Incest नई दुल्हन by deeply

Member
1,531
1,642
143

नई दुल्हन

मेला का रेला

तभी मैंने एक गुड की जलेबी वाले से दाम पुछे तो बोल पडा भौजी( जादातर दुकाने अक्सर गॉव समाज के ही लोग लगाते है तो वो एक दूसरे को जानते भी) मुफ्त ले लो, अपनी जलेबी के बदले
मैने कहाँ हमारी जलेबी जितना रस नही तेरी जलेबी मे

तभी तो मुफ्त दे रहा हूँ भौजी

हम भौजी नंद की जलेबी तेरी पूरी दुकान से कीमती है देवर जी

हाये भौजी दिल ना तोडो और कहते है दो पत्ता जलेबी हमारी तरफ बढ़ा दी हम पत्ता लेकर चलते बने वो हाये कह कर रह गया

मै चटक बैगनी रंग का लहंगा पहनी तो तो लाल सुर्ख रंग की नंद फ्रांक तभी हम चुड़ी के दुकान की तरफ बढे , मै नंद झुक का चुडिया देखने लगी तभी रवी अपने चार दोस्तो के साथ ठीक मेरे पीछे आया और अपने पैर का मैरे लंहगे मे फॅसा उपर करने लगा मै झुक कर चुड़ी लेने मे व्यस्त थी और वो लंहगा उठा मेरी नंगी गांड मेले मे सबको दिखा रहा था तभी नंद ने मेरे से कहा तो मै तेजी से खडी होकर पलट गई देखा मेले के दुकानदार आदमी औरते तक मेरे नंगी गांड का मजा ले रहे थे रवी
बेशर्म बोला हाय भौजी क्या मस्त हो, कभी अपने पीछले दरवाजे से भी घुसने दो

मै शर्म से दोहरी हो
चल हट हरामी
कहते आगे बढ गई मगर वो मेरे पीछे ही पड़ा था , तभी हम एक सकरी गली से गुजरे गली मे भीड का पूरा रैला था, तभी मेरे हाथ मेरे नंद से छुट गया किसी ने मेरे स्तनो को कस कर पकड़ लिया पीछे देखा तो एक बुड्डा था
बहु आगे बढो और अपने टूटे दाँतो से मुस्कारा रहा है पर हरामी किसी जोक की भाँती अपनी ताकत दिखा रहा था,
ढेला की महरारू है

जी बाबूजी

बडी मस्त लाया है माल, मेरा बेटा रानू सही कह रहा था, मस्त गदरायी गांड है तेरी , अब वो एक हाथ से मेरी चुची और एक हाथ से मेरे चुतडो को मसले जा रहा था और भीड का रेला हल्के हल्के आगे बढ रहा था,
हमे भी चखा दे

हाय बाबूजी दर्द हो रहा है आप बहुत तेज दबा रहे है

बहू हम तो तेज है हम तेरे ससुर से भी तेज मारते है ना मान तो अपनी सास से पूछ लेना

तभी एक जोरदार धक्का लगा एका नया भीड का रेला बाँयी गली से जुड गया देखा तो रानू का बाप तो दूर था मगर रवी इसी ताक मे था मेरे पीछे आकर मेरी समीज मे हाथ डाल किसी गाये के दूध दुहने की भाँती मेरी चुचीयो को पकड़ दुह रहा था, मेरे पास सिसकारिया लेने के आलावा कुछ ना था इतनी भीड की टस से टम ना हुआ जा सकता था थोड़ी दूर पर नंद थी, उसकी तरफ देखा उसके गाल लाल हो चुके थे ऑखो मे लाल डोरे उतर आये थे पवन दोनो हाथो मे उसके टिकोरे जबरदस्त जरीके से दबा रहा था कि आज उसमें दूध निकाल कर ही मानेगा तो इधर रवी भी इसी प्रयास मे प्रयासरत था, तभी सवीत्रा की एक चीख सुनाई दी मै इससे पहले कुछ समझ पाती की मेरी गांड मे रवी ने बेदर्दी से अपनी उंगली डाल दी और तेजी से मेरी चीख निकल पड़ी
हाये भौजी आज इस बिल का मजा दिला दो स एहसान मानूँगा जिंदगी भर
अब मै समझ चुकी थी नंद बेचारी क्यो चीखी
 
Member
1,531
1,642
143

नई दुल्हन

मेला बडा बेदर्दी

हाय भीड मे रवी की उँगली गांड मे डाले जैसे तैसे बड रही थी उसकी एक हाथ की उँगली गांड मे थी तो एक हाथ मेरी चुचीयो की जबरदस्त तरीके से मसला जा रहा था, सच यह भी है कि इस भीड मे अकेली मै ही नही गाँव की हर लड़की जो इस भीड के रेले मे फंसी थी उनका सब का हाल यही था, मेले मे कुछ कुवांरीयो की सील तक यह हरामी लौडिया बाज अपनी उंगली से तोड डालते है, आधी औरते तो उंगली कराने ही मेले मे जाती है, बरहाल नंद मुझसे काफी आगे जा चुकी थी, हरामी रवी की मोटी उंगली गांड मे फँसी थी जिससे चला भी ना जा रहा था, और ऊपर से तेजी से पेशाब लगी थी, तभी रवी एक कोने मे लाते हुये सकरी गली से ले आया जो एक बड़ गन्ने के खेत मे आती थी, बाहर आते है गन्ने का एक बडा खेत था
कहाँ ले आया हरामी तु मुझे, पहले उंगली निकाल बढी परपरा रही है गांड जैसे उंगली मे मिरचा लपेटा हो

अंदर चल पहले, चाट खा रहा था तो हाथ नही धोये सोचा तेरी गांड को चाट का स्वाद चखा दूँ, और उंगली निकलेगी जरूर मगर मेरा लंड जायेगा तब, मगर पहले तेरी चाट चाट लूँ

तभी एक चिखने की आवाज आयी खेत के बाँयी ओर से, मैने आगे बढकर देखा , रानू का बाप अपनी नई नवेली बहु जो रानू का अभी पाँच दिन पहले शादी करके आयी है, रानू का बाप अपनी बहू को कुत्तीया बनाये आधा लंड उसकी गांड मे फँसाये पड़ा था, और उसकी बहु आँखो मे आँसू लिये चिल्ला रही थी

हाये बाबूजी बहुत दर्द हो रिया है, कसम से
बहुत दर्द है बहुत मोटा है बाबूजी अपका
पैर पड़ती हूँ बाबूजी गांड छोड दो बूर चोद लो जितनी मर्जी

साली जादा नखरे करेगी तो रानू के सामने तेरी गांड मारूगा, चल गांड ऊपर उठा

जैसे ही नवेली दुल्हन ने हलके से अपनी गांड उठायी, तभी उसके ससुर ने एक जोरदार धक्का मारा की आधे से जादा लंड उसकी गांड मे समा गया मगर एक चौथाई लंड अभी भी बाहर था, नवेली दुल्हन दर्द से एक जोरदार चीख मारी और उठकर भागने को हुई मगर उसके ससुर यह जानते थी इसलिए उसकी कमर कस कर पकड़े हुये थे कि रत्ती भर लंड बाहर ना निकले वो जानते थे नवेली गांड मारने के लिए बेदर्दी दिखानी ही पड़ती है वरना दुनिया मे कोई गाड ना मार सके,

हाये बाबूजी गांड फट गई छोड दो

बहू मेला तुझे घुमाने इस लिए तो लाया हूँ कि तेरी गांड, मैंन तुझे कल बताया था ना गांड मै तेल डाल लेना

हाये बाबूजी रात को उनसे कहा था गांड मे तेल डाल दो जी, कल बाबूजी मेला घुमाने ले जायेंगे

तो क्या बोला मेरा बेटा रानू

उन्होंने मेरे चुतडो पर हाथ मारते बोले मेले मे सुखी गांड ही मजा देती है

वो तो है कहते हुये अपना लंड सुपाडे तक बाहर खीचते हुये एक जोरदार ठाप मारी अबकी बार लंड फतह कर चुका था पूरा लंड गांड़ मे समा चुका था, इसके साथ नवेली दुल्हन ने दोनो हाथ जमीन पर रख आगे भाग निकलने का अखिरी निरर्थक प्रयास किया मगर उसका प्रयास और चीखे दोनों दबी रह गई उस गन्ने के खेत मे, तभी रवी पीछे आकर बोला चलो भौजी अब हम भी अपना खेल खेले, उधर ससुर अपनी बहु की गांड मे जोरदार धक्के लगाये जा रहा था,
उधर बहु बड़बड़ा रही थी हाये फाड दी बाबूजी ने मेरी गांड , हाये फांड दी मॅया मेरी गांड ससुर ने, आज मेरा खसम मेरी फटी गांड देखेगा
 
