रिया और रवि के प्रेमालाप से आँचल गरम होने लगी थी . रवि रिया की चूचियाँ मसलते हुए आँचल को ही देख रहा था, आँचल भी अब रवि की आँखों में आँखे डाल के देखने लगी. तभी उसने देखा वही सरदार जो उसे बाथरूम में मिला था, उसकी ही तरफ आ रहा था. आँचल को देखकर वो मुस्कुराया. आँचल के दिल की धड़कने बढ़ गयी , अब ये मेरे पास क्यूँ आ रहा है ? उफ़फ्फ़…..कितना बड़ा लंड था इसका………..आँचल के होंठ सूख गये.
आँचल के पास आकर वो सरदार रवि की तरफ मुड़ गया , फिर उसने रवि और रिया से हाथ मिलाया . आँचल सोचने लगी , ये तो रवि रिया का कोई फ्रेंड लगता है. तब आँचल का ध्यान उस सरदार के पीछे आ रही लड़की पर गया, उस लड़की ने भी रवि रिया से हाय हैलो की.
रवि ने आँचल का परिचय करवाया. ये रिया की कज़िन हैं आँचल भाभी. देल्ही से आई हैं दो तीन दिन के लिए चंडीगढ़ घूमने.
फिर आँचल से बोला, भाभी ये हमारे दोस्त हैं जसविंदर सिंह ( जस्सी ) और हरप्रीत . अभी हाल ही में इनकी सगाई हुई है ये पार्टी उसी खुशी में है.
जस्सी ने आँचल से हाथ मिलाया ,” हैलो, वेलकम टू माय हाउस……”
जस्सी से हाथ मिलाने से आँचल के बदन में सिहरन दौड़ गयी. आँचल के नरम हाथ को जस्सी ने मजबूती से पकड़ रखा था. उसको देखते ही आँचल के मन में बाथरूम का वही दृश्य घूमने लगता था. उत्तेजना से आँचल की चूत के फूले हुए होंठ एक पल के लिए खुले , फिर बंद हो गये.
जस्सी लंबा चौड़ा, गोरा , बहुत स्मार्ट दिख रहा था. आकर्षक पर्सनालिटी थी उसकी.
फिर जस्सी ने अपनी मंगेतर हरप्रीत से आँचल को इंट्रोड्यूस करवाया.
लेकिन आँचल ने कुछ भी नोटिस नही किया , हरप्रीत की तरफ उसका ध्यान ही नही गया . जस्सी ने उसका कोमल हाथ अभी भी अपने हाथ में पकड़ा हुआ था. आँचल की आवाज़ ही बंद हो गयी. कुछ पल के लिए उसके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया. उसकी काम इच्छायें ज़ोर मारने लगीं. रवि ,रिया ,हरप्रीत की अपने पास मौजूदगी के एहसास को भी वो भूल गयी.
कुछ पल बाद उसे होश आया और उसने जस्सी से अपना हाथ छुड़ा लिया जो अभी तक जस्सी ने पकड़ा हुआ था. फिर उसे ध्यान आया की जस्सी ने उसे हरप्रीत से इंट्रोड्यूस करवाया तो उसने हरप्रीत को हैलो भी नही बोला. क्यूंकी उसका मुँह सूख गया था तो आवाज़ ही नही निकली. अब आँचल अपने को संयत करने का प्रयास करने लगी.
आँचल ने देखा हरप्रीत भी सेक्सी लग रही है. गोरी चिट्टी सरदारनी, जस्सी के ही जैसा लंबा कद, चूचियाँ भी बड़ी बड़ी थीं, लंबी टाँगें. जस्सी की बाँह पकड़ कर वो आँचल को देखकर मुस्कुरा रही थी. आँचल के दिल में ईर्ष्या की एक लहर सी उठी. फिर वो चारों आपस में अपने दोस्तों की बातें करने लगे. आँचल को फिर से अकेलापन महसूस हुआ .
