पति से आंचल की सुलगते जिस्म की गर्मी बुझाया nehi जा रहा तो अचल दूसरे मर्दों का सहारा लेकर प्यास भुजा रही। उसके लिस्ट में एक के बाद एक मर्द जुड़ता जा रहा है जो आंचल के मादक जिस्म को नोच नोच कर आंचल के जिस्मानी भूख को मिटा रहे है।आँचल और बंसल फैक्ट्री से ख़ान के ऑफिस को चले. रास्ते में बंसल आँचल से कहते रहा की फैक्ट्री के लिए ख़ान से लोन लेना बहुत ज़रूरी है. जब वो दोनो ख़ान के ऑफिस पहुँचे तो आँचल काफ़ी चिंतित दिख रही थी.
ऑफिस में उनको एक छोटे कमरे में बैठाया गया. आँचल ने अपायंटमेंट नही लिया था इसलिए उसे इंतज़ार करने को कहा गया. बगल में एक बड़ा कमरा था जिसमे बहुत सारे लोग बैठे हुए थे.
आँचल ने ख़ान के टॉप क्लास ऑफिस में इतने सारे लोगों को इंतज़ार करते देखा तो वो इंप्रेस हुई. सोफे में बंसल उससे सट के बैठा था और एक बाँह उसने आँचल के कंधों पर रख दी. और फिर आँचल के कंधों पर उंगलियाँ फिराने लगा. आँचल के साथ अकेले उस छोटे कमरे में बैठने से वो खुश हो रहा था.
तभी उस कमरे में एक साँवली सेक्सी लड़की आई और उनके सामने सोफे में बैठ गयी. उसने एक टाइट ब्लाउज और छोटी स्कर्ट पहनी हुई थी. आँचल ने देखा उस सेक्सी लड़की ने ब्रा नही पहनी हुई है और उसके बूब्स ब्लाउज को बाहर को धक्का दे रहे हैं.
बंसल अपना मुँह आँचल के गाल से चिपकाते हुए धीरे से बोला,” ये लड़की **** हिन्दी फिल्म में एक्टिंग कर चुकी है. सना ख़ान नाम है इसका. बहुत सेक्सी लग रही है. आपको क्या लगता है मैडम ?”
आँचल को बंसल का अपने से चिपकना अनकंफर्टबल फील हुआ लेकिन लड़की ठीक सामने बैठी थी इसलिए उसने भी धीमे से जवाब दिया,” हाँ उस मूवी में ये बारिश वाले सांग में आइटम गर्ल थी.”
बंसल आँचल से और भी चिपटते हुए बोला,” मैडम ये बहुत सेक्सी लग रही है, आपको नही लगता ?”
“उननग्ज्ग…हाँ है. लेकिन ये यहाँ क्या कर रही है ?” आँचल ने पूछा.
तभी उस लड़की ने अपनी टाँगे जोकि एक के उपर एक चढ़ा रखी थी , अलग अलग कर दी. जिससे उसकी चिकनी जांघें और ब्लैक पैंटी दिखने लगी.
बंसल की नज़रें उसकी पैंटी पर ही थी.
वो आँचल के कान में बोला,” मैडम, देखो कितनी छोटी स्कर्ट पहन के आई है.”
फिर बोला,” ये ज़रूर ख़ान के पास उन फिल्मों में रोल माँगने आई होगी, जिनमे वो पैसा लगा रहा है.”
“इसने ब्रा भी नही पहनी है, साफ़ दिख रहा है.” फुसफुसाते हुए अब आँचल भी उत्तेजित होने लगी थी.
“हाँ मैडम , ये ब्रा तो नही पहनी है. लेकिन इसके छोटे हैं, आपके जैसे बड़े नही. ….. हेहेहे…..” बंसल कमीना मुस्कुराने लगा.
“उम्म्म….हूँ…..” आँचल थोड़ा झेंप गयी.
अब बंसल की हिम्मत बढ़ गयी. वो आँचल के कंधे से हाथ ले जाकर उस तरफ के बूब को साइड से दबाने लगा. आगे से साड़ी का पल्लू होने के कारण उस लड़की को ये सब नही दिख रहा था.
फिर आँचल को थोड़ा और अपनी तरफ दबाते हुए बोला,” फिल्म में रोल के लिए ये लड़की ख़ान के साथ सोएगी. पक्का है. कास्टिंग काउच मैडम…”और आँचल की क्लीन शेव कांख (armpit) और बूब पर हाथ फेरते हुए मज़े लेते रहा.