Member
1,531
1,642
143

नई दुल्हन

मेला मे लुटा ढेला का माल

उधर ससुर बहु की धमाकेदार चुदाई देख मेरी भी बुर पनिया गई थी, रानू की पत्नी थी जबरदस्त कामुक भले पहले छिटक रही थी मगर अब तो कुक्तिया की तरह गांड उठा उठा के लंड खा रही थी, इधर रवी मेरे चुचीयो को मसलते हुये खेत की दूसरी तरह ले आया, भले मेरी बुर पनिया गई थी मगर नंद की चिंता भी थी,
छोड रवी सवित्रा मेले मे है बेचारी ना जाने कहा होगी

तभी गन्ने चीरते हुये सामने से अचानक पवन आते मिला चिंता ना करो भौजी वो तुम्हे थोड़ी देर बाद मोड पर मिल जायेगी अभी झुला झुल रही है तेरी भौजी को झुला झुला कर मोड पर भेज देगे कहके आया हूँ

तभी रवी ने मुझे लेटा दिया और मेरा घाघरा ऊपर को उठा दिया सामने मेरी गोरी साफाचट बुर देख के उसके मुँह मे पानी आ गया और मेरी बुर पर किसी भुखे कुत्ते की भाँती टुट पडा, मेरी बुर ससुर बहु के चुदायी देख वैसे ही गीली हो चुकी थी मगर रवी के मुंह लगाते ही मेरी बुर ने पानी की मात्रा बडा दी

रवी बोला कसम से भौजी इतनी बुर चाटी है मगर तेरी बुर का स्वाद ही गजब है किसी मुर्रा भैस की मलाई की तरह तेरी बुर पानी छोड़ती है कि बचपन मे काले चूरन का स्वाद याद आ जाता है बडी चटक नमकीन है तेरी बुर का पानी, और चपर चपर चाटने लगा

उधर गॉव के सबसे कसरती बदन का मालिक पवन किसी बॉडी बिल्डर से कम ना था उसने भी कपडे उतार दिया उसका कसरती बदन वा कसरती लंड देख मेरी बुर ने पानी छोड जिसे बडे मन से रवी चाट रहा था, पवन का लंड भले अभी सोया हुआ था मगर तब भी सोया हुआा भी ढेला से दुगना लंबा मोटा था
तभी पवन मेरी बुर की तरफ आ बुर चाटने लगा और रवी ने अपना लंड मेरे मुँह मे दे दिया, तभी मैने कहा देवर राजा रुक जाओ थोड़ी देर मुझे पेशाब लगी है मगर उन्होंने ना सुना पवन बुर चाटना लगातार जारी रखी और रवी ने मेरा मुँह चोदना

मेरी बुर से तेज सुरसुरी हो रही थी मगर रवी ने मेरे सर पकड़ कर हलक मे अपना लंड डाल दिया मै बस गु गु कर रह गई अचानक मेरा बदन अकड़ने लगा यह देखकर पवन ने मेरी दोनो टाँगे और चौडी कर फैला दी वा बुर तेजी से चाटने लगा अब मुझसे बरदाशत से बाहर था मैंने पेशाब करना चालु कर दिया जिसे पवन मुंह लगाकर पीने लगा,

थोड़ी देर मे लगभग मेरा निकाला जादातर पेशाब पवन के गले के नीचे उतर गया तो कुछ जमीन ने सोख लिया पवन बोला भौजी जितना मस्त तेरे बुर का पानी है उतना ही मस्त तेरा पेशाब,

मै शरमाकर धत्त बेशर्म
तभी पवन ने मेरी चोली ऊतार दी
चोली से मुक्त होते ही चुचियाँ यूं बाहर निकलीं जैसे कोई चिड़िया एकाएक पिंजड़े से आजाद हो गई हो, सफेद बर्फ जैसी चूचियों पर भूरे निप्पल, सामने को तने हुए, अपनी तरफ आकर्षित कर रहे थे। वो झट से निप्पलों को मुख में भर कर बारी बारी चूसने लगा और हल्के से दाँत भी गड़ा देता, मै आह सी आवाज निकाल देतीं और रवी के हाथ अपनी जिम्मेदारी समझते हुए उनकी घघारी उतार रहे थे। मेरी निगाह जब उनके नीचे गई तो मन और चंचल हो गया। गजब का तराशा बदन था, सुनहरी रेशमी बुर पर काला तिल चार चांद लगा रही थीं, यूं लग रहा था जैसे यह बुर सिर्फ देखने के लिए ही बनी है।
पवन का 8 इन्च का लण्ड छलकता हुआ तूफान मचा रहा था, बौखलाए काले सांड की तरह ऊपर नीचे हो रहा था। तभी मै बौखलाए सांड को अपने मुँह में लेकर उस पर काबू करने का प्रयास करने लगी और आधा लण्ड मुख में रख कर चूसना प्रारम्भ कर दिया। ऊधर अब रवी मेरी बुर चाटने लगा , वो अपने हाथों से उनकी बुर में अँगुली डाल खेलने सा लगा, उसी में धीरे से बीच बीच में अपने हाथ के पन्जे से मेरी पूरी बुर को मसल देता और वे चौंक सी जाती। तो कभी चाटते चाटते बुर पर दॉत लगा देता तो दर्द से सिहर जाती ऐसा लग रहा था जैसे मै आज पहली बार चुदने जा रही थी और जैसे उन्होने भी ऐसी कमाल की बुर अभी तक नहीं देखी थी। हाथ उनके अपने काबू में न थे, कभी बुर पर, कभी चूची पर, कभी गांड के छेद में उलझ रहे थे, जोश होश में न था, लण्ड मेरे मुख में ही पवन अपना प्रथम नमकीन पानी गिरा कर अपने बौखलाहट और गरमी का एहसास मुझ को करा रहा था और मै भी पेशाब पीने का बदला पवन का चुकाने का मौका पाते ही उसे गटक जाती थी मानो कोई शहद चटा रहा हो। और सुपाड़ा काफी गुस्से में नजर आ रहा था, पूरा लाल टमाटर जैसा, फूल कर डब्बा हुआ जा रहा था, उसकी मोटाई लण्ड से भी आधा इन्च ज्यादा थी और रवी अपनी एक अँगुली करामात दिखाते हुए मेरी बुर में चुभा रहा था जैसे बुर के अंदर का पानी भी निकाल चाट जाना चहाता हो।

मै थोड़ा सा कुलबुला उठी।
अब बारी चुदाई की नजदीक आ रही थी क्योंकि उनके लण्ड में भयंकर रक्त प्रवाह बढ़ गया था, लग रहा था कि सुपाड़ा अभी फट ही जएगा। पवन ने तुरन्त लण्ड को मेरे मुख से बाहर खींचा और उनको जमीन पर सीधा लिटा कर कमर के नीचे एक दोनो हाथ डाला और मेरे पैरों को अपने कन्धे पर चढ़ा कर लण्ड का फूलकर मोटा हुआ सुपाड़ा बुर के लबों पर भिड़ा दिया। मेरे बुर के छेद के सामने लग रहा था कि कोई विकराल मुँह बन्द रख दिया गया हो। चूँकि लण्ड गीला था ही और बुर भी गीली हो चुकी थी, हल्के धक्के के साथ ही लण्ड बुर में रगड़ता हुआ आधा समा गया पर इतने में ही मै छ्टपटा उठी और मुख से हल्की सी चीख निकल गई।


वो पूरे जोश में था, चूचियों को मसलते हुए अपने लण्ड का अगला प्रहार जोरदार तरीके से कर डाला। मॅ एकदम से चीख पड़ी और बुर से थोड़ा लाल पानी भी आ गया पर उधर रवी चूचियों पर हाथ चलाना जारी रखा, जब उसे लगा कि अब मुझे कुछ अच्छा लग रहा है तब लण्ड को पूरा बाहर खींच कर ताबड़ तोड़ तीन-चार धक्के दे ही मारे। हर धक्के पर मै सिकुड़ सी जाती, कुछ-एक धक्कों के बाद मै भी चूतड़ हिला कर इशारा करने लगी कि अब बेधड़क चोदो !
तब पवन ने मुझसे पूछा- मजा आ रहा है भौजी?

