- 1,171
- 1,372
- 143
मनोज निढाल पड़ा हुआ देख रहा था कि मित्तल कितनी बेहरहमी से उसकी बहन की गाँड़ मार रहा था ।
आएशा-आह...आह... फाड़...दी मेरी....मा.....आह मुझे कककुच्छ....हो रहा है.....
मित्तल समझ गया कि आएशा एक बार फिर झड़ने वाली है उसने आएशा को थोड़ा ऊपर किया और अपना लन्ड उसकी गाँड़ से निकालकर उसकी चूत में एक ही झटके में घुसेड़ दिया और धक्कों की रेल चला दी 5 मिनट की बेहरहम चुदाई के बाद आएशा और मित्तल दोनों ही चीखते-गुर्राते हुए एक साथ झड़ गए ।
इसके बाद आएशा को मित्तल के गुंडों ने उठाकर एक कमरे में बंद कर दिया और मित्तल ने आएशा के बदले मनोज से 2 लाख रुपए माँगे ।और अभी रमा से पैसे लेकर मनोज मित्तल को दो लाख देने जा रहा था । अब जब मनोज मित्तल के आफिस पहुँचा तो मित्तल ने उसे बैठने के लिए कहा ।
मित्तल-आओ मनोज आओ ...
मनोज-यह लो दो लाख और मेरी बहन को छोड़ दो ।
मित्तल-मनोज तुमने गलती तो की है पर तुम मेरी ही तरह एक नंबर के बहन चोद हो इसलिए मुझे लगता है हमारी खूब जमेगी बोलो काम करोगे मेरे साथ ?
मनोज-मेरी बहन ?
मित्तल-उसे मैंने होस्टल भिजवा दिया है उसकी चिंता मत करो ,हाथ मिला लो मुझसे दो लाख तो बचेंगे ही ऊपर से एक लाख हर महीने मैं तुम्हें दूँगा ।
मनोज-तुमने मुझे मेरी बहन की नज़रों में ही गिरा दिया है ,तुम सोच भी कैसे सकते हो कि मैं तुम्हारे लिए काम करूँगा ।
मित्तल-अभी तक नहीं गिरे हो तुम अपनी बहन की नज़रों में ।
मनोज-मतलब?
मित्तल-मतलब यह कि आएशा को मैंने एक ड्रग्स का हेवी डोज़ दे रखा था उसे आज की कोई बात याद नहीं रहेगी । यार अब जब हमने एक साथ चुदाई कर ली है तो शर्म छोड़ो और मेरे लिए काम करो ।
मनोज-क्या करना होगा मुझे ?
मित्तल-मुझे पता है तुम लड़कियाँ पटाने में माहिर हो इसलिए अब जो भी लड़की पटाओ उसे मेरे पास भी लाना होगा । यह लो इस महीने के एक लाख ऐश करो और शाम में मुझे फार्महाउस पे मिलो कुछ बातें करनी है ।
मनोज की मानो अचानक सारी उंगलियां घी में थीं हालांकि उसे बहन के बारे में सोचकर कर बुरा लग रहा था पर उसने अपने दिल को यह कहकर समझा लिया कि वो सब भूल जाएगी वो आएशा के सामने अभी भी बड़े भाई की हैसियत से जा पायेगा । उसने पैसे उठा लिए और किसी बार की तरफ चल पड़ा दारू पीने ।
दूसरी तरफ राहुल जिसका सिर अब पिंकि की गोद में था पिंकि को अपनी दास्तान सुना रहा था । वो उसे उस अदृश्य आवाज़ ,अपनी ताक़तों , रमा-बबिता-वैदेही-सनी लियोनी और यँहा तक कि तनु की देखकर उसके मन में जो विचार उठते थे उन सब के बारे में बता चुका था । पिंकि उसके बालों को सहलाते हुए उसकी बातें बड़े ध्यान से सुन रही थी ।
सरी तरफ राहुल जिसका सिर अब पिंकि की गोद में था पिंकि को अपनी दास्तान सुना रहा था । वो उसे उस अदृश्य आवाज़ ,अपनी ताक़तों , रमा-बबिता-वैदेही-सनी लियोनी और यँहा तक कि तनु की देखकर उसके मन में जो विचार उठते थे उन सब के बारे में बता चुका था । पिंकि उसके बालों को सहलाते हुए उसकी बातें बड़े ध्यान से सुन रही थी ।
पिंकि-राहुल तू अपनी शक्तियों का गलत यूज़ मत करना कभी और अपने दिमाग पर सेक्स को हावी मत होने दिया कर ।
राहुल-कोशिश करता हूँ मैं पर जब किसी सेक्सी लड़की को देखता हूँ तो कंट्रोल ही नहीं रहता ।
पिंकि-लेकिन मेरे और वैदेही के और यँहा तक कि तनु के साथ भी तो तुम कंट्रोल करते हो न क्या हम तीनों सेक्सी नहीं हैं ? और वैदेही से तुम भागे क्यों ?
