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Superb waiting for next dhamaka
बेरहम
अपडेट 7
बिरजु ने मुड कर देखा तो कांता काकी थी
कांता काकी
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बढ़ई की बीवी थी उनके घर में तीन लोग हैं
1 राजन काका जो एक बढ़ई है उनकी उम्र 40
थोड़ी सी तोंड निकली हुई ।
2 कावेरी
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राजन की और कांता की बेटी उम्र 18 साल
बिलकुल ही मस्त 18 साल की लड़की, बिरजु को भइया कहती है तो बिरजु भी कभी उसके बारे में गलत नहीं सोचा, लेकिन उसके बारे में बिरजु सुना है कई लोगो से कि कावेरी और रोहन (राजू के दोस्त ) को कई बार अकेले में देखा गया है।
ये कावेरी माल भी बहुत मस्त है जिसे देखकर ही लंड खड़ा हो जाए। शरीर बेहद कामुक गेहुआं रंग
बिरजु मन में ---
राजू से मिलना तो रोहन का बहाना था असल में वो तो कावेरी से मिलने के लिए हमारे गांव आता है ।
बिरजु कावेरी के बारे में सोचने लगा
इतनी सी उमर में भी स्तन और गांड बहुत बड़े बड़े हैं..या हो भी क्यों ना अपनी मां पर जो गई है कांता काकी के भी सब कुछ बड़े बड़े हैं...
कांता काकी उम्र 38
एक दम फ्रैंक नेचर सबसे हंस कर बात करना और ये मज़ाक भी बहुत करती है ऐसे वाले... डबल मीनिंग बातें भी करती हैं...
चूचियां ऐसी जो हमेशा ब्लाउज के बाहर आने को बेताब रहती हैं और आएं भी क्यों न पपीते जैसी बड़ी बड़ी उनके नीचे कामुक गदराया हुआ गोरा गोरा पेट, जो साड़ी और ब्लाऊज़ के बीच से हमेशा लुभाता रहता है साड़ी हमेशा नाभी से एक इंच नीचे रहती है जिससे कि कामुक गोल नाभी के भी दर्शन होते रहते हैं नाभी भी ऐसी की देखकर जीभ डालकर चाटने का मन करता है, और फिर थोड़ा नीचे पीछे घूमें तो आते हैं चाची के गोल मटोल और बड़े से चूतड़, हाय चूतड़ ऐसे जो साड़ी को हमेशा उठाए रहते हैं ऐसा लगता है साड़ी के अंदर दो तरबूज़ रखे हैं चाची ने, तो ये हैं बिरजु की कांता काकी)
बिरजु- नमस्ते काकी
कांता- नमस्ते बीटवा.. अच्छा हुआ तू मिल गया.. नहीं तो मुझे इतनी दूर जाना पड़ता...
बिरजु- क्या हुआ काकी कोई परशानी
कांता- अरे नहीं बछुआ कोई परशानी नहीं बस वो मैं तेरे घर जाने वाली ही थी तुमने खीरे उगाय है न तु मेरे लिए खीरे ला दे घर का भी बहुत काम करना है....
बिरजु को समझते देर नही लगी कि काकी क्या करेंगी उस खीरे का
बिरजु- बिलकुल काकी ले आऊंगा कितने खीरे चाहिए...
कांता- 1 किलो ले आओ सुन ज्यादा मोटे मत लाना जो मध्यम आकार के हो उसमें मजा आता है ।
बिरजु - क्या काकी आप को खीरे चाहिए ... और
मुझे तो पक्के आम चाहिए हैं...
ये कहते हुए बिरजु की नज़र कांता के ब्लाउज से बहार दिखते हुए आम पर मेरा मतलब है![]()
चुचीयों पर चली गई ....
कांता ने भी शायद ये करते बिरजु को देखा लिया तो बोल पड़ी
कांता- अरे बीटवा तुम आओ तो सही तुमको पक्के आम हम खिला देंगे तुम अभी हमारे लिए बस खीरे ला दो
मैंने जैसा बताया कांता काकी बहुत मजाकिया हैं और डबल मीनिंग बातें करने में इन्हें बड़ा मजा आता है
बिरजु भी बोल दिया
बिरजु- काकी आपके आम मीठे तो होंगे ना...
कांता- बछुआ तूने इतने रसील आम कभी नहीं चखे होंगे तू कभी चखने आ तो सही..
बिरजु- फिर तो बढ़िया है काकी मैं अभी आपके लिए खीरे तोड़कर लाता हूं.. तबी आप अपने आम खिला देना...
