शानदार अपडेट अचल की आखिरजस्सी ने फाड़ ही दिया जिसके लिए इतना तम झाम किया था। रवि को मौका मिलेगा की विचारा सिर्फ हिला हलके कंगाल बन जाएगास्टूडियो में जस्सी ने एक रेस्टरूम बनाया हुआ था , जिसमें एक बेड भी था. जिस मॉडल को जस्सी ने पटा लिया उसकी चुदाई इसी बेड में होती थी. जस्सी आँचल को भी उस कमरे में ले गया.
कमरे के दरवाज़े से छिपकर रवि ने देखा , जस्सी झुककर आँचल की जीन्स की ज़िप खोल रहा है. आँचल सहारे के लिए जस्सी के कंधे पकड़े हुए है और अपनी टाँगें उठाकर जस्सी को जीन्स उतारने में मदद कर रही है. अब आँचल सिर्फ़ पैंटी में थी. चोली जस्सी पहले ही उतार चुका था. रवि ने देखा, भाभी की कच्छी तो आगे से गीली हो गयी है.
जस्सी ने भी आँचल की कच्छी में गीले धब्बे देखे , वो खुश हो गया , साली बहुत गरम हो चुकी है , चूत से रस निकल रहा है. जस्सी ने गीली कच्छी के बाहर से चूत पर अंगूठा रगड़ा , आँचल के मुँह से सिसकारी निकल गयी …… ओह्ह ……………....
आँचल ने एक हाथ से जस्सी के कंधे को पकड़ा हुआ था , दूसरे हाथ में उसने जस्सी का लंड पकड़ लिया.
जस्सी ने देखा आँचल अपने मुलायम हाथ से उसके लंड को पकड़े हुए है और हल्के से सिसकारियाँ ले रही है.
"भाभी, तुम्हें मेरा लंड अच्छा लग रहा है ?" आँचल की चूत के फूले हुए होठों को गीली कच्छी के बाहर से रगड़ते हुए जस्सी बोला.
"उन्न………...ओह्ह……. हाँ , मुझे तुम्हारा लंड चाहिए ………प्लीज़ जस्सी …… ओह्ह ………." आँचल उस बड़े लंड से चुदने को तड़प रही थी.
रवि ने आँचल की तड़प देखी. मादक आँचल को चुदने के लिए तैयार देखकर रवि का मुरझाया लंड फिर से खड़ा हो गया.
जस्सी नीचे झुककर आँचल की गीली कच्छी उतारने लगा . आँचल जस्सी के कंधों को पकड़कर टांग उठाकर कच्छी उतारने में मदद करने लगी. अब आँचल पूरी नंगी हो गयी. उत्तेजना से उसकी चूत के होंठ फूल गये थे और क्लिट तन गया था.
जस्सी अंगूठे से आँचल की क्लिट को रगड़ने लगा. आँचल सिसकारियाँ लेने लगी. उसकी टाँगे काँपने लगी, सहारे के लिए उसने जस्सी की छाती में अपना चेहरा टिका दिया. फिर जस्सी ने आँचल को बेड में लिटा दिया.
रवि ने देखा, आँचल भाभी बेड में नंगी लेटी हुई है. उसका गोरा नंगा बदन चमक रहा है. उसकी आँखें मदहोश हो रखी हैं. काम की देवी लग रही है बिल्कुल. गहरी साँसें लेने से उसकी बड़ी चूचियाँ ऊपर नीचे हिल रही है. चूत से रस बहने से उसकी चूत के बाल भी गीले हो गये हैं. ये सीन देखकर रवि ने पैंट की ज़िप खोलकर लंड बाहर निकाल लिया और उसे सहलाने लगा.
जस्सी अपने लंड को हाथ से हिला रहा था. कई बार ऐसा हुआ था की उसके बड़े लंड को देखकर लड़कियों की घबराहट से चूत सूख जाती थी , तो उसे जेली लगाकर चूत गीली करनी पड़ती थी. लेकिन आँचल की चूत से तो रस टपक रहा था. जस्सी खुश हुआ , बहुत गरम माल है रवि की भाभी.
जस्सी बेड में आया और आँचल की क्लिट पर अपने लंड का सुपाड़ा रगड़ने लगा. आँचल चूत में लंड लेने को तड़पने लगी , लेकिन जस्सी उसे तड़पाता रहा . चूत के होठों के बीच की दरार में ऊपर से नीचे तक सुपाड़े को घुमाते रहा पर अंदर नही डाला. वो चाह रहा था आँचल उससे चुदाई के लिए विनती करे.
आँचल इतनी गरम हो चुकी थी की चूत में लंड लेने को तड़प रही थी. जस्सी को लंड चूत में ना घुसाते देख आँचल विनती करने लगी, "ओह्ह ……….जस्सी मुझे चोदो …उम्म्म्म………..मुझे चोदो प्लीज़……….."
लेकिन जस्सी उसकी क्लिट को सुपाड़े से रगड़ते रहा. आँचल को ऐसे करने से हो ओर्गास्म आ गया.
रवि ने देखा, आँचल भाभी बेशर्मी से अपनी गांड ऊपर को उछालकर ज़ोर से सिसकारियाँ लेती हुई झड़ रही है………... आआअहह …………….... ओह्ह …………....उन्न्न्…………. ओह्ह ………..
अपनी भाभी की कामुक सिसकारियाँ सुनकर रवि भी बहुत उत्तेजित हो गया.
आँचल को ओर्गास्म आया देखकर जस्सी रुक गया. जब आँचल की सिसकारियाँ कम हो गयी तो जस्सी ने आँचल की चूत के छेद में सुपाड़ा रखकर एक धक्का लगाया. चूत के होठों को फैलाते हुए सुपाड़ा गीली चूत के अंदर घुस गया.
