Adultery आँचल की अय्याशियां

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आँचल
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आँचल रिया और उसके मम्मी पापा के साथ नाश्ता करने लगी. नाश्ता चल ही रहा था की रिया का फोन आ गया . फोन रवि का था. रवि को मालूम था की आज रिया को शादी की तैयारियों के सिलसिले में काफ़ी काम है , तो वो बिज़ी रहने वाली है.

फोन पे रवि बोला,” रिया आज तो तुम्हारी दौड़भाग है , घर पे आँचल भाभी अकेली बोर हो जाएगी. मैं सोच रहा हूँ भाभी को लंच पर ले जाऊँ . ठीक रहेगा क्या ?”

रिया : “हाँ , ठीक है , एक मिनट रूको मैं पूछती हूँ आँचल से.”

रवि : “ ऐसा करो फोन आँचल भाभी को दे दो , मैं खुद ही उनसे बात कर लेता हूँ.”

रिया को पता नही था की रवि ने पार्टी में पहले ही आँचल से लंच करने को बोल दिया है. रिया को कोई शक़ नही हुआ की रवि उसको बेवक़ूफ़ बना रहा है, उसने फोन आँचल को दे दिया.

आँचल : “हैलो”

आँचल की आवाज़ सुनते ही रवि खुश हो गया,”ओह माय डार्लिंग, आई वांट यू. आई वांट टू किस यू , आई वांट टू लव यू माय डार्लिंग. “
फिर बोला,” तुमने लंच के लिए प्रॉमिस किया है , आज हम अकेले में मिलेंगे. मैं 1 pm के आस पास आऊँगा तुम्हें लेने तुम तैयार रहना. आई कैंट वेट टू लव यू माय डार्लिंग….”

रवि का उतावलापन देखकर आँचल मुस्कुरायी ,”ठीक है मैं तैयार रहूंगी.”

और फिर आँचल ने फोन काट दिया. रिया सामने बैठी है , पता नही क्या क्या बोल रहा है.

रिया : “ बड़ा मुस्कुरा रही हो आँचल , क्या बोल रहा है रवि ?”

आँचल : “ कुछ नही. दोपहर में लंच के लिए तैयार रहना बोल रहा है.”

रिया सोचने लगी , इसमे मुस्कुराने वाली क्या बात है ? फिर ज़्यादा ध्यान ना देते हुए अपना नाश्ता खत्म करने में लग गयी.

आँचल भी नाश्ता करते हुए सोचने लगी, ये रवि भी ना पूरा पागल है , पीछे ही पड़ गया है. लेकिन आँचल को इसकी आदत थी , मर्द उसकी तरफ आकर्षित तो रहते ही थे. वो भी टीज़ करने का मज़ा लेती थी.

तभी रिया ने आँचल से कहा,” किस सोच में डूबी हुई हो ? जीजाजी को फोन करके बुलाओ , कल हम सबको घूमने जाना है हिल स्टेशन पे.”

“अरे हाँ , मैं तो भूल ही गयी थी , अभी फोन करती हूँ .”

नाश्ता करके आँचल रिया के बेडरूम में चली गयी , साथ में रिया भी आ गयी.

आँचल ने सुनील को फोन लगाया. जैसे ही रिंग गयी रिया ने उसके हाथ से फोन छीन लिया, पहले मैं बात करूँगी.

“हैलो “, उधर से ससुर की आवाज़ आई.

“हैलो अंकल , मैं रिया बोल रही हूँ……”

आँचल सोचने लगी , अंकल ? ये ससुरजी ने फोन क्यूँ उठाया ?

“अरे…..रिया बेटी , बोलो कैसी हो ? मैं तुम्हें याद आ रहा हूँ की नही ?”

“हाँ ………मुझे आप बहुत याद आ रहे हो….”

आँचल को हैरानी हुई की रिया उसके ससुर से बिना झिझक के खुलकर बात कर रही है.

“मुझे भी तू बहुत याद आ रही है रिया. फिर से देल्ही कब आएगी तू ? “

“क्यूँ ? क्या करोगे आप ?” हंसते हुए रिया बोली.

“मेरा लंड तुझे चोदने को तड़प रहा है और तू बोलती है क्या करोगे आप. चोद के मज़ा दूँगा तुझे और क्या करूँगा.”

ससुर की बात सुनकर रिया ज़ोर से खिलखिलाने लगी.

आँचल रिया का मुँह देखती रह गयी. ऐसे बात कर रही है , जैसे ससुरजी ना हों , इसका कोई हमउम्र दोस्त हो.

फिर रिया बोली,” उम्म्म्म……..मुझे भी बहुत तड़पन हो रही है . और आँचल दीदी को भी……… मैंने उसको सब बता दिया है की कैसे आपके खंभे जैसे लंड ने मुझे चोद चोदकर मज़ा दिया.”