इतना सुंकर कांता काकी हंसते हुए कहने लगी...
कांता - हमारा बचुआ बड़ा हो गया है लगता है..अब बातों में मत लग और जा खीरे लेकर आ...
बिरजु- काकी आपके लिए तो मैं छोटा ही हूं, मेरा खीरा कितना भी बड़ा कितना ही मोटा क्यों ना हो जाए... ही ही ही
कांता - अब जा पागल है तू ....
कांता ये कहते हुए चली गई और मैं भी उनकी गांड देख कर लंड खुजाने लगा और अपने घर की ओर निकल गया ...
बिरजु घर में पहुच कर अम्मा को बोला के..
बिरजु- 1 किलो खीरे जो कल बड़ी अम्मा खेत से तोड़ कर लीई थी कांता काकी ने मांगे हैं..
सुशीला - समझ जाती है कि क्यो कांता ने खीरे मांगे है ।
क्यो कि गांव के आधे से ज्यादा लोगो ये बात पता थी कि राजन बढ़ई के लिंग पे चोट लगने कि वजह से अब उसका लिंग खड़ा नही होता है ।
लेकीन बिरजु को और उसकी उमर के लोगो को ये बात नही पता थी ।
फिर सुशीला ने खीरे को एक थाइले में भर दिए और बिरजु कांता काकी के घर की और निकलने लगा तो अम्मा बोली ..
सुशीला - सुन बीटवा तू पैसे वगेरा की बात मत करना
बिरजु- ठीक है अम्मा मैं वैसे भी नहीं करता..
अम्मा - चल ठीक है जा तू...
इतना कहकर बिरजु कांता काकी के घर की ओर निकला गया...
Niceबेरहम
Update 1
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तो यही कहानी है, , (बिरजु) की
सुशीला......(42) साल, बिरजु की मां
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सुशीला की शादी 18साल की उम्र में हो गयी थी, 18 साल की उम्र में सुशीला की लम्बाइ करीब 5.6 की थी, लेकीन थोड़ी पतली, खुबसुरत तो वो थी ही, क्यूकीं पूरा गांव जो उसके पिछे मडराता रहता था, तो उसके घरवालो ने उसकी शादी कर दिया
रमेश.....(30) साल सुशीला का पति
रमेश अपने बाप बनने के कारण बहुत खुश था , रमेश एक बहुत ही इमानदार और होनहार आदमी था, दिन भर खेतो में अपने भाइ के साथ काम करता , बिरजु के पैदा होने के 5 साल के बाद ही रमेश की मौत हो गयी
सुधिया.....(48) सुशीला की जेठानी
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मदमस्त हथीनी जैसी चाल, बड़ी बड़ी चुचीयां और गांड तो ऐसी उठी हुइ की गावं वालो का लंड उसके गांड ने ही खड़ा कीया रहता है,
अनन्या...(21) सुधिया की बेटी,
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राजू.....(18) सुधिया का बेटा,
बिरजु......(19) सुशीला का बेटा
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बिरजु के पिता की मौत के बाद पुरे घर की जिम्मेदारी उसके हाथो में थी,
बिरजु के ताऊ रजीन्दर सुधिया का मरद ही बिरजु के साथ काम मे लगा रहता है.......,
बिरजु रात के 9 बजे खेत के बने झोपड़े मे पंपुसेट मे पानी की पाइप लगा कर, खेतो में फैला रहा था....जाड़े के दिन थे और गेहु के खेत की पहली सीचांइ थी, बिरजु खेत में पाइप फैला चुका था, और वो वापस झोपड़े में आया तो देखा उसके बड़े पापा रजिंदर खाट पर बैठे थे,
रजिंदर-- बिरजु बेटा जा तू घर पर खाना खा ले, और आज वही रुक जा, ठंडी बहुत है, मै खेत की सिचाइ कर लूगां ।
बिरजु-- ठीक है, बड़े पापा और बिरजु खेत पर बने मेड़ पर अपने कदम चलाने लगता है।
वो अपने घर के पिछवाड़े पहुचा ही था की उसे एक औरत दिखाइ दी जो अपनी साड़ी उपर कर के शायद मुत रही थी,
