- 279
- 356
- 63
मैने उसे बेडपर ढकेल दिया और उसपर लेटकर एक चुची को मुह मे लिया, मेरा दूसरा हाथ उसकी दूसरी चुची रगड था. अब मैने एक हाथ उसकी काली पॅन्टी के उपर रख कर मा की चूत को सहलाने लग. मा की चूत गरम थी और गीली भी हुई थी, शायद दवा और अन्दर की उत्तेजना से ऐसा हुआ हो. मुह से वो इन्कार कर रही थी
" बस करो राज, मुझे छोड दो, तुम दोनो जो चाहे करो लेकिन मुझे छोड दो, मुझे बक्ष दो, ये सब क्या कर रहे हो............क्या मेरे साथ भी गलत काम करना चाहते हो? "
मै हस कर बोल" मा तेरी चूत तो यही कह रही है की तू चुदने के लिये बे-करार हो. जब मै ये काम मेरी बहन के साथ कर सकता हू तो आपके साथ क्यू नही, सच बताओ, आप को मर्द की जरूरत महसूस नही होती, देखो आपकी चूत कितना पानी छोड रही है" और मैने मेरी एक उन्गली मा की चूत मे घुसा दी.
मा को जैसे शॉक लगा, ऐसे वो उछली. मैने नेहा को इशारा किया, उसने मा के हाथ पकड रखे और मैने मा की पॅन्टी उतार कर फेक दी. अब मा मेरे सामने बिलकुल बेबस नन्गी पडी थी. मा का नग्न शरीर देखकर मेरे बदन मे सुरसुरी पैदा हुई. मैने थोडी शरारत करनेकी सोची. मै किचनसे एक शहद की बोतल ले आया और ढेर सारा शहद मा के बदन पर लगाया. मा थोडी चिढकर बोली
"राज ये क्या पागलपन है, क्या कर रहे हो" मैने जवाब नही दिया और मा के नन्गे बदन को लगा शहद चाटने लगा.
मैने मा को पैर से लेकर सिर तक चाट लिया. यहा तक की मैने शहद की कुछ बून्दे मा की चूत मे डाल दी और चूत के अन्दर जीभ डालकर चाट लिया. मा की मासल जान्घो को किस करते हुए मुझ पर नशासा चढ रहा था. मा की चूत डबल रोटी की तरह फूली हुई थी. उसकी चूत अब गरम होती जा रही थी. चूत पर छोटे छोटे बाल थए. शायद कुछ दिन पहले ही शेव की थी चूत. मैने मा के जिस्म पर शहद का अच्छा लेप कर दिया, खूब सारा शहद उसकी चूत और चुची पर लगाय. मा बिना पानी के मछली की तरह तडप रही थी. नेहा ने मुझे चापट मारी और बोली," भैया ये तुम्हारी मा है और इसे सास भी बनाना चाहते हो. सच बताओ मेरे प्यारे भैया, जब चोदोगे तो इसको मा कहोगे या सास?"
नेहा की बात सुनकर मा तो इतनी शरमा गई की पूछो मत. मै बेशरमीसे बोला
रुको डार्लिन्ग ! पहले इस मीठी चीज को खूब चखून्गा, फिर बताऊन्गा ये मेरी मा है या सास. और फ़िर खूब चोदून्गा इसको!"
अब तो हम दोनो भाई बहन मा पर टूट पडे. मै उसकी चुची चाट और चूस रहा था और नेहा उसके पेट और नाभी मे लगा शहद चाट रही थी. मा "आह" "ओह्ह" की आवाज़े निकालती रही और मै और नेहा उसको चूम चूम कर चाटते रहे.
मा का जिस्म का स्वाद और शहद की मिठास दोनो बहुत नशीले लग रहे थे. फिर मैने मा की जान्घो को चूमा चाटा, और चूत पर जुबान फ़ेरी. मा का चिल्लाना अब कम हुआ था और वो भी अब शायद उत्तेजित हो चुकी थी. नेहा उस वक्त मा की चुची चुस रही थी
"ओ....ओ...अम्म्म्म्म्म्म...........मेरी मा..........मुझे क्या हो रहा है....मेरे बच्चो अब बस करो.........मै और नही सह सकती, ..मुझे......मुझे....अब मुझे......... शान्त करो.. मेरा जिस्म जल रह है....उफ़्फ़्फ़........ये मुझे क्या हो रहा है........हे भग्वान........राज बेटा.............अब और मत तडपा...........आ जाओ मेरे अन्दर" मा की मुह से ये सुनने से मुझे यकीन हो गया कि मा अब खुद भी चुदवाने के मूड मे आ गई है. मेरी खुशी का ठिकाना नही था, अब मेरी सेक्सी बहन और मेरी उतनीही सेक्सी मा मेरे साथ यौन सबन्ध रखने के लिए राजी हो गई थी. मैने मा की चूत मे उन्गली डालकर उसे और उत्तेजित करने लगा. मैने मा से कहा
"मा ये बदलाव कैसे आ गया............मै तो बहुत खुश हू.......सॉरी मुझे तुमपर जबरदस्ती करनी पडी लेकिन अब सिर्फ प्यारसे चोदून्गा तुम्हे......" और मैने मा की चुची चूसना आरम्भ किया. मा मेरे बालो मे हाथ फेरते हुए बोली
" बस करो राज, मुझे छोड दो, तुम दोनो जो चाहे करो लेकिन मुझे छोड दो, मुझे बक्ष दो, ये सब क्या कर रहे हो............क्या मेरे साथ भी गलत काम करना चाहते हो? "
मै हस कर बोल" मा तेरी चूत तो यही कह रही है की तू चुदने के लिये बे-करार हो. जब मै ये काम मेरी बहन के साथ कर सकता हू तो आपके साथ क्यू नही, सच बताओ, आप को मर्द की जरूरत महसूस नही होती, देखो आपकी चूत कितना पानी छोड रही है" और मैने मेरी एक उन्गली मा की चूत मे घुसा दी.

