Adultery आँचल की अय्याशियां

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आँचल
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चंडीगढ़ जाने के लिए आँचल और रिया सुबह 7:30 पर न्यू देल्ही रेलवे स्टेशन पहुँच गयीं. कालका शताब्दी एक्सप्रेस 11 am पर चंडीगढ़ पहुँचा देती है. करीब 3:30 घंटे का सफ़र था. ट्रेन में उन दोनों को बिठाकर सुनील वापस चला गया.

थोड़ी देर में ही रिया को नींद आ गयी. आँचल अकेले बैठे हुए बोर हो गयी. सोचने लगी, अभी तो सोकर उठी है, फिर इसे इतनी नींद क्यूँ आ रही है ? लेकिन आँचल को इस बात की भनक भी नही थी की रिया रात में ससुर के साथ रंगरेलियाँ मना रही थी इसलिए उसे अब नींद आ रही थी. लगातार तीन रातों तक रिया ने आँचल के ससुर के साथ चुदाई का आनंद लिया था. ससुर ने चुदाई का इतना मज़ा दिलाया था की रिया उसकी दीवानी हो गयी थी और अपने जवान मंगेतर रवि को भूल ही गयी थी. इसलिए वो अपने घर चंडीगढ़ जाने का प्रोग्राम टालती रही लेकिन आँचल के घर कब तक रहती , जाना तो था ही. ससुर के साथ चुदाई की मीठी यादें लिए वो आज चंडीगढ़ जा रही थी.

आँचल ने देखा ये तो गहरी नींद सो रही है. उसने रिया को रास्ते भर सोने दिया और खुद अकेली बोर होते रही.

जब चंडीगढ़ स्टेशन आने वाला था तो आँचल ने रिया को उठा दिया,” रिया उठ अब. कितना सोएगी. 3 घंटे से ज़्यादा हो गया तुझे सोए हुए.”

रिया ससुर के मीठे सपनो में खोई थी , आँचल के हिलाने से वो एक झटके से उठी.

आँचल बोली,” चंडीगढ़ आने वाला है और तू रास्ते भर सोई रही . रात भर कहाँ थी ?”

रिया ससुर के साथ रात में अपनी चुदाई याद करके झेंप गयी और आँचल को एक मासूम सी स्माइल दे दी. फिर अपने बाल और कपड़े ठीक करने लगी.

चंडीगढ़ स्टेशन पर रिया के मम्मी पापा उन्हें लेने आए थे. कार में बैठकर वो सब रिया के घर पहुँच गये.

फ्रेश होने के बाद रिया और आँचल लंच करने आ गयीं.लंच करते समय रिया की मम्मी कविता पांडे ने रिया की शादी की तैयारियों की बात छेड़ दी. शादी को अभी तीन महीने बचे थे. क्या क्या तैयारियाँ हो चुकी हैं और क्या काम बाकी हैं ये सब बातें हुई. शादी के लिए गहने बनवा लिए थे और कपड़ों की खरीददारी भी हो चुकी थी. फिर फैशन की चर्चा चली.

कविता कहने लगी,” आँचल , चंडीगढ़ में तो तुम्हारी देल्ही से भी ज़्यादा फैशन है. पंजाबन सरदारनियों ने माहौल खराब कर रखा है. ऐसे ऐसे छोटे कपड़े पहनती हैं की पूछो मत.”

आँचल मुस्कुराने लगी , चाची दूसरों की बुराई कर रही है, अपनी लड़की का फैशन नही दिखता इसे.

मम्मी की बातों से रिया बोर हो गयी. कविता थोड़ा पुराने ख्यालों की थी. रिया को भी टोका टाकी करती थी पर एकलौती संतान होने से रिया पापा के बहुत मुंह लगी थी वो उसकी सारी डिमांड पूरी करते थे.

बातों के दौरान आँचल ने महसूस किया की रिया शादी की तैयारियों की बातचीत में उतना उत्साह नही दिखा रही है जितना कोई भी लड़की दिखाती है. क्या बात , ये उतनी एक्साइटेड नही लग रही शादी को लेकर …… ?

शाम को रवि रिया के घर आने वाला था और रिया और आँचल के साथ बाहर घूमने का प्रोग्राम था.