"ओह्ह …………..अहह………………..उन्न्नह……………..आआअहह………...." जस्सी के मोटे लंड का सुपाड़ा अंदर घुसते ही आँचल सिसकने लगी.
आह ………आँचल की गरम लावे जैसी तपती चूत में लंड घुसने का असीम सुख जस्सी को मिल रहा था.
जस्सी ने आँचल की टाँगों को थोड़ा और फैलाया और एक ज़ोर से झटका देकर लंड जड़ तक आँचल की चूत में घुसा दिया. आँचल की उठी हुई गांड से जस्सी की गोलियाँ टकरा गयी. अपनी चूत में बड़ा लंड घुसने से आँचल को दर्द महसूस हुआ , लेकिन उस दर्द में भी मीठेपन का एहसास था.
रवि ने देखा , जस्सी का बड़ा लंड लेने में आँचल भाभी को थोड़ी परेशानी हो रही है लेकिन उसने अपनी गांड उठाकर लंड को पूरा चूत के अंदर ले लिया. जस्सी ने लंड को सुपाड़े तक बाहर निकाला . उसका लंड आँचल के चूतरस से गीला होकर चमक रहा था , और फिर से पूरा लंड अंदर ठेल दिया. चिकनी आँचल की चूत में जस्सी का मोटा लंड अंदर बाहर जाते देखकर रवि का लंड भी झटके मारने लगा.
आँचल को अब किसी से मतलब नही था. काम सुख का जो मज़ा उसे मिल रहा था , वो उसका चेहरा बता रहा था. जस्सी के मोटे लंड से उसकी नरम चूत की दीवारों की रगड़कर चुदाई हो रही थी. आँखें बंद करके वो चुदाई का मज़ा ले रही थी. सिसकारियाँ लेते हुए वो अपने नितंबों को ऊपर उछालकर जस्सी के पूरे लंड को निगलने की कोशिश कर रही थी.
रवि उनकी चुदाई को देखकर एक्साइटेड था. आँचल भाभी तो रंडी की तरह चुदवा रही है. अपनी छोटी सी चूत में जस्सी का पूरा लंड निगल गयी है.
जस्सी अब ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा. आँचल ने जस्सी की पीठ पर अपने नाख़ून गड़ा दिए और नितंबों को ऊपर उछालकर चुदाई में जस्सी का साथ देने लगी.
रवि ने देखा , उसकी भाभी अब सारी शरम लिहाज छोड़कर रंडी की तरह बिहेव कर रही है.
"आअहह………………...और ज़ोर से………………... ओह्ह ……………और ज़ोर से चोदो ………………..उईईईईईई माँ आआआ………………... हाँ ………और चोदो ……………….ओइईईईईईईईई……………….. माँ आआ…………………….उन्न्न्………… ओह्ह ……...आआआअहह.."
आँचल को दूसरा ओर्गास्म आ गया और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए झड़ने लगी.
रवि ने देखा, आँचल भाभी ने कमर उठाकर टेडी कर दी फिर बेड पर वापस गिरा दी. उसका नंगा गोरा बदन पसीने से चमक रहा था. भाभी इतने ज़ोर से चिल्लाते हुए झड़ रही है.
अब रवि से बर्दाश्त नही हुआ , वो भी नंगा होकर लंड हाथ में पकड़े हुए अंदर आ गया.
आँचल की नज़र रवि पर पड़ी. उसने मदहोश आँखों से नंगे रवि को देखा,…… ओह्ह ……..रवि………..
जस्सी ने देखा रवि नंगा होकर कमरे में घुस आया है. आँचल रवि को देखकर कोई बखेड़ा ना कर दे , ये सोचकर जस्सी ने आँचल को तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया.
आँचल का बदन तेज झटकों से आगे पीछे हिलने लगा. वो रवि को ही देख रही थी और जस्सी की ताबड़तोड़ चुदाई से उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी.
रवि भी बेड के पास आकर खड़ा हो गया. जस्सी के जोरदार धक्कों से आँचल का बदन बुरी तरह से हिलने लगा, उसकी बड़ी चूचियाँ भी धक्कों के साथ ही आगे पीछे को हिल रही थी. जस्सी की जांघों के आँचल की जांघों से टकराने से कमरे में ठप……ठप… …ठप की आवाज़ गूंज रही थी.
"आअहह……..ओह……...रवि……. तुम्हारा दोस्त जस्सी मुझे बेरहमी से चोद रहा है और मुझे बहुत मज़ा आ रहा है…………..ऊहह………..आआहह………..ओइईई…………रवि ……..ये जस्सी मुझे चोद रहा है …….उन्न्ञणन्………….……आआहह……… ओह …...रवि …"
आँचल रवि को देखते हुए मदहोशी में बोलती रही और फिर उसे तीसरी बार ओर्गास्म आ गया.
रवि से आँचल के नंगे बदन की मादकता बर्दाश्त नही हुई और उसने झड़ती हुई आँचल के चेहरे और मुँह में अपना वीर्य गिरा दिया.
आँचल तीन बार झड़ चुकी थी लेकिन जस्सी एक बार भी नही झड़ा था.
जस्सी ने आँचल की चूत से अपने लंड को बाहर निकाला . आँचल की रस टपकाती चूत से बड़ा लंड ….प्वकक …की आवाज़ करते हुए बाहर आया और कुछ देर तक आँचल की चूत का मुँह खुला रह गया. फिर आँचल के नितंब पर एक थप्पड़ मारकर जस्सी आँचल के ऊपर से उठ गया.
फिर जस्सी ने आँचल को अपनी गोद में उल्टा लिटा दिया. आँचल का मुँह नीचे को था और नितंब ऊपर को. उसके मुलायम पेट से जस्सी का लंड दब रहा था .आँचल के बड़े नितंबों पर जस्सी ने हाथ रख दिए.
