Adultery आँचल की अय्याशियां

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आँचल
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चुदाई के आनंद से तृप्त होकर आँचल रात में खूब मज़े से सोई. नींद में उसको ख़ान और उसके साथ चुदाई के सपने आए. उसने सपने में सना को भी देखा और सना और ख़ान के साथ थ्रीसम चुदाई के मज़े लिए.

सुबह जब आँचल की मम्मी उसको चाय देने आई तो उसने देखा आँचल नींद में कामुक सिसकारियाँ ले रही है. मम्मी के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी. उसने सोचा आँचल नींद में अपने पति सुनील को याद कर रही है , जिसे टूर पर गये हुए एक हफ्ते से ज़्यादा हो गया था.

मम्मी ने आँचल को हिलाया,” उठो आँचल.”

आँचल ने आँखे खोली , सामने मम्मी खड़ी थी. आँचल सपने में ख़ान और सना से थ्रीसम के मज़े ले रही थी , मम्मी ने उठा के मज़ा खराब कर दिया.
आँचल ने मुँह बनाया.

मम्मी समझ गयी , मैंने इसका सपना तोड़कर मज़ा खराब कर दिया है.
वो बोली,” आँचल तुम सुनील को फोन करके वापस क्यूँ नही बुला लेती ? ऐसा लग रहा है की तुम सुनील को मिस कर रही हो. तुम्हारा अकेले रहना ठीक नही है ख़ासकर की जब तुम्हारी शादी को ज़्यादा टाइम नही हुआ है.”

आँचल मम्मी को देखकर मुस्कुरायी और सोचने लगी, आप क्या जानो सच्चाई क्या है. मैं सुनील के नही किसी और के सपने देख रही हूँ.

आँचल ने अंगड़ाई लेते हुए सोचा, थैंक गॉड , आज सनडे है. आँचल को आराम की ज़रूरत थी. जबरदस्त चुदाई से उसकी चूत और बदन दर्द कर रहा था.

आँचल ने बाथरूम में बाथटब में बैठकर देर तक गरम पानी से नहाया.
उसके बाद आँचल ने सुनील को फोन किया,” सुनील अच्छी खबर है की हमें ख़ान से 20 लाख का लोन मिल गया है. शायद वो कल मुझे चेक दे देगा.”

सुनील ने राहत की सांस ली और बोला,” आँचल तुमने ख़ान से लोन निकलवा लिया. ये तो बहुत अच्छा हुआ. जब चेक मिल जाए तो मुझे फोन कर देना. मैं वापस आ जाऊंगा.”

आँचल ने पूरा दिन टीवी देखने, सोने, खाने पीने और अपने मम्मी पापा के साथ बात करने में बिताया. आज उसका मूड बहुत अच्छा था. उसको सेक्सुअल सैटिस्फैक्शन भी पूरा मिला था और लोन मिलने से पैसे की परेशानी भी दूर हो जाने वाली थी.

दोपहर बाद रामू उसके बेडरूम में आया तो आँचल ने उसे लौटा दिया. आज उसका रामू के साथ चुदाई का मन नही था. वो अपनी टाँगों के बीच तकिया डालकर , ख़ान और सना के बारे में सपने देखते हुए सोती रही.

अगली सुबह आँचल अच्छे मूड से फैक्ट्री पहुँची. अपने केबिन में चाय पीते हुए वो सना के बारे में सोचने लगी. सना सिर्फ़ एक फिल्म में हीरोइन बनी थी. उसके बाद की कुछ फिल्म्स में वो साइड हीरोइन बनी थी और अब उसको सिर्फ़ आइटम सॉंग्स ही मिल रहे थे. फिल्मों से ज़्यादा वो अपनी पर्सनल लाइफ से चर्चा में रहती थी. सुरू में एक बड़े हीरो के साथ रंगरेलियों के लिए और अब ख़ान जैसे बड़े फिनांसर और इंडस्ट्री के पैसे वाले लोगों के साथ रात बिताने के लिए वो चर्चा में रहती थी.

आँचल को सना और उसकी स्टाइल सेक्सी लगती थी. ख़ान से चुदते हुए सना कैसी लगेगी,इस ख्याल से आँचल को उत्तेजना आने लगी और उसकी चूत गीली हो गयी.
आँचल अपने केबिन में बैठकर यही सब सपने देखकर उत्तेजित हो रही थी की तभी बंसल उसके केबिन में आया.

“मैडम ये आपकी गोल्ड चैन , रात को मैं आपको पहनाना भूल गया था.”

आँचल एकदम से झेंप कर शरमा गयी. उसे याद आया की बंसल ने रात में कपड़े पहनने में उसकी मदद की थी. अब उसे उस बात को याद करके बहुत शरम आई.

आँचल को शरमाकर लाल होते देखकर बंसल बोला,” मैडम, कैसा लगा आपको ख़ान ? बहुत बड़ा है ना ?”

“उंगग….हाँ …” ख़ान के बड़े लंड और उससे अपनी चूत की रगड़ाई को याद करते हुए आँचल ने जवाब दिया.

“मैडम, उसने बहुत सी औरतों को चोदा है. कई एक्ट्रेस को भी.” बंसल आँचल के करीब बैठते हुए बोला और आँचल के चेहरे को अपने हाथों से सहलाने लगा.
आँचल ने बंसल की हरकतों को नज़रअंदाज़ कर दिया और कोई विरोध नही किया. वो जानती थी भले ही बंसल उसका मैनेजर है लेकिन अब वो उसे पहले जैसे डांट नही सकती.
बल्कि अभी अपने केबिन में बैठकर वो ख़ान और सना के ही बारे में सोचकर उत्तेजित हो रही थी. वो बंसल से ख़ान के कारनामो के बारे में और जानना चाहती थी.

“उनन्नज्ज्ग…..…बंसल जी सच कह रहे हो आप ? बहुत सी हीरोइन्स के साथ…?” आँचल ने झिझकते हुए पूछा.

आँचल के गोरे गाल पर चिकोटी काटते हुए बंसल बोला,” हाँ मैडम, उस दिन आपके सामने तो ख़ान उस एक्ट्रेस सना के साथ था.”

“तो क्या उसने…….उसने सना को चोदा है…..उनन्नज्ग….क्या वो….” आँचल अब बंसल की चुदाई की बातों सुनकर और ज़्यादा उत्तेजित होने लगी.