आँचल ने एक टाइट टीशर्ट और जीन्स पहन ली. रवि ने देखा आँचल की चूचियाँ टीशर्ट को फाड़कर बाहर आने तो बेताब हैं. फिर रवि की कार में तीनो बैठ गये और चंडीगढ़ के नज़ारे देखने निकल पड़े. रवि चंडीगढ़ के बारे में आँचल को बताते रहा और कार में झटके खाने से हिलती उसकी चूचियों को देखते रहा.

थोड़ी देर ऐसे ही घूमने के बाद रवि उनको लोकल क्लब ले गया. रिया उस क्लब में आते रहती थी , उसने आँचल को अपनी फ्रेंड्स से मिलवाया. फिर वो स्विमिंग पूल के पास पड़ी बेंचों में बैठ गये. रिया और आँचल दोनों को मालूम था की रवि बार बार आँचल की चूचियों पर नज़र मार रहा है.

रवि बोला,” भाभी थोड़ी स्विमिंग हो जाए.”

आँचल ने मना कर दिया ,”मुझे स्विमिंग नही आती. तुम लोग एंजाय करो.”

रवि निराश हो गया , साली हाँ बोल देती तो बिकिनी में इसका चिकना बदन तो देखने को मिलता.

फिर रवि रिया के साथ क्लब के लॉकर रूम में चला गया और वहाँ से ड्रेस चेंज करके रवि और रिया पूल में तैरने लगे.

आँचल बेंच में अकेली बैठी उन दोनों को और लोगों के साथ तैरते और मौज़ करते देखने लगी. रवि कितना हैंडसम दिखता है. लंबा चौड़ा , गठीला बदन है. रिया सच ही कहती है वास्तव में रवि अच्छा दिखता है. फिर आँचल की नज़र रवि के नेकर पर पड़ी. इतने लंबे चौड़े आदमी का इतना छोटा सिकुड़ा सा लंड होगा कौन सोच सकता है. बिना मुझे छुए ही इसका पानी निकल गया.

आँचल को रवि बहुत हैंडसम लगता था और वो उसके साथ चुदाई को तैयार थी . बल्कि सुनील भी समझ गया था की आँचल रवि की तरफ थोड़ी आकर्षित है. लेकिन रवि के छोटे लंड का ध्यान आते ही आँचल का मन उखड़ गया, बिल्कुल सुनील जैसा छोटा और पतला है.

थोड़ी देर ऐसे ही सोचते हुए आँचल बोर हो गयी, मुझे भी स्विमिंग आती तो मैं भी इनके साथ मज़े करती. पूल में रवि खुलेआम रिया के साथ मस्ती कर रहा था. आँचल का भी दिल मचलने लगा.

कुछ देर बाद रवि और रिया पूल से बाहर आ गये . लॉकर रूम से ड्रेस चेंज करके वो तीनो क्लब से बाहर आ गये.

अब उन्हें एक फ्रेंड के घर पार्टी में जाना था.

रिया बोली,” आँचल घर में अकेली क्या करेगी, बोर होगी, इसे भी पार्टी में लिए चलते हैं.”

पार्टी में रवि और रिया के फ्रेंड्स से उन्होने आँचल को मिलवाया. पार्टी में जमकर पीना पिलाना चल रहा था. तेज म्यूज़िक में जोड़े डांस कर रहे थे.

रवि , रिया और आँचल के साथ बैठ गया. फिर सबके लिए बियर ले आया. आँचल ने पहले तो मना किया , फिर ज़ोर देने पर बियर ले ली. बियर पीने के बाद रवि रिया के साथ डांस करने लगा. आँचल बियर पीते हुए उन दोनों की मस्ती देखती रही. आज उसकी किस्मत में अकेले बैठना ही लिखा था , सुबह से ही वो बोर हो गयी थी. अपना बियर का गिलास खत्म करके आँचल ने एक और गिलास पी लिया. अब उसका दिमाग़ घूमने लगा, पार्टी में उसको ज़्यादा मज़ा नही आ रहा था, कोई भी उसके पहचान का नही था, सभी अजनबी लोग थे. और जो अपने थे वो उसको अकेला छोड़कर डांस कर रहे थे. आँचल सोचने लगी, काश कोई मेरा भी पार्ट्नर होता तो मैं भी मज़े करती.

फिर उसको पेशाब लग गयी. उसने बाथरूम का पता किया और अंदर चली गयी. जैसे ही उसने दरवाज़ा खोला तो वहाँ एक लंबा चौड़ा सरदार पेशाब कर रहा था. आँचल की नज़र उसके लंड पर पड़ी, ओह माय गॉड, कितना बड़ा लंड है. कुछ पल तक वो वहीं पर खड़ी रह गयी. वो आदमी पेशाब कर चुका था और लंड हिलाकर बची हुई बूँदे निकाल रहा था.