अपने हाथों से आँचल के नितंबों को जोर से दबाते हुए जस्सी बोला," देख रवि, तेरी भाभी कितनी गरम माल है. "
फिर आँचल के नितंबों को फैलाकर जस्सी ने उसकी रस टपकाती चूत को रवि को दिखाया. अब जस्सी आँचल की चूत में उंगली करने लगा और उसकी क्लिट को अंगूठे से कुरेदने लगा.
"देख , कैसे फुदकती है तेरी भाभी ?"
जस्सी के अंगुली करने से आँचल अपने नितंब ऊपर को उचकाने लगी लेकिन जस्सी ने उसको अपनी गोद में दबा रखा था , तो वो अपने पैर पटकने लगी.
आज बहुत दिन बाद आँचल की ऐसी जबरदस्त चुदाई हुई थी , उसका बदन आज उसके काबू में नही था. जस्सी के चूत में अंगुली करने से वो सिसकियाँ लेते हुए अपने बदन को उचकाती रही.
फिर चूत रस से गीली एक अंगुली को जस्सी ने आँचल की गांड के छेद में डाल दिया. आँचल ज़ोर से चिल्लाई ….आआहह…...
जस्सी एक साथ आँचल के दोनो छेदों में अंगुली करने लगा और उसकी गोद में आँचल ज़ोर से सिसकते हुए फड़फड़ाने लगी.
मजे भी ले लिए अंचल की हालत भी खरब कर दिया सिर्फ इतना ही नही अंचल के पाती सुनील को भी झूट बता दिया अब आगे किया होगा।जस्सी ने अपनी अंगुलियों से आँचल की चूत के होठों को खोल कर फैला दिया और रवि को दिखाया , तेरी भाभी कितनी गीली हो रखी है.
फिर जस्सी आँचल के गोरे गोरे सुडौल नितंबों पर थप्पड़ मारने लगा. थप्पड़ से आँचल के बड़े नितंब इधर उधर हिलने लगे. आँचल दर्द से चिल्लाई………. आऊच….
जस्सी उसकी क्लिट को रगड़ने लगा , आँचल फिर से सिसकारियाँ लेने लगी.
जस्सी ऐसे ही आँचल को दर्द और मज़ा देने लगा. जस्सी ने कुछ शादीशुदा औरतें भी चोदी थीं, लेकिन कोई भी आँचल जैसी सेक्सी नही थी. जस्सी को हैरानी हुई शादीशुदा होकर भी आँचल की चूत कुँवारियों जैसी टाइट कैसे है ? लगता है इसके पति ने ज़्यादा चोदा नही है इसे.
जस्सी नितंबों पर थप्पड़ ज़ोर से मारने लगा , ठप …ठप …ठप…..
जब आँचल दर्द से चिल्लाती तो जल्दी से उसकी क्लिट मसलने लगता.
"देख रवि, तू कहता था की ये चोदने नही देगी, पर अब कैसे फुदक फुदक कर पानी पानी हो रही है …" , अपनी गोद में दर्द और मज़े से फड़फड़ाती हुई आँचल को देखकर जस्सी बोला.
रवि ने देखा, जस्सी के थप्पड़ मारने से भाभी के गोरे नितंबों पर लाल निशान पड़ गये हैं. भाभी को दर्द और मज़े से कसमसाते हुए देखकर रवि उत्तेजित हो गया. उसका मुरझाया हुआ लंड फिर से खड़ा होने लगा.
आँचल को अब नितंबों पर दर्द होने लगा था लेकिन साथ ही साथ क्लिट भी रगड़ने से उसको मज़ा भी आ रहा था. कुछ ही देर में आँचल को ओर्गास्म आ गया और वो जस्सी की गोद में लेटे हुए ही झड़ने लगी.
आहह…………..ओह……………उन्नन्…………..ऊऊीईईई………….. ओह्ह …………..
आँचल को झड़ते हुए देखकर जस्सी ने उसका मज़ा बढ़ाने के लिए चूत में तीन अँगुलियाँ डाल दीं और तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा.
आँचल को जस्सी की गोद में ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए झड़ते देखकर रवि उत्तेजित होकर अपने लंड को हिलाने लगा.
फिर जस्सी ने आँचल को सीधा किया और अपनी गोद में बिठाकर उसकी गीली चूत में लंड घुसा दिया.
"उन्न्ह…….आअहह……….." अपनी चूत में जस्सी का मोटा लंड घुसते ही आँचल सिसकी. उसने जस्सी को आलिंगन में कस लिया और उसके कंधे में सर रख दिया. जस्सी आँचल को अपने लंड पर उछालने लगा. आँचल की बड़ी चूचियाँ जस्सी की छाती में दबते हुए ऊपर नीचे उछलने लगी.
जस्सी का मोटा लंड आँचल की टाइट चूत की दीवारों को फैलाते हुए आगे पीछे होने लगा. जस्सी की गोद में उछलकर चुदती हुई आँचल सिसकारियाँ लेने लगी ……उन्न्……..आअहह……...उफफफफ्फ़………....
आँचल चुदाई के नशे में मदहोश थी , जस्सी की गोद में चुदती हुई आँचल को इस बात से भी मतलब नही था की रिया का मंगेतर रवि भी वहीं पर है.
"ओह्ह ………..और ज़ोर से चोदो………...उईईइ माँ आ……………..मैं मर गयी………ओह जस्सी……………उफफफ्फ़………….. हाँ ……आअहह…………..चोद जस्सी……………..उफफफ्फ़ माँ आअ……..." आँचल कामोन्माद में सिसकते रही.
आँचल की बातों से जस्सी जोश में आकर और तेज़ी से आँचल को चोदने लगा.
