Adultery फरेबी दोस्त

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ये कहानी है एक होनहार लड़के और उसके फरेबी दोस्त की, जिसका मुखिया किरदार में..


दीप्ति शर्मा- (राहुल की मां) उम्र -37

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पूजा (राहुल की जुड़वा बहन) 19 (छात्रा) indian-woman-6974904-1280

ज्योति शर्मा- (दीप्ति की बड़ी बहन) - उम्र 39




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राहुल शर्मा उम्र 19 (छात्र)


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राज ( राहुल का फरेबी दोस्त) उम्र 24


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ये कहानी है राहुल शर्मा

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उसकी मां दीप्ति शर्मा


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और उसके फरेबी दोस्त की,
राहुल के पापा की बहुत पहले एक एक्सीडेंट में मौत हो चुकी थी,

उसके बाद राहुल की पूरी जिम्मेदारी राहुल की मां दीप्ति शर्मा पे आ गई थी,
दीप्ति की उम्र 37 साल थी.

राहुल 19 साल का 12वीं पास कर चुका है और बी काम प्रथम वर्ष में पढ़ रहा था,

दीप्ति केवल 12वीं तक पढ़ी थी, उसके बाद उसके निम्न मध्यम वर्ग के माता-पिता ने आगे पढ़ने की जगह 16 साल की उम्र में दीप्ति की शादी कर दी, 17 साल की उम्र में दीप्ति ने राहुल और पूजा, एक साथ जुड़वा बेटा और बेटी को जन्म दिया।

राहुल के पापा की मृत्यु के बाद पति की बचत को निवेश कर के दीप्ति ने एक दुकान ले कर किराए पर दे दी, और कुछ घर में ही कुछ घर के बने मसाले और खाने-पीने का सामान भी बना लिया, उनकी दुकान को किराए पर लेने वाले एक पुराने सेवानिवृत्त भले आदमी थे, वो दीप्ति के बने हुए खाद्य पदार्थ मसाले बेचकर देते थे, जिससे कुछ और आय हो जाती थी।


दीप्ति से 2 साल बड़ी बहन ज्योति को शादी के बाद भी कोई संतान नहीं हुई,
ससुराल के लोग उसको बांझ कह के तंग कर देते थे, ज्योति ने बच्चा गोद लेने की सोची, फिर सोचा कि क्यों ना अपनी छोटी बहन दीप्ति की बेटी को गोद ले ले,

तो वो बेटी को पल भी लेगी और 20-22 साल बाद उसकी शादी भी करवा देगी,
जिस दीप्ति पे बेटी की शादी का बोझ भी नहीं पड़ेगा और दोनों 3 घंटे की दूरी पर है, कभी देखने का दिल किया तो आ सकती है और ज्योति ने दीप्ति से वादा किया कि पूजा बेटी को हर महीने या 2 महीने में उसके साथ में समय बिताने देगी, दीप्ति ने भी मंजूर कर लिया कि बेटी उसकी दीदी के घर में ही रहेगी और जब चाहे मिल भी पायेगी।

वैसे दीप्ति की बेटी पूजा अब ज्योति की बेटी बन गयी है।
दीप्ति काफी सुंदर थी, लोगों की नजर उसपे टिक जाती थी, अगर वो चाहती तो शायद दूसरी शादी करने में कोई समस्या नहीं होती, दीप्ति का फिगर देख के ही कोई भी पागल हो जाता।


लेकिन दीप्ति किसी की तरफ देखती नहीं थी, अपने मसाले और खाद्य पदार्थ बनाने में व्यस्त रहती थी।
लेकिन उसके सामने राहुल का कैरियर था, दीप्ति के पति की एक मात्र निशानी, उसको बड़ा आदमी बना के अपने पति का सपना पूरा करना चाहता थी।

एक औरत के लिए अकेला होना कितना मुश्किल हो सकता है जब भारी जवानी में वो विधवा हो जाए, वो अपने को कंट्रोल कर सकती थी और एक मिशन को सफल बनाने में लगी थी।

राहुल की पढाई पर ध्यान ज्यादा था उसका।
राहुल अपने क्लास के टॉप 5 बेस्ट स्टूडेंट में गिना जाता था। और कुछ बैक बएंचर्स भी थे।

जिस में एक था 22 साल का राज जो दबंग था, स्कूल में कई बार फेल होने के करण वो 22 साल का हो कर भी 19 साल की उम्र वाले राहुल की हाई क्लास में था,

राज को टीचर ने एग्जाम कॉपी करते हुए पकड़ लिया, और प्रिंसिपल से शिकायत कर दी, और सुपरवाइजर ने गवाह के तौर पर राहुल को बुला के पूछा, तो राहुल ने सच सच बता दिया,

प्रिंसिपल ने राज के खिलाफ करवा दी, उसको कालेज से निकाल ने तक बात पूछ गई, उसके माता-पिता जम्मू में रहते थे, राज यहां अपने दोस्तों के साथ रहता था, इसलिए एक नए पार्टी के एक बड़े नेता से बात कर प्रिंसिपल से डील कर राज पर होने वाली करवायी को रद्द कर दिया और आखिरी चेतावनी दे राज को कालेज में रहने दिया.


