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भाग 6
रात में हम दोनों बाप बेटी एक ही बेड पर सो गए रात में सोते वक्त मैं ख्याल रख रहा था कि मेरा शरीर उसके साथ टच ना हो इसलिए मैं एक तरफ मुंह करके सो रहा था वह दूसरी तरफ करके सो गई रितिका भी मन ही मन सोच रही थी कि आज हमें पहली बार पापा के साथ एक ही बेड पर सो रही हूं मुझसे कहीं कुछ गलती ना हो जाए मेरा मतलब कहीं मेरे हाथ पैर उनके ऊपर ना चला जाए घर में तो मम्मी के साथ चिपक के सोती थी अपना पैर भी उनके ऊपर डालकर सोती थी तो वह कुछ नहीं बोलती थी यही सब सोते हुए दोनों बाप बेटी सो गए सुबह करीब 7:00 शेखर जी की नींद खुली तो उन्होंने देखा कि उनकी बेटी अभी भी सो रही है तो वह उठकर चाय बनाने के लिए चले गए किचन में फिर दो कप चाय बनाई और चाय लेकर वापस रूम में आए तो उन्होंने देखा कि उनकी बेटी अभी भी सो रही है तो उन्होंने सोचा कि शायद रात में नींद ठीक से नहीं आई होगी क्योंकि आज पहली बार वह घर से बाहर आई थी तो नहीं जगह की वजह से नींद नहीं आई होगी इसी वजह से अभी तक सो रही है फिर उन्होंने रितिका को आवाज दी बेटा रितु उठ जाओ 8:00 बजने वाला है फिर भी वह नहीं उठी तो उसके मुंह पर से चादर हटाया और उसके करीब जाकर आवाज दी रितु बेटा उठ जाओ फिर उसकी आंख खुल गई फिर वह अपने पापा को देखकर बोली पापा आप उठ गए कितना टाइम हो गया तो शेखर जी ने कहा 8:00 बजने वाला है रितिका क्या 8:00 बज गए सॉरी पापा मेरी नींद नहीं खुली इसलिए मैं सो के रह गई शेखर जी ठीक है कोई बात नहीं यह लो चाय पियो रितिका क्या आपने चाय बनाई और नहीं तो क्या यहां तुम्हारी मां तो है नहीं कि वह चाय बना कर देगी ओ सब छोड़ो और यह लो चाय पी ओ ठंडी हो जाएगी फिर दोनों ने चाय पिया और शेखर जी ने कहा बेटा मैं खाना बनाने के लिए राशन लेकर आता हूं तब तक तुम घर की साफ-सफाई कर लो ठीक है पापा आप जाइए लेकर आई मैं तब तक झाड़ू लगाकर साफ सफाई कर देती हूं फिर शेखर जी राशन और सब्जी लेकर आ गए यह लो बेटा राशन आ गया है ठीक है पापा वहीं पर रखिए मैं गैस पर चावल चढ़ा कर आ रही हूं जब तक चावल पक्केगा तब तक मैं सब्जी काटकर रेडी कर लूंगी शिखरजी मैं भी तुम्हारी मदद कर देता हूं रितु नहीं पापा आप रहने दीजिए मैं कर लूंगी बेटा मैं खाली बैठकर क्या करूंगा कुछ ना कुछ तुम्हारी मदद कर देता हूं ना रितिका नहीं नहीं आपको कुछ मदद करने की जरूरत नहीं है मैं कर लूंगी और आप बैठिए मत जाकर नहा धोकर रेडी हो जाइए शेखर जी सिर्फ नहाना ही तो है बाद में नहा लूंगा और वैसे भी आज संडे है आज कहीं जाना नहीं है घर में ही रहना है रितिक ने कहा ठीक है आज कहीं जाना नहीं है तो जाइए बैठ कर आराम कीजिए टीवी देखिए शेखर जी काश तुम्हारी मां भी तुम्हारी जैसी होती है रितिका मतलब मैं समझी नहीं शेखर मतलब यह कि आज तुम्हारी जगत तुम्हारी मां होती तो मुझे कितनी बात सुना चुकी होती कि यह चीज करो वह चीज करो और तुम हो कि मुझे एक भी काम नहीं करने दे रही हो रितिका अच्छा आप चाहते हैं कि मेरी जगह पर मँ यहां पर आ जाए शेखर अरे नहीं मैं तो तुम्हारी तारीफ कर रहा हूं रितिका आप मेरी तारीफ कर रहे हैं कि मेरी मां की बुराई कर रहे हैं अच्छा सॉरी बाबा और