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नमस्कार दोस्तों, इस कहानी के सभी पात्र काल्पनिक है और उनका किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति से कोई सम्बन्ध नहीं है और अगर ऐसा कुछ होता है तो यह मात्र एक संयोग हो सकता है। इस कहानी का उद्देश्य सिर्फ लोगों का मनोरंजन करना है और किसी भी धर्म, जाती, भाषा, समुदाय का अपमान करना नहीं।
इस कहानी के कुछ दृश्य आपको विचलित कर सकते हैं, पाठकगण कृपया अपने विवेक से निर्णय लें। यह कहानी मात्र वयस्कों के लिए लिखी गयी है, इसलिए 18 वर्ष से अधिक की उम्र होने पर ही आप इस कहानी को पढ़ें।
आपके कमेंट और सुझाव सादर आमंत्रित हैं जिससे मुझे खुद को और कहानी को बेहतर बनाने में सहयोग मिले। आशा करता हूँ की यहाँ भी आप इसे पसंद करेंगे और मेरा उत्साहवर्धन करते रहेंगे। धन्यवाद
ये कहानी आज से 12-13 साल पहले की है जब स्मार्ट फोन तो नही ही आया था, फोन भी बहुत कम लोगों के हाथ मे था. और हमारी इस कहना की मुख्य किरदार है पूनम सक्सेना. एक सीधी सादी सिंपल और शरीफ लड़की की. और ये सारी खूबियाँ उसमे तब थी जब वो देखने
मे बेहद हसीन थी. लंबा उँचा कद, गोरा बदन, घने काले लंबे बाल, पूरी काली आँखें जिनमे देख कर कोई व मदहोश हो जाए. पतले गुलाबी
होठ जिनके रस को पीने के लिए कोई भी बेकरार हो जाए. 5'5" हाइट और 32सी 28 34 की कातिल फिगर.
अपर मिड्ल क्लास होने की वजह से उसकी अदाएँ भी कातिल थी. वो अच्छे बड़े कॉनवेंट स्कूल मे पढ़ी थी और स्टाइल और सादगी का संगम थी हमारी कहानी की हेरोइन पूनम सक्सेना. उसके बोलने का लहज़ा इतना आकर्षक था कि लगे कि बस वो बोलती ही रहे और लोग सुनते ही रहें. चाल इतनी मस्तानी की बस उसकी हिलती हुई कमर को ही देख कर कोई भी खो जाए. कपड़े सिंपल लेकिन इतने लगता कि बस
उसके लिए ही बना है और ऐसे फिट कि उसके बदन का निखार और बढ़ जाता था. हो सकता है कि तारीफ करते करते मैं कुच्छ ज़्यादा
बहक गया हूँ, लेकिन पूनम एक बेमिसाल लड़की थी.
पूनम के पापा एक सरकारी कंपनी मे जॉब करते थे और पुराने ख्यालों के थे. उनका रहन सहन भी सादा ही था. पूनम की माँ भी एक साधारण घरेलू औरत थी. घर मे माँ पापा और बस वो रहते थे. उसका एक बड़ा भाई था जो बाहर पढ़ाई करने के बाद वहीं जॉब कर रहा था.
उसकी एक बड़ी बहन भी थी जिसकी शादी हो चुकी थी और वो अपने ससुराल मे रहती थी.
पूनम के पापा ने एक नया घर बनवाया था और वो लोग वहाँ अभी हाल मे ही शिफ्ट हुए थे. ये एक नया बन रहा मुहल्ला था जहाँ अभी बहुत कम घर बने थे और कई सारे घर अंडर कन्स्ट्रक्षन थे.
हालाँकि पूनम बहुत अच्छी और शरीफ लड़की थी, लेकिन जब जवानी का नशा चढ़ता है तो कितनो क कदम बहक जाते हैं. अभी कुच्छ दिन पहले ही पूनम 21 साल की हुई थी और जवानी की इस बहकी हुई हवा मे पूनम के भी कदम फिसल गये और अब उसका भी एक बाय्फ्रेंड था.
इस कहानी के कुछ दृश्य आपको विचलित कर सकते हैं, पाठकगण कृपया अपने विवेक से निर्णय लें। यह कहानी मात्र वयस्कों के लिए लिखी गयी है, इसलिए 18 वर्ष से अधिक की उम्र होने पर ही आप इस कहानी को पढ़ें।
आपके कमेंट और सुझाव सादर आमंत्रित हैं जिससे मुझे खुद को और कहानी को बेहतर बनाने में सहयोग मिले। आशा करता हूँ की यहाँ भी आप इसे पसंद करेंगे और मेरा उत्साहवर्धन करते रहेंगे। धन्यवाद
ये कहानी आज से 12-13 साल पहले की है जब स्मार्ट फोन तो नही ही आया था, फोन भी बहुत कम लोगों के हाथ मे था. और हमारी इस कहना की मुख्य किरदार है पूनम सक्सेना. एक सीधी सादी सिंपल और शरीफ लड़की की. और ये सारी खूबियाँ उसमे तब थी जब वो देखने
मे बेहद हसीन थी. लंबा उँचा कद, गोरा बदन, घने काले लंबे बाल, पूरी काली आँखें जिनमे देख कर कोई व मदहोश हो जाए. पतले गुलाबी
होठ जिनके रस को पीने के लिए कोई भी बेकरार हो जाए. 5'5" हाइट और 32सी 28 34 की कातिल फिगर.
अपर मिड्ल क्लास होने की वजह से उसकी अदाएँ भी कातिल थी. वो अच्छे बड़े कॉनवेंट स्कूल मे पढ़ी थी और स्टाइल और सादगी का संगम थी हमारी कहानी की हेरोइन पूनम सक्सेना. उसके बोलने का लहज़ा इतना आकर्षक था कि लगे कि बस वो बोलती ही रहे और लोग सुनते ही रहें. चाल इतनी मस्तानी की बस उसकी हिलती हुई कमर को ही देख कर कोई भी खो जाए. कपड़े सिंपल लेकिन इतने लगता कि बस
उसके लिए ही बना है और ऐसे फिट कि उसके बदन का निखार और बढ़ जाता था. हो सकता है कि तारीफ करते करते मैं कुच्छ ज़्यादा
बहक गया हूँ, लेकिन पूनम एक बेमिसाल लड़की थी.
पूनम के पापा एक सरकारी कंपनी मे जॉब करते थे और पुराने ख्यालों के थे. उनका रहन सहन भी सादा ही था. पूनम की माँ भी एक साधारण घरेलू औरत थी. घर मे माँ पापा और बस वो रहते थे. उसका एक बड़ा भाई था जो बाहर पढ़ाई करने के बाद वहीं जॉब कर रहा था.
उसकी एक बड़ी बहन भी थी जिसकी शादी हो चुकी थी और वो अपने ससुराल मे रहती थी.
पूनम के पापा ने एक नया घर बनवाया था और वो लोग वहाँ अभी हाल मे ही शिफ्ट हुए थे. ये एक नया बन रहा मुहल्ला था जहाँ अभी बहुत कम घर बने थे और कई सारे घर अंडर कन्स्ट्रक्षन थे.
हालाँकि पूनम बहुत अच्छी और शरीफ लड़की थी, लेकिन जब जवानी का नशा चढ़ता है तो कितनो क कदम बहक जाते हैं. अभी कुच्छ दिन पहले ही पूनम 21 साल की हुई थी और जवानी की इस बहकी हुई हवा मे पूनम के भी कदम फिसल गये और अब उसका भी एक बाय्फ्रेंड था.