Adultery आँचल की अय्याशियां

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आँचल
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लंच के बाद सभी लोग लिविंग रूम मे बैठे थे. रिया ने आँचल से कहा एक मिनिट बाहर आओ.

आँचल लिविंग रूम से बाहर आई तो रिया एक्साइटेड होकर बोली,”क्या हम एक घंटे के लिए तुम्हारा बेडरूम यूज़ कर लें ? थोड़ी प्राइवेसी चाहिए इसलिए.”

रिया की बोल्ड डिमांड से आँचल हैरान हुई लेकिन उसने हाँ कह दिया. वैसे भी मना कैसे करती.
रिया और रवि आँचल के बेडरूम मे चले गये और अंदर से लॉक कर दिया. आँचल लिविंग रूम मे बैठी हुई सोचने लगी ये दोनो मेरे बेडरूम में क्या कर रहे होंगे ?

अभी दोपहर के 3 बज रहे थे और सास अपने कमरे में सोने चली गयी थी. सुनीता भी उसके साथ ही चली गयी. आधे घंटे तक लिविंग रूम मे अकेली बैठने के बाद आँचल से रहा नही गया और वो चुपचाप अपने बेडरूम के पास आकर दरवाज़े पर कान लगाकर सुनने लगी. बेडरूम के अंदर से धीमी आवाज़ें आ रही थी. वो दोनो क्या बात कर रहे हैं ये तो आँचल को ठीक से सुनाई नही दिया लेकिन बीच बीच में रिया की सिसकारियाँ सुनाई दे रही थी. आँचल की एक्साइट्मेंट बढ़ने लगी. रिया के सिसकने से आँचल की चूत भी गीली हो गयी.

तभी सुनील का फोन आ गया की पापा और मैं शाम को देर से घर आएँगे क्यूंकी फैक्ट्री में कुछ काम करना है.
आँचल घर मे अकेली बोर हो रही थी और अब तो सुनील और ससुरजी भी देर से आने वाले थे. आँचल के दिमाग़ में उत्सुकता और उत्तेजना से खुराफात सूझी. वो लिविंग रूम से एक छोटा टेबल उठा लाई और बेडरूम के दरवाज़े के पास रखकर उस के ऊपर चढ़ गयी. टेबल के ऊपर चढ़कर दरवाज़े के ऊपर वेंटिलेशन के लिए बनी खिड़की से अंदर झाँकने लगी.

आँचल ने देखा अंदर रिया और रवि दोनो नंगे हैं. रिया नंगी होकर दीवार से पीठ लगाकर खड़ी है. उसकी एक टाँग रवि ने ऊपर उठाकर पकड़ी हुई है . रवि रिया की चूत में लंड घुसाकर चुदाई कर रहा था. खड़े खड़े ही वो रिया की चूत में तेज तेज धक्के लगा रहा था.

ये सीन देखकर आँचल बहुत उत्तेजित हो गयी और अपनी पैंट के बाहर से ही चूत पर हाथ फिराने लगी. उसने देखा रवि लंबा चौड़ा , काफ़ी तगड़ा है. रवि की छाती में और पैरों में काफ़ी बाल थे. रिया की टाँग को आराम से उठाकर वो मज़े से उसकी चुदाई कर रहा था. अब आँचल से रहा नही गया, पैंट के बाहर से चूत रगड़ने में मज़ा नही आ रहा था उसने पैंट खोलकर नीचे कर दी और अपनी पैंटी में हाथ डालकर गीली चूत को मसलने लगी. अंदर का सीन देखते हुए चूत मसलने से वो धीमी आवाज़ में सिसकारी लेने लगी. आँचल मदहोश होने लगी और उसे ये भी पता नही चला की कोई वहाँ आ गया है.

किचन में रामलाल(कुक) ने कुछ हल्की सिसकने की आवाज़ें सुनी. वो किचन के पीछे बने सर्वेंट क्वॉर्टर से अभी किचन में आया था. रामलाल चेक करने के लिए वहाँ आया की ये आवाज़ें कहाँ से आ रही हैं .

जो उसने देखा उससे वो हैरान रह गया. आँचल मेमसाब एक छोटे टेबल पर चढ़ी हुई है. उसकी पैंट और पैंटी घुटनो से नीचे है. और वो सिसकारी लेते हुए चूत में उंगली कर रही है. मादक आँचल की नंगी बड़ी गांड देखकर रामलाल के मुँह में पानी आ गया. रामलाल 50 बरस का था लेकिन जबसे इस घर में आया था बहूरानी आँचल की मादकता को देखकर लार टपकाता था. जवान नौकरानी सुनीता को भी उसने एक दो बार दबोचने की कोशिश की थी लेकिन सुनीता ससुर से फँसी थी तो उसने रामलाल को मुँह नही लगाया. लेकिन आज तो जैसे रामलाल की लॉटरी लग गयी . आँचल मेमसाब को ऐसे नंगे देख पाने की तो उसने सपने मे भी नही सोची थी. वो दबे पाँव आँचल की तरफ बढ़ने लगा.

आँचल को ओर्गास्म आने वाला था, वो आँखे बंद करके सिसकारी लेते हुए चूत में उंगली कर रही थी……….उउउन्न्नह…….ऊओ…….उूउउ……….ऊऊहह……..”

