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अमृता-ऐसे कैसे चलो तुझे जाना है तो जा अजय को तो छोड़ जा.
गुड़िया -हाहाहा शायद आप भूल रही है कि मॉम ने क्या कहा था कि में अपने हाथ से नही खाती वैसे ही भाई भी अपने आप नही ख़ाता.आप चलो ना नही तो ये लोग मुझे आपको डिन्नर नही करने देंगे.
में-तू नही मानने वाली.
गुड़िया -(अपना सिर ना में ही लाते हुए) बिल्कुल नही ये सब मेरे दुश्मन है ये सब जलते है मुझसे की मेरे पास वर्ल्ड का सबसे कीमती चीज़
आप का प्यार है और इन के पास नही है.
जिया दी-वो नौटंकी अब बंद कर अपना बोल वचन नही तो अगर अभी दिमाग़ खराब हुआ ना तो तेरी कीमती चीज़ को में अपने घर ले जाउन्गी समझी.
शायद दी की धमकी कुछ ज़्यादा ही काम कर गयी और जहाँ गुड़िया अभी तक सब से मुक़ाबले के मूड में थी अब वो बिल्कुल शांत हो गयी थी.पर उस का चेहरा बिल्कुल उतर गया था और उस की ऐसे हालत देख के सब के चेहरे से भी अब मुस्कान गायब थी.मैने जिया दी की
तरफ देखा वो भी अपने कान पकड़ के माफी माँग रही थी.
में अपनी शीट से खड़ा हो गया और गुड़िया को अपने साथ ले के उसके कमरे में जाने लगा .मॉम प्ल्ज़ मेरा और गुड़िया का डिन्नर गुड़िया के रूम में भेज दे .
मॉम-ठीक है तुम जाओ में तुम दोनों का खाना में किसी के हाथ से भेजवाती हूँ.
में-दी मज़ाक कर रही थी और तू है कि बस .
गुड़िया -तो क्या हाँ सब बस मुझे आप से अलग करने पे तुले हुए है.अगर मुझसे कोई ग़लती हो तो मुझे कोई भी सज़ा दो मुझे कोई परेशानी नही है ना ही में कभी कोई शिकायत करूँगी पर अगर आप से किसी ने मुझे दोबारा दूर करने के बात कही तो फिर मुझे नही पता कि में क्या करूँगी.
मुझे नही पता था कि गुड़िया मुझसे इतना प्यार करती है उस की बातें सुन के मेरे दिल को एक बहुत बड़ा झटका लगा और ना चाहते हुए भी
आँखे नम हो गयी चाह के भी में उस से कुछ ना बोल पाया.मैने उस को कस के अपने गले लगा लिया .
गुड़िया -हाहाहा शायद आप भूल रही है कि मॉम ने क्या कहा था कि में अपने हाथ से नही खाती वैसे ही भाई भी अपने आप नही ख़ाता.आप चलो ना नही तो ये लोग मुझे आपको डिन्नर नही करने देंगे.
में-तू नही मानने वाली.
गुड़िया -(अपना सिर ना में ही लाते हुए) बिल्कुल नही ये सब मेरे दुश्मन है ये सब जलते है मुझसे की मेरे पास वर्ल्ड का सबसे कीमती चीज़
आप का प्यार है और इन के पास नही है.
जिया दी-वो नौटंकी अब बंद कर अपना बोल वचन नही तो अगर अभी दिमाग़ खराब हुआ ना तो तेरी कीमती चीज़ को में अपने घर ले जाउन्गी समझी.
शायद दी की धमकी कुछ ज़्यादा ही काम कर गयी और जहाँ गुड़िया अभी तक सब से मुक़ाबले के मूड में थी अब वो बिल्कुल शांत हो गयी थी.पर उस का चेहरा बिल्कुल उतर गया था और उस की ऐसे हालत देख के सब के चेहरे से भी अब मुस्कान गायब थी.मैने जिया दी की
तरफ देखा वो भी अपने कान पकड़ के माफी माँग रही थी.
में अपनी शीट से खड़ा हो गया और गुड़िया को अपने साथ ले के उसके कमरे में जाने लगा .मॉम प्ल्ज़ मेरा और गुड़िया का डिन्नर गुड़िया के रूम में भेज दे .
मॉम-ठीक है तुम जाओ में तुम दोनों का खाना में किसी के हाथ से भेजवाती हूँ.
में-दी मज़ाक कर रही थी और तू है कि बस .
गुड़िया -तो क्या हाँ सब बस मुझे आप से अलग करने पे तुले हुए है.अगर मुझसे कोई ग़लती हो तो मुझे कोई भी सज़ा दो मुझे कोई परेशानी नही है ना ही में कभी कोई शिकायत करूँगी पर अगर आप से किसी ने मुझे दोबारा दूर करने के बात कही तो फिर मुझे नही पता कि में क्या करूँगी.
मुझे नही पता था कि गुड़िया मुझसे इतना प्यार करती है उस की बातें सुन के मेरे दिल को एक बहुत बड़ा झटका लगा और ना चाहते हुए भी
आँखे नम हो गयी चाह के भी में उस से कुछ ना बोल पाया.मैने उस को कस के अपने गले लगा लिया .