Incest जिन्दगी एक अनाथ की ~written by Goldybull~

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Update 95

तेजा के निखार की वजह जब ओमी ,लामी और कामी को मालूम गिरी की वो 6 महीने से गर्भवती है तो उनको ज्यादा आश्चर्य नही हुवा वो जानती थी कि उनकी माँ एक दिव्य शक्ति धारक है और काल भी इसीलिए यह उनके लिये आश्चर्य की बात नही थी ,पर काल हैरान था कि समयमनी में पहले कभी ऐसा नही हुवा था ,किसी के शरीर पे समयमनी में रहने पर कुछ भी फर्क नही पड़ता चाहे कितने भी दिन उसमे बिता दो ,पर तेजा के शरीर मे यह फर्क पड़ा था ,शायद तेजा की ही शक्ति का प्रभाव था कि समय मनी अब रहने पर शरीर पर बाहर की दुनिया की तरह समय गुजरने जैसा फर्क पड़ता है ,काल की न उम्र बढ़ी थी न शरीर मे कुछ बदलाव आया था ,उसकी उम्र और शरीर वैसाही ही रहा जैसा पहले था ,काल की हैरानी को भी तेजा ने ही दूर किया कि उसके शरीर में मौजूद दिव्य शक्तियों की वजह से ही उसपर समयमनी का कुछ फर्क नही पड़ा वो समयमनी में रहे या बाहर उसके शरीर मे आम जिंदगी जैसा ही सबकुछ होगा ,
अपनी माँ और तेजा के साथ सुबह का वक्त तीनो ने बड़ी खुशी और आनंद के साथ मनाया ,काल और तेजा एक दूसरे के बिना एक पल नही रह सकते थे ,पर तेजा को ओमी ,लामी और कामी की भावना का ख्याल था ,उन्होंने काल को उनके साथ भी समय बिता कर उन्हें खुशी देने के लिये राजी कर लिया था ,काल 1 मिनीट का समय मे तीनो को बारी बारी 8 घण्टे समयमनी में देने की बात कर रहा था ,पर तेजा ने उसे उन तीनों को कमसे कम हर एक को एक मिनिट देने पर राजी कर लिया था ,भले ही वो 3 मिनीट असली दुनिया मे होते पर काल को 72 घण्टे की दूरी तेजा से रखनी पड़ने वाली थी ,जिसके वजह से काल का दिल इस बात से नाराज था ,अपने लिये काल का प्यार देखकर तेजा को बहुत खुशी होती थी पर उससे भी ज्यादा दर्द इस बात का था उसके साथ काल सब जानकर भी बेपनाह मोहब्बत करता था और उसकी भी यही हालत थी ,तेजा काल के बिना अब सांस लेना भी पसन्द नही करती थी ,उसीकी मौत की अपने हाथोसे होगी जो खुदसे भी ज्यादा अजीज था ,काल ने उसको एक बात कही थी समयमनी में भविष्य के बारे में सोचकर हमे अपना आज नही बर्बाद करना चाहिए आगे जो भी हो जबतक हम एकदूसरे के साथ है खुलकर उसमे जीने में ही भलाई है ,आज हम दोनो खुश है वही बहुत है हमारे लिये ,इस सिख से तेजा ने भी काल की बात मानकर अपने दुख को अपने अंदर दफन कर लिया था ,उन दोनों ने अब यह तय कर लिया था कि काल 6 साल गरुड़ लोक में रहने वाला है ,उसमे से रोज 18 घण्टे समयमनी में रहकर एक दूसरे को अपना ज्यादा से ज्यादा समय देंगे ,और बचे हुवे 6 घण्टे में काल गरुड़ लोक के साथ बाकी सबको अपना समय देता रहेगा ,
आज लामी ,कामी और ओमी के साथ काल सुहाग रात मनाने वाला था रात को 8 बजे ही खाना खाकर काल सबसे पहले लामी के कमरे में दाखिल हो गया ,आज लामी काल को अपना सबकुछ उसपर कुर्बान करने के इरादे से ही तैयार थी ,लामी और कामी तेजा के अंशो से ही बनी थी ,दोनो तेजा की जितनी तो नही लेकिन किसी से कम भी नही थी ,दोनो बहने काल को पहले से पंसद करती थी ,और अब तो काल ने उनके जिंदगी की मुश्किलें बड़ी आसानी से हल कर दी थी ,अपनी माँ तेजा को हसते देखकर उन दोनों को बड़ी खुशी हुवीं थी ,जिस तरह कालने हजारो साल से अपने ही दुनिया मे रहने वाली तेजा को कालने हँसना ,जिंदगी जीना सीखा दिया था ,लामी भी अपनी माँ के अंश से बनी थी ,लामी तेजा जितनी तो नही पर किसी से कम भी नहीं थी ,काल के 8 फिट के गरुड़ मानव के रूप को वो बिल्कुल तोड़ थी 6 फिट 6 इंच का कद 40 की गोल चुचिया 42 की मस्त मटकी जैसी गांड ,30 की पतली सी कमर वाली लामी दिखने में भी एकदम गजब थी ,एकदम गोरी गुलाबी ,काल ने जब लामी के कमरे आकर लामी की तरफ देखा तो उसे लगा तेजा ही उसके सामने दुल्हन बनकर बैठी हो बस उसका कद 1 फिट छोटा हो गया है ,लाल सुर्ख जोड़े में लामी को देखता काल उसके पलँग पर जाकर बैठ गया ,लामी ने काल से कहा ,आज आप ने हमारी मा का वो रूप दिखाया है हमे जिसे हम देखने के लिये न जाने कबसे तरस गये थे ,आपका शुक्रिया किस तरह अदा करे ,यह में नही जानती ,पर आज से आप मेरे लिये किसी भगवान से कम नही है ,आपके खुशी के लिये मेरी जान भी देंनी पड़े तो पीछे नही हटने वाली ,
काल ,लामी ना मुझे तुम्हारी जान चाहिए न में कोई भगवान हु ,अगर तुम मेरी खुशी चाहती हो तो तुम भी हमेशा मुस्कराती हुवे ही रहना ,वो मुस्कान ही मेरे लिये सबसे बड़ी खुशी होगी ,
लामी काल की बात से मुस्कुराने लगी ,काल उसके तरफ देखकर बोला ,बस ऐसे ही हमेशा रहना ,तुम जब मुस्कुराती हो तब और ज्यादा हसीन लगती हो ,लामी के सुन्दर से चेहरे को अपने हाथों में लेकर कालने उसके कोमल होठो को धीरे से चूम लिया ,लामी भी काल की तरफ देखकर उसको बाहो में भरकर उससे होठो को प्रतिउत्तर देती उसके जैसा ही चूमने लगी ,काल ने समयमनी में लामी को ले जाते हुवे अपने मन मे सोचा बिल्कुल अपने माँ जैसी ही यह तो ,प्यार का जवाब उसे भी ज्यादा प्यार से देने में इन मा बेटीयो का कोई तोड़ नही है ,लामी और काल एक दूसरे के होठो को चूसते पलँग पर लेट गए थे ,लामी के को अपने नीचे लिटाकर काल उसके होठो को चूसकर उसके 40 की गोल चुचिया दबा रहा था ,काल ने लामी के कपड़ो को उसके बदन से एक पल में अपने जादू से गायब कर चुका था ,अपने इस शक्ति को लामी में इस्तेमाल करते हुवे काल के चेहरे पर एक ऐसी हँसी थी जिसको देख कर लामी इस अनोखे चेहरे वाला अपने मीत को देख रही थी ,काल ने उसे पूरा नंगा कर दिया इस बात का भी लामी को भान नही था ,काल की हँसी अपनी शक्ति का इस तरह किसी सुंदरी को नग्न करने से आ रही थी ,जो अपने आप पर हँसा था कि वो शक्तियो को किस उपयोग के लिये कर रहा है समयमनी का इस्तेमाल चुदाई में लम्बे समय के लिये डूबने के लिये ,और अब तो अपनी दुल्हन को भी अपनी शक्ति से काल ने नग्न किया था ,उसके पास शक्तिया किस लिये है और वो उसके ऐसे कामो के लिये उपयोग में ला रहा है ,किसी खुशी से नही तो अपने आप पर तरस आ रहा था काल को ,पर उसकी ऐसी बेबसी वाली हँसी में भी खोयी लामी को देख कर काल ने अपने मन से सब बातें एक पल में हटा दी ,आज लामी की सुहाग रात है और उसकी इस पहली रात को यादगार बनाने की जगह अपने दिल के दुख को जाहिर करने का वक्त नही था ,काल ने लामी के साथ समयमनी मे उसके साथ 24 घन्टो में इतना प्यार दिया कि उसकी कोई सीमा नही थी ,लामी के शरीर के साथ उसने उसकी आत्मा तक को आज उसने जीत लिया था ,लामी की साथ चुदाई करते वक्त आज पहली बार काल का मन अलग दिशा में था और शरीर किसी यंत्र की तरह लामी को शरीर सुख देता स्वर्ग के मजे दे रहा था ,काल खुद को पहली बार चुदाई करते हुवे बेबस महसूस कर रहा था ,उसके मन मे एक कवारी लड़की से मिल रहे अनोखे शरीर सुख से कोई भी फर्क नही पड़ रहा था ,लामी के मन को पढ़ता वो उसके हर चाहत को पूरा करता रहा जिस वजह से लामी को तो कुछ भी समझ नही आया पर काल को खुद पर ही गुस्सा आ रहा था ,अपने पूरे तन मन से अपने शरीर को अर्पण करने वाली लामी को वो दिल से क्यो नही भोग पा रहा है ,उसके अंदर जो हमेशा कामाग्नि जलती थी मानो वो कही गायब हो गई थी ,लामी को 24 घण्टे समयमनी में हर तरह से भोग कर काल