अध्याय - १
“मैं सजल को शुभ रात्रि कह कर आती हूँ”, कोमल ने एक बेहद ही झीना सा गाउन पहनते हुए अपने पति से कहा। उस कपड़े में उसके विशाल, गठीले मम्मे छुप नहीं पा रहे थे। उसकी चूत को आराम से देखा जा सकता था।
सुनील बिस्तर पर टेक लगाकर लेट गया। वो अपनी सुंदर बीवी को चोदने को बेचैन था। उसका अलमस्त लंड...