रिया को ससुरजी से अपना नाम लेते देखकर आँचल को घबराहट होने लगी , लेकिन साथ ही साथ उसको एक्साइट्मेंट भी हो रही थी. हे भगवान ! कैसी लड़की है ये, मेरे ससुरजी से फोन पे खुलकर गंदी बातें बोल रही है. बिल्कुल शरम है ही नही.

रिया के मुँह से आँचल का नाम सुनकर ससुर उत्तेजित हो गया और बोला,” अरे रिया बेटी , समझाओ अपनी आँचल दीदी को. मैं तो उसे चोदने के लिए कब से तड़प रहा हूँ. पर वो मौका ही नही देती है.”

“अच्छा !! ये बात है ? लो कर लो अपनी प्यारी बहू रानी से बात.”

फिर आँचल को फोन देते हुए मुस्कुराकर बोली,” लो दीदी , अपने ससुरजी से बात करो.”

फोन पकड़ते हुए आँचल का दिल घबरा रहा था.

“हैलो………” , काँपती आवाज़ में जैसे तैसे आँचल बोली.

“आँचल रानी, रिया ने तुझे सब बता दिया है. बस अब मेरे लंड को और मत तड़पा. पूछ रिया से , मैंने उसे कितना मज़ा दिया. मैं तुझे उससे भी ज़्यादा मज़ा दूँगा. “

“उम्म्म्मम…………....ससुरजी.”

“बस अब रहा नही जाता. मेरी आँचल रानी . अब तो मुझे तुझे रगड़ रगड़ के चोदना है………...”

“उम्म्म्म……….ससुरजी.” ससुर की कामुक बातों से आँचल और भी घबरा गयी , वो फोन पे कुछ बोल ही नही पाई. लेकिन उसकी चूत में हलचल होने लगी.

“अरे कुछ तो बोलो ……..क्या उम्म्म उम्म्म कर रही है. मुझसे इतना शरमाती क्यूँ है ? क्या तुझमे मेरे लिए तड़प नही है ? क्या तू नही चाहती की जैसा मज़ा रिया को मिला वैसा ही मज़ा तुझे भी मिले ?”

”उम्म्म……...ससुरजी……………....मैं भी चाहती हूँ पर कोई मौका ही नही मिलता. घर पे सब लोग रहते हैं. सासूजी से डरती हूँ.”

असलियत ये थी की ससुर भी सासूजी से डरता था. बल्कि एक बार तो सासूजी ने आँचल के बेडरूम से ससुर को भगाया भी था.

रिया भी आँचल और ससुर की बात के मज़े ले रही थी. अब इन दोनों की बातों से वो एक्साइटेड होने लगी. फोन पर बात करती हुई आँचल के गुलाबी गालों पर उसने अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगी.

“मेरी आँचल रानी , बस अब तू चंडीगढ़ से जल्दी वापस आ जा. घर पे तू डरती है , मैं किसी होटेल में ले जाकर तुझे इत्मीनान से चोदूँगा. तू घबराना मत किसी को पता नही चलेगा.”

“ओह्ह …………..ससुरजी.” ससुर का प्लान सुनकर आँचल के मुँह से सिसकारी निकल गयी.

रिया भी सब सुन रही थी , उसने आँचल से फोन छीन लिया,” मुझे भी ससुरजी. मुझे भी चुदना है आँचल दीदी के साथ साथ……….”

“अरे हाँ बेटी हाँ. मैं तुम दोनों को मज़ा दूँगा.”

फिर रिया ने आँचल को फोन दे दिया , लेकिन आँचल ने फोन काट दिया. ससुर की गंदी बातों से दोनों लड़कियों का दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था , उनके गाल और भी ज़्यादा सुर्ख लाल हो चुके थे.

तभी रिया को ध्यान आया,” अरे दीदी , जीजाजी से तो बात हुई ही नही. जिस बात के लिए फोन किया वही नही हुई.”

फिर दोनों लड़कियाँ ज़ोर से हंस पड़ी.

आँचल बोली,” ससुरजी की बातों से ध्यान ही नही रहा.”

आँचल ने फिर से सुनील को फोन मिलाया.

फिर से ससुर जी ने फोन उठाया.

“हैलो, ससुरजी , सुनील कहाँ है ? फोन सुनील को देना प्लीज़…….”

“सुनील अभी ऑफिस में नही है. यहीं फैक्ट्री में होगा कहीं. फोन उसका टेबल पर ही रखा था. तुम्हारी कॉल देखकर मैंने उठा लिया. मुझे बताओ क्या बात है ? मैं उसे बता दूँगा.”

“हमने हिल स्टेशन घूमने का प्रोग्राम बनाया है . कल जाना है टिंबर ट्रेल. अगर कल सुबह सुनील आ जाए तो साथ चलेंगे.”

“अरे आँचल रानी , यही तो मौका है. मैं आ जाता हूँ. तुम दोनों के साथ पहाड़ों में मस्ती करने में बहुत मज़ा आएगा.”

