Incest जिंदगी के रंग अपनों के संग (Completed)

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मैने शाम तक का वक़्त कैसे काटा ये में बता नही सकता .फिर वो टाइम भी आ गया जिस का मुझे इंतज़ार था और हम प्रिया के घर पहुँच गये.

वहाँ आंटी मामी को देख के बहुत खुस हुई.

आंटी-अजय तुम तो सच में अपनी मामी को ले के आ गये तुम तो बड़े पक्के निकले अपने वादे के.

में-जी आंटी में अपना वादा किसी भी कीमत पे पूरा करता हूँ और जो पूरे ना कर सकूँ ऐसे वादे करता नही हूँ.

आंटी-बहुत खूब.तुम्हारे आने से प्रिया भी बहुत खुश है.तुम्हारे जाने के बाद से बस तुम्हारी ही बात कर रही है तुम उपर जाओ उस ने खास तौर पे कहा है कि तुम्हारे आते ही तुम्हें उपर भेज दिया जाए.मुझे उम्मीद नही थी कि तुम आज ही अपनी मामी के साथ आ पाओगे पर उस
को पूरा यकीन था की तुम ज़रूर आओगे.

में-जी में प्रिया के पास जा रहा हूँ.वैसे भी अब आप लोगो को मेरी कोई ज़रूरत नही है.

मामी-जाना है तो जा नही तो अगर मेरा मूड चेंज हो गया तो शायद …

में-जा रहा हूँ.

में उपर चला गया प्रिया कोई मेग्ज़ीन पढ़ रही थी और मुझे देखते ही एक दम से उसके चहरे पे ख़ुसी और गुस्सा दोनों के भाव आ गये जो मेरे समझ से परे था.

में-हाई प्रिया कौन सी मेग्जीन पढ़ रही हो.

प्रिया-तुम्हें उस से क्या .तुम ने 4पीएम का बोला था और अभी 4.30 हो रहे है तुम आधा घंटा लेट हो तुम्हें पता है में कितना मिस कर रही हूँ तुम्हें.

में-सच में बस एक ही बार के मुलाकात में तुम्हारा ये हाल है तो आगे क्या होगा क्यूँ कि अब तो में तुम्हारी फ्रेंड्सशिप का ऑफर छोड़ने वाला नही हू.सॉरी में तो टाइम पे ही था पर तुहमरी मॉम ने रोक लिया नीचे.

प्रिया-ओके ज़्यादा बहाने बनाना की ज़रूरत नही है.चलो कही घूमने चलते है.

में-पर तुम्हें तो फीवर है ना .

प्रिया-नही अब में बिल्कुल ठीक हूँ में यहाँ बोर हो रही हूँ और मॉम मुझे अकेले कही भी नही जाने देगी प्ल्ज़ तुम साथ चलो ना प्ल्ज़्ज़.

में-ओह तो इसलिए हमारा वेट हो रहा था तुम तो बहुत सेल्फिश हो यार. ओके चलो तुम्हारे मॉम से पूछते है.

प्रिया-ओके और में सेल्फिश नही हूँ तुम्ही ने तो कहा था कि तुम मेरी मुस्कान के लिए कुछ भी कर सकते हो.

में-तो तुम मेरी बातें सुन रही थी मुझे लगा कि में तो यूँ ही बक बक कर रहा हूँ……चलो चलते है.

फिर हम ने प्रिया की मॉम और मेरी मामी से पार्मिशन ली और पास के ही माल में घूमने के लिए चले गये.

प्रिया-आज माल में घूम ने का अलग ही मज़ा आ रहा है.

में-सच में मुझे भी आज बहुत ही अच्छा लग रहा है.

प्रिया-मुझे आइस-क्रीम खानी है चलो खाते है.

में-तुम पागल हो क्या अभी तुम्हारा फीवर भी ढंग से ठीक नही हुआ और तुम को आइस क्रीम खानी है ये ग़लत है चलो कुछ और खाते है.

प्रिया-नही मुझे वो ही खानी है प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़

में-बिल्कुल नही किसी कीमत पे नही.

(वो किसी बच्चे की तरह ज़िद करने लगी जैसे कोई बच्चा अपनी मॉम से कोई खिलोना खरीदने के लिए ज़िद कर रहा हो और उस की माँ उस बच्चे को वो खिलोना ना खरीदने की वजह बता रही हो.उस की ये मासूमियत ने पता नही क्या जादू किया कि मेरे मूह से ओके निकल
गया और वो एक दम से उसकी ख़ुसी का ठिकाना नही रहा और भाग के मेरे गले लग गयी.)
 
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में एकदम से किसी दूसरी ही दुनिया में पहुँच गया.और मेरे हाथ ना चाहते हुए भी उसको अपने आगोश में लेते चले गये.में किसी को एक्ष्प्लेन नही कर सकता कि मुझे कितना आनंद मिल रहा था उस टाइम हम में से कोई भी एक दूसरे से अलग होने की कोई कोशिश नही कर रहा था.हमारा ध्यान जब टूटा जब किसी ने हम पे कॉमेंट किया मैने पीछे हो के देखा तो वो हमारा ही क्लासमेट था .पर उस की गिनती
उन लड़को में की जाती थी जिस का काम दूसरो को परेशान करना था इसलिए सब उस से दूर ही रहते थे.देखने में स्मार्ट और मुझसे शायद एक या दो साल बड़ा भी था नाम था हॅरी पूरे स्कूल में वो और उसके दोस्त मार-पीट के लिए फेमस थे.

हॅरी-प्रिया इसमें क्या रखा है हमारे गले लग के देखो कितना मज़ा आएगा एक बार लग गयी तो जिंदगी भर कभी भूल नही पाओगी.वैसे भी अभी ये बच्चा है इससे कुछ होने वाला नही है .

हॅरी के कॉमेंट और प्रिया के बारे में सुन के मेरे दिमाग़ ने काम करना बिल्कुल बंद कर दिया और में गुस्से से पागल हो गया मुझे नही पता कि अगर उस टाइम प्रिया ने मुझे नही रोका होता तो में क्या कर जाता.