बिरजु घर के पिछे झाड़ीयो में छिप गया और देखने लगा, वो औरत अपनी बड़ी बड़ी गांड लिये अपने बुर से बड़ी मोटी धार निकाल कर मुत रही थी,
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बिरजु के घर के आंगन मे लगा बल्ब की रौशनी उस औरत की गांड पर पड़ रहा था, उसकी चौड़ी और गोल गांड देखकर बिरजु का लंड खड़ा होने लगता है,
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बिरजु मन मे-- आय हाय क्या गांड है, कसम से मिल जाये तो मार मार के फाड़ दू, लेकीन ये औरत है कौन? थोड़ी देर रुकता हू पता चल जायेगा,
वो औरत मुतने के बाद खड़ी हो जाती है और जैसे ही जाने के लिये घुमती है, बिरजु उस औरत का चेहरा देख सकपका जाता है,
बिरजु मन मे-- अरे बाप रे ये तो सुधिया (बड़ी मां)
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है, बाप रे बड़ी मां की गांड तो जबरदस्त है, तो बुर कैसा होगा....यही सब सोचते हुए बिरजु झाड़ीयो से उठा और घर पर आ जाता है.....और वैसे भी बिरजु सब का चहेता था.....,
घर के अंदर जैसे ही बिरजु जाता है,
सुधिया-- अरे आ गया मेरा बेटा, आजा मेरे पास
बिरजु जा कर सुधिया के बगल खाट पर बैठ जाता है,
सुधिया-- अरे मेरा बेटा बैठा क्यूं है, इतना काम करता है, थक गया होगा आजा मेरी गोद में सर रख कर थोड़ा लेट जा,
बिरजु खाट पर लेटे लेटे अपना सर सुधिया की गोद में रख देता है,
बिरजु अपना सर बड़ी मां के गोद मे रखे उस दृश्य को याद करने लगता है जो आज उसने घर के पिछवाड़े अपनी बड़ी की बड़ी गांड को देखा था, बिरजु का लंड बेकाबू होने लगा और अपनी औकात पर खड़ा हो गया....॥
सुधिया--हाय रे मेरा बेटा, दिन भर काम करता रहता है, अगर तू ना होता तो हमारा पता नही क्या होता,
बिरजु-- मैं ना होता तो क्या होता बड़ी मां
सुधिया-- तब क्या होता बेटा, सारा काम हम औरतो को करना पड़ता,
बिरजु-- जबतक मै हू बड़ी मां तुम लोग को कोइ दिक्कत नही होने दुगां॥
सुधिया-- हाय रे मेरा बेटा, और झुक कर एक चुम्बन बिरजु के गाल पर दे देती है, झुकने की वजह से सुधिया की बड़ी बड़ी चुचींया बिरजु के छाती पे दब जाती है, जिससे बिरजु को एक अलग ही आनंद का अनुभव होता है,
सुधिया जैसे ही चुम्बन दे के सामान्य अवस्था मे होती है....
सुशीला-- अरे दिदी अब वो बच्चा नही रहा, जो तुम उसे चुम्मीया दे रही हो,
सुधिया-- अरे ये कीतना भी बड़ा हो जाये लेकीन हमारे लिये तो बच्चा ही रहेगा,
तभी सुशीला कहती है, दिदी खाना ले कर आती हू,
सुधिया-- हां ले के आजा , चल बिरजु बीटवा खाना खा ले,
सुशीला खाना ले के आती है, और सब खाना खाते है, खाना खाने के बाद बिरजु वापस खेत पे चला गया ।
रजिंदर बिरजु को देख कर
रजिंदर --- अरे बिरजु बीटवा तु आ गया आ आके बैठ जा यहा खाट पे ।
बिरजु --- नही बड़े पापा आप लेटे रहिये मैं यही खड़ा हू कुछ देर ।
जब थकान होगी तो आ जाउगा ।
रजिंदर --- ठीक है बीटवा ! मैं सो रहा हू ।
अगर तुझे नींद आए तो मुझे जगा देना और तु सो जाना ।
बिरजु --- ठीक है बड़े पापा ।
बिरजु --- खेत के चारो तरफ जा कर देखा
और पानी को देखने ।
अभी तो कुछ ही दूर तक पानी पहुचा था ।
बिरजु ने सोचा अभी तो पानी को पुरा फैलने में बहुत समय है चलो कुछ देर आराम कर लिया जाए ।
ये सोच कर बिरजु जैसे ही अपना कदम झोपड़े की ओर बढ़ाता है बिरजु के पेट में गुड़गुड़ाहट होने लगी ।
