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" रहल…।।रहुल……"
राहुल कानो में हैडफ़ोन लगा के फोल्डिंग स्टेर्कसे पे ३ स्टेप चढ़ के रैक में मिठाईया सजा के रख रहा था …।वो हमेसा की तरह अपने धुन में मदमस्त था ……।
जब किसी ने जब उसके ऊपर कलम फेका तो उसने देखा उसके सहयोगी उसे कुछ केह रहा हे और इसरा कर रहा हे …।।तब वो पीछे मुड़ के देखा और जल्दी से अपनी हैडफ़ोन उतर के अपना नेमप्लेट और एप्रन ठीक किया और ग्राहक की तरफ मुस्कुरा के स्वागत किया …।।
राहुल……।" सॉरी जी सॉरी जी सॉरी……वो में थोरा …… प्लीज बोलिये आपको क्या चाहिए…।"
एक ऐसी मुस्कान जिसमे दुनिया भूला दे जैसे किसी रहश्यमय सफ़र की रोमांस का एहसास करा दे …।रहुल उस मुस्कान की चक्रवात में गुम हो गया ………।
" जी मुझे कुछ नही चाहिए "
राहुल बिमोढ़ सा कुछ समझ नही पाया और हकलाने लगा……" जी जी…।आपको कुछ…।कुच नहीं…।।कुच नही चाहिए…।"
वो और गहराई से मुस्कुराई राहुल का भोलापन देख के उसकी हासी नही रुक रही थी ……।।
" हां मुझे कुछ नही चहिये"
राहुल…।।" तो फिर आप……।आप …।आप…।"
" हीहीही…।। If I am not wrong then you are Rahul, aren't you?…."
राहुल शर्मा गया …।" मैडम जी मुझे ऍंगरेजी नही आता……थोड़ा थोरा आता हे…।आप ये पूछ रही हे ना में राहुल हूँ की नही…।"
वो मुँह पे हाथ रख के हसने लगी……।" हां …।मे एहि पूछ रही हूँ……तुम ही राहुल हो न…।।"
राहुल अपनी बत्तीसी निकल के बोलै……।" हां में ही राहुल हूँ…।।आपको मुझसे कोई काम था……आपको मोबाइल का रिचार्ज करवाना हे…।"
राहुल का पार्ट टाइम जॉब था नेट्वोर्कोइंग रिचार्ज का …।वो समझ बैठा की वो महिला ग्राहक रिचार्ज करवाने आये हे …।लकिन वो बस हासे जा रही थी नजाने किस बात पे हास रही थी इतनी लेकिन उतनी ही खूबसूरत लग रही थी…।क्या राहुल की सकल पे कोई हासी चुट्ने वाली अंकन था …।।
" ओके ओके…।।कूल…।यो आर सो क्यूटेस्ट बॉय…।लेट में introduce…। आई एम नैना…।नैना अवस्थी …।"
राहुल…।।" अवस्थी …।मेरा भी सर नाम अवस्थी हे …क्या संयोग है ना……"
निना…।।" हां ये तो कोइंसिडेन्स ही हे…।। अच्चा दो महिने पहले कुछ हुआ था तुम्हे कुछ याद हे"
राहुल……" दो महीने पहले…।दो महीने पहले …।क्या हुआ था…।।"
उस हलवाई की दुकान में जितने भी करमसरी थे सब के सब टाक झाँक कर रहे थे राहुल और नैना की बिच में क्या बात हो रही उसके जान के लिए कोई पास से कोई इधर उधर घुम रहे थे कान खड़े और नज़रे गढ़ाये…।।उस वक़्त जगण लाल नही था स्टोर पे नही तो सबकी क्लास लगता …।।
नैना……"ओके तो तुम्हे कुछ याद नही आ रहा हे ……लगता हे बोहोटों की जान बचाई हे एक्सीडेंट से इस्लिये भूल गए कब किसको बचाया था …"
राहुल के दिमाग में बलघातपूर्ण यादें दौरने लगे और वो उत्चुक्त हो उठा अचानक …।।" ओह एक्सीडेंट वाली……आप …आप ज़िंदा बस गयी…।"
राहुल के बेलगाम जुबान से फिर कुछ गलत बोल निकल गया और उसे अफ़सोस होने लगे …नज़रे झुकाए बोला…।" सॉरी' वो मेरा वो मतलब नही था……"
नैना फिर हास् पड़ी…।" हां में बच गयी…।।गोड़ ब्लेस्सिंग्स और खास कर तुम्हारी वज़ह से…।।"