में-प्रिया मुझे छोड़ दो में इसे आज जिंदा नही छोड़ने वाला.

प्रिया-रहने दो अजय इन जैसो के मूह नही लगते चलो हम कहीं और चलते है प्ल्ज़ मेरी लिए अपना गुस्सा छोड़ दो प्ल्ज़्ज़.

हॅरी-ले जाओ नही तो शायद ये अपने पैरो पे जा ही ना पाए.

प्रिया-अजय छोड़ो उस की बात पे ध्यान ना दो चलो यहाँ से .

फिर हम लोग घर आ गये इस बीच हमारी कोई बात नही हुई शायद प्रिया भी समझ गयी थी कि में गुस्सा में हूँ इसलिए उस ने भी कोई बात करने की कोई ज़्यादा कोशिश नही की.

में और मामी अपने घर आ गये रास्ते में मैने मामी से भी ज़्यादा बात नही की और घर आते ही अपने कमरे में चला गया और वहाँ दीवार पे घुसे मारने लगा में तब तक गुस्से मारता रहा जब तक कि मेरे हाथो ने मेरा साथ ना छोड़ दिया और अब गुस्से की जगह दर्द ने ले ली थी
और मुझे उस गुस्से से ज़्यादा अच्छा ये दर्द लग रहा था मेरे दोनों हाथों की फिंगर्स बुरी तरह छिल गयी थी जिन में से खून भी निकल रहा था और जब गुस्सा शांत हुआ तब जा के मुझे होश आया कि ये मैने क्या कर दिया अब अगर मामी या नैना दी ने देख लिया तो क्या जबाब दूँगा ….

जहाँ अभी तक में गुस्से में था वही अब नैना दी की याद आते ही डर के मारे मेरी हालत खराब थी और मुझे कुछ सूझ नही रहा था.आख़िर कार मैने हार मानते हुए सबसे पहले अपने हाथों को अच्छे से धोया और अपने हाथो में हाफ दस्ताने पहन के नीचे हॉल में चला गया जहाँ मामी सब के लिए खाना लगा रही थी.

मामी-अच्छा हुआ जो तू खुद ही आ गया में तुझे ही बुलाने आने वाली थी चल बैठ में नैना को बुला के लाती हूँ उसके बाद स्टार्ट करते है.

में-मामी बात ये है कि आज मेरी तबीयत कुछ ठीक नही है तो क्या प्ल्ज़ में आज के लिए अपना खाना अपने रूम में ले जाऊ प्लज़्ज़्ज़.

मामी-सब ठीक तो है ना में ये नोटीस कर रही हूँ कि जब से हम रखा (प्रिया की मॉम)के यहाँ से आए है तू काफ़ी टेन्स लग रहा है सब ठीक है ना .

में-आपको ऐसा क्यूँ लगता है वो में बस थोड़ा थका हुआ महसूस कर रहा हूँ बस और कोई बात नही है.

मामी-चल ठीक है आज के लिए सिर्फ़ में तेरा खाना तेरे रूम में भिजवा देती हूँ .

में-में खुद ही ले जाता हूँ जब यहाँ तक आ गया तो किसी और को परेशान होने की कोई ज़रूरत नही है.

मामी-ठीक है ले जा में नैना को बुलाने जा रही हूँ.

में अपने लिए जल्दी में थोड़ा सा राइस लिया क्यूँ कि उसे में बिना हाथ टच किए भी खा सकता था .और अपने रूम में चला गया.मुझे अभी आए कुछ ही टाइम हुआ था कि किसी ने मेरे डोर पे नोक की मेरे समझ में नही आया कि इस टाइम कौन है मैने गेट ओपन किया तो सामने दी खड़ी अपनी खाने की प्लाट के साथ.

में-दी आप यहाँ और ये खाने की प्लाट साथ में क्यूँ आपने डिन्नर नही किया अभी तक.

दी-चल रास्ता छोड़ अंदर आने दे.मुझे अकेले खाने की आदत नही है इसलिए यहाँ तेरे पास आई हूँ.

में-पर मैने तो डिन्नर कर लिया सॉरी दी मुझे पता नही था कि आप आने वाली है नही तो आप का वेट कर लेता.

दी-मुझे सब पता है ज़्यादा स्मार्ट बनने की ज़रूरत नही है समझा और चल डिन्नर करते है मुझे पता है अभी तूने भी नही किया होगा .

में-दी आप भी ना कमाल करती है.

दी-चल अब छोटा है तो छोटा ही रह और बता कि बात क्या है जो तू ऐसा बिहेव कर रहा है और देख अगर पिटने का मन हो तो ही झूट बोलीओ समझा नही तो फिर देख लिओ.

में-दी आप तो अंतर्यामी हो महा ज्ञानी हो आपके पास कोई दूरदृष्टि जैसे कोई चीज़ है क्या .(और में अपना सिर दी के गोद में रख दिया वो प्यार से अपना हाथ मेरे सिर पे फेरने लगी )
 
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दी-अब बता भी क्या बात है .

मैने बस अपना हाथ दी के सामने कर दिया.जिस को देख के दी को पहले तो मुझे पे बहुत ही गुस्सा आया फिर मेरे दर्द का अहसास होते
ही वो शांत हो गयी और मेरे हाथो में पट्टी करने लगी.

दी-अब बता किस पे गुस्सा आ रहा था जो तूने अपने आप पे निकाला .

मैने उन्हे सब बात बता दिया कि कैसे हॅरी ने गंदे कॉमेंट किया और में कुछ नही कर सका.

दी-चल छोड़ कोई नही उस को बाद में देख लेगे.अभी तू चल ढंग से खाना खा ले पहले .

में-हाँ पर मेरे हाथ में चोट लगी है .

दी-ज़्यादा बोलने की ज़रूरत नही है बोल तो ऐसे रहा है कि जैसे आज पहली बार मेरे हाथ से खाएगा चल चुप कर के मूह खोल में खिला देती हूँ .

में-आप ग्रेट हो दी .