राहुल-तुम तीनों के बारे में भी वो आवाज़ मुझे उकसाती रहती है ऐसा लगता है मानो वो चाहती हो कि मैं दिन रात सेक्स ही करता रहूँ ।कई बार तो ऐसा लगता है कि उस आवाज़ ने मुझपर कंट्रोल कर लिया है ।जैसे इस समय मुझे तुम्हारे कपड़ो के अंदर पहने हुए कपड़े नज़र आ रहे है ।
पिंकि(अपनी छाती को अपने हाथों से ढक लेती है)-क्या उन अंदर के कपड़ों में मैं सुंदर दिखती हूँ ?
राहुल-हम्म बहुत सुंदर लगती हो । तुम्हें मेरा देखना अच्छा नहीं लग रहा ?
पिंकि-नहीं बस शर्म आती है ।अच्छा बताओ क्या नज़र आ रहा तुम्हें ?
राहुल-वाइट और गोल्डेन रंग कि स्ट्रिप्स वाली ब्रा और तुम्हारे बूब्स जो उसमें अच्छे से फिट भी नहीं हो रहे ।
पिंकि(शर्म से उसके गाल लाल हो जाते हैं )-तुम्हें अच्छे नहीं लगे ?
राहुल-कितने गोल और बड़े है बिल्कुल खरबूजे जैसे ।
पिंकि-तुमको अच्छे नहीं लगे न ।
राहुल-लगे बहुत अच्छे और सुंदर ।
पिंकि-तो कैसा लग रहा है ।
राहुल-तुम्हारे दुधु देखकर तो भूख लगने लगी है ।
पिंकि-अच्छा जी ,मगर मैं तो खाना लाई ही नहीं। वो राहुल को ज़मीन पे पलट देती है और खुद उसपर चढ़ जाती है ।वो उसके लन्ड के थोड़ा सा ऊपर बैठ जाती है और अपने होंठ राहुल के होंठो पे लगा देती है । उसके नरम होंठ के सख्त और गर्म होंठो में पिघलने से लगते हैं। राहुल पिंकि की शर्ट के अंदर हाथ डाल देता है और उसकि कमर को सहलाते हुए उसके बड़े और नरम स्तंनो को हल्के हाथों से ब्रा समेत ही पकड़ लेता है ।
पिंकि अचानक किसी हिरनी सी चपलता दिखाते हुए उसकी पकड़ से आज़ाद हो जाती है और उस खुली वादी में हिरनी सी भागने लगती है ।
पिंकि-पकड़ो मुझे हाहाहा ...
राहुल(अचानक से अपनी रफ्तार बढ़ा कर पिंकि के सामने आ जाता है)-अब कँहा भगोगी ।
पिंकि(राहुल के बिल्कुल करीब आकर, उसकी आँखों में देखते हुए )-तो क्या करोगे ?
राहुल(पिंकि को उसकि कमर से पकड़कर अपनी छाती से लगा लेता है)-बता दूँ ?