ने उसे उसके कमरे में सुलाकर कामी के कमरे में चला गया उसके साथ भी काल ने 24 घण्टे संभोग किया पर लामी जैसा ही हाल काल का यहा भी रहा ,चुदाई का हर सुख उसने कामी को भी दिया पर उसका दिल और मन मे न तो चुदाई की खुशी थी या उसके दिल मे चल रही आग कम हुवीं ,वो लगातर बढ़ रही थी ,इस दिल की आग में काल की आत्मा भी जल रही थी ,ओंमी को भी 24 घण्टे समयमनी में काल ने शरीर सुख दिया पर हाल वही का वही रहा ,ओंमी को अपने कमरे में सुलाकर काल तेजा के कमरे में उसके पास पहुच गया ,उसे ऐसा लग रहा था कि तेजा के पास उसको कुछ सुकून मिल सकेगा पर कमाल की बात यह रही कि काल का दिल आज उसके बस में नही था न उसके दिल की जल रही आग ,काल ने 6 साल गरुड़ लोक में सबके साथ हँसी खुशी में बिता दिए ,तेजा के साथ उसने समयमनी में 6 हजार साल की जिदंगी जी ,तेजा ने तीन बच्चों को जन्म दिया था दो लड़के और एक लड़की ,काल के बच्चे दोनो के दिव्य शक्तियों को लेकर पैदा हुवे थे ,जिनमे काल के साथ तेजा की भी हर एक शक्ति थी ,तेजा ने एक का नाम ध्रुव तो दूसरे के आदित्य रखा ,लड़की का नाम पूर्वा रख दिया ,तीनो बच्चे अपने 21 साल की उम्र तक बढने के बाद तेजा की तरह उनकी उम्र स्थिर हो गया ,तीनो बच्चो की आयुमर्यादा तेजा की तरह दिव्य शक्तिया होने से असीमित थी ,काल खुद 19 साल का ही रहा तो उसके बेटे और बेटी उससे 2 साल बड़े हों गये ,दोनो बेटो में बिल्कुल शिवा की ही झलक दिखती थी ,जिसका बाकी किसी को नही सिर्फ काल को ही आश्चर्य होता ,कोई शिवा को नही जानता था सब काल को ही जानते थे ,काल ने भी कभी शिवा के बारे में किसी को नही बताया ,लामी ,कामी , दोनो ने एक लड़का और और लड़की तो ओंमी ने दो लड़कियों को जन्म दिया ,सब बच्चो से काल बहुत प्यार करता था और सभी बच्चों की तो काल मे जान बसती थी ,काल और तेजा जब भी समयमनी में जाते तो अपने साथ सभी के बच्चों को लेकर जाते पर काल की तरह उनकी उसमें उम्र नही बढ़ती थी ,लामी ,कामी और ओंमी भी उनके साथ हीं समयमनी में रहती थी ,ओंमी ने काल को बहुत से अद्धभुत दिव्य शस्त्रों के बारे में बताया जो धरतींपर ही गुप्त रूप से मौजूद थे ,आत्मा मनी और समय दर्पण का इस्तेमाल करने का तरीका भी उसने बता दिया था ,जब काल का धरती पर लौटने का समय आया तो उसने तेजा से वादा किया कि वो रोज उससे और बच्चों से मिलने आया करेगा ,तेजा ने इतने दिनों में पहली बार काल के जाते समय अपने आसु बहाये थे ,तेजा ने काल को अपनी बाहो में लेकर उसके सीने से लगकर बहुत देर तक रोती रही ,काल ने भी उसे थोड़ी देर रोने दिया ताकी उसका दर्द कम हो सके ,
तेजा ,आप कभी कोई सवाल नही पूछते ,ना कभी अपने गम को मुझपर जाहिर होने देते है ,पर आप एक बात समझ नही पाए इतने सालों में ,आपके दिल और आत्मा से जुड़ चुकी हूं ,आपके दिल मे जो धड़कन है ना वो तक मे महसूस कर सकती हूं ,आपके आत्मा को में अपने अंदर समा चुकी हूं ,आपने मुझे जिंदगी की हर खुशी दी ,मेरी हर चाहत को आपने पूरा किया है काल ,में आपको कुछ बताने वाली हु और आपको सुनना होगा ,में अपने अतीत के बारे में नही कहने वाली यह बात अलग है ,आपके पास समयमनी था ,जिसमे आप रहकर मुझसे बच सकते थे ,आपके साथ मुझे ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताने को मिले इसलिये मेंनें अपने स्वार्थ के लिये उसमे अपनी ताकद से उसमे बदलाव किया था ,लेकिन मेरी शक्तिया अब उसमे होने की वजह से अब आप के समयमनी में भी आप सुरक्षित नही रह सकते ,में आसानी से उसे नष्ट कर सकती हूं ,आप वो समयमनी मुझे दीजिये में अपनी ताकद निकाल लेती हूं उसमे से ,आपके पास एक मौका तो होना चाहिये ,
काल ,नही तेजा तुमने जो बदलाव किया था समयमनी में वो मुझे बहुत काम मे आनेवाला है ,उसकी वजह से मेरा बहुत समय बचने वाला है ,अगर तुम्हें लगता है कि जब हम दोनो एक दूसरे के सामने होंगे तो में समयमनी में चला जाऊंगा तो यह में कभी नही कर सकता ,तुम्हारे हाथों से मिलने वाली उस मौत के तोहफे को में हसते हुवे कबूल करने वाल हु ,
तेजा ,काल आप समझ नही रहे ,मेरी शक्तियो के सामने आप नही टिक पायंगे ,आपने अपनी आत्मा का अंश आत्ममनी में भी रख दिया ,तो भी आप नही बच सकते ,आपके साथ आप के आत्मा के अंश भी नष्ट कर सकती हूं में ,आत्मामनी से आपके अंश को में आसानी से मिटा सकती हूं ,आप के पास यह समय मनी ही है जो शायद आप की जान बचा सके ,
काल ,तेजा मैने तुम्हारे साथ 6 हजार साल बिता दिए है समयमनी में ,मेरी जिंदगी में जी चुका हूं उसमे ,तुमने मुझे इतना प्यार दिया है ना कि, मुझे पहले जो तुम्हारे साथ को खोने की जो एक टीस थी न वो भी नही रही ,जो होगा वो देखा जाएगा ,आजसे एक बात याद रखना जब भी हम एक दूसरे मिलने के बाद विदा लेंगे तुम मुझे रोते हुवे नही बल्कि अपनी प्यारी सी मुस्कान से विदा करोगी ,जो में दिल मे बसाकर रखूंगा और जब भी तुम्हारी याद आएगी ,उस मुस्कराते चेहरे को देख कर खुश होता रहुँगा ,तेजा ने काल की बात मानकर अपने चेहरे पर मुस्कान लाकर काल को विदा किया ,पर चेहरे पर मुस्कान और आंखों में आसु लिये तेजा को देखकर काल के दिल मे जो इतने सालों से जलती आग और भड़का दिया था ,काल अपने आसु रोककर सबको प्यार से मिलकर समझा कर धरती पर लौट आया , काल जब धरती पर लौटा तो न भवानीगढ़ गया न मुंबई के अपने घर ,उसने अपने एक प्रतिरूप को अपनी जगह भेजकर खुद अपने भीकू वाले घर मे पहुँच गया ,जहा शिवा का बचपन गुजरा था आज उस घर मे काल आकर फर्श पर बैठ गया था ,तभी उसके अंदर से शेरा की आवाज आयी ,काल आप अभी तक अपने खयालो से बाहर नही आये ,
काल ,शेरा तुम तो सो रहें थे ना मेरे अंदर ,तुम कब नींद से जाग गए ,
शेरा ,भाई आप भूल गए शायद जब तक आप मुझे सोने की इजाज़त नही देते तब तक मे सो नहीं सकता ,आप ने आपकी शादी के दूसरे दिन मुझे गरुड़ लोक देखने के लिये बाहर निकाल लिया था ,उसके बाद में जब शाम को आपके अंदर वापीस आया तबसे न आपने मुझे महसूस किया या कोई मुझसे बात की ,इससे साफ जाहिर होता है ना कि आप को मेरे अपने अंदर आने के बाद इतना समय बिताकर भी आपने कभी मेरे ऊपर ध्यान नही दिया ,ना कभी मुझसे कोई बात की ,
काल ,कुछ नही शेरा में अपने अलग ही दुनिया मे जी रहा था ,शायद इस वजह से ऐसा हुवा होगा ,तुम सो जाओ थोड़ी देर बहुत वक्क्त से तुम सोए नही हो ,कुछ वक्त आराम कर लो ,
काल की बात सुनकर शेरा भी सो गया उसे पता था कि काल उसे कुछ नही बताने वाला ,काल ने अपनी आंखें बंद करली आज उसके आसु निकल रहे थे जो उसने 6 हजार साल में एक बार भी नही बहने दिए थे ,काल अपने आसु बहाता बैठा था कि उसके आसु किसने पोछकर कहा ,भाई आप रो रहे हो ,क्या बात है ,यह काल 2 था ,अपने सामने काल 2 को देखकर काल शिवा के रूप में आ गया ,शिवा ,बस कूछ बात है मेरे भाई जो मुझे रोने पर मजबूर कर रही थी ,
काल 2 ,भाई क्या में आपके रोने की वजह जान सकता हु ,आप मे इतनी शक्तिया है आपके लिए कुछ भी नामुमकिन नही है ,फिर भी आप ऐसे रो रहे हो अकेले बैठकर ,