दी ने मुझे पूरा खाना अपने हाथों से खिलाया और फिर नीचे चली गयी और एक पेनकिलर ला के दी और मुझे सुलने लगी क्यूँ कि उन्हे पता था की अगर वो मुझे बिना सुलाए चली गयी तो में पूरी रात सोने वाला नही हूँ.दी के गोद में सिर रख के कब नीद आई पता ही नही चला
सुबह मेरी नीद घड़ी के अलार्म से खुली और में स्कूल के लिए तैयार हो के निकल गया.
\
आज का महॉल मेरे लिए पूरी तरह चेंज था आज प्रिया ने खुद आ कर मुझे मॉर्निंग विश किया और हम क्लास में चले गये आज से हम साथ ही बैठने वाले थे इसलिए आज का दिन मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.इसी तरह दिन गुजरने लगे और हम अब इंटर में पहुँच चुके थे और
अब प्रिया हमारे स्कूल की सबसे खूबसूरत लड़कियों में पहले नंबर पे थी और लड़के उस से दोस्ती करने के लिए लाइन लगा के खड़े
हुआ करते थे पर वो किसी को घास नही डालती थी.

पर मेरे लिए अब वो काफ़ी सेंसटीव हो गयी थी मेरा किसी भी लड़की से दोस्ती करना या घूमना उसे बिल्कुल पसंद नही था और अगर में उस से एक दिन भी उस से दूर रहता तो वो पागल हो जाती पता नही क्यूँ पर मुझे ले कर वो कुछ अलग ही बिहेव करने लगी जिस से मुझे ख़ुसी और डर दोनों लगते थे.ऐसे ही एक बार हम लोग स्कूल की तरफ से पिक्निक पे जा रहे थे और मेरे बगल की सीट पे एक और हमारी
क्लास फेलो बैठ गयी फिर जो हंगामा किया प्रिया ने में बता नही सकता पूरे पिक्निक में उस को ये ही समझता रहा की उस में मेरी कोई ग़लती नही थी.

टोटल लाइफ बहुत ही अच्छी चल रही थी पर दिक्कत तब सुरू हुई जब उस का बचपन का बेस्ट फ्रेंड् रोहन हमारी जिंदगी में आया .वहाँ
से हमारी लाइफ चेंज हो गयी लाइफ के मायने चेंज हो गये और वो हो गया जो मैने कभी नही सोचा था.और उसी की वजह से आज
मेरी लाइफ ऐसी है वीरान और उस प्यार का इंतज़ार करते हुए……

रोहन प्रिया के डॅड के बिज़्नेस पार्ट्नर का बेटा था और प्रिया का चाइल्डहुड फ्रेंड् इसलिए प्रिया उस से बहुत जल्द घुल मिल गयी अब प्रिया
में चेंज आने लगा ये वो प्रिया नही रही जिसे में पिछले कई सालो से जानता था.

में-प्रिया आज मूवी देखने चले तुम्हारी फ़ेवरेट मूवी है गेस करो कौन सी है.

प्रिया-मैने वो कल ही देख ली रोहन के साथ नेक्स्ट टाइम हम चलेगे.और सॉरी अभी मुझे रोहन के साथ उसके कजन की बर्तडे पार्टी में जाना है तो बाद में मिलती हूँ.

में-ओके कोई नही नेक्स्ट टाइम तुम पार्टी एंजाय करो मिलते है फिर कल.

कुछ ही देर में रोहन आ गया और वो उसके साथ चली गयी उस टाइम दिल में जो दर्द हुआ उस को ऐसे जाते हुए देख कर में बता
नही सकता पर कही ना कही एक ख़ुसी भी थी कि वो खुस है और मेरे लिए इससे ज़्यादा कोई चीज़ मायने नही रखती थी में तो उसी
बस हमेंशा ही खुस देखना चाहता था जो की वो थी शायद मेरे में ही कोई कमी होगी नही तो मेरे बेस्ट फ्रेंड्(हा सही सुना आप ने हम दोनों
में से किसी ने भी एक दूसरे को अभी तक प्रपोज़ नही किया था) मुझे ऐसे छोड़ के नही जाती.खैर में भी घर चला गया.
 
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मामी-अजय क्या बात है बेटा आज कल तू कुछ परेशान लग रहा है.

में-नही मामी वो क्या है ना कि बस आगे की स्टडी को ले के थोड़ा परेशान हूँ बस जल्द ही नॉर्मल हो जाउन्गा.

मामी-कोई प्राब्लम है तो बता बेटा कोचैंग कर ले या नैना से हेल्प ले ले नही तो में भी हूँ बेटा.

में-ठीक है मामी में अब से बिल्कुल भी टेंसन नही लूँगा ठीक है मामी में रवि के घर जा रहा हूँ वो लोग जल्द ही इंडिया शिफ्ट होने वाले है
ना इसलिए में उस से मिलने जा रहा हूँ.

मामी-ओके पर पहले कुछ खा के जा .

में-नही मामी आप तो जानती ही हो कि रवि की मॉम कितनी जिद्दी है वो मुझे सबसे पहले ठूंस ठूंस के खाना खिलाएँगे फिर कुछ और बात होगी इसलिए में वही खा लूँगा.

मामी-जैसा तू ठीक समझे.

फिर में अपने यार (कोई ग़लत सोच नही)के पास चला गया और कोई 15 से 20 मिंट मे उसके घर भी पहुँच गया.

में-आंटी बहुत जोरो की भूक लगी है पहले कुछ खाने को दे दीजिए फिर चाहे तो सूली पे चढ़ा देना.

रवि-तू तो बहुत ही समझदार हो गया .मार ना खानी पड़े इसलिए आते ही खाने की डिमॅंड कर दी ताकि कोई भी कुछ ना बोले और बाद में तो सब नॉर्मल होना ही है.

में-बेटा जब सिर पे तलवार लटक रही हो तो बचने के तरीके निकालने ही पड़ते है नही तो क्या पता मोका देख के तुम जैसे भी हाथ सॉफ कर लिया करते है .

