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मैने शाम तक का वक़्त कैसे काटा ये में बता नही सकता .फिर वो टाइम भी आ गया जिस का मुझे इंतज़ार था और हम प्रिया के घर पहुँच गये.
वहाँ आंटी मामी को देख के बहुत खुस हुई.
आंटी-अजय तुम तो सच में अपनी मामी को ले के आ गये तुम तो बड़े पक्के निकले अपने वादे के.
में-जी आंटी में अपना वादा किसी भी कीमत पे पूरा करता हूँ और जो पूरे ना कर सकूँ ऐसे वादे करता नही हूँ.
आंटी-बहुत खूब.तुम्हारे आने से प्रिया भी बहुत खुश है.तुम्हारे जाने के बाद से बस तुम्हारी ही बात कर रही है तुम उपर जाओ उस ने खास तौर पे कहा है कि तुम्हारे आते ही तुम्हें उपर भेज दिया जाए.मुझे उम्मीद नही थी कि तुम आज ही अपनी मामी के साथ आ पाओगे पर उस
को पूरा यकीन था की तुम ज़रूर आओगे.
में-जी में प्रिया के पास जा रहा हूँ.वैसे भी अब आप लोगो को मेरी कोई ज़रूरत नही है.
मामी-जाना है तो जा नही तो अगर मेरा मूड चेंज हो गया तो शायद …
में-जा रहा हूँ.
में उपर चला गया प्रिया कोई मेग्ज़ीन पढ़ रही थी और मुझे देखते ही एक दम से उसके चहरे पे ख़ुसी और गुस्सा दोनों के भाव आ गये जो मेरे समझ से परे था.
में-हाई प्रिया कौन सी मेग्जीन पढ़ रही हो.
प्रिया-तुम्हें उस से क्या .तुम ने 4पीएम का बोला था और अभी 4.30 हो रहे है तुम आधा घंटा लेट हो तुम्हें पता है में कितना मिस कर रही हूँ तुम्हें.
में-सच में बस एक ही बार के मुलाकात में तुम्हारा ये हाल है तो आगे क्या होगा क्यूँ कि अब तो में तुम्हारी फ्रेंड्सशिप का ऑफर छोड़ने वाला नही हू.सॉरी में तो टाइम पे ही था पर तुहमरी मॉम ने रोक लिया नीचे.
प्रिया-ओके ज़्यादा बहाने बनाना की ज़रूरत नही है.चलो कही घूमने चलते है.
में-पर तुम्हें तो फीवर है ना .
प्रिया-नही अब में बिल्कुल ठीक हूँ में यहाँ बोर हो रही हूँ और मॉम मुझे अकेले कही भी नही जाने देगी प्ल्ज़ तुम साथ चलो ना प्ल्ज़्ज़.
में-ओह तो इसलिए हमारा वेट हो रहा था तुम तो बहुत सेल्फिश हो यार. ओके चलो तुम्हारे मॉम से पूछते है.
प्रिया-ओके और में सेल्फिश नही हूँ तुम्ही ने तो कहा था कि तुम मेरी मुस्कान के लिए कुछ भी कर सकते हो.
में-तो तुम मेरी बातें सुन रही थी मुझे लगा कि में तो यूँ ही बक बक कर रहा हूँ……चलो चलते है.
फिर हम ने प्रिया की मॉम और मेरी मामी से पार्मिशन ली और पास के ही माल में घूमने के लिए चले गये.
प्रिया-आज माल में घूम ने का अलग ही मज़ा आ रहा है.
में-सच में मुझे भी आज बहुत ही अच्छा लग रहा है.
प्रिया-मुझे आइस-क्रीम खानी है चलो खाते है.
में-तुम पागल हो क्या अभी तुम्हारा फीवर भी ढंग से ठीक नही हुआ और तुम को आइस क्रीम खानी है ये ग़लत है चलो कुछ और खाते है.
प्रिया-नही मुझे वो ही खानी है प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़
में-बिल्कुल नही किसी कीमत पे नही.
(वो किसी बच्चे की तरह ज़िद करने लगी जैसे कोई बच्चा अपनी मॉम से कोई खिलोना खरीदने के लिए ज़िद कर रहा हो और उस की माँ उस बच्चे को वो खिलोना ना खरीदने की वजह बता रही हो.उस की ये मासूमियत ने पता नही क्या जादू किया कि मेरे मूह से ओके निकल
गया और वो एक दम से उसकी ख़ुसी का ठिकाना नही रहा और भाग के मेरे गले लग गयी.)