"देख …देख रवि……....ये कैसे चिल्ला रही है……………..चोद मुझे …..कह रही है………....ये तेरी भाभी तो बहुत ही मस्त माल है यार…….."
जस्सी को अपने लंड में आँचल की टाइट चूत की रगड़ से बहुत मज़ा आ रहा था , कुछ ही देर में उसने आँचल की चूत में वीर्य की धार छोड़ दी. झड़ते समय जस्सी ने आँचल के मादक बदन को अपने आलिंगन में कस लिया और उसकी चूत में वीर्य गिराने लगा.
झड़ने के बाद जस्सी ने आँचल को अपनी गोद से हटाकर बेड में गिरा दिया और बेड से उठ गया.
अब रवि को मौका मिल गया. वो नंगी आँचल के मुलायम बदन पर हाथ फिराने लगा. रवि ने आँचल की चूचियों को हाथों से दबाया फिर उन्हें चूसने लगा.
आँचल ने देखा रवि उसकी चूचियों को मसल रहा है , उन पर अपने दाँत गड़ा रहा है , लेकिन वो जस्सी के साथ चुदाई में चार बार झड़ चुकी थी. अब उसमे बिल्कुल ताक़त नही बची थी. वो गहरी साँसें लेती हुई बेड में लेटी रही.
जस्सी ने देखा अब रवि आँचल से मज़े ले रहा है . जस्सी मुस्कुराया और बाथरूम चला गया.
उधर रवि से सब्र नही हो रहा था , मादक आँचल को नंगी देखने की उसकी इच्छा आज पूरी हो रही थी. चूचियों को चूमने, चाटने और चूसने के बाद रवि ने आँचल की चूत में अपना लंड घुसा दिया और फटाफट धक्के मारने लगा. रवि को आँचल को चोदने की जल्दी हुई पड़ी थी क्यूंकी उसे अब भी यकीन नही था की आँचल उसे चोदने देगी. कहीं मना ना कर दे …..
जस्सी के 7.5 इंच लंबे और मोटे लंड से चुदने के तुरंत बाद आँचल को रवि का 4.5 इंच का लंड महसूस ही नही हो रहा था. वो आँख बंद करके हल्की सिसकारियाँ लेती हुई लेटी रही और रवि अपने मन की करता रहा. आँचल की गरम और रस से गीली चूत को चोदने में रवि को बहुत ही आनंद मिल रहा था. थोड़ी ही देर में आँचल की गरम चूत ने रवि के लंड से पानी निचोड़ दिया . झड़ने के बाद रवि बेड पर आँचल के बगल में लेट गया और अपनी साँसों पर काबू पाने का प्रयास करने लगा.
थोड़ी देर बाद रवि फिर से बेड में बैठ गया और आँचल के नंगे बदन पर हाथ फिराने लगा. आँचल की चूचियों को दबाने से फिर से उसका लंड तन गया और झटके मारने लगा.
अब रवि आँचल को दूसरी बार चोदने के लिए उसकी टाँगों के बीच आया. कल तो भाभी जा रही है , फिर कहाँ मौका मिलेगा ऐसी सेक्सी माल को चोदने का.
तब तक जस्सी बाथरूम से वापस आ गया. उसका मोबाइल बजने लगा. जस्सी ने फोन उठाया तो उधर से रिया ने बताया की सुनील आँचल को लेने चंडीगढ़ आ गया है और मैं उसके साथ स्टूडियो आ रही हूँ. आँचल का फोन नही मिल रहा है. तुम अपने स्टूडियो का रास्ता बता दो, हम अभी कार से निकलते हैं.
जस्सी ने रिया को अपने स्टूडियो की लोकेशन बता दी. फिर उसने अनुमान लगाया की रिया और सुनील अभी घर से निकलेंगे तो 15 – 20 मिनट में स्टूडियो पहुँच जाएँगे.
रिया और सुनील के आने की बात सुनकर घबराहट से रवि का लंड सिकुड गया और वो तुरंत बेड से उतर गया.
रवि का लंड सिकुड़ा देखकर जस्सी हंसने लगा.
आँचल ने भी जस्सी की बात सुन ली थी की रिया और सुनील स्टूडियो आ रहे हैं , लेकिन वो अभी भी मदहोशी की हालत में थी.
आँचल को हाथ पैर फैलाकर नंगी बेड में लेटी देखकर जस्सी का फिर से लंड खड़ा हो गया…....उफ़फ्फ़…….साली कितनी मादक लग रही है.
वो जल्दी से बेड में चढ़ा और आँचल को बेड में पेट के बल उल्टा लिटा दिया फिर उसके नितंबों को ऊपर उठा दिया. टाइम बहुत कम था, जस्सी ने जल्दी से आँचल की चूत में लंड घुसा दिया और डॉगी स्टाइल में उसे चोदने लगा.
आँचल का चेहरा बेड में था लेकिन उसकी बड़ी गांड उठी हुई थी. जस्सी के पीछे से धक्का लगाने से आँचल की बड़ी चूचियाँ बेड से रगड़ने लगी. जस्सी अपने लंड से उसे तेज़ी से चोद रहा था.
"आअहह…...उहह…....ओह…....ओइईईई……. माँ आ…...." जस्सी की रफ चुदाई से आँचल ज़ोर से सिसकने लगी.
जस्सी बहुत जल्दी में था , वो आँचल की चूत में तेज तेज शॉट मारने लगा. आँचल के उठे हुए नितंब धक्कों की मार से ज़ोर से हिलने लगे . जस्सी आँचल की कमर पकड़कर धक्के लगाता रहा.
रवि को खड़ा देखकर जस्सी बोला, "फटाफट स्टूडियो ठीक कर दे यार. वो लोग पहुँचते ही होंगे."