रवि-यार आज तो अरमानो पे पानी फेर दिया तूने सोचा था कि दो चार तो आज दे ही दूँगा तुझे पर साले जब किस्मत में लगे हो लोडे तो कहाँ से मिलेगे पकोडे.

में-चल ज़्यादा डायलॉगे मत मार नही तो आंटी को बोल देता हूँ कि तू कैसे डायलॉगे मार रहा है आज कल.

रवि-चल बे डरा किस को रहा है.तू तो भाई है अपना चल खाना खाते है फिर बातें करते है.

हम ने खाना खाया और फिर कुछ देर तक आंटी से ब्रह्मज्ञान (यानी कि जबरदस्त वाली खीचाई ) लेने के बाद में और रवि रवि के रूम में
आ गये जहाँ आ के मैने चैन की सांस ली .

में-भाई आज आंटी का मूड इतना खराब क्यूँ था.

रवि-अबे खराब कहाँ था तू तो सूकर माना कि जिया दी नही है उन्होने तो तेरे लिए स्पेशल हॉकी बॅट खरीद के रख रखा है तू अपने प्रिया के चक्कर में हम सब को तो भूल ही गया .

में-ऐसा कुछ नही है चल कही बाहर चलते है.

रवि-में भी यही कहने वाला था कि चल बाहर चलते है चल यार मूवी देखने चलते है क्या बोलता है.

में-ठीक है चल .

फिर हम लोग यहाँ से मूवी देखने के लिए चल दिए जब तक रवि टिकेट लेने के लिए गया था तब तक में अपना टाइम[पास के लिए इधर उधर घूमने लगा और वहाँ घूम रहे कपल को देखने लगा और उन सब को देख के एक बार फिर मुझे प्रिया की याद आने लगी .और तभी
मुझे सामने से प्रिया और रोहन आते हुए दिखाए दिए उन्होने मुझे नही देखा क्यूँ कि में उन के पीछे की तरफ था और वो दोनों एक दूसरे में मगन थे.

रवि-चल एंट्री करते है टिकेट मिल गयी साली बड़ी मुस्किल से मिली है पर तेरे भाई ने जुगाड़ लगा ही ली.

में-मुझे नही देखनी मूवी चल चलते है यहाँ से मुझे कुछ ठीक नही लग रहा है यहाँ पे .

रवि-तुझे एक दम से क्या हुआ जो तुझे अब मूवी नही देखनी.एक तो इतनी बड़ी मुस्किल से टिकेट मिले है उपर से अब तेरे नखरे.

में-देख मैने एक बार बोल दिया ना कि मुझे नही देखनी तुझे देखनी है तो देख में घर जा रहा हूँ.
 
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आज हमारी दोस्ती को कोई 12 साल के आस पास हो गये थे पर आज तक कभी भी मैने या रवि ने एक दूसरे से उँची आवाज़ में बात नही की थी और आज प्रिया की वजह से मैने अपने बेस्ट फ्रेंड् से झगड़ा कर लिया किसी ने सही ही कहा है कि बड़ी बड़ी जंग की वजह
छोटी छोटी सी बातें ही होती है)

और में रवि का जबाब सुने बगैर वहाँ से निकल गया और घर आ गया घर आ के में सीधे अपने रूम में चला गया और ये सोचने लगा कि जो मैने देखा क्या वो सच था क्या सच में वो प्रिया थी या मुझे कोई वहम हुआ था.पर प्रिया और रोहन तो किसी पार्टी में गये हुए है ना तो
वो मूवी थियेटर में नही हो सकते मुझे ज़रूर कोई धोका ही हुआ होगा.में भी ना कितना शक्की हो गया हूँ आज कल अगर प्रिया ने वो
मूवी देखी नही होती तो वो मेरे साथ ज़रूर जाती मूवी देखने के लिए आख़िर ये कोई पहली बार थोड़े ही था जो वो मेरे साथ मूवी देखने जा रही थी.

में भी ना खमखा ही परेशान हो रहा हूँ इस से अच्छा है उस को फोन कर के पता कर लूँ कि वो कहाँ है ..

मुझे अब अपनी ग़लती का अहसास हो रहा था कि मैने रवि के साथ बहुर बुरा किया और फिर वो मेरा दोस्त के साथ भाई भी है .

में-मामी में रवि के यहाँ जा रहा हूँ वो नाराज़ है मुझे उस को मनाना है तो आज में उसी के पास रहुगा वैसे भी कल हॉलिडे है तो कोई परेशानी नही होगी.

मामी-चला जा पर नैना से पूछ ले नही तो तेरे जाने के बाद मुझ पे गुस्सा करती है कि मैने क्यूँ जाने दिया आख़िर उस का प्यारा खिलोना है तू.

में-प्लीज़ मामी आप आज किसी तरह संभाल लो अगर रवि ऐसे ही नाराज़ रहा तो में सही से नही रह पाउन्गा आप जानती हो प्ल्ज़्ज़.

मामी-ओके ठीक है रात को तो में किसी तरह संभाल लूँगी सुबह जल्दी आ जाना नही तो पूरा घर सिर पे उठा लेगी वो तू तो जनता ही है उसे..

में-आप बिल्कुल भी टेन्षन ना लो में टाइम से पहले ही आ जाउन्गा.