तभी किसी ने उसका मुँह बंद कर दिया और उसको पीछे से पकड़कर खींचकर टेबल से उतार दिया. आँचल कुछ समझ पाती की ये क्या हुआ. तब तक रामलाल उसका मुँह बंद करके उसको किचन में ले गया. आँचल ने अपने को छुड़ाने की कोशिश की लेकिन रामलाल ने उसको कसके पकड़ रखा था. उसकी पैंटी और पैंट नीचे टाँगों में फँसे हुए थे इसलिए उसका बैलेंस भी नही बन पा रहा था.

किचन के दरवाज़े से रामलाल आँचल को घसीटकर पीछे बने अपने सर्वेंट क्वॉर्टर में ले गया और अपनी चारपाई पर आँचल को गिरा दिया. फिर जल्दी से अपनी पैंट खोलकर फनफनाते लंड को बाहर निकाल लिया. आँचल ने देखा ये तो उनका कुक रामलाल है. अपने मुँह से हाथ हटा लिए जाने के बाद अब वो साँसों को संयत करने की कोशिश कर रही थी. आँचल ने देखा रामलाल का फनफनाता लंड बड़ा और काला है. लंड के टोपे से प्री-कम भी निकल रहा था. बड़े लंड को देखकर आँचल के होंठ सूखने लगे, वो अभी भी मदहोशी में थी.

तभी रामलाल ने उसकी टाँगों में फँसी पैंट को उतार दिया और गीली पैंटी को फाड़ दिया. फिर आँचल की गीली चूत में अपने लंड का सुपाड़ा लगाया.

“नही नही , ये मत करो . नहीईईईई………….... ओह्ह …..” आँचल इतना ही कह पाई थी की रामलाल ने लंड उसकी चूत में घुसा दिया.

आँचल की चूत रस से पूरी गीली हो रखी थी तो रामलाल का लंड अंदर घुसने में आसानी हुई. रामलाल ने अपने और आँचल के बाकी कपड़े उतारने की जहमत नही उठाई और फटाफट आँचल की चूत में लंड पेलने लगा.

“ओह्ह……….आअहह……….ओह्ह ……….” आँचल को अपनी चूत रामलाल के बड़े लंड से स्ट्रेच होती हुई महसूस हुई.

रामलाल की पुरानी चारपाई की रस्सियां आँचल की मुलायम गांड में नीचे से चुभने लगी. रामलाल के हर धक्के से वो पुरानी चारपाई हिलने लगी और चूँ….. चूँ…… चूँ की आवाज़ करने लगी.

आँचल का रुका हुआ ओर्गास्म फिर से बनने लगा. जल्दी ही आँचल भी अपनी गांड ऊपर को उछालकर रामलाल के धक्कों का जवाब देने लगी. रामलाल तेज़ी से लंड चूत में अंदर बाहर करते रहा.

“ऊओिईई………..ऊऊओ………….आआहह……....ऊऊहह…….ओइईईईईईई….” आँचल को जोरदार ओर्गास्म आ गया.

आँचल को ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेकर झड़ते देखकर रामलाल का भी पानी निकल गया और उसने आँचल की चूत वीर्य से भर दी. रामलाल झड़ने के बाद आँचल के ऊपर लेट गया और उसके खूबसूरत गालों को काटने लगा. उसका लंड अभी भी आँचल की चूत में था. जबरदस्त ओर्गास्म के आने से आँचल निढाल हो गयी थी , रामलाल को धक्का देकर उठाने की ताक़त उसमे नही बची थी. रामलाल आँचल के चेहरे को चूमने और चाटने लगा. आँचल के गालों और होठों को चूस चूसकर उसने गीला कर दिया.

फिर रामलाल उठा और अपनी पैंट पहन ली. आँचल से एक शब्द भी बोले बिना ही वो अपने कमरे से बाहर चला गया.

आँचल चारपाई पर पड़ी हुई अपनी सांसो को काबू करने की कोशिश कर रही थी. रामलाल की लार से उसका पूरा चेहरा गीला हो गया था . आँचल ने अपनी टीशर्ट के कोने से अपना चेहरा पोंछ लिया. फिर फर्श पर पड़ी हुई पैंट पहन ली. आँचल ने अपनी फटी हुई पैंटी उठाई और किचन के रास्ते घर में आ गयी.

रामलाल किचन में ही था.

“चाय बनाऊँ आपके लिए मेमसाब ?” आँचल को देखकर शांत स्वर में रामलाल बोला , जैसे कुछ हुआ ही ना हो.

जो कुछ हुआ उससे आँचल स्तब्ध अवस्था में थी , ज़्यादा सोचने समझने की हालत में वो नही थी. रामलाल की बात पर उसने सर हिलाकर हाँ कह दिया और अपनी सास के बेडरूम में बने बाथरूम मे चली गयी क्यूंकी उसका अपना बेडरूम बंद था.

सास गहरी नींद में सोई थी इसलिए उसने आँचल की हालत नही देखी. लेकिन फर्श पर अपने बिस्तर मे लेटी हुई सुनीता ने आँचल को देख लिया . वो समझ गयी मेमसाब अभी अभी चुदी है. आँचल के बाथरूम का दरवाज़ा बंद होने के बाद सुनीता उठी और बेडरूम से बाहर ये पता करने आई की कौन है जिसने मेमसाब को चोदा ?

लिविंग रूम में उसे कोई नही दिखा और आँचल का बेडरूम अंदर से बंद था. लेकिन दरवाज़े के बाहर टेबल रखी हुई थी. सुनीता की कुछ समझ नही आया की ये लिविंग रूम की टेबल यहाँ कैसे पहुँची ?

