Incest खोई बहन

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अब आगे..

नीरज ने अपनी आँखें बन्द कर लीं.. तब रोमा ने अपनी ब्रा-पैन्टी भी निकाल दी।

दोस्तो, अभी तक मैंने आपको रोमा का फिगर नहीं बताया है.. अब ये पूरी नंगी हो गई है.. तो आप भी गौर से देख लो..

रोमा के मम्मे एकदम गोल सेब की तरह कड़क थे.. उनका साइज़ करीब 30″ का होगा और उसकी कमर एकदम पतली हिरनी की तरह थी.. गाण्ड भी ज़्यादा बड़ी नहीं थी.. मगर थी बड़ी मस्त.. एकदम मुलायम और लचीली.. करीब 32″ की रही होगी। उसकी फूली हुई गुलाबी चूत जिसके आस-पास हल्के रोंए से थे.. बहुत सेक्सी लग रही थी।

रोमा ने धीरे से कहा- लो अब देख लो..

नीरज ने जब आँखें खोलीं.. तो बस देखता ही रह गया.. उसका लौड़ा तो पहले से ही उफान पर था.. अब तो वो पैन्ट फाड़ कर बाहर आने को बेताब हो गया था।

नीरज- वाउ कुदरत ने बड़ी फ़ुर्सत से तुम्हें बनाया है रोमा.. तुम किसी अप्सरा से काम नहीं दिख रही हो.. अरे अरे.. ऐसे हुस्न को छुपाओ मत.. प्लीज़ देखने दो मुझे.. जी भर कर देख लेने दो न.. प्लीज़ प्लीज़..
रोमा- बस बहुत देख लिया.. आज ही सब कुछ देख लोगे क्या.. अब मुझे देर हो रही है।
नीरज- अरे एक बार मुझे तुम्हारे मम्मों को छूने तो दो..
रोमा- प्लीज़ आज नहीं.. दोबारा आऊँगी.. तब जी भर कर छू लेना.. अभी मुझे जाना होगा।

नीरज- तुम तो बड़ी मतलबी निकलीं यार.. मैंने तुम्हें कितना मज़ा दिया.. तुम्हारी चूत को सुकून दिया और तुम मुझे ऐसे ही अधूरा छोड़ कर जा रही हो.. यह कहा का इंसाफ़ हुआ..?

रोमा- क्क्क..क्या मैं कुछ समझी नहीं.. आप अब मुझसे क्या चाहते हो.. मैंने सब कुछ तो दिखा दिया आपको..
नीरज- तुमने तो दिखा दिया.. मेरा कहाँ कुछ देखा है.. तुम्हारी चूत की आग तो मिट गई.. मेरे लौड़े का भी कुछ सोचो न..
रोमा- छी: छी: .. आप कितने गंदे हो.. कैसी बातें कर रहे हो.. मुझे नहीं देखना.. अब मैं जा रही हूँ और प्लीज़ अब कोई इमोशनल ड्रामा मत करना..

नीरज- हाँ हाँ जाओ.. तुम्हें तो मेरी मोहब्बत ड्रामा लगती है ना.. जाओ.. मगर जाने से पहले बस एक बार अपने मन से सोचो.. मैं तुम्हें सेक्स करने को नहीं बोल रहा.. बस अपना लौड़ा देखने को बोल रहा हूँ.. मैं जानता हूँ सेक्स करना ठीक नहीं होगा। यह प्यार का अपमान होगा.. मगर तुम मेरे ज़ज्बात को नहीं समझोगी.. जाओ तुम..