"हाँ, चोदिए ! खुल कर ! एक बार तो आपका लण्ड बुर पर लगा नाराज ही हो गया है और फाड़ कर रख दिया पर मेरी बुर भी कम नहीं, आखिर आपके लण्ड को खा ही लिया।"
पवन ने कहा- अरे इतनी प्यारी और सुन्दर बुर से कौन पागल लण्ड दोस्ती नहीं करना चाहेगा? सच भौजी, इतनी गुलाबी जवान बुर मैंने आज तक नहीं देखी थी। मेरे कालू को इस सुन्दर बुर ने दीवाना बना लिया है।
लण्ड बुर में काफी रगड़ते हुए जा रहा था जिससे मेरा मजा ही कुछ और था और मै भी झूम झूम कर चूतड़ हिला रही थी और बुर लण्ड की नई दोस्ती नई धुन पैदा कर रही थी। लण्ड गच गच गच गच की धुन बुर को सुना रहा था और बुर चुभ चुभ फ़ुच फ़ुच कर लण्ड के गीत का स्वागत कर रही थी।
अब तो ऐसा लग रहा था कि लण्ड बुर से खेल रहा हो। मै भी पूरे ताव में थी और पवन का मुख मेरी चूची पर जीभ निप्पल पर घूम रही थी, हाथ चारों तरफ रेंगने का काम करके काम क्रीड़ा को और हवा दे रहे थे और मेरे के हाथ उसके लण्ड के नीचे की गोलाइयों पर फिर रहे थे जिससे लण्ड और झूम रहा था।
अब मेरी भी गति बढ़ रही थी, पवन अपने लण्ड की भी रफ्तार बढ़ा ली, लग रहा था काले तिल वाली बुर उछ्ल उछ्ल कर लण्ड का स्वागत कर रही हो और लण्ड चभक चभक कर स्वागत करवा रहा हो। पूरी गति से लण्ड का प्रहार बुर पर जारी था और तभी पवन पलट गया अब वो नीचे मै उपर आ गई मेरे होश नही था बस ठाप पे ठाप मारे जा रही थी तभी पवन ने मेरी कमर कस के पकड़ ली पीछे से खी ने मेरे चुतड़ों को जबरदस्त तरीके से फैला दिया मै कुछ समझ पाती की रवी ने मेरी गांड मै झटके से अपना सुपड़ा डाल दिया, मै चीख उठी मेरे आँखो से आँसु निकल आये

हाये दईया फाड दी गांड

अरे भौजी अभी कहाँ फटी है अभी तो शुरुआत है तुम तो नाहक चिल्ला रही है कोई नही सुनेगा, तभी थोड़ी दूर पर किसी लड़की की चीखने की आवाज आई मै समझ गई यहाँ आम है मै अकेली नही

तभी रवी ने दूसरा जोरदार धक्का मारा की सरकते हुये आधा लंड गांड मै समा गया मेरी, मगर इस बार पवन मेरे मुंह को अपने होठो से बंद कर दिया मगर ऑखो से ऑसू लुढक आये, तभी रवी ने मेरे चुतड पर जोरदार थप्पड़ मारा
बडी टईट गांड है भौजी तेरी, मेरा लंड छिल गया लगता है, उसने पूरा लंड गांड से झटके मे निकाल लिया

मेरे मुॅह से उफ निकल गया डालने से जादा तो झटके से निकालने मे दर्द हुआ, तभी रवी लहराते हुये मेरे सामने आया उसके विकराल लंड के टोपा पर मेरे गांड का मल से सना था, बोला चल भौजी चाट और साफ कर चिकना कर

छी गंदा है

मगर वो मुॅह मे डालने का प्रयास किया तो मैंने मुह मोड लिया छी रवी यह क्या कर रहे हो छी

कुत्तिया छिनालपन कर रही है

उसने सर पकड़ मेरी नाक बंद कर दीं थक कर मुझे मुँह खोलना फडा इतने मे उसने अपना विकराल लंड मेरे हलक मे डाल दिया मजबूर हो मुझे उसे चाटना पड़ा

उधर पवन के धक्के तेज कर दिये मै दूसरी बार झड़ने के करीब थी
 
Member
1,531
1,642
143

नई दुल्हन

मेला मे लुटा ढेला का माल-2


छी गंदा है

मगर वो मुॅह मे डालने का प्रयास किया तो मैंने मुह मोड लिया छी रवी यह क्या कर रहे हो छी

कुत्तिया छिनालपन कर रही है

उसने सर पकड़ मेरी नाक बंद कर दीं थक कर मुझे मुँह खोलना फडा इतने मे उसने अपना विकराल लंड मेरे हलक मे डाल दिया मजबूर हो मुझे उसे चाटना पड़ा

उधर पवन के धक्के तेज कर दिये मै दूसरी बार झड़ने के करीब थी

अब आगे

रवी तेजी से मुंह चोदन क्रिया मे व्यस्त था तभी उसने अपना फनफनता सॉप मेरे मुंह से निकाला और मेरे पीछे आ गया
हाय देवर जी रहम करो गांड कभी और मार लेना आज छोड दो
तभी उसने एक जोरदार थप्पड़ मेरे चुतडो पर मारा मै चुहक पड़ी

भौजी कल करे सो आज करे, आज करे सो अब बड़ बुजर्ग कह गये है, तेरी गाड़ इतनी टाईट है कि आधा लंड डालते ही झड़ने वाला था, वो तो सही समय पर निकाल लिया वरना यह गाड कैसे मारता, मगर इतनी मस्त गाड मै छोड़ने से रहा

तभी उसका धक्का इतना तीव्र था कि सुपाड़े सहित एक चौथाई लंड गांड मे पेवस्त हो गया जैसे किसी ने मोटा लोहा डाल दिया हो तभी बिना देर किये वो बेदर्दी ने दूसरे झटके मे पुरा लंड मेरी गांड मे उतार दिया मै बिलबिला उठी और चिल्लाते हुये पवन के सीने पर जोरदार काट लिया मेरे साथ पवन चिल्ला उठा और मेरा मुँह सीने से छुड़ाने के लिये दोनो ने एक साथ लंड को बुर वा गांड से एक साथ सुपाड़े तक लंड निकाल कर जोरदार धक्का मार एक साथ पुरा लंड जड तक बुर गांड मे घुसा दिया, मै फिर बिलबिला उठी

हाये दईया मार डाला हरामियो तुम्हारी भौजी हूँ, तुम्हारी रांड मा बहनो की तरह नही, जो भोसड़ा खोले घुमती रहती है, फाड दी कुत्तो तुमने आज

उधर वो कुत्तो की तरह चोदे जा रहे थे रफ्तार से


लभभग आधा घंटा जुटे रहे दोनो मै पूरी तरह थम चुकी थी कितनी बार झड़ी मै भी नही जानती, पहले रवी झडा और अपने वीर्य से मेरी पुरी गांड भर दी वीर्य इतना की वह गांड से बाहर निकलते हुये पवन के अंडकोषो पर टपकने लगा, तभी पवन भी झड गया और उसने अपना वीर्य से मेरी बुर भर दी, मेरी दोनो छेदो मे गरम गरम लावा भरने जैसा एहसास हो रहा था

थोड़ी देर मे वो दोनो मुझे छोड़ने मोड तक आये जहाँ मेरी नंद रानी मेरा इंतजार कर रही थी, फिर पवन रवी मेरे गाल चुमते हुये मेले की तरफ चले गये शायद अब किसी दूसरी भौजी की शामत होनी बाकि थी वैसे वो रास्ते भर रानू की महरारू की बात कर रहे थे, बेचारी अभी ससुर का दर्द कम भी नही हुआ होगा यह फाड़ने चल पडे, सच मेला बडा बेदर्द है