सुनीता ने टेबल उठायी तभी रिया ने बेडरूम का दरवाज़ा खोल दिया. सुनीता को टेबल उठाये देखकर रिया ने प्रश्नवाचक नज़रों से सुनीता को देखा की यहाँ क्या कर रही है ?

रिया के पीछे रवि भी बेडरूम से बाहर आ गया. रवि को देखकर सुनीता रिया की तरफ देखकर शरारत से मुस्कुरायी. सुनीता को मुस्कुराते देखकर रिया को रात में ससुर और सुनीता के साथ अपनी चुदाई याद आ गयी और वो शरमा गयी.रिया सोचने लगी , सुनीता सोच रही होगी रात में ससुर से चुदाया , अभी रवि से चुदा रही है.

रिया ने सकुचाते हुए सुनीता से पूछा,” आँचल कहाँ है ?”

सुनीता ने बताया वो बाथरूम में है.

बाथरूम में मिरर के सामने आँचल घबराहट और उत्तेजना से कांप रही थी. उसकी टाँगे कांप रही थी और सपोर्ट के लिए उसने वॉश बेसिन को पकड़ रखा था. ठंडे पानी से कई बार मुँह धोकर उसे थोड़ा होश आया. फिर उसने अपनी पैंट उतारी और पीछे को मुड़कर अपने गोरे नितंबों में पड़े हुए लाल निशानो को देखने की कोशिश करने लगी.

रामलाल ने उसकी तगड़ी चुदाई की थी और जूट की रस्सियों से बनी उस चारपाई में रगड़ने से उसके मुलायम नितंबों पर निशान पड़ गये थे. आँचल ने अपने नितंबों को हाथ से छुआ तो उसे दर्द हुआ. कितनी जल्दी मे हो गया ये सब , आँचल सोचने लगी. बुड्ढे रामलाल का ढीढपन तो देखो, पहले मदहोशी मे मेरा फायदा उठा लिया और अपने क्वॉर्टर में ले जाकर मुझे जमकर चोद डाला , फिर बड़े शांत स्वर में बोलता है , मेमसाब चाय पियोगी? जैसे कुछ हुआ ही ना हो. ढीढ कहीं का.

यही सब सोचते हुए आँचल ने बाथरूम मे बने कैबिनेट को खोलकर दवाई निकाली और अपने दुखते नितंबों पर टेरामायसीन लगाई. उसके चेहरे और गर्दन पर भी काटकर रामलाल ने निशान बना दिए थे. आँचल ने मिरर में देखकर उन जगहों पर क्रीम लगा ली. फिर मिरर में देखकर आँचल ने अपने को ठीक ठाक किया और पैंट पहनकर बाथरूम से बाहर आ गयी. लिविंग रूम मे आँचल को रिया और रवि अपना इंतज़ार करते मिले.

आँचल सोफे में रिया के बगल में बैठ गयी. रिया ने बेशर्मी से आँचल को आँख मारी. और आँखो ही आँखो में बता दिया की हमने तुम्हारे बेडरूम में चुदाई के मज़े लिए. तभी बुड्ढा रामलाल चाय की ट्रे लेकर वहाँ आ गया. आँचल ने सकुचाते हुए उसकी तरफ देखा. रामलाल उसी को देख रहा था और मुस्कुरा रहा था. आँचल ने झेंप कर जल्दी से अपनी नज़रें नीची कर ली.

“कमीना , कुतिया का बच्चा, हरामखोर ….” एंबॅरसमेंट से अपने निचले होंठ को काटती हुई आँचल रामलाल को मन ही मन कोसने लगी.

चाय पीने के बाद रवि उठा और बोला, एक दोस्त के घर जाना है. रात 8 बजे तक लौटूँगा.

आँचल ने देखा रिया की चुदाई करके रवि के चेहरे पर संतुष्टि के भाव हैं.
जाने से पहले रवि आँचल से बोला, की मैं आप लोगो को डिनर पर ले जाऊंगा . इसलिए सुनील और आप तैयार रहना.
 
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रवि के जाने के बाद आँचल और रिया , आँचल के बेडरूम में चली गयीं. वहाँ आँचल और सुनील की बेड में बेड कवर और चादर सब अस्त व्यस्त हालत में थे. रिया शरमा गयी और जल्दी से बेड के ऊपर चादर को ठीक से बिछाने लगी. आँचल भी उसकी मदद करने लगी.

“ह्म्म्म्मम…………. खूब मज़े किए तूने हाँ “, आँचल हंसते हुए बोली.

“ना तो , हम तो सिर्फ़ बातें कर रहे थे.” रिया धीरे से बोली.

“सिर्फ़ बातें ? ये मेरी बेड की हालत देखो. चादर पे उसके वीर्य और तुम्हारी चूत से बहते रस के दाग धब्बे लगे हैं. बातें करने से लगे हैं ये ?” आँचल धब्बों की तरफ इशारा करती हुई ज़ोर से बोली.

रिया का मुँह शरम से लाल हो गया.

“आँचल , क्यूँ मुझे चिढ़ा रही हो. तुम तो शादीशुदा हो , खुशकिस्मत हो रोज़ चुदाई के मज़े लेती हो. मेरी ऐसी किस्मत कहाँ.”

आँचल झूठा गुस्सा दिखाती हुई रिया की तरफ बढ़ी और उसके बदन में गुदगुदी लगाती हुई बोली,” अभी तेरी शादी भी नही हुई है और अभी से तू चुदाई के लिए इतनी बेकरार है. ठरकी बिच…...”