रोमा- ओके ओके.. बाबा.. अब नाराज़ मत हो.. दिखा दो.. मगर प्लीज़ सेक्स नहीं करना.. तुम्हें मेरी कसम है..
नीरज- ठीक है जान.. नहीं करूँगा.. बस आओ तुम खुद अपने हाथों से इसे आज़ाद करो।

रोमा डरते हुए नीरज के पास आई उसकी पैन्ट खोली.. अब चड्डी में से लौड़ा उसको दिखने लगा। उसने डरते हुए चड्डी नीचे की.. तो नीरज का 7″ का लौड़ा उसको सलामी देने लगा।

रोमा- ओह्ह.. माँ.. ये इतना बड़ा होता है.. मैंने तो कभी सोचा नहीं था..
नीरज- कैसी बात करती हो.. आज नेट के युग में.. तुमने कभी लौड़ा नहीं देखा.. इतनी सीधी भी मत बनो..
रोमा- आपकी कसम.. मैंने कभी नहीं देखा.. बस सुना था कि यह ऐसा होता है।

नीरज- इसका नाम लो जान.. लौड़ा कहो.. लंड कहो.. इसे छू कर देखो.. अच्छा लगेगा..
रोमा का मन भी उसे छूने को बेताब था.. बस नीरज के कहते ही वो लौड़े को सहलाने लगी।
नीरज- आह्ह.. ऐसे मुलायम हाथ.. आज पहली बार लौड़े को छुए हैं.. मज़ा आ गया.. आह्ह.. बस थोड़ी देर ऐसे ही सहलाओ जान.. मेरा पानी निकाल दो.. ताकि मैं भी ठंडा हो जाऊँ.. उसके बाद कोई ड्रामा नहीं.. सीधे घर जाएँगे..

रोमा कुछ नहीं बोली और लौड़े को बड़े प्यार से सहलाती रही।

नीरज उसको समझाता रहा.. ऐसे आगे-पीछे करो.. फिर उसको चूसने को कहा तो रोमा नहीं मानी। उसने साफ-साफ मना कर दिया। नीरज ने भी ज़्यादा ज़ोर नहीं दिया.. वो जानता था.. कि आज नहीं तो कल.. इसको लौड़ा चुसवा ही देगा!

दस मिनट की कड़ी मेहनत के बाद नीरज के लौड़े ने वीर्य छोड़ दिया.. जो रोमा के हाथों पर जा लगा.. जिससे उसको बड़ी घिन आई। वो भाग कर बाथरूम में गई.. सब साफ किया।

रोमा- छी:छी: कितने गंदे हो आप.. मेरे हाथ पर ही पानी निकाल दिया।

नीरज- मेरी जान मैंने तो तुम्हारी चूत का पानी पिया है.. तुम हाथ की बात कर रही हो.. कुछ दिनों बाद देखना.. तुम खुद इसे चूस-चूस कर इसका पानी पिओगी।

रोमा- छी:छी:.. कभी नहीं.. मैं ऐसा कभी नहीं करूँगी.. अब प्लीज़ बातें बन्द करो.. चलो.. नहीं तो आज की ये मुलाकात आखिरी मुलाकात बन जाएगी। आप मेरी मॉम का गुस्सा नहीं जानते हो..

नीरज ने आगे कुछ नहीं कहा, दोनों ने कपड़े पहने और नीचे आ गए।

नीरज- रोमा बुरा मत मानना.. तुम बार-बार अपनी मॉम का जिक्र करती हो.. कभी पापा नहीं कहती.. ऐसा क्यों?

रोमा- जब मैं 8 साल की थी.. मेरे पापा एक एक्सीडेंट में चल बसे.. मॉम ने दूसरी शादी नहीं की.. पापा हमारे लिए इतना कर गए थे कि कोई कमी ना रहे.. उनके जाने के बाद मॉम चिड़चिड़ी हो गईं.. बस उनका गुस्सा दिन पर दिन बढ़ता गया.. अब तो मुझे उनसे डर लगने लगा है।
नीरज- ओह्ह.. आई एम सॉरी.. मुझे पता नहीं था..