बंसल के हाथ फेरने और सेक्सी बातों से आँचल अब सिसकने लगी थी. पिछले तीन दिनसे उसकी हरकतें जारी थी. आँचल के रेजिस्टेंस को इन तीन दिनों में धीरे धीरे कम करने में बंसल सफल हो गया था.
“उम्म्म…..तुम्हारा मतलब रोल के लिए सना , ख़ान के साथ सेक्स करेगी?” बंसल के बूब्स दबाने से आँचल अब हल्की सिसकियाँ लेने लगी थी.
“हाँ मैडम, ख़ान इसे चोदेगा, बिल्कुल चोदेगा …” आँचल को सिसकियाँ लेते देख बंसल उत्तेजना से गंदे शब्द बोला. और खुश होते हुए सोचने लगा अपनी मादक बॉस का रेजिस्टेंस मैंने तोड़ ही दिया . अब ये सिसकारी लेने लगी है. धीरे धीरे गरम हो रही है. अब मैं इसे चोद पाऊँगा.
बंसल के मुँह से चोदेगा सुनकर आँचल की पैंटी गीली होने लगी.
“मैडम , उस दिन जब मैंने आपको फोन किया तो आप कौन सी मूवी देख रही थी ? उसमे भी तो चुदाई हो रही थी, मैंने समझा की आपका रेप हो रहा है….” आँचल के कान में बंसल बोला.
तभी ख़ान का सेक्रेटरी वहाँ आया और सना को बुला ले गया.
अब उस रूम में वो दोनो फिर से अकेले रह गये.
बंसल ने इसका पूरा फायदा उठाया और आँचल के बूब्स को दबाने लगा. उसके पतले ब्लाउज के बाहर से तने हुए निपल पर अंगूठा फेरते हुए बोला,” बोलो ना मैडम, वो कौन सी मूवी थी ?”
“ओह्ह …मिस्टर बंसल…..” अब आँचल थोड़ा ज़ोर से सिसकी क्यूंकी बंसल उसके निपल को चिकोट रहा था. फिर झूठ बोलते हुए बोली,” वो….उन्ह…एक ब्लू फिल्म थी……”
“मैडम पर उसमे तो मेमसाब कह रहा था कोई …” बंसल अपने पैंट में बने तंबू पर आँचल का हाथ रखते हुए बोला.
“उन्न्नह….बंसल…उहह…ये क्या कर रहे हो ? कोई देख लेगा….छोड़ दो मुझे…” आँचल सिसकी लेती हुई बोली.
बंसल आँचल के बूब्स दबा रहा था और आँचल ने पैंट के बाहर से बंसल का लंड पकड़ा हुआ था.
“अरे साली, तुम्ही ने तो मेरा लंड पकड़ रखा है और बोलती है मैं छोड़ दूं…” बंसल बोला.
आँचल के लंड पकड़ने से बंसल खुश हो रहा था की अब तो ये पट गयी है. अब चुद ही जाएगी.
तभी उस रूम में ख़ान आया , सना भी उससे चिपकी हुई थी.
बंसल और आँचल एक दूसरे से अलग होते हुए झेंपते हुए खड़े हो गये. ख़ान और सना ने सब देख लिया था लेकिन ख़ान आँचल की खूबसूरती में डूब गया और बोला,” आई ऍम सॉरी, मिसेज जोशी. मैं थोड़ा बिज़ी था इसलिए आपकी फैक्ट्री के डॉक्युमेंट्स देख नही पाया. शायद आज शाम को डिनर के टाइम , अगर आप फ्री हैं तो …”
आँचल के जवाब देने से पहले ही बंसल बीच में बोल पड़ा,” हाँ सर, ज़रूर सर, आज शाम को ठीक रहेगा.”
फिर आँचल को भी यही बोलना पड़ा,” हाँ सर, आज शाम को ठीक रहेगा.”
आँचल ने देखा , ख़ान लंबा चौड़ा , करीब 45 साल की उमर का , आकर्षक व्यक्तित्व का आदमी है. उसकी आवाज़ भी गहराई लिए हुए थी. आँचल को वो बहुत सेक्सी लगा. वो सना से ईर्ष्या करने लगी, इतने पावरफुल आदमी का इसे साथ मिल रहा है और मज़े से चुदाई भी करवाती होगी ख़ान से.