शिवा ,यही ताकद तो रोने की वजह बन गयी है काल ,में कितना भी शक्तिशाली क्यो न हो जाऊं काल पर रहुँगा तो एक इंसान ही न ,मेरी ताकद से में किसी की भी मुश्किल सुलझा सकता हु ,उसके दर्द को दूर कर सकता हु ,पर में खुद की कुछ भी मदद नही कर सकता इस शक्तियो से ,ना यह मेरे किसी काम मे आएगी ,मुझमे इंसानो जैसी सारी भावना है ,जिसकी वजह से में भी चाहत रखता हूं कुछ पाने की ,सबके साथ हमेशा रहने की ,जो मुझे पता है कभी पूरी नही होगी ,पर यह दिल नही मानता उसे तो सबकुछ चाहिये ,वो कुछ भी खोने को तैयार ही नही है ,सबके प्यार को देखकर इसे लगता है उसे हमेशा वैसा ही प्यार मिलता रहे ,पर मेरे नसीब में यह नही है ना भाई ,और दिल मे वही आग भड़क रही है ,जिसमे वो मुझे अपने अंदर ही जला रहा है ,उसे ना ताकद चाहिये न कोई शक्तिया उसे बस उसके दिल मे बसने वालो का साथ चाहिये ,बचपन से अनाथ की जिंदगी जीने वाले को ,प्यार के शब्द को सुनने के लिये तरसने वाले दिल को जब इतना चाहने वाले मीले है ,जिनका साथ भी ज्यादा देर तक नही रहने वाला ,इस सच्चाई को ही इस समंझाने में लगा हु ,पर यह मेरी बात मान ही नही रहा ,इसे मेंनें बहुत समाझाया की हमारी मंजिल बहुत अलग है ,हमे सबका साथ नही मिलने वाला जिंदगी भर ,सब दिल मे रहने वालों को यही छोड़कर जाने की बात से वो खफा है शायद और उसका साथ यह आंखे भी दे रहीं है ,में अपनी मौत से नहीं डरता काल वो तो होनी है आज नही तो कल ,में भगवान से जिंदगी की भीख भी नही मांग रहा न कभी मांगूगा ,में तो बस चाहता हु मुझे प्यार करने वाले लोग और न मिले ,में उनके प्यार और चाहत से कमजोर हो जाता हूं ,बस अपने दायित्व को जल्दी से खत्म करना चाहता हु ,में अपने दिल मे इतना दर्द लेकर सबके सामने जाने से डरने लगा हु ,की कही उन्हें देखकर में रोने ने लग जाऊ ,मेरे आसु देखकर वो लोग भी बहुत दुखी होंगे ,इसीलिए थोड़ी देर यहा बैठकर अपने आसु बहाकर में चला जाऊंगा ,
काल2 शिवा की बात सुनकर कुछ नही बोला ,शिवा थोड़ी देर वही बैठकर मुंबई के अपने घर चला गया ,उसके गम में उसे यह तक याद नहीं रहा कि ,काल2 को जबतक वो नही बुलाता वो नही आ सकता शिवा के पास ,काल2 के पास भगवान पिनाकीप्रकट हो गए ,उन्हें देखकर काल 2 ने अपने आंखों से बहते आसु पोछकर अपना रूप बदल लिया यह मा गिरिजा ही थी जो काल2 बनकर शिवा को रोते देख उसके पास आ गयी थी ,उन्होंने पिनाकीकी तरफ देखकर कहा ,यह कैसी परीक्षा पिनाकी ,सिर्फ दुनिया भर के गम देकर आप शिवा के साथ सही नही कर रहे ,उसकी तो चाहत खुद के लिये कुछ नही मिलने पर भी आपका दिया दायित्व पूरा करने का ही लक्ष्य है ,क्या आप उसकी कुछ भी मदद नही करने वाले ,
पिनाकी, देवी शिवा के गम अभी शुरू भी नही हुवे ,उसकी बहुत ही कड़ी परीक्षा होने वाली है और ,उसे सब सहकर ही अपने दायित्व में भी यशस्वी होना पड़ेगा ,और इसमें उसकी कोई मदद नहीं करने वाले ,यह उसकी ही लड़ाई जो उसे खुद ही लड़नी है ,पिनाकी जी वहाँ से चले गए ,माता गिरिजा भी वहां से गायब होकर मा पद्मा और माँ हंसिनी के पास जा पहुंची ,तीनो देवियां एक जगह पर बैठ गई ,मा गिरिजा ने दोनो से कहा ,हमे भुजंग को ऐसा वरदान नही देना चाहिये था ,हमारी वजह से सबसे ज्यादा तकलीफ और दर्द शिवा को ही मिलने वाला है ,हमे शिवा की मदद करनी होगी पर कैसे करे मदद हमे त्रिशक्तियो ने शिवा की कुछ भी मदद करने से रोक रखा है ,
दोनो देवियां ,आप सही कह रही है जो गलती हमसे हो गयी उसके वजह हम किसी निर्दोष और मासूम को सजा नही होने देँगे ,आप ही कुछ उपाय निकाल सकती है इसमें
मा गिरिजा ,कुछ देर सोचकर ,हमे शिवा की मदद करने के लिये रोका गया है ना पर कोई और शिवा की मदद करे तो न हमारा वचन टूटेगा न शिवा को हम कुछ होने देंगे ,
दोनो देवियां हसकर ,आपको यू ही आदिशक्ति नहीं कहा जाता ,आपकी बात हम समझ गये है ,इसके साथ तीनो देवियों के बदन से एक अदृश्य शक्ति निकल कर एक हो गयी और धरती पर जाकर किसी लड़की में समा गई ,
उन तीनों की सब बातें और हरकत देखकर तीनो त्रिशक्ति हसने लगे थे ,भगवान विश्वेश बोले ,पिनाकी आपकी लीला अगाध है ,आप ने यह बहुत सही किया है आज ,आपकी वजह से ही शिवा की एक मजबूत ढाल बन गई जो शिवा के सामने खड़ी होने वाली है ,
पिनाकी हसकर बोले ,आप अभी तक समझ नही रहे विश्वेश जी ,शिवा को किसी की जरूरत नही है ,उसे जरूरत है खुद को पहचानने की जो अब तीनो देवी यो की बनी शक्ति करने वाली है ,भुजंग को अपनी चाल चलने दीजिये ,उसका सामना जब भी शिवा से होगा उसे समज आ जायेगा कि वरदान में मिली शक्तियो का इस्तेमाल धोका देने की लिये करने की क्या सजा होती है , ।
 
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Update 96
शिवा जब अपने घर मे लौट आया तब उसका प्रतिरूप नाश्ता करते हुवे टीवी पर सबके साथ बैठकर न्यूज़ देख रहा था ,शिवाय ने कल पूरी दुनिया के सभी देशों के प्रमुख शहरों में 50 लाख से ज्यादा गुंडे ,बदमाशों को हाथ पांव और जीभ काटकर अंधा बना दिया था ,हर तर इस खबर से सनसनी मचा गई थी ,शिवाय नाम की दहशत जो कल हिंदुस्तान में थी आज वो पूरी दुनिया मे आग की तरह फैल गई थी ,हर तरफ इतने ताक़दवर शख्सियत की चर्चा होने लगी थी ,एक साथ पूरी दुनिया मे इतना बड़ा कारनामा करने वाला इंसान कोई मामूली तो नही हो सकता ना ,सब तरफ यही चल रहा था कि कितने आदमी होंगे इस शिवाय के पास और कितनी बड़ी पोहच होगी जो उसने पूरे दुनिया के काले साम्रज्य की जड़ ही काट दी होगी ,सब देशों में अब एक नई मुसीबत शुरू हो गयी थी ,सभी बचे हुवे गुंडे ,बदमाश अपने साथियों के हाल देखकर खुद पुलिस के पास जाकर अपने गुनाह कबूल करके खुद को जेल में बंद करने की गुहार लगा रहे थे ,पुलिस प्रशासन भी परेशान हो गई थी कि इतनी बड़ी संख्या में अपना गुनाह कबूल करने वालो को कहा रखा जाये ,जेलों में कैदियों के रखने को जगह नही बची थी ,और सभी अपराधी खुद को शिवाय के कहर से बचाने के लिये बच्चों की तरह जिद करके पुलिस वालों के पैर पकड़ रहे थे ,सबको अपने आप को इस यमराज से बचाना था ,जो मारता नही था पर ऐसी जिंदगी देता था जो मौत से भी भयानक होती थी ,बहुत सी देश की सरकारें तक दहशत में आ गई थी इस शिवाय नाम से ,शिवाय का संदेश दुनिया के हर शहर में लगा मिल रहा था ,पूरी दुनिया के लोग इस शिवाय को एक मसिहा मान रही थी ,आज शिवाय ने जो किया है उसे आम जनता सही मानती थी ,इन गुंडों बदमाशों को यही सजा सबको ठीक लग रही थी ,हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री को दुनिया भर के देशों के प्रमुख फोन करके इस शिवाय के बारे में जानकारी लेने की कोशिश कर रहे थे ,पर उन्हें खुद कुछ पता नही था तो वो क्या बताते किसी को ,सबसे पहले शिवाय ने हिंदुस्तान में ही अपने काम की शुरुआत की थी ,जिसकी वजह से सबको यकीन था कि यह कोई हिंदुस्तानी ही हो सकता है ,सब तरफ फैले इस आग की लपटें शिवा के घर मे भी दाखिल हो गई थी ,नरगिस को दुबई से फोन आया था कि उसके भाइयों के भी बाकी गुंडों की तरह हाल हो गया है ,नरगिस को उसके भाइयों से नफरत थी पर एक बहन होने के नाते वो ,दुबई जाकर एक बार अपने भाइयों को मिलने जाने का सोच रही थी,पर शिवा को छोड़कर जाने के लिये उसका मन नही मन मान रहा था ,शिवा ने उसके मन की बात समझ कर उसके साथ दुबई जाने के बात कह दी तो नरगिस बहुत ज्यादा खुश हो गयी ,दोपहर की जाने की उसके पूरी तैयारी करने के लिये वह अपने आदमियों को कहने लगी ,शिवाय (काल के रूप में जो घर मे मौजूद था ने शिवा के मन में यह बात कह दी कि उसने पूरी दुनिया के गुंडों