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हेलो दोस्तों , नमस्कार,मेरा नाम सोहन पंवार उर्फ कालू है, क्योंकि मैं थोड़ा काला हूं। मेरी उम्र 26 साल है। मैं राजस्थान के बाड़मेर जिले के एक छोटे से गांव में रहता हूं। कहानी शुरू करने से पहले बता दूं ,इस कहानी में कुछ ऐसी बातें भी होगी जो आपको पसंद ना आए। क्योंकि इस कहानी में incest और adultery ज्यादा होगी।
मैं कोई लेखक नहीं हूं बस अपने मजे के लिए और आपके मजे के लिए ये story लिख रहा हूं। कहानी लंबी होने वाली है ।रोज अपडेट दूंगा। आगे चलकर बहोत मजा आनेवाला है।और अपनी राय दे English font में लिखूं या हिंदी में।
चलो पहले कहानी के किरदारों से मिलाता हूं यानी मेरे परिवार से
पिताजी-वीरेंद्र पंवार उम्र 55
सीधे सादे इंसान है अपने
बच्चों से बहुत प्यार करते हैं और अपने काम से मतलब रखते हैं गांव में सब इनकी बहुत इज्जत करते है।इनकी किराने की दुकान है।
मां - साधना पंवार उम्र 50 है मगर लगती 40 से भी कम है
सुडौल बदन की मालकिन है। समझलो विद्या बालन जैसी दिखती है, अरे डर्टी पिक्चर वाली।।
धार्मिक किस्म की महिला है मगर बहुत गुस्सैल है।
ये बहुत अच्छी है मगर औरतों वाली प्रोब्लम है
अरे वही कोई किसी के बारे में कुछ बताए तो सच मान लेती है।
बड़ा भाई - vishal Panwar age 30
ज्यादा बोलता नहीं बस जरूरत हो तो बोलता है।
हां भाभी के सामने जरूरत हो तो भी नही बोलता। फट्टू किस्म का है । औरतों के सामने
भाभी- bharti Panwar age 25
क्या बताऊं यार । एक लाइन में कहूं तो फीमेल शकुनी है
अरे वो ही जिसने महाभारत में भाई को भाई से मरवाया था।
कमीनी, चालाक,धूर्त, ईर्षा भरी हुई।
मगर दिखने में बहुत संस्कारी है। ढोंग करती है साली।
शक्ल और शरीर की बात करे तो किसी हिरोइन से कम नहीं है। तारा सुतरिया जैसी दिखती है।
Badi didi- sarita Panwar age 32 इसकी शादी हो गई है। पास के गांव में। दिखने में बहुत खूबसूरत हैं।और सेक्सी भी। मुझसे बहुत प्यार करती है।
Jijaji- Mukesh age 35 पता नहीं क्या सोचकर पिताजी ने सरिता दीदी की शादी इस चूतीये से करवा दी। शक्ल से बेवकूफ लगता है । काम भी कुछ नहीं करता । पिताजी पैसे देते है दीदी को ।
कभी कभी हमारे खेतों में काम करता। वैसे इसका बाप और मेरे पिताजी दोस्त है।
Chhoti didi- kavita age 28 इसका तो पूछो मत एकदम पटाखा है गांव में रहकर भी हिरोइन की तरह श्रृंगार करती है ।हमेशा tip top बनके रहती है। मां की बहुत लाडली है।मुझसे बिल्कुल नहीं बनती। हां उस चुड़ैल यानी भाभी से बनती है इसकी।
Jeejaji- satish age 31 ये दिखने में ठीक ठाक है भाई के साथ ट्रक ड्राइवर है। ठीक ठाक कमा लेता है कविता को इसी बात का घमंड है।
Me - sohan (kalu) age 26
अब मेरे बारे में बताता हूं, लड़के 18 साल में जवान होते है मगर में 14 साल में जवान हो गया था यानी में मेरे उम्र के लड़कों से ज्यादा बड़ा दिखता था। मेरे सीने में बाल 16 साल की उम्र में आ गए थे।खुद की झूठी तारीफ नहीं करूंगा, में थोड़ा मोटा था काला था शक्ल नॉर्मल थी । इसलिए मुझसे कोई प्यार नहीं करता था।कोई दोस्त नहीं था। घर में मेरे होने ना होने से फर्क नहीं पड़ता था। कोई ज्यादा बात नहीं करता था। मुझे भी घंटा फर्क नहीं पड़ता था।हां सरिता दीदी बात करती थी ज्यादा नहीं बस खाने के लिए पूछती थी। घर के लोग गांव के लोग मुझे जब भी देखते घृणा से देखते।