Adultery आँचल की अय्याशियां

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आँचल
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उस दिन शाम को बंसल 7:30 पर आँचल के पापा के घर पहुँच गया. वहाँ से आँचल को उसके साथ 5 स्तर होटेल जाना था जैसा की ख़ान के साथ डिसाइड हुआ था.

आँचल अपने कमरे में तैयार हो रही थी. बंसल ड्राइंग रूम में उसके मम्मी पापा के साथ बैठा था.

तभी उसकी मम्मी ने आवाज़ लगाई ,” रामू यहाँ आओ.” और फिर उससे बंसल के लिए चाय लाने को कहा.

बंसल ने मन ही मन सोचा, तो ये है मैडम का नौकर रामू जिससे उस दिन मैडम चुदवा रही थी. अगर उसका नौकर उसे चोद सकता है तो फिर मैं क्यूँ नही चोद सकता. बंसल के मन में आँचल को चोदने की इच्छा बढ़ने लगी.

बंसल चाय पी रहा था तभी वहाँ आँचल आ गयी. उसे देखकर बंसल का मुँह खुला रह गया वो कयामत लग रही थी. उसने गहरे नीले रंग की शिफ्फॉन साड़ी और एक पतला स्ट्रैप वाला ब्लाउज पहन रखा था. साड़ी उसने नाभि से थोड़ा नीचे पहनी थी. जब वो बंसल के सामने सोफे पर बैठी तो उसके बड़े बूब्स ब्लाउज से झाँकने लगे. उसने ब्रा नही पहनी थी.

बंसल सोचने लगा, आहा…आज की शाम तो बहुत मज़ेदार होने वाली है.

कार में बैठते समय बंसल बोला,” मैडम आज आप बहुत ही खूबसूरत लग रही हैं.”

आँचल मुस्कुराते हुए “ थैंक यू “ बोली और कार चलाने लगी.

इससे बंसल की हिम्मत बढ़ गयी और उसने अपना हाथ आँचल के कंधे में रख दिया. लेकिन आँचल ने उसको घूरा तो उसने अपना हाथ हटा लिया.

वो टाइम से थोड़ा पहले होटेल पहुँच गये. वहाँ एक सोफे में बैठने के बाद बंसल ने अपने लिए व्हिस्की मंगाई. और वो दोनो ख़ान का इंतज़ार करने लगे. आँचल ने अपने लिए एप्पल जूस ऑर्डर किया.

थोड़ा ड्रिंक करने के बाद बंसल की हिम्मत बढ़ने लगी वो आँचल से सटते हुए बोला,” मैडम आपने बताया नही उस दिन आप कौन सी ब्लू फिल्म देख रही थीं.”

आँचल ने झल्लाकर गुस्से मे जवाब दिया,” अब बस भी करो मिस्टर बंसल , हर बार वही बात…”

“ज्यादा चालाक मत बनो मैडम , मुझे सब पता है की कौन सी ब्लू फिल्म थी और कौन सा रामू …” कहते हुए बंसल ने अपने बाँह आँचल के कंधों में डाल दी और उसको अपने नज़दीक खींचा. आहा…साली ने क्या मादक परफ्यूम लगाया है.

आँचल ने उसको घूरा लेकिन बंसल पर कोई असर नही हुआ.

“मैंने सब टेप कर लिया है, तेरी चुदाई की आवाज़ें, रामू के साथ. अगर तूने मेरे को भाव नही दिया तो मैं वो टेप सुनील साब को दे दूँगा.” बंसल ने झूठ बोलते हुए कहा.

आँचल डर गयी , सुनील को पता लग गया तो ….
वो धीमे से बोली,” नही नही , प्लीज़ मिस्टर बंसल ऐसा मत करना.”

“ये ले थोड़ा व्हिस्की पी, डर मत, मैं हू ना तेरे साथ.” कहते हुए बंसल ने गिलास उसके होठों पर लगा दिया.
“प्लीज़ नही, मैं नही पीती.” आँचल ने गिलास अपने होठों से हटाया.