रवि ने ये बात नोटिस की. आँचल चुपचाप बैठी थी. उन लोगों की बातें वैसे भी आँचल को समझ नही आ रही थी. रवि ने देखा आँचल बोर हो रही है , यही मौका है. उसने आँचल से डांस के लिए कहा. और बिना उसके जवाब का इंतज़ार किए उसकी बाँह पकड़ कर चेयर से उठा दिया. रिया गप मारने में मशगूल थी. उसने उन दोनो की तरफ ध्यान नही दिया.
पंजाबी पॉप गानो में डांस चल रहा था. रवि आँचल को दूसरी तरफ ले गया ताकि रिया देख ना पाए. फिर उसने डीजे से थोड़े स्लो गाने बजाने को कहा. अब आँचल को अपने से चिपकाकर वो डांस करने लगा. स्लो म्यूज़िक की धुन में डांस करते हुए रवि आँचल की पीठ पर हाथ फिराने लगा. फिर उसके हाथ आँचल के नितंबों तक पहुँच गये. आँचल की टाइट टीशर्ट में चूचियाँ रवि की छाती से दबने लगी.
रवि के कंधों पर आँचल ने अपना सर रख दिया. उसके पौरुष की गंध आँचल ने महसूस की. अपने बदन में घूमते रवि के हाथों से उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी. अपने पेट पर रवि के खड़े लंड की चुभन भी उसने महसूस की. रवि ने अपना मुँह आँचल के बालों में छुपा लिया और उसके बालों से आती खुशबू को अपनी नाक में भरने लगा.
आँचल की बड़ी मुलायम चूचियों का स्पर्श अपनी छाती में महसूस करते हुए रवि धीरे से फुसफुसाया,” ओह भाभी , आप कितनी सेक्सी हो…………. आई रियली वांट यू.”
आँचल कुछ नही बोली , वो इस बात को समझ रही थी की रवि उसे चोदने को कितना बेताब है.
“प्लीज़ भाभी. मुझसे अकेले में मिलो.एक चान्स तो दो. फिर मैं दिखाऊँगा की मैं आपसे कितना प्यार करता हूँ.”
आँचल को मन ही मन हँसी आई,” क्या दिखाएगा मुझे अकेले में ? अपनी लुल्ली…….”
रवि के हैंडसम होने से आँचल भी शुरू में उसकी तरफ आकर्षित हुई थी लेकिन जबसे उसने रवि का छोटा लंड देखा था तो उसे बड़ी निराशा हुई थी. और अब उसका मन रवि से हट चुका था.
“प्लीज़ भाभी कल दोपहर को मुझसे अकेले में मिलो. प्लीज़…….मिलोगी ना ?”
रवि कितनी खुशामद कर रहा है सोचकर आँचल का मन पसीज गया. इसका दिल रख लेती हूँ.
आँचल कुछ नही बोली लेकिन उसने रवि को अपने से और चिपका लिया और उसकी पीठ पर हाथ फिराने लगी.
रवि ने इसे आँचल की हाँ समझा , वो बहुत खुश हो गया ,” ओह भाभी , थैंक यू वेरी मच. मुझे शुरू से इस बात का इल्म था की आप भी मुझे चाहती हो. कल दोपहर को हम दोनो लंच के लिए बाहर जाएँगे. मैं आपको फोन में बता दूँगा टाइम और जगह के बारे में. आप बहुत सेक्सी हो भाभी , आप देखना मैं आपको कितना प्यार करूँगा.”
रवि अपनी ही धुन में मन ही मन खुश होते रहा और चिकनी चुपड़ी बातें करते रहा. अब तो साली चुद ही जाएगी मुझसे. सब अकड़ निकालूँगा तेरी तो मैं. मेरे लंड के लिए तडपेगी तू.
आँचल रवि की बातें सुनती रही पर बोली कुछ नहीं. अच्छा तो ये जनाब सोचते हैं की मैं भी इन पर मर मिटी हूँ. बहुत बड़ी तोप है इसके पास…....आँचल मुस्कुराने लगी. अभी बताती हूँ , मैं क्या चीज़ हूँ. आँचल ने रवि को टीज़ करने की सोची.