नंद ने पूछा
का रे भौजी कैसा रहा मेला

मै बोली और मुस्सकारा दी

मेला मे लुटा ढेला का माल

और हम दोनो जोरदार हंस दी और बतियाते हुये घर की तरफ चल दी
 
Member
1,531
1,642
143

नई दुल्हन

भैया की साईकिल

आसमान मे बदली घिर आई थी पितर पख चलत हो तो सभी ओर केवल पानी ही पानी दिखाई देत है मै भी जल्दी जल्दी रवाना बना सवित्रा का लंच तैयार कर उसके बैंग मे रखने के लिए कमरे मे गई तो देखा लाडो रानी ड्रेस मे तैयार थी मैने स्कर्ट उठाई तो लाल चड्डी नजर आई मैंने उसे डॉटते हुये
क्या री बुरचोदी तुझे एक बार मे समझ ना आवे क्या कहो था मगर थारी बैल बुद्धि मे कोनी समझ ना आनी, ऐसे लाछन रहे तो तेरी बुर ऐसी की ऐसी रह जावे जल्दी बाल भी आवे
माफ कर दो भौजी मगर आज ठण्ड सी है बाहर बदली अजय भैया साइकिल से छोडे जावे छोटी सी स्कर्ट कैसे बैठुंगी साइकिल के डण्डे पर
मैंने उसकी चड्डी उतराते हुये कहो लाडो तेरी उमर साइकिल के डण्डे पर बैठने की ना रही, भैया के डण्डे पर बैठ जाना बेचारी तेरी चुनमुनिया कब तक पानी बाहते रहेगी
चड्डी उतारते ही उसकी चिकनी बिना बालो की कसी बुर सामने थी मेरी बातो से उसकी बुर पनिया ही नही गई साथ उसके गालों और बुर पर एक लाली सी आ गई थी
हाये भौजी यह गजब ना करो डंडा चुभेगा

अरे लाडो डंडा चुभेगा नही घुसेगा

हाये भौजी कैसी बाते करती हो

चल अब जा जादा नखरा ना कर वरना देवर को बुला तेरी नथ यही उतवाऊ

हाये भौजी तु बहुत कमीनी है, देख कितनी छोटी स्कर्ट है थोड़ा झुक जाऊ तो पुरा चुतड नंगे हो जाते है बडी स्कर्ट धो रखी है आज पहन लेने दे कल से तेरी जीत

तभी अजय की आवाज आई छुटकी जल्दी आ देर हो रही है स्कूल छोड मुझे खेत मे भी जाना है पानी कटाने

चल जा तेरे भैया बुला रहे है चड्डी तो नही मिलेगी

सवित्रा बिना चड्डी के बाहर आई, अंदर से नंगी थी चलने मे बडा अजीब सा लग रहा था उसे, चलने पर जैसे बुर के दोनों होठ आपस मे रगड़ते हो उपर से ठंडी हवा का झोका उसकी नग्नता को एक मीठा एहसास दे रहा था

क्यो री कितनी देर करती है जल्द बैठ

सवित्रा अजय के साइकिल के डण्डे पर बैठ गई, अजय बरमूडा और बनियान पहना था, गाँव के सकरे कच्चे रास्ते से निकलते हुये गॉव से बाहर आ गया, गाँव से स्कूल लगभग 4 किलोमीटर दूर था रास्ते भर केवल खेत बाग थे, अजय साइकिल चलाते वक्त उसका एक पैर सवित्रा की नंगी रानो पर तो दूसरा पैर उसके चुतडो से टकरा रहा था दोनों मौन भले थे मगर स्पर्श का आंनद दोनो ही ले रहे थे इसका असर यह था कि सवित्रा की बुर पनिया गई थी तो अजय का लंड अपने पूरे विकराल रूप मे था, तभी सवित्रा कुछ आगे हुई,

अजय बोला क्या हुआ सवित्रा

सवित्र भैया डण्डा गड रहा है

अजय ऐसा कर तु एक पैर डडे के इस तरफ कर ले और एक पैर डंडे के उस तरफ कर बैठ तो आराम मिलेगा तु आसाम से बैठ भी जायेगी अभी सफर लंबा है
सवित्र ठीक है भैया

अजय ने साइकिल रोक दी तो सवित्रा डंडे के दूसरी तरफ पैर किया जैसे ही पैर दूसरी तरफ किया तो वो सर से पैर तक गनगना गई वो भूल बैठी थी उसने चड्डी नही पहनी इसका परिणाम यह हुआ डंडा उसकी गांड की दरार मे घुस सा गया, और बुर डंडे से सट सी गई तभी अजय ने साइकिल चला दी, अचानक एक हतका गंड्डा मे साईकिल निकल तो झटके से सवित्रा की बुर का दाना साइकिल के डंडे से रगड गया उसके मुंह से एक सिसकी सी निकल गई

अजय क्या हुआ छुटकी

सवित्रा कु.... कु.. कुछ नही भैया

जल्द अजय को एहसास हो गया कि उसकी बहन शायद नंगी है क्योकि उसके घुटने बार बार सवित्रा के नरम कोमल गुदाज चुतड़ो से रगड कर जा रहे थे, उधर सवित्रा का बुरा हाल था, उसकी बुर लसलसा पानी छोड रही थी जिससे साइकिल का डंडा लगभग पूरी तरह से भीग चुका था, साइकिल तो कच्ची सड़क पर उबड खबड़ रास्तो से चल ही रही थी जिससे बुर के दोनो पुत्तियो के बीच फंसा साइकिल का डंडा बार बार रगड मार रहा था वो जितना रगड मारता बदले मे बुर उसकी रगड के हिसाब से पानी फेक देती, सवित्रा का बुरा हाल था उसे जैसे एक नशे ने घेर लिया हो आँखो मे लाल धागे तैरने लगे थे तो मुंह पर एक ललिमा ने घेरा बना लिया था

तभी सामने से रानू के पिता साईकिल से आते दिखाई दिये तो उसने साइकिल रोक ली, इससे सवित्रा को एक झुझलाट सी आ गई लगभग वो झडने के करीब थी की अजय ने साईकिल रोक ली, सामने से रानू के पिता आ रहे थे

अजय पायेलागू काका का हालचाल वाये

रानू के पिता जिओ बेटा कहा जा रहे हो

तभी रानू के पिता की नजर सवित्रा पर पडी वो दोनों टाँगे फैलाये साइकिल पर बैठी है स्कर्ट उठी हुई वा गांड मे साईकिल का घुसा डंडा वा गजब उसकी चिकनी बुर जिसके बीचो बीच डंडा फंसा पड़ा था फुली बिना बालो की बुर के बीच फँसा डंडा उस पर टपकता लासा जैसा पानी रानू के पिता के मुॅह से आह सी निकली

रानू के पिता तेरी बहनिया तो शादी लायक हो गई है अजय

तभी सवित्रा को अपनी नग्नता का अहसास हुआ रानू के पिता के देखने के तरीक से, उसने झट से स्कर्ट खीच का बुर के आगे की, और शर्म से गर्दन झुका ली

अजय हॉ काका इसके लिए कोई लड़का खोजो

रानू के पिता अरे तेरे जीजा के दो भाई है ना, उनका एक भाई पकैया है ना

अजय अरे हाँ काका, अबकि रंगनोई मे जीजा अयेगे तो बात चलायूँ, अच्छा चलता हूँ देर हो रही है

रानू का पिता ठीक है बेटा चलो और उन्हे जाते देखने लगा और अपने सीने पर हाथ रख आहे भरता हुआ बोला गजब का माल है अब तक मेरी निगाह इस पर क्यों नही गई

अजय जैसे आगे बढा वैसे ही बुर के दाने पर साइकिल के डंडे की रगड चालू हो गई, सवित्रा पर खुमार फिर से चढना चालू हो गया
अचानक तेज बरिश होने लगी, चारो तरह खाली खेत थे तभी थोड़ी देर मे एक पेड सड़क से थोड़ी दूर दिखाई दिया जो कम धना, अजय ने साईकिल रोक दी, जैसे ही सवित्रा उतरी अजय के दिल पर जैसे बिजली सी गिर गई, सवित्रा की कमीज पूरी भीग गई थी सपेद कमीज से उसके टिकोरे साफ स्पष्ट नजर आ रहे थे,