“अरे नखरे छोड़ और पी, नही तो …” बंसल ने धमकाते हुए गिलास फिर से उसके होठों पर लगाया.

आँचल ने एक घूँट पिया और गंदा सा मुँह बनाया. अब बंसल ने आँचल की कमर में हाथ डाल दिया और उसको एक एक घूँट करके व्हिस्की पिलाता रहा.

फिर बंसल अपना चेहरा आँचल के चेहरे के नज़दीक़ लाया ओए उसके चिकने गालों को काटते हुए बोला,” कभी हमें भी तो मौका दो मैडम , हम भी आपकी प्यास बुझा सकते हैं. आपका पति बाहर गया हुआ है इसलिए आपकी चूत में तड़पन आ रही होगी.”

फिर आँचल का हाथ अपने पैंट के उपर रखते हुए बोला,” ये पकड़ो और देखो की मेरा लंड तुम्हारी चूत में जाने के लिए कितना तड़प रहा है.”

फिर बंसल ने एक और व्हिस्की लाने के लिए वेटर को ऑर्डर दिया और आँचल का हाथ अपने तंबू में दबाए रखा.

आँचल ने वेटर की नज़रें अपने हाथ पर देखी तो उसको ह्युमिलिटेड फील हुआ.
बंसल और कुछ करता तभी ख़ान आ गया.

आँचल को मौका मिल गया. उसने झट से खड़े होकर ख़ान को विश किया और उसके बगल वाली सीट में बैठ गयी.

बंसल ने उसको घूरा लेकिन ख़ान के सामने अब उसकी कुछ चलने वाली नही थी.

लेकिन आँचल के लिए एक से पीछा छूटा तो दूसरा आ गया वाली बात साबित हुई. बातचीत करते हुए ख़ान ने अपनी बाँह उसके कंधों पर रख दी. और कहने लगा,” मुझे मिस्टर ख़ान मत कहो साजिद कहो और मैं तुम्हे मिसेज जोशी की बजाय आँचल कहूँगा.”

आँचल की मादकता का असर ख़ान पर होने लगा और वो बातों बातों में उसकी गर्दन और पीठ में हाथ फिराते हुए उसके बदन को छूने लगा.

दिन में आँचल से मुलाकात के बाद ख़ान ने सना को चोदा था पर उस समय भी उसके मन में आँचल ही समाई हुई थी. सना को तो वो जब चाहे तब चोद सकता था. सना सेक्सी थी लेकिन मॉडलिंग और एक्टिंग के लिए फिगर फिट रखने के लिए वो डाइटिंग करती थी. ख़ान सोचने लगा आजकल की ये लड़कियाँ फिल्मों में तो अच्छी लगती हैं लेकिन चोदते समय हड्डी जैसी लगती हैं , लेकिन आँचल तो गदरायी हुई मांसल बदन वाली है , इसको चोदने में तो बहुत ही मज़ा आएगा.

सामने बैठ बंसल आँचल को और उसके बदन को देखने के सिवा कुछ नही कर पा रहा था. ख़ान मज़े मज़े से इसको टच कर रहा है पीठ गर्दन पर हाथ फेर रहा है. बंसल कुढ़ता रहा. जो व्हिस्की उसने आँचल को पिलाई थी अब उसका भी कुछ असर होने लगा था, तभी वो ख़ान की हरकतों का कुछ विरोध नही कर पा रही थी.
बंसल ने सबके लिए एक पैग ड्रिंक और मंगवा ली , आँचल को भी पीनी पड़ी.

उस होटेल में एक बैंड अपना म्यूज़िक दे रहा था.
आँचल को ख़ान ने पकड़ा और डांस फ्लोर पर ले गया. आँचल को अपने से चिपकाए ख़ान उसके साथ डांस करने लगा. आँचल को महसूस हुआ ख़ान अपना खड़ा लंड उसके चिकने पेट में रगड़ रहा है. उसके हाथ आँचल की पीठ और नितंबों पर घूम रहे थे.

