जब आँचल और उसका ससुर बाथरूम में गये तो उन्होने देखा पूरी नंगी रिया फर्श पर गिरी है और सुनील उसको उठाने की कोशिश कर रहा है. रिया के बदन में साबुन लगा होने से सुनील के हाथों से वो फिसल जा रही थी. तब ससुर ने आगे बढ़कर रिया की काँखों के नीचे हाथ डालकर उसे उठाया और सुनील ने उसकी टाँगे पकड़ ली. रिया हल्के हल्के सुबक रही थी. दोनो ने उसे उठाया और बेड पर लिटा दिया. शायद गिरने से उसके पैर में मोच आ गयी थी.
फिर आँचल ने सुनील और ससुर को अपने बेडरूम से फटाफट बाहर निकाल दिया और रिया के ऊपर चादर डालकर उसका नंगा बदन ढक दिया. और फिर उसके टखने में आई मोच को देखने लगी.
दोनो आदमियों के रूम से बाहर जाने के बाद , रिया एंबॅरसमेंट से ज़ोर ज़ोर से रोने लगी. आँचल ने उसे दिलासा दी और कहा,”तुझे एंबॅरस होने की ज़रूरत नही. अपने घर के ही तो लोग हैं. कोई बाहर वालों ने तुझे नंगी थोड़ी देखा. और इसमे तेरी ग़लती भी क्या है.”
फिर आँचल ने रिया के टखने में आयोडेक्स मल दिया. उसके बाद एक गीले कपड़े से रिया का बदन साफ करके आँचल ने उसे कपड़े पहना दिए.
आँचल बोली,” तू बेड में लेटी रह , मैं तेरे लिए गरम चाय लाती हूँ.”
आँचल के किचन में जाने के बाद रिया सोचने लगी , मेरे साथ ये क्या हुआ. सुनील और उसके बाप के अपने को नंगा देख लेने से उसको बहुत एंबॅरसमेंट हुई थी. दोनो कैसे उसके नंगे बदन को घूर रहे थे , बेशर्मों की तरह खुलेआम. रिया की चूत में थोड़ी सनसनाहट हुई. जीजाजी की आँखो में वासना को रिया ने देखा था. उसकी टाँगे पकड़कर जब वो रूम में ला रहा था तो उसकी नज़रें रिया की चूत पर ही थी. और ससुर तो रिया के पीछे था. उसने जानबूझकर बाँहों से उठाने के बहाने अपनी उँगलियाँ रिया की चूचियों के ऊपर लगा रखी थी. कल रात कैसे जोरों से चोद रहा था सुनीता को, पक्का ठरकी है. मुझे पूरा यकीन है ससुर ने जानबूझकर ही मेरी चूचियों को सहलाया होगा , रिया सोचने लगी.
रिया को पता नही था की कल रात ससुर ने क्या देख लिया था.
सुनीता को चोदने के बाद जब ससुर अपने बेडरूम में जाने के लिए लिविंग रूम से बाहर आया तो दरवाज़े पर उसको एक पैंटी पड़ी मिली. उसने तुरंत झुककर वो पैंटी उठा ली . पैंटी गीली हो रखी थी. ससुर ने उसको सूँघा और चूतरस की खुशबू सूँघी और फिर उस पैंटी को अपने कुर्ते की जेब में डाल लिया. वो समझ गया आँचल और रिया मे से किसी एक लड़की ने उसे सुनीता को चोदते हुए देख लिया होगा और उत्तेजना से उसकी पैंटी गीली हो गयी होगी. लेकिन वो थी कौन और अपनी पैंटी यहाँ क्यूँ छोड़ गयी ? इसका जवाब ससुर के पास नही था. उसने ठान लिया , मैं पता लगाऊंगा की वो कौन थी जो दरवाज़े पर खड़ी होकर मेरी संगीता के साथ चुदाई के मज़े ले रही थी.
हुआ ये था की जब रिया मूठ मार रही थी तो उसने पहले तो पैंटी के अंदर उंगलियाँ डालकर चूत रगडी फिर नाइटी ऊपर करके पैंटी उतार दी थी. जब आँचल उसे ज़बरदस्ती हाथ खींचकर अपने बेडरूम में वापस ले गयी तो वो पैंटी वही पड़ी रह गयी .
