Nice updateSeason 2
Update 1
sonu
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Vaibhavi
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Season 1 में अापने जाना कि
सोनू और वैभवी शहर आ गए ।
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शहर में
सोनू घर में रहकर घर के सारे काम संभालता और वैभवी कालेज जा कर अपनी पढ़ाई करती ।
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अब
वैभवी डाक्टर बन चुकी थी। और अपना ट्रांसफर सोनू के गांव में करवा लिया ।
आज सोनू और वैभवी दोनो शहर को अलविदा कर वापस गांव जा रहे है ।
वैभवी ने गाँव में सोनू के लिए एक किराना की दुकान खोलने का सोचा है। वैभवी ने सोनू को अपनी ये बात नही बताई है ।
वो सोनू को सरपराईज देना चाहती है ।
सोनू और वैभवी अपना सारा सामान पैक कर अपने मकान मालिक को अाखिरी अलविदा कर रिक्शा में बैठकर रेलवे स्टेशन के लिए निकल गये ।
सोनू-- वैभवी तुमने सासु मां ( पारूल ) को हमारे गांव आने के बारे में बताया है या नही ।
वैभवी --- नही ।
सोनू -- पर क्यो ?
वैभवी --- मै उन्हे surprise देना चाहती हु ।
सोनू -- ओह अच्छा ।
सोनू और वैभवी रेलवे स्टेशन पहुच गए ।
सोनू और वैभवी ट्रेन का वेट कर रहे थे ।
ट्रेन आ जाती है ।
सोनू और वैभवी के साथ ट्रेन से गांव के पास के शहर जहाँ रेलवे स्टेशन है वहा आ जाते है ।
सोनू और वैभवी गांव के लिए रिक्शा लेते है ।
रिक्शा गांव के बाहर जहाँ पर कच्चा रास्ता शुरू होता है वहा जाकर रिक्शा वाला रिक्शा रोक देता है ।
यहां से सोनू का घर 5 किमी था ।
सोनू कल्लु को फोन करने लगा तभी वैभवी ने सोनू को ऐसा करने से रोक लिया ।
सोनू -- अब हम घर तक कैसे जायेगें ।
वैभवी -- पैदल चलकर ।
सोनू --- यहां से घर की दुरी 5 किमी है ।
चलते चलते हम थक जाएगे ।
वैभवी --- नहीं ! मुझे चलकर ही जाना है ।
सोनू --- अच्छा बाबा ! मैं कभी तुम्हारी कोई बात टाल सकता हु क्या ।
वैभवी -- हसते हुए ! नही कभी नही मेरी जान।
यहां सोनू और वैभवी एक दुसरे के गले मिलते है और अपने घर के लिए पैदल निकल गये ।
आटो वाले ने उनके घर तक छोड़ ने के लिए 500 रू की मांग की
वैभवी मना करने लगी क्यो कि उसने अपने जीवन में इतने दूर पैदल चलकर जाने का कभी experience नही किया था ।
लेकीन सोनू ने सोचा कि वैभवी को कुछ पता नही है कि कुछ दूर चलने के बाद उसकी क्या हालत होगी इसलिए सोनू वैभवी को आटो से ही जाने के लिए मनाने लगा ।
वैभवी -- ठीक है ।
सोनू और वैभवी आटो पे बैठ कर सोनू के घर जा के हैं।
सोनू के घर में ताला लगा था ।
सोनू घर के लोगो को फोन लगाता है ।
फोन सोनू के ताऊ ने उठाया और बताया वो लोग मेला देखने गए है ।
सोनू और वैभवी ने अपना सामान वापस आटो में डाला और पारूल के घर तक आ गए ।
आटो वाले ने सोनू के घर से पारूल के घर तक का 100 रू किराया ले कर चल दिया ।
सोनू ने पारूल के घर की बेल बजायी ।
पारूल सोनू और वैभवी के आने से अंजान थी ।
उसने दरवाजा खोला सामने एक हट्टे तगड़े और शहरी नौजवान को देख पारूल उस पर से अपनी नजर ही नही हटा पा थी ।
घर के बाहर थोड़ा अंधेरा होने के कारण पारूल को सोनु का चेहरा नजर नही आ रहा था ।
शहर में ले जाकर वैभवी ने सोनू का हुलिया देहाती से शहरी कर दिया था ।
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वैभवी सोनू के पीछे से आकर पारूल के गले लगती है तब पारूल सोनू से अपना ध्यान हटाती है ।
पारूल -- वैभवी बेटा तुम और ये शहरी नौजवान कौन है और दामाद जी कहा है ।
वैभवी सोनू को खींचकर लाती है ।
सोनू पारूल के सामने आता है और पारूल के गले मिलता है ।
वैभवी -- ये शहरी नौजवान ही तुम्हारे दामाद जी है कहकर हसने लगी ।
पारूल सोनू के बदन का स्पर्श पाकर गरम होने लगी तभी सोनू पारूल से अलग हो गया ।
पारूल -- अरे !! वैभवी तुमने तो दामाद जी को पुरी तरह बदल दिया है ।
वैभवी -- हा मां ।
पारूल -- अाओ तुम दोनो अंदर आओ ।
मिलते है अगले पार्ट में ।
ThanksNice update
Ruko bro thoda sabar karo sab ka number aayegaAab uski maaa ki chudai karwao