उधर ख़ान भी आँचल से बहुत प्रभावित था. क्या खूबसूरत औरत है, गोरी , लंबी है. बड़े बड़े बूब्स, शानदार गांड है. ये मोटे बंसल के साथ क्या कर रही है. इसको तो किसी अच्छे आदमी के साथ होना चाहिए. इस मादक औरत को चोदने में तो मज़ा ही आ जाएगा.
आँचल ने जब ख़ान को अपनी तरफ एकटक देखते पाया तो वो शरमा गयी. वो जानती थी ये भी मेरे उपर फिदा हो गया है. कोई मर्द नही बचा उसके रूप के जादू से.
फिर उन्होने रात 8:30 बजे एक 5 स्तर होटेल में डिनर का टाइम फाइनल किया. ख़ान सना के साथ वहाँ से चला गया और बंसल और आँचल भी ऑफिस से बाहर आ गये.
ऑफिस से बाहर आकर कार की तरफ जाते समय बंसल ने आँचल की कमर में हाथ डालकर चलना चाहा लेकिन आँचल ने उसे एक थप्पड़ जड़ दिया. बंसल गाल सहलाते हुए सोचने लगा, अब इसे क्या हुआ.
आँचल अब अपने ऊपर काबू पा चुकी थी और उसने बंसल को उसकी जगह बता दी की बॉस कौन है.
बंसल का मूड ऑफ हो गया. कहाँ तो वो मैडम हाथ में आ गयी है सोच रहा था यहाँ कमर में हाथ डालते ही थप्पड़ पड़ गया.
आँचल कार चलाने लगी. बंसल चुपचाप बैठा था. बंसल को फैक्ट्री में उतारकर वो अपने पापा के घर चली गयी.
घर आने के बाद अपने बेडरूम में पहुँचकर उसे बंसल पर बहुत गुस्सा आया. उसकी हिम्मत कैसे हुई अपनी बॉस पर हाथ डालने की.
पैसे का बंदोबास करने गई पैसे का बंदोबस्त हुआ की नहीं हुआ वो तो बाद में पता चलेगा लेकिन आंचल को एक मस्त लण्ड और धमाकेदार चूदाई हों गया। बंसल जो कब से अपना रोटी छेकना चाहता था उसने भी मौके का फायदा बखूबी उठा लिया।ख़ान के आँचल के बगल में लेटने के बाद बंसल को मौका मिल गया. उसने आँचल को बेड के किनारे तक खींचा और उसकी टाँगे उठाकर अपना छोटा लेकिन मोटा लंड आँचल की चूत के फूले हुए होठों के अंदर डाल दिया और उसे चोदने लगा.
आँचल ख़ान की जबरदस्त चुदाई से थक चुकी थी. वो मदहोशी में बंसल को अपनी चुदाई करते देखती रही. बंसल के छोटे लंड से चुदाई में उसे कुछ मज़ा नही आ रहा था. लेकिन बंसल आँचल को चोदने में बहुत खुश था और कुछ ही देर में झड़ गया. अपने लंड से वीर्य की कुछ बूंदे आँचल की चूत में गिराकर वो मोटा आँचल के ऊपर ही ढेर हो गया. आँचल मोटे के वजन से दब गयी. उसने धक्का देकर बंसल को अपने ऊपर से हटा दिया.
ख़ान अपना लंड धीरे धीरे हिलाते हुए मज़े से ये सब देख रहा था. बंसल के झड़ने के बाद वो उठने लगा.
ख़ान को फिर से अपने ऊपर आते देख आँचल बोली,” बस …अब और नही…..मेरी फट जाएगी…”
ख़ान ने आँचल के विरोध को नज़रअंदाज़ कर दिया और बेड में बैठकर आँचल को अपनी तरफ खींचा. उसने आँचल को पेट के बल लिटाकर उसके नितंबों को अपनी गोद में रख लिया.
आँचल को अपनी जांघों में ख़ान का तना लंड रगड़ ख़ाता महसूस हुआ, उसकी समझ में नही आया ख़ान करना क्या चाहता है ?
तभी ख़ान ने उसके एक नितंब पर ज़ोर का थप्पड़ मारा , फिर कुछ पल रुककर दूसरे नितंब पर थप्पड़ मारा. ऐसे करके वो बारी बारी से दोनो नितंबों पर थप्पड़ मारने लगा.