“नहीं ससुरजी………..वहाँ तो हमारे साथ और भी लोग आ रहे हैं. प्लीज़ आप सुनील को ही भेज दीजिए. हो सके तो आज रात को ही भेज दीजिए. मैं अपनी प्यास आपके साथ देल्ही में आकर ही बुझाऊँगी.”

ससुर की बात सुनकर रिया ने आँचल से फोन छीन लिया.

“हाँ हाँ ससुरजी, आप ही आइए. बहुत मज़ा आएगा. प्लीज़ आप कल आ जाइए . मैं रवि को कोई बहाना बना दूँगी. प्लीज़ आप आ जाइए, मैं यहाँ आपके लिए तड़प रही हूँ.”

रिया की बात सुनकर ससुर खुश हो गया, की ये जवान लड़की मेरे लिए कितना तड़प रही है. इस उमर में भी मुझमें इतना दम है की अपने जवान मंगेतर की बजाय मेरे लिए तड़प रही है.

लेकिन ससुर अनुभवी था, उसे मालूम था की चंडीगढ़ जाकर रिया के मम्मी पापा के घर रहना और वहाँ से जवान लोगों के साथ घूमने जाना , ठीक नही रहेगा. चुदाई के काम चुपचाप ही होने चाहिए . चंडीगढ़ जाने में बहुत रिस्क है. यहीं देल्ही में ही ठीक रहेगा.

ससुर ने रिया से कहा, आँचल को फोन दे.

फिर आँचल से बोला,” ठीक है बहू , मैं सुनील को ही भेज दूँगा. लेकिन जब तू देल्ही वापस लौटेगी ना तो मैं तुझे सिखाऊँगा की रगड़ के चुदाई के मज़े कैसे लिए जाते हैं. सीखेगी ना ?”

“उम्म्म………. हाँ ससुरजी…….”

फोन पे बात खत्म होने के बाद आँचल ने रिया को डांटा,” तू कितनी बदतमीज़ है. मेरे ससुरजी के साथ फोन पे कितनी गंदी बातें कर रही थी. शरम नही तुझे ज़रा भी ?”

आँचल की डांट सुनकर रिया खी खी करके हंसने लगी ,” वो तुझे अपने मोटे लंड से चोदेगा तो तू भी उसके लंड की दीवानी हो जाएगी . और फिर मेरी ही जैसी बेशरम बन जाएगी.”

रिया और भी कुछ बोलने वाली थी की , तभी उसकी मम्मी ने आवाज़ दी,” रिया क्या कर रही हो ? जल्दी आओ , हमें देर हो रही है.”

फिर रिया अपनी मम्मी के साथ चली गयी और घर पे आँचल अकेली रह गयी.

रिया और ससुरजी की कामुक बातों से आँचल उत्तेजना महसूस कर रही थी. अब देल्ही जाकर तो ससुरजी मुझे छोड़ेंगे नही. आँचल को नीचे गीलापन महसूस हुआ. फिर वो नहाने चली गयी.
 
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नहाने के बाद आँचल रवि के साथ लंच पर जाने को तैयार होने लगी. उसने हाफ कप वाली लेसी वाइट ब्रा पहनी , जिसमे उसकी चूचियों का ऊपरी भाग खुला था. ब्रा के ऊपर कम लंबाई की वाइट स्लीवलेस शर्ट पहन ली. वाइट शर्ट के साथ वाइट ट्राउज़र्स पहन लिया. फिर अपने बदन में परफ्यूम डालकर आँचल अपने को मिरर में देखने लगी.

उसने शर्ट के ऊपरी दो बटन खुले छोड़ दिए जिससे चूचियों के बीच की घाटी दिख रही थी. टाइट फिटिंग वाले ट्राउज़र्स में उसके बड़े बड़े नितंब और भी उभरे हुए लग रहे थे. आँचल ने शर्ट ट्राउज़र्स के बाहर ही रहने दी. शर्ट के छोटी होने से नितंबों की शेप साफ दिख रही थी और बाँह उठाने पर शर्ट भी ऊपर को उठ जा रही थी. मिरर में अपना मादक रूप देखकर आँचल संतुष्ट हो गयी और लिविंग रूम में सोफे पर बैठकर रवि का इंतज़ार करने लगी.

आँचल रवि के साथ लंच पर जाने को लेकर एक्साइटेड थी , मूड भी उसका आज अच्छा था. उसे मालूम था की क्यों रवि उससे अकेले में मिलना चाह रहा है. कपड़े भी उसने ऐसे पहने थे जिसमे वो बहुत सेक्सी लग रही थी. वो जानती थी रवि उसको देखते ही मदहोश हो जाएगा. और यही आँचल चाहती भी थी , मर्दों से अपनी तारीफ सुनना उसे बहुत अच्छा लगता था.