Arpita-2

अजय का लंड फनफना उठा जैसे अभी वो पानी छोड देगा मगर साँस पर काबू पाते हुये अजय ने अपने लंड के पानी को गिरने से बचाया, साईकिल से निकल कर वो पेड के नीचे आ गये, मगर अजय की निगाहा सवित्रा के टिकोरो से हट ही नही रही थी, उधर जैसे ही सवित्रा की निगाह अजय के बरमुडा पर गई तो उसकी बुर पनिया गई, अजय पतला बरमुडा पहना था जो भीग गया था, खड़ा लंड बरमुडा के अंदर ही अपनी लम्बाई मोटाई स्पष्ट बता रहा था, ऐसा लग रहा था बरमूडा फाड कर कभी भी लंड बाहर आ जायेगा और सवित्रा की सील तोडते हुये जबरदस्त चुदाई करेगा, रह रह कर बरमुडा मे लंड झटके मार रहा था और हवा भी तेज थी तो किसी झंडे की भाँति वो वरमुडे मे लहरा रहा था, सवित्रा को तो जैसे मस्ती छा रही थी बरमुडे मे लंड के झटके के साथ बुर से लसलसा पानी बाहर आ रहा था,
भैया लगता है ठंड बड गई पितर मे कुवार लगे है जैसे

अजय हॉ री, हवा ठंडी है

तभी सवित्रा ने चप्पल ठीक करने को झुकी थी की अजय पर बिजली सी गिर गई

सवित्रा की सांवली बुर भुरी गांड स्पष्ट नजर आने लगी अजय को

अजय हाये छुटकी काका सही कह रहे थी तु अब जवान हो गई है

Shy-Fashion-2020-UNRATED-720p-HDRip-i-Entertainment-Originals-Hot-Video-mkv-001263425



सवित्रा झुके झुके उसकी तरफ मुँह कर मुस्कराती बोली, कहाँ से भैया बडी हो गई अभी तो मै छुटकी हूँ

अजय दोनो हाथो से सवित्रा के चुतड़ो पर हाथ रख उसकी गांड की दरार को फैला दिया, गांड का भुरा छेद और बुर उसके सामने मुंह खोले थी तभी पेड के पत्तो से पानी की एक बूंद ठीक गांड के छेद पर गिरी जिसे अजय ने चाट लिया, सवित्रा सीहर गई
अजय तेरी बुर की महक बता रही है छुटकी

हाये भैया अपको मेरी बुर की महक कैसे पता, सवित्रा खड़ी होकर पुछा

अजय जब तु झुकी थी तो तेरी गांड पर पानी गिर गया तो उसको चाटने के साथ तेरी बुर की भी महक मिल गई

सवित्रा वो एक चड्डी है वो गीली थी तो नही पहन पाई मगर आपको अपनी बहन की गांड बुर नही देखनी थी भैया और आपने देखी नही मेरी गांड चाट भी ली, छी ऊपर से आपका यह खडा डंडा बता रहा है कि आप अपनी बहन को किस नजर से देख रहे है

अजय छुटकी तु जितनी प्यारी है तेरी बुर उतनी ही प्यारी क्या करू दिखी तो नजर नही हटा पाया

सवित्रा बरमुडे के ऊपर से अजय का लंड कस के दबोचते हुये पकड ली बोली कोई बात नही भैया इस बेचारे की कोई गलती नही, गलती मेरी है मै चड्डी पहनना भूल आयी, इस बेचारे का काम ही है बुर दिखे तो खड़ा हो जाये, फिर वो भौजी हो या बहन,

लंड पकडे पकड़े सवित्रा फिर बोली , भैया बारिश रुक नही रही है मुझे पेशाब लगा है
अजय बरिश हो रही है तू इसी पेड के नीचे यही कर ले

हाये भैया आपके सामने मै कैसे मूतू मुझे शर्म आती है इसके साथ अजय का लंड सवित्रा ने जोरो से खीच दिया

अजय छुटकी ले मै और बंद कर लूँगा तु कर ले, यही पास बैठ जा

हाये भैया आप आँख बंद कर लेना, कसम से, अपनी बहन की अनचुदी बुर गांड मत देखेना भैया ठीक है

ठीक है बाबा ठीक है, अजय ने अपने हाथ सवित्रा बुर पर ले जाते हुये कहा तेरी यह प्यारी अनचुदी बुर और गांड नही देखुगा अब तो ठीक है

अजय यह कहते हुये अपने हाथो को बुर पर मसलते हुये वापस लाया तो बुर के पानी से उसकी उंगलियाँ सन चुकी थी उसने अपने हाथो की उंगलियो को सवित्रा के सामने चाटने लगा

सवित्रा के गाल लाल हो गये बोली चल झुठा

तभी पेड के नीचे एक कोने मे पेशाब के लिए बैठी पीछे मुड कर देखा तो अजय उसी की तरफ मुंह बाये खडा था

सवित्रा हाये भैया देखो ना मेरी स्कर्ट जमीन को छु रही है पेशाब से खराब ना हो जाये आप मेरी स्कर्ट उठा के पकड़ लो

अजय तो बस मौके की तलाश मे था जिसे सवित्रा ने ही दे दिया

अजय झट से उसकी स्कर्ट उठा उसके नंगे चुतड़ो के दोनो पटो को अपने हाथ मे ले लिया, अपने बरमुडे से अपना लंड निकाल चिपकते हुये उसकी गांड की दरार से सटा बुर के मुँह से लंड चिपका दिया

सवित्रा भैया के मोटे लंड का सुपाडा अपने बुर की मुॅह लगते ही सिहर गई और हाये भैया

अजय क्या हुआ छुटकी

सवित्रा हाये भैया अपका लंड अपकी बहन की बुर के मुहाँने ठोकर मार रहा है

अजय मॅ क्या कर सकता हूँ छुटकी तेरी स्कर्ट पकड़ने के चक्कर चिपकना पड़ा तो इस चुतिये को यही जगह मिली

सवित्रा खिलखिलाती हुई भैया यह चुतिया नही शाररती है इसे बहन की बुर और दूसरी बुरो मे अंतर नही पता, इसके लक्षण सही नही है देखना भैया, एक दिन यह मेरी प्यारी बुर और गांड दोनो फाड़ेगा

अजय यह सुनते ही उसका लंड झटके मारने लगा

सवित्रा देखो भैया देखो इसका वश चले तो अपकी प्यारी बहन की बुर अभी फाड दे

अजय क्या करू बड़ा हरामी हो गया है मेरी प्यारी बहन की बुर नही पहचान रहा,

सवित्रा हाये भैया मैंने देखा है इसने भौजी की गांड कितनी बेदर्दी से फाड़ी थी, आधा घुसते ही भौजी रोने चिल्लाने लगी थी, तु खुद देख ले भैया तेरी छुटकी की गाड कितनी छोटी है, और इसी के साथ सवित्रा ने अपनी गांड उठा दी, देख भैया यह तेरी बहन की गांड कितनी बेदर्दी से फाडेगा

अजय ने चुतड़ो के दोनो पटो को खोला, सवित्रा की भुरी टाईट गांड उसके सामने थी

अजय सच कह रही है तु इतनी टाईट गांड है, सुई को घुसने मे दिक्कत हो हाये क्या मस्त है छुटकी तेरी गांड

सवित्रा फिर पेशाब करने वाले एंगल से बैठ गई और अजय का लंड बुर के मुँह पर ठोकर मारने लगा

सवित्रा देख ना भैया अपनी प्यारी बहन की बुर का छेद दबा रहा है यह हरामी तो मूत कैसे निकलेगा


अजय अपना लंड थोड़ा आगे बढ़ दिया अब लंड बुर की दोनो पुक्तियो के बीच था, छुटकी अब मूत तेरी स्कर्ट नही भीगेगी

सवित्रा जी भैया

तभी एक जोर से सीटी की आवाज के साथ उसकी पेशाब निकलने लगी, गर्म गर्म पेशाब सीधे लंड पर पड रही थी गर्म पेशाब पड़ते ही अजय बरदाशत नही कर पाया और उसके लंड ने भी पिचकारी छोड दी
 
Member
1,531
1,642
143

नई दुल्हन

भैया की साईकिल-2


सवित्रा फिर पेशाब करने वाले एंगल से बैठ गई और अजय का लंड बुर के मुँह पर ठोकर मारने लगा