राहुल के दिल में खलबली होने लगा …।।उसके पुराने यादें ताज़ा हो गए …। वो खून से लत पथ चेहरे पे इतनी नयन हुस्न परी जैसी चेहरों को बड़े नसीबों में देख पा रहा था …। अचनाक दिल धड़क उठा जोरो से और आवेश में राहुल फिर बचकानी हरकत कर बैठा……।
नैना की माथे पे एक गहरी छोट की निशान थी बेहरहाल उसी दुर्घंता की शिनः था …।।और राहुल उस निसान पे हाथ लगने की कशिश करते हुए बोलै…।।" उसी छोट का निसान हे ये…"
नैना को भी उम्मीद नही थी और त्वरित प्रतिक्रिया उसको दो कदम पीछे लायी……कोई और होता तो वो जुटे निकल के पिटाई शुरू करती …।।लकिन राहुल का नेचर देख के समझ गया की राहुल कैसा हे और उसके पति ने भी बताया था की राहुल एक दम बच्चा है……
राहुल ऐम्बर्रेस्सेड हो कर हाथ खिंच के मन में बोलने लगा " में भी न क्या करता हूँ…।वो मेरे बारे में क्या सोच रही होगी…"
नैना……।" हां उसी एक्सीडेंट की छोट का नीसान हे…।।मे अब बिलकुल ठीक हूँ…।। एक्चुअली में तुम्हे थैंक्यू केहने आया ह"
राहुल…।" इसकी क्या ज़रूरत हे …।कोइ भी होता एहि करता …। मेंने तो बस एम्बुलेंस बुलायया हे…डॉक्टर ने आपकी जान बचाई हे…"
नैना…।।" अगर मुर्गी अंडे नही देता तो सुंजा कैसे होता …।"
राहुल मुस्कुराया…।" हां ये भी सही हे ……अब आप ठीक हे पूरी तरह स।""
नैना…।" हाँ बिलकुल…।कोइ दिनों से में तुम से मिल के थैंक्स केहने का सोच रही थी …।।लकिन सोचती थी की सिर्फ थैंक्स तुम्हारा क़र्ज़ अदा नही कर सकती इसलिए आने में देर हो गयी…।। बोहोत बोहोत शुक्रिया राहुल…।"
राहुल…।।" कोई बात नहीं…।। रुकिये आपको में कुछ देता हूँ हमारी स्टोर की तरफ से और आप पूरी तरह से ठीक होने की ख़ुशी मे"
राहुल ने दो स्वीट पैक कर दिया …।।" ये हमारी खास स्वीट डिश हे राबरी और मोहन थाल "
नैना…।" ओह इसकी क्या ज़रूरत थी …।थिक हे में ये एक ही शर्त ले जाउंगी……तुम्हे आज रात मेरे घर डिनर में आना होगा…"
राहुल कुछ सोचने लगा और असहज हो गया…।।" पर …।।मे आप…ठीक हे अगर आप कहते हे तो …।"
नैना…।" ओके डॉन…।।मे और मेरे हस्बैंड तुम्हारा इंतेज़ार करेंगे …।।"
राहुल…।" ठीक हे …।। पर आप रहती कहा हे…।"
निना…।।" एहि २ किलोमीटर की एरिया में …।।३५ स्ट्रीट सरवाली कॉलोनी हाउस नो विंग डी ५६७ …।।एक मिनट मेरा नंबर लो रास्ता भटक जाओ तो मुझे कॉल कर लेण।।"
नैना राहुल की दी हुई पेकेज ले के चली गयी…………राहुल मोबाइल में नैना की नंबर को देख के मुस्कुराने लगा………।
उसके बाद बाकि कर्मसारिओं ने घेर लिया और सवाल पे सवाल करने लगे ……।
" राहुल कौन थि"
" एक्सीडेंट वाली थी क्या "
" क्या खूबसूरत हे"
" क्या बात की इतनी देर तुमसे"
" अरे बोल न कुच"
राहुल……" वो मुझे thank यू केहने आई थी……और डिनर पे बुलया"
" देखा मैंने कहा था तुम सबको…।रहुल को लाइन दे रही हे"
राहुल…।।" हट्ट कैसी बातें कर रहे हो …।वो बस थैंक यू केहने आई थी…।।उसका हस्बैंड पुलिस इंस्पेक्टर हे "
" क्या……पुलिस…।।अ तो फिर मत जाना ……।।पता हे न मामू लाग कैसे पेलते हे…।।"