राज ने राहुल को गालियां देते हुए कालेज के रास्ते में रोक लिया और उसको बोला "अगर मैंने कॉपी की तो तेरे बाप का क्या होता है, भोसड़ी के तुझे क्या ज़रूरत थी गवाही देने की।"

राहुल को भी गुस्सा आ गया उसने भी राज को गाली दी..दोनो में काफी झगड़ा हुआ, राहुल के पड़ोस में रहने वाले लड़के ने सब देखा और जा के दीप्ति

को बता दिया।

दीप्ति काफी टेंशन में आ गई, राहुल के सिवा उसका और कोई नहीं था, वो नहीं चाहती थी कि राहुल किसी तरह के झगड़े में पड़े, और भगवान ना करे कल को कुछ उच- नीचे हो जाए तो सब कुछ खत्म हो जाएगा।

दीप्ति दूसरे दिन राहुल के कॉलेज आई और प्रिंसिपल से मिल के बोली कि वो दोनों को ऑफिस में बुलाए और झगड़ा ख़त्म करे।

प्रिंसिपल ने वैसा ही किया दोनों को बुला के आमने-सामने बात करवायी, राज ने जब दीप्ति को देखा तो देखता ही रहा, वो किसी साउथ फिल्म की एक्ट्रेस अनुष्का शेट्टी जैसी लग रही थी,

राज को यकीन नहीं आ रहा था कि ये राहुल की मां है, अगर राहुल उसको अपनी दीदी कह कर भी परिचय करा सके तो कोई भी इंकार नहीं कर सकता था,

क्योंकि उस घर में अपने पुराने जमाने के पत्थर के बड़े सिलबट्टे पे मसाला पीसने में बहुत मेहनत करती थी,

उसके पीस मसाले से उसकी अच्छी इनकम होती थी और अपने आप पूरी बॉडी की एक्सरसाइज भी हो जाती थी,

उसकी पीठ उसकी कमर, पेट सब कुछ हमें एक सिलबट्टे पे मसाला पीसने में लगने वाले 3 से 4 घंटे की कड़ी मेहनत का नतीजा था।


जो फिगर पाने के लिए अमीर घरो की औरतें हजारों रुपये खर्च कर सकती है और ट्रेडमिल पर भाग के भी हासिल नहीं कर सकती,

वो फिगर पाने के लिए दीप्ति को अपना घर चलाने और बेटे को पढ़ने के लिए कि गई मेहनत से बिना मांगे ही मिल गया था,

उसको ये एहसास नहीं था कि उसकी मेहनत उसका फिगर के लिए वरदान साबित हुआ है,

लेकिन उसको कोई मतलब नहीं था, फिगर देख के खुश होने वाला उसका पति ही जब नहीं रहा तो फिगर का क्या मतलब, वो अपने चेहरे पर कोई मेकअप भी नहीं लगाती थी, लोग उसकी तरफ देखते तो भी वो कोई प्रतिक्रिया नहीं देती थी,


आज जब राज की नजर दीप्ति पर पड़ी, वो अमीर बाप का बिगाड़ा बेटा था, काई लड़कियों को चोद चुका था, लेकिन आज दीप्ति को देख के वो हैरान था,

उसने दीप्ति से "सॉरी दीदी" कहा, सारी बातें खत्म होने के बाद राज चला गया,

उसके बाद मुझे पता चला कि वो राहुल की मां दीप्ति शर्मा थी जिसको वो राहुल की दीदी समझ गया था,

राज ने राहुल के परिवार की पूरी जानकारी हासिल की, जैसी उसकी माँ का विधवा होना, उनका खाने का सामान और मसाला पीसना,

उनकी दुकान से किराया कुल मिला के घर का गुजारा होना जैसी सारी जानकारी मिलने के बाद उसके दिमाग में एक प्लान आ गया।


उसने एक बंदे को तैयार किया और उसको एक स्क्रिप्ट बताई कि क्या ड्रामा करना है और कैसे करना है, ताकि राज को राहुल के घर में पेइंग गेस्ट बना के एंटर करवाया जा सके।

अब वो किसी भी कीमत पर दीप्ति को हासिल करना चाहता था।
 
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ये कहानी है राहुल शर्मा

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उसकी मां दीप्ति शर्मा


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और उसके फरेबी दोस्त की,
राहुल के पापा की बहुत पहले एक एक्सीडेंट में मौत हो चुकी थी,

उसके बाद राहुल की पूरी जिम्मेदारी राहुल की मां दीप्ति शर्मा पे आ गई थी,
दीप्ति की उम्र 37 साल थी.

राहुल 19 साल का 12वीं पास कर चुका है और बी काम प्रथम वर्ष में पढ़ रहा था,

दीप्ति केवल 12वीं तक पढ़ी थी, उसके बाद उसके निम्न मध्यम वर्ग के माता-पिता ने आगे पढ़ने की जगह 16 साल की उम्र में दीप्ति की शादी कर दी, 17 साल की उम्र में दीप्ति ने राहुल और पूजा, एक साथ जुड़वा बेटा और बेटी को जन्म दिया।

राहुल के पापा की मृत्यु के बाद पति की बचत को निवेश कर के दीप्ति ने एक दुकान ले कर किराए पर दे दी, और कुछ घर में ही कुछ घर के बने मसाले और खाने-पीने का सामान भी बना लिया, उनकी दुकान को किराए पर लेने वाले एक पुराने सेवानिवृत्त भले आदमी थे, वो दीप्ति के बने हुए खाद्य पदार्थ मसाले बेचकर देते थे, जिससे कुछ और आय हो जाती थी।


दीप्ति से 2 साल बड़ी बहन ज्योति को शादी के बाद भी कोई संतान नहीं हुई,
ससुराल के लोग उसको बांझ कह के तंग कर देते थे, ज्योति ने बच्चा गोद लेने की सोची, फिर सोचा कि क्यों ना अपनी छोटी बहन दीप्ति की बेटी को गोद ले ले,