फिर आँचल को होश आया और उसने दरवाज़ा बंद कर दिया,” आई ऍम सॉरी …....” और बाहर आ गयी.

तभी सरदार ने दरवाज़ा खोल दिया और बाहर आ गया.

आँचल की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए बोला,” आई ऍम रियली सॉरी मैडम. नाउ यू कैन गो.”

उसके मुस्कुराने से आँचल का चेहरा शरम से लाल हो गया. फिर वो बाथरूम के अंदर आ गयी और दरवाज़ा लॉक कर दिया.

आँचल पेशाब करने के लिए बैठ गयी . लेकिन उसके दिमाग़ में वही दृश्य घूम रहा था. माय गॉड, कितना बड़ा लंड था इसका और बेशरम कहीं का, बिना लॉक किए पेशाब कर रहा था.

आँचल को अपनी पैंटी गीली होती महसूस हुई . उसने वॉश बेसिन में मुँह धोया और अपने मन को शांत करने की कोशिश की. जब उसने थोड़ा ठीक महसूस किया तो वो बाथरूम से बाहर आ गयी.

आँचल ने देखा रवि और रिया साथ में बैठे हुए हैं. आँचल भी रिया के बगल में बैठ गयी. कुछ देर बाद रवि रिया के बदन में हाथ फिराने लगा. आँचल के सामने ही वो रिया के होठों को चूमने लगा. आँचल को कुछ अजीब सा लगा लेकिन वो चुपचाप बैठी रही. रिया की पीठ आँचल की तरफ थी और रवि उसके होठों को चूम रहा था. बीच बीच में आंचल उनकी तरफ नज़रें घुमा लेती. अब वो भी गरम होने लगी. उसने देखा रवि चूम रिया को रहा है पर देख मुझे रहा है. रवि के हाथ रिया की पीठ पर और उसके बालों पर घूम रहे थे. शायद रिया के बहाने वो आँचल की आग भड़काना चाहता था.

आँचल ने रवि से नज़रें हटाकर सामने डांस करते जोड़ों पर टिका दी. वहाँ पर भी अब वही चल रहा था. पीने के बाद अब पार्टी में खुलेआम मस्ती हो रही थी. डांस करते वक़्त कोई अपने पार्ट्नर की चूची दबा रहा था, कोई नितंबों को मसल रहा था कोई चुंबन में मगन था.

अब आँचल के बगल में बैठी रिया सिसकारियाँ लेने लगी थी. रवि टीशर्ट के बाहर से उसकी चूचियाँ दबा रहा था . फिर उसने टीशर्ट के अंदर ही हाथ डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से रिया की चूचियाँ मसलने लगा. रिया और ज़ोर से सिसकने लगी. आँचल ने एक नज़र उनकी तरफ देखा , रवि सीधा उसको ही देख रहा था. आँचल की चूत से रस बहने लगा. अब उसने अपनी नज़रें नही फिराई , उसने भी सीधे रवि से आँखें मिलाई.

रवि ने देखा , अब सीधे मुझे ही देख रही है, लगता है साली टीज़िंग बिच को गर्मी चढ़ने लगी है. वो खुश हो गया. देल्ही में मेरी मज़ाक बनाई थी. अब कैसे देख रही है मुझे. जैसे ‘प्लीज़ चोद दो मुझे , कह रही हो’ , नशीली आँखें हो रखी हैं इसकी. अगर कुछ देर के लिए रिया से छुटकारा मिल जाए तो , यहीं किसी बेडरूम में ले जाकर इस गरम सेक्सी कुतिया को जी भरकर चोद डालूँगा और इसका घमंड चूर चूर कर दूँगा. आएगी साली तू मेरे लंड के नीचे. ‘स्टिल ए बॉय ‘ कहा था ना तूने मुझसे.

तभी रवि ने देखा , आँचल ने उससे अपनी नज़रें हटा ली और उसकी आँखें फैलकर और बड़ी हो गयी हैं. रवि ने रिया को चूमना बंद कर दिया और पीछे मुड़कर देखने लगा की आँचल ने ऐसा क्या देख लिया.
 