“आअहह….ओह…ओइईईईईईईईईई………मुझे क्यूँ मार रहे हो ? ….ओइईई…” आँचल ज़ोर से चिल्लाई.
उसके नितंबों में थप्पड़ मारने से लाल निशान पड़ गये थे.
“आँचल जी , आपको इसलिए मार रहा हूँ की अगर आपने मेरा ब्याज़ लेट दिया या लोन टाइम पर वापस नही किया तो मैं आपको आपके पति के सामने ऐसे ही मारूँगा. समझी आँचलजी…” ख़ान ने जवाब दिया.
दर्द से आँचल की आँखो में आँसू आ गये. ख़ान थप्पड़ मारते हुए बीच बीच में उसकी क्लिट को अपनी उंगलियों से मसलने लगा.
आँचल दर्द से चिल्लाती रही. उसने देखा की बंसल उसे मार खाते हुए देख रहा है. इससे अचानक उसको उत्तेजना आने लगी और उसकी चूत गीली होने लगी. और उसकी चीखें अब सिसकारियों में बदल गयी. बंसल को अपनी तरफ देखते हुए पाकर आँचल को ह्युमिलिटेड फील हुआ लेकिन वो एक अजीब से रोमांच भरे आनंद में नितंबों पर थप्पड़ खाते हुए अपना बदन हिलाने लगी.
“साली को इसमे भी मज़ा आ रहा है. लगता है इसके पति ने इसे बहुत तडपाया है.” बंसल की तरफ देखते हुए ख़ान बोला.
“आ…..आहह…..चोदो मुझे साजिद…..प्लीज़ चोदो….” आँचल सिसकी. अब उत्तेजना से उसकी चूत गीली होकर लंड के लिए तड़प रही थी.
ख़ान ने थप्पड़ मारना बंद कर दिया और आँचल को अपनी गोद में बिठा लिया. फिर आँचल के बूब्स को ज़ोर से पकड़कर उसे थोड़ा ऊपर उठाया और अपना लंड उसकी तड़पती चूत में डाल दिया.
“आहह…….” ख़ान के मोटे लंड से अपनी चूत के स्ट्रेच होते ही आँचल सिसकी.
अब ख़ान ने आँचल के नितंबों को टाइट से पकड़ा और आँचल को अपने लंड पर उछालने लगा. इस पोज़ में लंड आँचल की चूत में बहुत गहराई तक घुस जा रहा था.
“आहह…………..उन्न्ञनह….ऊऊहह……” आँचल दर्द भरी सिसकारियाँ लेने लगी. उसके नितंब थप्पड़ मारे जाने से दर्द कर रहे थे और ख़ान उनको टाइट पकड़कर उसे लंड पर उछालकर चोद रहा था.
चोदते हुए ख़ान आँचल के बूब्स को दाँतों से काटने लगा.
“उहह…..साले ….आअहह……चोद मुझे……..” आँचल उत्तेजना में सिसकते हुए ख़ान को गालियाँ देने लगी. फिर उसको एक के बाद एक कई ओर्गास्म आ गये और वो ख़ान की गोद में उछलते हुए झड़ गयी.
अब आँचल में बिल्कुल भी ताक़त नही बची थी और वो ख़ान की छाती में सर टिकाकर पस्त पड़ गयी. जितने मज़े उसने लेने थे वो ले चुकी थी अब वो चाहती थी कि ख़ान झड़ जाए और उसकी चूत की बेरहम रगड़ाई बंद हो.
लेकिन ख़ान लगातार उसे चोदता रहा. आँचल को अब चूत में दर्द होने लगा था. वो चिल्लाई,” आह …बस करो…..ख़ान अब और नही…प्लीज़…..बस करो…” और वो निढाल होकर ख़ान के ऊपर लुढ़क गयी.
ख़ान को रोकने के लिए वो बोली,” अब मैं चूसूंगी …”
आँचल के निढाल पड़ जाने से ख़ान को अब उसे गोद में उछालना मुश्किल हो गया. उसने आँचल को सामने लिटा दिया और उसकी छाती के दोनो तरफ पैर रखकर आँचल के मुँह में अपना लंड घुसा दिया.आँचल थक चुकी थी लेकिन ख़ान को झड़ाने के लिए उसने तेज़ी से लंड चूसना शुरू कर दिया. वरना वो फिर उसकी दर्द करती चूत चोदने लग जाएगा. थोड़ी ही देर में आँचल ने चूस चूसकर ख़ान का पानी निकाल दिया.