दोनों बस यूं ही बातें करते रहे.. गाड़ी रोमा के घर से थोड़ी दूर रोक कर नीरज ने रोमा को हल्का सा किस किया और रोमा चली गई।
उधर राधे और मीरा मूवी देख कर एक रेस्तरां में गए.. वहाँ से खाना पार्सल करवा कर वापस घर आ गए।

मीरा ने बहुत कहा कि यहीं खाएँगे.. मगर राधे ने उससे कहा.. कुछ खास है घर जाकर बताऊँगा.. तुम खाना ले लो.. मैं अभी आता हूँ।
मीरा- जानू तुमने तो कहा था.. आज ड्रिंक करोगे.. मगर चुपचाप घर आ गए.. ड्रिंक तो की नहीं लगता है.. भूल गए तुम..
राधे- नहीं मेरी जान.. याद है.. खाना लेने के समय में दस मिनट के लिए तुमसे दूर हुआ था.. तब मैंने बियर की बोतल ले ली थीं।
मीरा- झूठ.. तुम्हारे हाथ में कुछ नहीं था.. कहाँ है बताओ?

राधे ने अपनी सलवार के अन्दर से दो बोतलें निकाल कर दिखाईं.. तो मीरा बस देखती रह गई..

मीरा- वाह.. क्या बात है.. मेरे आशिक.. तुम तो बहुत तेज़ निकले.. चलो चेंज कर लो.. पहले पेट भर कर खाना खाएँगे उसके बाद जाम कर पीयेंगे।
राधे- अरे नहीं पगली.. बियर खाने के बाद नहीं.. पहले पीते हैं.. उसके बाद खाना खाते हैं।
मीरा- ओह्ह.. ये बात है.. अच्छा मैं गिलास लेकर आती हूँ.. बाद में मज़े से पीयेंगे.. तुम जल्दी से लड़की से लड़का बन जाओ।

मीरा गिलास लेने गई.. तब तक राधे ने अंडरवियर के अलावा सब कुछ निकाल दिया और बिस्तर पर बैठ गया।

मीरा- ये लो जी.. आप तो बड़े बेशर्म हो.. चेंज करने को कहा था.. तुम तो नंगे ही हो गए।
राधे- मेरी जान पीने का मज़ा दुगुना करना है.. तो तुम भी कपड़े निकाल दो.. आज तुम्हें नये तरीके से पिलाऊँगा।
मीरा- अच्छा ये बात है.. तो लो अभी निकाल देती हूँ.. तुम भी ये अंडरवियर निकाल दो.. जब नंगा होना ही है.. तो पूरी तरह हो जाओ ना..
 
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अब आगे..

राधे ने अपना अंडरवियर भी निकाल दिया.. इधर मीरा भी एकदम नंगी हो गई। उसका दूध सा सफ़ेद जिस्म किसी को भी पागल बना दे.. रात को उसकी चुदाई के बाद भी राधे बस उसको ऐसे देखने लगा.. जैसे पहली बार नंगा देखा हो.. उसका लौड़ा अपने आप खड़ा होने लगा।
मीरा- ऐसे क्या देख रहे हो जानू?

राधे- जान तुम हो ही ऐसी कि बस बार-बार देखने को दिल करता है.. आओ मेरे पास आकर बैठ जाओ.. अपने हाथों से मुझे पिलाओ..

मीरा ने दो गिलास में बियर डाली.. अपने हाथ से राधे को पिलाने लगी और राधे उसके मम्मों को सहलाने लगा।

मीरा- जानू इसमें कितनी बदबू आ रही है ना.. मुझसे तो नहीं पी जाएगी..
राधे- मेरी जान शुरू में अजीब लगेगी.. बाद में मज़ा आएगा.. लो मैं पिलाता हूँ तुम्हें..

मीरा ने एक घूँट लिया.. उसको कड़वी लगी.. उसने मुँह हटा लिया।

राधे- अरे क्या हुआ.. थोड़ी तो पियो..