मामी से गले मिल के मैने उन्हे उस काम के लिए थॅंक्स किया जो उन के अलावा एस दुनिया में कोई नही कर सकता था और रवि के घर की तरफ निकल पड़ा मैने सोच लिया था कि अब से में प्रिया के बारे में नही सोचुगा क्यूँ कि में चाहे उस से कितना भी प्यार करता हूँ चाहे मुझे उस की ख़ुसी कितनी भी प्यारी हो आपनो से बढ़ के नही उन के आँसू पे लाखो प्रिया कुर्बान और फिर वो खुस है उसे उस का बेस्ट फ्रेंड् मिल गया तो में क्यूँ अपनी जिंदगी बर्बाद करू और वो भी ऐसी जिंदगी जिस से कई लोगो की जिंदगी जुड़ी है मेरे परेशान रहने से आज एक की आँखों में आँसू आए है अगर कल भगवान ना करे नैना दी की आँखों में आँसू आ गये तब तो मेरा जीना ही बेकार है कुछ सालो की दोस्ती
के लिए कैसे लोग आपनो को छोड़ देते है मेरे समझ में ये नही आ रहा था दुख या गम कितना भी बड़ा क्यूँ ना हो अगर अपने साथ हो तो सब मामूली लगते है पर अगर सोचो कि अपने ही साथ ना हो तो क्या होगा.यही सब सोचता हुआ और एक फ़ैसला करते हुए कि में फिर से यही अजय बन जाउन्गा जो 8थ स्टॅंडरड में हुआ करता था जो अपनी परी को सिर्फ़ दूर से ही देख के खुश हो लिया करता था .रवि के घर
के सामने खड़ा था मेरी डोरबेल बजाने की हिम्मत नही हो रही थी क्यूँ कि मुझे कही ना कही ये डर था कि कहीं रवि ने मुझसे मिलने से मना कर दिया तो में क्या करूगा.

फिर मैने हिम्मत कर के किसी तरह डोरबेल बजा दी गेट खुला तो सामने एक अजीब सा जानवर था जिस के दो हाथ दो पैर दो आखे एक मूह और एक नाक थी.बस उपर वाले से एक ग़लती हो गयी थी इस जानवर को पूछ देना भूल गये थे नही तो बाकी सब कुछ बिल्कुल ठीक था बंदरिया बनाने के लिए बस पूछ की कमी थी.

(दोस्तो ये सोनम थी रवि की कजिन और एक बेहद ही खूबसूरत और सेक्सी लड़की यहाँ रहने की वजह से ये काफ़ी खुले विचारो वाली लड़की थी मुझसे केवल 3 महीने से छोटी थी और मेरी बहुत प्यारी दुश्मन भी में इसे हमेंशा से ही बंदरिया कह के बुलाता था जिससे ये बहुत
चिढ़ती थी और मुझे चिडाने में बहुत ही मज़ा आता था.)
 
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दोस्तो ये सोनम थी रवि की कजिन और एक बेहद ही खूबसूरत और सेक्सी लड़की यहाँ रहने की वजह से ये काफ़ी खुले विचारो वाली लड़की थी मुझसे केवल 3 महीने से छोटी थी और मेरी बहुत प्यारी दुश्मन भी में इसे हमेंशा से ही बंदरिया कह के बुलाता था जिससे ये बहुत
चिढ़ती थी और मुझे चिडाने में बहुत ही मज़ा आता था.)

सोनम-तुमे पता नही है क्या यहाँ भीख माँगना क़ानून अपराध है पता नही कहाँ से चले आते है मूह उठा के.

में-चल साइड हट मुझे किसी बंदरिया से बात करने की जररूरत नही है और वैसे भी भीक घर के मालिको से माँगी जाती है नौकरानियो से नही चल रास्ता दे .

सोनम-मुझे बन****और नॅक***** बोला अब में तुझे अंदर नही आने दूँगी पहले माफी माँग नही तो खड़ा रह यही पर.

में-तू ऐसे नही मानेगी चल इसका भी इलाज है मेरे पास.और मैने उस को अपनी गोद में उठा लिया जिस से पहले तो वो डर गयी फिर
उस ने अपने दोनों हाथ मेरे गले में डाल दिए जैसे कि मुझे कभी छोड़ने का विचार ही ना हो.

जिया दी-वाह क्या प्यार है रूको तुम दोनों में एक पिक ले लेती हूँ मुझे अपनी प्रोफाइल पिक चेंज करनी है .

में-ले लो पर जब बाद में चिडयाघर से फोन आएँगे ना बंदरिया का अड्रेस पता करने के लिए तब मत बोलना कि अजय तूने बताया नही.

जिया दी-तू टेन्षन ना ले मेरी सिस्टर है वो उस जैसी प्यारी और खूबसूरत लड़की तुझे पूरे वर्ल्ड में नही मिलेगी.

में-और बजनदार भी.और मैने उस को सोफे पे पटक दिया(असल में थोड़े तेज से रखा था क्यूँ कि वो तो अपनी आँखों बंद किए ऐसे पड़ी
थी जैसे कि वो इस दुनिया में हो ही नही.) दी रवि कहाँ है .

जिया दी-अपने कमरे में है आज उस की तबीयत खराब है.

में-(साला आज कल ये ही बहाना रह गया है क्या जिसे देखो यही बहाना बना रहा है) दी असल में वो मुझसे नाराज़ है इसलिए ऐसा कर रहा
है में उस को मना के अभी नीचे लाता हूँ फिर कही बाहर चलते है डिन्नर करने आप तैयार हो जाओ.

सोनम-मुझे नही जाना कहीं बाहर डिन्नर करने.

में-ये तो अच्छी बात है तुम्हारे लिए में बोल देता हूँ मामी डिन्नर भेज देगी तुम टेन्षन ना लो.

सोनम-दी देखा आपने ये मुझे ले के नही जाना चाहता ऐसे चूहे((रॅट)जी है दोस्तो ये भी मेरा ही नाम है जो इन के द्वारा दिया गया है) ने एक बार पूछा भी नही और उल्टा मना कर रहा है अब तो में ज़रूर जाउन्गी में तैयार हो के आती हूँ आप भी तैयार ओ जाओ दी.

दी-अजय तू क्यूँ परेशान करता है उसे इतना ,

में-आपको बुरा लगा में अभी उस से माफी माँग लेता हूँ.

दी-नही ऐसा नही है बल्कि उस को भी तेरा इस तरह से परेशान करना अच्छा लगता है जब से आई है तब से तेरे पास जाने की ही रॅट लगा रखी है वो तो रवि की तबीयत खराब है नही तो अभी तक तो ये उस की जान ही ले चुकी होती .

में-दी आप भी तैयार हो जाओ और नैना दी को भी कॉल कर के बुला लो प्ल्ज़ में रवि को ले के आता हूँ.