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रिया और रवि के प्रेमालाप से आँचल गरम होने लगी थी . रवि रिया की चूचियाँ मसलते हुए आँचल को ही देख रहा था, आँचल भी अब रवि की आँखों में आँखे डाल के देखने लगी. तभी उसने देखा वही सरदार जो उसे बाथरूम में मिला था, उसकी ही तरफ आ रहा था. आँचल को देखकर वो मुस्कुराया. आँचल के दिल की धड़कने बढ़ गयी , अब ये मेरे पास क्यूँ आ रहा है ? उफ़फ्फ़…..कितना बड़ा लंड था इसका………..आँचल के होंठ सूख गये.

आँचल के पास आकर वो सरदार रवि की तरफ मुड़ गया , फिर उसने रवि और रिया से हाथ मिलाया . आँचल सोचने लगी , ये तो रवि रिया का कोई फ्रेंड लगता है. तब आँचल का ध्यान उस सरदार के पीछे आ रही लड़की पर गया, उस लड़की ने भी रवि रिया से हाय हैलो की.

रवि ने आँचल का परिचय करवाया. ये रिया की कज़िन हैं आँचल भाभी. देल्ही से आई हैं दो तीन दिन के लिए चंडीगढ़ घूमने.

फिर आँचल से बोला, भाभी ये हमारे दोस्त हैं जसविंदर सिंह ( जस्सी ) और हरप्रीत . अभी हाल ही में इनकी सगाई हुई है ये पार्टी उसी खुशी में है.

जस्सी ने आँचल से हाथ मिलाया ,” हैलो, वेलकम टू माय हाउस……”

जस्सी से हाथ मिलाने से आँचल के बदन में सिहरन दौड़ गयी. आँचल के नरम हाथ को जस्सी ने मजबूती से पकड़ रखा था. उसको देखते ही आँचल के मन में बाथरूम का वही दृश्य घूमने लगता था. उत्तेजना से आँचल की चूत के फूले हुए होंठ एक पल के लिए खुले , फिर बंद हो गये.

जस्सी लंबा चौड़ा, गोरा , बहुत स्मार्ट दिख रहा था. आकर्षक पर्सनालिटी थी उसकी.

फिर जस्सी ने अपनी मंगेतर हरप्रीत से आँचल को इंट्रोड्यूस करवाया.

लेकिन आँचल ने कुछ भी नोटिस नही किया , हरप्रीत की तरफ उसका ध्यान ही नही गया . जस्सी ने उसका कोमल हाथ अभी भी अपने हाथ में पकड़ा हुआ था. आँचल की आवाज़ ही बंद हो गयी. कुछ पल के लिए उसके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया. उसकी काम इच्छायें ज़ोर मारने लगीं. रवि ,रिया ,हरप्रीत की अपने पास मौजूदगी के एहसास को भी वो भूल गयी.

कुछ पल बाद उसे होश आया और उसने जस्सी से अपना हाथ छुड़ा लिया जो अभी तक जस्सी ने पकड़ा हुआ था. फिर उसे ध्यान आया की जस्सी ने उसे हरप्रीत से इंट्रोड्यूस करवाया तो उसने हरप्रीत को हैलो भी नही बोला. क्यूंकी उसका मुँह सूख गया था तो आवाज़ ही नही निकली. अब आँचल अपने को संयत करने का प्रयास करने लगी.

आँचल ने देखा हरप्रीत भी सेक्सी लग रही है. गोरी चिट्टी सरदारनी, जस्सी के ही जैसा लंबा कद, चूचियाँ भी बड़ी बड़ी थीं, लंबी टाँगें. जस्सी की बाँह पकड़ कर वो आँचल को देखकर मुस्कुरा रही थी. आँचल के दिल में ईर्ष्या की एक लहर सी उठी. फिर वो चारों आपस में अपने दोस्तों की बातें करने लगे. आँचल को फिर से अकेलापन महसूस हुआ .

रवि ने ये बात नोटिस की. आँचल चुपचाप बैठी थी. उन लोगों की बातें वैसे भी आँचल को समझ नही आ रही थी. रवि ने देखा आँचल बोर हो रही है , यही मौका है. उसने आँचल से डांस के लिए कहा. और बिना उसके जवाब का इंतज़ार किए उसकी बाँह पकड़ कर चेयर से उठा दिया. रिया गप मारने में मशगूल थी. उसने उन दोनो की तरफ ध्यान नही दिया.