वहाँ आंटी मामी को देख के बहुत खुस हुई.
आंटी-अजय तुम तो सच में अपनी मामी को ले के आ गये तुम तो बड़े पक्के निकले अपने वादे के.
में-जी आंटी में अपना वादा किसी भी कीमत पे पूरा करता हूँ और जो पूरे ना कर सकूँ ऐसे वादे करता नही हूँ.
आंटी-बहुत खूब.तुम्हारे आने से प्रिया भी बहुत खुश है.तुम्हारे जाने के बाद से बस तुम्हारी ही बात कर रही है तुम उपर जाओ उस ने खास तौर पे कहा है कि तुम्हारे आते ही तुम्हें उपर भेज दिया जाए.मुझे उम्मीद नही थी कि तुम आज ही अपनी मामी के साथ आ पाओगे पर उस
को पूरा यकीन था की तुम ज़रूर आओगे.
में-जी में प्रिया के पास जा रहा हूँ.वैसे भी अब आप लोगो को मेरी कोई ज़रूरत नही है.
मामी-जाना है तो जा नही तो अगर मेरा मूड चेंज हो गया तो शायद …
में-जा रहा हूँ.
में उपर चला गया प्रिया कोई मेग्ज़ीन पढ़ रही थी और मुझे देखते ही एक दम से उसके चहरे पे ख़ुसी और गुस्सा दोनों के भाव आ गये जो मेरे समझ से परे था.
में-हाई प्रिया कौन सी मेग्जीन पढ़ रही हो.
प्रिया-तुम्हें उस से क्या .तुम ने 4पीएम का बोला था और अभी 4.30 हो रहे है तुम आधा घंटा लेट हो तुम्हें पता है में कितना मिस कर रही हूँ तुम्हें.
में-सच में बस एक ही बार के मुलाकात में तुम्हारा ये हाल है तो आगे क्या होगा क्यूँ कि अब तो में तुम्हारी फ्रेंड्सशिप का ऑफर छोड़ने वाला नही हू.सॉरी में तो टाइम पे ही था पर तुहमरी मॉम ने रोक लिया नीचे.
प्रिया-ओके ज़्यादा बहाने बनाना की ज़रूरत नही है.चलो कही घूमने चलते है.
में-पर तुम्हें तो फीवर है ना .
प्रिया-नही अब में बिल्कुल ठीक हूँ में यहाँ बोर हो रही हूँ और मॉम मुझे अकेले कही भी नही जाने देगी प्ल्ज़ तुम साथ चलो ना प्ल्ज़्ज़.
में-ओह तो इसलिए हमारा वेट हो रहा था तुम तो बहुत सेल्फिश हो यार. ओके चलो तुम्हारे मॉम से पूछते है.
प्रिया-ओके और में सेल्फिश नही हूँ तुम्ही ने तो कहा था कि तुम मेरी मुस्कान के लिए कुछ भी कर सकते हो.
में-तो तुम मेरी बातें सुन रही थी मुझे लगा कि में तो यूँ ही बक बक कर रहा हूँ……चलो चलते है.
फिर हम ने प्रिया की मॉम और मेरी मामी से पार्मिशन ली और पास के ही माल में घूमने के लिए चले गये.
प्रिया-आज माल में घूम ने का अलग ही मज़ा आ रहा है.
में-सच में मुझे भी आज बहुत ही अच्छा लग रहा है.
प्रिया-मुझे आइस-क्रीम खानी है चलो खाते है.
में-तुम पागल हो क्या अभी तुम्हारा फीवर भी ढंग से ठीक नही हुआ और तुम को आइस क्रीम खानी है ये ग़लत है चलो कुछ और खाते है.
प्रिया-नही मुझे वो ही खानी है प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़
में-बिल्कुल नही किसी कीमत पे नही.
(वो किसी बच्चे की तरह ज़िद करने लगी जैसे कोई बच्चा अपनी मॉम से कोई खिलोना खरीदने के लिए ज़िद कर रहा हो और उस की माँ उस बच्चे को वो खिलोना ना खरीदने की वजह बता रही हो.उस की ये मासूमियत ने पता नही क्या जादू किया कि मेरे मूह से ओके निकल
गया और वो एक दम से उसकी ख़ुसी का ठिकाना नही रहा और भाग के मेरे गले लग गयी.)