शालु को देख कर रत्ना की सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी और वो स्तब्ध हो गई, देवा भी शालु को देख कर थोड़ा चौंक गया पर रत्ना के जितना नहीं…
शालु: तो आखिरकार तूने अपनी चूत को शांत करवाने का ठान ही लिया पर अपने ही सगे बेटे को फाँसना…तू तो बड़ी कमिनी निकली रे रत्ना।
रत्ना अभी तक देवा के नीचे ही लेटी थी वो बहुत शॉकड हो गयी थी शालु को देखकर । उसे कुछ समझ नही आ रहा था क्युकी देवा ने उसकी गांड जबसे मारी थी तबसे उसके सोचने समझने की शक्ति थोड़ी ढीली हो गयी थी…कुछ पल ऐसे ही लेटे रहने के बाद रत्ना को सिचुएशन की गंभीरता का अहसास हुआ, देवा का लंड अब भी उसकी मोटी गांड में घूस्सा हुआ था,,, देवा भी वही उसी पोजीशन में खड़े हुए दोनों औरतो को देख रहा था…कभी रत्ना का ख़ूबसूरत नंगा जिस्म जिसको वह कल रात से कई बार निचोड चुका था और तो कभी शालु को जिसे उसने कई बार चोदा था।
देवा अब शालु को देख कर उसे आँखों ही आँखों में कुछ उल्टा न कहने का इशारा करता है,, शालु उसे कोई जवाब नहीं देती और उन दोनों के ओर बढ़ने लगी।
रत्ना अब समझ गयी थी की वह पकड़ी गयी है अपने ही बेटे के साथ चुदवाते हुए और कोई बहाना भी नहीं मारा जा सकता, तो वह तुरंत उठ कर बेड की चादर खीचते हुए ओढ़नी लगती है,, देवा का लंड उसकी गांड से बाहर आ जाता है,,, शालु अब आकर उनके सामने सोफ़े पर बैठ जाती है और बोलती है…
शालु,, अब क्यों उठ रही है और खुद को छुपा रही है,,,वही लेटी रह अपने सगे बेटे क नीचे और मजे लेती रह नंगी लेटे हुए ही…क्या फर्क पडता है अगर कोई तुम दोनों को देख लेता है तो...
रत्ना अब डरने लगती है,, वो मन ही मन सोचती है हे राम शालु ने मुझे अपने ही सगे बेटे से चुदवाते हुए देख लिया है,, मैं तो अब बदनाम हो जाऊंगी अगर गाँव में और किसी को पता चला तो क्या होगा।लोग कहेंगे यह कैसी बदजात औरत है जो अपने ही बेट के साथ सोती है और बेशर्मो की तरह चुदवाती है।
मुझे कुछ करना ही होगा यह बात किसी भी हाल में इस घर के बाहर नहीं जानी चाहिए…मुझे शालु से बात करनी ही होगी और उससे समझाना होगा की वो किसी और से इस बारे में कुछ न कहे…
रत्ना बोलने ही वाली थी की तभी शालु खड़ी हो जाती है और चीख़ते हुए कहती है…।
शालु: बदजात औरत अपनी चूत की आग शांत करने के लिए तूने अपने ही सागे बेटे को फाँस लिया,, यह तो बेचारा जवानी का मारा है,, इसकी उम्र में तो यह सब चीजे करना आम बात है,,, तू तो बूढी हो रही है,,,और समझदार भी है…तुझे शर्म नही आयी अपने बेटे के साथ चुदवाते हुए,, और बेशरमी से अपनी चूत और गांड मरवा रही है। हे भगवन क्या क्या हो रहा है इस दुनिया में…घोर कलयुग आ चुका है…हे भगवन अब तो अवतार ले ही लो और पापियो का नाश कर दो…
रत्ना अपने खूबसूरत जिस्म को ढके हुए शालु की बाते सुन रही थी और अब उसकी आँखों में पानी आने लगा था,, ऐसा लग रहा था की रत्ना सोच रही हो की मैंने सचमूच एक घोर पाप कर डाला है और दुनिया और भगवन इस गंदे कर्म के लिए मुझे कभी माफ़ नही करेंगे…
देवा भी वहां नंगा खड़ा हुआ था क्युकी वह उन दोनों औरतो को चोद चुका था । उसे उनके सामने नंगा होने का कोई फ़र्क़ नहि था। देवा भी शालु की बाते सुन कर शॉक था और मन ही मन सोच रहा था की… यह साली छिनाल क्या बक रही है…खुद तो अपने ही बेटे से चुदवाती है और यहाँ चूतियापा कर रही है…