पंजाबी पॉप गानो में डांस चल रहा था. रवि आँचल को दूसरी तरफ ले गया ताकि रिया देख ना पाए. फिर उसने डीजे से थोड़े स्लो गाने बजाने को कहा. अब आँचल को अपने से चिपकाकर वो डांस करने लगा. स्लो म्यूज़िक की धुन में डांस करते हुए रवि आँचल की पीठ पर हाथ फिराने लगा. फिर उसके हाथ आँचल के नितंबों तक पहुँच गये. आँचल की टाइट टीशर्ट में चूचियाँ रवि की छाती से दबने लगी.

रवि के कंधों पर आँचल ने अपना सर रख दिया. उसके पौरुष की गंध आँचल ने महसूस की. अपने बदन में घूमते रवि के हाथों से उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी. अपने पेट पर रवि के खड़े लंड की चुभन भी उसने महसूस की. रवि ने अपना मुँह आँचल के बालों में छुपा लिया और उसके बालों से आती खुशबू को अपनी नाक में भरने लगा.

आँचल की बड़ी मुलायम चूचियों का स्पर्श अपनी छाती में महसूस करते हुए रवि धीरे से फुसफुसाया,” ओह भाभी , आप कितनी सेक्सी हो…………. आई रियली वांट यू.”

आँचल कुछ नही बोली , वो इस बात को समझ रही थी की रवि उसे चोदने को कितना बेताब है.

“प्लीज़ भाभी. मुझसे अकेले में मिलो.एक चान्स तो दो. फिर मैं दिखाऊँगा की मैं आपसे कितना प्यार करता हूँ.”

आँचल को मन ही मन हँसी आई,” क्या दिखाएगा मुझे अकेले में ? अपनी लुल्ली…….”

रवि के हैंडसम होने से आँचल भी शुरू में उसकी तरफ आकर्षित हुई थी लेकिन जबसे उसने रवि का छोटा लंड देखा था तो उसे बड़ी निराशा हुई थी. और अब उसका मन रवि से हट चुका था.

“प्लीज़ भाभी कल दोपहर को मुझसे अकेले में मिलो. प्लीज़…….मिलोगी ना ?”

रवि कितनी खुशामद कर रहा है सोचकर आँचल का मन पसीज गया. इसका दिल रख लेती हूँ.

आँचल कुछ नही बोली लेकिन उसने रवि को अपने से और चिपका लिया और उसकी पीठ पर हाथ फिराने लगी.

रवि ने इसे आँचल की हाँ समझा , वो बहुत खुश हो गया ,” ओह भाभी , थैंक यू वेरी मच. मुझे शुरू से इस बात का इल्म था की आप भी मुझे चाहती हो. कल दोपहर को हम दोनो लंच के लिए बाहर जाएँगे. मैं आपको फोन में बता दूँगा टाइम और जगह के बारे में. आप बहुत सेक्सी हो भाभी , आप देखना मैं आपको कितना प्यार करूँगा.”

रवि अपनी ही धुन में मन ही मन खुश होते रहा और चिकनी चुपड़ी बातें करते रहा. अब तो साली चुद ही जाएगी मुझसे. सब अकड़ निकालूँगा तेरी तो मैं. मेरे लंड के लिए तडपेगी तू.

आँचल रवि की बातें सुनती रही पर बोली कुछ नहीं. अच्छा तो ये जनाब सोचते हैं की मैं भी इन पर मर मिटी हूँ. बहुत बड़ी तोप है इसके पास…....आँचल मुस्कुराने लगी. अभी बताती हूँ , मैं क्या चीज़ हूँ. आँचल ने रवि को टीज़ करने की सोची.

आँचल ने अपना हाथ नीचे ले जाकर रवि के पैंट की ज़िप खोल दी.

“भाभी…..ओ माय गॉड …...भाभी …..इधर नही………” आँचल की हरकत से रवि अवाक रह गया. स्लो डांस करते हुए इधर उधर देखने लगा, कोई हमें तो नही देख रहा.

आँचल ने तब तक उसकी पैंट के अंदर हाथ डाल दिया था. फिर उसने रवि के अंडरगार्मेंट के अंदर हाथ डालकर उसका लंड पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी. आँचल के नरम हाथों का स्पर्श रवि की बर्दाश्त के बाहर हो गया और आँचल के हाथ में ही उसका पानी निकल गया. आँचल ने रवि के अंडरगार्मेंट और पैंट से अपना हाथ पोंछ दिया और उसके पैंट की ज़िप लगा दी.