मा को जैसे शॉक लगा, ऐसे वो उछली. मैने नेहा को इशारा किया, उसने मा के हाथ पकड रखे और मैने मा की पॅन्टी उतार कर फेक दी. अब मा मेरे सामने बिलकुल बेबस नन्गी पडी थी. मा का नग्न शरीर देखकर मेरे बदन मे सुरसुरी पैदा हुई. मैने थोडी शरारत करनेकी सोची. मै किचनसे एक शहद की बोतल ले आया और ढेर सारा शहद मा के बदन पर लगाया. मा थोडी चिढकर बोली
"राज ये क्या पागलपन है, क्या कर रहे हो" मैने जवाब नही दिया और मा के नन्गे बदन को लगा शहद चाटने लगा.
मैने मा को पैर से लेकर सिर तक चाट लिया. यहा तक की मैने शहद की कुछ बून्दे मा की चूत मे डाल दी और चूत के अन्दर जीभ डालकर चाट लिया. मा की मासल जान्घो को किस करते हुए मुझ पर नशासा चढ रहा था. मा की चूत डबल रोटी की तरह फूली हुई थी. उसकी चूत अब गरम होती जा रही थी. चूत पर छोटे छोटे बाल थए. शायद कुछ दिन पहले ही शेव की थी चूत. मैने मा के जिस्म पर शहद का अच्छा लेप कर दिया, खूब सारा शहद उसकी चूत और चुची पर लगाय. मा बिना पानी के मछली की तरह तडप रही थी. नेहा ने मुझे चापट मारी और बोली," भैया ये तुम्हारी मा है और इसे सास भी बनाना चाहते हो. सच बताओ मेरे प्यारे भैया, जब चोदोगे तो इसको मा कहोगे या सास?"
नेहा की बात सुनकर मा तो इतनी शरमा गई की पूछो मत. मै बेशरमीसे बोला
रुको डार्लिन्ग ! पहले इस मीठी चीज को खूब चखून्गा, फिर बताऊन्गा ये मेरी मा है या सास. और फ़िर खूब चोदून्गा इसको!"
अब तो हम दोनो भाई बहन मा पर टूट पडे. मै उसकी चुची चाट और चूस रहा था और नेहा उसके पेट और नाभी मे लगा शहद चाट रही थी. मा "आह" "ओह्ह" की आवाज़े निकालती रही और मै और नेहा उसको चूम चूम कर चाटते रहे.
मा का जिस्म का स्वाद और शहद की मिठास दोनो बहुत नशीले लग रहे थे. फिर मैने मा की जान्घो को चूमा चाटा, और चूत पर जुबान फ़ेरी. मा का चिल्लाना अब कम हुआ था और वो भी अब शायद उत्तेजित हो चुकी थी. नेहा उस वक्त मा की चुची चुस रही थी
"ओ....ओ...अम्म्म्म्म्म्म...........मेरी मा..........मुझे क्या हो रहा है....मेरे बच्चो अब बस करो.........मै और नही सह सकती, ..मुझे......मुझे....अब मुझे......... शान्त करो.. मेरा जिस्म जल रह है....उफ़्फ़्फ़........ये मुझे क्या हो रहा है........हे भग्वान........राज बेटा.............अब और मत तडपा...........आ जाओ मेरे अन्दर" मा की मुह से ये सुनने से मुझे यकीन हो गया कि मा अब खुद भी चुदवाने के मूड मे आ गई है. मेरी खुशी का ठिकाना नही था, अब मेरी सेक्सी बहन और मेरी उतनीही सेक्सी मा मेरे साथ यौन सबन्ध रखने के लिए राजी हो गई थी. मैने मा की चूत मे उन्गली डालकर उसे और उत्तेजित करने लगा. मैने मा से कहा
"मा ये बदलाव कैसे आ गया............मै तो बहुत खुश हू.......सॉरी मुझे तुमपर जबरदस्ती करनी पडी लेकिन अब सिर्फ प्यारसे चोदून्गा तुम्हे......" और मैने मा की चुची चूसना आरम्भ किया. मा मेरे बालो मे हाथ फेरते हुए बोली