आँचल को तेज़ी से चोदते हुए जस्सी ने उसकी गांड के छेद में भी अंगुली घुसा दी. आँचल का मुँह बेड में दबा हुआ था , गांड में अंगुली घुसने से नितंबों को हिलाते हुए वो चिल्लाई ….ऊओह्ह …....
रवि ने देखा, जस्सी तो अपने मोटे लंड से आँचल की बुरी तरह से ठुकाई कर रहा है. उसका खूबसूरत चेहरा और चूचियाँ धक्कों से बेड में रगड़ खा रहे हैं. भाभी में जान ही नही बची है और जस्सी बेरहमी से उसे चोद रहा है.
रवि को डर था की ये जस्सी आँचल को चोदे जा रहा है कहीं सुनील और रिया ना आ जाए.
जस्सी ने रवि से स्टूडियो ठीक ठाक करने को कहा लेकिन रवि वहाँ से नही हिला और अपनी भाभी की बेरहमी से होती चुदाई देखता रहा. रवि ने देखा, जस्सी ने आँचल की गांड में पूरा अंगूठा घुसा दिया है और उसे पीछे से चोदते जा रहा है. जस्सी का बदन पसीने से भीग गया है और साँसें भी फूल गयी हैं. आँचल का चेहरा उसके बालों से ढक गया है और अपने चेहरे से बाल हटाने की भी ताक़त उसके पास नही बची है , वो उसी पोज़ में चुद रही है.
कुछ ही मिनट बाद जस्सी ने एक ज़ोर का शॉट आँचल की चूत में मारा और उसके लंड से वीर्य निकल गया.
आँचल की गांड में तेज़ी से अंगूठा घुमाते हुए जस्सी ने चूत को वीर्य से भर दिया.
फिर वो दोनो थकान से चूर होकर बेड में लुढ़क गये.
उनकी चुदाई खत्म होने के बाद रवि जल्दी से अपने कपड़े पहनकर स्टूडियो ठीक ठाक करने लगा.
स्टूडियो ठीक करके रवि वापस रेस्टरूम में आया. वहाँ अभी भी बेड पर आँचल और जस्सी नंगे पड़े हुए थे.
रवि ने नंगी आँचल को बाँह पकड़कर बेड में बिठा दिया और उसके गाल थपथपाकर उसकी मदहोशी तोड़ने की कोशिश करने लगा. आँचल के आँखें खोलने पर रवि ने उससे जल्दी कपड़े पहनने को कहा. लेकिन उसने देखा ये तो कपड़े पहनने की हालत में ही नही है. फिर उसने जस्सी से आँचल को कपड़े पहनाने में मदद करने को कहा.
रवि ने जस्सी की मदद से आँचल को ब्रा, टीशर्ट और जीन्स पहना दिया.
लेकिन जस्सी ने आँचल को पैंटी नही पहनाई और मुस्कुराते हुए बोला ,"भाभी ये आपकी कच्छी मैं अपने पास रख रहा हूँ, आज की चुदाई की याद में….." और फिर आँचल के होठों का चुंबन ले लिया.
रवि ने देखा, आँचल भाभी भी जस्सी के चुंबन का जवाब दे रही है. फिर रवि और जस्सी आँचल को पकड़कर बाथरूम ले गये . बाथरूम में आँचल ने मुँह धोया पर वो अभी भी बहुत थकी हुई लग रही थी, उसकी टाँगें काँप रही थी.
बाथरूम से वापस आकर जस्सी ने आँचल के बाल ठीक ठाक कर दिए और उसको स्टूडियो में सोफे पर बिठा दिया.
उसके बाद जस्सी बोला, "दोस्त अपना काम निकल गया , अब तू यहाँ से जा. शर्त तो मैं जीत ही गया हूँ लेकिन वो बातें बाद में करेंगे. रिया पहुँचने वाली होगी."
लेकिन रवि को बहुत फिकर हो रही थी ," यार वो सब तो ठीक है लेकिन भाभी की हालत तो ऐसी हो रखी है , सुनील से क्या बोलोगे ?"
"कुछ भी बोल देंगे यार , तू फिकर मत कर. मैं सब सम्हाल लूँगा. लेकिन तुझे यहाँ देखकर रिया को शक़ हो जाएगा. तू जल्दी निकल."
रवि अनमने मन से अपनी कार लेकर चला गया पर उसे आँचल की हालत देखकर घबराहट हो रही थी की सुनील और रिया को कैसे समझाना पड़ेगा ?
रवि के जाने के कुछ ही देर बाद सुनील और रिया स्टूडियो पहुँच गये.
जस्सी ने बताया की आँचल को चक्कर आ गया था और वो कमज़ोरी महसूस कर रही है.
सुनील आँचल के पास बैठकर उससे तबीयत पूछने लगा. पर रिया को जस्सी की बात पर यकीन नही हुआ. वो कभी जस्सी का मुँह देख रही थी , कभी आँचल का. उसे शक़ हो गया था की तबीयत वगैरह कुछ नही , यहाँ स्टूडियो में फोटो सेशन की बजाय जस्सी और आँचल का चुदाई सेशन चला है. बहुत थकी हुई दिख रही है , आँखें भी नशीली हो रखी हैं. लेकिन उसे भी मालूम नही था की कोई तीसरा भी इनके साथ था.
फिर सुनील और रिया के साथ आँचल घर आ गयी. रात में अपने बेडरूम में रिया ने आँचल से उगलवा ही लिया की स्टूडियो में जस्सी ने उसे चोदा था.
अगली सुबह सुनील और आँचल चंडीगढ़ से देल्ही वापस आ गये.