पहले बंसल के और अब ख़ान के अपने बदन में इतना ज़्यादा हाथ फिराने से अब आँचल भी गरम होने लगी. ख़ान तो वैसे भी हाइ सोसाइटी की औरतों के ही संपर्क में रहता था उसे मालूम था कैसे और कहाँ टच करना है. डांस करते हुए उसने अपने दोनो हाथ आँचल के उभरे हुए नितंबों में रख दिए और उन्हे मसलने लगा. उत्तेजना से आँचल को अपनी पैंटी चूतरस से गीली होती महसूस हुई.

फिर ख़ान ने अपना चेहरा झुकाया और आँचल के नरम रसीले होठों का हल्का सा चुंबन ले लिया. आँचल की सिसकारी निकल गयी. आँचल को सिसकारी लेते देखकर ख़ान ने अब अपने होंठ उसके होठों से चिपका दिए और उन्हे ज़ोर से चूसने लगा. और फिर जीभ आँचल के मुँह में घुसाकर उसे चूमने लगा.

तभी बैंड ने अपना म्यूज़िक बंद कर दिया. ख़ान आँचल को वापस टेबल पर ले आया.
बंसल ये सब देख देखकर कुढ़ रहा था और अपनी बारी के लिए मरा जा रहा था. उसने एक और पैग ड्रिंक मंगाया और आँचल की हालत देखकर ख़ान को आँख मारी.

ख़ान आँचल के पतले ब्लाउज के बाहर से उसके बूब्स को मसल रहा था और आँचल हल्की सिसकारियाँ ले रही थी.

तभी वेटर ड्रिंक लाया और सोचने लगा पहले तो इस सेक्सी औरत से सामने वाला आदमी मज़े ले रहा था और ये उसका लंड पैंट के बाहर से पकड़े हुए थी. अब ये नया आदमी इसके बूब्स खुलेआम दबा रहा है. शायद ये दोनो इस रंडी को शेयर कर रहे हैं .

तब तक बैंड ने फिर से म्यूज़िक शुरू कर दिया. इस बार बंसल उठा और आँचल को डांस फ्लोर में ले गया. उसने भी डांस के बहाने आँचल से खूब मज़े लिए . आँचल को किस किया उसके नितंबों को मसला और पीठ पर हाथ फिराया. आँचल पर व्हिस्की और उत्तेजना का पूरा असर हो चुका था. उसकी चूत से रस टपक रहा था और उसने बंसल की हरकतों का कोई विरोध नही किया. अब वो चुदाई के लिए तड़प रही थी.

बंसल उसे वापस टेबल पर लाया तो देखा ख़ान बिल का पेमेंट कर रहा है और अपने पीछे आने का इशारा कर रहा है.

होटेल की लॉबी में आने के बाद वो रिसेप्शनिस्ट के पास गये और खान ने एक रूम बुक कराया.
 
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रूम बुक करने के बाद ख़ान ने रिसेप्शन से चाबी ली और वो तीनो लिफ्ट में आ गये. लिफ्ट में उस समय उन तीनो के अलावा और कोई नही था. बंसल ने लिफ्ट में आँचल के ब्लाउज के बाहर से ही उसके बूब्स को अपने मुँह में भर लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.

“उफ़फ्फ़…उम्म्म…मिस्टर बंसल…” आँचल सिसकी.

“बंसल ज़रा ठहर जाओ. क्या जल्दी है ? कोई देख लेगा.” ख़ान ने बंसल के उतावलेपन को देखते हुए थोड़ा नाराज़गी से कहा.

रूम मे अंदर जाने के बाद दोनो ने मादक आँचल के कपड़े उतारने में ज़रा भी देर नही की और जल्दी ही वो दोनो भी अपने कपड़े उतारकर नंगे हो गये.

ख़ान ने आँचल की चूत में हाथ लगाया, चूत को बहुत गीली देखकर उसे आश्चर्य हुआ. आँचल की चूत उभरी हुई थी और उसकी चूत के होंठ फूले और खुले हुए थे. ख़ान ने उसके तने हुए क्लिट को अपनी उंगलियों से छुआ.