ख़ान ने आँचल का सर पकड़े रखा और पूरा वीर्य उसके मुँह के अंदर ही निकाल दिया. मुँह में वीर्य भर जाने से आँचल को अपना दम घुटता महसूस हुआ. वीर्य उसके होठों से बाहर निकलकर बहने लगा. और वो अपनी सांसो पर काबू पाने का प्रयास करने लगी.
फिर ख़ान बेड से उठा और फर्श से आँचल की साड़ी उठाकर , उस साड़ी से अपने लंड और बदन को पोछकर कपड़े पहनने लगा.
उसके बाद बंसल से बोला,” इस गरम कुतिया को घर तक पहुँचा देना.” और रूम से बाहर चला गया.
बंसल आँचल को बेड से उठाने लगा. आँचल इतना थक चुकी थी की उससे हिला भी नही जा रहा था.
वो बोली,” नही , मैं इस हालत में घर नही जा सकती. थोड़ी देर ठहर जाओ बंसलजी …” और फिर पीछे को बेड पर लुढ़क गयी और कुछ ही देर में उसे नींद आ गयी.
बंसल ने देखा, आँचल बिल्कुल नंगी बेड पर पड़ी है. उसकी चूत, जांघों, चेहरे सब जगह वीर्य लगा हुआ था. मादक आँचल को ऐसे नंगी हाथ पैर फैलाए बेड पर पड़ी देखकर बंसल का मन हुआ इस चिकनी को फिर से चोद डाले, अभी तो ये विरोध कर पाने की हालत में भी नही है.
लेकिन दो बार झड़ जाने से इस उमर में उसका लंड भी जवाब दे गया था. वो अपने कपड़े पहनकर, वहीं पर सोफे में बैठकर आँचल के नंगे बदन को देखता रहा. थोड़ी देर बाद उसने आँचल को नींद से जगाया और बेड में बिठाया.
फिर आँचल की तुड़ी मुड़ी साड़ी और कपड़े लाकर उसे दिए. आँचल ने कपड़े पहने और बंसल कार चलाकर उसे घर पहुँचा आया.
जब ख़ान , सना और आँचल को अपने रेस्टरूम में ले गया तो आँचल समझ गयी की आज ख़ान का थ्रीसम का प्लान है. आँचल का , फिल्म एक्ट्रेस सना को ख़ान से चुदते हुए देखने का सपना आज पूरा होने वाला था , इस ख़याल से उसकी चूत गीली हो गयी.
रेस्टरूम में ख़ान बेड पर बैठ गया और सना को अपनी गोद में बिठा लिया. फिर उसके होठों को चूमते हुए उसकी चूचियों को मसलने लगा.
आँचल ने देखा सना सिसकारी लेने लगी है और ख़ान की शर्ट के बटन खोलने की कोशिश कर रही है. ख़ान ने सना के मुँह में जीभ डाल दी और उसके मुंह को चूमने लगा.
आँचल अकेले खड़ी होकर ख़ान और सना को एक दूसरे का चुंबन लेते देख रही थी. ख़ान ने सना का ब्लाउज खोल दिया और सना की चूचियों के निपल को उंगलियों से दबाने लगा. फिर सना के होठों का चुंबन खत्म करके उसने अपना मुँह सना की चूचियों पर लगा दिया. सना ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए अधमुंदी आँखो से आँचल को देख रही थी. आँचल ने देखा सना की तनी हुई चूचियों को ख़ान ने चूस चूसकर अपनी लार से गीला कर दिया. ख़ान दोनो चूचियों को बारी बारी से चूसने और काटने लगा. सना आनंद और दर्द से मचलते हुए सिसकारियाँ लेने लगी. उन दोनो की कामक्रीड़ा देखकर आँचल की साँसे भारी हो गयी, उसकी चूचियां तन गयी और चूत से रस बहने लगा.
ख़ान ने आँचल को अकेली खड़े देखा. उसने आँचल को पास बुलाया,” यहाँ आओ, ज़रा सना के बदन पर हाथ तो फिराओ. देखो ये कितनी सेक्सी है.”