पिंकि(वो अपने हाथों राहुल के गले में डाल देती है)-हम्म बताओ क्या करोगे ।"सबसे पहले इस प्यारे से माथे की चुम्मी लूँगा" राहुल पिंकि के माथे को चूमते हुए उसकी शर्ट को उसकी पैंट से बाहर निकाल देता है ।"फिर इस गाल की पप्पी लूँगा" वो पिंकि के एक गाल को किस करते हुए उसकी कमीज़ का सबसे निचला बटन खोल देता है ।
पिंकि(उम्म..उसे यह पता नहीं चला था कि राहुल ने उसकी शर्ट का बटन खोल दिया है )-इसके बाद ।
राहुल(पिंकि के दूसरे गाल को चूमते हुए उसकी शर्ट का एक और बटन खोल देता है)-फिर यह ।
पिंकि-अच्छा ...फिर ।
राहुल ( वो पिंकि के होंठों ,गालों और गर्दन को बार-2 चूमते हुए उसकी कमीज़ के सारे बटन खोल देता है ) -फ़िर धीरे से तुम्हारी कमीज़ को उतार दूँगा ।
पिंकि (राहुल एक झटके में उसकी खुली हुई शर्ट उतार देता है, पिंकि शर्म के मारे अपने स्तंनो पर अपने हाथ रख देती है)-गन्दे बच्चे कोई देख लेगा तो? चलो मेरी शर्ट वापिस करो ।
राहुल(पिंकि की शर्ट को हवा में घुमाते हुए)-पहले एक किस्सी करने दो ।
पिंकि-तंग मत करो न , दो न शर्ट इतनी किस्सीयाँ तो कर ली हैं ।
राहुल(राहुल का एक हाथ इस समय पिंकि की पीठ को सहलाते हुए चुपके से पिंकि की ब्रा की डोरी खोल रहा था)-नहीं वँहा करने दो न ।
पिंकि-कँहा ?
राहुल-जो बड़े-2 हैं और बहुत सुंदर हैं ।
पिंकि-तो करलो बालों पे किस ने रोका है ।
राहुल-बाल नहीं ,जो दूध से भरे हुए हैं ।
पिंकि (वो अभी भी अपने स्तंनो पर हाथ रखे हुए थी और उसे यह पता नहीं था कि उसकी ब्रा केवल उसके हाथों ने थाम रखी है क्योंकि राहुल उसकी डोरी तो खोल चुका था )-धत्त, तंग मत करो प्लीज़ मेरी शर्ट दो न ,कोई आ जायेगा ।
राहुल-एक किस की जी तो बात है , प्लीज़ करने दो न ।
पिंकि सोचती है कि कोई उसे इस हालात में देख ले इससे तो अच्छा वो राहुल को किस करने दे । यह सोचकर वो अपने हाथ अपने स्तंनो से हटा लेती है और उसी के साथ उसकी ब्रा भी नीचे गिरती है और राहुल झट से अपना मुँह उसके निप्पल पे लगा देता है और दूसरे मम्में को हल्के-2 दबाते हुए चूसने लगता है ।
पिंकि-प्लीज़ राहुल छोड़ो न ....आह....उम्मह.... हो राहुल प्लीज़ कोई आ जाएगा न ।
पर राहुल उसकी बात को ऐसे अनसुना कर देता है मानों वो बेहरा हो ....और उसके निप्पल को पूरी तल्लीनता से चूसता रहता है ।
पिंकि-पुलिस...पुलिस ...
पुलिस का नाम सुनते ही राहुल चोंककर पिंकि को का निप्पल छोड़ पीछे देखता है और इसी मौक़े का फायदा उठा कर पिंकि जल्दी से राहुल के हाथ से अपनी कमीज और ब्रा लेकर पहनने लगती है । जिंतनी देर राहुल को कुछ समझ में आता पिंकि कपड़े पहन चुकी थी और हँस रही थी ।
राहुल(थोड़ा नाराज़ होते हुए)-अच्छा बुद्धु बनाया तुमने मुझे ।
पिंकि (राहुल को जीभ निकालकर चिढाते हुए)- जैसे को तैसा , कोई देख लेता तो ।
राहुल-हुंह...यँहा कौन आएगा ?
पिंकि-अगर कोई आ जाता तो ?
राहुल-कुछ भी हो तुमने यह ठीक नहीं किया ।
पिंकि-और जो तुमने किया ?
राहुल-मैंने क्या किया ?
पिंकि- तो मेरा बूब कोई भूत चूस रहा था ,पागल कोई आ जाता तो क्या सोचता ।
राहुल-कितना अच्छा लग रहा था , थोडा सा और चूसने दो न ।
पिंकि (राहुल के होंठो पे किस करते हुए)- यह सब घर में और वो भी रात के समय ।राहुल-तो चलो घर चलते हैं ।
पिंकि-हाहाहा...अभी तो स्कूल टाइम है ...इतना भी उतावला पन ठीक नहीं है ...चलो न किसी रेस्टोरेंट में खाना खाने चलते हैं ।
राहुल बेचारा कर भी क्या सकता था पिंकि सही थी इसलिए उसे पिंकि की बात माननी ही पड़ी और दोनों पहाड़ से नीचे उतरने लगे ताकि कोई रेस्टोरेंट ढूंढ सकें ।
आएशा-आह...आह... फाड़...दी मेरी....मा.....आह मुझे कककुच्छ....हो रहा है.....