और में रवि को मनाने के लिए उसके कमरे की तरफ चल दिया अभी में जा ही रहा था कि मेरा फोन बजने लगा मैने देखा तो नंबर प्रिया का
था मैने फोन काट के फोन को बिज़ी मोड़ में कर दिया में इस टाइम प्रिया से बात कर के अपने मूड को खराब नही करना चाहता था.,,
 
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में रवि के कमरे में गया तो रवि किसी सोच में खोया हुआ था इसलिए उसे मेरे आने का पता नही चला.

में-क्यूँ भाई किस सोच में खोया है कही कोई नयी गर्लफ्रेंड तो नही सेट कर ले.

रवि-तुझे उस से क्या यहाँ क्या करने आया है.मेरी तबीयत खराब है मुझे परेशान मत कर.

में-हाँ मुझे पता है तेरी तबीयत क्यूँ खराब है चल नौटंकी छोड़ और सीधे तरह से माफ़ कर दे नही तो तू कुछ भूल रहा है.

रवि-में क्या भूल रहा हूँ बे और जब तू मुझे अपना भाई मानता ही नही है तो अब ये नाटक क्यूँ.

में-देख ऐसा नही है बस पिछले कुछ दिनो से कुछ परेशान था नही तो तू जानता है तेरे लिए तो जान भी हाज़िर है.

रवि-आज के तेरे बहेवेयर से तो ऐसा नही लगता.

में-देख तू जानता है कि में और प्रिया काफ़ी क्लोज़ फ्रेंड् थे**

रवि-थे का क्या मतलब अब नही हो क्या ?

में-भाई बात तो पूरी कर लेने दे .

रवि-कमीने ऐसे शोक देगा तो कोई क्या करेगा चल बोल अब नही रोकुगा.

में-तुझे तो पता ही है कि अभी कुछ दिनो पहले उसके बचपन के दोस्त रोहन ने अड्मिशन लिया है अपने ही स्कूल में .

रवि-हाँ तो क्या हुआ.

में-तू अगर ऐसे ही बीच में मेरी बात काटता रहा तो में कुछ नही बताने वाला.

रवि-सॉरी..

में-तो पिछले कुछ दिनो से मैने प्रिया में बहुत बदलाव देख रहा है और इसे कारण में समझ नही पा रहा कि क्या करू.

रवि-ऐसा क्या देख लिया मुझे तो सब ठीक ही लग रहा है.

में-बात ऐसी है जब से रोहन ने अड्मिशन लिया है तब से प्रिया रोहन को ही ज़्यादा इंपॉर्टेंट दे रही है जब उस के साथ नही होती तब भी
उसी की बातें करती है नही तो ज़्यादा टाइम वो उसी के साथ रहती है ..

रवि-तो तुझे जैलेश फील हो रहा है .

में-हाँ भी और नही भी .

रवि-तेरे कहने का मतलब क्या है.और इतनी सी बात के लिए तू डिस्टर्ब नही हो सकता पूरी बात बता.

में-तू मुझे कितने अच्छी तरह जानता है .(फिर मैने उसे सुरू से ले कर अब मैने क्या फ़ैसला किया है सब कुछ डीटेल में समझा दिया और उस से माफी भी माँग ले.)

रवि-भाई बात तो काफ़ी गंभीर है तू बोले तो में बात करू उस से.

में-तुझे क्या लगता है कि में उसके बिना रह नही पाउन्गा.भाई उस ने किया ही क्या है मेरे लिए अब तक अगर उसे मेरी परवाह नही है तो मुझे भी नही है उस 1000 गुना ज़्यादा ख़ुसी मिलती है मुझे तुम लोगो के साथ अपनो के साथ और वैसे भी वो मेरा बचपाना ही था जो अब तक
में सिर्फ़ उसके बारे में ही सोच रहा था पर जो मैने तेरे साथ किया उसके मुझे महसूष हुआ की जो दर्द और जो तकलीफ़ मुझे तुम लोगो
को परेशान देख के होती है वो इतनी ज़्यादा है कि उस पे प्रिया जैसे 1000 लड़किया कुर्बान मेरे लिए मेरी फॅमिली और सच्चे दोस्त ही सब कुछ है.
 
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रवि-तुझे पता है मुझे इसका बात बिल्कुल भी बुरा नही लगा कि तूने मुझसे रूड बात की पर मुझे बात का बहुत बुरा लगा कि ऐसा कुछ है जो मुझे पता होना चाहिए और पता नही है.

में-में भाई सच्चे दिल से तुझे से माफी माँगता हूँ यार पता नही मुझे क्या हो गया था.

रवि-चल छोड़ अब सब ठीक है ये उस प्रिया की बदनसीबी है कि उसे तुझे जैसा दोस्त और प्यार करने वाला नही मिलेगा अब.तू सोनम
से मिला वो आई हुई है और जब से आई है तब बस तेरी ही रट लगा रखी है.

में-हाँ मिल लिया और हम सब डिन्नर करने बाहर जा रहे है चल तू भी फटाफट तैयार हो जा में तुझे ये ही बताने आया था.

रवि-में तो तैयार ही हूँ पर में अपनी पसंद का डिन्नर ऑर्डर करूगा.

में-मुझे कोई प्रॉब्लम नही है जिया दी भी साथ है तो अगर तू कुछ कर सके तो शायद मुझे भी थोड़ी हिम्मत आ जाएगी.

रवि-पागल समझा है क्या कमिने सब के सामने मुझे पिटने का कोई शौक नही है तू चल में 10 मीं में आता हूँ.

में नीचे हॉल में पहुँचा तभी डोरबेल बजी मैने गेट खोला तो सामने नैना दी खड़ी थी वो कुछ बोलती उस से पहले ही मैने उन्हे कस के
गले लगा लिया और वो आपने छोटे भाई के प्यार में सब भूल गयी और में बच गया.

जिया दी-सब तैयार हो गये कि नही.नैना तू तो बहुत ही अच्छी लग रही है आज .(और फिर दी के कान में कुछ कहा जिस को सुन के दी
ने प्यार से एक घुसा मारा जिया दी को और शर्मा गयी)

में-जिया दी कम तो आप भी नही लग रही मुझे तो डर है कि कही कोई आपके पीछे ना पड़ जाए.