“हाँ मैडम, सना को तो ख़ान ने उसी समय चोद दिया होगा.” बंसल ने और आग भड़काई. वो सब समझ रहा था की ये सेक्सी आँचल भी सना के नाम से उतनी ही उत्तेजित हो जाती है जितना वो खुद हो जाता था.

“आहह……..ओह…” बंसल के मुँह से सना की चुदाई की बात सुनकर आँचल ने सिसकारी ली.

अब बंसल ने आँचल के खूबसूरत चेहरे को अपने दोनो हाथों में पकड़ा और उसके रसीले होठों को चूसते हुए अपनी जीभ आँचल के मुँह में डाल दी. आँचल को कोई विरोध ना करते देखकर उसने आँचल के होंठ दाँत से काट दिए और जीभ उसके मुँह में घुमाकर उसे चूसने लगा. फिर आँचल के चेहरे , उसके गुलाबी गालों को जीभ से चाटने लगा.

“ओह्ह …. बंसल जी …” आँचल सिसकी. बंसल उसे पागलों की तरह चूम रहा था , आँचल को सांस लेने में परेशानी हुई.

बंसल ने अपनी लार से आँचल का पूरा मुँह गीला कर दिया. उत्तेजना से आँचल भी बंसल की गर्दन आगे को खींचकर उसके होठों पर चुंबन लेने लगी. और अपनी जीभ उसके मुँह में डालकर घुमाने लगी.

बंसल आँचल को अपने को चूमते देखकर बहुत खुश हुआ , उसको विश्वास ही नही हो रहा था की आँचल जैसी मादक औरत उसे चूम रही है.


आँचल बंसल का चुंबन ले रही थी. फिर उसने अपने होठों को बंसल के होठों से अलग किया और सिसकारी ली,” ओह्ह …. बंसल जी…”

आँचल को उत्तेजित देखकर बंसल ने सोचा , आज इसे अकेले चोदने का अच्छा मौका है. वो फटाफट जाकर केबिन का दरवाज़ा लॉक कर आया. फिर आँचल को चेयर से उठाकर उसने टेबल पर बैठा दिया. आँचल ने बंसल के पैंट की ज़िप खोल दी और अंडरवियर के बाहर से उसके लंड पर हाथ फेरने लगी.

बंसल आँचल का ब्लाउज उतारने लगा और उसकी ब्रा के स्ट्रैप्स निकालकर आँचल के बूब्स को फ्री कर दिया. आँचल के गोरे गोरे बड़े बूब्स को देखकर लार टपकाते हुए बंसल उनपर टूट पड़ा. आँचल के बूब्स को चूसने , मसलने और काटने लगा. आँचल अब ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी.

बंसल ने ज़ोर से उसके बूब्स मसलते हुए कहा,” तेरे मुममे तो बहुत चिकने और बड़े बड़े हैं. मज़ा आ रहा है इन्हे मसलने और चूसने में.”

“ओइइ……….ओह….उननगज्गग……आआहह….” आँचल अपने बूब्स मसले जाने से ज़ोर से सिसकी.

आँचल की सिसकारियों से बंसल बहुत कामोत्तेजित हो गया , उसे लगा जल्दी से इसे नही चोदा तो पैंट में ही झड़ जाऊंगा. उसे मालूम था ज़्यादा देर तक वो ठहर नही पाएगा. उसने अपने सपने में भी कभी ऐसी सेक्सी औरत को चोदने की कल्पना नही की थी. ये उसकी खुशकिस्मती थी की आँचल जैसे खूबसूरत औरत से उसकी मुलाकात हो गयी.

बंसल ने आँचल को टेबल से उतारा और जल्दी जल्दी उसकी साड़ी और पेटिकोट उतारने लगा. उत्तेजना और जल्दी मचाने से उसकी सांस फूल रही थी. आँचल को नंगी करके बंसल ने उसकी चूत पर हाथ फेरा और दो उंगलियाँ चूत में घुसा दी.

आँचल की चूत रस से इतनी गीली हो रखी थी की बंसल की उंगलियाँ भीग गयी. बंसल ने आँचल को दुबारा टेबल में बैठने का इशारा किया. और अपना पैंट उतारने लगा. उसके खड़े लंड से प्रीकम निकल रहा था.

फिर उसने आँचल को टेबल पर लिटा दिया और उसकी टाँगे अलग करके गीली चूत में अपना लंड घुसा दिया.
“उंग़ग्ग….ओह्ह ….” चूत में लंड घुसते ही आँचल सिसकी.

मोटा बंसल धक्के मारकर चूत में लंड अंदर बाहर करने लगा. टेबल के ऊपर ग्लास (काँच) था, उससे आँचल को अपनी नंगी पीठ और नितंबों पर ठंडी लग रही थी. लेकिन उसकी गरम चूत में बंसल का लंड रगड़कर और गर्मी पैदा कर रहा था. बंसल के धक्कों से ग्लास के ऊपर उसका पूरा बदन हिल रहा था.

“आहह…ओह…बंसल जी…” चुदाई के मज़े लेते हुए आँचल सिसकी.

लेकिन बंसल ज़्यादा देर नही रुक पाया और आँचल की चूत में कुछ बूँद वीर्य गिराकर उसने अपना मुरझाया हुआ लंड चूत से बाहर निकाल लिया और फटाफट पैंट पहन लिया. टेबल पर आँचल सिसकारियाँ ले रही थी. उसको अभी ओर्गास्म नही आया था. उसका आधे में मज़ा खराब हो गया.

बंसल को कपड़े पहनते देख वो बोली,” उंग़ग्ग…….बंसल जी चोदो ना……चोदो प्लीज़…” और फ्रस्ट्रेशन में अपनी गांड ऊपर को उछालने लगी.

बंसल ने एक हाथ से आँचल का बांया नितंब टाइट पकड़ा और दूसरे हाथ की दो उंगलियाँ उसकी तड़पती चूत में डालकर बोला,” साली मैं ख़ान तो नही हूँ, जो इतनी देर तक तुझे चोदते रहा, वो भी उस सना को दोपहर में चोदने के बाद.”

फिर वो अंगूठे से आँचल की क्लिट को मसलते हुए उसकी चूत में उंगलियाँ अंदर बाहर करने लगा. और उसको ओर्गास्म दिलाने की कोशिश करने लगा.

“हाँ हाँ ….उईईईईई…ऐसे ही करते रहो……ओह्ह …मज़ा आ रहा है……” बंसल की उंगलियों से चुदाई के जवाब में अपनी गांड ऊपर को उछालते हुए आँचल सिसकी.