और बदमाशो से अरबों डॉलर अपने बेनामी खाते में जमा कर लिये है ,हजारो टन सोना ,हीरे जवाहरात भी उसने बेसमेंट में रख दिया था ,साथ हर दुनिया की नोटो से भी उसने बेसमेंट को भर दिया था ,अब उनके पास इतना पैसा और दौलत हो गई थी जो सब देशों के दौलत को मिलाकर भी ज्यादा ही थी ,शिवाय ने गुंडों बदमाशों से मिले हथियार, ड्रग्स ,नशे का समान ,तबाह कर दिया था ,शिवाय ने एक ही वार में सब दुनिया मे रहने वाले गुंडों बदमाशों की कमर ही तोड़ दी थी ,उनका इतना नुकसान करके सबकी जिंदगी भर की कमाई भी उनसे छीनकर उन्हें कंगाल कर दिया था ,शिवाय ने दुनिया के हर देश के छोटे बड़े शहरों में अपने प्रतिरूप बनाकर रख दिये थे ,अब कोई भी गुन्हेगार को छोड़ने का मन नही था शिवाय का वो अब गुनाह करने से पहले ही उनको दबोच लेने वाला था ,शिवा ने उसे बता दिया कि गुन्हेगार को सजा दिलाने के साथ ही गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद भी करने का काम शुरू कर देना चाहिए ,गुन्हेगारो से हासिल दौलत का इस्तेमाल अनाथलय, मुफ्त स्कूल और कॉलेज ,मुफ्त इलाज करने वाले अस्पताल बनाने में करने को कह दिया ,उसने शिवाय से कह दिया कि कोई भी भूका नही रहेगा इस बात का ख्याल रखना ,इंसान की भूक ही उससे गलत करवाती है ,अगर हम गुनाह की वजह ही न रखे तो कोई भी गुन्हेगारी की दलदल में नही उतरेगा ,बहुत से लोग अपनी मजबूरी और जरूरत की वजह से गलत रास्ते पर चले जाते है ,कोई भी पैदाशी गुन्हेगार नही होता ,वक्क्त ,जरूरत और बुरे हालात ही आदमी को बुरा बना देती है ,अगर हम किसी पर ऐसी नौबत ही नही आने देंगे तो कोई भी आदमी गुन्हेगार नही बनेगा ,बाकी जिनकी नियत और सोच गलत होगी उसका इलाज तुम अपने तरीके से करते रहना ,शिवा और शिवाय जो काल के रूप में एकदूसरे से बात कर रहे थे तभी घर मे माही के साथ पायल ,रिना ,मधु ,रीमा ,नेहा नेत्रा से मिलने आयी थी ,आज नेत्रा का जन्म दिन था तो पूजा से उसका पता निकाल कर सब उसे शुभकामनाएं देने के लिये आयी थी ,नेत्रा भी सबको देख कर बहुत खुश हो गयी ,जब सबको मालूम गिरा की आज नेत्रा का जन्मदिन है तो घर के सभी लोगो ने उसे बधाई दी पर सब उससे नाराज थे कि उसने बताया क्यो नही ,तब नेत्रा ने कहा वो उसका जन्मदिन कभी नही मनाती क्योंकि उसका जुड़वा भाई इस दुनिया मे नही है ,जिसका भी जन्मदिन आज ही होता था ,उसकी माँ आज के दिन उसकी याद में दुःखी रहती है और अपने माँ का दुख न हो इसलिये वो जन्मदिन कभी नही मनाया करती थी ,शिवाने भी नेत्रा को जन्मदिन की बधाई दी ,थोड़ी ही देर में उनके घर फातिमा ,पूजा और मोना भी आ गयी ,सब लडकिया मिलकर एक दूसरे से मिलकर बहुत खुश थी ,लेकिन शिवा जिसको मोना ,पूजा ,फातिमा,माही जानती थी,बाकी की लड़कियां शिवा को आज पहली बार देख रही थी ,सबको शिवा पहली नजर में ही पसन्द आ गया था ,शिवा ने जो प्रतिरूप उन सबका दिल जीतने के लिये अलग अलग शक्कल से उनके पीछे छोड़े थे ,वो इनका दिल जीतने में नाकाम रहे थे बहुत कोशिश करने के बाद भी ,पर शिवा को देख कर उन सबने फैसला कर लिया था का शादी करेगी तो इसके साथ ही ,सब अपने मन मे शिवा को अपना पतीं बनाने के लिये ठान चुके थे ,काल के मजे लेती सब लडकिया शिवा को ही देख रही थी ,शिवा ने सबके मन की बात पढ ली थी ,उसके लिये यह परेशानी बढाने वाला काम हो गया था ,पर अपनी किस्मत पर हँसता शिवा मन मे बोलने लगा सभी के साथ एक साथ शादी करूंगा तो इनके घरवालों को क्या होगा ,यह सब तो ठान चुकी है लेकिन मुझे बहुत पापड़ बेलने पडने वाले है अब ,फातिमा शिवा को निहारते हुवे अपने मन मे शिवा ,क्या में एक दिन के लिये भी तुम्हारी नही हो सकती ,शिवा ने अब यह सोच लिया था कि उसके चाहने वालो की हर ख्वाहिश वो पूरी करेगा ,आगे जो हो जाये पर किसकी कोई भी मांग हो जो उसे दिल से पसन्द करतो हो वो अब पीछे नही हटने वाला था ,नरगिस ने भी नेत्रा को जन्मदिन की मुबारकबाद दी थी ,उसके साथ दोपहर को 3 बजे जाने का तय हो गया था ,उसका खुद का हवाई जहाज होने से ज्यादा कोई मुश्किल नही थी ,शिवा थोड़ा काम का बहाना बनाकर बाहर चला गया ,उसने नेत्रा को मन मे कह दिया था कि उसके एक प्रतिरूप को वह नरगिस के साथ भेज देगा ,हम आज साथ मे ही वक्क्त बिताएंगे ,तुम शाम को अपने एक प्रतिरूप को घर पर छोड़ कर बाहर आ जाना ,नेत्रा को भी अच्छा लगा था ,शिवा ने बाहर जाकर अपने एक प्रतिरूप को तैयार किया ,उसे नरगिस के साथ जाने के बारे में सब बताकर थोड़ी देर में घर जाने को बोल दिया ,सुबह के 9 बजे शिवा घर से बाहर निकला था ,पहले सर्पलोक में मंदा और अपने बेटे के साथ समय बिताकर ,वो सिहलोक गया वहां पर भी अपने सभी बच्चों और अपनी पत्नियों को समय देकर 12 बजे धरती पर वापिस आ गया ,लामी और कामी भी शिवा के साथ धरती पर वापिस आ गयी थी ,और अपने मन्दिर के रक्षा के काम मे लग गई थी ,उन्होंने सिंहाली और मिहाली को गरुड़ लोक की सारी दास्तान बता दी थी ,शिवा ने दो तीन दिनों से ज्वाला और सुनीता को समय नही दिया था ,आज आज शिवा ने दोनो के पास जाकर समयमनी में उनके साथ 24 घण्टे की प्यारी चुदाई की थी ,समयमनी की बढ़ी ताकद से शिवा को अब बहुत ज्यादा फायदा हो रहा था ,बस दो मिनीट में ही उसने आज 24 घण्टे का समय ज्वाला और सुनीता के साथ बिता दिया था ,निता से मिलने जब शिवा पहुंचा तो शिवाक़े दो दिन न आने से दुखी थी ,और आज उसके बेटे का जन्मदिन था जो अब इस दुनिया मे नही था ,निता अपने आप को कमरे में बंद करके बैठी थी ,उसने सुबह ही अपनी बेटी को जन्म दिन की बधाई दे दी थी ,पर अपने बेटे की याद में आज उसके गम का कोई ठिकाना नही था ,निता की हालत देखकर शिवा को बहुत बुरा लगा ,उसने निता के पास जाकर सबसे पहले आसु पोहच दिये ,निता को अपने गाल पर जब किसीके स्पर्श का अहसास हुवा तो उसने
कहा ,आज मुझे तुम्हारी बहुत जरूरत थी ,में अपने आप को बहुत अकेला महसूस कर रही हु ,
शिवा अपने अदृष्य रूप में ही था ,उसने निता को अपने बाहो में भरकर अपने सीने से लगा लिया ,उसके बाहो में आकर निता के दिल को भी थोड़ी राहत महसूस होने लगी ,
शिवा ने निता से कहा आज तुम इतनी नाराज क्यो हो ,यह बात में जानता हूं ,में आज तुम्हारे सारे गम दूर कर दूँगा ,तुम्हारी यही चाहत थी ना कि में तुमसे शादी करू और तुम्हे अपने बच्चें की माँ बना दु ,आज में तुमसे शादी भी करूँगा और तुम्हे अपनी पत्नी बनाकर अपने बच्चे की माँ भी बना दूँगा ,में तुम्हारे पतीं की सोच यही कर दूंगा की तुम उसीसे गर्भवती हुवीं हो ,तुम्हे मुझसे बच्चा पैदा करने में कोई भी परेशानी नही होगी ,मेंरी कोई शक्कल या चेहरा नही है ,में किसी का भी रूप ले सकता हु ,तुम बोलोगी उसी रूप में आकर में तुमसे शादी कर लूँगा ,
निता यह बात सुनकर खुश हो गयी थी ,उसे जिस अदृष्य शख्स से इतनी मोहब्बत थी आज उसको वो अपनी पत्नी बनाकर उसके बच्चें का बाप बनाने को राजी हो गया था ,जो निता बहुत दिनों से चाहती थी ,उसने कहा तुम जिसकी भी शक्कल बनालो मुझे कोई फर्क नही पड़ता ,शक्कल किसीकी भी हो पर रहोगे तो तुम ही ना ,
शिवा ,ठीक है पर में तुम्हे यह बात पहले ही बता देता हूं में जिसकी भी शक्कल या रूप लेकर तुम्हारे सामने दिखने लग जाऊंगा तो उस रूप को में नही बदल सकूंगा फिर कभी ,में तुम्हे हमेशा उसी शक्कल में नजर आने लगूंगा ,इसलिये तुम एक बार सोच लो में किसी के रूप में तुमसे शादी करू ,