चंडीगढ़ से देल्ही वापस लौटने के बाद सुनील फैक्ट्री चला गया. शाम को फैक्ट्री से घर लौटने के बाद आलोक जोशी (ससुर) अपनी प्यारी बहू को देखकर खुश हो गया. डिनर के वक़्त उसने आँचल को देखकर मुस्कुराहट बिखेरी लेकिन आँचल ने शरमाकर सर झुका लिया. ससुर सोचने लगा , ये तो पहले का जैसा बिहेव कर रही है , शरमा रही है. फिर वो हमारी फोन पे बातचीत का क्या हुआ ?
अगले कुछ दिनों में ससुर ने महसूस किया की आँचल उससे दूर ही रहने की कोशिश कर रही है ,अकेले में बात ही नहीं हो पा रही. सुबह वो सुनील के साथ फैक्ट्री चला जाता था और देर शाम को ही लौटना हो पाता था. फैक्ट्री की हालत डांवाडोल थी इसलिए सुनील के भरोसे छोड़ना भी ठीक नही था.
चंडीगढ़ में जस्सी के साथ जमकर हुई चुदाई के बारे में सोचकर आँचल के गाल लाल हो जाते थे , होठों पे मुस्कुराहट आ जाती थी और चूत गीली हो जाती थी. आँचल की उस चुदाई की थकान उतरने में ही कुछ दिन लग गये. आँचल को मालूम था की ससुरजी अकेले में मिलना चाह रहे हैं लेकिन उसने ससुर से दूरी बनाए रखी. सास की तबीयत भी अब कुछ सुधर गयी थी तो सास के द्वारा पकड़े जाने का भी डर था. कुछ दिन ऐसे ही चंडीगढ़ की मीठी यादों में गुजर गये.
सुनील भी अपने पुराने ढर्रे पर लौट आया था. मन हुआ तो किसी दिन आँचल की चुदाई कर देता था वरना करवट लेकर सो जाता था.
ऐसे ही चार पाँच हफ्ते निकल गये. ससुर बेचैन था की आँचल को कैसे पटाऊँ. उधर आँचल भी कब तक चुदाई की पुरानी यादों के भरोसे रहती , उसकी चूत भी खुजलाने लगी थी.
ऐसे में एक दिन ससुर को एक मौका हाथ लग ही गया.
हुआ ये की एक दिन फैक्ट्री में आलोक के एक पुराने दोस्त बलवंत का फोन आया की मेरी बेटी की शादी है , ज़रूर आना है.
ससुर ने सोचा की क्यूँ ना सुनील को शादी में भेज दूं ताकि आँचल से अकेले में मिलने का मौका मिल जाए.
ससुर बोला, " सुनील , चकरपुर से बलवंत का फोन आया है , उसकी बेटी की शादी है. मैं सोच रहा हूँ की तुम शादी में हो आओ. दुल्हन के लिए साड़ी और एक सोने का हार गिफ्ट ले जाना. ज्यादा महंगा मत लेना , ठीक है ? पुराना दोस्त है इतना तो देना ही पड़ेगा. "
सुनील ने हामी भर दी.
शाम को घर लौटकर सुनील ने आँचल को बताया,"अगले सोमवार को रौतेला अंकल की बेटी सोनू की शादी है , पापा ने मुझसे जाने को कहा है."
आँचल ने पूछा,"ये रौतेला अंकल कौन हैं ?"
"रौतेला अंकल पापा के बहुत पुराने दोस्त हैं. नैनीताल डीएसबी कैंपस से दोनों ने साथ ही ग्रेजुएशन की. फिर पापा देल्ही आ गये . रौतेला अंकल सरकारी टीचर बन गये. " सुनील ने बताया.
फिर सुनील ने आँचल से भी साथ चलने को कहा.
"आँचल तुम भी चलो, पहाड़ों की ठंडी हवा का मज़ा लिए बहुत दिन हो गये. वहाँ रिश्तेदारों से भी मिल आएँगे और शादी भी अटेंड कर लेंगे. पहले हल्दवानी जाएँगे और ताऊजी के घर रुकेंगे. फिर अल्मोड़ा चाचाजी से मिल आएँगे . उसके बाद हल्दवानी लौटकर शादी अटेंड कर लेंगे."
सुनील ने 4-5 दिन का प्रोग्राम बना लिया. आलोक ने जब सुना की बेटा , बहू को भी साथ ले जा रहा है तो सर पीट लिया. इससे बढ़िया तो मैं ही दोस्त के घर शादी में हो आता.
सुनील और आँचल कार से हल्दवानी , फिर अल्मोड़ा जाकर रिश्तेदारों से मिल आए और उसके बाद ताऊजी के पास हल्दवानी लौट आए.
सोमवार को सुनील का प्लान था की चकरपुर जाकर शादी में शामिल हो जाएँगे और रात में हल्दवानी लौट आएँगे.
आँचल ने ऑरेंज कलर की साड़ी और मैचिंग ब्लाउज पहन लिया. बैकलेस ब्लाउज में पीठ पर सिर्फ़ एक स्ट्रिप थी इसलिए आँचल ने ब्रा नही पहनी.
"कैसी लग रही हूँ ?"
"बहुत खूबसूरत " , आँचल को अपनी बाँहों में लेते हुए सुनील बोला.
"लेकिन ये देल्ही नही है , हमें तो छोटे से कस्बे में जाना है . कुछ ज़्यादा ही मॉडर्न ड्रेस लग रही है."
"दूसरी बदल लूँ क्या ? "
"अरे रहने दो यार , पहले ही देर हो रही है , फिर से एक घंटा और लगाओगी."
सुनील को मालूम था उसकी खूबसूरत बीवी की ऐसी ड्रेस पर लोगों की निगाहें तो रहेंगी.