कुछ ही देर में आँचल को ओर्गास्म आ गया और वो सिसकारियाँ लेते हुए झड़ गयी.
बंसल ने अपनी उंगलियाँ चूत से निकालकर आँचल के मुँह में डाल दी और उससे चाटकर साफ करवाई.

फिर आँचल टेबल से उतर गयी और अपने कपड़े उठाकर केबिन से लगे हुए बाथरूम में चली गयी.

बाथरूम से आकर उसने बंसल को फोन पर बात करते हुए देखा.
बंसल ख़ान से फोन पर बात कर रहा था,” हाँ , और उस सना को भी बुला लेना. मैं तो बोलता हूँ की दोनो को ही साथ साथ चोदो ख़ान भाई. और साथ में कैमरा भी ऑन रखो.”

आँचल को बाथरूम से बाहर आते देखकर बंसल फोन पर बोला,” हम कल दोपहर में आ जाएँगे.” और फिर फोन बंद कर दिया.

आँचल ने बंसल की बात नही सुनी थी. उसे नही मालूम था की ख़ान और बंसल ने कैमरा लगाकर सना और आँचल को साथ साथ चोदने का प्लान बनाया है.

आँचल ने बंसल से पूछा,” किससे बात हो रही थी ?”

बंसल बोला,” ख़ान के कल दोपहर को अपने ऑफिस बुलाया है. वहाँ लोन पेपर्स पर साइन करने होंगे और लोन का चेक मिल जाएगा.”

फिर बंसल आँचल की कमर में हाथ डालते हुए बोला,” मैडम, आपकी सारी प्यास कल ख़ान भाई बुझायेँगे. बस आप कल ब्रा या पैंटी मत पहनना.”

आँचल ख़ान के साथ एक और चुदाई का मज़ा लेने के ख्याल से उत्तेजित हो गयी. उसने सोचा कल तो ऐसे तैयार होकर जाऊँगी की बिल्कुल कयामत ढा दूँगी.
 
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ऑफिस से लौटते समय आँचल ब्यूटी पार्लर गयी. वहाँ उसने वैक्सिंग और फेशियल करवाया. और अपनी कांख भी शेव करवाई. कल ख़ान को वो अपनी खूबसूरती से और भी इंप्रेस करना चाहती थी.

रात में अपने बेडरूम में लेटे हुए उसने सुनील को फोन किया और उसे बताया की कल साजिद ने उसे लोन डॉक्युमेंट्स साइन करने के लिए अपने ऑफिस बुलाया है. एक्साइट्मेंट में उसने ख़ान की तारीफ भी कर दी की वो कितना हैंडसम और आकर्षक़ पर्सनालिटी वाला है और कितने लोग उससे अपायंटमेंट लेने के लिए उसके ऑफिस में घंटो वेट करते हैं.

सुनील लोन मिलने की बात से खुश हुआ. लेकिन उसने महसूस किया की आँचल ख़ान से बहुत प्रभावित लग रही है और उसकी बड़ी तारीफ किए जा रही है. अपनी बीवी को दूसरे आदमी की तारीफ करते देखकर सुनील को ख़ान से जलन हुई. सुनील ने ये भी गौर किया की पहले तो आँचल मिस्टर ख़ान कहती थी , आज साजिद कह रही है. उसे अच्छा नही लगा , लेकिन उसने आँचल के उत्साह को देखते हुए उससे इस बारे में कुछ नही कहा. सुनील ने कहा की लोन का चेक मिलते ही मुझे फोन कर देना फिर मैं वापस आने की तैयारी करूँगा.

रात में आँचल को ठीक से नींद नही आई. वो ख़ान के ख़यालो में ही डूबी रही. ख़ान जैसे फिल्म इंडस्ट्री के बड़े आदमी से वो बहुत प्रभावित हो गयी थी. आँचल ख़ान की तरफ आकर्षित थी. ख़ान पैसेवला था, अच्छी पर्सनालिटी थी, रोबदार आवाज़ थी और सबसे बड़ी बात आँचल को उसने जी भरकर कामतृप्त किया था. आँचल की चूत ख़ान का लंड एक बार फिर लेने के लिए तड़प रही थी. ख़ान के मजबूत हाथों का अपने बूब्स पर स्पर्श, उसके चूत पर पड़ते जोरदार धक्के और आँचल के नितंबों पर उसका थप्पड़ मारना , ये सब आँचल को याद आता रहा. वो कब रात खत्म हो और सुबह आए इसका इंतज़ार करने लगी.

सुबह उठकर आँचल ने बाथटब में सुगंधित साबुन से नहाया और फिर तौलिए से बदन पोछकर बेडरूम में आई. फिर उसने गुलाबी ब्लाउज के साथ जीन्स पहनी. उसने ब्रा नही पहनी थी. गुलाबी ब्लाउज में उसके निपल साफ़ साफ़ दिख रहे थे. आँचल ने मिरर में अपने को देखा , उसे लगा ये कुछ ज़्यादा हो गया. उसके मम्मी पापा क्या सोचेंगे , ऑफिस को ऐसे जा रही है.

उसने ब्लाउज उतारकर एक लेसी ब्रा पहाँ ली जो उसके बड़े बूब्स को आधा ढक रही थी. फिर उसने एक गुलाबी लो नेक वाली टीशर्ट पहाँ ली जिससे उसकी अच्छे से क्लीवेज दिख रही थी. इन सब में उसे देर हो गयी और वो फटाफट कार चलाकर ऑफिस पहुँच गयी. ऑफिस के रुटीन काम में आज उसका बिल्कुल मन नही लग रहा था. वो बार बार टाइम देख रही थी.

बंसल आँचल के केबिन में आया. आँचल को टीशर्ट और जीन्स में देखकर बोला,” मैडम आज तो आप बहुत ही खिली खिली लग रही हो , बहुत ही खूबसूरत.”

फिर उसका ध्यान आँचल के बूब्स पर गया और उसने देखा की मना करने के बावजूद आँचल ने ब्रा पहनी है.
“मैडम , मैने आपको कहा था ना की ख़ान भाई आपको बिना ब्रा के देखकर खुश हो जाएँगे, फिर क्यों आप अपने इतने मस्त मुममे बाँधकर रखती हैं.”
फिर वो आँचल के पास आकर एक हाथ से उसका खूबसूरत चेहरा सहलाने लगा और दूसरे हाथ से उसका एक बूब दबाने लगा.