आँचल ने अपना हाथ नीचे ले जाकर रवि के पैंट की ज़िप खोल दी.
“भाभी…..ओ माय गॉड …...भाभी …..इधर नही………” आँचल की हरकत से रवि अवाक रह गया. स्लो डांस करते हुए इधर उधर देखने लगा, कोई हमें तो नही देख रहा.
आँचल ने तब तक उसकी पैंट के अंदर हाथ डाल दिया था. फिर उसने रवि के अंडरगार्मेंट के अंदर हाथ डालकर उसका लंड पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी. आँचल के नरम हाथों का स्पर्श रवि की बर्दाश्त के बाहर हो गया और आँचल के हाथ में ही उसका पानी निकल गया. आँचल ने रवि के अंडरगार्मेंट और पैंट से अपना हाथ पोंछ दिया और उसके पैंट की ज़िप लगा दी.
फिर रवि के कान में फुसफुसाई,” रवि डार्लिंग , तुम थोड़ा अपने ऊपर काबू रखना सीखो. ऐसे ही हाथ लगाने तक झड़ जाओगे तो मुझे अपना प्यार कैसे दिखा पाओगे.”
मुस्कुराते हुए आँचल रवि से अलग हो गयी और पलटकर रिया की तरफ चली गयी.
रवि झड़ने के बाद हाँफते हुए अकेला रह गया, झेंपते हुए सोचने लगा, साला आज फिर बेइज़्ज़ती हो गयी. क्या है यार ये ….जब भी मैं इसके करीब जाता हूँ मेरा पानी निकल जाता है………..फक.
आँचल ने देखा , रिया और हरप्रीत हंस हंस के बातें कर रही हैं लेकिन जस्सी वहाँ नही था. उसे थोड़ी निराशा हुई. उनके साथ ही आँचल भी बैठ गयी.
रिया ने आँचल को अकेले देखकर पूछा,” रवि कहाँ है ?”
आँचल मुस्कुराने लगी और बोली,” रवि को टॉयलेट जाना पड़ा.”
रिया को कुछ समझ नही आया , रवि टॉयलेट गया तो आँचल हंस क्यूँ रही है ?
तभी रवि आ गया और रिया से बोला , चलो अब चलते हैं.
जल्दी झड़ने से वो झेंप गया था इसलिए पार्टी से जल्दी निकलना चाह रहा था.
हरप्रीत तुरंत बोली,” ऐसे कैसे चले जाओगे. बिना डिनर किए मैं तुम लोगों को जाने नही दूँगी.”
फिर हरप्रीत ने रिया का हाथ पकड़ लिया और बाहर गार्डेन में ले गयी , वहाँ डिनर की व्यवस्था थी.
डिनर करते समय जस्सी भी उनके पास आ गया . और उनकी इधर उधर की बातें होने लगी.
फिर वो रवि से बोला, “चलो घूमने चलते हैं पहाड़ों में. टिंबर ट्रेल आओगे तुम दोनो , हरप्रीत और मेरे साथ ?”
रिया हिचकिचाई और बोली,” आँचल मेरे घर आई है और इसको छोड़कर मैं कैसे घूमने जा सकती हूँ ?”
रवि तुरंत बोल पड़ा,” भाभी को भी साथ ले चलेंगे. क्यूँ भाभी ?”
आँचल ने जवाब दिया,” मैं सुनील से कहूँगी की वो एक दिन पहले चंडीगढ़ आ जाए फिर हम सब साथ चलेंगे.”
जस्सी बोला,” ठीक है फिर. मैं तीन रूम्स बुक करवा दूँगा.परसों चलेंगे.”
टिंबर ट्रेल चंडीगढ़ से लगभग 35 km की दूरी पर हिमाचल प्रदेश में एक छोटा सा हिल स्टेशन है.
डिनर के बाद रवि , रिया और आँचल को घर तक पहुँचा आया.
सोने के लिए , आँचल को रिया अपने बेडरूम में ले गयी. दोनो ने अपने कपड़े बदलकर नाइटी पहन ली और पार्टी के बारे में बातें करने लगीं.