“ओह्ह ….प्लीज़ चोदो ….चोदो मुझे…” आँचल ज़ोर से सिसकी.

आँचल को गीली और चुदाई के लिए तैयार देखकर ख़ान ने फोरप्ले में टाइम वेस्ट नही किया. वो सोफे में बैठ गया और आँचल को अपनी गोद में मुँह आगे को करके बिता दिया. आँचल की पीठ उसकी छाती की तरफ थी. फिर उसने आँचल की दोनो टाँगे आपस में मिलाकर ऊपर को उठा दी. और अपने खड़े लंड को आँचल की तड़पती चूत में डाल दिया. आँचल को घुटनो से पकड़कर उसने थोड़ा ऊपर को उठाया और अपना लंड चूत के अंदर घुसाया.

“आहह…उहह……” आँचल चिल्लाई , ख़ान के मोटे लंड ने उसकी टाइट चूत की दीवारों को पूरा स्ट्रेच कर दिया.

“उफफफ्फ़…..चोदो ज़ोर से चोदो …मिस्टर ख़ान……” आँचल सिसकी. ड्रिंक के असर से अब उसकी शरम हया बिल्कुल खत्म हो चुकी थी.

फिर उसने आँख खोली तो देखा बंसल उसे चुदते देखकर लार टपका रहा है और अपने लंड में मूठ मार रहा है.
बंसल को अपनी चुदाई देखकर , मूठ मारते देख आँचल बहुत ही उत्तेजित हो गयी और उसे एक के बाद एक जबरदस्त ओर्गास्म आ गये. और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए कई बार झड़ गयी.
“आहह……ओह्ह …..ऊऊहह….उूउउन्न्नगगगगगग…..ऊऊहह………..”

आँचल को ओर्गास्म के आनंद में डूबकर ज़ोर से सिसकारियाँ लेते देखकर ख़ान थोड़ी देर रुक गया. जब उसका ओर्गास्म खत्म हो गया तो फिर ख़ान ने तेज तेज स्ट्रोक लगाने चालू किए. चूत में पड़ते तेज धक्कों से आँचल के बड़े बूब्स ऊपर नीचे हिलने लगे. आँचल फिर से सिसकारियाँ लेने लगी. आँचल की जबरदस्त चुदाई देखकर और उसकी सिसकारियों को सुनकर बंसल उत्तेजना से भर उठा और मूठ मारते हुए उसने अपना सारा वीर्य आँचल के बूब्स में गिरा दिया.

तभी आँचल को दूसरी बार ओर्गास्म आ गया और सिसकारियाँ लेते हुए वो एक बार और झड़ गयी.
“आहह…..आअहह….ऊओह…………आअहह…”

आँचल की सिसकारियों से ख़ान ने उत्तेजित होकर उसकी चूत को अपने वीर्य से भर दिया. और झड़ने के बाद ख़ान ने आँचल की टाँगों को नीचे उतार दिया.

फिर ख़ान ने अपना मुरझाया हुआ लंड आँचल की चूत से बाहर निकाल लिया और गाड़ा वीर्य आँचल की चूत से निकलकर उसकी जांघों में बहने लगा.

ख़ान ने आँचल को गोद में उठाया और बेड में लिटा दिया,” साली की चूत बहुत टाइट और मस्त है.”

“साजिद भाई , जब आप इसे चोद रहे थे , तो ये मुझे किसी हीरोइन से कम नही लग रही थी. इसके साथ तो आपको कोई पॉर्न मूवी बनानी चाहिए.” बंसल ने कहा.

फिर आँचल की जांघों और चूत से वीर्य को उसके बूब्स और चेहरे में मलते हुए बोला,”देखो साली क्या मादक चीज़ लगती है, इसके अंग अंग से मादकता छलकती है. अगर अभी कैमरा होता तो ज़रूर इसका फोटो लेता.”
[उन दिनों कैमरा वाले मोबाइल फोन नही थे.]