तो वो बेटी को पल भी लेगी और 20-22 साल बाद उसकी शादी भी करवा देगी,
जिस दीप्ति पे बेटी की शादी का बोझ भी नहीं पड़ेगा और दोनों 3 घंटे की दूरी पर है, कभी देखने का दिल किया तो आ सकती है और ज्योति ने दीप्ति से वादा किया कि पूजा बेटी को हर महीने या 2 महीने में उसके साथ में समय बिताने देगी, दीप्ति ने भी मंजूर कर लिया कि बेटी उसकी दीदी के घर में ही रहेगी और जब चाहे मिल भी पायेगी।

वैसे दीप्ति की बेटी पूजा अब ज्योति की बेटी बन गयी है।
दीप्ति काफी सुंदर थी, लोगों की नजर उसपे टिक जाती थी, अगर वो चाहती तो शायद दूसरी शादी करने में कोई समस्या नहीं होती, दीप्ति का फिगर देख के ही कोई भी पागल हो जाता।


लेकिन दीप्ति किसी की तरफ देखती नहीं थी, अपने मसाले और खाद्य पदार्थ बनाने में व्यस्त रहती थी।
लेकिन उसके सामने राहुल का कैरियर था, दीप्ति के पति की एक मात्र निशानी, उसको बड़ा आदमी बना के अपने पति का सपना पूरा करना चाहता थी।

एक औरत के लिए अकेला होना कितना मुश्किल हो सकता है जब भारी जवानी में वो विधवा हो जाए, वो अपने को कंट्रोल कर सकती थी और एक मिशन को सफल बनाने में लगी थी।

राहुल की पढाई पर ध्यान ज्यादा था उसका।
राहुल अपने क्लास के टॉप 5 बेस्ट स्टूडेंट में गिना जाता था। और कुछ बैक बएंचर्स भी थे।

जिस में एक था 22 साल का राज जो दबंग था, स्कूल में कई बार फेल होने के करण वो 22 साल का हो कर भी 19 साल की उम्र वाले राहुल की हाई क्लास में था,

राज को टीचर ने एग्जाम कॉपी करते हुए पकड़ लिया, और प्रिंसिपल से शिकायत कर दी, और सुपरवाइजर ने गवाह के तौर पर राहुल को बुला के पूछा, तो राहुल ने सच सच बता दिया,

प्रिंसिपल ने राज के खिलाफ करवा दी, उसको कालेज से निकाल ने तक बात पूछ गई, उसके माता-पिता जम्मू में रहते थे, राज यहां अपने दोस्तों के साथ रहता था, इसलिए एक नए पार्टी के एक बड़े नेता से बात कर प्रिंसिपल से डील कर राज पर होने वाली करवायी को रद्द कर दिया और आखिरी चेतावनी दे राज को कालेज में रहने दिया.


राज ने राहुल को गालियां देते हुए कालेज के रास्ते में रोक लिया और उसको बोला "अगर मैंने कॉपी की तो तेरे बाप का क्या होता है, भोसड़ी के तुझे क्या ज़रूरत थी गवाही देने की।"

राहुल को भी गुस्सा आ गया उसने भी राज को गाली दी..दोनो में काफी झगड़ा हुआ, राहुल के पड़ोस में रहने वाले लड़के ने सब देखा और जा के दीप्ति

को बता दिया।

दीप्ति काफी टेंशन में आ गई, राहुल के सिवा उसका और कोई नहीं था, वो नहीं चाहती थी कि राहुल किसी तरह के झगड़े में पड़े, और भगवान ना करे कल को कुछ उच- नीचे हो जाए तो सब कुछ खत्म हो जाएगा।

दीप्ति दूसरे दिन राहुल के कॉलेज आई और प्रिंसिपल से मिल के बोली कि वो दोनों को ऑफिस में बुलाए और झगड़ा ख़त्म करे।

प्रिंसिपल ने वैसा ही किया दोनों को बुला के आमने-सामने बात करवायी, राज ने जब दीप्ति को देखा तो देखता ही रहा, वो किसी साउथ फिल्म की एक्ट्रेस अनुष्का शेट्टी जैसी लग रही थी,

राज को यकीन नहीं आ रहा था कि ये राहुल की मां है, अगर राहुल उसको अपनी दीदी कह कर भी परिचय करा सके तो कोई भी इंकार नहीं कर सकता था,

क्योंकि उस घर में अपने पुराने जमाने के पत्थर के बड़े सिलबट्टे पे मसाला पीसने में बहुत मेहनत करती थी,

उसके पीस मसाले से उसकी अच्छी इनकम होती थी और अपने आप पूरी बॉडी की एक्सरसाइज भी हो जाती थी,

उसकी पीठ उसकी कमर, पेट सब कुछ हमें एक सिलबट्टे पे मसाला पीसने में लगने वाले 3 से 4 घंटे की कड़ी मेहनत का नतीजा था।


जो फिगर पाने के लिए अमीर घरो की औरतें हजारों रुपये खर्च कर सकती है और ट्रेडमिल पर भाग के भी हासिल नहीं कर सकती,

वो फिगर पाने के लिए दीप्ति को अपना घर चलाने और बेटे को पढ़ने के लिए कि गई मेहनत से बिना मांगे ही मिल गया था,