आँचल पास आई और सना के चेहरे को हाथों से सहलाने लगी. फिर झुककर, उसने सिसकारियाँ लेती सना के रसीले होठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगी. दोनो एक दूसरे के मुँह में जीभ घुमाने लगी.
आँचल को सना के होठों का चुंबन अच्छा लगा और वो उसे चूमती रही. ख़ान झुकी हुई आँचल की चूचियों को दबाने लगा. फिर ख़ान ने आँचल को खींचकर सना से अलग कर दिया क्यूंकी वो आँचल की टीशर्ट को उतारकर उसकी बड़ी बड़ी चूचियों से मज़े लेना चाह रहा था. उसने आँचल के सर के ऊपर से खींचकर टीशर्ट निकाल दी. आँचल ने ब्रा नही पहनी थी. उसकी बड़ी गोरी चूचियां आज़ाद हो गयी.
सना ने आँचल की चूचियों को देखा तो उसने हाथ लगाकर उनका वज़न तौलने की कोशिश की . फिर ख़ान की गोद से उतरकर दोनो हाथों से आँचल की चूचियों को दबाने लगी और अपने मुँह में भरकर चूसने लगी. आँचल आँखे बंद करके सिसकारियाँ लेने लगी. अब सना की सेक्सी गांड ख़ान की तरफ थी. ख़ान ने सना की स्कर्ट और फिर पैंटी उतार दी. अब सना पूरी नंगी हो गयी थी.
सना के चूचियों को चूसने से आँचल अब जोर जोर से सिसकारियाँ लेने लगी. ख़ान उठकर आँचल के पीछे आ गया और उसका जीन्स खोलकर उसकी गीली हो चुकी पैंटी भी उतार दी. और आँचल को उठाकर बेड पर लिटा दिया.
आँचल की टाँगों को सना ने अलग कर दिया और आँचल की चूत में अपना मुँह लगा दिया. आँचल की तनी हुई क्लिट को सना जीभ से छेड़ने लगी और आँचल की गीली चूत में दो उंगलियाँ डालकर अंदर बाहर करने लगी.
“उनह……आअहह…..ओह्ह …” आँचल सिसकने लगी.
फिर सना ने आँचल की चूत से अपनी उंगलियाँ बाहर निकाल ली जो चूतरस से पूरी भीग चुकी थी और अब उसने आँचल की चूत में अपनी जीभ घुसा दी और उसका चूतरस चाटने लगी. अपनी नाज़ुक चूत में सना की रफ जीभ के घूमने से आँचल बहुत उत्तेजित हो गयी और अपनी गांड को सना के मुँह पर उछालने लगी. कुछ ही देर में आँचल को जबरदस्त ओर्गास्म आ गया और उसने सना का सर पकड़कर अपनी चूत में दबा दिया. सना को अपना दम घुटता सा महसूस हुआ.
“आअहह………….ओह………उफफफफफफफफफफफफफ्फ़…………ओइईईईईईईईई” करते हुए आँचल झड़ गयी और उसकी चूत से निकले रस ने सना का मुँह भिगो दिया. अब जाकर आँचल ने सना के सर से अपनी पकड़ ढीली की.
तब तक ख़ान अपने कपड़े उतारकर लंड को हाथ में लिए हिला रहा था और उन दोनो की काम लीला देखकर मज़े ले रहा था. आँचल को ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेकर झड़ते देखकर ख़ान से अब रुका नही गया. उसने सना को बाल पकड़कर आँचल की चूत से हटा दिया और आँचल की दोनो टाँगे पकड़कर फैला दी.
ख़ान ने अपने मोटे और बड़े लंड को आँचल की फूली हुई चूत के छेद पर लगाया और एक ज़ोर का धक्का लगाकर लंड अंदर घुसा दिया.
“आहह…उन्न्ह…ओइईई…म्म्माआअ…” अपनी गीली , पर टाइट चूत में ख़ान का मोटा लंड घुसते ही आँचल चिल्लाई.
ख़ान के मोटे लंड से अपनी चूत की दीवारों को स्ट्रेच होते महसूस कर आँचल कामोन्माद में डूब गयी. ख़ान उसकी चूत में तेज तेज शॉट मारने लगा , उन धक्कों से आँचल का बदन और उसकी बड़ी चूचियां ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी. ख़ान आँचल की मांसल जांघों को पकड़े हुए उसकी चूत की ठुकाई करते रहा.