मित्तल समझ गया कि आएशा एक बार फिर झड़ने वाली है उसने आएशा को थोड़ा ऊपर किया और अपना लन्ड उसकी गाँड़ से निकालकर उसकी चूत में एक ही झटके में घुसेड़ दिया और धक्कों की रेल चला दी 5 मिनट की बेहरहम चुदाई के बाद आएशा और मित्तल दोनों ही चीखते-गुर्राते हुए एक साथ झड़ गए ।
इसके बाद आएशा को मित्तल के गुंडों ने उठाकर एक कमरे में बंद कर दिया और मित्तल ने आएशा के बदले मनोज से 2 लाख रुपए माँगे ।और अभी रमा से पैसे लेकर मनोज मित्तल को दो लाख देने जा रहा था । अब जब मनोज मित्तल के आफिस पहुँचा तो मित्तल ने उसे बैठने के लिए कहा ।
मित्तल-आओ मनोज आओ ...
मनोज-यह लो दो लाख और मेरी बहन को छोड़ दो ।
मित्तल-मनोज तुमने गलती तो की है पर तुम मेरी ही तरह एक नंबर के बहन चोद हो इसलिए मुझे लगता है हमारी खूब जमेगी बोलो काम करोगे मेरे साथ ?
मनोज-मेरी बहन ?
मित्तल-उसे मैंने होस्टल भिजवा दिया है उसकी चिंता मत करो ,हाथ मिला लो मुझसे दो लाख तो बचेंगे ही ऊपर से एक लाख हर महीने मैं तुम्हें दूँगा ।
मनोज-तुमने मुझे मेरी बहन की नज़रों में ही गिरा दिया है ,तुम सोच भी कैसे सकते हो कि मैं तुम्हारे लिए काम करूँगा ।
मित्तल-अभी तक नहीं गिरे हो तुम अपनी बहन की नज़रों में ।
मनोज-मतलब?
मित्तल-मतलब यह कि आएशा को मैंने एक ड्रग्स का हेवी डोज़ दे रखा था उसे आज की कोई बात याद नहीं रहेगी । यार अब जब हमने एक साथ चुदाई कर ली है तो शर्म छोड़ो और मेरे लिए काम करो ।
मनोज-क्या करना होगा मुझे ?
मित्तल-मुझे पता है तुम लड़कियाँ पटाने में माहिर हो इसलिए अब जो भी लड़की पटाओ उसे मेरे पास भी लाना होगा । यह लो इस महीने के एक लाख ऐश करो और शाम में मुझे फार्महाउस पे मिलो कुछ बातें करनी है ।
मनोज की मानो अचानक सारी उंगलियां घी में थीं हालांकि उसे बहन के बारे में सोचकर कर बुरा लग रहा था पर उसने अपने दिल को यह कहकर समझा लिया कि वो सब भूल जाएगी वो आएशा के सामने अभी भी बड़े भाई की हैसियत से जा पायेगा । उसने पैसे उठा लिए और किसी बार की तरफ चल पड़ा दारू पीने ।
दूसरी तरफ राहुल जिसका सिर अब पिंकि की गोद में था पिंकि को अपनी दास्तान सुना रहा था । वो उसे उस अदृश्य आवाज़ ,अपनी ताक़तों , रमा-बबिता-वैदेही-सनी लियोनी और यँहा तक कि तनु की देखकर उसके मन में जो विचार उठते थे उन सब के बारे में बता चुका था । पिंकि उसके बालों को सहलाते हुए उसकी बातें बड़े ध्यान से सुन रही थी ।
सरी तरफ राहुल जिसका सिर अब पिंकि की गोद में था पिंकि को अपनी दास्तान सुना रहा था । वो उसे उस अदृश्य आवाज़ ,अपनी ताक़तों , रमा-बबिता-वैदेही-सनी लियोनी और यँहा तक कि तनु की देखकर उसके मन में जो विचार उठते थे उन सब के बारे में बता चुका था । पिंकि उसके बालों को सहलाते हुए उसकी बातें बड़े ध्यान से सुन रही थी ।
पिंकि-राहुल तू अपनी शक्तियों का गलत यूज़ मत करना कभी और अपने दिमाग पर सेक्स को हावी मत होने दिया कर ।
राहुल-कोशिश करता हूँ मैं पर जब किसी सेक्सी लड़की को देखता हूँ तो कंट्रोल ही नहीं रहता ।
पिंकि-लेकिन मेरे और वैदेही के और यँहा तक कि तनु के साथ भी तो तुम कंट्रोल करते हो न क्या हम तीनों सेक्सी नहीं हैं ? और वैदेही से तुम भागे क्यों ?