फिर वो सोचने लगी , रवि अकेले में उसका फायदा उठाने की ज़रूर कोशिश करेगा. हैंडसम तो वो था ही लेकिन तभी आँचल को उसके छोटे लंड का ख़याल आया और दो बार तो वो आँचल के छूने से ही झड़ गया था. रवि साथ में घूमने फिरने के लिए तो ठीक है पर वो मर्द नही जो मुझे चुदाई का मज़ा दे सके. इन ख्यालों के बीच आँचल को ख़ान की याद आई. चुदाई का वैसा मज़ा मिले बहुत दिन हो गये हैं.

घर में बोर होने से तो अच्छा है रवि के साथ टाइम बिताऊँ, आज भी रवि को टीज़ करने का ही मूड था आँचल का. उसे मालूम था की रवि मौके का फायदा उठाकर उसे चोदने की कोशिश ज़रूर करेगा पर आँचल ने जो होगा देखा जाएगा सोच कर ज़्यादा ध्यान नही दिया.

कुछ देर बाद बेल बजी तो आँचल ने , रवि आ गया सोचकर , दरवाज़ा खोला . लेकिन दरवाज़े पर हरप्रीत खड़ी थी. हरप्रीत ने आँचल को देखा , ये तो वही लड़की है जो रिया रवि के साथ मेरी पार्टी में आई थी.

आँचल को दरवाज़ा खोलते देख हरप्रीत को हैरानी हुई क्यूंकी उसने सोचा रिया , उसकी मम्मी या फिर कोई नौकर दरवाज़ा खोलेगा.

आँचल भी रवि को एक्सपेक्ट कर रही थी , हरप्रीत को दरवाज़े पर देखकर उसे हैरानी हुई फिर उसने हरप्रीत को अंदर बुलाकर लिविंग रूम में सोफे पर बिठाया.

हरप्रीत बोली,” मैं रिया को अपनी शादी का कार्ड और मिठाई देने आई हूँ. रिया कहाँ है ?”

आँचल ने बताया,” रिया अपनी मम्मी के साथ बाहर गयी है और अब शाम को ही आएगी. आज उनको बहुत काम है. अभी घर में मैं अकेली हूँ.”

हरप्रीत ने बताया की अगले महीने शादी की डेट फिक्स हुई है. रिया मेरी क्लोज़ फ्रेंड है और मैं पास में ही रहती हूँ इसलिए मैंने सोचा की पहला कार्ड रिया को ही देती हूँ.

आँचल ने नौकर को आवाज़ दी और चाय बनाने को कहा.

हरप्रीत ने चाय के लिए मना किया तो आँचल ने शरबत बनाने को कहा.

आँचल ने देखा , हरप्रीत खूबसूरत लग रही है. लंबा कद, गोरा रंग, बड़ी चूचियाँ और चौड़े नितंब. कुल मिलकर सेक्सी दिखती है. हरप्रीत ने भी वाइट शर्ट और वाइट ट्राउज़र्स में बनी ठनी आँचल को देखा , रिया की कजिन बहुत मादक लगती है.

शरबत पीते हुए थोड़ी देर तक दोनों रिया के बारे में बातें करती रही .

फिर हरप्रीत बोली,”आँचल आज तुम अकेली हो तो बोर हो रही होगी , आज हमारे साथ लंच करो. जस्सी को मैं फोन कर देती हूँ की आँचल भी आ रही है. ”

आँचल हिचकिचाई और बोली,” आई ऍम सॉरी , लेकिन आज रवि मुझे लंच के लिए ले जा रहा है. मैं उसी का वेट कर रही हूँ. वो आता ही होगा.”

लेकिन हरप्रीत नही मानी और अड़ गयी की आँचल उसके ही साथ लंच करेगी.

“देखो आँचल तुम रिया की कज़िन हो और रिया मेरी क्लोज़ फ्रेंड है. इस नाते तुम मेरी भी कज़िन ही हुई. तुम्हे मेरी बात माननी पड़ेगी . रवि को भी ले आना और हम चारों साथ में लंच करेंगे. बस अब मैं तुम्हारी ना नही सुनूँगी. “

आँचल को हरप्रीत की बात माननी पड़ी.

आँचल ने हरप्रीत से उसका और जस्सी का नंबर ले लिया और बोली,”जब रवि आएगा तो मैं उससे कहूँगी की वो जस्सी को फोन करे और फिर हम लंच के लिए आ जाएँगे.”

फिर हरप्रीत चली गयी और आँचल रवि का वेट करने लगी.

आँचल को जस्सी का ख्याल आया , जस्सी से फिर से मुलाकात होने वाली है. आँचल को फिर से बाथरूम का वो सीन याद आया जब उसने जस्सी का बड़ा लंड देखा था. वो याद आते ही आँचल शरमा गयी और उसके गालों की लालिमा बढ़ गयी.