आँचल बंसल की बात का कोई जवाब देती उससे पहले ही उसके फोन की घंटी बजने लगी. उसके ससुर का फोन था. सुनील ने उसे बता दिया था की आँचल ने ख़ान से लोन निकलवा लिया है. ससुर ने आँचल को बधाई देने के लिए फोन किया था.

“थैंक यू ससुरजी , लेकिन चेक अभी मिला नही है, आज मिलने वाला है.” आँचल ने शरमाते हुए जवाब दिया. बंसल अब उसकी चेयर के पीछे खड़ा था और उसके बूब्स दबाते हुए उसकी गर्दन को चूम रहा था.

ससुर ने आँचल की शारीरिक ज़रूरतों की तरफ इशारा किया,” और तू तो पति के बिना तड़प रही होगी.”

“”ओह्ह …हाँ, सुनील कह रहा था की वो एक दो दिन में वापस आ जाएगा.” ससुर की बात में छिपे मतलब को नज़रअंदाज़ करते हुए आँचल ने जवाब दिया.

“अरे मेरी जान, मैं कल आ रहा हूँ, तेरी प्यास बुझाने. सुनील तो दो दिन बाद आएगा . मुझे तेरी बहुत याद आ रही है.” ठरकी ससुर बोला.

“उम्म्म्म…….हाँ ससुरजी ठीक है, तो कल मिलेंगे.” आँचल ने जवाब दिया. अब बंसल ने उसकी टीशर्ट उतार दी थी और ब्रा को उतारने की कोशिश कर रहा था.

ससुर : “बोल सच बोल, तुझे भी मेरी याद आ रही है ?”

“उम्म्म्म…..हाँ ससुरजी….मैं फोन रख रही हूँ …ओह्ह …” आँचल के मुँह से सिसकी निकल गयी. क्यूंकी बंसल ने अब उसकी ब्रा भी उतारकर , उसके बड़े बूब्स को नंगा कर दिया था और उसके निपल्स को मसलने में लगा हुआ था.

ससुर : “ क्या……क्या ? फोन मत रख , अभी तो तेरे से बहुत बातें करनी है, और कल आते ही मैं तुझे दिखाऊँगा की औरत को असली मर्द कैसे चोदता है.”

“ओह…..क्या…आआअहह….?” आँचल ने सिसकी ली , बंसल अब उसके आगे आकर उसके निपल को मुँह में भरकर चूस रहा था.

ससुर : “ देख मैं ठीक बोलता था, तू कितनी तड़प रही है. तेरी तड़पन सुनकर तो मेरा लंड खड़ा हो गया है, मेरी जान” . ससुर सोच रहा था की उसकी बहू कल उसके साथ चुदाई को लेकर एक्साइट हो रही है और तभी फोन पर सिसकारियाँ ले रही है.

ससुर की बातों से आँचल भी समझ गयी की ससुर उसकी सिसकारियों को अपने लिए समझ रहा है. बंसल की हरकतों और ससुर की ठरकी बातों से उत्तेजित होकर आँचल की चूत गीली हो गयी. उसने फोन पर ज़ोर से सिसकारी ली.
…आआअहह……………..ऊऊहह……उन्न्नननगगगगगगग……………..

बंसल भी फोन पर ससुर की बातें सुन रहा था. आँचल के बूब्स को चूसते हुए उसने सुना की ससुर भी आँचल के पीछे पड़ा है और उसे चोदना चाहता है.

आँचल को फोन पर ज़ोर से सिसकारी लेते देखकर ससुर बोला,” साली , तू तो बड़ी मस्त चीज़ है रे…मेरा लंड तो तेरी सिसकारी सुनकर तड़प रहा है, तेरी चूत में घुसने के लिए. पर पहले तो मैं तेरे से चुसवाऊँगा …..चूसेगी ना मेरा लंड ?”

“हाँ……उउउऊऊहह…..उम्म्म्मम….” आँचल ने फोन पर सिसकारी ली.

ससुर की लंड चूसने की बात से अब वो पूरी उत्तेजित हो चुकी थी. उसने फोन बंद कर दिया. और बंसल के पैंट की ज़िप खोलकर उसका लंड बाहर निकाल लिया. और लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.

बंसल आँचल की हरकत से आश्चर्यचकित रह गया. फिर मादक आँचल को अपना लंड चूसते देखकर वो मज़े से सातवे आसमान में उड़ने लगा.

आँचल ने बंसल के लंड को चूसते हुए उसकी गोलियों को हाथ से सहलाया. बंसल जल्दी ही झड़ गया और उसने आँचल के मुँह में वीर्य गिरा दिया. आँचल सब वीर्य निगल गयी.

होश में आने के बाद आँचल को अपनी हरकत पर खुद भी आश्चर्य हुआ लेकिन उत्तेजित होकर वो अपने ऊपर काबू नही रख पाती थी. उत्तेजित होने पर उसे कैसे भी हो, लंड चाहिए होता था.

झड़ने के बाद खुश होकर बंसल ने अपना पैंट ऊपर किया. आँचल ने भी अपनी टीशर्ट पहन ली लेकिन अबकी बार ब्रा नही पहनी.
ख़ान उसके बड़े बूब्स को बिना ब्रा के टीशर्ट में बाउन्स करते देखेगा और उसके निपल भी टीशर्ट में बाहर को तने हुए दिख रहे थे , ये सोचकर आँचल रोमांचित हो गयी.

आँचल बंसल से बोली,” अब चलते हैं. बंसल जी मैं अब और इंतज़ार नही कर सकती.”
 
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बंसल और आँचल कार में ख़ान के ऑफिस के लिए चले. रास्ते भर बंसल ,सना और आँचल की एक साथ चुदाई के ख़याल से एक्साइटेड होता रहा.

आँचल को सना के बारे में पता नही था , वो ख़ान के साथ चुदाई को लेकर एक्साइटेड हो रही थी.

दोनो अपने अपने ख़यालो में मगन चुपचाप बैठे रहे. जब वो ख़ान के ऑफिस पहुँचे तो उन्हे 1 घंटा वेटिंग रूम में इंतज़ार करना पड़ा क्यूंकी ख़ान ऑफिस नही पहुँचा था.

जब ख़ान ऑफिस आया तो उसको पता चला की आँचल पिछले 1 घंटे से उसका वेट कर रही है. ख़ान खुद वेटिंग रूम में उनको विश करने आया और दोनो को अपने केबिन में ले गया.