राहुल-तुम तीनों के बारे में भी वो आवाज़ मुझे उकसाती रहती है ऐसा लगता है मानो वो चाहती हो कि मैं दिन रात सेक्स ही करता रहूँ ।कई बार तो ऐसा लगता है कि उस आवाज़ ने मुझपर कंट्रोल कर लिया है ।जैसे इस समय मुझे तुम्हारे कपड़ो के अंदर पहने हुए कपड़े नज़र आ रहे है ।
पिंकि(अपनी छाती को अपने हाथों से ढक लेती है)-क्या उन अंदर के कपड़ों में मैं सुंदर दिखती हूँ ?
राहुल-हम्म बहुत सुंदर लगती हो । तुम्हें मेरा देखना अच्छा नहीं लग रहा ?
पिंकि-नहीं बस शर्म आती है ।अच्छा बताओ क्या नज़र आ रहा तुम्हें ?
राहुल-वाइट और गोल्डेन रंग कि स्ट्रिप्स वाली ब्रा और तुम्हारे बूब्स जो उसमें अच्छे से फिट भी नहीं हो रहे ।
पिंकि(शर्म से उसके गाल लाल हो जाते हैं )-तुम्हें अच्छे नहीं लगे ?
राहुल-कितने गोल और बड़े है बिल्कुल खरबूजे जैसे ।
पिंकि-तुमको अच्छे नहीं लगे न ।
राहुल-लगे बहुत अच्छे और सुंदर ।
पिंकि-तो कैसा लग रहा है ।
राहुल-तुम्हारे दुधु देखकर तो भूख लगने लगी है ।
पिंकि-अच्छा जी ,मगर मैं तो खाना लाई ही नहीं। वो राहुल को ज़मीन पे पलट देती है और खुद उसपर चढ़ जाती है ।वो उसके लन्ड के थोड़ा सा ऊपर बैठ जाती है और अपने होंठ राहुल के होंठो पे लगा देती है । उसके नरम होंठ के सख्त और गर्म होंठो में पिघलने से लगते हैं। राहुल पिंकि की शर्ट के अंदर हाथ डाल देता है और उसकि कमर को सहलाते हुए उसके बड़े और नरम स्तंनो को हल्के हाथों से ब्रा समेत ही पकड़ लेता है ।
पिंकि अचानक किसी हिरनी सी चपलता दिखाते हुए उसकी पकड़ से आज़ाद हो जाती है और उस खुली वादी में हिरनी सी भागने लगती है ।
पिंकि-पकड़ो मुझे हाहाहा ...
राहुल(अचानक से अपनी रफ्तार बढ़ा कर पिंकि के सामने आ जाता है)-अब कँहा भगोगी ।
पिंकि(राहुल के बिल्कुल करीब आकर, उसकी आँखों में देखते हुए )-तो क्या करोगे ?
राहुल(पिंकि को उसकि कमर से पकड़कर अपनी छाती से लगा लेता है)-बता दूँ ?