तभी रवि आ पहुँचा. रवि ने देखा , आँचल वाइट ड्रेस में बहुत सेक्सी लग रही है. पतली शर्ट में आँचल की ब्रा दिख रही थी. बड़ी चूचियों का गोल शेप देखकर रवि के पैंट में हलचल हुई. आज तो कहर ढा रही है आँचल, इसे चोदने को मैं तड़प रहा हूँ, आज मैं ये मौका हाथ से जाने नही दूँगा, कितनी खूबसूरत लग रही है , चोदने में बहुत मज़ा आएगा.

लेकिन रवि की खुशी ज़्यादा देर तक नही रही.

आँचल ने उसे सब बताया की हरप्रीत आई थी और तुम जस्सी को फोन करो लंच के लिए.

ये सुनकर रवि का चेहरा उतर गया. उसने आँचल से कहा की तुम हरप्रीत को मना कर दो.

आँचल कहने लगी , हरप्रीत बहुत ज़िद्दी है , बुरा मान जाएगी.

रवि ने आँचल पर ज़ोर डाला की जस्सी और हरप्रीत को लंच के लिए मना कर दे. पर आँचल ने ऐसा करने से इनकार कर दिया.

जब रवि ने देखा की आँचल भी जस्सी और हरप्रीत के साथ लंच को लेकर उत्साहित है और हरप्रीत को मना नही कर रही है तो उसने अंतिम प्रयास किया.

“देखो आँचल , मैं तुमसे अकेले मैं कुछ बात करना चाहता हूँ , इसलिए तुम उनके साथ लंच कैंसिल कर दो.”

“बोलो जो बोलना चाहते हो, मैं सुन रही हूँ. उसके बाद हम लंच पर चलेंगे.”

रवि का ये प्रयास भी असफल हो गया.

“मैं कार में ही बात करूँगा.”

आँचल के कार में बैठने के बाद , रवि कार चलाने लगा.

रवि को चुप देखकर आँचल बोली,” तुम कुछ कहना चाह रहे थे रवि…….”

रवि ने आँचल की तरफ देखा और फिर सामने देखकर कार चलाने लगा. रवि का मूड ऑफ हो गया था, चोदने का एक और मौका हाथ से निकल गया.

रवि के चुप्पी साध लेने से आँचल को भी अनकंफर्टेबल फील हुआ. मुँह फुला लिया है इसने तो. बात भी नही कर रहा है अब.

आँचल ने रवि से कहा ,” क्या बात है रवि ? तुम कुछ बोल नही रहे. गाड़ी रोको और बताओ क्या बात है ?”

आँचल की बात सुनकर रवि ने एक जगह देखकर कार साइड में कर दी और एक पेड़ के नीचे ले जाकर रोक दी.

रवि आँचल की ओर मुड़ा और हकलाते हुए कहने लगा,” भाभी……….. वो बात ये है की……... आप बहुत खूबसूरत हो……...”

रवि की बात सुनकर आँचल मुस्कुरा दी.

आँचल के मुस्कुराने से रवि की थोड़ी हिम्मत बढ़ी,” भाभी, मैं चाहता था की आज आप के साथ अकेले में कुछ वक़्त मिले ताकि मैं कुछ बात कर सकूँ.”

आँचल मुस्कुरायी,” रवि, देखो हम अभी यहाँ अकेले ही तो हैं. मुझे बताओ तुम क्या बात करना चाहते हो ?”

रवि को बात वात कुछ नही करनी थी सिर्फ़ आँचल को चोदने के लिए पटाना था.

“भाभी आप बहुत खूबसूरत लग रही हो , बिल्कुल बिपाशा बसु जैसी दिखती हो.”

“क्या मैं काली बिल्ली लगती हूँ? ” आँचल ने दिखावटी गुस्से में कहा.

“अरे नही नही भाभी. आप तो बहुत गोरी हो. मेरे कहने का मतलब है आपका चेहरा बिपाशा बसु का जैसा सेक्सी दिखता है.”

“क्या सिर्फ़ मेरा चेहरा ही सेक्सी दिखता है ……” आँचल ने फिर से दिखावटी गुस्से से कहा.

“अरे नही नही भाभी , सिर्फ़ चेहरा नही, आपका पूरा फिगर ही सेक्सी है…..” रवि जल्दी से बोला.

फिर आँचल की चूचियों पर नज़रें गड़ाते हुए बोला,” भाभी आपके साथ मैं बहुत अनकंफर्टेबल फील करता हूँ ..”

आँचल ने रवि की नज़रों को अपनी चूचियों पर पाया,” ऐसा क्यूँ रवि ? मेरे साथ अनकंफर्टेबल क्यूँ फील करते हो तुम ?”

रवि की हिम्मत बढ़ते ही जा रही थी,” भाभी आपको देखने से मेरा खड़ा हो जाता है…..”

रवि की बात से आँचल शरमा गयी, और उसकी नज़रें नीची होकर रवि के पैंट पर पड़ी जहाँ कुछ उभार सा बना हुआ था.

“रवि , क्या सच में मैं तुम्हें इतनी सेक्सी लगती हूँ ? ”
 
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“रवि , क्या सच में मैं तुम्हें इतनी सेक्सी लगती हूँ ? ”

“हाँ भाभी , आप बहुत सेक्सी हो.”