आँचल ने देखा ख़ान का केबिन बहुत बड़ा है और उसके बगल में उसका प्राइवेट रेस्टरूम भी है. आँचल बड़े मन से बन ठन के आई थी लेकिन ख़ान ने उसके लुक्स पर कोई कॉंप्लिमेंट नही दिया और सीधे काम पर लग गया. आँचल को बड़ी निराशा हुई. ख़ान ने अपने केबिन में सेक्रेटरी को बुलाया और उससे लोन डॉक्युमेंट्स लाने को कहा. डॉक्युमेंट्स आने पर ख़ान ने उनको पढ़ने लगा. आँचल ने देखा की ख़ान उसके ऊपर बिल्कुल ध्यान ही नही दे रहा. इग्नोर फील करने से आँचल के आँसू आ गये. फिर ख़ान ने आँचल से डॉक्युमेंट्स पर साइन करने को कहा. आँचल सर झुकाकर चुपचाप साइन करने लगी.

इस काम में 20 मिनिट लग गये. उसके बाद आँचल बाथरूम जाने के लिए उठ गयी. ख़ान उसको अपने बगल वाले कमरे में ले गया वहाँ बाथरूम था. बाथरूम में ठन्डे पानी से मुँह धोकर आँचल ने अपने को सम्हालने की कोशिश की लेकिन उसके आँसू बहने लगे और उसको रोना आ गया. वो ख़ान को इंप्रेस करने के लिए अच्छे मूड से आई थी और ख़ान आज उसको बिल्कुल मुँह नही लगा रहा था और उससे एक दूरी बनाए हुए था. सिर्फ़ एक बिज़नेस क्लाइंट की तरह उसे ट्रीट कर रहा था.

“ओह शीट ….ये मुझे क्या हो रहा है, मैं इतनी इमोशनल क्यूँ हो रही हूँ…” मिरर में अपने चेहरे को देखती हुई आँचल अपने को शांत करने का प्रयास करने लगी. 10 मिनिट बाद वो थोड़ा शांत हुई तो बाथरूम से बाहर आकर उसने देखा, ख़ान के प्राइवेट रूम में एक बड़ा बेड है. बेड के ऊपर सीलिंग में मिरर लगे हुए थे और एक तरफ की कमरे की दीवार पर भी सब जगह मिरर लगे हुए थे. आँचल एक पल वहाँ पर रुककर सोचने लगी , इस बड़े बेड में ख़ान ने ना जाने कितनी औरतों को चोदा होगा.

फिर आँचल ख़ान के केबिन में आ गयी. ख़ान किसी से फोन पर बात करने में बिज़ी था. आँचल को देखकर उसने सामने सोफे पर बैठने का इशारा किया. ऑफिस केबिन में उस समय ख़ान अकेला था. फोन पर बात करते हुए ख़ान आँचल को देखकर मुस्कुरा देता , आँचल भी जवाब में मुस्कुरा देती. आँचल ख़ान के चेहरे , उसकी चौड़ी छाती , आकर्षक़ पर्सनॅलिटी को देखती रही , मन ही मन सोचती रही कितना हैंडसम दिखता है ख़ान. वो पूरी तरह से ख़ान की तरफ आकर्षित थी , इसीलिए जब ख़ान ने उसकी तरफ ध्यान नही दिया था और उसके लुक्स, उसकी खूबसूरती के लिए दो शब्द भी नही कहे , तो उसे रोना आ गया था. लेकिन अब ख़ान उसकी तरफ ध्यान दे रहा था वरना उसकी तरफ देखकर मुस्कुराता क्यूँ ?

फोन पर बात खत्म करके ख़ान उठा और आँचल से सटकर सोफे में बैठ गया. उसने बताया की बंसल लोन डॉक्युमेंट्स को फॉरमॅलिटीस पूरा करने के लिए नोटरी के पास ले गया है और 1 घंटे में वापस आ जाएगा.
फिर बोला,” आँचल आज तुम बहुत सेक्सी लग रही हो. होटेल की उस रात , तुम्हारे साथ बिताए समय के बाद से मैं तुम्हारे ही बारे में सोचते रहा हूँ.”

ख़ान से अपनी तारीफ सुनकर आँचल का चेहरा खिल उठा और उसने अपनी जांघें ख़ान से और सटा दी.

अपनी बाँह को आँचल के कंधे पर डालकर आँचल को अपनी ओर खींचते हुए ख़ान बोला,” मुझे बहुत लंबे समय से इतना आनंद नही मिला जितना तुमसे मिला. आँचल वास्तव में तुम बहुत सेक्सी हो , बहुत…”, ख़ान का इशारा उस रात की चुदाई की तरफ था.

“साजिद, ऐसा तो आप उन सभी लड़कियों से कहते होगे, जो हमेशा आपको घेरे रहती हैं” आँचल मुस्कुराते हुए बोली. वो ख़ान से अपनी और तारीफ सुनने के मूड में थी. उसने एक हाथ ख़ान की जाँघ पर रख दिया.

ख़ान ने आँचल का हाथ अपनी जाँघ से हटाकर पैंट के बाहर से लंड पर रखते हुए कहा,” आँचल मेरी आँखो में देखो. आँखे झूठ नही बोलती. तुम्हे पता चल जाएगा की मैं सच कह रहा हूँ.”

आँचल ने ख़ान की आँखो में देखा. हैंडसम ख़ान की आँखो में अपने लिए तारीफ के भाव देखकर आँचल को एक्साइट्मेंट हुई. उसने एक हाथ बढ़ाकर ख़ान के चेहरे को प्यार से सहलाया.

और बोली,” ओह साजिद, यू मेक मी फील सो गुड.” वो अपना चेहरा उसके चेहरे के नज़दीक़ लाई . आँचल ख़ान को किस करना चाह रही थी, लेकिन औरत होने की वजह से पहल करने में वो झिझक रही थी.

ख़ान ने देखा आँचल फिर से उसके साथ चुदाई के लिए तैयार है. आँचल ने एक हाथ उसके लंड के ऊपर रखा हुआ था और वो अपना चेहरा उसके नज़दीक़ ले आई थी. ख़ान भी अपना चेहरा उसके नज़दीक़ लाया, उसने देखा , किस को एक्सपेक्ट करते हुए आँचल ने अपने होंठ खोल दिए हैं. ख़ान ने आँचल के रसीले होठों को चूमते हुए चुंबन ले लिया.

