समझे क्या हों नादानो VaishnaviNaina दोनों ही भोली ना हैं इतना जानो. !
दोनों ही है साँपो की रानी
कांटा तो मांगे ना पानी
सागर से मोती छिन ले
दीपक से ज्योति छिन ले
पत्थर से आग लगा दे
और साइन से भी रात चुरा ले
समझे क्या हों नादानो VaishnaviNaina दोनों ही भोली ना हैं इतना जानो. !
दोनों ही है साँपो की रानी
कांटा तो मांगे ना पानी
सागर से मोती छिन ले
दीपक से ज्योति छिन ले
पत्थर से आग लगा दे
और साइन से भी रात चुरा ले
समझे क्या हों नादानो VaishnaviNaina दोनों ही भोली ना हैं इतना जानो. !
दोनों ही है साँपो की रानी
कांटा तो मांगे ना पानी
सागर से मोती छिन ले
दीपक से ज्योति छिन ले
पत्थर से आग लगा दे
और साइन से भी रात चुरा ले
समझे क्या हों नादानो VaishnaviNaina दोनों ही भोली ना हैं इतना जानो. !
दोनों ही है साँपो की रानी
कांटा तो मांगे ना पानी
सागर से मोती छिन ले
दीपक से ज्योति छिन ले
पत्थर से आग लगा दे
और साइन से भी रात चुरा ले