निता ,मेंनें कहा ना किसके भी शक्कल ले सकते हो ,सिर्फ मेरे परिवार के किसी मर्द की शक्कल मत लो ,बाकी किसी के भी रूप में मुझे चल जाएगा ,
शिवा की दिल की चाहत थी कि वो निता से अपनी असली शक्कल में ही प्यार करे ,उसकी तरकीब अब उसके उस ख्वाब को पूरा करने वाली थी ,शिवाने निता से कहा ,ठीक है में बाहर जाता हूं ,जो भी मुझे अच्छा लगेगा में उसकी शक्कल लेकर तुम्हारे पास आ जाता हूं ,फिर उसके बाद में तुमसे अपनी एक खास जगह ले जा कर शादी कर लूंगा ,
उसके बाद शिवा कुछ देर खामोश होकर एक जगह खड़ा हो गया ,थोड़ा वक्त जाने के बाद उसने निता से कहा में आ गया हूं ,मेंने एक कि शक्कल पसन्द कर के तुम्हारे सामने अब दिखने लग जाऊंगा ,निता भी बड़ी उत्सुकता से देखने लगी के किसकी शक्कल में आया है यह ,लेकिन जब उसके सामने शिवा दिखा तो उसकी आंखें एकदम फ़टी सी रह गई ,शिवा ने कहा ,क्या हुवा तुम्हे पसन्द नही आया यह रूप
निता अपने मन मे इसने तो सिर्फ शिवा की शक्कल ली है ,यह शिवा थोड़ी है और उसकी आवाज भी शिवा जैसी नही है ,यह शिवा नही बल्कि मेरा बलम है ,अगर इस बता दिया कि मुझे यह पसन्द नही आया तो फिर मेरी सारी ख्वाहिश अधूरी रह जाएगी ,यह कभी कोई दूसरा रूप नही ले पायेगा ,नही में इसे अपने से दूर नही होने दुंगी किसी भी कीमत पर ,शिवा को भले ही मेंनें बेटा कहा था ,पर यह थोड़ी वो शिवा है ,जो मेरा बलम ,मेरा पति बनने वाला है ,में इसके साथ शादी कर लुंगी ,मुझसे इतना प्यार करने वाला कोई और नही है इस दुनिया मे ,सिर्फ शिवा की शक्कल के वजह से में इसके साथ शादी को ना नही करूंगी ,
निता ने झट से शिवा को अपने बाहो में भरकर उसके होठो को चूम लिया ,मुझे सिर्फ तुमसे मतलब है ,बाकी मेरे लिये कोई और चीज मायने नही है
शिवाने ने निताके मन की सारी बात सुन ली थी ,उसे डर था कि निता शिवा के चेहरे को देखकर उसको ना कर दे ,पर निता के फैसले से उसे बहुत खुशी हुवीं ,शिवाने निता को अपने जादू से एकदम किसी दुल्हन की तरह सजा दिया ,खुद भी किसी दूल्हे की तरह कपड़े पहनकर उसने निता के साथ उसके कमरे से लेकर गायब हो गया ,उसने पास ही एक मन्दिर में जाकर एक पुजारी से पहले शादी करने की बात कर ली और निता के साथ शादी कर के उसे अपना पत्नी बना लिया ,निता बहुत खुश हो गईं थी ,आज उसकी सबसे बड़ी चाहत पूरी हों गयीं थी ,शिवा ने निता को मंदिर के बाहर आकर एक खालीं जगह देखकर वापिस उसके कमरे में ले आया ,शिवा ने फिर अपनी माया से पहले निता को मोहित किया और उसे समय मनी में ले आया ,शिवाने अपने समयमनी मे एक बहुत हीं खूबसूरत सुहाग की सेज सजा दी ,निता को वो पहले भी बहुत बार भोग चुका था अदृष्य रूप में पर आज पहली बार अपने असली रूप में इस हुस्न की परी को भोग ने वाला था ,शिवा ने नीता के इस अनुपम को निहार रहा था ,दुल्हन के रूप में आज वो शिवा पर कहर ढा रही थी , शिवाने उसके मेंहदी से लाल हाथो को चूम लिया ,और कहा ,निता आज हम दोनो की सुहागरात होगी ,में तुम्हे आज अपने प्यार से इतना भर दूँगा की कभी तुम्हे कोई गम का साया भी नही छू नही पायेगा ,शिवा के तरफ देखती निता के बदन में आज अजीब सी ही लहर उठ रही थी ,पहले भी कितनी बार इसके साथ वो दिल खोलकर चुदी थी ,पर आज उसके दिल मे अलग सी हलचल मची हुवीं थी ,उसे ऐसा लग रहा था मानो शिवा ही उसको भोगने वाला हो ,जिसकों उसने अपना बेटा बनाया था ,शिवा ने जब उसके होठों को चुसने लगा तो ,निता का पूरा बदन थरथरा गया ,पहले वो शिवा को ही सब करने दे रही थी ,पर उसका बदन आज बहुत ज्यादा गरम हो गया था ,निता किसी जंगली बिल्ली की तरह शिवा के होठो पर टूट पड़ी थी ,शिवा और दोनो कब नंगे हो गए उसे पता ही नही चला ,आज निता का अंदाज बहुत ज्यादा आक्रमक था ,जब शिवा के चेहरे को देख कर उसके बदन में काम की ज्वाला भड़क रही थी ,निता ने सबसे पहले शिवा के लन्ड को पकड़ लिया और शिवाक़े पैरों में बैठकर उसके लन्ड को उसकी आँखों मे देखकर वो चुसने लगी ,निता की आंखे कामाग्नि से लाल हो रही थी ,आज शिवा का लन्ड चुसने में उस बहुत ज्यादा मजा आ रहा था ,वो शिवा के मूसल को आराम से गले तक लेकर उसके बड़े से अंडों को दबा रही थी ,शीवा को भी निता के अ इस कातिल अदा से बड़ा मजा आ रहा था ,उसने अपने दोनो हाथ उसके सर पर रख दिये और अपने लन्ड को उसके मुह में जोर से अंदर बाहर करता मानो उसके मुह के चोदने लगा ,निता भी उसके लन्ड पर जीभ घुमाती उसके लन्ड को जड़ तक लें रही थी,शिवा ज्यादा देर तक उसके मुह की गर्मी को झेल नही सका ,उसने अपने लन्ड को निताके गले मे दबाकर उसके गले मे अपनी पिचकारियां छोड़ने लगा ,निता भी सारा माल सीधा अपने पेट मे जाने से खुश हो गई ,उसने शिवा ने लन्ड को चाट चाट कर साफ कर लिया ,उसे शिवा को वो गोरा लन्ड और उसका लाल सुपडा बहुत पसंद आया था ,आज पहली बार इस लन्ड को वो देख रहा थी जो उसके हर गहराई को नाप चुका था ,शिवाने निता को को उठाकर बेड पर पीठ के बल पर लिटा दिया ,शिवा जब उसकी आँखों मे देखकर चुत को चुसने और चाटने लगा ,निता की चुत में आग भड़क उठी थी ,उसे लग रहा था मानो शिवा ही उसकी चुत को चूस रहा हो ,उसका दिल ऐसी बात सोचकर पुर बदन में झनझनाहट पैदा कर रहा था ,निता ने एक चीख के साथ अपनी चुत से आज बहुत ज्यादा मात्रा में पानी छोड़ दिया था ,शिवा ने उस सारे पानी को पी लिया था ,दोनो की चुदाई की हर बात निराली रही थी ,निता को शिवा की शक्कल देखकर चुदने में अलग ही मजा आ रहा था ,जब भी शिवा उसके चेहरे की तरफ देखकर चोदता तो उसकी चुत भड़क उठती ,और जी जान लगाकर उसका साथ देने लगती ,शिवा ने 30 दिन तक निता की चुत और गांण्ड को अपने माल से भर भर के चोदा ,उसके मुह में बो अनगिनत बार अपना माल भर चुका था ,निता को जब उसने समय मनी से बाहर लाया निता में और निखार आ गया था ,वो किसी जवान दुल्हन सी दमक रही थी ,जिसकी वजह थी शिवा के लन्ड के पानी ,उसके बदन ने उसके वीर्य को अपने अंदर सोख लिया था ,निता को अपनी माया से मुक्त करके शिवा ने उसकी विदा ली ,शिवा का इस सब मे 2 घण्टे का समय गया था ,डेड घण्टे शादी करने में और आधा घण्टे समयमनी में 30 दिन की सुहाग रात मनाकर ,अभी 2 बज गए थे ,शिवा ने आज फातिमा की ख्वाहिश पूरा करने का सोच लिया था ,उसने अपनी शक्ति से देखा कि फातिमा कहा है ,उसे फातिमा उसके घर में दिख गई जो शिवा के घर से खाना खाकर वापिस अपने घर मे लौट गई थी और अपने बिस्तर पर बैठी ,शिवा की यादों में हो खोयी थी ,तभी शिवा के सामने शिवाय आ गया ,उसने शिवा से कहा ,भाई आपसे एक बात कहनी थी ,शिवा ,शिवाय तुम और में अलग नही हु तुम मेरे ही अंश हु ,तुम जो भी करते हो वो मुझे सब पता होता है ,तुमने नरगिस के भाइयो के साथ जो भी किया वो बिल्कुल सही था ,हर गुन्हेगार की यही सजा होनी चाहिए ,तुमने गुन्हेगार को सजा दी है ,एक बात हमेशा याद रखना कभी किसी गलत काम करने वाले को नही छोड़ना ,भले उसके लिये तुम्हे किसी अपने को भी सजा देना पड़े पर कभी अपने कदम पीछे नही हटाना ,उसके बाद शिवा ने उसे बहुत सी बातें समझाई ,उसके बाद शिवाय चला गया ,और शिवा भी फातिमा के कमरे में आ गया ,फातिमा अपने बिस्तर पर नही थी ,उसके कमरे के बाथरूम का