“ओह साजिद…” होठों का चुंबन लेते ही आँचल सिसकी. अब उसने पहल करते हुए ख़ान के मुँह में जीभ घुसा दी और अंदर जीभ घुमाने लगी.

ख़ान को आँचल की पहल से थोड़ा आश्चर्य हुआ. वो आँचल की जीभ का अपने मुँह में आनंद लेते रहा. और अपने हाथों से आँचल के बूब्स दबाने लगा. ख़ान अपने हाथों से आँचल के निपल दबाने लगा, आँचल चुंबन लेते हुए उत्तेजना से सिसकने लगी. और फिर उसने ख़ान के मुँह से जीभ निकाल ली.

आँचल की चूत से रस बहने लगा , वो ख़ान से चुदाई को उतावली हो रही थी. फिर आँचल ख़ान का चुंबन लेने को आगे आई तो ख़ान ने अपना चेहरा पीछे हटा लिया और बगल के रेस्ट रूम में चलने को कहा. आँचल सोफे से उठी और रूम में जाने लगी. तभी ख़ान का फोन आ गया.

ख़ान फोन पर बात करने लगा तभी केबिन का दरवाज़ा खुला और सना अंदर आ गयी. अंदर आते ही सना ख़ान से लिपट गयी और उसका चुंबन ले लिया . आँचल ने रेस्टरूम से सना को ख़ान का चुंबन लेते देखा. उसको जलन हुई पर साथ ही साथ एक्साइट्मेंट भी हुई. चुंबन लेते समय ख़ान सना के नितंबों को मसल रहा था.

चुंबन के बाद सना खुश होकर बोली,” थैंक यू साजिद, मुझे “मैं तेरी बनूँगी” फिल्म में रोल मिल गया है. थैंक यू माय डार्लिंग.”

तभी सना की नज़र दूसरे रूम में आँचल पर पड़ी , उसने ख़ान की ओर सवालिया निगाहों से देखा.
ख़ान आँचल के पास आया और उसकी कमर में हाथ डालकर मुस्कुराते हुए बोला,” सना , ये है आँचल. मेरी नयी फिल्म की हीरोइन. “ फिर आँचल को आँख मारते हुए उसका हाथ दबाया और अपने झूठ का साथ देने का इशारा किया.

सना का चेहरा एकदम से उतर गया , वो आँचल को ऊपर से नीचे तक देखते हुए घूरने लगी , ये मेरी कॉम्पिटिटर कहाँ से आ गयी.

“लेकिन साजिद वो रोल तो तुमने मुझे देने का वादा किया था.” आँचल से जलन महसूस करते हुए नाराज़गी से सना बोली.

ख़ान ने आँचल की कमर से हाथ हटाया और सना को अपनी बाहों में लेते हुए बोला,” तुमको वो रोल ज़रूर मिलेगा डार्लिंग. देखो फिल्म में दो हीरोइन्स हैं. एक तुम स्लिम सेक्सी लड़की का रोल करोगी और आँचल मादक सेक्सी औरत का. फिल्म की स्क्रिप्ट सिर्फ़ तुम दोनो सेक्सी औरतों के इर्द गिर्द घूमेगी. “

फिर ख़ान ने सना के होठों को चूम लिया और उसके बूब्स दबाने लगा.

“तुम दुबली पतली हो तो मॉडर्न लड़की का रोल करोगी , आँचल गदरायी हुई बड़े बूब्स वाली है , ये मादक काम की देवी जैसी लगेगी, तुम दोनो को फिल्म में एक साथ देखकर दर्शक तो पागल हो जाएँगे. “ ख़ान खुद भी उत्तेजित होते हुए बोला.

सना अब खुश थी , ख़ान के चेहरे को अपने हाथों में लेकर आँचल की ओर देखते हुए बोली, “हाँ डियर , अब मैं तुम्हारी बात समझ गयी हूँ. आँचल लगती तो बिल्कुल मादक है.”

ख़ान और सना से अपनी मादकता की बात सुनकर आँचल खुश हुई पर थोड़ी कन्फ्यूज़ सी हुई की ये दोनो मेरी इतनी तारीफ क्यूँ कर रहे हैं. लेकिन फिल्म एक्ट्रेस से कॉम्पलिमेंट मिलने से उसे एक्साइट्मेंट भी हो रही थी.

ख़ान मन ही मन खुश हो रहा था , आजकल इन सेक्सी औरतों को पटाना कितना आसान है. वो जानता था की ऐसी कोई फिल्म बनाने का उसका कोई प्लान नही है. वो तो सना को सिर्फ़ बहला रहा था ताकि वो खुश हो जाए. जब तक उसका दिल करेगा वो सना को चोदेगा, उससे अपना मन बहलाएगा, फिर उसे छोड़ देगा और उसकी जगह कोई नयी एक्ट्रेस ले लेगी.

इन दोनो सेक्सी औरतों को साथ साथ चोदने के लिए ख़ान पूरी तरह तैयार था और सना को पकड़े हुए ही उसने अपना दूसरा हाथ आँचल की कमर में डाला और दोनो को अपने बेड की तरफ ले गया.
 
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जब ख़ान , सना और आँचल को अपने रेस्टरूम में ले गया तो आँचल समझ गयी की आज ख़ान का थ्रीसम का प्लान है. आँचल का , फिल्म एक्ट्रेस सना को ख़ान से चुदते हुए देखने का सपना आज पूरा होने वाला था , इस ख़याल से उसकी चूत गीली हो गयी.

रेस्टरूम में ख़ान बेड पर बैठ गया और सना को अपनी गोद में बिठा लिया. फिर उसके होठों को चूमते हुए उसकी चूचियों को मसलने लगा.

आँचल ने देखा सना सिसकारी लेने लगी है और ख़ान की शर्ट के बटन खोलने की कोशिश कर रही है. ख़ान ने सना के मुँह में जीभ डाल दी और उसके मुंह को चूमने लगा.