फिर रवि ने अपने पैंट की ज़िप खोली और तना हुआ लंड बाहर निकाल लिया.

“देखो , ये पैंट में मुझे कितना तंग कर रहा है.”

आँचल ने देखा रवि अपने छोटे और पतले से लंड को हिलाकर उसे दिखा रहा है. रवि के लंड को देखकर आँचल को सुनील के लंड का ध्यान आया , वैसा ही इसका भी है.

आँचल को अपने लंड को देखते हुए पाकर रवि बोला,” भाभी इसे चूसो. मैं आपके सेक्सी मुँह को अपना लंड चूसते हुए देखना चाहता हूँ.”

आँचल ने कुछ नही किया तो रवि उसका कंधा पकड़कर आँचल का मुँह अपने लंड की तरफ दबाने लगा.

आँचल ने अपने को छुड़ाने की कोशिश की पर रवि की मजबूत पकड़ से अपने को छुड़ा नही पाई. इससे आँचल को गुस्सा आ गया और कोई चारा ना देख , उसने रवि के गाल पर एक तमाचा जड़ दिया. तमाचा पड़ते ही रवि हक्का बक्का रह गया और उसने आँचल को छोड़ दिया.

आँचल ने देखा थप्पड़ खाने से रवि हर्ट फील कर रहा है , उसका लंड सिकुड़कर और भी छोटा हो गया.

आँचल गुस्से में बोली,” रवि तमीज़ से रहो. तुम मुझे भाभी कहते हो और मेरी कज़िन से एंगेज्ड हो , फिर भी मुझे अपना लंड दिखा रहे हो और चूसने को कह रहे हो. तुम भूल रहे हो की मैं शादीशुदा औरत हूँ. मैंने तुम्हें पहले थप्पड़ नही मारा , उसी का नतीज़ा है की तुम कंट्रोल से बाहर हो गये हो. अब तमीज़ से पेश आना मेरे साथ….”

आँचल की बात सुनकर रवि सन्न रह गया. इस सेक्सी औरत को चोदने की उसकी इच्छा पर पूरी तरह से पानी फिर गया. अपनी हरकत पर आँचल को गुस्सा होते देखकर रवि की आँखो में आँसू आ गये.

अब रवि माफी माँगने लगा,” प्लीज़ भाभी , आई ऍम वेरी सॉरी . प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो. मैं बहक गया था अपने ऊपर काबू नही रख पाया. प्लीज़ भाभी……..”

रवि के माफी माँगने से आँचल का गुस्सा शांत हो गया. रवि की आँखो में आँसू देखकर आँचल को बुरा लगा. उसका दिल पिघल गया और वो रवि के नज़दीक़ आई और उसके गालों से आँसू पोछने लगी.

“ चलो जो हुआ उसे भूल जाओ रवि. आई ऍम सॉरी टू. मैंने भी कल रात ग़लत किया था (पार्टी में रवि की ज़िप खोली थी) .
चलो जो बीत गया वो बीत गया. पुरानी बातों को भूलकर अब हम दोस्त हैं…” कहकर आँचल ने अपना हाथ रवि की तरफ बढ़ा दिया.

रवि ने देखा आँचल अपना हाथ आगे बढ़ा रही है दोस्ती के लिए. लेकिन रवि ने उससे हाथ नही मिलाया और रोने लगा.

“आई ऍम रियली सॉरी भाभी. मैं कंट्रोल नही कर पाया. आप हो ही इतनी सेक्सी. मैं क्या करता. आपके मममे कितने बड़े हैं बिल्कुल गोरे गोरे. आपका चेहरा इतना खूबसूरत है , आपके होंठ इतने रसीले हैं. आपकी बड़ी गांड देखकर मेरा मन मचल जाता है. मैं कैसे कंट्रोल करूँ…….”

जैसे एक रोते हुए बच्चे को चुप कराते हैं वैसे ही आँचल रवि के चेहरे को सहलाते हुए उसे चुप कराने की कोशिश करने लगी.

रवि सुबकते हुए आँचल के रूप का वर्णन करता रहा. की आपका ये ऐसा है , आप ऐसी हो , फलाना फलाना , ना जाने क्या क्या …..आँचल कुछ नही बोली बस उसका चेहरा सहलाते रही. वो रवि को थप्पड़ मारने से सॉरी फील कर रही थी.

अब रवि ने अपना सर आँचल के कंधे में रख दिया और अपना मुंह आँचल के ब्लाउज में रगड़ने लगा.

आँचल ने देखा रवि उसकी चूची से अपना मुंह रगड़ रहा है. आँचल ने उसका सर अपने कंधे से दूर हटाया.