रवि-अच्छा बेटा हम ज़रा सा लेट क्या हो गये तुम तो यही सुरू हो गये अगर जिंदगी प्यारी है तो झूट नही बोलते .

जिया दी-तेरे कहने का मतलब क्या है कि में अच्छी नही लग रही हूँ.

रवि- नही दी ऐसा नही है आप अच्छी लग रही है पर नैना दी के आगे आप कुछ फीकी सी लग रही है.

में-जिया दी ये आप की तोहीन है अगर मुझसे ऐसा कुछ हुआ होता तो अब तक मेरे गाल लाल हो चुके होते पर आप ऐसा कुछ नही करने वाली है ना .

जिया दी-तुझे किस ने कहा कि में ऐसा कुछ नही करने वाली तू देख बस इसके दोनों गाल के साथ साथ क्या क्या लाल होता है.

रवि-कमिने तू बता रहा था कि हिंट दे रहा था कि क्या करना है दी को तुझे तो में बाद में देख लूँगा .

में-शॉक से पहले तू खुद बच.

फिर यही हॉल में टॉम आंड जेर्री का खेल सुरू जो करीब 10 मीं तक चला फिर नैना दी ने जिया दी को शांत किया और हम लोग सोनम का वेट करने लगे.
 
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हम सब सोनम का इंतज़ार कर रहे थे कुछ देर के बाद सोनम अपने रूम से बाहर आई और क्या लग रही थी .उस ने एक सिंगल पीस क्रीम कलर की ड्रेस पहन रखी थी जो उसके घुटने से थोड़े नीचे तक ही थी और उस पे कमाल लग रही थी सब ने उस की तारीफ की और
हम लोग डिन्नर के लिए पड़े पर अब हम में एस बात को ले के बहस होने लगी कि कहाँ जाए डिन्नर के लिए आख़िर कर एक इंडियन
रेस्टोरेंट पे सब की राय बनी में इस रेस्टोरेंट में काफ़ी दिनो से जाना चाहता था क्यूँ कि ये प्रिया का फेवोवरिट रेस्टोरेंट था.हम लोग जल्द
ही रेस्टोरेंट पहुँच गये.

में-सोनम आज तुम बहुत सेक्सी लग रही हो.

रवि-में भी हूँ.

में-चल जा के टेबल बुक कर कबाब में हड्डा नही चाहिए हमें.

सोबाम-पर कहावत तो कबाब में हड्डी की है ना.

में-हाँ है तो पर इसका साइज़ देख के मैने चेंज कर दिया.

इसी तरह हम सब हसी मज़ाक करते हुए एक टेबल पे पहुँच गये जो कि रेस्टोरेंट के मिडेल में था और काफ़ी सज़ा हुआ भी था.
पता करने पे पता चला कि किसी ने उसी स्पेशल बोल के डेकोरेट करवाया है इसलिए वो टेबल हमें नही मिल सकती फिर हमें उसके
राइट साइड की टेबल मिल गयी हम सब ने खाना ऑर्डर किया और अपने बातों में बिज़ी हो गये.

अभी कुछ देर ही हुई थी कि रोहन और उसके कुछ दोस्तो ने एंट्री करी जिस पे रवि का ध्यान गया और उस ने मुझे इशारे से बता दिया कि वो टेबल रोहन ने बुक की है.वो मुझे नही देख सकता था क्यूँ कि हम कुछ ऐसे बैठे थे कि उस की पीठ हमारे तरफ थी इसलिए उस ने मुझे या रवि को नही देखा पर अब मुझे एस बात से कोई फ़र्क नही पड़ता था.

कुछ देर में प्रिया और उस की भी कुछ फ्रेंड्स आ गयी अब तो टोटल 8 के आस पास हो गये.ना चाहते हुए भी मेरा ध्यान उन की ओर जा रहा था और इस बात को सोनम ने भी नोटीस कर लिया क्यूँ कि वो मेर पास ही बैठी थी और मुझसे बात करने की कोशिश कर रही थी.(सोनम प्रिया को जानती थी क्यूँ कि सोनम भी मेरी बहुत अच्छी फ्रेंड् है और में उस से सब शेर करता हूँ और वो एक दो बार मिले भी है प्रिया से)
हम सब अभी लंच ही कर रहे थे कि जिया दी को आंटी का फोन आ गया और उन्होने किसी काम से उन्हे और रवि को घर बुलाया था इसलिए उन्होने अपना डिन्नर जल्दी ख़तम किया और रवि को ले के जाने लगी कि नैना दी भी साथ में चली गयी मैने भी बोला चलने को पर उन्होने
मुझे मना कर दिया.

अब सिर्फ़ में और सोनम ही बचे थे.

सोनम-वो प्रिया ही है ना आगे वाले टेबल पे.

में-हां क्यूँ?

सोनम-ज़्यादा बनने की ज़रूरत नही .वो तो तुम्हारी फ्रेंड् है ना तो उसके साथ क्या कर रही है.

में-तुम्हें मेरे साथ रहने में प्राब्लम है तो में तुम को घर छोड़ देता हूँ और वो सिर्फ़ मेरी फ्रेंड् है तो ये ज़रूरी नही कि वो हमेंशा मेरे ही साथ
रहे चलो में तुम्हें घर छोड़ दूं.

सोनम-सॉरी मेरे कहने का वो मतलब नही था.छोड़ो वो सब और कुछ मीठा ऑर्डर करते है क्या बोलते हो.

में-जैसा तुम ठीक समझो.

तभी रोहन की नज़र मुझ पे पड़ी फिर प्रिया की और उसके सभी दोस्तो की प्रिया वहाँ से उठ के मेरे पास आने लगी.

प्रिया-अजय में शाम से तुम को कॉल कर रही हूँ और तुम मेरा डिसकनेक्ट कर रहे हो ऐसा क्यूँ .