दरवाजा खुला था और पानी की आवाज आ रही थी ,शिवाने पहले कमरे का दरवाजा देखा तो वो अंदर से बन्द था , शिवा ने बाथरूम में अपने अदृष्य रूप में जाकर देखा तो फातिमा पूरी नंगी होकर नहा रही थी ,फातिमा के बड़ी सी 38 की चुचिया एकदम गोल और गोरी थी , गोरा रंग ,एकदम सपाट पेट 28 की कमर और 40 की बड़ी गोल गांड जो आगे से भी अपने वजूद को दिखा रही थी ,फातिमा के गहरी नाभि से पानी की बूंदे नीचे गिर रही थी ,एकदम अप्सरा सी फातिमा दिख रही थी ,जो अपने गुलाबी चुत के होठो पर अपनी नाजूक उंगलिया घूमा रही थी ,अपने आंखों को बंद करके अपनी चुत के साथ मीठी सी छेड़छाड कर रही थी ,उसकी चुत के होठ एक दुसरे से जुड़े हुवे थे ,एकदम फूली हुवीं उसकी चुत के छोटे से लाल छेद जो बड़ी मुश्किल से दिख रहा था ,फ़ातिमा की उंगली भी उसमे नही जा रही थी ,शिवा ने अपने आप को पूरा नंगा कर लिया और अपने अदृष्य रूप से बाहर आकर ,फातिमा को एक झटका देने की सोची जिससे वो खुश हो जाये ,शिवा ने सोच लिया कि जब तक वो फातिमा की चुत का पानी उसकी प्यारी सी चुत को चूसकर नही निकाल देता उसके साथ कोई बात नही करेगा ,शिवाने फातिमा के कदमो में बैठकर उसकी कमर को पकड़ कर उसके चुत को मुह में लेकर बडे प्यार से चुसने लगा ,फातिमा के पूरे बदन में एक बिजली सी दौड़ गयी जो शिवा ने महसूस की ,और उसके मुह से एकदम घुटी सी आवाज में चीख निकली माँ ssssss ह,शिवा ने अपने चेहरे को दिखा कर उसकी चुत को चूस रहा था ,फातिमा ने जब अपने चुत को चुसने वाले शिवा को देखा जो पूरा नंगा होकर उसकी चुत को चूस रहा था ,उसकी आंखें एकदम बडी हो गयी थी ,और मुह खुला था जिसके चेहरे को देख कर शिवा की गांण्ड फट गई थी उसके मन की बात सुनकर ,वो फातिमा नही माही थी ,जिसने अपने बाल एक प्लास्टिक की सफेद कैप से ढक कर नहाने से शिवा का उस पर ध्यान नही गया था ,माही अपने मन मे सोच रही थी ,फातिमा कमीनी इस लिये मुझे घर नही ला रही थी आज अम्मी से मिलाने ,उसे शिवा के साथ चुदाई जो करनी थी ,में कहा फस गई आज ,यह फातिमा को भी अस्पताल में अभी जाना था ,में इस शिवा को किस तरह बोलू में माही हु फातिमा नही ,कैसे इसे रोकू ,कितना मजा आ रहा शिवा की जुबान से मेरी चुत को ,जाने दो इस शिवा से आज में फातिमा बनकर इसको जो करना है कर देती हूं ,पर इसके साथ चुदाई नही करूंगी,चुदाई से पहले कोई बहाना बना कर इससे दूर हो जाऊंगी ,पहले इस चुत की आग को ठंडी कर लूं इससे ,फिर इसको भी दिखती हु और फातिमा को भी ,
शिवा उसके मन कि बात सुनकर ,बहनचोद में ही हमेशा क्यो फस जाता हूं ,इतनी शक्तिया होकर हर बार मे अपनी गांण्ड खुद के हाथों से मरवा लेता हूं ,अब क्या करूँ ,क्या जवाब दूँगा इसे में ,इसके साथ तो मुझे शादी करनी है ,इसके दिल को जितना है ,क्या करूँ में अब ।
 
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Update 97
शिवा माही की चुत के ओठो को बहुत ही प्यार से चूस रहा था ,माही अपनी आंखें बन्द करके मजे की वादियों में उड़ रही थी, शिवा का भी मन का डर थोड़ा कम हो गया था ,माही की गोल गांण्ड का अपने दोनो हाथोसे मसल ने उसे बड़ा मजा आ रहा था ,शिवा का हाथ उसकी गांण्ड को मसलते मसलते उसके नरम छेद पर जा लगा ,माही का इस वजह से एक मीठा झटका लगा ,और जब उस छेद को सहलाता शिवा उसकी नरमाई को अच्छे से टटोलने लगा ,पानी से गीले छेद जब शिवा ने अपनी मोटी सी उंगली घुसा दी तो पहले माही की जान ही निकल गई ,उसने अपने गांड़ में उंगली घुसने की वजह वो थोड़ा आगे होगई ,शिवा की उंगली गांण्ड में पूरा घुसने से उसे थोडी तकलीफ हुवीं थी ,पर शिवा ने उंगली को घुसाकर तेजी से आगे पीछे करना शुरू कर दिया और अपनी जीभ को माही के चुत में और अंदर घुसाने लगा ,माही दोनो तरफ से हो रहे हमलों को ज्यादा झेल न सकी ,शिवा के सर को पकड़ कर वो तेजी से अपने चुत का पानी छोड़ने लगी ,शिवा भी उसके पानी के हर कतरे को पी रहा था ,माही पहले भी अपनी चुत में उंगलि से मजा लेती थी ,पर आज शिवा ने उसकी चुत को इतना मजा दिया कि माही पहले कभी इतना झड़ी नही थी ,उसकी चुत ने आज बहुत ज्यादा पानी निकाला था ,माही के चुत के पानी को पीकर शिवा को भी बड़ा मजा आ रहा था ,वो पूरे पानी को पीने के बाद भी उसके चुत को छोड़ने का नाम नही ले रहा था, उसे तो अब और पानी पीना था उसके चुत का शिवा सब भूल गया था वो अपने ही धुन वापिस इस नमकीन पानी की तलाश में लग गया ,वो और तेजीसी उसकी चुत को चुसने लगा ,और उसकी गांण्ड को एक हाथ से दबाकर दूसरे हाथ की अपनी मोटी उंगली से उसे और गहराई माही के छेद में उतारने लगा ,माही जो अपना चुत का पानी छोड़ने के बाद अपनी साँसे दुरस्त कर रही थी ,वो फिरसे गर्म हो गयी थी ,उसकी चुत को शिवा के ओठ बहुत पसंद आ रहे थे ,उसकी जीभ उसके चुत को अपना दीवाना बना रही थी ,चुत के चुसाई का सुख क्या होता है वो आज जान गई थी ,वो शिवा को झड़ने के बाद दूर करने का खयाल मन से निकाल कर शिवा के सर को पकड़ कर अपनी चुत उसके मुह में अंदर तक घुसाने लगी ,उसके बदन में फिर से कामाग्नि भड़कने लगी थी, उसकी आँखों मे भी खुमारी आ गयी थी,उसकी चुचिया बहुत ही ज्यादा कड़क हो गई थी ,उसने ना जाने कैसे शिवा के एक हाथ को पकड़ कर अपनी चूची पर रख दिया ,शिवा भी उसके एक हाथ से उसकी अनछुई चुचिया को बारी बारी मसलने लगा ,माही को अपनी चुचिया पर उसके हाथ की मालिश से बहुत मजा आने लगा ,वो अपने बालों को खिंचती इस आनंदसागर में डूबने लगी थी ,अचानक शिवा ने उसकी चुत को चुसना छोड़ कर उससे अलग हो गया ,जो शिवा ने पहले से सोची एक चाल थी ,माही को पहले चुत चुसाई के सुख परिचित कराकर उसे फिर एक बार और भड़का कर आधे में छोड़ने की ,माही बहुत ज्यादा गर्म हो गयी थी अब उसे शिवा को इस तरह बीच मे रुकना बिल्कुल पसंद नही आया था ,वो शिवा को अपने लाल ऑंखो से घूर कर गुस्से से देख रही थी ,कुछ पल शिवा को घूरने के बाद वो सीधा शिवा के गोद मे चढ़ गई ,शिवा को किसी बिल्ली की तरह वो नोचती काटती पागलो जैसी उसके होठो को चुसने लगी ,शिवा ने उसके गांण्ड को पकड़ के रखा था अपने दोनो हाथो से और वो माही को जो वो कर रही है करने दे रहा था ,
माही के बड़ी सी गांण्ड को दोनो हाथोसे मसलते हुवे जब शिवा ने जंगली बिल्ली के चुत पर अपना मूसल को टिकाकर कर उसके चुत की ऊपर से ही मालिश करना शुरू कर दिया ,तो माही को अपने चुत पर इस गर्म से कड़क मोटे डंडे की रगड़ाई चुत चूसाईं से भी मज़ेदार लगने लगी थी ,वो शिवा के लन्ड पर अपनी चुत और तेजीसे घिस रही थी , माही के चुतसे निकलते पानी से शिवा का लन्ड चिकना होकर माही के चुत की अच्छे से रगड़ाई कर रहा था ,जब इस मालिश के दौरान शिवा का लन्ड का बड़ा सा सुपड़ा माही के चुत के छेद से टकराता तो माही का पूरा वजूद हिल जाता था , शिवा कब उसको बाथरूम से कमरे में बेड तक लेकर आया उसे पता ही नही चला ,शिवा उसे ऐसा गर्म करके चोदना नही चाहता था , उसने माही को बेड पर लिटाकर सुला दिया और उसको बड़े प्यार से चूमने लगा ,माही अब शिवा से चुदने का पूरा मन बना चुकी थी ,उसे किसी भी हालात में अब शिवा का लन्ड अपनी चुत में लेना ही था ,शिवा उसके निता चाची का बेटा है ,उसका प्यारा भाई है ,उसको अपना भाई साबित करने का भूत उसने कबसे अपने दिमाग से निकाल दिया था ,अपने अभी बहनो में बड़ी होकर भी आज तक उसकी शादी नही हुवीं थी ,उसे कोई भी लड़का पसन्द नही आता था ,नेत्रा जो उससे 9 साल छोटी थी,सब बहनो में नेत्रा सबसे छोटी होकर भी सबसे पहले उसने शादी कर ली थी ,उसके परिवार ने उसे सैकड़ो लडके दिखाए थे ,पर उसे कोई पसन्द नही आया था ,उसका परिवार भी उसकी शादी से परेशान था ,पर उसकी जिद के आगे किसी की नही चलती थी ,शिवा पहली नजर में उसे भा गया था पर पहले उसे वो अपने भाई जैसा लगता था ,इसलिये वो शिवा पसन्द होकर भी उसकी सच्चाई जानने के चाहत से उसके पीछे लगी थी ,उसका दिल तो यही चाहता था कि उसका शक गलत साबित हो ,ताकि वो शिवा से अपने दिल की बात कह सके ,की वो उसके साथ शादी कर सके ,उसके परिवार के ज्यादातर लोग शिवा को बहुत अच्छा लड़का मानते थे ,शिवा उससे 9 साल छोटा था ,माही को बस एक इसी बात का डर था कि शिवा उसकी उम्र के चलते उसे अगर ना कहे तो ,पहले उसके खोए हुवे भाई होने का डर ,फिर अपनी उम्र का डर लिये माही हमेशा उलझन में रहती थी ,पर आज जब फ़ातिमा के धोके से शिवा ने उसके नंगे बदन को मजा दिया था ,शिवा के नंगे बदन को देखकर और उसके बाहो में आकर मिलने वाले सुख से माही ने सोच लिया था कि भाड़ में जाए सबकुछ आज शिवा से में अपनी दिल की चाहत पूरी कर लुंगी ,उसने ठान लिया था कि वो शिवा के साथ एक बार तो भी हमबिस्तर होकर रहेगी ,चाहे वो उसके साथ शादी करे या न करे ,आगे से वो कभी शिवा अपना भाई है यह साबित करने का पागलपन नही करेगी ,शिवा तो जैसे अब उसका भाई नही मन का मित बन गया था ,
माही को पलँग पर लिटाकर शिवा उससे अलग हुवा तो माही एक प्यासी नजर से उसके तरफ देखने लगी ,उसको लग रहा था कि अब शिवा उसकी चुदाई करेगा ,माही पीठ पर लेटी थी ,उसने अपनी दोनो टाँगे फैलाकर उसकी चुत को और खोल दिया ,अपनी गीली चुत पर उंगलीया घुमाती शिवा के तरफ देखे जा रही थी ,उसके चुत से पानी बून्द बून्द करता टपक रहा था ,उसकी चुत को माही की उंगली नही शिवा के गर्म लन्ड चाहिये था ,जब माही की नजर उस विशाल 16 इंच बड़े और 8 इंच मोटे से मूसल पर गई तो उसकी धड़कन ही रुक गई थी ,माही जवान थी ,चुदाई भले उसने किसी से नही की थी पर किताबो और ब्लू फिल्म्स उसने भी देखी हुवीं थी ,अपने शादी शुदा सहेलियों से उनके पतीसे हुवीं रंगीन चुदाई के किस्से वो सुन चुकी थी ,अपने पति का लन्ड का साइज उसकी सहेलियों बताया करती किसी का 6 इंच का तो किसी का 7 इंच का बड़ा था ,बड़े लन्ड वाले पतीं से मिलने वाले सुख का मजा उसकी सहेलियों चटकारे लेकर सुनाती थी ,शिवा पहले ही आम लोगो से थोड़ा ज्यादा ही लम्बा तगड़ा दिखता था ,किसी रोमन योद्धा की तरह दिखने वाला शिवा करोड़ों में एक लगता था ,आज उसके लन्ड को देखकर माही सोच रही थी ,यह जैसा है वैसा ही इसका लन्ड भी सबसे बड़ा और अनोखा है ,एकदम गोरा ,लाल टमाटर जैसा उसका किसी बड़े टमाटर जितना बड़ा सुपड़ा ,माही को डर लग रहा था कि उसकी चुत में उसकी उंगली जाने पर कितना दर्द होता है ,यह उसकी दोनो हाथ मे न आने वाला लन्ड उसकी चुत में कैसे जाएगा ,पर कुछ भी हो जाये अगर शिवा का लन्ड लेने से वो मर भी गईं ,तो वों उसके साथ चुदकर ही रहेगी ,माही शिवा कब उसकी चुदाई करता है यह सोच कर डर और उत्सुकता से भरी जा रही थी ,तभी शिवा की आवाज ने वो होश में आ गई जो सुनकर उसके चेहरे का रंग ही उड़ गया ,शिवा ने कहा था ,माही मुझे माफ़ कर देना में बहक गया था तुम्हारी सुंदरता से ,लेकिन में अपने किये की तुमसे माफी मांगता हूं ,माही क्या हैरानी हो गई कि शिवा ने उसे कैसे पहचान लिया कि वह माही है ना कि फातिमा ,तभी उसका ध्यान शिवा के हाथ पर गया जहां उसके सर पर लगी बालो को ढकने वाला प्लास्टिक का कैप था ,माही समझ गई के शिवा ने उसके काले बालो से पहचान लिया है कि फ़ातिमा नही है क्योकि फ़ातिमा के बाल सुनहरे थे ,दोनो में बस यहीं तो एक फर्क था ,माही को बहुत शर्म आ रही थी और खुद पर गुस्सा भी के उसने इस बात पर ध्यान क्या नही दिया ,उसको अब फ़ातिमा पर बहुत ज्यादा गुस्सा आने लगा था कि वो फ़ातिमा न होने से शिवा के प्यार को पा न सकी ,उसने गुस्से भरी आवाज में अपनी आंखों में आसु लिये शिवा से कहा ,क्या में फातिमा नही हु इसलिये तुम पीछे हट गए ना ,क्या कमी है मुझमे ,सबकुछ तो देख लिया ना तुमने मेरा ,ऐसा क्या है फातिमा में जो मुझमे नही है ,हम दोनो के सिर्फ बाल अलग है बाकी सब कुछ हमारा एक जैसा हि है ,
लेकिन शिवा का जवाब सुनकर उसके होश हीं उड़ गए ,उसके आँखों से अब दुख और गुस्से की चीड़ के नही बल्कि खुशी के आसु आ गए ,शिवा ने माही से कहा था ,नही माही तुम गलत समझ रही हो ,में फातिमा से मिलने नही बल्कि तुम्हे ही मिलने आया था ,में तुम्हें जा अस्पताल में लेकर गया था तभी से तुम्हे पसन्द करने लगा था ,आज जब तुम काल और नेत्रा से मिलने घर पर आयी तो मुझसे रहा नही गया ,में तुम्हे आज अपने दिल की बात कहकर तुमसे शादी की बात करने तुम्हारे पीछे फ़ातिमा के घर तक आया था ,जब में घर मे आ रहा था तो फ़ातिमा ने बताया कि तुम उंसके कमरे में हो ,उसे अस्पताल जाना था तो वो मुझे घर मे उसका कमरा दिखा कर चली गयी ,में जब तुम्हारे कमरे में आया तो तुम नहा रही थी, तुम्हारे सूंदरता के वजह से बहक गया और अपने हवस के चक्कर मे तुम्हारे साथ यह सब कर बैठा ,में अपने किये पर बहुत शर्मिंदा हु ,में तो तुम्हे हमेशा के लिये अपनी बनाना चाहता था ,पर में यह हवस में गलत हरकत तुमसे कर बैठ गया ,माही ने शिवा की बात सुनकर फ़ातिमा को दुवा देती शिवा के बाहो में झूल कर उसे पागलो की तरह चूमने लगी ,उसके गोंद में चढ़कर उसने शिवा के पूरे चेहरे को चूम लिया था ,माही ने शिवा से कहा ,में भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं शिवा ,और तुमने कोई गलत हरकत नही की मेरे साथ ,में कोई गैर नही तुम्हारी बीवी हु ,मेरे रोम रोम पर तुम्हारा हक है ,अपने दिल से गलत ख्याल निकाल दो ,तुम कहे तो में अभी इसी वक्त तुमसे शादी करने को तैयार हूं,
शिवा ने झुठ बोलकर ही सही पर माही को असलियत बता दी थी ,शिवा को उसके साथ शादी करनी ही थी ,और शिवा ने बस थोड़ा झूठ बोला था ,माही को खुश होता देखकर शिवा ने हस कर कहा ,ऐसे नंगा कोई शादी करता है क्या ,