और इसी वजह से मेरे दिल में भी सबके लिए नफरत हो गई।घरवालों से कुछ कहता नहीं था पर गांव के लड़के या लड़कियां मुझे कालिया कहकर मजाक उड़ाते तब में मारपीट pe उतर आता था इसलिए घर में बहुत डांट पड़ती थी और कभी मार भी पड़ती थी।सबसे ज्यादा मां डांटती थी।और उस दिन मुझे खाना भी नहींमिलता था।कविता दीदी तो बहुत खुश होती थी।सरिता दीदी भी मां के डर की वजह से कुछ नहीं बोलती थी ।हां बाद में सबके सोने के बाद चुपके से मुझे खाना देती थी।
My wife- Divya age 23 इसके बारे में लिखने बैठ जाऊं तो सारी जिंदगी कम है।मुझे आज भी यकीन नही हो रहा के ये लड़की मेरी पत्नी है । मैं क्या कोई भी यकीन नहीं करेगा
क्योंकि दिव्या अगर दूध है तो मैं उसमें गिरी हुई मक्खी।दिव्या अगर चांद है तो मैं दाग हूं ।कभी कभी सोचता हूं के मेने क्या पुण्य किए थे जो ऐसी बीवी मिली।और कभी कभी सोचता हूं कि इस मासूम ने भगवान का क्या बिगाड़ा था जो मुझ जैसे की बीवी बना दिया। वैसे बता दूं दिव्या गरीब परिवार से है 12वी तक पढ़ी है और मैं 10वीं तक । दिव्या बहुत inteligent हैं। इसकी शादी नहीं हुई होती तो ये बहुत नाम कमाती।ये डॉक्टर बनना चाहती थी मगर गरीबी के कारण पढ़ नहीं पाई।मेरे रिश्ते की बात चलाई तो मेरे ससुर ने ये सोचकर शादी करवा दी की खानदान अच्छा है पास पैसे भी है बेटी खुश रहेगी ।मेरे कारनामों के बारे में जानते थे उन्होंने सोचा शादी के बाद सुधर जायेगा।
Sabse chhoti Behan -kalyani age 21
ये अपनी मस्ती में भी मस्त रहती है। घर में क्या हो रहा है इसे कोई फर्क नहीं पड़ता।ये थोड़ी मोटी है पर बहुत खूबसूरत है। एक ही घर में रहकर मेरी सगी बहन होते हुए भी आजतक हमारी बात नहीं हुई । ये कभी मेरी तरफ नहीं देखती ।ना कभी मेरे पक्ष में बोली ना मेरे खिलाफ जैसे मैं कोई भूत हूं जो सबको दिखता है इसे नहीं। मैं भी ज्यादा ध्यान नहीं देता था।
Ab kahani start karte hai , aap sab log jaante hai gaanv ka mahol kesa hota hai, sab log kheti-baadi karte hai, hamara bhi kheti badi ka kaam hai matlab hum kisaan hai. Hamare paas bahut saara khet hai. Magar problem ye hai ki kheti tab karte hai jab barish hoti hai matlab paani ka problem hai .
Hamara phir bhi theek hai kyonki pitaji ki ek kirane ki dukaan hai usase theekthak kamai ho jaati hai.
Bada bhai bhi truck chalata. wo bhi mahine ka 20-30 hazaar kama leta hai.
Bhai ki shadi ho chuki hai par bhai jyadatar bahar rahte apne kaam ki wajah se.bhai ko abhi tak koi baccha nahi huaa hai.
Bhai ki jab shadi honewali thi sab khush the main bhi khush tha
Kya yaar bhai ki shadi ki khushi kise nahi hoti
Par meri khushi se kisiko ghanta frk nahin padta tha
Bhai ke sasural bhai ki baaraat me gaya
Wahan sabne Mera mazaak udaya
Kahne lge ye dulhe ka bhai kese ho sakta hai
Iska rang dekho kala kaluta aur dulha kitna gora chtta hai
Ladkiyon ne bhabhi ko bataya
Ladki1- bharti tu to bach gai
Agar us jaanwar se teri shadi ho jaati to tu to barbad ho jaati
Ladki1- magar yaar wo usi Ghar me rahega
Subah shaam uski manhoos shaql dekhni padegi. bechari bharti
Aur usi din se mujhe dekhe bina bhabhi ke dil me mere liye nafrat paida ho gai.