फिर रवि के कान में फुसफुसाई,” रवि डार्लिंग , तुम थोड़ा अपने ऊपर काबू रखना सीखो. ऐसे ही हाथ लगाने तक झड़ जाओगे तो मुझे अपना प्यार कैसे दिखा पाओगे.”

मुस्कुराते हुए आँचल रवि से अलग हो गयी और पलटकर रिया की तरफ चली गयी.

रवि झड़ने के बाद हाँफते हुए अकेला रह गया, झेंपते हुए सोचने लगा, साला आज फिर बेइज़्ज़ती हो गयी. क्या है यार ये ….जब भी मैं इसके करीब जाता हूँ मेरा पानी निकल जाता है………..फक.

आँचल ने देखा , रिया और हरप्रीत हंस हंस के बातें कर रही हैं लेकिन जस्सी वहाँ नही था. उसे थोड़ी निराशा हुई. उनके साथ ही आँचल भी बैठ गयी.

रिया ने आँचल को अकेले देखकर पूछा,” रवि कहाँ है ?”

आँचल मुस्कुराने लगी और बोली,” रवि को टॉयलेट जाना पड़ा.”

रिया को कुछ समझ नही आया , रवि टॉयलेट गया तो आँचल हंस क्यूँ रही है ?

तभी रवि आ गया और रिया से बोला , चलो अब चलते हैं.

जल्दी झड़ने से वो झेंप गया था इसलिए पार्टी से जल्दी निकलना चाह रहा था.

हरप्रीत तुरंत बोली,” ऐसे कैसे चले जाओगे. बिना डिनर किए मैं तुम लोगों को जाने नही दूँगी.”

फिर हरप्रीत ने रिया का हाथ पकड़ लिया और बाहर गार्डेन में ले गयी , वहाँ डिनर की व्यवस्था थी.

डिनर करते समय जस्सी भी उनके पास आ गया . और उनकी इधर उधर की बातें होने लगी.

फिर वो रवि से बोला, “चलो घूमने चलते हैं पहाड़ों में. टिंबर ट्रेल आओगे तुम दोनो , हरप्रीत और मेरे साथ ?”

रिया हिचकिचाई और बोली,” आँचल मेरे घर आई है और इसको छोड़कर मैं कैसे घूमने जा सकती हूँ ?”

रवि तुरंत बोल पड़ा,” भाभी को भी साथ ले चलेंगे. क्यूँ भाभी ?”

आँचल ने जवाब दिया,” मैं सुनील से कहूँगी की वो एक दिन पहले चंडीगढ़ आ जाए फिर हम सब साथ चलेंगे.”

जस्सी बोला,” ठीक है फिर. मैं तीन रूम्स बुक करवा दूँगा.परसों चलेंगे.”

टिंबर ट्रेल चंडीगढ़ से लगभग 35 km की दूरी पर हिमाचल प्रदेश में एक छोटा सा हिल स्टेशन है.

डिनर के बाद रवि , रिया और आँचल को घर तक पहुँचा आया.

सोने के लिए , आँचल को रिया अपने बेडरूम में ले गयी. दोनो ने अपने कपड़े बदलकर नाइटी पहन ली और पार्टी के बारे में बातें करने लगीं.
 
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आँचल और रिया दोनों बेड में लेट कर पार्टी की बातें करने लगीं. आँचल ने रिया से जस्सी और हरप्रीत के बारे में पूछा.

रिया ने बताया , “जस्सी लोकल पॉलिटीशियन का बेटा है और फैशन फोटोग्राफी करता है. उसकी मंगेतर हरप्रीत एक बिजनेसमैन की बेटी है , दोनों ही पैसेवाले लोग हैं. “

“जस्सी के बारे में थोड़ा और बताओ ना.”

” जस्सी के बारे में मैं ज़्यादा नही जानती , वो रवि का फ्रेंड है. स्कूलिंग के बाद वो लंदन चला गया था. लेकिन मैं हरप्रीत को अच्छे से जानती हूँ क्यूंकी वो कॉलेज में मेरे साथ थी. अभी दो दिन पहले तो सगाई हुई है उसकी. ”

सगाई की बात सुनकर आँचल मुस्कुराने लगी,” इसका मतलब हरप्रीत अभी जस्सी से चुदी नही है.”

