- 914
- 1,361
- 123
शिवानी शशांक का जवाब सून झूम उठ ती है ...उसे उसकी जिंदगी मिल गयी थी , उसके प्यार का मकसद मिल गया था ..बिल्कुल पूरी तरेह ...वो फूली नहीं समाती ...और अपने नंगे बदन से अपने भैया के नंगे बदन के उपर लेट जाती है ... और अपनी टाँगों के बीच उसके ढीले लंड को अपनी जांघों के बीच कर जांघों से रगड़ती है और उसे चूमती है ..कभी होंठों को , कभी गालों को ,,कभी उसकी गर्दन को...अपना बे-इंतेहा प्यार को उसके बे-इंतेहा प्यार से मिलने की जी जान से कोशिश में जूट जाती है ...
"उफफफफ्फ़..तू भी ना शिवानी ..एक दम पागल है .. अरे बाबा मेरी बात तो पूरी हुई नहीं अभी ... और तू टूट पड़ी ..अरे पूरी बात तो सून ले .."
" मुझे नहीं सून नी पूरी बात ..बस अधूरी ही मेरे लिए इतना ज़्यादा है भैया ..पूरी सुन कर तो मैं मर जाऊंगी..."
'" पर मुझे तो कहना है ना ..मैं जिस से प्यार करूँ उसे मेरी हर बात सून नी पड़ेगी ना .."
शिवानी अपने जांघों की हरकतें जारी रखती है और मुँह की हरकतों पर रोक लगाते हुए बोलती है
" अच्छा बाबा बोलो ..ज़रा सूनू तो और क्या बाकी है तुम्हारे प्यार में .." अपना चेहरा उसकी ओर कर लेती है
" बाकी कुछ भी नहीं शिवानी ...बस थोड़ा सा फ़र्क है ..." शशांक शिवानी के गालों को अपनी उंगलियों से दबाते हुए कहता है...
" ह्म्म्म्म ... वो क्या कहा भैया..फ़र्क ??" " फ़र्क " शब्द सून कर शिवानी की पूरी हरकतें बंद हो जातीं हैं ...वो एक दम से चौंक जाती है
शशांक उसके इस अचानक बदलाव पर हंस पड़ता है ....
" अरे मेरी प्यारी बहना चौंको मत फ़र्क सिर्फ़ इतना है कि मैं मोम की पूजा करता हूँ ..उसे सुंदरता की देवी मानता हूँ .....और तू तो मोम की ही दूसरी अवतार है ना ..पूरी की पूरी उनका ही रूप ...तो जब ओरिजिनल सामने है तो पूजा ओरिजिनल से ही करूँगा ना ....और प्यार दोनों से ....समझी ना..?"
" ऊवू भैया ..मैं तो डर गयी थी .. हां बाबा मुझे आप की पूजा उूजा की कोई ज़रूरत नहीं ..मुझे तो आप का प्यार चाहिए ..वो तो भरपूर मिल रहा है ..उफ्फ भैया यू अरे सो स्वीट ..और मैं भी तो उनकी पूजा करती हूँ ..शी ईज़ माइ रोल मॉडेल ... "
शशांक भी शिवानी की बातों से अश्वश्त हो जाता है ....अब कोई भी रुकावट नहीं थी ..कोई भी शंका नहीं था ....
दोनों फिर से लिपट जाते हैं एक दूसरे से ....
शिवानी की जंघें फिर से हरकत में आ जाती हैं और नतीजा यह होता है उसका लंड फिर से तन हो जाता है ...और शिवानी की चूत गीली हो जाती है .
दोनों एक दूसरे को खा जाने को , एक दूसरे में समा जाने की होड़ में लगे हैं ...
कराह रहे हैं ..सिसक रहें हैं ...शशांक उसकी चूचियों को चूस रहा है ..मथ रहा है .. दबा रहा है ....
शिवानी उसके लंड को घीस रही है , जांघों से दबा रही है....अपने हाथों में भर अपनी चूत पर घीस रही है ..अपने अंदर लेने की कोशिश में जुटी है ...
शशांक से रहा नहीं जाता ..'
उसे अपने नीचे कर लेता है ...
"उफफफफ्फ़..तू भी ना शिवानी ..एक दम पागल है .. अरे बाबा मेरी बात तो पूरी हुई नहीं अभी ... और तू टूट पड़ी ..अरे पूरी बात तो सून ले .."
" मुझे नहीं सून नी पूरी बात ..बस अधूरी ही मेरे लिए इतना ज़्यादा है भैया ..पूरी सुन कर तो मैं मर जाऊंगी..."
'" पर मुझे तो कहना है ना ..मैं जिस से प्यार करूँ उसे मेरी हर बात सून नी पड़ेगी ना .."
शिवानी अपने जांघों की हरकतें जारी रखती है और मुँह की हरकतों पर रोक लगाते हुए बोलती है
" अच्छा बाबा बोलो ..ज़रा सूनू तो और क्या बाकी है तुम्हारे प्यार में .." अपना चेहरा उसकी ओर कर लेती है
" बाकी कुछ भी नहीं शिवानी ...बस थोड़ा सा फ़र्क है ..." शशांक शिवानी के गालों को अपनी उंगलियों से दबाते हुए कहता है...
" ह्म्म्म्म ... वो क्या कहा भैया..फ़र्क ??" " फ़र्क " शब्द सून कर शिवानी की पूरी हरकतें बंद हो जातीं हैं ...वो एक दम से चौंक जाती है
शशांक उसके इस अचानक बदलाव पर हंस पड़ता है ....
" अरे मेरी प्यारी बहना चौंको मत फ़र्क सिर्फ़ इतना है कि मैं मोम की पूजा करता हूँ ..उसे सुंदरता की देवी मानता हूँ .....और तू तो मोम की ही दूसरी अवतार है ना ..पूरी की पूरी उनका ही रूप ...तो जब ओरिजिनल सामने है तो पूजा ओरिजिनल से ही करूँगा ना ....और प्यार दोनों से ....समझी ना..?"
" ऊवू भैया ..मैं तो डर गयी थी .. हां बाबा मुझे आप की पूजा उूजा की कोई ज़रूरत नहीं ..मुझे तो आप का प्यार चाहिए ..वो तो भरपूर मिल रहा है ..उफ्फ भैया यू अरे सो स्वीट ..और मैं भी तो उनकी पूजा करती हूँ ..शी ईज़ माइ रोल मॉडेल ... "
शशांक भी शिवानी की बातों से अश्वश्त हो जाता है ....अब कोई भी रुकावट नहीं थी ..कोई भी शंका नहीं था ....
दोनों फिर से लिपट जाते हैं एक दूसरे से ....
शिवानी की जंघें फिर से हरकत में आ जाती हैं और नतीजा यह होता है उसका लंड फिर से तन हो जाता है ...और शिवानी की चूत गीली हो जाती है .
दोनों एक दूसरे को खा जाने को , एक दूसरे में समा जाने की होड़ में लगे हैं ...
कराह रहे हैं ..सिसक रहें हैं ...शशांक उसकी चूचियों को चूस रहा है ..मथ रहा है .. दबा रहा है ....
शिवानी उसके लंड को घीस रही है , जांघों से दबा रही है....अपने हाथों में भर अपनी चूत पर घीस रही है ..अपने अंदर लेने की कोशिश में जुटी है ...
शशांक से रहा नहीं जाता ..'
उसे अपने नीचे कर लेता है ...