उसको ये एहसास नहीं था कि उसकी मेहनत उसका फिगर के लिए वरदान साबित हुआ है,

लेकिन उसको कोई मतलब नहीं था, फिगर देख के खुश होने वाला उसका पति ही जब नहीं रहा तो फिगर का क्या मतलब, वो अपने चेहरे पर कोई मेकअप भी नहीं लगाती थी, लोग उसकी तरफ देखते तो भी वो कोई प्रतिक्रिया नहीं देती थी,


आज जब राज की नजर दीप्ति पर पड़ी, वो अमीर बाप का बिगाड़ा बेटा था, काई लड़कियों को चोद चुका था, लेकिन आज दीप्ति को देख के वो हैरान था,

उसने दीप्ति से "सॉरी दीदी" कहा, सारी बातें खत्म होने के बाद राज चला गया,

उसके बाद मुझे पता चला कि वो राहुल की मां दीप्ति शर्मा थी जिसको वो राहुल की दीदी समझ गया था,

राज ने राहुल के परिवार की पूरी जानकारी हासिल की, जैसी उसकी माँ का विधवा होना, उनका खाने का सामान और मसाला पीसना,

उनकी दुकान से किराया कुल मिला के घर का गुजारा होना जैसी सारी जानकारी मिलने के बाद उसके दिमाग में एक प्लान आ गया।


उसने एक बंदे को तैयार किया और उसको एक स्क्रिप्ट बताई कि क्या ड्रामा करना है और कैसे करना है, ताकि राज को राहुल के घर में पेइंग गेस्ट बना के एंटर करवाया जा सके।

अब वो किसी भी कीमत पर दीप्ति को हासिल करना चाहता था।
Nice story 👌👌👌
 
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और उसके फरेबी दोस्त की,
राहुल के पापा की बहुत पहले एक एक्सीडेंट में मौत हो चुकी थी,

उसके बाद राहुल की पूरी जिम्मेदारी राहुल की मां दीप्ति शर्मा पे आ गई थी,
दीप्ति की उम्र 37 साल थी.

राहुल 19 साल का 12वीं पास कर चुका है और बी काम प्रथम वर्ष में पढ़ रहा था,

दीप्ति केवल 12वीं तक पढ़ी थी, उसके बाद उसके निम्न मध्यम वर्ग के माता-पिता ने आगे पढ़ने की जगह 16 साल की उम्र में दीप्ति की शादी कर दी, 17 साल की उम्र में दीप्ति ने राहुल और पूजा, एक साथ जुड़वा बेटा और बेटी को जन्म दिया।

राहुल के पापा की मृत्यु के बाद पति की बचत को निवेश कर के दीप्ति ने एक दुकान ले कर किराए पर दे दी, और कुछ घर में ही कुछ घर के बने मसाले और खाने-पीने का सामान भी बना लिया, उनकी दुकान को किराए पर लेने वाले एक पुराने सेवानिवृत्त भले आदमी थे, वो दीप्ति के बने हुए खाद्य पदार्थ मसाले बेचकर देते थे, जिससे कुछ और आय हो जाती थी।


दीप्ति से 2 साल बड़ी बहन ज्योति को शादी के बाद भी कोई संतान नहीं हुई,
ससुराल के लोग उसको बांझ कह के तंग कर देते थे, ज्योति ने बच्चा गोद लेने की सोची, फिर सोचा कि क्यों ना अपनी छोटी बहन दीप्ति की बेटी को गोद ले ले,

तो वो बेटी को पल भी लेगी और 20-22 साल बाद उसकी शादी भी करवा देगी,
जिस दीप्ति पे बेटी की शादी का बोझ भी नहीं पड़ेगा और दोनों 3 घंटे की दूरी पर है, कभी देखने का दिल किया तो आ सकती है और ज्योति ने दीप्ति से वादा किया कि पूजा बेटी को हर महीने या 2 महीने में उसके साथ में समय बिताने देगी, दीप्ति ने भी मंजूर कर लिया कि बेटी उसकी दीदी के घर में ही रहेगी और जब चाहे मिल भी पायेगी।

वैसे दीप्ति की बेटी पूजा अब ज्योति की बेटी बन गयी है।
दीप्ति काफी सुंदर थी, लोगों की नजर उसपे टिक जाती थी, अगर वो चाहती तो शायद दूसरी शादी करने में कोई समस्या नहीं होती, दीप्ति का फिगर देख के ही कोई भी पागल हो जाता।


लेकिन दीप्ति किसी की तरफ देखती नहीं थी, अपने मसाले और खाद्य पदार्थ बनाने में व्यस्त रहती थी।
लेकिन उसके सामने राहुल का कैरियर था, दीप्ति के पति की एक मात्र निशानी, उसको बड़ा आदमी बना के अपने पति का सपना पूरा करना चाहता थी।

एक औरत के लिए अकेला होना कितना मुश्किल हो सकता है जब भारी जवानी में वो विधवा हो जाए, वो अपने को कंट्रोल कर सकती थी और एक मिशन को सफल बनाने में लगी थी।

राहुल की पढाई पर ध्यान ज्यादा था उसका।
राहुल अपने क्लास के टॉप 5 बेस्ट स्टूडेंट में गिना जाता था। और कुछ बैक बएंचर्स भी थे।

जिस में एक था 22 साल का राज जो दबंग था, स्कूल में कई बार फेल होने के करण वो 22 साल का हो कर भी 19 साल की उम्र वाले राहुल की हाई क्लास में था,

राज को टीचर ने एग्जाम कॉपी करते हुए पकड़ लिया, और प्रिंसिपल से शिकायत कर दी, और सुपरवाइजर ने गवाह के तौर पर राहुल को बुला के पूछा, तो राहुल ने सच सच बता दिया,

प्रिंसिपल ने राज के खिलाफ करवा दी, उसको कालेज से निकाल ने तक बात पूछ गई, उसके माता-पिता जम्मू में रहते थे, राज यहां अपने दोस्तों के साथ रहता था, इसलिए एक नए पार्टी के एक बड़े नेता से बात कर प्रिंसिपल से डील कर राज पर होने वाली करवायी को रद्द कर दिया और आखिरी चेतावनी दे राज को कालेज में रहने दिया.