सना आँचल की चुदाई देखकर कामवासना से बेहाल हो गयी , वो अपनी चूत में खुद ही उंगली करके अपना ओर्गास्म लाने की कोशिश करने लगी. फिर सना आँचल के खूबसूरत चेहरे पर बैठ गयी और अपनी गीली चूत को आँचल के मुँह पर रगड़ने लगी. आँचल ने सना की बिना बालों वाली चूत में जीभ घुसाकर उसे चाटना शुरू किया. अपने हाथों से उसने सना की पतली जांघों को पकड़ लिया और अपने सर को थोड़ा उठाकर सना की चूत चाटने लगी.
आँचल ने सना की चूत को इतना मज़ा दिया की जल्दी ही सना को ओर्गास्म आ गया
“ऊऊओ…ओह…..आआअहह….” सिसकारियाँ लेते हुए सना झड़ गयी और उसकी चूत ने रस बहाते हुए आँचल का मुँह भिगो दिया. जबरदस्त ओर्गास्म से सना अपने को सम्हाल नही पाई और सिसकते हुए बेड पर आँचल के बगल में गिर गयी. आँचल ने अपने ऊपर से सना की टाँगे हटाकर साइड में कर दी.
इधर ख़ान आँचल को पेले जा रहा था , अपने को झड़ते हुए महसूस करके ख़ान ने आँचल की चूत में धक्के तेज कर दिए.
मोटे लंड के धक्कों की मार से आँचल ज़ोर से सिसकने लगी …..ऊओह…….ओइईईई…..आआहह…
तभी ख़ान ने आँचल की चूत को अपने गाड़े वीर्य से भर दिया. और अपना लंड आँचल की चूत से निकाल लिया. जबरदस्त चुदाई से थककर ख़ान भी आँचल के बगल में लेट गया.
वो तीनो बेड पर लेटे हुए अपनी सांसो पर काबू पाने का प्रयास करने लगे. आँचल बेड पर नंगी अपनी टाँगे फैलाए लेटी हुई थी. उसकी चूत से वीर्य और चूतरस निकलकर चादर पर गिर रहा था. अभी तक की चुदाई का आँचल ने जी भरकर आनंद लिया. ख़ान और सना के साथ चुदाई से उसे भरपूर कामतृप्ति मिल गयी.
थोड़ी देर आराम करने के बाद आँचल ने देखा सना उठ बैठी है. फिर सना आँचल के ऊपर आ गयी. अब दोनो एक दूसरे के बदन को चूमने लगी और हाथ फिराने लगी. फिर आँचल ने अपने ऊपर झुकी हुई सना की चूचियों को मुँह में भर लिया और उन्हे चूसने लगी. सना ने आँचल की चूत में तीन उँगलियाँ डाल दी और तेज़ी से अंदर बाहर करने लगी. दोनो ही औरतें सिसकारियाँ लेने लगी.
आँचल और सना को सिसकारियाँ लेते देखकर ख़ान अपना लंड हिलाने लगा. फिर उसने आँचल के मुँह में अपना लंड घुसा दिया. आँचल ख़ान का लंड चूसने लगी और उसकी गोलियों को सहलाने लगी. आँचल अब लंड चूसने में माहिर हो चुकी थी. उसके लंड चूसने से जल्दी ही ख़ान सिसकने लगा.
“उउउ…ओह्ह …आँचल…..हाँ हाँ ऐसे ही चूसो ….. चूसती रहो….”
आँचल ख़ान का लंड भी चूस रही थी और अपनी गांड भी बीच बीच में ऊपर को उछाल रही थी क्यूंकी सना उसकी चूत को उंगलियों से तेज तेज चोद रही थी.
तभी ख़ान को लगा की वो अब झड़ने वाला है. उसने जल्दी से आँचल के मुँह से अपना लंड निकाल लिया. अब वो सना को चोदना चाह रहा था.
ख़ान ने सना को बेड में उल्टा लिटा दिया और उसकी गांड हवा में उठाकर अपना लंड सना की चूत में घुसा दिया.
“आअहह….उफफफ्फ़…ओह” ख़ान का मोटा लंड अपनी चूत में घुसते ही सना सिसकी.
ख़ान अब सना की चूत में धक्के मारने लगा. दुबली पतली सना उसके धक्कों से पूरी तरह से हिल जा रही थी.