शालु अब भी अपना प्रवचन दे रही थी और रत्ना का रोना चलु हो गया था । जब देवा ने रत्ना को सिसकते हुए देखा तो उसे शालु पे ग़ुस्सा आने लाग। वह कुछ बोलना तो चाह रहा था पर उसे समझ में नहीं आ रहा था की शालु और उसके बीच का सम्बन्ध रत्ना के सामने बताना ठीक रहेगा की नही,,,कहिं ऐसा न हो की रत्ना उससे चुदवाना छोड़ दे यह जान कर की मै कितनी औरतो की ले चुका हूँ…
देवा इन ही खयालो मै खोया हुआ सही और गलत का फैसला सोच ही रहा था की रत्ना के मोटे मोटे आँसु टपकने लगे थे। वो चाहते हुए भी शालु के सामने कुछ बोल नहीं पा रही थी और सिर्फ रोते जा रही थी…जब शालु ने देखा की रत्ना के आंसू निकल गए है तो वो झुक गयी उसके आगे और उसके आंसू पोंछने लगी थी…
शालु,,,अरे मेरी नाजुक कली तू तो रोने लगी…मुझे माफ़ कर दे मै तो बस मजे ले रही थी।
ये बात सुनके रत्ना चौंक गयी और रोते हुए ही शालु को देखने लगी जिसके मुखडे पर अब एक शैतानी मुस्कान थी,,देवा भी यह देख के समझ गया की शालु सिर्फ मजाक कर रही थी। शालू मन ही मन सोचने लगी।
यह तो मेरे टेस्टइ फेल हो गयी…
रत्ना के मुँह से अब भी शब्द नहीं निकल रहे थे और वह अब बहुत कंफ्यूज हो गयी थी…अभी तक शालु उससे दुनियादारी की बात कर रही थी और अब अचानक वो बोल रही है की मै मजाक कर रही थी…
आखिर यह सब हो क्या रहा है…भला एक माँ को अपने बेटे से चुदवाते देख कोई औरत ऐसा मजाक कैसे कर सकती है…रत्ना के पल्ले कुछ नहीं पड रहा था…देवा अब मुस्कुरा रहा था और शालु को देखते हुए अपने लंड को मसलने लगा…
शालु रत्ना को अपनी तरफ सवालिया नज़रो से देखते हुए समझ गयी की रत्ना कंफ्यूज हो गयी है…वह बोलती है,,,मेरी जान तू तो बड़ी कमिनी निकली अपने ही बेटे से चुदवा रही थी और अपनी सबसे अच्छी सहेली को इस बारे मै बताया तक नहीं…
रत्ना को कुछ समझ नहीं आ रहा था पर तब भी उसे महसूस हो गया की वो पकड़ी तो गयी है पर शालु किसी को कुछ नहीं बतायेगी। वह अब थोड़ी रिलैक्स होने लगती है,, अब भी उसने अपने बदन को ढ़का हुआ था,,,वह हकलाते हुए कहती है…
रत्ना: ओह्ह्ह…मैं…वोह.....शालु…वाह…दरअसल,,,शालु..... थी…की…वाह…मुझे...माफ़…मुझे माफ़……कर ...दे......मैं..... वो…
रत्ना को हकलाते देख कर शालु मंद मंद मुस्कुराने लगती है और सोचने लगती है की मैंने ज्यादा मजाक कर लिया ।यह तो बहुत डर गयी है…
शालु: साली तू तो बड़ी कुतिया की तरह गाँड मरा रही थी वो भी अपने ही सगे बेटे से बेशरम होकर…रंडी लग रही थी बिलकुल…
मैंने सोचा था की अगर मै तेरे सामने भी आ जाऊ तब भी तू अपना रन्डीपना नही छोड़ेगी और मेरे सामने ही अपने बेटे से अपनी गांड मरवाती रहेगी…पर तेरी तो गांड ही फट्ट गयी मुझको देख कर और मोटे मोटे आंसू बहाने लगी…कम से कम घर का दरवाजा तो बंद कर लेती अपनी चुदाई शुरू करने से पहले…इतना भी कण्ट्रोल नहीं हुआ तुझे…यह बोलते हुए शालु हँसने लगी।
रत्ना शालु की बाते सुनकर चौंक सी गयी और वह ....अब तक भरोसा कर चुकी थी की शालु किसी से कुछ नहीं कहेगी और मै अब भी अपने बेटे…अपने सुहाग…अपने मालिक देवा से मस्त होके चुदवा सकती हूँ।…यह सोचते हुए रत्ना के चेहरे पर फिर से ख़ुशी की लहर आ गयी।