11 बजे सुबह सुनील और आँचल रौतेला अंकल के घर पहुँच गये. वहाँ सुनील ने आँचल को रौतेला अंकल और उनकी बीवी विमला आंटी से मिलवाया. रिवाज़ के अनुसार आँचल ने दोनों के पैर छुए. उन्ही के साथ
एक 45 – 46 बरस की औरत खड़ी थी , सुनील ने कहा, ये रावत आंटी हैं. आँचल ने रावत आंटी के भी पैर छुए.
फिर रौतेला अंकल सुनील को अपने खास लोगों से मिलाने ले गये और रावत आंटी आँचल को औरतों के पंडाल में ले गयी.
"आँचल मेरे साथ आओ, सब औरतें पंडाल में हैं. वहीं बैठते हैं."
रावत आंटी मिलनसार स्वभाव की औरत थी , जल्दी ही आँचल से घुल मिल गयी. उसने आँचल को कुछ और औरतों से भी मिलवाया.
रावत आंटी : ये आँचल है, देल्ही से आई है. रौतेलाजी के दोस्त की बहू है.
"बाहर से आई है , वो तो इसके कपड़ों से ही पता चल रहा है." कोई मुँहफट औरत बोली.
आँचल को उसकी बात अच्छी नही लगी, उसने मुँह बनाया , हुह …...होगी कोई गँवार.
फिर उनके बीच आपस में बातचीत होने लगी.
रावत आंटी : "तो आँचल कैसी चल रही है सुनील के साथ तुम्हारी लाइफ ? अभी तक कोई मेहमान नही आया ,क्या बात ?"
आँचल : "आंटी अभी डेढ़ साल ही तो हुआ है शादी को , उसके लिए तो अभी बहुत टाइम है."
"तभी तो इतना सेक्सी फिगर मेनटेन किया हुआ है. इतना आसान थोड़ी है शादी के बाद." बगल में बैठी औरत बोल पड़ी.
"अच्छा हुआ हमारे जैसे मर्द नही हैं जो की एक महीने में ही सारा फिगर बिगाड़ देते हैं. दबा दबा के लटका देते हैं." रावत आंटी ने अपनी बड़ी लेकिन लटकी हुई चूचियों की तरफ इशारा करते हुए कहा.
आँचल शरमा गयी , अभी तो इन औरतों से परिचय हुआ है और ये ऐसे बातें करने लगी हैं.
"बेचारी को क्यों तंग कर रही हो. चलो कुछ काम नही है क्या ? ", विमला आंटी ने आकर उन औरतों को चुप करा दिया.
फिर रावत आंटी ने आँचल को दुल्हन से मिलवाया," सोनू ये है , आँचल. सुनील की बीवी. और आँचल ये है हमारी सोनू. बहुत होशियार है पढ़ाई में. हमेशा टॉप करती है."
आँचल ने देखा सोनू दिखने में सुंदर है. मासूम चेहरा, गोरा रंग, पतली नाक, बड़ी बड़ी आँखें.
उसके बाद विमला आंटी ने आँचल को शादी का अरैंजमेंट दिखाया , कहाँ पर मंडप है, कहाँ खाने का इंतज़ाम है वगैरह. शादी में काफ़ी लोग आ चुके थे पर आँचल के लिए वो अंजाने चेहरे थे. मर्दों की निगाहें अपने बदन पर आँचल ने महसूस की पर उसे इसकी आदत थी , वो अपने अंदाज़ में इठलाती हुई इधर उधर घूमती रही.
"अरे कोई ऊपर जाकर देखो सब ठीक से सज़ा है की नही ?" विमला आंटी ने आवाज़ लगाई.
"चलो आँचल ऊपर के कमरे देखते हैं." रावत आंटी बोली.
रावत आंटी अपने साथ आँचल को फर्स्ट फ्लोर पे ले गयी. वहाँ उन्होने पहला कमरा चेक किया , उसमे सब ठीक से सज़ा था.
तभी नीचे से विमला आंटी ने आवाज़ लगाई, "अलमारी की चाभी कहाँ है ? मिल नही रही …"
रावत आंटी बोली,"आँचल ये दो कमरे देख लो . मैं अभी चाभी देकर आती हूँ."
"ठीक है आंटी."
आँचल ने दूसरा कमरा देखा , वहाँ भी सब ठीक था. फिर तीसरे कमरे में गयी , वहाँ बेड पर चादर वगैरह ठीक से नही बिछी थी तो आँचल ने उसे ठीक कर दिया.
तभी आँचल को कुछ लोगों के बोलने की आवाज़ सुनाई दी. उसने कमरे की साइड वाली खिड़की से बाहर देखा तो उस तरफ की बालकनी में तीन लोग आपस में बातें कर रहे थे.
"यार अपनी तो किस्मत ही खराब है , ऐसी भैंस जैसी बीवी मिली है , चोदने का मन ही नही करता." पहला आदमी बोला , जो करीब 40 – 42 का होगा.
"हाँ यार मेरी बीवी के भी दूध लटक गये हैं , अब मज़ा नही आता. कोई नयी चीज़ हाथ लगे तो मज़ा आए." दूसरा आदमी बोला , जो करीब 50 बरस का होगा.
"यार रावतजी, पुलिस की नौकरी में मैंने बहुत औरतें चोदीं हैं. जब भी छापेमारी में कालगर्ल्स पकड़ता था तो बिना चोदे नही जाने देता था. मगर साला इसी चक्कर में सस्पेंड हो गया." तीसरा आदमी दूसरे की तरफ देखते हुए बोला, वो भी 50 बरस के आस पास का हट्टा कट्टा आदमी था.
यानी की दूसरे आदमी का नाम रावतजी है.
"अरे दारोगाजी ऐसा क्या कर दिया ? " , पहले आदमी ने पूछा.