मीरा- नहीं राधे.. प्लीज़ तुम पी लो.. मुझे कल स्कूल जाना जरूरी है.. अगर मैं पीकर लमलेट हो गई.. तो कल उठना मुश्किल हो जाएगा।
राधे- अच्छा ठीक है.. मेरी मीरा यह गिलास तो पीना ही पड़ेगा और मैं ऐसे पिलाऊँगा कि तुम्हें कड़वी भी नहीं लगेगी।
मीरा- अच्छा.. वो कैसे.. जरा बताओ तो..?
राधे- पहले मेरे लौड़े को चूसो.. ताकि तेरे मुँह की कड़वाहट कम हो जाए.. उसके बाद पिलाऊँगा..

मीरा घुटनों पर बैठ गई और राधे का लौड़ा चूसने लगी.. राधे खड़ा हुआ और लौड़े को चुसवाते हुए बियर पीने लगा।

मीरा मस्ती से पूरे लौड़े को चूस रही थी। राधे ने अपना गिलास ख़त्म करके मीरा वाला गिलास उठाया और थोड़ी सी बियर लौड़े पर डाली।

राधे- ना ना रुक मत मेरी जान.. अब मेरे लौड़े की बियर चाट कर साफ कर.. इस तरह बियर भी पी लोगी और मेरे लौड़े को भी मज़ा दे दोगी..

इस तरह धीरे-धीरे करके राधे ने पूरा गिलास मीरा को चटवा दिया.. अब उसका लौड़ा भी चूत में जाने के लिए एकदम तैयार था।

राधे- बस कर मेरी जान.. अब सीधी लेट जा.. आज तेरे यौवन के साथ मिक्स करके बियर पीऊंगा.. आज मैं अपनी तमन्ना पूरी करूँगा।
मीरा समझ गई थी कि राधे क्या चाहता है.. वो सीधी लेट गई।
राधे ने उसके जिस्म पर बियर डाल दी और खुद उसको जीभ से चाटने लगा।

मीरा- आह्ह.. मज़ा आ गया.. तुम्हारी जीभ मेरे जिस्म पर बड़ा मज़ा दे रही है..

राधे अब धीरे-धीरे बियर मीरा के मम्मों पर डालता रहा और उसको चूसता रहा.. मीरा बहुत गर्म हो गई थी.. उसकी चूत गीली हो गई थी।

मीरा- आह्ह.. सस्स राधे आह्ह.. अब बस करो आह्ह.. मेरी चूत आह..

राधे ने बोतल की तरफ देखा.. अभी भी उसमें थोड़ी बियर बाकी थी। वो उठा और मीरा के पैरों को अपने कन्धों पर रखा। अब वो बियर चूत पर डाल कर चाटने लगा।

मीरा- आह्ह.. आह ससस्स चाटो.. आह्ह.. मज़ा आ रहा है आह्ह..

राधे ने 5 मिनट तक चूत को बड़े प्यार से चाटा.. अब उसका लौड़ा भी बेकाबू हो गया था।

मीरा- आह्ह.. आह्ह.. राधे.. अब बस.. आह्ह.. डाल दो अपना लौड़ा.. मेरी चूत में.. ऐइ अब बर्दाश्त नहीं हो रहा..

राधे ने पैर कंधे पर ही रखे.. सुपाड़े को चूत पर टिकाया और 'फुच्च' की आवाज़ के साथ चूत में घुसा दिया।

मीरा- आह्ह.. मर गई रे.. आह्ह.. तुम्हारा लौड़ा है या कोई बम्बू.. आह्ह.. अन्दर जाते ही.. बड़ा दर्द होता है.
राधे- मेरी जान.. एक महीने तक रोज चुदवा लेगी.. तब दर्द क्या सब कुछ भूल जाएगी.. बाद में तुझे ये लौड़ा भी काम लगेगा।
समीरा- आह्ह.. चोदो आह्ह…. ज़ोर से घुसाओ आह्ह.. मज़ा आ रहा है..।

राधे स्पीड से लौड़े को अन्दर-बाहर करने लगा, मीरा की चूत में लौड़ा जड़ तक ठोकर मार रहा था।
मीरा तो आसमानों की सैर कर रही थी।

मीरा- आह्ह.. फक मी आह्ह.. फक मी हार्ड.. ऊई.. फास्ट.. राधे आह्ह.. पूरा घुसा दो.. आह्ह.. फाड़ दो मेरी चूत को.. आह्ह.. मज़ा आ गया आह्ह.. मैं गई.. ऊई.. मेरी चूत फट रही है..