आँचल के गुदगुदाने से रिया हंसते हंसते लोटपोट हो गयी. फिर उसने भी आँचल को गुदगुदाना शुरू किया. एक दूसरे को गुदगुदाते हुए दोनो बेड में गिर पड़ीं . रिया आँचल को नीचे दबाते हुए उसके ऊपर आने की कोशिश करने लगी. उनकी बाँहे और बदन एक दूसरे में गुत्थम गुत्था हो रहे थे और बेड में लेटे लेटे ही उनकी कुश्ती चल रही थी. कुछ देर बाद रिया अपने प्रयास में सफल हो गयी. अब आँचल नीचे लेटी थी और रिया ने ऊपर से उसको दबा रखा था. कुश्ती से दोनो की ही गहरी साँसे चल रही थी.

तभी आँचल के ऊपर बैठी हुई रिया को आँचल की पैंट की पॉकेट में थोड़ा बाहर निकला हुआ कुछ कपड़ा दिखा. उत्सुकता से रिया ने उस कपड़े को खींचकर पॉकेट से निकाल दिया. वो तो आँचल की फटी हुई पैंटी थी जो उसने सर्वेंट क्वॉर्टर से आते वक़्त अपनी पॉकेट में डाल ली थी. फिर रिया ने आँचल की पैंट की ज़िप खोली तो उसे पता चल गया की आँचल ने पैंटी नही पहनी है.

“अहा, तुम्हारी गीली पैंटी किसने फाड़ी ? आँचल ये चक्कर क्या है ? सच सच बताओ , तुम क्या कर रही थी ?”

आँचल ने अपनी फटी हुई पैंटी रिया के हाथ में देखी, शरम से उसका मुँह लाल हो गया.

“बताओ आँचल, यहाँ हो क्या रहा है ? तुम्हारी पैंटी तुम्हारी पॉकेट में क्यूँ है ?”

आँचल कामुक ज़रूर थी पर चालू नही थी. उसकी कुछ समझ ही नही आया की रिया को क्या सफाई दे.
रिया अपने सवाल का जवाब मांगती रही. आँचल कोई जवाब देने की बजाय रिया को अपने ऊपर से उठाने के लिए धक्का देने लगी.

रिया ने आँचल का पैंट थोड़ा नीचे को खींचा और उसकी चूत में ज़ोर से दो उंगलियाँ घुसा दी.

“ऊऊहह………..क्या कर रही हो रिया. मुझे दर्द हो रही है. प्लीज़ स्टॉप.” आँचल दर्द से चीखी.

“ तुमने मुझे ठरकी बिच बोला था ना. अब देखो ठरकी बिच कौन है. बताओ मुझे , तुम्हारी पैंटी गीली कैसे हुई , किसने फाड़ी और तुम्हारी पॉकेट में कैसे आई ?” ऐसा कहते हुए रिया ने एक और उंगली आँचल की चूत में घुसा दी.

“ओह्ह ………प्लीज़ नूऊऊऊ………...मुझे दर्द क्यूँ करा रही हो. प्लीज़ स्टॉप. मैं बताती हूँ……..” आँचल ने हार मान ली.

आँचल को अपने काबू में आते देख रिया को बड़ा मज़ा आया. उसने आँचल की चूत से उंगलियाँ निकाल ली और पीछे को जाकर एक झटके में उसकी पैंट नीचे को खींच ली. आँचल ने अपने दोनो हाथों से चूत को ढक लिया ताकि रिया उंगली ना डाल पाए. लेकिन रिया के दिमाग़ में कुछ और ख़याल था. उसने आँचल के दोनो घुटनो को पकड़ा और आँचल को उल्टा घुमा दिया. अब आँचल की बड़ी गांड रिया की तरफ ऊपर को थी. रिया अब आँचल के नंगे नितंबों पर थप्पड़ मारने लगी. एक थप्पड़ बाएं नितंब पर फिर दूसरा थप्पड़ दाएं नितंब पर. रिया के थप्पड़ से आँचल के बड़े नितंब हिलने लगे.

“ओह………...आआहह……..स्टॉप यू बिच.” आँचल दर्द से चिल्लाने लगी. आँचल के नितंबों में जूट की रस्सी की चारपाई की रगड़ से पहले से ही दर्द हो रखा था. अब रिया भी मार रही थी.

लेकिन रिया को बड़ा मज़ा आ रहा था. वो आँचल के नितंबों पर बारी बारी से थप्पड़ मारती रही और उन्हे हिलते हुए देखकर मज़े लेती रही.

“ सच सच बताओ, नही तो मैं तुम्हारी पिटाई करते रहूंगी.”

“ऊऊऊुउउ……..रिया प्लीज़……. आऊच..………....बताती हूँ. मैं तुम्हारी रवि के साथ चुदाई देख रही थी. स्टॉप प्लीज़…..”, आँचल दर्द से चिल्लाई और थोड़ा सच बता दिया.

आँचल की बात से रिया एक पल को सन्न रह गयी. आँचल मेरी चुदाई देख रही थी ?

आँचल को मौका मिल गया , वो झट से सीधी हो गयी और रिया को दबोच लिया. फिर उसने रिया की पैंट और पैंटी उतार दी. रिया ने अपने से भारी आँचल को धक्का देकर हटाने की कोशिश की पर हटा नही पाई. फिर बदला लेने के लिए आँचल ने भी रिया की टाइट चूत में दो उंगलियाँ डाल दी. आँचल ने देखा रिया की चूत तो पूरी गीली हो रखी है. आँचल के बड़े नितंबों पर थप्पड़ मारने से रिया उत्तेजित हो गयी थी. आँचल भी उत्तेजित होने लगी , उसने रिया की गीली चूत पर अपना मुंह लगा दिया और उसकी क्लिट को जीभ से छेड़ने लगी. साथ ही दो उँगलियों से रिया की चूत चोदने लगी.