आँचल की बात से रिया थोड़ी चौंकी , फिर हंसने लगी. मुँह बनाते हुए उसने आँचल को एक मुक्का मारा,” यू ठरकी गर्ल !!! …….जब पार्टी में हरप्रीत से मेरी बातें हुई थी तो मैंने उससे यही पूछा था. “

“बताओ ना , क्या कहा उसने …?”

“ तुम्हारा गेस सही है. अभी नही चुदी है. जस्सी बहुत पीछे पड़ा था उसके लेकिन हरप्रीत ने अभी दी नही उसको. शादी के बाद ही दूँगी बोला है.”

ऐसा कहकर रिया ज़ोर से हंस पड़ी , साथ में आँचल भी हंसने लगी.

फिर रिया आँचल की ओर देखते हुए बोली,” बहुत तड़प आ रही है तुमको, लगता है अभी से जीजाजी को मिस कर रही हो.”

रिया ने प्यार से आँचल के चेहरे को अपने हाथों में पकड़ा और उसके रसीले होठों का चुंबन ले लिया. आँचल ने भी रिया को चूम लिया. अब बातें करना छोड़कर दोनों की चुम्मा चाटी शुरू हो गयी.

रिया ने आँचल के गुलाबी गालों को चाट चाटकर उसका चेहरा अपनी लार से गीला कर दिया. आँचल की उत्तेजना बहुत बढ़ गयी , उसकी चूत से रस बहने लगा. उत्तेजित होकर आँचल रिया की नाइटी खोलने की कोशिश करने लगी.

फिर आँचल ने रिया की नाइटी खोल दी , उसने ब्रा नही पहनी थी. आँचल ने देखा रिया की चूचियों पर और नीचे जांघों के अंदरूनी भाग पर कुछ लाल रंग के निशान बने हुए हैं. आँचल तुरंत समझ गयी चुदाई के समय काटने के निशान हैं.

“रिया , ऐसे प्यार करता है रवि तुम्हें ? तुम्हारे बदन में हर जगह निशान बना दिए हैं.”

रिया पहले थोड़ा हिचकिचाई , फिर बोली,” नही……….... रवि नही…..”

“तो फिर कौन …?”

रिया फिर से हिचकिचाई और धीरे से बोली,” तुम्हारे ससुरजी……..”

रिया की बात सुनकर आश्चर्य से आँचल की आँखें फैल गयीं.

“क्या …? मेरे ससुरजी…..?” आँचल हैरान होते हुए बोली.

“तुम्हें याद है दीदी , उस रात को लिविंग रूम के दरवाज़े से हमने देखा था की कैसे तुम्हारे ससुरजी सुनीता को चोद रहे हैं. कितनी जबरदस्त चुदाई की थी उन्होने. उननग्ज्ग…………..मैं भी उनके बड़े लंड को अपने अंदर फील करना चाहती थी , इसलिए अगली रात को मैंने उन्हे चोदने दिया………………..उन्न्ह…….दीदी…………….उनम्म्म………... आई ऍम सॉरी दीदी , अगर तुम्हें बुरा लगा तो……….” रिया धीमी आवाज़ में बोली. ससुरजी के साथ बिताई रातों को याद करके उसकी चूत से रस बहने लगा और उसकी कच्छी गीली हो गयी.

“तुमने…………..उनम्म्ममम………..तुमने ससुरजी को चोदने दिया………...उनम्म्म……....” उत्तेजना से काँपती आवाज़ में आँचल बोली.

“ओह्ह दीदी, तुम्हारे ससुरजी बहुत माहिर खिलाड़ी हैं………………..उम्म्म्म……………उनका लंड तो खंबा है दीदी………………..ओह्ह दीदी…………….उनके साथ चुदाई में इतना मज़ा आया , मैं बता नही सकती………………………उनम्म्ममम……..”

रिया ने देखा ससुर की बातों से आँचल उत्तेजित हो रही है , और बिल्कुल भी नाराज़ नही है तो वो भी बिना हिचकिचाहट के जो हुआ खुलकर बताने लगी.

फिर रिया ने आँचल की नाइटी उतार दी , आँचल ने भी ब्रा नही पहनी थी. आँचल की गोरी बड़ी चूचियों को खुली हवा में साँस लेते देख रिया उन पर टूट पड़ी. दोनों हाथों में पकड़कर वो आँचल की चूचियों को चूसने और काटने लगी.