" रहल…।।रहुल……"
राहुल कानो में हैडफ़ोन लगा के फोल्डिंग स्टेर्कसे पे ३ स्टेप चढ़ के रैक में मिठाईया सजा के रख रहा था …।वो हमेसा की तरह अपने धुन में मदमस्त था ……।
जब किसी ने जब उसके ऊपर कलम फेका तो उसने देखा उसके सहयोगी उसे कुछ केह रहा हे और इसरा कर रहा हे …।।तब वो पीछे मुड़ के देखा और जल्दी से अपनी हैडफ़ोन उतर के अपना नेमप्लेट और एप्रन ठीक किया और ग्राहक की तरफ मुस्कुरा के स्वागत किया …।।
राहुल……।" सॉरी जी सॉरी जी सॉरी……वो में थोरा …… प्लीज बोलिये आपको क्या चाहिए…।"
एक ऐसी मुस्कान जिसमे दुनिया भूला दे जैसे किसी रहश्यमय सफ़र की रोमांस का एहसास करा दे …।रहुल उस मुस्कान की चक्रवात में गुम हो गया ………।
" जी मुझे कुछ नही चाहिए "
राहुल बिमोढ़ सा कुछ समझ नही पाया और हकलाने लगा……" जी जी…।आपको कुछ…।कुच नहीं…।।कुच नही चाहिए…।"
वो और गहराई से मुस्कुराई राहुल का भोलापन देख के उसकी हासी नही रुक रही थी ……।।
" हां मुझे कुछ नही चहिये"
राहुल…।।" तो फिर आप……।आप …।आप…।"
" हीहीही…।। If I am not wrong then you are Rahul, aren't you?…."
राहुल शर्मा गया …।" मैडम जी मुझे ऍंगरेजी नही आता……थोड़ा थोरा आता हे…।आप ये पूछ रही हे ना में राहुल हूँ की नही…।"
वो मुँह पे हाथ रख के हसने लगी……।" हां …।मे एहि पूछ रही हूँ……तुम ही राहुल हो न…।।"
राहुल अपनी बत्तीसी निकल के बोलै……।" हां में ही राहुल हूँ…।।आपको मुझसे कोई काम था……आपको मोबाइल का रिचार्ज करवाना हे…।"
राहुल का पार्ट टाइम जॉब था नेट्वोर्कोइंग रिचार्ज का …।वो समझ बैठा की वो महिला ग्राहक रिचार्ज करवाने आये हे …।लकिन वो बस हासे जा रही थी नजाने किस बात पे हास रही थी इतनी लेकिन उतनी ही खूबसूरत लग रही थी…।क्या राहुल की सकल पे कोई हासी चुट्ने वाली अंकन था …।।
" ओके ओके…।।कूल…।यो आर सो क्यूटेस्ट बॉय…।लेट में introduce…। आई एम नैना…।नैना अवस्थी …।"
राहुल…।।" अवस्थी …।मेरा भी सर नाम अवस्थी हे …क्या संयोग है ना……"
निना…।।" हां ये तो कोइंसिडेन्स ही हे…।। अच्चा दो महिने पहले कुछ हुआ था तुम्हे कुछ याद हे"
राहुल……" दो महीने पहले…।दो महीने पहले …।क्या हुआ था…।।"
उस हलवाई की दुकान में जितने भी करमसरी थे सब के सब टाक झाँक कर रहे थे राहुल और नैना की बिच में क्या बात हो रही उसके जान के लिए कोई पास से कोई इधर उधर घुम रहे थे कान खड़े और नज़रे गढ़ाये…।।उस वक़्त जगण लाल नही था स्टोर पे नही तो सबकी क्लास लगता …।।
नैना……"ओके तो तुम्हे कुछ याद नही आ रहा हे ……लगता हे बोहोटों की जान बचाई हे एक्सीडेंट से इस्लिये भूल गए कब किसको बचाया था …"
राहुल के दिमाग में बलघातपूर्ण यादें दौरने लगे और वो उत्चुक्त हो उठा अचानक …।।" ओह एक्सीडेंट वाली……आप …आप ज़िंदा बस गयी…।"
राहुल के बेलगाम जुबान से फिर कुछ गलत बोल निकल गया और उसे अफ़सोस होने लगे …नज़रे झुकाए बोला…।" सॉरी' वो मेरा वो मतलब नही था……"
नैना फिर हास् पड़ी…।" हां में बच गयी…।।गोड़ ब्लेस्सिंग्स और खास कर तुम्हारी वज़ह से…।।"