“ऊऊहह……………...आँचल………....मज़ा आ रहा है……..” आनंद से सिसकते हुए रिया बोली. अब आँचल को धक्का देने की बजाय वो आँचल का सर अपनी चूत में दबाने लगी.

आँचल रिया को मज़े देती रही और रिया सिसकारियाँ लेती रही. फिर रिया जब ओर्गास्म के नज़दीक़ पहुँची तो अपने नितंब ऊपर को उछालने लगी. ये देखकर आँचल ने अपना मुँह रिया की चूत से हटा लिया.

“ओह्ह ………..रुक क्यूँ गयी, मैं आने वाली हूँ………..जल्दी करो ना………...”, रिया तड़पते हुए बोली.

लेकिन अब आँचल रिया को तड़पाने के मूड में थी. अभी मज़ा चखाती हूँ बच्चू.

सिसकती हुई रिया को आँचल ने पलट दिया और उसके नितंबों पर थप्पड़ मारने लगी. और एक हाथ नीचे ले जाकर उसकी क्लिट को भी मसलते रही.

“ओह्ह ………..आआअहह……… आऊच ………..रिया सिसकते रही. थप्पड़ की मार भी पड़ रही थी पर क्लिट को मसलने से मज़ा भी आ रहा था. रिया के मुलायम नितंब जल्दी ही थप्पड़ों की मार से लाल हो गये. उसकी चूत से रस बहने लगा.

आँचल रिया के ओर्गास्म को लंबा खींच दे रही थी.

कुछ देर बाद रिया को ओर्गास्म आ ही गया………..ऊओह……….आआहह……….आँचल ……आअहह……...
ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए रिया का बदन काँपने लगा. और उसको एक के बाद एक ओर्गास्म आते रहे. झड़ते हुए रिया अपने नितंब और जांघें हिलाने लगी . रिया को मस्ती में डूबा देखकर आँचल भी उत्तेजित हो गयी अब उसको भी ओर्गास्म की ज़रूरत थी. उसने रिया को सीधा कर दिया और उसकी एक टाँग उठाकर अपनी चूत रिया की चूत से रगड़ने लगी.

थप्पड़ मारने से रिया की आँखो में आँसू आ गये थे. उसके आँसू देखकर आँचल रिया के चेहरे को बेतहाशा चूमने लगी. अब रिया आँचल की चूत में उंगली करने लगी. दोनो एक दूसरे के होठों का चुंबन लेने लगीं.

“ मेरी और रवि की चुदाई देखकर मज़ा आया तुम्हें “ , चुंबन लेते हुए रिया ने कहा.

“हाँ मज़ा आया. रवि के बदन में कितने बाल हैं.” आँचल सिसकते हुए बोली. अब उसका भी ओर्गास्म नज़दीक़ था.

रिया अब आँचल की चूत में तीन उंगलियाँ डालकर तेज तेज चुदाई करने लगी.

“आँचल, तुम चाहती हो की रवि तुम्हें भी चोदे ? उसके बदन के बाल पसंद आए क्या ?”

“ओह…...हाँ…………आअहह…………..” रिया को जैसे खड़े खड़े रवि ने चोदा था, वैसे ही खड़े खड़े वो आँचल को भी चोद रहा है , इस ख़याल से आँचल को भी ओर्गास्म आ गया.

झड़ते हुए आँचल ने रिया को कसके पकड़ लिया. आँचल का बदन ओर्गास्म से काँपने लगा. जब आँचल शांत हुई तो रिया के बगल में लेट गयी. कामतृप्त होकर दोनो एक दूसरे को देखकर मुस्करायीं.

लेकिन कोई उन्हे देख रहा था.

जवान नौकरानी सुनीता ने आँचल के बेडरूम से सिसकारियाँ लेने की आवाज़ सुनी तो वो लिविंग रूम से स्टूल उठा लाई और उसके ऊपर चढ़कर वेंटिलेशन के लिए बनी खिड़की से अंदर झाँकने लगी. उसने देखा बेड पर आँचल और रिया मेमसाब दोनो कमर से नीचे नंगी हैं और सिसकारियाँ ले रही हैं. अंदर का नज़ारा देखकर सुनीता भी उत्तेजित हो गयी . लेकिन उसकी प्यास रात में ससुरजी ही बुझा सकते थे.

कुछ देर बाद आँचल और रिया बेड से उठी और डिनर पर रवि और सुनील के साथ बाहर जाने के लिए तैयार होने लगी.
 
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उस दिन शाम को सुनील और उसके पापा दोनो ही जल्दी घर वापस आने को आतुर थे लेकिन फैक्ट्री में किसी काम में उलझे रह गये. देर शाम को कार से घर लौटते समय दोनो चुपचाप थे लेकिन दोनो ही रिया के बारे में सोच रहे थे. जब से वो देल्ही आई थी सुनील बहुत खुश था. रिया दुबली पतली थी और सुनील को अच्छी लगी थी. सुनील सोचने लगा, रिया कितनी सुंदर है , बिल्कुल करिश्मा कपूर जैसी लगती है. बहुत चुलबुली लड़की है. हर समय खिलखिलाती रहती है , एकदम मस्त रहती है.