आँचल किचन में नाश्ता तैयार करवा रही थी और सुनील वहीं उससे बाते करने लगा.
ससुर चुपचाप आँचल के बेडरूम में घुस गया. उसे देखकर रिया शरमा गयी. ससुर ने बहाना बनाया की उसकी जेब से रूम में कुछ गिर गया था. फिर वो बाथरूम में जाकर आँचल के उतारे हुए कपड़ों में उसकी पैंटी ढूंढने लगा. और आँचल की पैंटी से अपनी जेब में पड़ी पैंटी को मिलाया तो पता चला अलग साइज़ की है. वो समझ गया कल रात दरवाज़े पर रिया आई थी. अपने जासूसी कारनामे की सफलता से ससुर खुश हो गया और मुस्कुराते हुए वापस बाथरूम से बेडरूम में आ गया.
वासना भरी आँखों से रिया को देखते हुए सोचने लगा,” तो ये थी जो कल मेरी चुदाई देखकर उत्तेजित हो गयी थी.”
बेड के पास जाकर रिया के गालों को सहलाते हुए बोला,” बेटा , अब कैसा लग रहा है, दर्द तो नही है अभी ? ”
“उननह……..हाँ थोड़ा दर्द है…..” रिया धीमी आवाज़ में बोली. उसे ससुर से डर भी लग रहा था , लेकिन उसके गाल सहलाने से एक्साइट्मेंट भी हो रही थी.
“आज का दिन तुम आराम करो.” दोनो हाथों में रिया के चेहरे को पकड़कर सहलाते हुए ससुर बोला.
“उउउन्न्ं……जी…….जी हाँ …..” ससुर की आँखो में हवस देखकर रिया ने जवाब दिया.
इससे पहले की ससुर और कुछ करता, रूम में सुनील और आँचल आ गये. उनके साथ नौकर भी था जो रिया के लिए नाश्ते की ट्रे लेकर आया था.
ससुर बेड से तुरंत उठ खड़ा हुआ और सफाई देने लगा,” मैं रिया से आज आराम करने को कह रहा था और अपनी वापसी एक दिन के लिए आगे बढ़ा दो , ये कह रहा था.”
सुनील भी तुरंत अपने पापा की हाँ में हाँ मिलने लगा. आँचल सुनील की एक्साइट्मेंट देखकर थोड़ा चौंकी लेकिन वो भी राज़ी हो गयी की रिया एक दिन और रुक जाएगी.
आँचल को मालूम नही था लेकिन सुनील रिया को नंगी देखकर एक्साइटेड था , इसलिए एक दिन और रुकने की बात पर खुश हो गया था. चुलबुली और खूबसूरत रिया का साथ उसे भी अच्छा लग रहा था.
आँचल ने रिया के मम्मी पापा को फोन कर दिया की उसके पैर में मोच आ गयी है और वो आज शाम की बजाय कल शाम की ट्रेन से वापस जाएगी.
रिया अपने मंगेतर रवि को मिस कर रही थी लेकिन सोचने लगी , आँचल और जीजाजी के साथ एक दिन और गपशप कर लूँगी. वो ज़्यादा देर तक बेड में शांत नही रह सकी और आँचल से शॉपिंग करने और बाहर घूमने की ज़िद करने लगी.
आँचल मना करने लगी की नही तुम आराम करो . लेकिन सुनील बोला जब बाहर खाने पीने, शॉपिंग को कह रही है तो चलते है ना.
आँचल सोच में पड़ गयी ये सुनील आज बड़े मूड में है. क्या बात ?
वो तीनो शॉपिंग करने और लंच करने के लिए बाहर चले गये. आँचल ने सुनील में आया बदलाव देखा. वो खूब खुश और जोशीला दिख रहा था. और उन दोनो को अपनी मजाकिया बातों से खूब हंसा रहा था.
रिया अपने जीजाजी से बहुत इंप्रेस हो गयी और उसके चुटकुलों पर खुलकर हँसी. आँचल ने देखा रिया जीजा की बातों पर खूब हंस रही है, भले ही चुटकुले हँसने लायक ना हो तब भी. दोनो एक दूसरे की पीठ पर चपत लगा दे रहे हैं और एक दूसरे को टच करने का कोई मौका नही छोड़ रहे. रिया ने तो पहली बार देखा था उसने सोचा जीजाजी ऐसे ही मस्तमौला हैं. लेकिन आँचल को तो हक़ीकत पता थी. सुनील को इस नये रूप में एंजाय करते देखकर वो भी खुश हुई और तीनो मज़े करते रहे.