राहुल के दिल में खलबली होने लगा …।।उसके पुराने यादें ताज़ा हो गए …। वो खून से लत पथ चेहरे पे इतनी नयन हुस्न परी जैसी चेहरों को बड़े नसीबों में देख पा रहा था …। अचनाक दिल धड़क उठा जोरो से और आवेश में राहुल फिर बचकानी हरकत कर बैठा……।
नैना की माथे पे एक गहरी छोट की निशान थी बेहरहाल उसी दुर्घंता की शिनः था …।।और राहुल उस निसान पे हाथ लगने की कशिश करते हुए बोलै…।।" उसी छोट का निसान हे ये…"
नैना को भी उम्मीद नही थी और त्वरित प्रतिक्रिया उसको दो कदम पीछे लायी……कोई और होता तो वो जुटे निकल के पिटाई शुरू करती …।।लकिन राहुल का नेचर देख के समझ गया की राहुल कैसा हे और उसके पति ने भी बताया था की राहुल एक दम बच्चा है……
राहुल ऐम्बर्रेस्सेड हो कर हाथ खिंच के मन में बोलने लगा " में भी न क्या करता हूँ…।वो मेरे बारे में क्या सोच रही होगी…"
नैना……।" हां उसी एक्सीडेंट की छोट का नीसान हे…।।मे अब बिलकुल ठीक हूँ…।। एक्चुअली में तुम्हे थैंक्यू केहने आया ह"
राहुल…।" इसकी क्या ज़रूरत हे …।कोइ भी होता एहि करता …। मेंने तो बस एम्बुलेंस बुलायया हे…डॉक्टर ने आपकी जान बचाई हे…"
नैना…।।" अगर मुर्गी अंडे नही देता तो सुंजा कैसे होता …।"
राहुल मुस्कुराया…।" हां ये भी सही हे ……अब आप ठीक हे पूरी तरह स।""
नैना…।" हाँ बिलकुल…।कोइ दिनों से में तुम से मिल के थैंक्स केहने का सोच रही थी …।।लकिन सोचती थी की सिर्फ थैंक्स तुम्हारा क़र्ज़ अदा नही कर सकती इसलिए आने में देर हो गयी…।। बोहोत बोहोत शुक्रिया राहुल…।"
राहुल…।।" कोई बात नहीं…।। रुकिये आपको में कुछ देता हूँ हमारी स्टोर की तरफ से और आप पूरी तरह से ठीक होने की ख़ुशी मे"
राहुल ने दो स्वीट पैक कर दिया …।।" ये हमारी खास स्वीट डिश हे राबरी और मोहन थाल "
नैना…।" ओह इसकी क्या ज़रूरत थी …।थिक हे में ये एक ही शर्त ले जाउंगी……तुम्हे आज रात मेरे घर डिनर में आना होगा…"
राहुल कुछ सोचने लगा और असहज हो गया…।।" पर …।।मे आप…ठीक हे अगर आप कहते हे तो …।"
नैना…।" ओके डॉन…।।मे और मेरे हस्बैंड तुम्हारा इंतेज़ार करेंगे …।।"
राहुल…।" ठीक हे …।। पर आप रहती कहा हे…।"
निना…।।" एहि २ किलोमीटर की एरिया में …।।३५ स्ट्रीट सरवाली कॉलोनी हाउस नो विंग डी ५६७ …।।एक मिनट मेरा नंबर लो रास्ता भटक जाओ तो मुझे कॉल कर लेण।।"
नैना राहुल की दी हुई पेकेज ले के चली गयी…………राहुल मोबाइल में नैना की नंबर को देख के मुस्कुराने लगा………।
उसके बाद बाकि कर्मसारिओं ने घेर लिया और सवाल पे सवाल करने लगे ……।
" राहुल कौन थि"
" एक्सीडेंट वाली थी क्या "
" क्या खूबसूरत हे"
" क्या बात की इतनी देर तुमसे"
" अरे बोल न कुच"
राहुल……" वो मुझे thank यू केहने आई थी……और डिनर पे बुलया"
" देखा मैंने कहा था तुम सबको…।रहुल को लाइन दे रही हे"
राहुल…।।" हट्ट कैसी बातें कर रहे हो …।वो बस थैंक यू केहने आई थी…।।उसका हस्बैंड पुलिस इंस्पेक्टर हे "
" क्या……पुलिस…।।अ तो फिर मत जाना ……।।पता हे न मामू लाग कैसे पेलते हे…।।"
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