राज ने राहुल को गालियां देते हुए कालेज के रास्ते में रोक लिया और उसको बोला "अगर मैंने कॉपी की तो तेरे बाप का क्या होता है, भोसड़ी के तुझे क्या ज़रूरत थी गवाही देने की।"

राहुल को भी गुस्सा आ गया उसने भी राज को गाली दी..दोनो में काफी झगड़ा हुआ, राहुल के पड़ोस में रहने वाले लड़के ने सब देखा और जा के दीप्ति

को बता दिया।

दीप्ति काफी टेंशन में आ गई, राहुल के सिवा उसका और कोई नहीं था, वो नहीं चाहती थी कि राहुल किसी तरह के झगड़े में पड़े, और भगवान ना करे कल को कुछ उच- नीचे हो जाए तो सब कुछ खत्म हो जाएगा।

दीप्ति दूसरे दिन राहुल के कॉलेज आई और प्रिंसिपल से मिल के बोली कि वो दोनों को ऑफिस में बुलाए और झगड़ा ख़त्म करे।

प्रिंसिपल ने वैसा ही किया दोनों को बुला के आमने-सामने बात करवायी, राज ने जब दीप्ति को देखा तो देखता ही रहा, वो किसी साउथ फिल्म की एक्ट्रेस अनुष्का शेट्टी जैसी लग रही थी,

राज को यकीन नहीं आ रहा था कि ये राहुल की मां है, अगर राहुल उसको अपनी दीदी कह कर भी परिचय करा सके तो कोई भी इंकार नहीं कर सकता था,

क्योंकि उस घर में अपने पुराने जमाने के पत्थर के बड़े सिलबट्टे पे मसाला पीसने में बहुत मेहनत करती थी,

उसके पीस मसाले से उसकी अच्छी इनकम होती थी और अपने आप पूरी बॉडी की एक्सरसाइज भी हो जाती थी,

उसकी पीठ उसकी कमर, पेट सब कुछ हमें एक सिलबट्टे पे मसाला पीसने में लगने वाले 3 से 4 घंटे की कड़ी मेहनत का नतीजा था।


जो फिगर पाने के लिए अमीर घरो की औरतें हजारों रुपये खर्च कर सकती है और ट्रेडमिल पर भाग के भी हासिल नहीं कर सकती,

वो फिगर पाने के लिए दीप्ति को अपना घर चलाने और बेटे को पढ़ने के लिए कि गई मेहनत से बिना मांगे ही मिल गया था,

उसको ये एहसास नहीं था कि उसकी मेहनत उसका फिगर के लिए वरदान साबित हुआ है,

लेकिन उसको कोई मतलब नहीं था, फिगर देख के खुश होने वाला उसका पति ही जब नहीं रहा तो फिगर का क्या मतलब, वो अपने चेहरे पर कोई मेकअप भी नहीं लगाती थी, लोग उसकी तरफ देखते तो भी वो कोई प्रतिक्रिया नहीं देती थी,


आज जब राज की नजर दीप्ति पर पड़ी, वो अमीर बाप का बिगाड़ा बेटा था, काई लड़कियों को चोद चुका था, लेकिन आज दीप्ति को देख के वो हैरान था,

उसने दीप्ति से "सॉरी दीदी" कहा, सारी बातें खत्म होने के बाद राज चला गया,

उसके बाद मुझे पता चला कि वो राहुल की मां दीप्ति शर्मा थी जिसको वो राहुल की दीदी समझ गया था,

राज ने राहुल के परिवार की पूरी जानकारी हासिल की, जैसी उसकी माँ का विधवा होना, उनका खाने का सामान और मसाला पीसना,

उनकी दुकान से किराया कुल मिला के घर का गुजारा होना जैसी सारी जानकारी मिलने के बाद उसके दिमाग में एक प्लान आ गया।


उसने एक बंदे को तैयार किया और उसको एक स्क्रिप्ट बताई कि क्या ड्रामा करना है और कैसे करना है, ताकि राज को राहुल के घर में पेइंग गेस्ट बना के एंटर करवाया जा सके।

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और उसके फरेबी दोस्त की,
राहुल के पापा की बहुत पहले एक एक्सीडेंट में मौत हो चुकी थी,

उसके बाद राहुल की पूरी जिम्मेदारी राहुल की मां दीप्ति शर्मा पे आ गई थी,
दीप्ति की उम्र 37 साल थी.