रिया के सामने ही सुनील कभी मज़ाक में आँचल के गाल पकड़ लेता कभी उसके नितंबों को मसल देता. आँचल अपने पति में आए इस बदलाव से हैरान तो थी लेकिन अंदर से बहुत खुश थी. यही तो वो चाहती थी की सुनील उसके ऊपर ध्यान दे , हंसकर बाते करे लेकिन वो तो सुबह फैक्ट्री चला जाता था और शाम को वापस आकर डिनर करके सो जाता था.
फिर उन्होने कोई मूवी देखने का निश्चय किया. सुनील उन्हे जान बूझकर जिस थियेटर में हॉलीवुड की अडल्ट मूवी ‘बेसिक इंस्टिंक्ट’ लगी थी वहाँ ले गया. ये मूवी हॉलीवुड हीरोइन शेरोन स्टोन के सेक्स सीन्स की वजह से बहुत फेमस हुई थी. सिनेमा हॉल में आँचल सुनील और रिया के बीच वाली सीट में बैठी थी. थोड़ी ही देर में फिल्म में सेक्स सीन्स चालू हो गये. सुनील ने आँचल का हाथ अपने लंड के ऊपर रख दिया और खुद उसकी चूचियां दबाने लगा.
आँचल सुनील की हरकतों से रोमांचित हो गयी और पैंट के बाहर से उसके तने हुए लंड को ज़ोर से दबाने लगी. थोड़ी देर में उनकी चुम्मा चाटी भी शुरू हो गयी.
अब रिया को दो मूवी देखने को मिल रही थी. फिल्म में चल रहे सेक्स सीन्स को देखकर वो एक्साइटेड हो रही थी. लेकिन ज़्यादा मज़ा उसे आँचल और जीजाजी की चुम्मा चाटी में आ रहा था. आँचल के मुँह से निकलती हल्की सिसकारियों को सुनकर रिया की चूत गीली होने लगी.
रिया ने गौर से देखा की आँचल ने हाथ से जीजाजी के लंड को पकड़ा हुआ है. वो सोचने लगी , जीजाजी का लंड कितना बड़ा होगा ?
ओह, मैं रवि को कितना मिस कर रही हूँ , काश वो अभी यहाँ होता. अब रिया चुदाई के लिए तड़पने लगी. रात में पहले ससुर और सुनीता की चुदाई ने उसे उत्तेजित किया. फिर आँचल के साथ रात में चूत चटाई की और अब ये सिनेमा हॉल में फिर से सीन देखने को मिल रहा है. रिया को एक आदमी की ज़रूरत महसूस होने लगी . उत्तेजना से उसकी चूत रस बहाने लगी, आदमी कोई भी हो उससे अभी रिया को कोई मतलब नही था. मतलब सिर्फ़ लंड से चूत की चुदाई करने का था , चाहे वो लंड किसी का भी हो.
तभी फिल्म में इंटरवल हो गया. सुनील अपने लंड को पैंट में एडजस्ट करके पॉपकॉर्न लेने चला गया. आँचल के बाल बिखर गये थे और पसीने और लार से उसका चेहरा गीला हो गया था. आँचल एक रुमाल से अपना चेहरा पोछने लगी और अपनी सांसो पर काबू पाने का प्रयास करने लगी. बगल में रिया और बाकी लोगो के बैठे होने की होश उसे अब आ रही थी.
रिया ने हल्के से आँचल की चूचियां दबाई,” दीदी, आज रात क्या करने वाली हो ? बहुत तड़प रही हो.”
आँचल झेंपकर शरमा गयी, “कुछ नही रिया, आज तो तुम भी तो हो.”
“ ना बाबा ना , मैं कबाब में हड्डी नही बनने वाली. मुझे तो तुम लोग अपनी मम्मी के घर छोड़ देना.” रिया हंसते हुए बोली.
फिर आँचल को चिढ़ाते हुए बोली,” आज रात तो जीजाजी तुम्हे सोने नही देंगे.”