लेकिन रवि ने फिर से अपना चेहरा आँचल की चूची से सटा दिया ,” प्लीज़ भाभी, एक बार अपने मममे दिखा दो. प्लीज़ सिर्फ़ एक बार. आई प्रॉमिस की सिर्फ़ देखूँगा और कुछ नही करूँगा.
प्लीज़ अपने बड़े मममे दिखा दो …”

आँचल ने देखा दो छोटे लड़के कार से कुछ दूर खड़े हैं और अपनी साइकिल रोककर कार के अंदर के नज़ारे का मज़ा ले रहे हैं और हंस रहे हैं .

आँचल समझ गयी की रवि सिर्फ़ रोने का नाटक कर रहा है और बहाने से उससे चिपक रहा है. अबकी बार आँचल ने पहले से भी तेज थप्पड़ रवि के गाल पर मारा.

थप्पड़ खाने से रवि ने आँचल को छोड़ दिया और अपनी सीट पर सीधा बैठकर अपना गाल सहलाने लगा.

“रवि , तुम बदतमीज़ी मत करो , मैं रिया को बताऊँगी…” आँचल गुस्से से बोली.

अपनी सभी चालों को असफल होता हुआ देख रवि ने हर्ट फील किया. वो समझ गया ये सेक्सी बिच मुझे कोई मौका देने वाली नही है. उसने कार स्टार्ट की और सामने की तरफ देखकर चुपचाप कार चलाने लगा. आँचल द्वारा ठुकरा दिए जाने से उसे अपनी बेइज़्ज़ती महसूस हुई और गुस्सा आ रहा था. मैं इसकी खूबसूरती पर फिदा हूँ और इसने मुझे ठुकरा दिया , …….साली सेक्सी कुतिया . मन ही मन रवि आँचल को गालियाँ देने लगा. आँचल को चोदने की उसकी आकांक्षा पर अब पानी फिर चुका था.

आँचल भी अपनी सीट पर चुपचाप बैठी थी. वो भी ह्युमिलिएटेड फील कर रही थी. ये रवि बहुत बदतमीज़ है. कहने को डॉक्टर है पर बिल्कुल मैनर्स नही हैं. बिल्कुल गवारों जैसी हरकत करता है. रवि के साथ वो अच्छे मूड से आई थी और उसे मालूम भी था की रवि उसे चोदना चाहता है. शायद वो रवि को एक मौका दे भी देती. लेकिन रवि के बिहेवियर से उसका मूड ऑफ हो गया और अब वो खुद भी हर्ट महसूस कर रही थी.

जल्दबाज़ी और उतावलापन दिखाकर रवि ने आँचल को पटाने का मौका गंवा दिया.

रेस्टोरेंट पहुचने तक दोनो में से कोई कुछ नही बोला , दोनो ही एक दूसरे से नाराज़ थे.

पार्किंग में कार लगाकर रवि कार से बाहर आ गया. वो हमेशा आँचल के लिए भी दरवाज़ा खोलता था पर इस बार गुस्से से उसने नही खोला और अपनी तरफ ही खड़ा रहा. आँचल ने कार का दरवाज़ा खोला और रवि की तरफ देखा. रवि ने अपनी नज़रें फेर ली और रेस्टोरेंट की तरफ बढ़ गया. आँचल भी उसके पीछे चलने लगी.

रेस्टोरेंट में हरप्रीत और जस्सी ने हाथ हिलाकर उनको अपनी टेबल पर बुलाया. जस्सी ने उठकर रवि से हाथ मिलाया और आँचल के गाल पे हाथ फिराया.

आँचल रवि के साथ बैठी थी और सामने जस्सी और हरप्रीत बैठे थे. जस्सी ने वेटर से बियर मँगवाई. आँचल ने बियर के लिए मना किया पर जस्सी नही माना और आँचल को एक ग्लास बियर पकड़ाकर ‘चियर्स’ बोला.

फिर बातों के दौरान जस्सी ने पूछा की आँचल के हज़्बैंड भी चंडीगढ़ आ रहे हैं क्या टिंबर ट्रेल घूमने ?

“मुझे नही पता , अभी कुछ फिक्स नही है. जब चंडीगढ़ पहुचेंगे तभी पता चलेगा.” आँचल ने जवाब दिया.

तब जस्सी ने बताया की घूमने का प्रोग्राम कैंसिल हो गया है. क्यूंकी रूम बुक नही हो पाए. फिर कभी जाएँगे जब आप दुबारा चंडीगढ़ आओगी तब.

पहाड़ों में घूमने का प्रोग्राम कैंसिल होने से आँचल को निराशा हुई. लेकिन वो चेहरे पर मुस्कान लाते हुए बोली,” कोई बात नही , जब दुबारा चंडीगढ़ आऊँगी तो फिर चलेंगे.”

उनकी बातें होती रही लेकिन रवि और आँचल एक दूसरे से नही बोले. हरप्रीत अपनी शादी को लेकर उत्साहित थी और शादी की तैयारियों के बारे में बड़े उत्साह से बता रही थी. बियर खत्म होने पर जस्सी ने और मंगवा ली.