आँचल अकेले खड़ी होकर ख़ान और सना को एक दूसरे का चुंबन लेते देख रही थी. ख़ान ने सना का ब्लाउज खोल दिया और सना की चूचियों के निपल को उंगलियों से दबाने लगा. फिर सना के होठों का चुंबन खत्म करके उसने अपना मुँह सना की चूचियों पर लगा दिया. सना ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए अधमुंदी आँखो से आँचल को देख रही थी. आँचल ने देखा सना की तनी हुई चूचियों को ख़ान ने चूस चूसकर अपनी लार से गीला कर दिया. ख़ान दोनो चूचियों को बारी बारी से चूसने और काटने लगा. सना आनंद और दर्द से मचलते हुए सिसकारियाँ लेने लगी. उन दोनो की कामक्रीड़ा देखकर आँचल की साँसे भारी हो गयी, उसकी चूचियां तन गयी और चूत से रस बहने लगा.

ख़ान ने आँचल को अकेली खड़े देखा. उसने आँचल को पास बुलाया,” यहाँ आओ, ज़रा सना के बदन पर हाथ तो फिराओ. देखो ये कितनी सेक्सी है.”

आँचल पास आई और सना के चेहरे को हाथों से सहलाने लगी. फिर झुककर, उसने सिसकारियाँ लेती सना के रसीले होठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगी. दोनो एक दूसरे के मुँह में जीभ घुमाने लगी.

आँचल को सना के होठों का चुंबन अच्छा लगा और वो उसे चूमती रही. ख़ान झुकी हुई आँचल की चूचियों को दबाने लगा. फिर ख़ान ने आँचल को खींचकर सना से अलग कर दिया क्यूंकी वो आँचल की टीशर्ट को उतारकर उसकी बड़ी बड़ी चूचियों से मज़े लेना चाह रहा था. उसने आँचल के सर के ऊपर से खींचकर टीशर्ट निकाल दी. आँचल ने ब्रा नही पहनी थी. उसकी बड़ी गोरी चूचियां आज़ाद हो गयी.

सना ने आँचल की चूचियों को देखा तो उसने हाथ लगाकर उनका वज़न तौलने की कोशिश की . फिर ख़ान की गोद से उतरकर दोनो हाथों से आँचल की चूचियों को दबाने लगी और अपने मुँह में भरकर चूसने लगी. आँचल आँखे बंद करके सिसकारियाँ लेने लगी. अब सना की सेक्सी गांड ख़ान की तरफ थी. ख़ान ने सना की स्कर्ट और फिर पैंटी उतार दी. अब सना पूरी नंगी हो गयी थी.

सना के चूचियों को चूसने से आँचल अब जोर जोर से सिसकारियाँ लेने लगी. ख़ान उठकर आँचल के पीछे आ गया और उसका जीन्स खोलकर उसकी गीली हो चुकी पैंटी भी उतार दी. और आँचल को उठाकर बेड पर लिटा दिया.

आँचल की टाँगों को सना ने अलग कर दिया और आँचल की चूत में अपना मुँह लगा दिया. आँचल की तनी हुई क्लिट को सना जीभ से छेड़ने लगी और आँचल की गीली चूत में दो उंगलियाँ डालकर अंदर बाहर करने लगी.

“उनह……आअहह…..ओह्ह …” आँचल सिसकने लगी.

फिर सना ने आँचल की चूत से अपनी उंगलियाँ बाहर निकाल ली जो चूतरस से पूरी भीग चुकी थी और अब उसने आँचल की चूत में अपनी जीभ घुसा दी और उसका चूतरस चाटने लगी. अपनी नाज़ुक चूत में सना की रफ जीभ के घूमने से आँचल बहुत उत्तेजित हो गयी और अपनी गांड को सना के मुँह पर उछालने लगी. कुछ ही देर में आँचल को जबरदस्त ओर्गास्म आ गया और उसने सना का सर पकड़कर अपनी चूत में दबा दिया. सना को अपना दम घुटता सा महसूस हुआ.

“आअहह………….ओह………उफफफफफफफफफफफफफ्फ़…………ओइईईईईईईईई” करते हुए आँचल झड़ गयी और उसकी चूत से निकले रस ने सना का मुँह भिगो दिया. अब जाकर आँचल ने सना के सर से अपनी पकड़ ढीली की.

तब तक ख़ान अपने कपड़े उतारकर लंड को हाथ में लिए हिला रहा था और उन दोनो की काम लीला देखकर मज़े ले रहा था. आँचल को ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेकर झड़ते देखकर ख़ान से अब रुका नही गया. उसने सना को बाल पकड़कर आँचल की चूत से हटा दिया और आँचल की दोनो टाँगे पकड़कर फैला दी.

ख़ान ने अपने मोटे और बड़े लंड को आँचल की फूली हुई चूत के छेद पर लगाया और एक ज़ोर का धक्का लगाकर लंड अंदर घुसा दिया.

“आहह…उन्न्ह…ओइईई…म्म्माआअ…” अपनी गीली , पर टाइट चूत में ख़ान का मोटा लंड घुसते ही आँचल चिल्लाई.

ख़ान के मोटे लंड से अपनी चूत की दीवारों को स्ट्रेच होते महसूस कर आँचल कामोन्माद में डूब गयी. ख़ान उसकी चूत में तेज तेज शॉट मारने लगा , उन धक्कों से आँचल का बदन और उसकी बड़ी चूचियां ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी. ख़ान आँचल की मांसल जांघों को पकड़े हुए उसकी चूत की ठुकाई करते रहा.

सना आँचल की चुदाई देखकर कामवासना से बेहाल हो गयी , वो अपनी चूत में खुद ही उंगली करके अपना ओर्गास्म लाने की कोशिश करने लगी. फिर सना आँचल के खूबसूरत चेहरे पर बैठ गयी और अपनी गीली चूत को आँचल के मुँह पर रगड़ने लगी. आँचल ने सना की बिना बालों वाली चूत में जीभ घुसाकर उसे चाटना शुरू किया. अपने हाथों से उसने सना की पतली जांघों को पकड़ लिया और अपने सर को थोड़ा उठाकर सना की चूत चाटने लगी.

आँचल ने सना की चूत को इतना मज़ा दिया की जल्दी ही सना को ओर्गास्म आ गया
“ऊऊओ…ओह…..आआअहह….” सिसकारियाँ लेते हुए सना झड़ गयी और उसकी चूत ने रस बहाते हुए आँचल का मुँह भिगो दिया. जबरदस्त ओर्गास्म से सना अपने को सम्हाल नही पाई और सिसकते हुए बेड पर आँचल के बगल में गिर गयी. आँचल ने अपने ऊपर से सना की टाँगे हटाकर साइड में कर दी.

इधर ख़ान आँचल को पेले जा रहा था , अपने को झड़ते हुए महसूस करके ख़ान ने आँचल की चूत में धक्के तेज कर दिए.