फिर सुनील अपने मन में वो सीन याद करने लगा जब बाथरूम में गिरी हुई नंगी रिया को उसने उठाया था. रिया की चूचियाँ छोटी छोटी लेकिन एकदम टाइट थीं , उस दिन मेरा कितना मन हुआ था की मैं उनको छू लूँ लेकिन हिम्मत नही हुई. रिया के गोरे बदन पर चूत के काले बाल कितने अच्छे लग रहे थे. सिनेमा हॉल से बाहर आते हुए उस दिन मैंने रिया से थोड़े मज़े लिए थे , लेकिन मुझे थोड़ा और बोल्ड होने की ज़रूरत है. रिया के बारे में सोचते हुए सुनील का लंड खड़ा होने लगा. रिया को चोदने का सुनील का बहुत मन हो रहा था .

आँचल का ससुर भी रिया के ही ख़यालो में खोया हुआ था. अहा कल की रात तो ऐसी थी जैसे जन्नत के मज़े ले रहा हूँ. जवान रिया का साथ पाकर तो जैसे मैं भी जवान हो गया हूँ. कितनी टाइट चूत थी रिया की , कुँवारी तो नही थी लेकिन कुछ ही बार चुदी है. उसकी जवानी गरम लावे की तरह है , कितनी मस्ती से चुदी थी वो मुझसे. और आज सुबह भी चुदने तो तैयार थी लेकिन घर में सभी लोग थे. कोई बात नही, आज रात फिर से जमकर चुदाई करूँगा उस कच्ची कली की. रिया के बारे में सोचते हुए ससुर का भी लंड खड़ा हो गया. दोनो बाप बेटे अपने पैंट में खड़े लंड को अड्जस्ट करने लगे.

उधर घर में आँचल और रिया डिनर पर जाने के लिए तैयार हो रही थीं. आँचल ने काले रंग की टाइट ड्रेस पहनी थी जो उसके घुटनों से भी ऊपर तक थी. उसने जानबूझकर ब्रा नही पहनी थी , जिससे उसके निपल की शेप ड्रेस में दिख रही थी. हाई हील की सैंडल में जब वो चल रही थी तो उसकी बड़ी चूचियाँ ब्रा ना होने से खूब हिल रही थीं.

रिया ने उस ब्लैक ड्रेस में गोरी आँचल की हिलती हुई बड़ी चूचियों को देखा. आँचल बहुत मादक लग रही थी. रिया को बहुत जलन हुई.

“ये ड्रेस संभाल नही पा रही है तुम्हारी चूचियों को. मुझे लगता है कहीं बाहर ना गिर जाएँ.”

रिया की जलन देखकर आँचल मुस्कुरायी और मन ही मन खुश हुई.
“अरे रिया डार्लिंग तुम क्यूँ चिंता करती हो. सुनील और रवि तो साथ में हैं ना, अगर ऐसी नौबत आई तो दोनो एक एक पकड़ लेंगे और नीचे नही गिरने देंगे.” अपनी चूचियों पर हाथ रखके आँचल ज़ोर से खिलखिला पड़ी.

“अच्छा ऐसा क्या ? मुझे तो लगता है रवि और सुनील दोनो ही मुझ पर लटटू हैं. वो तो तुम्हारी तरफ देखेंगे भी नही , मेरी प्यारी बड़ी और बूढ़ी दीदी.” जलन से रिया ने अपना बिचपना दिखाना शुरू कर दिया.
फिर रिया बोली,” आँचल डियर , मैं तुम्हें बताना भूल गयी, उस दिन सिनेमा हॉल से बाहर आते समय तुम्हारे पतिदेव मुझसे बहुत लिपट चिपट रहे थे. मुझे देखके तो उसके मुँह से लार टपकती है.”

रिया की बात सुनकर आँचल का चेहरा लटक गया. उसने सोचा , रिया सच ही तो कह रही है. जब से रिया इस घर में आई है, तबसे सुनील कुछ बदला बदला सा है. मुझे सुनील पर नज़र रखनी पड़ेगी.

आँचल का उतरा चेहरा देखकर रिया मन ही मन खुश हुई , बड़ी इठला रही थी अब देखो मुँह लटक गया है.

तभी रवि अपने दोस्त के घर से वापस आ गया. बेडरूम में घुसते ही उसकी नज़र आँचल पर पड़ी. आँचल को देखते ही उसके मुँह से निकला,”वाऊ …..” और उसने मुँह से सीटी बजा दी.

रवि को सीटी बजाते देखकर आँचल शरमा गयी. रवि उसको ऊपर से नीचे तक रिया के सामने ही घूर रहा था. क्या गदराया हुआ बदन है साली का………

ये देखकर रिया को गुस्सा आ गया की रवि आँचल को देखकर मंत्रमुग्ध हो गया है.

“बिहेव योरसेल्फ रवि….” नाराज़गी से तेज आवाज़ में रिया बोली.

रिया के डांटने से रवि थोड़ा सकपकाया , फिर हल्के हल्के मुस्कुराने लगा.

आँचल ने रिया की तरफ देखा और बोली,” रिया डियर , तुम कुछ कह रही थी , अभी थोड़ी देर पहले. क्या कहा था तुमने ? मुझे याद नही आ रहा …..” . ऐसा कहते हुए गर्व से विजयी मुस्कान बिखेरते हुए आँचल ने रिया को ताना मारा और बेडरूम से बाहर निकल गयी.