कुछ देर बाद आँचल और हरप्रीत बाथरूम चली गयीं. अब रवि और जस्सी अकेले रह गये.

जस्सी मुस्कुराते हुए बोला,” तेरे तो मज़े है रवि . अपनी भाभी को खूब घुमा रहा है. कुछ किया की नही ? “

“ना कुछ नही यार.”

“तेरी भाभी तो बहुत सेक्सी माल है. कल रात पार्टी में डांस करते वक़्त तू उसपे बहुत हाथ फेर रहा था. मैंने सब देख लिया था तेरी हरकतें. बता ना क्या क्या किया तूने उसके साथ …”

“मेरे दोस्त , तू ग़लत समझ रहा है. भाभी उस टाइप की नही है. ज़्यादा मुँह नही लगाती है वो.”

जस्सी को विश्वास नही हुआ,” ऐसी है क्या ? या तू मुझे बताना नही चाह रहा है ?”

“अरे नही यार. मैं सच कह रहा हूँ. उसको पटाने की मैंने कोशिश की थी. लेकिन उसने मुझे थप्पड़ मार दिया और तमीज़ से रहने की हिदायत भी दे डाली.” अपने गाल सहलाते हुए रवि बोला.

थप्पड़ की बात सुनकर जस्सी हंसने लगा.

रवि को जस्सी पर गुस्सा आ गया,” देख भाई , सब औरतें एक सी नही होती. कुछ औरतें मज़े लेती हैं लेकिन चुदवाती नही , आँचल भी ऐसी ही लगती है. सिर्फ़ टीज़ करती है. समझे…..”

जस्सी अभी भी हंस रहा था,” तू उसे पटा नही पाया , इसका मतलब ये नही की वो सती सावित्री है.”

जस्सी की बात से रवि को अपनी इन्सल्ट महसूस हुई. वो गुस्से में बोला,” मैं एक लाख रुपये की शर्त लगाता हूँ की तू आँचल को नही चोद सकता.”

रवि की बात सुनकर जस्सी की हँसी बंद हो गयी ,” क्या तू सीरीयस है ? सच में एक लाख की शर्त लगा रहा है या मज़ाक कर रहा है ?”

रवि भी सीरीयस होकर गुस्से में बोला,” एक लाख रुपये नकद. अगर तू आँचल को चोद देगा. लेकिन कोई ज़बरदस्ती नही, कोई नशा नही, कोई रेप नही. वो खुद राज़ी होनी चाहिए. और तेरे पास सिर्फ़ आज शाम या कल का वक़्त है क्यूंकी परसों वो वापस देल्ही जा रही है. अगर तब तक तू नही चोद पाया तो एक लाख नकद मुझे देगा.”

जस्सी चुपचाप रहा.

रवि उसे चिढ़ाने लगा,” बस फट गयी क्या ? अब क्यूँ मैदान छोड़कर भाग रहे हो ?”

जस्सी ने रवि को देखा , फिर एक गहरी सांस लेकर बोला,” देख रवि, एक लाख नकद कोई मामूली रकम नही है. सीरीयस है क्या तू ? कहीं तेरी हर्ट ईगो तो नही बोल रही है , नशा हो गया शायद तुझको…”

“ अरे तू मेरी हर्ट ईगो या बियर को भूल जा. बस मुझे ये बता की शर्त लगा रहा है या फट गयी तेरी ?”

जस्सी कुछ देर सोचता रहा , पार्टी में तो रवि आँचल से मज़े ले रहा था. लेकिन अब कह रहा है की आँचल ने थप्पड़ मार दिया. क्या सच में आँचल सिर्फ़ टीज़ करती है ?

थोड़ी देर तक सोचने के बाद , जस्सी बोला,” देखो रवि, तुम्हारी भाभी और मैं एक दूसरे को ज़्यादा नही जानते, फिर भी मैं तुम्हारी शर्त स्वीकार करता हूँ. लेकिन टाइम नही है क्यूंकी परसों तो वो जा रही है. अगर तू मेरी हेल्प करे तो ना सिर्फ़ मैं बल्कि तू भी उसे चोद पाएगा. बोल मंज़ूर है ?”

आँचल को चोदने के ख्याल से रवि के मुँह में पानी आ गया और गुस्सा भूलकर वो तुरंत तैयार हो गया,” ठीक है जस्सी. मैं हेल्प करने को तैयार हूँ. पर याद रखना , कोई रेप नही , कोई नशा नही. ठीक है ? और एक लाख नकद तैयार रखना.”

जस्सी मुस्कुराया और दोनो ने हाथ मिलाकर शर्त मंज़ूर की.

जस्सी बोला,” अब मैं तुझे अपना प्लान बताता हूँ, तू वैसे ही करना जैसे मैं कहूं.”

तभी आँचल और हरप्रीत बाथरूम से वापस आ गयी और जस्सी की बात अधूरी रह गयी.
 

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