"वर्माजी होना क्या था. एक बड़े कस्टमर ने अपने लिए देल्ही से दो कालगर्ल्स का इंतज़ाम किया. मुखबिर से मुझे ये जानकारी मिल गयी. मैं अपने खास बंदे लेकर होटेल पहुँच गया , जहाँ वो रंगरेलियाँ मना रहा था. मोटी आसामी हाथ लगी थी . वो आदमी कहने लगा , मेरा नाम खराब हो जाएगा. 2 लाख लेकर उस आदमी को छोड़ दिया और कालगर्ल्स की जमकर चुदाई की. अब बात ये है की मुझे गांड मारने का शौक़ है लेकिन वो लड़कियाँ गांड मरवाने को राज़ी नही हुई. ज़बरदस्ती करने में एक की हालत खराब हो गयी. उस समय तो मैंने डरा धमका कर कार से उन्हें भेज दिया पर वो रास्ते में हालत बिगड़ने पर हॉस्पिटल में भरती हो गयी . वहाँ से ये बात फैल गयी और दूसरे दिन अख़बार में छप गयी. और मुझे सस्पेंड कर दिया गया."
उसकी बातें सुनकर आँचल डर गयी ये तो बहुत खराब आदमी लगता है.
"अब ऐसे काम करोगे तो सस्पेंड तो होना ही था." रावतजी हंसते हुए बोला.
"अरे उस ऑरेंज साड़ी वाली हुस्न की परी को देखा क्या ? साली की चूचियाँ ब्लाउज फाड़ने को तैयार हैं." पहला आदमी वर्माजी बोला.
"हाँ , साली अधनंगी बन के आई है. पूरी पीठ नंगी है और ब्रा भी नही पहनी है. उसकी चिकनी गोरी पीठ चाटने का मन कर रहा है. साली का पति लगता है ज़ोर से चूचियाँ दबाता नही तभी तो तन के उठी हुई हैं. मेरे हाथ लगे तो दो हफ्तों में दबा दबा के लटका दूं." रावतजी की आवाज़ थी.
"इतनी फैशनेबल लड़की यहाँ की नही लगती , कहीं बाहर से आई होगी. साड़ी तो ऐसी पहनी है की मटकती हुई गांड देखकर कोई भी लार टपका दे." वर्माजी बोला.
"किसकी बात कर रहे हो यार तुम लोग. ये कौन हुस्न की परी आ गयी यहाँ ?" दारोगा की कुछ समझ नही आया.
"सुबह सुबह पी ली है क्या जो ऐसी खूबसूरत लड़की आँख नही दिख रही. चलो नीचे चलते हैं वहीं दिख जाएगी." रावतजी ने जवाब दिया.
आँचल अपने बारे में उन लोगों को ऐसे बात करते देखकर सन्न रह गयी. उसने सोचा सुनील ने ठीक ही कहा था, बैकलेस ब्लाउज नही पहनना चाहिए था , पर अब क्या हो सकता था.
फिर जब उसने सुना की वो लोग नीचे जाने की बात कर रहे हैं तो वो तेज़ी से कमरे से बाहर आकर नीचे आ गयी.
कुछ देर बाद आँचल को सुनील मिल गया. उन्हें बात करते हुए कुछ ही मिनट हुए होंगे तभी सुनील बोला," आँचल ये रावत अंकल हैं , जो आंटी से पहले मिलाया था ना , वो इनकी ही वाइफ है. और ये मेरी बीवी आँचल है."
सुनील की बात पर आँचल ने पीछे पलटकर देखा , ओह…………...उसकी सांस रुक गयी. ये वही आदमी था जो फर्स्ट फ्लोर में उसके बारे में अनाप शनाप बक रहा था.
आँचल को झिझकते देखकर सुनील ने उसे पैर छूने का इशारा किया.
आँचल ने उसके पैर छुए.
उसने आँचल की नंगी बाहों को पकड़ते हुए ऊपर उठा दिया.अपनी मुलायम बाँहो में रावत अंकल की मजबूत पकड़ को आँचल ने महसूस किया, कितना कस के पकड़ रहा है, निशान बना देगा क्या. आँचल ने उसकी आँखों में अपने लिए हवस देखी.
"अरे बहू तुम्हारी जगह पैरो में नही है." फिर सुनील से बोला, " सुनील तुम्हारी बीवी तो बहुत खूबसूरत है."
आँचल ने देखा इसकी नज़र मेरी चूचियों पर ही है. वो सोचने लगी सुनील इसकी इतनी रेस्पेक्ट कर रहा है और ये मुझ पर नज़रें गड़ाए है.
फिर आँचल उन दोनों को छोड़कर पंडाल में चली गयी.
"अरे आँचल कहाँ चली गयी , मैं कब से तुम्हें ढूँढ रही हूँ." रावत आंटी उसको देखते ही बोली.
"तुम्हारा आदमी भी मुझे ही ढूँढ रहा है." आँचल ने धीरे से जवाब दिया.
"क्या कहा आँचल ? मुझे सुनाई नही दिया…..."
"नही ……कुछ नही."
BAHUT BAHUT DHANYAWAD Destiny BHAIशानदार अपडेट अचल की आखिरजस्सी ने फाड़ ही दिया जिसके लिए इतना तम झाम किया था। रवि को मौका मिलेगा की विचारा सिर्फ हिला हलके कंगाल बन जाएगा
YEHI TO ISKA STYLE HAI Destiny BHAIमजे भी ले लिए अंचल की हालत भी खरब कर दिया सिर्फ इतना ही नही अंचल के पाती सुनील को भी झूट बता दिया अब आगे किया होगा।
MADAM KE DIWANE TO HAR JAGAH TEYAAR HOTE HAI Destiny BHAIअंचल शादी में गई वहा भी चाल चाल और पहनावा दिखाकर अपने दीवाने ढूंढ ही लिया अब देखते हैं आगे किया होता है।