“हाँ बंसल , इसे तो ज़रूर पॉर्न मूवी में लेना चाहिए , पर फिर कभी. अभी तो इसकी चूत का सारा रस निकालना है.” ख़ान बोला.

फिर उसने अपना मुरझाया हुआ लंड आँचल के मुँह में लगाया और बोला, “ चूस इसे.”

आँचल ने तुरंत अपना मुँह खोलकर उस मुरझाए हुए लंड को अंदर ले लिया. लंड चूसने में वो अब माहिर हो चुकी थी. कुछ ही देर में चूस चूसकर उसने ख़ान का लंड फिर से खड़ा कर दिया. और लंड चूसते हुए वो ख़ान की गोलियों को हाथ से सहलाने लगी.

“आहह…ओह्ह ….साली क्या चूसती है…आअहह…” मज़े लेते हुए ख़ान सिसका.

ख़ान को मज़े से सिसकारियाँ लेते हुए देखकर आँचल रोमांचित हुई और फिर वो उसको गोलियों को चूसने लगी.

“क्या तेरे पति ने तुझे ऐसा मस्त चूसना सिखाया है ?” ख़ान ने पूछा.

आँचल ने फिर से ख़ान के लंड को मुँह में लेते हुए धीरे से कुछ अस्पष्ट सा जवाब दिया जिसे कोई सुन नही पाया. उसे लंड चूसना और बड़े लंड से चुदवाना अच्छा लगता था. और वो मज़े से ख़ान का लंड चूसते रही.
आँचल को मज़े से ख़ान का लंड चूसते देखकर बंसल का झड़ा हुआ लंड भी तनने लगा. वो आँचल की चुदाई करने को मरा जा रहा था पर ख़ान के सामने उसकी कोई औकात नही थी.

ख़ान भी दोबारा झड़ने के करीब था. उसने आँचल के मुँहसे अपना लंड हटा लिया और आँचल की गांड के नीचे एक तकिया रख दिया. फिर उसकी टाँगें उठाकर अपने कंधों पर रख ली.
और एक हाथ से लंड पकड़कर आँचल की चूत के होठों पर रगड़ते हुए बोला,” चोदूँ तुझे ?”

आँचल चूत से रस बहाते हुए बोली,” हाँ साजिद , ज़ोर से चोदना, बहुत मज़ा आएगा.”

उसकी बात सुनकर ख़ान ज़ोर से हंसा और अपने लंड से चूत के होठों पर थप्पड़ मारने लगा.

और उसे तड़पाने लगा. आँचल ने लंड अंदर लेने के लिए अपनी गांड ऊपर को उठाई. ख़ान उसे तड़पाते रहा.

“साजिद…उन्हउन्ह …..तड़पाओ नही प्लीज़…….चोदो ना मुझे…..ज़ोर से चोदो …प्लीज़ साजिद…” आँचल फ्रस्ट्रेशन से चिल्लाई. ख़ान अपना लंड उसकी चूत के होठों पर रगड़ता रहा पर अंदर नही डाला.

“देख बंसल , कैसे लंड अंदर लेने को गांड उठा रही है .” ख़ान उसे तड़पाते हुए बोला.

बंसल भी अपना खड़ा लंड हाथ में पकड़कर आँचल के मुँह के पास आ गया. आँचल ने देखा बंसल अपना छोटा लेकिन मोटा लंड उसके मुँह के पास ले आया है. वो उत्तेजना से तड़प रही थी उसने अपना मुँह खोल दिया. और छप छप करके मोटे बंसल का लंड चूसने लगी. और ख़ान का लंड लेने को अपनी गांड भी ऊपर को उछालती रही.

बंसल अब आँचल को अपना लंड चूसते देख बहुत खुश था. साली को पटाते पटाते आफ़त आ गयी. थप्पड़ भी खाना पड़ा. लेकिन आख़िर में जीत तो मेरी हुई. आख़िर जाल में तो फँस ही गयी ये साली. ये सब सोचते हुए वो आँचल के खूबसूरत चेहरे और बालों पर हाथ फिराने लगा.