उसके पीछे पीछे रवि और रिया भी लिविंग रूम में आ गये.

तभी सुनील और ससुर जी भी लिविंग रूम में आ गये. आँचल को देखते ही ससुर पलक झपकाना भूल गया. कितनी सेक्सी लग रही है बहू इस ब्लैक ड्रेस में.

तीनो आदमियों को , आँचल को देखकर लार टपकाते देख ,रिया को बड़ी निराशा हुई. काश मेरी भी इतनी बड़ी बड़ी चूचियाँ होती ……

आँचल को बड़ा मज़ा आ रहा था. सब मुझे ही देख रहे हैं.

आँचल सुनील के पास आई और उसकी बाँह पकड़कर इठलाते हुए बोली,” डार्लिंग, तुम ठीक टाइम पर आ गये. रवि हमको डिस्को और फिर डिनर के लिए ले जा रहा है. जल्दी तैयार हो जाओ.”

सुनील बेडरूम में तैयार होने चला गया.

लिविंग रूम में बैठे हुए रवि और ससुर आँचल को देखते रहे. दोनो को आँचल के तने हुए निपल साफ दिखाई दे रहे थे. ब्रा नही पहनी है इसने आज. पता नही पैंटी भी पहनी है की नही.

आँचल सभी मदों के घूरने से एक्साइटेड फील कर रही थी. बीच बीच में वो अपने बाल ठीक करने के बहाने से अपनी बाँह उठा रही थी , जिससे उसकी चूचियाँ आगे को तन जा रही थी और उसकी शेव की हुई गोरी कांख भी उनको दिख जा रही थी.

रिया ये सब देखकर जलन महसूस कर रही थी , लेकिन उसको भी लग रहा था , आँचल का जिस्म मादक तो है ही .

ससुर ने देखा , बहू मुस्कुरा रही है. मैं इसको खुलेआम घूर रहा हूँ और ये स्माइल दे रही है. लगता है आख़िरकार भगवान ने मेरी सुन ली . शायद जल्दी ही इस चिकनी को चोद पाने की मेरी इच्छा पूरी होगी.

रवि जो अभी तक सिर्फ़ रिया को चाहता था, वो अब आँचल के रूप के जादू में पूरा डूब गया था. ये सेक्सी औरत को मैं चोद पाऊँगा क्या . काश मिल जाए चोदने को. रिया तो मेरी है , अब साथ में उसकी सेक्सी कज़िन भी चोदने को मिल जाय तो मज़ा आ जाए. पैंट में रवि का भी लंड खड़ा होने लगा.

कितनो के लंड खड़े करवाएगी ये चिकनी आज ? साली मादक आँचल………...

सभी अपने अपने ख़यालो में डूबे हुए थे तभी सुनील लिविंग रूम में आ गया. उसको देखकर सभी उठ खड़े हुए. और फिर वो चारों लोग घर से निकल पड़े.

आँचल पहले कभी डिस्को नही गयी थी. सुनील का इन सबमे कोई इंटरेस्ट नही था. एक दो बार आँचल ने उससे कहा था की डिस्को चलते हैं , डांस करेंगे , तो उसने मना कर दिया था , ये नाच गाना मुझे पसंद नही.

रवि उन सबको एक 5 स्टार होटेल के डिस्को में ले गया. आज फ्राइडे नाइट होने की वजह से डिस्को फुल था. आँचल ने देखा जवान लड़के लड़कियों की भीड़ है , डांसिंग , ड्रिंकिंग सब चल रहा है.

बिना किसी से पूछे रवि ने सबके लिए बियर ऑर्डर कर दी . सभी लोग बियर पीने लगे. म्यूज़िक बहुत ज़ोर से बज रहा था तो बात नही कर पा रहे थे. बहुत शोरगुल हो रहा था. आँचल ने देखा बियर पीते हुए रवि रिया के बदन में हाथ फिरा रहा है. फिर रवि ने रिया के कान में कुछ कहा और वो दोनो डांस फ्लोर में चले गये.

भीड़भाड़ से भरे डांस फ्लोर में रवि और रिया मस्ती में डांस करने लगे. आँचल को ईर्ष्या हुई . उसने सुनील की तरफ देखा. सुनील भी उन्ही को डांस करते हुए देख रहा था.

आँचल ने कहा,”चलो ना, हम भी डांस करते हैं.”

सुनील बोला, “मुझे नही अच्छा लगता यार , ये डांस वांस.”

तभी उनके पास लगी एक टेबल खाली हो गयी. सुनील झट से बैठ गया और आँचल से भी बैठने को कहा. और बैठ के आराम से बियर पीते हुए रवि और रिया को देखने लगा. आँचल का डांस करने का बड़ा मन था पर क्या करती. चुपचाप सुनील के साथ बैठ गयी. फिर रवि और रिया भी उनकी टेबल पर आ गये. रवि फिर से सबके लिए बियर ले आया.

रिया आँचल की तरफ झुकते हुए बोली,” तुम दोनो डांस करने क्यूँ नही आए ?”

“सुनील को डांस पसंद नही है.” आँचल ने बुझे मन से जवाब दिया.

रिया शरारत से मुस्कुरायी और बोली,” देख मेरा कमाल”.

रिया उठी और सुनील की बाँह खींचकर उसे डांस फ्लोर ले गयी. आँचल हैरान रह गयी , ये सुनील तो उसके पीछे ऐसे खींचे चले जा रहा है , जैसे उसका पालतू कुत्ता हो.