“आअहह….ओह…उननगज्गग…..आआआआ…..ओइईईई….” सना चिल्लाने लगी.
ख़ान सना को अब पीछे से तेज़ी से चोदने लगा.
आँचल लेटे हुए ही सना को डॉगी पोज़ में ज़ोर ज़ोर से चिल्लाकर चुदते हुए देखने लगी. चुदते हुए सना को अलग अलग तरह का मुँह बनाते देखकर आँचल रोमांचित हो गयी. और अपनी फूली हुई क्लिट को उंगलियों से मसलने लगी. कुछ ही देर में सना की चुदाई देखकर अपनी क्लिट को मसलते हुए आँचल झड़ गयी.
ख़ान ने सना को चोदना जारी रखा. दुबली पतली सना के नितंब आँचल की तरह भरे हुए सुडौल नही थे. ख़ान उत्तेजना मे सना को चोदते हुए सना के नितंबों पर थप्पड़ मारने लगा. सना उत्तेजना और दर्द से चिल्लाती रही.
कुछ देर बाद ख़ान ने सना की चूत से अपना लंड निकाल लिया और सना को उठाकर उसके सेक्सी मुँह में डाल दिया. सना के मुँह में लंड घुसाकर ख़ान उसका सर टाइट पकड़कर उसे रफ तरीके से चोदने लगा. और जल्दी ही उसने सना का मुँह अपने वीर्य से भर दिया.
जब ख़ान ने सना के मुँह से अपना लंड बाहर निकाला तो आँचल ने देखा की सना के मुँह के किनारे से वीर्य बाहर निकल रहा है. आँचल ने सना के मुँह का चुंबन ले लिया और दोनो औरतें मज़े से ख़ान के वीर्य को निगल गयी.
थोड़ी देर बाद ख़ान बेड से उठा. सना और आँचल के नितंबों पर हल्के से एक एक थप्पड़ लगाकर ख़ान ने उन्हे उठने को कहा. ख़ान को एक बिज़नेस मीटिंग के लिए देर हो रही थी. आँचल और सना दोनो बेड से उठ खड़ी हुई और चादर से अपने चेहरे और नंगे बदन से वीर्य और चूत रस पोछने लगी. फिर दोनो ने फटाफट अपने कपड़े पहन लिए.
आँचल चुदाई के आनंद लेते हुए बंसल को भूल ही गयी और कामतृप्त होकर खुशी खुशी अपने मम्मी पापा के घर कार चलाकर चली गयी. घर जाकर आँचल बाथटब में बैठकर , मस्त चुदाई को याद करके गुनगुनाते हुई नहाने लगी.
फिर उसको अपने ससुर का ध्यान आया , कल उसका ससुर वापस आने वाला था. फोन पे उसके ससुर ने उससे जो कामुक बातें कही थी , उन्हे यादकर आँचल सोचने लगी, इस बार तो उसका ससुर मौके को हाथ से जाने नही देगा और उसे चोदकर ही मानेगा क्यूंकी अभी ससुराल में सास भी नही है और सुनील भी नही है.
आँचल अपने ससुर से संबंध बनाने में , सुनील और सास की वजह से, डरती थी , इसीलिए उसने अभी तक अपने आप को ससुर से बचाकर रखा था. लेकिन ससुर उसे चोदेगा इस ख़याल से उसकी चूत गीली भी हो जाती थी. अब जब कल ससुर वापस आएगा तो फिर क्या होगा , यही सोचते हुए वो बाथटब से उठ गयी.
thanks dear Destinyपति से आंचल की सुलगते जिस्म की गर्मी बुझाया nehi जा रहा तो अचल दूसरे मर्दों का सहारा लेकर प्यास भुजा रही। उसके लिस्ट में एक के बाद एक मर्द जुड़ता जा रहा है जो आंचल के मादक जिस्म को नोच नोच कर आंचल के जिस्मानी भूख को मिटा रहे है।
शानदार अदभुत अतुलनीय लेखन कौशल
Thanks Dear Destinyपैसे का बंदोबास करने गई पैसे का बंदोबस्त हुआ की नहीं हुआ वो तो बाद में पता चलेगा लेकिन आंचल को एक मस्त लण्ड और धमाकेदार चूदाई हों गया। बंसल जो कब से अपना रोटी छेकना चाहता था उसने भी मौके का फायदा बखूबी उठा लिया।
अदभुत अतुलनीय लेखन कौशल