सवित्रा देख ना भैया अपनी प्यारी बहन की बुर का छेद दबा रहा है यह हरामी तो मूत कैसे निकलेगा


अजय अपना लंड थोड़ा आगे बढ़ दिया अब लंड बुर की दोनो पुक्तियो के बीच था, छुटकी अब मूत तेरी स्कर्ट नही भीगेगी

सवित्रा जी भैया

तभी एक जोर से सीटी की आवाज के साथ उसकी पेशाब निकलने लगी, गर्म गर्म पेशाब सीधे लंड पर पड रही थी गर्म पेशाब पड़ते ही अजय बरदाशत नही कर पाया और उसके लंड ने भी पिचकारी छोड दी


अब आगे


पेशाब और वीर्य दोनो साथ साथ बह रहे थे, पेशाब करने के बाद सवित्रा उठी तो देखा बरमुडे के बाहर निकला अजय का लंड वीर्य उगलने के बाद सो सा गया है मगर सोने के बाद भी उसकी लम्बाई मोटाई कुवांरीयो बुरबालयो के लिए किसी दहशत से कम ना थी, सवित्रा अजय के लंड को चपत लगाते हुये देखो ना भैया इस हरामी को अपकी प्यारी बहन की बुर के मुॅह पर पानी फेक रहा था, अपने भाई का लंड कस कर पकड़ते हुये और अपनी स्कर्ट उठा बुर दिखाते हुये कल को आपकी बहन की इस बुर मे घुसकर पानी छोडेगा यह, यह जररु पकैया से पहले आपकी बहन को चोदकर बच्चा पैदा करेगा, फिर पीछे मुड़कर गांड का छेद दिखाते हुये , देख रहे हो भैया मेरी यह तंग टाईट गांड आप कह रहे हो सुई ना घुसे मगर यह हरामी यह टाईट गांड फड़ेगा ,
हाय भईया यह हरामी मेरी गोड फडेगा मै रोऊंगी तो आप कुछ ना बोलोगे इसे
सवित्रा कि ऐसी बाते सुनकर अजय का लंड एक बार फिर से फड़फड़ा उठा,
हाय भैया देखो मेरी गांड फाडने की बात सुनकर ही कैसे उछल रहा है, अजय का लंड दोनो हाथो से पकड़कर देखो भैया कितना मोटा है मेरी गांड जब यह फडेगा तब आप कुछ ना बोलोगे भैया, बोलो ना भैया आपकी आपकी बहन रोयेगी जब यह हरामी घुसेगा आपकी प्यारी छुटकी की गांड मे तो आप कुछ ना बोलोगे, इतने मे सवित्रा की ऑखो से सच मे ऑसू आ गये
अजय मत रो छुटकी, इसको कहूँगा कि मेरी प्यारी बहन की गांड हलके हलके प्यार से फाडे

सवित्रा हाये भैया आप कितने अच्छे हो वरना यह हरामी का बस चले आपकी बहन की बुर गांड दोनो जबरदस्ती पटक पटक के फाड़े, इतने कहते ही सवित्रा ने तेजी से अजय का लंड मुठियाते हुये आगे पीछे कर जबरदस्त दो चार सरका मार दिये, लंड फुंकार उठा, लंड के सुपाडे पर एक पानी की बुँद चमकने लगी, सवित्रा ने उसे झट चाट लिया, भैया इससे बोल दो सुबह सुबह चुपचाप यह अपना दूध पिला दिया करे जिससे मुझमे जल्द ताकत आये और इसके लायक मेरी बुर गांड जल्दी हो जाये,
अजय खडा था तभी सवित्रा घुटने के बल बैठ दोनों हाथों से अजय का लंड पकड़ बोली, बोल हरामी, गांड फाडू , बुर चोदू भैया की इस बहन को अपना दूध पिलायेगा, तभी लंड ने झटका खाया, सवित्रा खुशी से देखा प्यारे भैया इसने हॉ बोला

अजय प्यारे से सवित्रा के सर को सहलाते हुये हॉ बहना मेरी प्यारी बहना को इसे ना करने की हिम्मत ही नही है, तु जब चाहे जहाँ चाहे जैसे चाहे मेरा कच्छा सरका कर इसको दूह लेना और जितनी मर्जी हो दूह लेना, पेट भरकर दूध पीना

सवित्रा हाये भैया आप कितने अच्छे हो, आप जैसा भैया सब बहनों को दे, आगे पीछे लगातार सरका मारे जा रही थी सवित्रा, लंड पर उसके हाथ पिस्टन की भाँति आगे पीछे हो रहे थे

सवित्रा बोली और भैया इससे कह दो, जब आपकी छुटकी बहन की अनचुदी गांड या बुर फाडे तो तेल से नहा के आये, वरना बुर चाटने मिलेगी फाड़ने को नही

लंड ने कोई हरकत ना कि तो लाचार निगाह से सवित्रा ने अजय की तरफ देखा, अजय मजे लेने के मूड मे था,
अजय बोला यह कह रहा है इसे सुखी गांड फाड़ने मे मजा आता है अम्मा से लेकर भौजी सबकी सुखी गांड मे घुसता है यह, इसे सुखी गांड फाड़ने मे मजा आता है,
तभी गुस्से से सवित्रा ने लंड पर जोरदार चपत लगाई अजय के मुह से आह निकल गई, तु ऐसे नही सुधरेगा तुझे कितना समझाऊ तु समझता क्यों नही, फिर सवित्रा ने प्यारे से सहलाते हुये अपना मुँह मे सुपड़ा ले चुसने लगी, फिर मुॅह से लंड निकाल बोली
मेरे प्यारे चोदू लंड देखा नही तुने भैया की छुटकी की गांड कितनी छोटी है फिर भी तुझे माना थोड़े कर रही हूँ, फटना तो हर हाल मे है इसे कल फटे या आज फटे, फाडना तो तेरा काम ही है, वो लंड क्या जो गांड बिना फाडे आ जाये, देख तु कितना मोटा लम्बा है देख इस गांड को इसमें उंगली नही गई कभी तु घुसेगा तो फाडेगा ही मगर तु तेल से नहायेगा तो तुझे फाडेने मे आसानी होगी और मेरी गांड को फटने मे, तो बोल तेल से नहाकर घुसेगा ना इस गांड मे, तभी अजय का लंड उधला तो उधर सवित्रा भी खुशी से उछली देखा भैया यह मान गया, अब यह तेल लगाकर आपकी छुटकी की गांड फाड़ेगा

अजय अपनी बहन का सर सहलाते हुये
हॉ मेरी बहना यह तेल लगाकर मेरी छुटकी की गांड मे घुसेगा, और हलके हलके मेरी छुटकी की गांड फाडेगा, तभी अजय का लंड से लावा फुट पड़ता है और सवित्रा उस लंड को मुँह मे डाल बूंद बूँद पी जाती है
उधर बारिश भी बंद हो चुकी थी

सवित्रा बोली भैया अब घर क्या जाऊँ बस जब कुछ ही दूरी पर स्कूल है आप मुझे स्कूल छोड दे अजय उसे स्कूल छोड आया
 
Member
1,531
1,642
143
नई दुल्हन

कच्ची जवानी मे मास्टर बना यार

स्कूल पहुंचते ही हल्की फुआरे पड़ने लगी और कक्षा तक पहुँचते पहुंचते फुआरो ने तेज वर्षा का रूप ले लिया था, पितृपक्ष मे हाथिया पानी वर्षा रहा है कितनी भारी वर्षा है बेकार स्कूल चली आई भाई के साथ कितना मजा मिल रहा था, भईया कितनी जल्दी गर्म हो जाता है इतनी देर मे दो बार झडा मगर उसका खूंटा रास्ते भर गांड मे ठोकर मारता रहा, सुनसान रास्ते का लाभ उसे लेना आता है पुरे रास्ते अपना लंड बरमुडे से निकाल गांड की दरार पर रगड़ता रहा, गढ्ढे मे से जब साइकिल होकर गुजरती तो ऐसा लगता कि सुपाड़ा गांड मे घुस गया हो, मै चीख पड़ती , हाय भैया देखो अपका बदमाश शैतानी कर रहा है मै कुँवारी गांड को जैसे आज ही फाड देगा,
अजय क्या करू बहन जे बडा हरामी है बुर गांड देखी नही लार टपकाने लगता है
रास्ते भर सवित्रा सीसकी भरती आई आज वर्षा के पानी से जादा तो उसकी बुर ने पानी बहाया था
सवित्रा इन्हीं ख्यालो मे गुम उसने कमरे मे देखा तो पूरा कमरा खाली था कोई नही आया था बस दरी पर कबूतरा और रबड़ी बैठी थी, और सामने गुरुजी कुर्सी पर बैठे थे