बंसल को मज़े लेते देख ख़ान ने एक ज़ोर का झटका मारा और लंड आँचल की चूत में घुसा दिया.

“आहह…..उम्म्म…ओइईईई…माआअ…” आँचल का पूरा बदन झटके से हिल गया और बंसल का छोटा लंड उसके मुँह से फिसल कर बाहर आ गया.

फिर ख़ान उसे जोरदार धक्कों से चोदने लगा.
“हाँ साजिद … ओह्ह माआ…..चोदो मुझे…ऐसे ही ज़ोर से चोदो….” जोरदार चुदाई से खुश होकर आँचल सिसकारियाँ लेने लगी.

बंसल का सब मज़ा खराब हो गया. उसने फिर से आँचल के मुँह में अपना लंड डालने की कोशिश की लेकिन ख़ान आँचल को इतनी ज़ोर से चोद रहा था की उसका पूरा बदन ऊपर नीचे हिल जा रहा था. इससे बंसल का लंड आँचल के मुँह में जा ही नही पा रहा था. बंसल ने मन मसोस कर सोचा थोड़ा इंतज़ार और सही , कभी ना कभी तो मेरी बारी भी आएगी.

“ये ले साली , ये ले और ले.” ख़ान ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाता रहा और आँचल का पूरा बदन हिलते हुए उसके बड़े बूब्स भी उसकी छाती में हर धक्के के साथ आगे पीछे को हिलने लगे.

“उहह…माआ…बहुत मज़ा आ रहा है…..चोदो और ज़ोर से …उईईई…माआ…” जबरदस्त चुदाई के मज़े लेती हुई आँचल झड़ने लगी.

बंसल अपने लंड में मूठ मारते हुए आँचल की जबरदस्त चुदाई देख रहा था. उसके लिए ये सब सपने जैसा था की कैसे उसकी बॉस इतना मज़े से चुदवा रही है , वो पूरी तरह से कामोन्माद में डूबी हुई थी और मज़े ले रही थी. अपनी बॉस को इतने मज़े में चुदवाते देखकर कुछ देर के लिए वो मंत्रमुग्ध सा हो गया. फिर उसने मूठ मारना बंद कर दिया , एक बार और झड़ गया तो फिर चुदाई के मज़े नही ले पाऊँगा.

अब ख़ान आँचल को हवा में उठा कर चोदने लगा. सिर्फ़ आँचल का सर और थोड़ी सी पीठ का हिस्सा बेड को छू रहे थे. ख़ान तेज़ी से धक्के लगाने लगा.

“आहह…ओह्ह …उईईईईईईईईई…” आँचल चूत पर पड़ते धक्कों की मार से सिसकी.

ख़ान पसीने से लथपथ हो चुका था, मांसल गदरायी हुई आँचल को उठाकर चोदने से उसकी बहुत ताक़त लग रही थी. उसने आँचल की टाँगे छोड़ दी और उसे बेड पर गिरा दिया. ख़ान का खड़ा लंड आँचल की चूत से बाहर निकल आया. थकान से चूर होकर ख़ान आँचल के बगल में गहरी साँसे लेते हुए गिर पड़ा.
 
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ख़ान के आँचल के बगल में लेटने के बाद बंसल को मौका मिल गया. उसने आँचल को बेड के किनारे तक खींचा और उसकी टाँगे उठाकर अपना छोटा लेकिन मोटा लंड आँचल की चूत के फूले हुए होठों के अंदर डाल दिया और उसे चोदने लगा.