आँचल बहुत अपसेट हो गयी. लेकिन उसने अपने ऊपर काबू रखा और बियर पीते हुए रिया और सुनील को डांस करते देखने लगी. आँचल ने देखा रिया सुनील की बाँहों में है और बदन चिपटाये हुए वो दोनो डांस कर रहे हैं.

रवि अब आँचल के बगल में बैठ गया. क्यूंकी सामने बैठकर शोरगुल की वजह से बात नही कर पा रहा था. रवि सोच रहा था आँचल को कैसे पटाऊँ , लेकिन कोई तरीका नही सूझ रहा था इसलिए वो बस आँखो से ही उसकी खूबसूरती का रस पीते रहा.

आँचल ने रवि की तरफ कोई ध्यान नही दिया. रिया और सुनील को देखकर उसे गुस्सा चढ़ा हुआ था,” इस कुतिया की इतनी हिम्मत की मुझे नीचा दिखा दिया. मुझे जलाने के लिए मेरे पति के साथ मेरे सामने डांस के बहाने चिपट रही है. और सुनील मुझसे कह रहा था, मुझे डांस पसंद नही. तो अब क्या हुआ , अब कैसे पसंद आ गया उसको डांस.”

आँचल अपने ख़यालो में खोई हुई गुस्से से बियर पीती रही तभी उसे अपने कंधे पर किसी का हाथ महसूस हुआ. आँचल ने मुँह मोड़ के देखा तो रवि उसके बिल्कुल नज़दीक़ बैठा था. रवि ने आँचल से डांस के लिए कहा. रिया से बदला लेने के लिए आँचल झट से तैयार हो गयी.

जैसी ही आँचल डांस के लिए उठी तो उसका सर घूमने लगा, गुस्से में उसने काफ़ी बियर पी ली थी. आँचल को ठीक से बैलेंस ना बना पाते देखकर रवि को बहाना मिल गया. उसने आँचल की कमर में हाथ डालकर उसको अपने से चिपटा लिया और डांस फ्लोर में ले गया. डांस फ्लोर में रवि ने आँचल को अपने से चिपकाकर डांस करना शुरू कर दिया. आँचल ने रवि की इस हरकत का कोई विरोध नही किया. इससे रवि की हिम्मत बढ़ गयी. अब डांस करते हुए रवि आँचल की पीठ पर हाथ फिराने लगा. फिर धीरे धीरे उसके हाथ आँचल के बड़े नितंबों पर घूमने लगे. आँचल की बड़ी चूचियाँ रवि की छाती में दबी हुई थी. आँचल को कोई विरोध ना करते देखकर रवि हाथों से उसके नितंबों को दबाने लगा.

आँचल रवि के हाथों को अपने नितंबों पर घूमते और दबाते हुए महसूस कर रही थी , लेकिन उसने रवि को रोका नही. उसने अपना सर रवि के कंधे पर रखा हुआ था और रवि को मज़े लेने दिए. आँचल के बालों से आती खुशबू को सूंघते हुए रवि उसके नितंबों पर जी भरके हाथ फेरता रहा. उसका लंड खड़ा होकर आँचल के पेट पर चुभने लगा. इससे आँचल भी उत्तेजित होने लगी. अब रवि ने दोनो हाथ आँचल के दोनो नितंबों पर रख दिए और डांस करते हुए अपना लंड आँचल के पेट में दबाने लगा. रवि की हिम्मत बढ़ते गयी. वो आँचल के कान और गर्दन को चूमने लगा. आनंद से आँचल हल्के से सिसकी. ये देखकर रवि ने आँचल की ड्रेस में नीचे से हाथ घुसा दिए और उसके नितंबों को दबाने लगा.

“उन्न्ह………ओह….” आँचल सिसकने लगी.

आँचल की चूत से रस बहने लगा. वो अपने पेट पर रगड़ खाते रवि के लंड के बारे में सोचने लगी. कैसा होगा इसका लंड ?

आँचल की पैंटी के बाहर से उसके नितंबों को मसलते हुए रवि उसकी गर्दन को भी चूम रहा था. आँचल सिसकारियाँ लेते हुए अपने बदन को रवि के लंड पर दबा रही थी.

रवि को अपनी किस्मत पर विश्वास ही नही हो रहा था. थोड़ी देर पहले मैं लिविंग रूम में बैठे हुए सोच रहा था , ये मादक लड़की कैसे चोद पाऊँगा और अब ये मेरे पूरे कंट्रोल में है. लेकिन इसको चोदूँ कैसे, यहाँ पर तो इससे ज़्यादा मैं कुछ कर नही सकता.

रवि सोचने लगा होटेल से बाहर पार्किंग में खड़ी कार में ले जाता हूँ , वहीं चोद दूँगा आँचल को.
आँचल की बाँहों के नीचे हाथ डालकर रवि उसे डांस फ्लोर से ले जाने लगा. आँचल की चूची रवि के हाथ से दबी हुई थी.

तभी रवि की नज़र सुनील और रिया पर पड़ गयी. उसने झट से आँचल की चूची से हाथ हटा लिया और सिर्फ़ उसका हाथ पकड़कर चलने लगा.

सुनील और रिया उनके पास आ गये. रवि ने बिल पेमेंट किया और वो चारों डिस्को से बाहर आकर डिनर के लिए रेस्टोरेंट चले गये.

आँचल को अब सुनील ने सहारा दे रखा था क्यूंकी वो खुद चल पाने की हालत में नही थी.
 

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