बिरजु -- चलो पहले इस समस्या का समाधान करके आया जाए ।
बिरजु अपने खेतो से दूर जाकर अपना काम निपटा के आने लगता है ।
बिरजु के हाथ में एक टार्च थी ।
बिरजु के नजर के सामने बार बार उसकी बड़ी अम्मा सुधिया की गांड आ रही थी ।
बिरजु मन में सोचने लगता हैं कि क्या करू जिससे मैं अपनी बड़ी अम्मा सुधिया की बुर और गांड मार सकु ।
सोचते सोचते बिरजु झोपड़े के पास आ गया और वही खाट के बगल में बैठा रहा ।
कु़छ देर बाद जब रजिंदर की आंख खुली
रजिंदर -- अरे बिरजु बीटवा तुझे नींद आ रही है क्या
बिरजु -- हा बड़े पापा
रजिंदर -- ठीक है तु सो जा मैं अब पानी को देखता हु ।
रजिंदर खाट से उठ कर चला गया ।
और बिरजु खाट पे सो गया ।
और अपनी बड़ी अम्मा सुधिया को चोदने के लिए पटाने के लिए तरीके सोचने लगा और सोचते सोचते न जाने कब उसे नींद आ गई ।
बिरजु की नींद सुबह के 5 बजे टुटी उसके बड़े पापा के जगाने पर ।
रजिंदर -- बिरजु बीटवा मैं तनिक सोना चाहता हु ।
बिरजु --- ठीक है बड़े पापा आईए ।
मैं पानी को देखता हु ।
रजिंदर --: देखने की जरूरत नही है बीटवा रात भर पंप चलने से पुरी तरह पानी फैल गया है ।
अगर तु घर जाना चाहे तो जा सकता है ।
बिरजु --- ठीक है बड़े पापा ।
बिरजु घर के लिए निकल गया ।
घर के पिछवाड़े पर उसे फिर वही नजारा देखने को मिला
बिरजु अपने घर के पिछवाड़े पहुचा ही था की उसे एक औरत दिखाइ दी जो अपनी साड़ी उपर कर के शायद मुत रही थी,
बिरजु घर के पिछे झाड़ीयो में फिर से छिप गया और देखने लगा, वो औरत अपनी बड़ी बड़ी गांड लिये अपने बुर से बड़ी मोटी धार निकाल कर मुत रही थी, बिरजु के घर के आंगन मे लगा बल्ब की रौशनी उस औरत की गांड पर पड़ रहा था, उसकी चौड़ी और गोल गांड देखकर बिरजु का लंड खड़ा होने लगता है,
बिरजु मन मे-- आय हाय क्या गांड है, कसम से मिल जाये तो मार मार के फाड़ दू, , बिरजु को लग रहा था कि ये उसकी बड़ी अम्मा सुधिया ही है लेकिन
वो औरत मुतने के बाद खड़ी हो जाती है और जैसे ही जाने के लिये घुमती है, बिरजु उस औरत का चेहरा देख सकपका जाता है,
बिरजु मन मे-- अरे बाप रे ये तो सुशीला (बिरजु की मां) है, बाप रे अम्मा की गांड तो बड़ी अम्मा की गांड की तरह ही जबरदस्त है, इसकी बुर कैसी होगी....यही सब सोचते हुए बिरजु झाड़ीयो से उठा और घर पर आ जाता है.....और वैसे भी बिरजु सब का चहेता था.....,
घर पे आकर बिरजु मुह हाथ धोकर ब्रश करता है और घर के काम करने लगा लेकिन उसके दिमाग में एक ही बात चल रही थी कि वो पहले किसको अपने नीचे लेटाये ।
बिरजु खाट पे बैठ कर ये सोच ही रहा था तभी उसकी बड़ी अम्मा सुधिया आंगन में झाड़ु लगाने लगी उसकी गांड बिरजु की तरफ थी ।
बिरजु मन में -- तु मेरे नीचे सबसे पहले लेटेगी बड़ी अम्मा कहकर मन ही मन मुस्कुराने लगा ।
सुधिया बिरजु की तरफ अपना मुह कर देती है जिससे वो बिरजु को मुस्कुराते हुए देख लेती है ।
सुधिया -- क्या हुआ बीटवा काहे मुस्कुरा रहा हैं ।
बिरजु --- वो कुछ नही बड़ी अम्मा ऐसे ही एक बात याद आ गई इसलिए ।
सुधिया -- ओह अच्छा ठीक है बीटवा।
तु जा जल्दी नहा ले फिर खाना खा के खेत पे चले जाना और अपने बड़े पापा को भी खाना खाने के लिए भेज देना
।
बिरजु -- हा बड़ी अम्मा ।
बिरजु नहाने के लिए तालाब की तरफ निकल जाता है
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