गुरुजी आजा सवित्रा आ , आज बहुत बरिश है कोई आया नही बस तुम लोग हो दस पन्द्रहा मिनट इंतजार करते है यदि कोई आ गया तो सही वरना पढ़ाई शुरू करते है

गुरुजी की एकटक निगाहा मेरी झलकते टोकरो पर थी वैसे मै अकेली नही कबूतरा और रबड़ी भी भीग चुकी थी पता चला वो भी अभी ही आई है , कबूतरा जहाँ एकदम सांवली थी सवित्रा से छोटी और सीने पर सवित्रा जैसे टोकरे उभरे थे मगर वो कक्षा मे सबसे पतली थी इसलिए कुछ लोग उसे सुखा कबूतर कहते थे, सवित्रा का रंग गेहूँआ है, रबड़ी अपने नाम के अनरूप गोरी थी दमकता शरीर सवित्रा से कुछ बडी होगी और दूध दूहने लायक, मगर क्लाश मे केवल मै ही ब्रा नही पहनी तो मेरे टिकोरे साफ झलक रहे थे, गुरुजी तब तक एक टक घूरते रहे जब तक मै बैठ ना गई,
तभी गुरुजी अपने दोनो पैर रख कुर्सी पर बैठ अखबार पढने लगे, इस अवस्था मे कुर्सी पर दोनों पैर करने की बजह से उनकी धोती से उनके अंडकोष बाहर निकल आये जैसे बाहर की हवा रवाना चाहते हो गोरे रंग के सांड जैसे अंडकोषो पर हल्के काले बाल अजीब सा नशा कर रहे थे, अंडकोषो का आकार इतना तो था ही कि एक पाव दूध आसानी से दूहा जा सकता था, तभी बगल बैठी रबड़ी ने मुझे कोहनी मार लटकते अंडकोषो पर इशारा का मुस्करा दी, मै भी हल्के से मुस्करा दी, गुरुजी अंजाने मे दिखा रहे थे या जानबूझ कर मगर इसका असर तीनो पर साफ दिखाई पड रहा था तीनों की आँखो मे लाल डोरे तैरने लगे थे
तभी मेरी निगाह अखबार की हैडलाइन पर पड़ी मेरी बुर ने पानी उगल दिया



तभी गुरुजी ने रबड़ी को अखबार पकड़ते हुये उस खबर का पडने को कहा
गुरुजी रबड़ी खडे हो कर यह खबर पढ

रबड़ी फला शहर के फला गॉव मे xxx नाम के भाई ने अपनी बहन को हवस की शिकार बनाया, उसके हाथ पाँव बाँध कर जबरदस्ती उसके उपर चढ कर लगातार तीन दिन तक रेप किया

मास्टर रेप किसे कहते है

रबड़ी अपना सर शर्म से झुक दी

मास्टर तुम तीनो को नही पता रेप किसे कहते है

तभी कबूतरा बोली
कबूतरा जी वो वो फिर शर्म से सर झुका ली

मास्टर के चहरे पर जैसे चमक आ गई

मास्टर हाँ बोल बोल कबूतरा तु तो बहुत होशियार है तुझे नही पता रेप किसे कहते है

कबूतरा जी जी जबरदस्ती करना

मास्टर क्या जबरदस्ती करना बोल क्या जबरदस्ती करना

कबूतरा जी जी जबरदस्ती चोदना और शर्म से सर झुका ली

मास्टर शाबास और तुम दोनो को नही पता चोदना किसे कहते है

दोनों बोल पढे जी पता था

मास्टर तो बताया क्यो नही

रबड़ी शर्माते हुये जी वो शर्म आ रही थी

मास्टर अरे शर्मिओगी तो जनोगी कैसे बताओ कैसे चोदा जाता है

रबड़ी वो वो

मास्टर हाँ हाँ बताओ

रबड़ी वो वो लड़का लड़की के उपर चढ जाता है

मास्टर तो मै तुम्हारे उपर चढ जाऊ तो तुम चुद जाओगी

कबूतरा हँसते हुये ऐसे थोड़ी कोई चुदता है

मास्टर तो तु बता

कबूतरा शर्माते हुये गर्दन नीचे कर लेती है

मास्टर बता बता तु तो इस कक्षा की सबसे होशियार है तु ही बता

कबूतरा यह सुनते ही जैसे गर्व से फूल गई आज उसे सबसे हाशियार का तमगा जो मिल गया

कबूतरा लड़के का वो जब लड़की की उसमे घुसता है और जब लड़का कस कसके धक्के लगाता है तो उसे चोदना कहते है

मास्टर लड़के का क्या किसमे घुसता है

कबूतरा मुस्करा के गर्दन झुका ली

मास्टर बताओ बताओ रबड़ी तुम बडी हो तुम ही बताओ

रबड़ी जी जी मास्टर जी वो........ जब लड़के का लंड लड़की की उसमे फड़ता हुआ घुसता है और लड़का लड़की के ऊपर चढकर धक्के लगाता है उसे चोदना कहते हे

इस समय तीनो की बुरो से पानी चुने लगा था भीगे कपड़े और ठण्डी हवा के बाद भी शरीर गर्म हो रहा था,

मास्टर वो क्या, क्या वो तुम लोगों के पास नही है

तीनो साथ बोले जी है

मास्टर तो क्या कहते है उसे सवित्रा, तेरे पास है वो

सवित्रा जी... जी है मास्टर जी

मास्टर क्या कहते है उसे

सवित्रा जी जी बुर

मास्टर तुम्हारे पास बुर है

तीनो साथ बोलते है जी मास्टर जी

मास्टर कहाँ पर है तुम्हारी बुर

तीनो स्कर्ट के ऊपर जाँघो के बीच हाथ रखते हुये, यहाँ

मास्टर मैंने तो सुना है इसे चुत कहते है

रबड़ी वो मास्टर जी बुर चुदने के बाद चुत हो जाती है और बच्चा देने के बाद भोसड़ा, अभी हम चुदे थोड़े है तो यह बुर है

मास्टर अरे तुम तो ठंड से कॉप रहे हो ऐसे तो ठंडी लग जायेगी दरवाजा बंद कर शर्ट उतार दो जब सुख जाये तो पहन लेना

हम तीनो ने एक दूसरे की तरफ देखा

मास्टर अरे शर्मओ मत वरना बिमार पढ जाओगे मै तुम्हारे भले की सोच रहा हूँ

तभी रबड़ी दरवाजा बंद कर आई और हम तीनो ने शर्ट उतार दी, अब कबूतर की साँवले सवित्रा के गेहूॅये टोकरे सामने थे मगर रबड़ी के गोरे दूध पूर्ण विकसित थे जिन्हे असानी से पकड़ कर हुमचा जा सकता था

मास्टर अच्छा अब बताओ तुम तीनो अभी चुदे नही हो तो कब चुदोगे

कबूतरा हाये मास्टर जी हमारा खसम हमे चोदेगा

मास्टर लंड तो सबके पास होता है तो खसम क्यो केवल चोदता है, तुम तो सब तो एक समाज की हो सुना है तुम्हारे समाज मे तो सब चोदते है

सवित्रा मास्टर जी पहले खसम चोदता है फिर देवर और नंददोही चोद सकते है

मास्टर और दूसर कोई चोदे

सवित्रा छी मास्टर जी गंदी बात होती है वो

मास्टर तो केवल लड़के बुर चोदते
तभी शायद मास्टर जी ने अपनी धोती सरका दी जिससे उनका 8 इंची का गोरा लंड फनफनाते बाहर आ चुका था मोटा तो कलाई भर रहा ही होगा, उसके बाहर आते ही तीनो की साँसे थम सी गई और बुरो ने दोनों पुत्तियो को भीगाते हुये लार बहाना शुरू कर दिया,