आँचल ख़ान की जबरदस्त चुदाई से थक चुकी थी. वो मदहोशी में बंसल को अपनी चुदाई करते देखती रही. बंसल के छोटे लंड से चुदाई में उसे कुछ मज़ा नही आ रहा था. लेकिन बंसल आँचल को चोदने में बहुत खुश था और कुछ ही देर में झड़ गया. अपने लंड से वीर्य की कुछ बूंदे आँचल की चूत में गिराकर वो मोटा आँचल के ऊपर ही ढेर हो गया. आँचल मोटे के वजन से दब गयी. उसने धक्का देकर बंसल को अपने ऊपर से हटा दिया.

ख़ान अपना लंड धीरे धीरे हिलाते हुए मज़े से ये सब देख रहा था. बंसल के झड़ने के बाद वो उठने लगा.
ख़ान को फिर से अपने ऊपर आते देख आँचल बोली,” बस …अब और नही…..मेरी फट जाएगी…”

ख़ान ने आँचल के विरोध को नज़रअंदाज़ कर दिया और बेड में बैठकर आँचल को अपनी तरफ खींचा. उसने आँचल को पेट के बल लिटाकर उसके नितंबों को अपनी गोद में रख लिया.

आँचल को अपनी जांघों में ख़ान का तना लंड रगड़ ख़ाता महसूस हुआ, उसकी समझ में नही आया ख़ान करना क्या चाहता है ?

तभी ख़ान ने उसके एक नितंब पर ज़ोर का थप्पड़ मारा , फिर कुछ पल रुककर दूसरे नितंब पर थप्पड़ मारा. ऐसे करके वो बारी बारी से दोनो नितंबों पर थप्पड़ मारने लगा.

“आअहह….ओह…ओइईईईईईईईईई………मुझे क्यूँ मार रहे हो ? ….ओइईई…” आँचल ज़ोर से चिल्लाई.
उसके नितंबों में थप्पड़ मारने से लाल निशान पड़ गये थे.

“आँचल जी , आपको इसलिए मार रहा हूँ की अगर आपने मेरा ब्याज़ लेट दिया या लोन टाइम पर वापस नही किया तो मैं आपको आपके पति के सामने ऐसे ही मारूँगा. समझी आँचलजी…” ख़ान ने जवाब दिया.

दर्द से आँचल की आँखो में आँसू आ गये. ख़ान थप्पड़ मारते हुए बीच बीच में उसकी क्लिट को अपनी उंगलियों से मसलने लगा.

आँचल दर्द से चिल्लाती रही. उसने देखा की बंसल उसे मार खाते हुए देख रहा है. इससे अचानक उसको उत्तेजना आने लगी और उसकी चूत गीली होने लगी. और उसकी चीखें अब सिसकारियों में बदल गयी. बंसल को अपनी तरफ देखते हुए पाकर आँचल को ह्युमिलिटेड फील हुआ लेकिन वो एक अजीब से रोमांच भरे आनंद में नितंबों पर थप्पड़ खाते हुए अपना बदन हिलाने लगी.

“साली को इसमे भी मज़ा आ रहा है. लगता है इसके पति ने इसे बहुत तडपाया है.” बंसल की तरफ देखते हुए ख़ान बोला.

“आ…..आहह…..चोदो मुझे साजिद…..प्लीज़ चोदो….” आँचल सिसकी. अब उत्तेजना से उसकी चूत गीली होकर लंड के लिए तड़प रही थी.

ख़ान ने थप्पड़ मारना बंद कर दिया और आँचल को अपनी गोद में बिठा लिया. फिर आँचल के बूब्स को ज़ोर से पकड़कर उसे थोड़ा ऊपर उठाया और अपना लंड उसकी तड़पती चूत में डाल दिया.

“आहह…….” ख़ान के मोटे लंड से अपनी चूत के स्ट्रेच होते ही आँचल सिसकी.

अब ख़ान ने आँचल के नितंबों को टाइट से पकड़ा और आँचल को अपने लंड पर उछालने लगा. इस पोज़ में लंड आँचल की चूत में बहुत गहराई तक घुस जा रहा था.

“आहह…………..उन्न्ञनह….ऊऊहह……” आँचल दर्द भरी सिसकारियाँ लेने लगी. उसके नितंब थप्पड़ मारे जाने से दर्द कर रहे थे और ख़ान उनको टाइट पकड़कर उसे लंड पर उछालकर चोद रहा था.