फिर रिया ने आँचल की पैंटी को उतारना चाहा तो पाया की पैंटी तो पूरी गीली हो रखी है. आँचल की पैंटी उतारते हुए रिया ससुरजी के साथ बिताई तीन रातों का किस्सा सुनाने लगी. आँचल की फूली हुई चूत को जीभ लगाकर चाटने लगी. आँचल की तनी हुई क्लिट को रिया अपनी जीभ से छेड़ने लगी. चूत चटवाने में आँचल को बहुत मज़ा आता था , आनंद से उसकी आँखें बंद हो गयी.

“ओह्ह ……………...आआहह………………………………..उम्म्म्मममम……………..” आँचल सिसकारियाँ लेने लगी.

“ आँचल , तुम्हारा ससुर तो पक्का चुदक्कड़ है . मुझे अपनी गोद में बिठाकर इतना चोदा ना उसने …”

“आआहह…………...उफफफफफ्फ़…………..उनन्नज्ग………….” आँचल सिसकते रही.

“आँचल दीदी, तुम्हारे ससुर का लंड इतना बड़ा था और मेरी छोटी सी चूत का क्या बुरा हाल किया उसने, पूरी फैला दी…………………....इतना मज़ा मुझे कभी नही आया……………… ………. तीन रातों तक ससुरजी ने मुझे कितनी बार सोफे में चोदा. ना जाने कितनी बार झड़ी मैं………………उफफफ्फ़…………”

रिया ससुरजी के साथ चुदाई का किस्सा सुनाते रही और आँचल की चूत और चूचियों को चूसते रही.

चुदाई की बातों से आँचल बहुत गरम हो गयी, रिया के चूत चाटने से सिसकारियाँ लेते हुए आँचल को ओर्गास्म आ गया और चूत से रस बहाते हुए वो झड़ने लगी.

“आआहह……………....ओइईईईई……………..माआअ………………ओह………………आआअहह……….”

फिर रिया पीठ के बल लेट गयी और आँचल से बोली,” तुमने बहुत मज़े ले लिए , अब मज़ा लेने की बारी मेरी है.”

रिया की रस टपकाती चूत पर आँचल ने मुँह लगा दिया. अब आँचल रिया की चूत चाटने लगी और रिया मज़े लेते हुए ससुर के किस्से सुनाते रही. रिया और ससुर की चुदाई के किस्से सुनते हुए आँचल ने रिया को भी ओर्गास्म दिला दिया.

झड़ने के बाद संतुष्ट होकर आँचल और रिया एक दूसरे की बाँहों में नंगी ही सो गयीं.

सुबह जब नींद खुली तो रिया बोली ,” आँचल सच बताना , ससुरजी ने तुम्हें चोदा है या नही ?”

“नही…..”

“मुझे तो विश्वास ही नही होता. इतना चोदू आदमी है वो. मुझे दूसरे ही दिन चोद दिया उसने. और तुम्हें तो वहाँ एक साल से भी ज़्यादा हो गया है. तुम अब तक बची कैसे हो उससे ?”

ऐसा कहते हुए रिया ने आँचल के होंठ चूस लिए , फिर से उन दोनों की चुम्मा चाटी शुरू हो गयी.

फिर आँचल की चूत में उंगली करते हुए रिया बोली,” क्या तुम्हारे ससुर ने अभी तक अपने मोटे लंड को यहाँ नही घुसाया है……………?”

“उम्मन्णन…………….नही रिया………उफफफ्फ़………..” सिसकारियाँ लेते हुए आँचल बोली.

अब रिया आँचल की चूत में तेज़ी से तीन उंगलियाँ चलाने लगी.

“क्या तुम चाहती हो की वो अपने खंबे जैसे लंड से तुम्हें चोदे …………?”

“हाँ ……………..उफफफ्फ़……………….... हाँ मुझे उनका खंभा चाहिए…………….उफ़फ्फ़…………..ओह……………....आआहह………..” और ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए आँचल झड़ गयी.

उत्तेजना में आँचल बेशर्म हो गयी, “ रिया , मुझे बड़े लंड अच्छे लगते हैं. जब मैं वापस देल्ही जाऊँगी ना , तो ससुरजी को सिड्यूस करके उनका खंभा लूँगी.”

झड़ने के बाद थोड़ी देर तक दोनों लड़कियाँ बेड पर लेटी रहीं. फिर कपड़े पहनकर नाश्ता करने चली गयीं.
 

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