पिंकि(वो अपने हाथों राहुल के गले में डाल देती है)-हम्म बताओ क्या करोगे ।"सबसे पहले इस प्यारे से माथे की चुम्मी लूँगा" राहुल पिंकि के माथे को चूमते हुए उसकी शर्ट को उसकी पैंट से बाहर निकाल देता है ।"फिर इस गाल की पप्पी लूँगा" वो पिंकि के एक गाल को किस करते हुए उसकी कमीज़ का सबसे निचला बटन खोल देता है ।
पिंकि(उम्म..उसे यह पता नहीं चला था कि राहुल ने उसकी शर्ट का बटन खोल दिया है )-इसके बाद ।
राहुल(पिंकि के दूसरे गाल को चूमते हुए उसकी शर्ट का एक और बटन खोल देता है)-फिर यह ।
पिंकि-अच्छा ...फिर ।
राहुल ( वो पिंकि के होंठों ,गालों और गर्दन को बार-2 चूमते हुए उसकी कमीज़ के सारे बटन खोल देता है ) -फ़िर धीरे से तुम्हारी कमीज़ को उतार दूँगा ।
पिंकि (राहुल एक झटके में उसकी खुली हुई शर्ट उतार देता है, पिंकि शर्म के मारे अपने स्तंनो पर अपने हाथ रख देती है)-गन्दे बच्चे कोई देख लेगा तो? चलो मेरी शर्ट वापिस करो ।
राहुल(पिंकि की शर्ट को हवा में घुमाते हुए)-पहले एक किस्सी करने दो ।
पिंकि-तंग मत करो न , दो न शर्ट इतनी किस्सीयाँ तो कर ली हैं ।
राहुल(राहुल का एक हाथ इस समय पिंकि की पीठ को सहलाते हुए चुपके से पिंकि की ब्रा की डोरी खोल रहा था)-नहीं वँहा करने दो न ।
पिंकि-कँहा ?
राहुल-जो बड़े-2 हैं और बहुत सुंदर हैं ।
पिंकि-तो करलो बालों पे किस ने रोका है ।
राहुल-बाल नहीं ,जो दूध से भरे हुए हैं ।
पिंकि (वो अभी भी अपने स्तंनो पर हाथ रखे हुए थी और उसे यह पता नहीं था कि उसकी ब्रा केवल उसके हाथों ने थाम रखी है क्योंकि राहुल उसकी डोरी तो खोल चुका था )-धत्त, तंग मत करो प्लीज़ मेरी शर्ट दो न ,कोई आ जायेगा ।
राहुल-एक किस की जी तो बात है , प्लीज़ करने दो न ।
पिंकि सोचती है कि कोई उसे इस हालात में देख ले इससे तो अच्छा वो राहुल को किस करने दे । यह सोचकर वो अपने हाथ अपने स्तंनो से हटा लेती है और उसी के साथ उसकी ब्रा भी नीचे गिरती है और राहुल झट से अपना मुँह उसके निप्पल पे लगा देता है और दूसरे मम्में को हल्के-2 दबाते हुए चूसने लगता है ।
पिंकि-प्लीज़ राहुल छोड़ो न ....आह....उम्मह.... हो राहुल प्लीज़ कोई आ जाएगा न ।
पर राहुल उसकी बात को ऐसे अनसुना कर देता है मानों वो बेहरा हो ....और उसके निप्पल को पूरी तल्लीनता से चूसता रहता है ।
पिंकि-पुलिस...पुलिस ...
पुलिस का नाम सुनते ही राहुल चोंककर पिंकि को का निप्पल छोड़ पीछे देखता है और इसी मौक़े का फायदा उठा कर पिंकि जल्दी से राहुल के हाथ से अपनी कमीज और ब्रा लेकर पहनने लगती है । जिंतनी देर राहुल को कुछ समझ में आता पिंकि कपड़े पहन चुकी थी और हँस रही थी ।
राहुल(थोड़ा नाराज़ होते हुए)-अच्छा बुद्धु बनाया तुमने मुझे ।
पिंकि (राहुल को जीभ निकालकर चिढाते हुए)- जैसे को तैसा , कोई देख लेता तो ।
राहुल-हुंह...यँहा कौन आएगा ?
पिंकि-अगर कोई आ जाता तो ?
राहुल-कुछ भी हो तुमने यह ठीक नहीं किया ।
पिंकि-और जो तुमने किया ?
राहुल-मैंने क्या किया ?
पिंकि- तो मेरा बूब कोई भूत चूस रहा था ,पागल कोई आ जाता तो क्या सोचता ।
राहुल-कितना अच्छा लग रहा था , थोडा सा और चूसने दो न ।
पिंकि (राहुल के होंठो पे किस करते हुए)- यह सब घर में और वो भी रात के समय ।राहुल-तो चलो घर चलते हैं ।
पिंकि-हाहाहा...अभी तो स्कूल टाइम है ...इतना भी उतावला पन ठीक नहीं है ...चलो न किसी रेस्टोरेंट में खाना खाने चलते हैं ।
राहुल बेचारा कर भी क्या सकता था पिंकि सही थी इसलिए उसे पिंकि की बात माननी ही पड़ी और दोनों पहाड़ से नीचे उतरने लगे ताकि कोई रेस्टोरेंट ढूंढ सकें ।