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राहुल(जल्दी से लोअर और टॉप पहन के रसोई की तरफ जाते हुए)-क्या है ?
तनु-रसोई में आ और ऊपर की शेल्फ से घी का डिब्बा उतार के दे मुझे ।
राहुल(राहुल की नज़र फिर से तनु के मोम्मों और निक्कर से उभर रही गाँड़ पर पड़ती है ,"यह आज मुझे जीने नहीं देगी " वो मन में सोचता है )-पीछे तो हट । राहुल ऊपर की शेल्फ खोलकर देखता है "यार इसमें तो कई डिब्बे हैं घी वाला कौनसा है ?"
तनु-तू न सच में डफर है चल मुझे ऊपर उठा मैं खुद देख लूँगी ।
राहुल-गिर-विर जाएगी एक दिन बिना घी के खाना खा ले ।
तनु(राहुल को घूरते हुए)-तू मुझे उठाएगा या मम्मी को बता दूँ मैं ?
"एक नम्बर की चंट है कुतिया कहीं की" राहुल मन में सोचता हुआ तनु के पीछे आ जाता है और उसे डरते डरते कमर से पकड़ता है ....तनु की नंगी ,पतली और मखमली कमर को छूते ही दोनों के बदनों में बिजली दौड़ जाती है । "क्या कर रहा है ऊपर से पकड़ गुदगुदी होती है" तनु कसमसाते हुए कहती है । राहुल तनु की बात सुनकर तोड़ा चकरा जाता है क्योंकि उसके हाथ पहले ही कमर के ऊपरी हिस्से पर थे वो ज़रा सा भी हाथ ऊपर करता तो तनु के मम्में दब जाते ।
तनु(वो भूख से बेहाल हो रही थी)-सोच क्या रहा है उठा न ?
राहुल तनु के मम्मों को अपने हाथों से दबोचते हुए उसे ऊपर उठा देता है । तनु तो उसे कंधों से पकड़कर उठाने को कह रही थी इस अचानक हुए हमले से वो बौखलाहट में हाथ पैर मारने लगती है । तनु का बैलेंस खराब हो गया है यह सोचकर राहुल ने उसे और ज़ोर से पकड़ लिया तनु के बड़े - 2 मम्में अब राहुल के हब्शी हाथों में वैसे ही गूंथे हुए थे जैसे आटा .। अब तनु को दर्द होने लगा था जिसकी वजह से और तेजी से हाथ पैर चलाने लगी और उसे संभालने के चक्कर में राहुल ने उसके स्तंनो को और ज़ोर से दबा दिया ...इस तरह तनु के मम्में राहुल के हाथों में पिचक से गए आखिर तनु को इतना दर्द होने लगा कि वो चीख पड़ी "राहुल मेरे बूब्स छोड़ मुझे दर्द हो रहा है" ।
राहुल ने तनु की जल्दी से नीचे उतारा तो किसी पागल बिल्ली की तरह उस पर झपटी और जो भी चीज़ उसके हाथ मे आई वो उसने राहुल पे फेकना शुरू कर दी और "आह ...पागल... जानवर... गधा.." बोलते हुए राहुल को मरती रही । राहुल ने उसके हाथ पकड़कर उसे रोकने की कोशिश की तो वो अनजाने में उसपर चाकू से वार कर बैठी । चाकू का वार तो राहुल ने हाथ से रोक लिया पर एक बड़ा सा जख्म उसके बाएं हाथ पर होगा । खून की एक मोटी धारा राहुल के हाथ से फूट निकली ।इतना खून देखकर कर तनु बेहोश होकर ज़मीन पे गिर पड़ी ।
राहुल ने किसी तरह बर्फ लगाकर खून का बहना कम किया और फिर अपने हाथ पर पट्टी बांध दी और तनु को उठाकर उसके कमरे में लेटाया । उसके बाद की फटाफट फिर से रसोई में आया और ज़मीन पे गिरा हुआ अपना खून साफ किया । इसके बाद वो तनु के पास बैठकर उसके माथे पे ठंडी पट्टियों को रखकर उसे होश मे लाने लग गया ।
राहुल को तनु की चिंता तो थी ही पर उसके साथ-2 वो सोच रहा था कि तनु के आने से पहले अगर कोई घर पर आ गया तो क्या होगा? पर आज उसकी किस्मत उसके साथ थी तनु होश आ गया । उसे देखते ही तनु चिल्लाने लगी "मैंने तेरा हाथ काट दिया ...मैंने तेरा हाथ काट दिया "
राहुल ने अपना हाथ मुँह पर रखकर तनु की आवाज़ों को रोका और अपना दिखाते हुए बोला" हाथ कटा नहीं है बस चोट लगी है..चिल्लाओ मत कोई सुन लेगा "
तनु-दिखा मुझे।
राहुल-यह ले देख अम्मा कर ले तसल्ली ।
तनु-तुमने मुझे वँहा से क्यों पकड़ा था ?