Be countinue
मैं कोई लेखक नहीं हूं बस अपने मजे के लिए और आपके मजे के लिए ये story लिख रहा हूं। कहानी लंबी होने वाली है ।रोज अपडेट दूंगा। आगे चलकर बहोत मजा आनेवाला है।और अपनी राय दे English font में लिखूं या हिंदी में।
चलो पहले कहानी के किरदारों से मिलाता हूं यानी मेरे परिवार से
पिताजी-वीरेंद्र पंवार उम्र 55
सीधे सादे इंसान है अपने
बच्चों से बहुत प्यार करते हैं और अपने काम से मतलब रखते हैं गांव में सब इनकी बहुत इज्जत करते है।इनकी किराने की दुकान है।
मां - साधना पंवार उम्र 50 है मगर लगती 40 से भी कम है
सुडौल बदन की मालकिन है। समझलो विद्या बालन जैसी दिखती है, अरे डर्टी पिक्चर वाली।।
धार्मिक किस्म की महिला है मगर बहुत गुस्सैल है।
ये बहुत अच्छी है मगर औरतों वाली प्रोब्लम है
अरे वही कोई किसी के बारे में कुछ बताए तो सच मान लेती है।
बड़ा भाई - vishal Panwar age 30
ज्यादा बोलता नहीं बस जरूरत हो तो बोलता है।
हां भाभी के सामने जरूरत हो तो भी नही बोलता। फट्टू किस्म का है । औरतों के सामने
भाभी- bharti Panwar age 25
क्या बताऊं यार । एक लाइन में कहूं तो फीमेल शकुनी है
अरे वो ही जिसने महाभारत में भाई को भाई से मरवाया था।
कमीनी, चालाक,धूर्त, ईर्षा भरी हुई।
मगर दिखने में बहुत संस्कारी है। ढोंग करती है साली।
शक्ल और शरीर की बात करे तो किसी हिरोइन से कम नहीं है। तारा सुतरिया जैसी दिखती है।
Badi didi- sarita Panwar age 32 इसकी शादी हो गई है। पास के गांव में। दिखने में बहुत खूबसूरत हैं।और सेक्सी भी। मुझसे बहुत प्यार करती है।
Jijaji- Mukesh age 35 पता नहीं क्या सोचकर पिताजी ने सरिता दीदी की शादी इस चूतीये से करवा दी। शक्ल से बेवकूफ लगता है । काम भी कुछ नहीं करता । पिताजी पैसे देते है दीदी को ।
कभी कभी हमारे खेतों में काम करता। वैसे इसका बाप और मेरे पिताजी दोस्त है।
Chhoti didi- kavita age 28 इसका तो पूछो मत एकदम पटाखा है गांव में रहकर भी हिरोइन की तरह श्रृंगार करती है ।हमेशा tip top बनके रहती है। मां की बहुत लाडली है।मुझसे बिल्कुल नहीं बनती। हां उस चुड़ैल यानी भाभी से बनती है इसकी।
Jeejaji- satish age 31 ये दिखने में ठीक ठाक है भाई के साथ ट्रक ड्राइवर है। ठीक ठाक कमा लेता है कविता को इसी बात का घमंड है।
Me - sohan (kalu) age 26
अब मेरे बारे में बताता हूं, लड़के 18 साल में जवान होते है मगर में 14 साल में जवान हो गया था यानी में मेरे उम्र के लड़कों से ज्यादा बड़ा दिखता था। मेरे सीने में बाल 16 साल की उम्र में आ गए थे।खुद की झूठी तारीफ नहीं करूंगा, में थोड़ा मोटा था काला था शक्ल नॉर्मल थी । इसलिए मुझसे कोई प्यार नहीं करता था।कोई दोस्त नहीं था। घर में मेरे होने ना होने से फर्क नहीं पड़ता था। कोई ज्यादा बात नहीं करता था। मुझे भी घंटा फर्क नहीं पड़ता था।हां सरिता दीदी बात करती थी ज्यादा नहीं बस खाने के लिए पूछती थी। घर के लोग गांव के लोग मुझे जब भी देखते घृणा से देखते।और इसी वजह से मेरे दिल में भी सबके लिए नफरत हो गई।घरवालों से कुछ कहता नहीं था पर गांव के लड़के या लड़कियां मुझे कालिया कहकर मजाक उड़ाते तब में मारपीट pe उतर आता था इसलिए घर में बहुत डांट पड़ती थी और कभी मार भी पड़ती थी।सबसे ज्यादा मां डांटती थी।और उस दिन मुझे खाना भी नहींमिलता था।कविता दीदी तो बहुत खुश होती थी।सरिता दीदी भी मां के डर की वजह से कुछ नहीं बोलती थी ।हां बाद में सबके सोने के बाद चुपके से मुझे खाना देती थी।