कुछ नहीं बोलूंगा तुम्हारी मां के बारे में वैसे एक बात बोलूं गुस्सा तो नहीं होगी रितिका क्या बोलिए गुस्सा नहीं करूंगी तुम्हारी जैसी बीवी जिसको मिलेगी उसकी जिंदगी धन्य हो जाएगा रितिका मतलब आप साफ-साफ कहिए ना की दूसरी शादी करना चाह रहे हैं मेरी मां अच्छी नहीं है यार तुम फिर गलत समझ रही हो मैं तुम्हारी तारीफ कर रहा हूं और तुम उल्टा समझ रही हो और तुम्हारी मां अच्छी है नहीं है अब वह सब बात करके क्या फायदा अब मैं इस उम्र में शादी करने करूंगा कौन मुझे लड़की देगा अच्छा तो मतलब लड़की मिलेगी तो आप शादी करेंगे शेखर अच्छा सॉरी बाबा मुझसे गलती हो गई जो मैंने तुम्हारी तारीफ कर दी अब मैं और कुछ नहीं बोलूंगा मेरी मां मुझे माफ कर दो फिर रितिका मुस्कुराते हुए ठीक है मैंने माफ किया मेरे बच्चे और दोनों हंसने लगे रितिका ओ हो पापा मैं तो आपकी बातों में लग गई और मैं उधर चावल चढ़ा कर आईह हूँ वह तो मैं भूल ही गई और दौड़कर किचन में चली गई फिर वहीं से अपने पापा से बोली पापा आपा जाइए नहा लीजिए तब तक खाना बन जाएगा फिर मैं भी नहाउंगी शेखर जी ठीक है बेटा मैं जा रहा हूं नहाने के लिए और नहाने चले गए और नहाने के बाद वह अपने खुले हुए कपड़े वहीं पर छोड़ दिए यह सोचकर कि रितिक जब अपने कपड़े धोएगी तो मेरे भी धो देगी फिर बाथरूम से बाहर निकले तो उधर रितिका भी किचन से आ रही थी तो उन्होंने कहा कि बेटा मेरा नहाना हो गया रितिका हां पापा मेरा भी खाना बन गय आप थोड़ी देर बैठिए तब तक मैं नहा कर आती हूं शेखर जी हां ठीक है तुम आराम से नहा कर आओ
आगे की कहानी अगले भाग में
रात में हम दोनों बाप बेटी एक ही बेड पर सो गए रात में सोते वक्त मैं ख्याल रख रहा था कि मेरा शरीर उसके साथ टच ना हो इसलिए मैं एक तरफ मुंह करके सो रहा था वह दूसरी तरफ करके सो गई रितिका भी मन ही मन सोच रही थी कि आज हमें पहली बार पापा के साथ एक ही बेड पर सो रही हूं मुझसे कहीं कुछ गलती ना हो जाए मेरा मतलब कहीं मेरे हाथ पैर उनके ऊपर ना चला जाए घर में तो मम्मी के साथ चिपक के सोती थी अपना पैर भी उनके ऊपर डालकर सोती थी तो वह कुछ नहीं बोलती थी यही सब सोते हुए दोनों बाप बेटी सो गए सुबह करीब 7:00 शेखर जी की नींद खुली तो उन्होंने देखा कि उनकी बेटी अभी भी सो रही है तो वह उठकर चाय बनाने के लिए चले गए किचन में फिर दो कप चाय बनाई और चाय लेकर वापस रूम में आए तो उन्होंने देखा कि उनकी बेटी अभी भी सो रही है तो उन्होंने सोचा कि शायद रात में नींद ठीक से नहीं आई होगी क्योंकि आज पहली बार वह घर से बाहर आई थी तो नहीं जगह की वजह से नींद नहीं आई होगी इसी वजह से अभी तक सो रही है फिर उन्होंने रितिका को आवाज दी बेटा रितु उठ जाओ 8:00 बजने वाला है फिर भी वह नहीं उठी तो उसके मुंह पर से चादर हटाया और उसके करीब जाकर आवाज दी रितु बेटा उठ जाओ फिर उसकी आंख खुल गई फिर वह अपने पापा को देखकर बोली पापा आप उठ गए कितना टाइम हो गया तो शेखर जी ने कहा 8:00 बजने वाला है रितिका क्या 8:00 बज गए सॉरी पापा मेरी नींद नहीं खुली इसलिए मैं सो के रह गई शेखर जी ठीक है कोई बात नहीं यह लो चाय पियो रितिका क्या आपने चाय बनाई और नहीं तो क्या यहां तुम्हारी मां तो है नहीं कि वह चाय