राधे- उहह उहह.. रुक मेरी जान.. आह्ह.. मेरा लौड़ा भी तेरी चूत के पानी में अपना पानी मिलाने के लिए तैयार है बस.. आह्ह.. थोड़ी देर आह्ह.. आह्ह…

मीरा की चूत ने पानी छोड़ दिया और उसके अहसास से ही राधे का लौड़ा भी झड़ने लगा। दोनों के पानी का मिलन हो गया। मीरा और राधे लंबी साँसें लेने लगे।
 
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यह बात मुंबई की रात की है.. 11 बजे किसी की शादी हो रही थी और नाच-गाने का प्रोग्राम चल रहा था।
स्टेज लगा हुआ था और एक बेहद खूबसूरत लड़की.. जिसकी उम्र कोई लगभग 20 साल की होगी.. वो नाच रही थी और तमाशा देखने वाले उसे देख कर मज़ा ले रहे थे। कोई उसके चूतड़ों पर हाथ मार देता.. तो कोई उसके मम्मों को दबा देता।
सभी- अरे मेरी राधा.. वाह क्या नाचती है तू.. उम्माह.. मज़ा आ गया.. तेरे जिस्म को तो छूने दे.. अरे भागती कहाँ है तू..
सुनील- अरे अरे.. भाई साहब मेहरबानी करके बैठ जाओ.. देखो आप ऐसा करोगे ना.. तो हम अभी नाच-गाना बन्द कर देंगे।
यह है सुनील.. इस नाटक मंडली का करता-धरता.. दरअसल ये लोग किसी की शादी वगैरह में प्रोग्राम करते फिरते हैं बाकी ऐसा कोई खास नहीं.. बस अपना गुजारा चला लेते हैं।
रात को जब प्रोग्राम ख़त्म हुआ तो यह नाटक मंडली अपने घर की ओर चल दी।
रात के करीब 2 बजे एक छोटे से घर में ये सब दाखिल हुए।
इनके ग्रुप में कुल 6 सदस्य हैं.. एक सुनील जो लगभग 40 साल का है.. उसे आप इन सबका बॉस कह सकते हो.. बाकी 2 हरीश और मनोज.. जो करीब 28 साल के होंगे.. ये महफ़िल में गाना गाते हैं इनके अलावा एक छोटा लड़का है.. कोई 15 साल का अनुज.. तमाशा देखने वाले जब राधा पर पैसे फेंकते हैं यही अनुज सब जमा कर लेता है.. इसका यही काम है।
आखिर में नीरज और राधेश्याम दोनों ही लगभग 20 साल के आस-पास होंगे।
नीरज प्रोग्राम में हीरो बनता है.. और राधेश्याम हीरोइन… जब डांस करना होता है दोनों साथ-साथ सबको खुश कर देते हैं।
अरे अरे नहीं.. आप गलत समझ रहे हो.. 6 सदस्य पूरे हो गए.. इनके यहाँ लड़की नहीं है.. अपना राधेश्याम ही राधा है.. वो लड़की की ड्रेस में रहता है। उसका यही काम है और सही मायने में इस पूरे ग्रुप की जान भी वही है।
अब यह ऐसा क्यों है.. और इस कहानी में ऐसा क्या खास है.. जो मैं लिख रही हूँ.. तो दोस्तों आप अच्छे से जानते हो.. मैं ऐसी-वैसी कहानी नहीं लिखती।
इस कहानी में वो सब कुछ है.. जो आपको मज़ा देगा.. मगर अब मेरी कहानी है.. तो पन्ने धीरे-धीरे ही खुलेंगे ना!
