दर लगाई और वो अपने लंड को मेरी चूत में डालने लगा।
 
S

S Meena

लेकिन इस बार भी उसका लंड फिसल कर बाहर आ जा रहा था।
हम दोनों लगातार टोनी की तरफ देख रहे थे।

जब इस बार भी लंड मेरी चूत में नहीं गया तो टोनी ने मीना को पलंग पर लेटाया और उसकी कमर के नीचे दो तकिया रख दिए, मीना ने अपनी चूत फैला दी और टोनी एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर धीरे-धीरे उसकी चूत में डालने लगा।

अब रितेश ने भी ऐसा ही किया और मेरी कमर के नीचे उसने दो तकिया लगाए जिससे मेरी कमर का हिस्सा थोड़ा ऊपर उठ गया।
उसके बाद मैंने अपने दोनों हाथों से अपनी चूत को फैला दिया और रितेश ने अपने लंड को पकड़ कर जैसे ही मेरी चूत के अन्दर डाला, मुझे ऐसा लगा कि मेरे अन्दर कुछ बहुत ही गर्म चीज ने प्रवेश कर गया है।
मेरे दोनों हाथ स्वतः ही मेरी चूत से हट गये और मैं झटके से पीछे खिसक गई।

रितेश ने मुझसे पूछा तो मैंने बताया कि तुम्हारा ये (उसके लंड की ओर इशारा करके) बहुत ही जल रहा है।
रितेश बोला- और मुझे लगा कि मेरा लंड किसी गर्म तवे में टच कर गया है।

तभी टोनी का मैसेज आया, उसमें लिखा था- पहली बार ऐसा होता है।

हम दोनों इस खेल में अनाड़ी थे ही, इसलिये कुछ समझ में नहीं आ रहा था, फिर भी हम दोनों ने आँखों ही आँखों में इशारा किया। क्योंकि दोनों को यह बात तो पता थी कि पहली बार कुछ दर्द या अजीब सा होता है और फिर खूब मजा आता है।
टोनी और मीना ने भी हमको यही बताया था।

इसलिये एक बार फिर हम दोनों ने अपनी पोजिशन ली।

मेरी बिनचुदी चूत की सील टूट गई
इस बार जब रितेश ने अपने लंड को मेरे अन्दर किया तो मैंने अपनी आँखें बन्द कर ली और रितेश ने भी एक जोर से धक्का लगाया तो मुझे लगा कि मेरे अन्दर कुछ कट सा गया है और मैं चीख पड़ी।

रितेश ने मेरे मुँह में हाथ रख दिया, इससे मेरी चीख अन्दर ही घुट कर रह गई।

यह तो अच्छा था कि तो वक्त दोपहर का था और रितेश की मम्मी अपने कमरे में सो रही थी, शायद इसलिये उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं की, नहीं तो उनको अब तक रितेश के कमरे में होना चाहिए था।

रितेश मुझे लगभग डाँटते हुए बोला- मरवायेगी क्या? मम्मी ऊपर आ सकती है?
दर्द के मारे मेरे आँख से आँसू निकल रहे थे और लगभग रोते हुये बोली- मुझे बहुत दर्द हो रहा है।

रितेश मेरे ऊपर झुक गया और मेरी आँखों से निकलते हुये आँसू को पीने लगा और बोला- पगली मुझे भी तो ऐसा लग रहा है कि मेरे लंड का चमड़ा फट गया है और मुझे भी खूब जलन हो रही है। थोड़ी देर और बर्दाश्त करते हैं।

अब हम लोग केवल अपने में ध्यान दे रहे थे।

उसके बाद रितेश ने अपने को थोड़ा पीछे किया और एक बार फिर जिस तरह से टोनी ने बताया था उसी प्रकार से धक्का दिया।
इस बार मुझे ऐसा लगा कि मेरे हलक तक कुछ घुस गया है।
जिस प्रकार उल्टी आने पर मुंह खुलता है ठीक उसी प्रकार मेरा मुँह खुल गया और आँखें ऐसा लग रही थी कि बाहर आ जायेगी।

पता नहीं रितेश को क्या सूझी कि वो मेरे ऊपर गिर गया और मेरे स्तनों को दबाने लगा और मेरे स्तन की घुंडी को अपने मुंह में लॉलीपॉप की तरह चूसने लगा।
 
Status
Not open for further replies.

Top