में-थोड़ा बिज़ी था कोई काम था आंड सॉरी मैने आज शाम से किसी का फोन पिक नही किया है.

रोहन-हेलो अजय कैसे हो यार क्या आज डेट पे आए हो क्या वैसे हम सब भी प्रिया का बर्तडे मना रहे है प्ल्ज़ तुम भी हमें जाय्न करो.

प्रिया-कोई ज़रूरत नही है किसी को इन्वाइट करने की जो मेरा फोन नही उठा सकता मुझे उस से कोई मतलब नही है.

में-जैसे आप की मर्ज़ी.वेटर प्ल्ज़ आप हमें दो कप बेस्ट आइस क्रीम ला देंगे और बिल भी प्ल्ज़ थोड़ा जल्दी.

प्रिया जी आप टेन्षन ना ले आज से आपको मुझसे कोई शिकायत नही होगी आप जा के अपनी पार्टी एंजाय करे.....





प्रिया का मुझसे ऐसी बात करना सोनम को अच्छा नही लगा वो प्रिया को कुछ बोलने ही वाली थी कि मैने उस को रोक दिया प्रिया कहने को तो हमारे पास से चले गयी थी पर उस का सारा ध्यान अभी भी हम पे ही था.इतने में आइस क्रीम भी आ गयी में और सोनम आइस क्रीम
खाने लगे अब सोनम मेरे से कुछ ज़्यादा ही क्लोज़ हो रही थी मैने भी कुछ नही कहा क्यूँ कि में उस को अब हर्ट नही करना चाहता था.

सोनम-अजय मुझे अपनी आइस क्रीम में से भी एक बाइट खिलाओ प्ल्ज़.
 
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में-क्या बात है आज कुछ ज़्यादा ही प्यार आ रहा है हम पर .तुम भी क्या याद करोगी ये लो और में उसी आइस क्रीम खिलाने लगा एक बाइट की जगह वो मेरी पूरी आइस क्रीम खा गयी.

सोनम-सच में तुम्हारी वाली आइस क्रीम ज़्यादा टेस्टी थी.बल्कि इतनी टेस्टी आइस्क्रीम मैने आज तक कभी अपनी लाइफ में नही खाई.

में-अच्छा इसलिए मुझे बिल्कुल भी नही मिली.

सोनम-रोते क्यूँ हो एक और ऑर्डर कर दो वैसे भी मुझे और खानी है.

मैने दो आइस क्रीम और ऑर्डर कर दे.

उधर प्रिया बोलने को तो अपने फ्रेंड्स के साथ थी पर वो बस हमें ही देखे जा रही थी और उसके फेस एक्सप्रेशन से ऐसा लग रहा था कि वो काफ़ी गुस्से में है.

रोहन-प्रिया चलो केक काटते है .

प्रिया-मुझे कोई केक नही काटना और में घर जा रही हूँ मेरी तबीयत कुछ ठीक नही लग रही मुझे स्कूल में मिलते है.

और रोहन उस को बस देखता ही रह गया कि ये सब आख़िर हुआ क्या .(दोस्तो यहाँ से में रोहन के दोस्तो को बॉय1,बॉय2,से और प्रिया
की फ्रेंड्स को गर्ल1,गर्ल2 से बुलाएँगे इसके बाद इन का कोई कम नही है एसलिए मैने नाम रखने की अपनी मेहनत बचा ली हूँ ना में स्मार्ट).

बॉय1-रोहन तेरा तो प्लान ही फैल हो गया कहाँ तू उसी आज प्रपोज़ करने वाला था और अब ये सब.

रोहन-तो क्या करूँ इतने मुस्किल से मनाया था पार्टी के लिए और अब ये.

बॉय2-मुझे लगता है वो तुझे पसंद ही नही करती नही तो ऐसे नही जाती यहाँ से.

गर्ल1-अगर वो इसे पसंद नही करती तो यहाँ आती ही क्यूँ.

गर्ल2-और नही तो क्या रोहन तू टेन्षन ना ले हम तेरे साथ है.

गर्ल3-तू बिल्कुल भी टेन्षन ना ले हम लोगो ने उसके दिमाग़ में तेरी इतनी बातें भर दी है कि वो चाह कर के भी तुझे इग्नोर नही कर सकती.

बॉय3-ये सही कह रही है तूने देखा नही पिछले कुछ दिनो से वो ज़्यादा से ज़्यादा टाइम तेरे साथ रहती है बस क्लास में ही वो उस अजय के साथ रहती है किसी तरह वहाँ भी तुझे फिट करना होगा बस फिर तू ही तू होगा.

रोहन-ये तो आसान है अजय को भी अपने ग्रूप में शामिल कर लेते है आख़िर मोज मस्ती किसे अच्छी नही लगती और मोज मस्ती के लिए पैसे चाहिए होते है जो अपने पास बहुत है.

बॉय1-शायद तुझे पता नही पैसो के मामले में तू उसके आगे भिकारी है भाई.

गर्ल1-तुझे क्या लगता है वो हमारी तरह मिडल क्लास फॅमिली से है.

गर्ल2-अगर वो चाहे तो रातो रात तुम करोड़पति से रोड पे आ जाओगे उसके लिए कुछ और सोच.

बॉय3-में तो कहता हूँ उस से पूछ के देख अगर वो मान जाए तो ठीक नही तो फिर देखते है.

रोहन-तुम लोग कहते हो तो ठीक है बात कर के देखता हूँ.

हमारी आइस्क्रीम लगभग ख़तम ही हो चुकी थी और में वेटर को बिल लाने को बोल रहा था कि रोहन मेरे पास आ के सामने वाले सीट पे बैठ गया.

में-रोहन कोई प्रॉब्लम है.

रोहन-नही यार बस तुम से कुछ बात करनी थी अगर तुम्हारे पास टाइम हो तो सिर्फ़ 2मिनट ही लगेगे.

मैने सोनम की तरफ देखा क्यूँ कि में नही चाहता था कि वो खमा खा किसी बात को ले के परेशान हो.अगर बात मुझे ठीक लगी तो में उसे बाद में ज़रूर बता देता.
 

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