मोटे लंड के धक्कों की मार से आँचल ज़ोर से सिसकने लगी …..ऊओह…….ओइईईई…..आआहह…

तभी ख़ान ने आँचल की चूत को अपने गाड़े वीर्य से भर दिया. और अपना लंड आँचल की चूत से निकाल लिया. जबरदस्त चुदाई से थककर ख़ान भी आँचल के बगल में लेट गया.

वो तीनो बेड पर लेटे हुए अपनी सांसो पर काबू पाने का प्रयास करने लगे. आँचल बेड पर नंगी अपनी टाँगे फैलाए लेटी हुई थी. उसकी चूत से वीर्य और चूतरस निकलकर चादर पर गिर रहा था. अभी तक की चुदाई का आँचल ने जी भरकर आनंद लिया. ख़ान और सना के साथ चुदाई से उसे भरपूर कामतृप्ति मिल गयी.

थोड़ी देर आराम करने के बाद आँचल ने देखा सना उठ बैठी है. फिर सना आँचल के ऊपर आ गयी. अब दोनो एक दूसरे के बदन को चूमने लगी और हाथ फिराने लगी. फिर आँचल ने अपने ऊपर झुकी हुई सना की चूचियों को मुँह में भर लिया और उन्हे चूसने लगी. सना ने आँचल की चूत में तीन उँगलियाँ डाल दी और तेज़ी से अंदर बाहर करने लगी. दोनो ही औरतें सिसकारियाँ लेने लगी.

आँचल और सना को सिसकारियाँ लेते देखकर ख़ान अपना लंड हिलाने लगा. फिर उसने आँचल के मुँह में अपना लंड घुसा दिया. आँचल ख़ान का लंड चूसने लगी और उसकी गोलियों को सहलाने लगी. आँचल अब लंड चूसने में माहिर हो चुकी थी. उसके लंड चूसने से जल्दी ही ख़ान सिसकने लगा.
“उउउ…ओह्ह …आँचल…..हाँ हाँ ऐसे ही चूसो ….. चूसती रहो….”

आँचल ख़ान का लंड भी चूस रही थी और अपनी गांड भी बीच बीच में ऊपर को उछाल रही थी क्यूंकी सना उसकी चूत को उंगलियों से तेज तेज चोद रही थी.

तभी ख़ान को लगा की वो अब झड़ने वाला है. उसने जल्दी से आँचल के मुँह से अपना लंड निकाल लिया. अब वो सना को चोदना चाह रहा था.

ख़ान ने सना को बेड में उल्टा लिटा दिया और उसकी गांड हवा में उठाकर अपना लंड सना की चूत में घुसा दिया.

“आअहह….उफफफ्फ़…ओह” ख़ान का मोटा लंड अपनी चूत में घुसते ही सना सिसकी.
ख़ान अब सना की चूत में धक्के मारने लगा. दुबली पतली सना उसके धक्कों से पूरी तरह से हिल जा रही थी.

“आअहह….ओह…उननगज्गग…..आआआआ…..ओइईईई….” सना चिल्लाने लगी.
ख़ान सना को अब पीछे से तेज़ी से चोदने लगा.

आँचल लेटे हुए ही सना को डॉगी पोज़ में ज़ोर ज़ोर से चिल्लाकर चुदते हुए देखने लगी. चुदते हुए सना को अलग अलग तरह का मुँह बनाते देखकर आँचल रोमांचित हो गयी. और अपनी फूली हुई क्लिट को उंगलियों से मसलने लगी. कुछ ही देर में सना की चुदाई देखकर अपनी क्लिट को मसलते हुए आँचल झड़ गयी.

ख़ान ने सना को चोदना जारी रखा. दुबली पतली सना के नितंब आँचल की तरह भरे हुए सुडौल नही थे. ख़ान उत्तेजना मे सना को चोदते हुए सना के नितंबों पर थप्पड़ मारने लगा. सना उत्तेजना और दर्द से चिल्लाती रही.

कुछ देर बाद ख़ान ने सना की चूत से अपना लंड निकाल लिया और सना को उठाकर उसके सेक्सी मुँह में डाल दिया. सना के मुँह में लंड घुसाकर ख़ान उसका सर टाइट पकड़कर उसे रफ तरीके से चोदने लगा. और जल्दी ही उसने सना का मुँह अपने वीर्य से भर दिया.

जब ख़ान ने सना के मुँह से अपना लंड बाहर निकाला तो आँचल ने देखा की सना के मुँह के किनारे से वीर्य बाहर निकल रहा है. आँचल ने सना के मुँह का चुंबन ले लिया और दोनो औरतें मज़े से ख़ान के वीर्य को निगल गयी.

थोड़ी देर बाद ख़ान बेड से उठा. सना और आँचल के नितंबों पर हल्के से एक एक थप्पड़ लगाकर ख़ान ने उन्हे उठने को कहा. ख़ान को एक बिज़नेस मीटिंग के लिए देर हो रही थी. आँचल और सना दोनो बेड से उठ खड़ी हुई और चादर से अपने चेहरे और नंगे बदन से वीर्य और चूत रस पोछने लगी. फिर दोनो ने फटाफट अपने कपड़े पहन लिए.

आँचल चुदाई के आनंद लेते हुए बंसल को भूल ही गयी और कामतृप्त होकर खुशी खुशी अपने मम्मी पापा के घर कार चलाकर चली गयी. घर जाकर आँचल बाथटब में बैठकर , मस्त चुदाई को याद करके गुनगुनाते हुई नहाने लगी.

फिर उसको अपने ससुर का ध्यान आया , कल उसका ससुर वापस आने वाला था. फोन पे उसके ससुर ने उससे जो कामुक बातें कही थी , उन्हे यादकर आँचल सोचने लगी, इस बार तो उसका ससुर मौके को हाथ से जाने नही देगा और उसे चोदकर ही मानेगा क्यूंकी अभी ससुराल में सास भी नही है और सुनील भी नही है.

आँचल अपने ससुर से संबंध बनाने में , सुनील और सास की वजह से, डरती थी , इसीलिए उसने अभी तक अपने आप को ससुर से बचाकर रखा था. लेकिन ससुर उसे चोदेगा इस ख़याल से उसकी चूत गीली भी हो जाती थी. अब जब कल ससुर वापस आएगा तो फिर क्या होगा , यही सोचते हुए वो बाथटब से उठ गयी.
 

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