राहुल 19 साल का 12वीं पास कर चुका है और बी काम प्रथम वर्ष में पढ़ रहा था,

दीप्ति केवल 12वीं तक पढ़ी थी, उसके बाद उसके निम्न मध्यम वर्ग के माता-पिता ने आगे पढ़ने की जगह 16 साल की उम्र में दीप्ति की शादी कर दी, 17 साल की उम्र में दीप्ति ने राहुल और पूजा, एक साथ जुड़वा बेटा और बेटी को जन्म दिया।

राहुल के पापा की मृत्यु के बाद पति की बचत को निवेश कर के दीप्ति ने एक दुकान ले कर किराए पर दे दी, और कुछ घर में ही कुछ घर के बने मसाले और खाने-पीने का सामान भी बना लिया, उनकी दुकान को किराए पर लेने वाले एक पुराने सेवानिवृत्त भले आदमी थे, वो दीप्ति के बने हुए खाद्य पदार्थ मसाले बेचकर देते थे, जिससे कुछ और आय हो जाती थी।


दीप्ति से 2 साल बड़ी बहन ज्योति को शादी के बाद भी कोई संतान नहीं हुई,
ससुराल के लोग उसको बांझ कह के तंग कर देते थे, ज्योति ने बच्चा गोद लेने की सोची, फिर सोचा कि क्यों ना अपनी छोटी बहन दीप्ति की बेटी को गोद ले ले,

तो वो बेटी को पल भी लेगी और 20-22 साल बाद उसकी शादी भी करवा देगी,
जिस दीप्ति पे बेटी की शादी का बोझ भी नहीं पड़ेगा और दोनों 3 घंटे की दूरी पर है, कभी देखने का दिल किया तो आ सकती है और ज्योति ने दीप्ति से वादा किया कि पूजा बेटी को हर महीने या 2 महीने में उसके साथ में समय बिताने देगी, दीप्ति ने भी मंजूर कर लिया कि बेटी उसकी दीदी के घर में ही रहेगी और जब चाहे मिल भी पायेगी।

वैसे दीप्ति की बेटी पूजा अब ज्योति की बेटी बन गयी है।
दीप्ति काफी सुंदर थी, लोगों की नजर उसपे टिक जाती थी, अगर वो चाहती तो शायद दूसरी शादी करने में कोई समस्या नहीं होती, दीप्ति का फिगर देख के ही कोई भी पागल हो जाता।


लेकिन दीप्ति किसी की तरफ देखती नहीं थी, अपने मसाले और खाद्य पदार्थ बनाने में व्यस्त रहती थी।
लेकिन उसके सामने राहुल का कैरियर था, दीप्ति के पति की एक मात्र निशानी, उसको बड़ा आदमी बना के अपने पति का सपना पूरा करना चाहता थी।

एक औरत के लिए अकेला होना कितना मुश्किल हो सकता है जब भारी जवानी में वो विधवा हो जाए, वो अपने को कंट्रोल कर सकती थी और एक मिशन को सफल बनाने में लगी थी।

राहुल की पढाई पर ध्यान ज्यादा था उसका।
राहुल अपने क्लास के टॉप 5 बेस्ट स्टूडेंट में गिना जाता था। और कुछ बैक बएंचर्स भी थे।

जिस में एक था 22 साल का राज जो दबंग था, स्कूल में कई बार फेल होने के करण वो 22 साल का हो कर भी 19 साल की उम्र वाले राहुल की हाई क्लास में था,

राज को टीचर ने एग्जाम कॉपी करते हुए पकड़ लिया, और प्रिंसिपल से शिकायत कर दी, और सुपरवाइजर ने गवाह के तौर पर राहुल को बुला के पूछा, तो राहुल ने सच सच बता दिया,

प्रिंसिपल ने राज के खिलाफ करवा दी, उसको कालेज से निकाल ने तक बात पूछ गई, उसके माता-पिता जम्मू में रहते थे, राज यहां अपने दोस्तों के साथ रहता था, इसलिए एक नए पार्टी के एक बड़े नेता से बात कर प्रिंसिपल से डील कर राज पर होने वाली करवायी को रद्द कर दिया और आखिरी चेतावनी दे राज को कालेज में रहने दिया.


राज ने राहुल को गालियां देते हुए कालेज के रास्ते में रोक लिया और उसको बोला "अगर मैंने कॉपी की तो तेरे बाप का क्या होता है, भोसड़ी के तुझे क्या ज़रूरत थी गवाही देने की।"

राहुल को भी गुस्सा आ गया उसने भी राज को गाली दी..दोनो में काफी झगड़ा हुआ, राहुल के पड़ोस में रहने वाले लड़के ने सब देखा और जा के दीप्ति

को बता दिया।

दीप्ति काफी टेंशन में आ गई, राहुल के सिवा उसका और कोई नहीं था, वो नहीं चाहती थी कि राहुल किसी तरह के झगड़े में पड़े, और भगवान ना करे कल को कुछ उच- नीचे हो जाए तो सब कुछ खत्म हो जाएगा।

दीप्ति दूसरे दिन राहुल के कॉलेज आई और प्रिंसिपल से मिल के बोली कि वो दोनों को ऑफिस में बुलाए और झगड़ा ख़त्म करे।

प्रिंसिपल ने वैसा ही किया दोनों को बुला के आमने-सामने बात करवायी, राज ने जब दीप्ति को देखा तो देखता ही रहा, वो किसी साउथ फिल्म की एक्ट्रेस अनुष्का शेट्टी जैसी लग रही थी,

राज को यकीन नहीं आ रहा था कि ये राहुल की मां है, अगर राहुल उसको अपनी दीदी कह कर भी परिचय करा सके तो कोई भी इंकार नहीं कर सकता था,

क्योंकि उस घर में अपने पुराने जमाने के पत्थर के बड़े सिलबट्टे पे मसाला पीसने में बहुत मेहनत करती थी,

उसके पीस मसाले से उसकी अच्छी इनकम होती थी और अपने आप पूरी बॉडी की एक्सरसाइज भी हो जाती थी,