चलिए आगे देखिएगा.. अब क्या होता है..
राधे- हट साली क्या कुतिया जैसी जिंदगी है रंडी बना कर रख दिया है सालों ने.. सोचा था.. मुंबई जाकर कुछ करूँगा.. नाम कमाऊँगा.. मगर साली किस्मत यहाँ खींच लाई।
नीरज- अरे यार.. मायूस क्यों होता है.. अब इतने साल हो गए तुझे यहाँ.. और हर बार प्रोग्राम के बाद तू ऐसे ही गुस्सा हो जाता है।
राधे- तू तो चुप ही रह साला.. तुझे क्या पता मेरे साथ क्या गुजरती है। जब मैं लड़की बनता हूँ.. साला तू बन कर देख कभी.. तब पता चलेगा..
नीरज- यार तू अच्छे से जानता है.. तेरे सिवा कोई भी लड़की नहीं बन सकता.. फिर भी हर बार यही बोलता है.. अब भगवान ने तुझे बनाया ही ऐसा है.. तो हम क्या कर सकते हैं।
दोस्तो, आपको बता दूँ कि राधे के जिस्म की बनावट एकदम लड़की जैसी थी.. उसका चेहरा और बदन एकदम लड़कियों जैसा.. छोटे-छोटे हाथ और हाथ-पाँव पर एक बाल का नाम नहीं.. यहाँ तक कि बचपन से आज तक राधे के चेहरे पर भी बाल नहीं आए.. भगवान ने उसको लड़की बनाते-बनाते लड़का बना दिया.. बस झांटें और लौड़ा दे दिया.. ताकि वो मर्द लगे.. उसके सीने पर भी बाल नहीं थे।
वह ऊपर वाला चूचों को थोड़े बड़े कर देता तो भी चलता.. बेचारा जब प्रोग्राम पर जाता है.. टेनिस की 2 बॉल लगा कर ब्रा पहनता है.. और हाँ आपको एक खास बात बता दूँ।
राधे का लौड़ा करीब 8″ का है.. और मोटा भी ऐसा कि.. हाथ में बराबर ना आए और हाँ मिमिक्री तो ऐसी कमाल की करता है खास कर लड़की की आवाज़ तो ऐसी निकालता है.. कि सुनने वाला 1% भी शक नहीं करता कि यह लड़का है।
इतनी बारीक और मीठी आवाज़ निकालता है कि लड़कों की ही निकल जाती है।
राधे- यार… ये भगवान ने मेरे साथ मजाक सा किया है.. मुझे ऐसा बना दिया और लौड़ा भारी-भरकम दे दिया.. साली वो रंडी शीला भी चुदवाते समय नाटक करती है.. कहती है तू बहुत तड़पा कर चोदता है.. तुझे ज़्यादा पैसे देने होंगे।
नीरज- तो साले सही तो बोल रही थी वो.. तू एक घंटा तक उसे चोदेगा.. तो डबल पैसे ही लेगी ना.. मेरा तो साला 20 मिनट में ही निकल जाता है।
राधे- पता नहीं साला.. मेरा नसीब ही ऐसा है।
नीरज- यार ये तेरे हाथ पर क्या निशान है.. अजीब सा.. मैं रोज सोचता हूँ कि पूछू.. पर भूल जाता हूँ।
राधे- पता नहीं.. बचपन का है ये.. चल सो जा.. सुबह बात करेंगे।
नीरज- यार भगवान ने तुझे ऐसा बनाया है इसके पीछे जरूर कोई वजह होगी.. देख लेना एक दिन तुम्हें समझ में आएगा कि तुम ऐसे क्यों हो.. चल सो जा.. रात बहुत हो गई है।