तनु-रसोई में आ और ऊपर की शेल्फ से घी का डिब्बा उतार के दे मुझे ।
राहुल(राहुल की नज़र फिर से तनु के मोम्मों और निक्कर से उभर रही गाँड़ पर पड़ती है ,"यह आज मुझे जीने नहीं देगी " वो मन में सोचता है )-पीछे तो हट । राहुल ऊपर की शेल्फ खोलकर देखता है "यार इसमें तो कई डिब्बे हैं घी वाला कौनसा है ?"
तनु-तू न सच में डफर है चल मुझे ऊपर उठा मैं खुद देख लूँगी ।
राहुल-गिर-विर जाएगी एक दिन बिना घी के खाना खा ले ।
तनु(राहुल को घूरते हुए)-तू मुझे उठाएगा या मम्मी को बता दूँ मैं ?
"एक नम्बर की चंट है कुतिया कहीं की" राहुल मन में सोचता हुआ तनु के पीछे आ जाता है और उसे डरते डरते कमर से पकड़ता है ....तनु की नंगी ,पतली और मखमली कमर को छूते ही दोनों के बदनों में बिजली दौड़ जाती है । "क्या कर रहा है ऊपर से पकड़ गुदगुदी होती है" तनु कसमसाते हुए कहती है । राहुल तनु की बात सुनकर तोड़ा चकरा जाता है क्योंकि उसके हाथ पहले ही कमर के ऊपरी हिस्से पर थे वो ज़रा सा भी हाथ ऊपर करता तो तनु के मम्में दब जाते ।
तनु(वो भूख से बेहाल हो रही थी)-सोच क्या रहा है उठा न ?
राहुल तनु के मम्मों को अपने हाथों से दबोचते हुए उसे ऊपर उठा देता है । तनु तो उसे कंधों से पकड़कर उठाने को कह रही थी इस अचानक हुए हमले से वो बौखलाहट में हाथ पैर मारने लगती है । तनु का बैलेंस खराब हो गया है यह सोचकर राहुल ने उसे और ज़ोर से पकड़ लिया तनु के बड़े - 2 मम्में अब राहुल के हब्शी हाथों में वैसे ही गूंथे हुए थे जैसे आटा .। अब तनु को दर्द होने लगा था जिसकी वजह से और तेजी से हाथ पैर चलाने लगी और उसे संभालने के चक्कर में राहुल ने उसके स्तंनो को और ज़ोर से दबा दिया ...इस तरह तनु के मम्में राहुल के हाथों में पिचक से गए आखिर तनु को इतना दर्द होने लगा कि वो चीख पड़ी "राहुल मेरे बूब्स छोड़ मुझे दर्द हो रहा है" ।
राहुल ने तनु की जल्दी से नीचे उतारा तो किसी पागल बिल्ली की तरह उस पर झपटी और जो भी चीज़ उसके हाथ मे आई वो उसने राहुल पे फेकना शुरू कर दी और "आह ...पागल... जानवर... गधा.." बोलते हुए राहुल को मरती रही । राहुल ने उसके हाथ पकड़कर उसे रोकने की कोशिश की तो वो अनजाने में उसपर चाकू से वार कर बैठी । चाकू का वार तो राहुल ने हाथ से रोक लिया पर एक बड़ा सा जख्म उसके बाएं हाथ पर होगा । खून की एक मोटी धारा राहुल के हाथ से फूट निकली ।इतना खून देखकर कर तनु बेहोश होकर ज़मीन पे गिर पड़ी ।
राहुल ने किसी तरह बर्फ लगाकर खून का बहना कम किया और फिर अपने हाथ पर पट्टी बांध दी और तनु को उठाकर उसके कमरे में लेटाया । उसके बाद की फटाफट फिर से रसोई में आया और ज़मीन पे गिरा हुआ अपना खून साफ किया । इसके बाद वो तनु के पास बैठकर उसके माथे पे ठंडी पट्टियों को रखकर उसे होश मे लाने लग गया ।
राहुल को तनु की चिंता तो थी ही पर उसके साथ-2 वो सोच रहा था कि तनु के आने से पहले अगर कोई घर पर आ गया तो क्या होगा? पर आज उसकी किस्मत उसके साथ थी तनु होश आ गया । उसे देखते ही तनु चिल्लाने लगी "मैंने तेरा हाथ काट दिया ...मैंने तेरा हाथ काट दिया "
राहुल ने अपना हाथ मुँह पर रखकर तनु की आवाज़ों को रोका और अपना दिखाते हुए बोला" हाथ कटा नहीं है बस चोट लगी है..चिल्लाओ मत कोई सुन लेगा "
तनु-दिखा मुझे।
राहुल-यह ले देख अम्मा कर ले तसल्ली ।
तनु-तुमने मुझे वँहा से क्यों पकड़ा था ?