My wife- Divya age 23 इसके बारे में लिखने बैठ जाऊं तो सारी जिंदगी कम है।मुझे आज भी यकीन नही हो रहा के ये लड़की मेरी पत्नी है । मैं क्या कोई भी यकीन नहीं करेगा
क्योंकि दिव्या अगर दूध है तो मैं उसमें गिरी हुई मक्खी।दिव्या अगर चांद है तो मैं दाग हूं ।कभी कभी सोचता हूं के मेने क्या पुण्य किए थे जो ऐसी बीवी मिली।और कभी कभी सोचता हूं कि इस मासूम ने भगवान का क्या बिगाड़ा था जो मुझ जैसे की बीवी बना दिया। वैसे बता दूं दिव्या गरीब परिवार से है 12वी तक पढ़ी है और मैं 10वीं तक । दिव्या बहुत inteligent हैं। इसकी शादी नहीं हुई होती तो ये बहुत नाम कमाती।ये डॉक्टर बनना चाहती थी मगर गरीबी के कारण पढ़ नहीं पाई।मेरे रिश्ते की बात चलाई तो मेरे ससुर ने ये सोचकर शादी करवा दी की खानदान अच्छा है पास पैसे भी है बेटी खुश रहेगी ।मेरे कारनामों के बारे में जानते थे उन्होंने सोचा शादी के बाद सुधर जायेगा।
Sabse chhoti Behan -kalyani age 21
ये अपनी मस्ती में भी मस्त रहती है। घर में क्या हो रहा है इसे कोई फर्क नहीं पड़ता।ये थोड़ी मोटी है पर बहुत खूबसूरत है। एक ही घर में रहकर मेरी सगी बहन होते हुए भी आजतक हमारी बात नहीं हुई । ये कभी मेरी तरफ नहीं देखती ।ना कभी मेरे पक्ष में बोली ना मेरे खिलाफ जैसे मैं कोई भूत हूं जो सबको दिखता है इसे नहीं। मैं भी ज्यादा ध्यान नहीं देता था।
Ab kahani start karte hai , aap sab log jaante hai gaanv ka mahol kesa hota hai, sab log kheti-baadi karte hai, hamara bhi kheti badi ka kaam hai matlab hum kisaan hai. Hamare paas bahut saara khet hai. Magar problem ye hai ki kheti tab karte hai jab barish hoti hai matlab paani ka problem hai .
Hamara phir bhi theek hai kyonki pitaji ki ek kirane ki dukaan hai usase theekthak kamai ho jaati hai.
Bada bhai bhi truck chalata. wo bhi mahine ka 20-30 hazaar kama leta hai.
Bhai ki shadi ho chuki hai par bhai jyadatar bahar rahte apne kaam ki wajah se.bhai ko abhi tak koi baccha nahi huaa hai.
Bhai ki jab shadi honewali thi sab khush the main bhi khush tha
Kya yaar bhai ki shadi ki khushi kise nahi hoti
Par meri khushi se kisiko ghanta frk nahin padta tha
Bhai ke sasural bhai ki baaraat me gaya
Wahan sabne Mera mazaak udaya
Kahne lge ye dulhe ka bhai kese ho sakta hai
Iska rang dekho kala kaluta aur dulha kitna gora chtta hai
Ladkiyon ne bhabhi ko bataya
Ladki1- bharti tu to bach gai
Agar us jaanwar se teri shadi ho jaati to tu to barbad ho jaati
Ladki1- magar yaar wo usi Ghar me rahega
Subah shaam uski manhoos shaql dekhni padegi. bechari bharti
Aur usi din se mujhe dekhe bina bhabhi ke dil me mere liye nafrat paida ho gai.
Be countinue
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