उसकी पीठ उसकी कमर, पेट सब कुछ हमें एक सिलबट्टे पे मसाला पीसने में लगने वाले 3 से 4 घंटे की कड़ी मेहनत का नतीजा था।


जो फिगर पाने के लिए अमीर घरो की औरतें हजारों रुपये खर्च कर सकती है और ट्रेडमिल पर भाग के भी हासिल नहीं कर सकती,

वो फिगर पाने के लिए दीप्ति को अपना घर चलाने और बेटे को पढ़ने के लिए कि गई मेहनत से बिना मांगे ही मिल गया था,

उसको ये एहसास नहीं था कि उसकी मेहनत उसका फिगर के लिए वरदान साबित हुआ है,

लेकिन उसको कोई मतलब नहीं था, फिगर देख के खुश होने वाला उसका पति ही जब नहीं रहा तो फिगर का क्या मतलब, वो अपने चेहरे पर कोई मेकअप भी नहीं लगाती थी, लोग उसकी तरफ देखते तो भी वो कोई प्रतिक्रिया नहीं देती थी,


आज जब राज की नजर दीप्ति पर पड़ी, वो अमीर बाप का बिगाड़ा बेटा था, काई लड़कियों को चोद चुका था, लेकिन आज दीप्ति को देख के वो हैरान था,

उसने दीप्ति से "सॉरी दीदी" कहा, सारी बातें खत्म होने के बाद राज चला गया,

उसके बाद मुझे पता चला कि वो राहुल की मां दीप्ति शर्मा थी जिसको वो राहुल की दीदी समझ गया था,

राज ने राहुल के परिवार की पूरी जानकारी हासिल की, जैसी उसकी माँ का विधवा होना, उनका खाने का सामान और मसाला पीसना,

उनकी दुकान से किराया कुल मिला के घर का गुजारा होना जैसी सारी जानकारी मिलने के बाद उसके दिमाग में एक प्लान आ गया।


उसने एक बंदे को तैयार किया और उसको एक स्क्रिप्ट बताई कि क्या ड्रामा करना है और कैसे करना है, ताकि राज को राहुल के घर में पेइंग गेस्ट बना के एंटर करवाया जा सके।

अब वो किसी भी कीमत पर दीप्ति को हासिल करना चाहता था।
WOW NICE START DEAR
 
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ये कहानी है राहुल शर्मा

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उसकी मां दीप्ति शर्मा


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और उसके फरेबी दोस्त की,
राहुल के पापा की बहुत पहले एक एक्सीडेंट में मौत हो चुकी थी,

उसके बाद राहुल की पूरी जिम्मेदारी राहुल की मां दीप्ति शर्मा पे आ गई थी,
दीप्ति की उम्र 37 साल थी.

राहुल 19 साल का 12वीं पास कर चुका है और बी काम प्रथम वर्ष में पढ़ रहा था,

दीप्ति केवल 12वीं तक पढ़ी थी, उसके बाद उसके निम्न मध्यम वर्ग के माता-पिता ने आगे पढ़ने की जगह 16 साल की उम्र में दीप्ति की शादी कर दी, 17 साल की उम्र में दीप्ति ने राहुल और पूजा, एक साथ जुड़वा बेटा और बेटी को जन्म दिया।

राहुल के पापा की मृत्यु के बाद पति की बचत को निवेश कर के दीप्ति ने एक दुकान ले कर किराए पर दे दी, और कुछ घर में ही कुछ घर के बने मसाले और खाने-पीने का सामान भी बना लिया, उनकी दुकान को किराए पर लेने वाले एक पुराने सेवानिवृत्त भले आदमी थे, वो दीप्ति के बने हुए खाद्य पदार्थ मसाले बेचकर देते थे, जिससे कुछ और आय हो जाती थी।


दीप्ति से 2 साल बड़ी बहन ज्योति को शादी के बाद भी कोई संतान नहीं हुई,
ससुराल के लोग उसको बांझ कह के तंग कर देते थे, ज्योति ने बच्चा गोद लेने की सोची, फिर सोचा कि क्यों ना अपनी छोटी बहन दीप्ति की बेटी को गोद ले ले,

तो वो बेटी को पल भी लेगी और 20-22 साल बाद उसकी शादी भी करवा देगी,
जिस दीप्ति पे बेटी की शादी का बोझ भी नहीं पड़ेगा और दोनों 3 घंटे की दूरी पर है, कभी देखने का दिल किया तो आ सकती है और ज्योति ने दीप्ति से वादा किया कि पूजा बेटी को हर महीने या 2 महीने में उसके साथ में समय बिताने देगी, दीप्ति ने भी मंजूर कर लिया कि बेटी उसकी दीदी के घर में ही रहेगी और जब चाहे मिल भी पायेगी।

वैसे दीप्ति की बेटी पूजा अब ज्योति की बेटी बन गयी है।
दीप्ति काफी सुंदर थी, लोगों की नजर उसपे टिक जाती थी, अगर वो चाहती तो शायद दूसरी शादी करने में कोई समस्या नहीं होती, दीप्ति का फिगर देख के ही कोई भी पागल हो जाता।


लेकिन दीप्ति किसी की तरफ देखती नहीं थी, अपने मसाले और खाद्य पदार्थ बनाने में व्यस्त रहती थी।
लेकिन उसके सामने राहुल का कैरियर था, दीप्ति के पति की एक मात्र निशानी, उसको बड़ा आदमी बना के अपने पति का सपना पूरा करना चाहता थी।