मास्टर हाँ तो लड़के केवल बुर चोदते है

रबड़ी मर्द बडे हरामी होते है मास्टर जी हम लड़कियो की गांड भी नही छोड़ते, उसे भी बेदर्दी की तरह फाड़ते है

सवित्रा हाँ मास्टर जी बडा दर्द होता है

मास्टर तुझे कैसे पता दर्द होता है क्या किसी ने तेरी गांड मारी है

सवित्रा नही मास्टर जी जो मेरी नई भौजी है

मास्टर अच्छा अच्छा वो तेरी मदमस्त माल तेरी भौजी है जो उस दिन तुझे छोडने आयी थी

सवित्रा वो मेरी भौजी थी एक दिन छोटे भाई ने पकड़ लिया बरमदे मे
 
Member
1,531
1,642
143

नई दुल्हन

कच्ची जवानी मे मास्टर बना यार--2



मास्टर और दूसर कोई चोदे

सवित्रा छी मास्टर जी गंदी बात होती है वो

मास्टर तो केवल लड़के बुर चोदते
तभी शायद मास्टर जी ने अपनी धोती सरका दी जिससे उनका 8 इंची का गोरा लंड फनफनाते बाहर आ चुका था मोटा तो कलाई भर रहा ही होगा, उसके बाहर आते ही तीनो की साँसे थम सी गई और बुरो ने दोनों पुत्तियो को भीगाते हुये लार बहाना शुरू कर दिया,

मास्टर हाँ तो लड़के केवल बुर चोदते है

रबड़ी मर्द बडे हरामी होते है मास्टर जी हम लड़कियो की गांड भी नही छोड़ते, उसे भी बेदर्दी की तरह फाड़ते है

सवित्रा हाँ मास्टर जी बडा दर्द होता है

मास्टर तुझे कैसे पता दर्द होता है क्या किसी ने तेरी गांड मारी है

सवित्रा नही मास्टर जी जो मेरी नई भौजी है

मास्टर अच्छा अच्छा वो तेरी मदमस्त माल तेरी भौजी है जो उस दिन तुझे छोडने आयी थी

सवित्रा वो मेरी भौजी थी एक दिन छोटे भाई ने पकड़ लिया बरमदे मे


अब आगे

मास्टर किस लिए पकड़ा तेरे भाई

सवित्रा जी चोदने के लिए

मास्टर तब

सवित्रा तभी भैया भौजी के पीछे चढ़कर उनका घंघरा उठा कर नंगे चुतड़ो पर थप्पड़ बरसने लगे और कहने लगे कुक्तिया पुरा दिन यह गांड मटकाती रहती है अब बरदाश्त नही होता

मास्टर सही बोला वास्तव मे तेरी भौजी अपनी गांड बहुत मटकती है कि किसी से बरदाश्त ना हो फिर तो वो देवर था देवर मतलब दूसरा वर तभी मास्टर ने अपना चमड़ा खीचा की उनका लाल दमकता सुपड़ा तीनो को नजर आने लगा तीनों की बुरे पानी फेकने लगी
फिर क्या हुआ

सवित्रा फिर भाई ने धोती से अपना विकराल लंड निकला और भौजी की गांड के उपर सेट कर निशाना साधा कस के हुमचा( धक्का) लगाया की सुपड़ा सीधे भौजी की गांड चीरता हुआ घुसा, भाँजी के मुंह से चीख निकली थी की भैया ने दूसरा जबरदस्त धक्का मारा की एक चौथाई लंड गांड मे समा गया, भौजी घुटन के बल आगे बढी तो भौजी की कमर पकडे भैया भी आगे बढ गये यह देख भौजी बरमदे मे घुटन बल दौड़ी मगर भैया भी अपना लंड गांड मे फँसाये उनके साथ बढ़ते गये लगभग इस हालत मे लगभग तीन चक्कर लगाये होगे भौजी ने मगर मजाल है भैया का रत्ती भर लंड बहार आया हो जब भौजी थक कर एक जगह रुकी तो भौजी बोली देवरू राजा तेरे हाथ जोड़ती हूँ देख ले गांड की किनारी मेरी गांड फट गई होगी बहुत दर्द हो रहा है बस थोड़ा तेल लगा ले बस, फिर यह गांड मार मै कही भागी ना जा रही,

अरे भौजी जो सुखी मारने मे मजा वो तेल मे कहाँ यह कहते हुये भाई ने एक जोरदार शॉट लगाया की आधा लंड गांड मे घुस गया

हाये फट गई फट गई गांड मेरी

तभी कमरे से अम्मा निकली मै खिड़की से नजारा देख रही थी

मास्टर अरे नखारा कर रही होगी, इतनी मस्त चौड़ी गांड है उसकी, इस पर इतना हल्ला

सवित्रा नही मास्टर जी अबकी धक्के मे भौजी की गांड से हलका लाल रंग छलक आया था जरूर कही से गांड फट गई थी

मास्टर हूँ फिर तब क्या हुआ

सवित्रा अम्मा के आते ही भौजी ने अम्मा के पैर पकड़ लिया, भागमभाग मे भैया की छोती खुल चुकी थी मगर वो भौजी की कमर पकड़े अपना आधा लंड गांड मे फँसाये थे
भौजी दहाड़े मार अम्मा से बोल रही थी हाय अम्मा बचा लो, देवर जी मेरी गांड फडने पर अमादा है, बचा लो अम्मा मेरी गांड फट गई है
अम्मा अरे बेशर्म चुप कर कोई सुनेगा तो क्या कहेगा, और देवर गांड नही मरेगा तो कौन मरेगा, देवर का काम ही है भौजी की गांड मारना, गांड मारी जायेगी तो फटेगी ही फटेगी

तभी भैया ने भौजी के गोरे चुतड पर जोरदार तमाचा मारा, क्या मस्त कसी गांड है इसकी बडी मुश्किल से आधा लंड घुसा है और यह कुक्तिया नखरे कर रही है

अम्मा क्यो री हरामीजनी चुपचाप गाड क्यो नही मारने देती मेरे प्यारे बेटे को,
तभी बडे भैया ढेला भी आ जाते है क्या हुआ अम्मा कैसा शोर है तभी उनकी नजर सामने पडती है उनकी बीबी कुक्तिया बनी नंगी गांड उठाई हुई है और उसका भाई उसकी बीबी के नंगे चुतड़ों को पकड़े हुये उसकी गांड मे अपना मोटा आधा लंड फँसाये मुस्कारा रहा है,

अम्मा कुछ नही बेटा यह सारा दिन अपनी गांड मटका मटका कर घुम रही थी छोटे का मन मचल गया तो थोड़ी हॅसी कर रहा है तो तेरी बीबी नखरा दिखा रही है

भौजी बोल उठी हाये जी बचा लो देवरु राजा मेरी गांड फाडने पर तुले है विश्वास ना हो तो मेरी गांड देख लो किनारी चटक गई है, अभी तक तो आप भी नही मारे थे यह देवर राजा इसे फाड रहे है

ढेला चुप हो जा कविता मै मारू या मेरे भाई एक बात है जमीन से लेकर जोरू मे उसका हिस्सा है फिर गाड तो फटनी है गांड बनी ही है फटने के लिए,

हाये जी देवर राजा सुखी मार रहे है इनको कहो तेल लगा ले

ढेला बोला सुन रहा है तु अगली बार तेल लगा लेना

जी भैया तभी एक जोरदार धक्का मार कर पुरा लंड भौजी की गांड मे समा गया, लगभग आधा घंटा चोदने के बाद भैया झड़े

मास्टर तेरी भौजी तो बड़ी मस्त गांड मरवाती है

सवित्रा मुस्कराते हुये वो तो है मास्टर जी

मास्टर जैसे बुर चोदने के बाद चुत कहलाती है तो क्या कुवांरी गांड भी चुदने के बाद कुछ कहलाती है

कबूतरा नही मास्टर जी गांड जितनी मारो हमेशा लगभग उतनी ही टाईट रहती है इसलिए गांड हमेशा गांड रहती है

रबड़ी मगर इस जैसा लंड ( मास्टर जी के लंड की तरह इशारा कर बोली) यदि घुसा तो तेरी गांड जरूर होंदा हो जायेगी
यह सुन कबुतरा जहाँ सकपका गई वही हम सब हॅस दिये
 

Top