… सुबह के 7 बजे एक 45 साल का कामजोर सा आदमी कुर्सी पर बैठा अख़बार पढ़ रहा था।
ये हैं दिलीप त्यागी.. अच्छे-ख़ासे पैसे वाले हैं. इनकी पत्नी अब इस दुनिया में नहीं हैं तो बेचारे बस गमगीन से रहते हैं।
मीरा- गुडमॉर्निंग पापा.. ये लो आपकी चाय हाजिर है..
दोस्तो, ये हैं मीरा त्यागी.. इनकी बेटी उम्र 18 साल.. भरा-पूरा जिस्म है.. शरारती बहुत है.. अपने पापा की लाड़ली ये दिखने में एकदम आलिया भट्ट Alia Bhatt जैसी लगती हैं कोई 5 साल पहले माँ की मौत के बाद यह टूट सी गई थी.. मगर दिलीप जी ने इसे इतना प्यार दिया कि इसको कभी माँ की कमी महसूस ही नहीं हुई।
दिलीप- अरे तुम चाय लेकर क्यों आई हो.. मैंने घर में नौकर किस लिए रखे हैं. तुम काम मत किया करो।
मीरा- अरे पापा, यह कोई काम है.. अब आपको चाय तो मैं ही दूँगी.. क्योंकि आप वर्ल्ड के सबसे बेस्ट पापा हो..
दिलीप- और तुम दुनिया की सबसे अच्छी बेटी हो.. जाओ अब तैयार हो जाओ स्कूल नहीं जाना क्या?
मीरा ने आगे बढ़कर दिलीप जी के गाल पर एक पप्पी दी और 'आई लव यू' कहा और वहाँ से अपने कमरे में चली गई।
दस मिनट बाद वो जब वापस आई.. दिलीप जी की आँखों में आँसू थे.. वो अख़बार में देख कर रो रहे थे.. मीरा उनके पास आई और अख़बार में देखने लगी कि ऐसी क्या खबर है.. जो उसके पापा की आँखों में आँसू आ गए।
अख़बार में एक 5 साल के बच्चे का फोटो था.. नीचे लिखा था गुमशुदा की तलाश।
बस यही वो खबर थी.. मीरा समझ गई कि पापा क्यों रो रहे हैं।
उसने जल्दी से अख़बार पापा से छीन लिया और गुस्सा हो गई।
मीरा- पापा हद हो गई.. यह क्या बात हुई.. इतनी सी बात के लिए आप रो पड़े.. ऐसे कैसे चलेगा पापा.. प्लीज़..
दिलीप- मीरा यह इतनी सी बात नहीं है.. ऐसी खबर देखता हूँ तो अपने आपको कोसता हूँ.. मेरी वजह से ये सब हुआ है काश.. मैं वहाँ नहीं जाता तो अच्छा होता काश…
दिलीप जी फूट-फूट कर रोने लगे तो मीरा भी उनसे लिपट कर रोने लगी।
काफ़ी देर तक वो दोनों ऐसे ही रहे.. तब कहीं उनकी नौकरानी ने आकर उनको समझाया.. तो वो चुप हुए।
फिर मीरा अपने स्कूल चली गई और दिलीप जी वहीं रहे।
इनकी नौकरानी के बारे में भी आपको बता दूँ.. इसका नाम ममता है.. इसकी उम्र कोई 20 साल होगी.. साल भर पहले ही इसकी शादी हुई है.. इसका जिस्म भी बड़ा मादक है। लंबे बाल.. गेहुआ रंग और इसके चूचे एकदम तने हुए.. 34″ के हैं। कमर ठीक-ठाक है और उठी हुई गाण्ड भी 34″ की है.. ये दिखने में बड़ी कामुक लगती है.. मगर ये अपने काम से काम रखती है सुबह आती है शाम का खाना बना कर वापस चली जाती है।
nice start 👌👌👌
 

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