चोदते हुए ख़ान आँचल के बूब्स को दाँतों से काटने लगा.

“उहह…..साले ….आअहह……चोद मुझे……..” आँचल उत्तेजना में सिसकते हुए ख़ान को गालियाँ देने लगी. फिर उसको एक के बाद एक कई ओर्गास्म आ गये और वो ख़ान की गोद में उछलते हुए झड़ गयी.

अब आँचल में बिल्कुल भी ताक़त नही बची थी और वो ख़ान की छाती में सर टिकाकर पस्त पड़ गयी. जितने मज़े उसने लेने थे वो ले चुकी थी अब वो चाहती थी कि ख़ान झड़ जाए और उसकी चूत की बेरहम रगड़ाई बंद हो.

लेकिन ख़ान लगातार उसे चोदता रहा. आँचल को अब चूत में दर्द होने लगा था. वो चिल्लाई,” आह …बस करो…..ख़ान अब और नही…प्लीज़…..बस करो…” और वो निढाल होकर ख़ान के ऊपर लुढ़क गयी.

ख़ान को रोकने के लिए वो बोली,” अब मैं चूसूंगी …”

आँचल के निढाल पड़ जाने से ख़ान को अब उसे गोद में उछालना मुश्किल हो गया. उसने आँचल को सामने लिटा दिया और उसकी छाती के दोनो तरफ पैर रखकर आँचल के मुँह में अपना लंड घुसा दिया.आँचल थक चुकी थी लेकिन ख़ान को झड़ाने के लिए उसने तेज़ी से लंड चूसना शुरू कर दिया. वरना वो फिर उसकी दर्द करती चूत चोदने लग जाएगा. थोड़ी ही देर में आँचल ने चूस चूसकर ख़ान का पानी निकाल दिया.

ख़ान ने आँचल का सर पकड़े रखा और पूरा वीर्य उसके मुँह के अंदर ही निकाल दिया. मुँह में वीर्य भर जाने से आँचल को अपना दम घुटता महसूस हुआ. वीर्य उसके होठों से बाहर निकलकर बहने लगा. और वो अपनी सांसो पर काबू पाने का प्रयास करने लगी.

फिर ख़ान बेड से उठा और फर्श से आँचल की साड़ी उठाकर , उस साड़ी से अपने लंड और बदन को पोछकर कपड़े पहनने लगा.

उसके बाद बंसल से बोला,” इस गरम कुतिया को घर तक पहुँचा देना.” और रूम से बाहर चला गया.

बंसल आँचल को बेड से उठाने लगा. आँचल इतना थक चुकी थी की उससे हिला भी नही जा रहा था.
वो बोली,” नही , मैं इस हालत में घर नही जा सकती. थोड़ी देर ठहर जाओ बंसलजी …” और फिर पीछे को बेड पर लुढ़क गयी और कुछ ही देर में उसे नींद आ गयी.

बंसल ने देखा, आँचल बिल्कुल नंगी बेड पर पड़ी है. उसकी चूत, जांघों, चेहरे सब जगह वीर्य लगा हुआ था. मादक आँचल को ऐसे नंगी हाथ पैर फैलाए बेड पर पड़ी देखकर बंसल का मन हुआ इस चिकनी को फिर से चोद डाले, अभी तो ये विरोध कर पाने की हालत में भी नही है.

लेकिन दो बार झड़ जाने से इस उमर में उसका लंड भी जवाब दे गया था. वो अपने कपड़े पहनकर, वहीं पर सोफे में बैठकर आँचल के नंगे बदन को देखता रहा. थोड़ी देर बाद उसने आँचल को नींद से जगाया और बेड में बिठाया.

फिर आँचल की तुड़ी मुड़ी साड़ी और कपड़े लाकर उसे दिए. आँचल ने कपड़े पहने और बंसल कार चलाकर उसे घर पहुँचा आया.
 

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