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Update No...3
अमित - ठीक हूँ , आप कैसी है ।
रेखा जी - ठीक हूँ, किसी का इन्तजार कर रहे हो ।
अमित - रवि का
रेखा जी - अच्छा ठीक है , अभी हो ना
अमित - जी
रेखा जी - तो मिलना , बिना मिले नही जाना
( रेखा जी ऐसे बात कर रही थी जैसे उसको बरसो से जानती हो )
परी - और अमित ।
अमित - ठीक हूँ ।
रेखा - कैसे जानती हो तुम अमित को ।
परी - बताया तो था कल रात, बारीश मे स्कूटी स्टार्ट नही हो रही थी तो अमित ।
रेखा - तो वह अमित था रवि का दोस्त है रवि के बर्थडे पार्टी मे मुलाकात हुई थी , बहुत अच्छा लड़का है मुझे घर तक छोड़ा था उस दिन ।
परी - क्या यादास्त है आप की छः महीने पहले जिससे मिली थी वह याद है ।
बात करते करते दोनो होटल के अन्दर पहुँच गई और वहाँ मिसेज चड्ढा और उनकी दोनो बेटियो से उनकी मुलाकात हुई ।
इधर रवि भी पन्द्रह मिनट में होटल आ गया
अपने बड़े भाई और भाभी न्यू कपल के साथ
रवि -और भाई अमित , ये है हमारी भाभी ,कैसी है
( रवि बहुत खुश था अपनी नई नवेली भाभी के साथ )
अमित - बहुत खुबसूरत हैं
रवि - अग्रेजी में बोल हिन्दी नही समझती हमारी भाभी, क्यो भाभी
रवि ने भाभी के तरफ नही देखा जानता था भाभी उसे घुर रही होंगी, भाभी अंग्रेजी में Phd कि थी
अमित - वेरी ब्यूटिफूल, हिन्दी सीखा देना भाई क्योकि मेरी अंग्रेजी बहुत अच्छी नही हैं ।
हँसी के ठहाको के साथ आगे बढ़ गये , नये जोड़े से मिलने के लिये सब बेकरार थे दुल्हन से मिलकर बच्चे बहुत खुश थे , रवि ने भी अपने बाकी मित्रो से अमित का परिचय कराया , पार्टी को सब एन्जॉय कर रहे थे ।
अमित फोन पर किसी से बात कर रहा था उसे लगा कोई उसके पीछे खड़ा है, अमित ने फोन काट दिया अमित की निगाहे परी को एक टक देखे जा रही थी ।
परी -अमित
अमित बूत की तरह खड़ा था परी ने दुबारा पुकारा - अमित फिर भी एक टक उसे देखे जा रहा था जैसे उसके कानों तक परी की आवाज जा ही नही रही हो ,तीन चार आवाज देने के बाद भी जब वह ऐसे ही बूत बना रहा तो इस बार परी ने उसका हाथ पकड़ कर पूरा झकझोर दिया ।
परी - अमित कहा खोये हो
अमित - (थोड़ा हड़बडाए हुये ) कही नही
परी- "चार पाँच बार अमित- अमित बुला चुकी तुम सामने खड़े हो कुछ बोल ही नही रहे हो, कहा खोये हो"
अमित -(बात को टालते हुवे कैसे कहे की तुम्हारे ख्वाबों में ) कैसी हो
परी - फाइन
अमित - स्कूटि बीच मे बन्द तो नही हुई
परी - नही , कल के लिये थैंक्स,मै आधे घन्टे से स्टार्ट कर रही थी वह स्टार्ट ही नही हो रही थी ।
अमित - एक बात कहूँ (परी की फेंन्डली बातों से अमित की हिम्मत बढ़ रही थी)
परी - बोलो
अमित - तुम बहुत खुबसूरत लग रही हो
परी - (मुस्कुराते हुये) थैंक यू.
अमित - ठीक हूँ , आप कैसी है ।
रेखा जी - ठीक हूँ, किसी का इन्तजार कर रहे हो ।
अमित - रवि का
रेखा जी - अच्छा ठीक है , अभी हो ना
अमित - जी
रेखा जी - तो मिलना , बिना मिले नही जाना
( रेखा जी ऐसे बात कर रही थी जैसे उसको बरसो से जानती हो )
परी - और अमित ।
अमित - ठीक हूँ ।
रेखा - कैसे जानती हो तुम अमित को ।
परी - बताया तो था कल रात, बारीश मे स्कूटी स्टार्ट नही हो रही थी तो अमित ।
रेखा - तो वह अमित था रवि का दोस्त है रवि के बर्थडे पार्टी मे मुलाकात हुई थी , बहुत अच्छा लड़का है मुझे घर तक छोड़ा था उस दिन ।
परी - क्या यादास्त है आप की छः महीने पहले जिससे मिली थी वह याद है ।
बात करते करते दोनो होटल के अन्दर पहुँच गई और वहाँ मिसेज चड्ढा और उनकी दोनो बेटियो से उनकी मुलाकात हुई ।
इधर रवि भी पन्द्रह मिनट में होटल आ गया
अपने बड़े भाई और भाभी न्यू कपल के साथ
रवि -और भाई अमित , ये है हमारी भाभी ,कैसी है
( रवि बहुत खुश था अपनी नई नवेली भाभी के साथ )
अमित - बहुत खुबसूरत हैं
रवि - अग्रेजी में बोल हिन्दी नही समझती हमारी भाभी, क्यो भाभी
रवि ने भाभी के तरफ नही देखा जानता था भाभी उसे घुर रही होंगी, भाभी अंग्रेजी में Phd कि थी
अमित - वेरी ब्यूटिफूल, हिन्दी सीखा देना भाई क्योकि मेरी अंग्रेजी बहुत अच्छी नही हैं ।
हँसी के ठहाको के साथ आगे बढ़ गये , नये जोड़े से मिलने के लिये सब बेकरार थे दुल्हन से मिलकर बच्चे बहुत खुश थे , रवि ने भी अपने बाकी मित्रो से अमित का परिचय कराया , पार्टी को सब एन्जॉय कर रहे थे ।
अमित फोन पर किसी से बात कर रहा था उसे लगा कोई उसके पीछे खड़ा है, अमित ने फोन काट दिया अमित की निगाहे परी को एक टक देखे जा रही थी ।
परी -अमित
अमित बूत की तरह खड़ा था परी ने दुबारा पुकारा - अमित फिर भी एक टक उसे देखे जा रहा था जैसे उसके कानों तक परी की आवाज जा ही नही रही हो ,तीन चार आवाज देने के बाद भी जब वह ऐसे ही बूत बना रहा तो इस बार परी ने उसका हाथ पकड़ कर पूरा झकझोर दिया ।
परी - अमित कहा खोये हो
अमित - (थोड़ा हड़बडाए हुये ) कही नही
परी- "चार पाँच बार अमित- अमित बुला चुकी तुम सामने खड़े हो कुछ बोल ही नही रहे हो, कहा खोये हो"
अमित -(बात को टालते हुवे कैसे कहे की तुम्हारे ख्वाबों में ) कैसी हो
परी - फाइन
अमित - स्कूटि बीच मे बन्द तो नही हुई
परी - नही , कल के लिये थैंक्स,मै आधे घन्टे से स्टार्ट कर रही थी वह स्टार्ट ही नही हो रही थी ।
अमित - एक बात कहूँ (परी की फेंन्डली बातों से अमित की हिम्मत बढ़ रही थी)
परी - बोलो
अमित - तुम बहुत खुबसूरत लग रही हो
परी - (मुस्कुराते हुये) थैंक यू.