बना कर देगी ओ सब छोड़ो और यह लो चाय पी ओ ठंडी हो जाएगी फिर दोनों ने चाय पिया और शेखर जी ने कहा बेटा मैं खाना बनाने के लिए राशन लेकर आता हूं तब तक तुम घर की साफ-सफाई कर लो ठीक है पापा आप जाइए लेकर आई मैं तब तक झाड़ू लगाकर साफ सफाई कर देती हूं फिर शेखर जी राशन और सब्जी लेकर आ गए यह लो बेटा राशन आ गया है ठीक है पापा वहीं पर रखिए मैं गैस पर चावल चढ़ा कर आ रही हूं जब तक चावल पक्केगा तब तक मैं सब्जी काटकर रेडी कर लूंगी शिखरजी मैं भी तुम्हारी मदद कर देता हूं रितु नहीं पापा आप रहने दीजिए मैं कर लूंगी बेटा मैं खाली बैठकर क्या करूंगा कुछ ना कुछ तुम्हारी मदद कर देता हूं ना रितिका नहीं नहीं आपको कुछ मदद करने की जरूरत नहीं है मैं कर लूंगी और आप बैठिए मत जाकर नहा धोकर रेडी हो जाइए शेखर जी सिर्फ नहाना ही तो है बाद में नहा लूंगा और वैसे भी आज संडे है आज कहीं जाना नहीं है घर में ही रहना है रितिक ने कहा ठीक है आज कहीं जाना नहीं है तो जाइए बैठ कर आराम कीजिए टीवी देखिए शेखर जी काश तुम्हारी मां भी तुम्हारी जैसी होती है रितिका मतलब मैं समझी नहीं शेखर मतलब यह कि आज तुम्हारी जगत तुम्हारी मां होती तो मुझे कितनी बात सुना चुकी होती कि यह चीज करो वह चीज करो और तुम हो कि मुझे एक भी काम नहीं करने दे रही हो रितिका अच्छा आप चाहते हैं कि मेरी जगह पर मँ यहां पर आ जाए शेखर अरे नहीं मैं तो तुम्हारी तारीफ कर रहा हूं रितिका आप मेरी तारीफ कर रहे हैं कि मेरी मां की बुराई कर रहे हैं अच्छा सॉरी बाबा और कुछ नहीं बोलूंगा तुम्हारी मां के बारे में वैसे एक बात बोलूं गुस्सा तो नहीं होगी रितिका क्या बोलिए गुस्सा नहीं करूंगी तुम्हारी जैसी बीवी जिसको मिलेगी उसकी जिंदगी धन्य हो जाएगा रितिका मतलब आप साफ-साफ कहिए ना की दूसरी शादी करना चाह रहे हैं मेरी मां अच्छी नहीं है यार तुम फिर गलत समझ रही हो मैं तुम्हारी तारीफ कर रहा हूं और तुम उल्टा समझ रही हो और तुम्हारी मां अच्छी है नहीं है अब वह सब बात करके क्या फायदा अब मैं इस उम्र में शादी करने करूंगा कौन मुझे लड़की देगा अच्छा तो मतलब लड़की मिलेगी तो आप शादी करेंगे शेखर अच्छा सॉरी बाबा मुझसे गलती हो गई जो मैंने तुम्हारी तारीफ कर दी अब मैं और कुछ नहीं बोलूंगा मेरी मां मुझे माफ कर दो फिर रितिका मुस्कुराते हुए ठीक है मैंने माफ किया मेरे बच्चे और दोनों हंसने लगे रितिका ओ हो पापा मैं तो आपकी बातों में लग गई और मैं उधर चावल चढ़ा कर आईह हूँ वह तो मैं भूल ही गई और दौड़कर किचन में चली गई फिर वहीं से अपने पापा से बोली पापा आपा जाइए नहा लीजिए तब तक खाना बन जाएगा फिर मैं भी नहाउंगी शेखर जी ठीक है बेटा मैं जा रहा हूं नहाने के लिए और नहाने चले गए और नहाने के बाद वह अपने खुले हुए कपड़े वहीं पर छोड़ दिए यह सोचकर कि रितिक जब अपने कपड़े धोएगी तो मेरे भी धो देगी फिर बाथरूम से बाहर निकले तो उधर रितिका भी किचन से आ रही थी तो उन्होंने कहा कि बेटा मेरा नहाना हो गया रितिका हां पापा मेरा भी खाना बन गय आप थोड़ी देर बैठिए तब तक मैं नहा कर आती हूं शेखर जी हां ठीक है तुम आराम से नहा कर आओ
आगे की कहानी अगले भाग में
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