एक औरत के लिए अकेला होना कितना मुश्किल हो सकता है जब भारी जवानी में वो विधवा हो जाए, वो अपने को कंट्रोल कर सकती थी और एक मिशन को सफल बनाने में लगी थी।

राहुल की पढाई पर ध्यान ज्यादा था उसका।
राहुल अपने क्लास के टॉप 5 बेस्ट स्टूडेंट में गिना जाता था। और कुछ बैक बएंचर्स भी थे।

जिस में एक था 22 साल का राज जो दबंग था, स्कूल में कई बार फेल होने के करण वो 22 साल का हो कर भी 19 साल की उम्र वाले राहुल की हाई क्लास में था,

राज को टीचर ने एग्जाम कॉपी करते हुए पकड़ लिया, और प्रिंसिपल से शिकायत कर दी, और सुपरवाइजर ने गवाह के तौर पर राहुल को बुला के पूछा, तो राहुल ने सच सच बता दिया,

प्रिंसिपल ने राज के खिलाफ करवा दी, उसको कालेज से निकाल ने तक बात पूछ गई, उसके माता-पिता जम्मू में रहते थे, राज यहां अपने दोस्तों के साथ रहता था, इसलिए एक नए पार्टी के एक बड़े नेता से बात कर प्रिंसिपल से डील कर राज पर होने वाली करवायी को रद्द कर दिया और आखिरी चेतावनी दे राज को कालेज में रहने दिया.


राज ने राहुल को गालियां देते हुए कालेज के रास्ते में रोक लिया और उसको बोला "अगर मैंने कॉपी की तो तेरे बाप का क्या होता है, भोसड़ी के तुझे क्या ज़रूरत थी गवाही देने की।"

राहुल को भी गुस्सा आ गया उसने भी राज को गाली दी..दोनो में काफी झगड़ा हुआ, राहुल के पड़ोस में रहने वाले लड़के ने सब देखा और जा के दीप्ति

को बता दिया।

दीप्ति काफी टेंशन में आ गई, राहुल के सिवा उसका और कोई नहीं था, वो नहीं चाहती थी कि राहुल किसी तरह के झगड़े में पड़े, और भगवान ना करे कल को कुछ उच- नीचे हो जाए तो सब कुछ खत्म हो जाएगा।

दीप्ति दूसरे दिन राहुल के कॉलेज आई और प्रिंसिपल से मिल के बोली कि वो दोनों को ऑफिस में बुलाए और झगड़ा ख़त्म करे।

प्रिंसिपल ने वैसा ही किया दोनों को बुला के आमने-सामने बात करवायी, राज ने जब दीप्ति को देखा तो देखता ही रहा, वो किसी साउथ फिल्म की एक्ट्रेस अनुष्का शेट्टी जैसी लग रही थी,

राज को यकीन नहीं आ रहा था कि ये राहुल की मां है, अगर राहुल उसको अपनी दीदी कह कर भी परिचय करा सके तो कोई भी इंकार नहीं कर सकता था,

क्योंकि उस घर में अपने पुराने जमाने के पत्थर के बड़े सिलबट्टे पे मसाला पीसने में बहुत मेहनत करती थी,

उसके पीस मसाले से उसकी अच्छी इनकम होती थी और अपने आप पूरी बॉडी की एक्सरसाइज भी हो जाती थी,

उसकी पीठ उसकी कमर, पेट सब कुछ हमें एक सिलबट्टे पे मसाला पीसने में लगने वाले 3 से 4 घंटे की कड़ी मेहनत का नतीजा था।


जो फिगर पाने के लिए अमीर घरो की औरतें हजारों रुपये खर्च कर सकती है और ट्रेडमिल पर भाग के भी हासिल नहीं कर सकती,

वो फिगर पाने के लिए दीप्ति को अपना घर चलाने और बेटे को पढ़ने के लिए कि गई मेहनत से बिना मांगे ही मिल गया था,

उसको ये एहसास नहीं था कि उसकी मेहनत उसका फिगर के लिए वरदान साबित हुआ है,

लेकिन उसको कोई मतलब नहीं था, फिगर देख के खुश होने वाला उसका पति ही जब नहीं रहा तो फिगर का क्या मतलब, वो अपने चेहरे पर कोई मेकअप भी नहीं लगाती थी, लोग उसकी तरफ देखते तो भी वो कोई प्रतिक्रिया नहीं देती थी,


आज जब राज की नजर दीप्ति पर पड़ी, वो अमीर बाप का बिगाड़ा बेटा था, काई लड़कियों को चोद चुका था, लेकिन आज दीप्ति को देख के वो हैरान था,

उसने दीप्ति से "सॉरी दीदी" कहा, सारी बातें खत्म होने के बाद राज चला गया,

उसके बाद मुझे पता चला कि वो राहुल की मां दीप्ति शर्मा थी जिसको वो राहुल की दीदी समझ गया था,

राज ने राहुल के परिवार की पूरी जानकारी हासिल की, जैसी उसकी माँ का विधवा होना, उनका खाने का सामान और मसाला पीसना,

उनकी दुकान से किराया कुल मिला के घर का गुजारा होना जैसी सारी जानकारी मिलने के बाद उसके दिमाग में एक प्लान आ गया।


उसने एक बंदे को तैयार किया और उसको एक स्क्रिप्ट बताई कि क्या ड्रामा करना है और कैसे करना है, ताकि राज को राहुल के घर में पेइंग गेस्ट बना के एंटर करवाया जा सके।

अब वो किसी भी कीमत पर दीप्ति को हासिल करना चाहता था।
Nice story continue please
 

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