शिवा की बात सुनकर आधे घण्टे से शिवा के सामने नंगी होकर शिवा से अपनी चुत चुसाई कराने वाली माही पहली बार शर्म से लाल हो गई थी ,वो तो फ़ातिमा बनकर शिवा से मजे ले रहीं थी,पर जब उसे पता चला कि वो तो उसको पहचान चुका है और अब तो उसके साथ शादी करने वाली है ,माही शर्म के मारे शिवा की बाहो में घुस कर बोली ,गंदे कही के , शिवाने हसकर कहा ,अच्छा में गन्दा हु लेकिन एक बात बोलू शिवाने उसके बड़ी सी गांण्ड को दोनो पंजो में लेकर जोर मसलते हुवे कहा ,तुम् सर से लेकर पाव तक कयामत हो ,तुम्हारे बदन के हर हिस्से को मेंनें देख लिया है बस इस कयामत को देखना बाकी रह गया है ,शिवा की हरकत और अपनी बड़ी सी गांण्ड की तारीफ सुनकर माही और ज्यादा शरमाकर शिवा से चिपक गई और बोली मेंनें पहले ही कहा ना सब तुम्हारा है ,जो मर्जी हो तुम मेरे साथ कर सकते हो शिवा ,बस मुझे जिंदगी भर ऐसे ही प्यार करते रहना ,शिवा ने उसके गुलाबी होठो को चूम कर कहा ,में तो तुम्हे अपने दिल मे रखुंगा माही ,शिवा ने माही को बेड पर लिटा दिया ,माही को लगा शिवा उसकी गांण्ड को देखना चाहता है ,माही झट से पलट कर उसकी चाहत पूरा करने के लिये बिस्तर पर पेट के बल लेट गई ,शिवा ने जब माही की गोरी 40 की गांण्ड देखी जो उसके दबाने से एकदम लाल हो गई थी ,शिवाने उसके गांण्ड को प्यार से चूम लिया और उसके बड़े से गांण्ड को फैलाकर उसके उस छोटे से लाल छेद को देखने लगा ,जो कबसे छिपा हुवा था ,शिवा ने उसे प्यार से चूमकर उसके अंदर अपनी जीभ घुसाकर उसका स्वाद लिया जो शिवा को पसन्द आया ,शिवा ने उसके गांण्ड के छेद को भी बड़े प्यार से चुसते हुवे अपनि जीभ का नोकदार करके उसके गांण्ड के अंदर तक घुमाने लगा ,माही पहले से ही भरी पड़ी थी ,शिवा की इस हरकत से वो कुछ हो पल में अपने मुह से शिवा का नाम लेकर झड गई ,शिवाने उसके झड़ते ही उसे पलट के पीठ के बल लिटाकर उसकी चुत के झरने को पीने लगा ,शिवा ने माही की चुत को पूरा चूसकर साफ किया ,माही बड़े प्यार से शिवा के बालों में हाथ घुमाकर उसे अपने चुत का पानी पिला रही थी ,शिवा ने उसकी चुत को अच्छी तरह चाटकर साफ करने के बाद ,माही की तरफ देखकर हसकर कहा ,तुम हर तरफ से एक खूबसूरत हो माही ,माही ने झट से शिवा को अपने ऊपर खीच लिया और उसके होठ चूसकर कहा ,तुमने आज मुझे वो खुशी दी है जिसकी मुझे बहुत दिनों से तलाश थी ,शिवा ने उसे अपनी बाहो में भरकर कहा ,में तुमसे एक बात कहना चाहता हु माही ,
माही ,बोला शिवा क्या कहना चाहते हो तुम ,शिवाने माही से कहा ,माही में तुमसे शादी करना तो चाहता हु पर में यह चाहता हु की हम शादी सबके सामने नही करना चाहता हु ,हम दोनो किसी मन्दिर में शादी कर लेंगे और जब मेरी पढाई पूरी हो जाएगी और में कुछ काबिल बन जाऊंगा, तभी हम सबको हमारी शादी के बारे में बता देंगे नही तो अगर तुम कुछ साल रुक सकती हो तो हम बाद में शादी कर लेंगें ,
माही शिवा की बात सुनकर एक झटके में बोली ,बाद में नही हम अभी शादी कर लेंगे और तुम कहते हो वैसेही करेंगे ,मेरे घरवालों ने मुझे पहले ही कह दिया है ,तुम्हे जिसके साथ शादी करनी है कर लो बस लड़का अच्छा हो ,मेरे परिवार में तुम सबको पहले से पसन्द हो ,उनको तो खुशी ही होगी तुम्हे अपना दामाद बनाकर ,तुम जब कहोगे में शादी के लिये तैयार हूं ,
शिवा को माही के इस बात से बहुत अच्छा लगा बस शिवा की खुशी के लिये वो उसके परिवार तक को दांव पर लगा रही थी ,उसने माही को गले लगाकर कहा ,कुछ बाते है माही में तुम्हे एक वादा करता हु में कभी तुम्हे धोका नही दूँगा ,जब तक जिंदा रहुँगा तुम्हारी हर ख़ुशी ,हर मुराद को पूरी करूंगा ,
माही शिवा से लिपटकर बोली ,तो कब करोगे मुझसे शादी
शिवा ,माही कल हम दोनो शादी कर लेंगे ,में सारी तैयारी आज कर लूंगा ,
माही ,क्या हम आज शादी नहीं कर सकते ,
शिवा ,बस आज की तो बात है कल तो शादी कर लेंगे
माही ,नही शिवा में तुमसे दूर नही रह सकती अब मुझे डर लगता है कही कोई तुम्हे मुझसे छीन न ले ,
शिवा ,ऐसा कुछ नही होगा ,हम कल शादी कर लेंगे तुम कुछ भी चिंता मत करो
माही को बहुत देर मनाकर शिवा ने राजी कर लिया माही शिवा को छोड़ने को ही तैयार नही थी ,उसे शिवा ने ही कपडे पहनाए ,फ़ातिमा आने के बाद उसको क्या जवाब देंगे यह कहने पर माही बोली ,उसकी चिंता तुम छोड़ दो ,वो तो तुम्हे खुद अपने पास रखने के लिये मरी जा रही है ,तुमको वह कुछ भी नही कहेगी ,वो बहुत अच्छी लड़की है शिवा उसे तुम बहुत पसंद हो ,दिन रात तुम्हारे बारे में बाते करती है वो ,तुमसे बहुत ज्यादा प्यार करती है वो ,अगर में कुछ मांगू तो क्या तुम मेरी बात को मान जाओगे ,
शिवा ,तुम कहकर तो देखो मेरे कहने पर तुम अपने परिवार तक का नही सोच रही हो ,तुम्हारे लिये में जो बन पड़े वो करने को तैयार हूं ,
माही ,शिवा में चाहती हु तुम मेरे साथ फ़ातिमा से भी शादी कर लो ,तुम्हारी हर शर्त को मान लेगी ,वो बहुत ही अच्छी लड़की है ,में उसके दिल का हाल जानती हूं ,तुम ही उसकी पहली और आखरी पसन्द हो ,अगर उसको तुमने अपना लिया तो मुझे बहुत खुशी होगी ,हम दोनो मिलकर तुम्हे जिंदगी भर बहुत प्यार करेंगे ,बस तुम एक बार हा कह दो ,मुझे मालूम है कि दो शादिया करके अपनी बीवियों को संभालना आसान नही होता पर हम दोनो तुम्हे कभी कोई तकलीफ नही होने देंगे ,
शिवा मन मे दो शादिया ,अब तुम्हे क्या बोलू माही मेरी कितनी शादिया हुवीं है और अभी कितनी करनी पड़ेगी मुझे ,
शिवा को ऐसे सोचता देख माही बोली ,क्या हुवा शिवा तुम क्या सोच रहे हो ,
शिवा हसकर ,कुछ नही यही सोच रहा था तुम फ़ातिमा के साथ शादी करने को बोल रही हो ,क्या सुहागरात भी तुम दोनो साथ मे ही मनाओगी या अलग ,
शिवा के बात का मतलब समझ कर माही खुश हो गई की शिवा शादी के लिये मान गया है ,पर शिवा ने जो बात कही थी उससे वो बहुत ज्यादा शर्मा गई थी ,वो शिवा के गले लग कर उसके कान में बड़ी सरगोशी से बोली ,जैसा तुम चाहो वैसेही होगी अलग या साथ मे ।
 
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Update 98
माही के पास से निकलने के बाद शिवा ने नेत्रा को मानसिक सन्देश देकर बुला लिया,नेत्रा भी अपना एक प्रतिरूप को घर मे छोड़कर शिवा के पास चली आयी ,दोनो शाम से लेकर रात तक साथ मे ही रहे ,शिवा ने नेत्रा के साथ मिलकर एक सुंदर से होटल में खाना खाया,उसे एक बहुत ही प्यारा सोने का नेकलस जन्मदिन के तोहफे में दिया ,नेत्रा को भी वो बहुत ज्यादा पसन्द आया ,नेत्रा के साथ खाना खाने के बाद दोनो बहुत देर तक बाते करते रहे ,नेत्रा की आज का जन्मदिन शिवा ने यादगार बना दिया था ,रातके 11 बजे नेत्रा घर चली गयी ,उसके बाद शिवा ने गरुड़ लोक जाकर तेजा के साथ सुबह के 6 बजे तक का वक्क्त बिताया ,तेजा के साथ समय कब खत्म हुवा शिवा को समझ ही नही आया था ,शिवा सुबहके 6 बजे मुंबई के घर पहुंच गया अपने कमरे में ही नहा धोकर वो सीधा बाहर निकल गया ,घरमे किसी को वो दिख जाता तो गड़बड़ हो जाती ,क्योकि सनम उसके परिवार के हिसाब से तो शिवा दुबई गया हुवा था ,शिवा का राज उन्हें तो पता नही था ,सुबह 8 बजे तक शिवा ने दो अलग अलग मन्दिर में शादी की तैयारी पूरी कर ली ,और माही को फोन करके बता दिया कि कहा मिलना है ,फ़ातिमा को जब घर आने के बाद माही ने जब शिवा उन दोनों से शादी को तैयार है यह बात बताकर जो कुछ भी हुवा वो सब बता दिया ,फ़ातिमा तो शिवा के शादी को मान जाने की बात सुनकर बहुत ज्यादा खुश हो गई ,उसने माही को गले लगाकर उसका शुक्रिया अदा किया ,दोनो ने साथ मे जाकर दुल्हन का जोड़ा और बाकी चीजे खरीद ली थी ,एक ब्यूटी पार्लर में जाकर दोनो ने अपने हाथों में मेहदी लगा कर अपने बदन को भी अच्छी तरह चमका लिया था ,
सुबह जल्दी उठकर दोनो शादी के जोड़ो में सज कर शिवा के फोन आने के बाद फ़ातिमा के घर से चुपके से निकल गई ,शिवाने पहले माही से शादी की उसके बाद उसने फ़ातिमा से शादी की ,अब इन दोनों को लेकर किसी होटल में जाये या कही और यही शिवा सोच रहा था तो फ़ातिमा ने कहा ,उनका पनवेल में एक फार्म हाउस जो खाली ही रहता है ,वहां पर हम जा सकते है ,वहां पर काम करने वाले लोग भी सुबह साफ सफाई करके निकल जाते है ,उसकी एक चाबी हमेशा मेरे पास ही रहती है ,शिवा ने उसकी बात मान ली ,फिर तीनो फ़ातिमा के कार से ही उसके फार्म हाउस पहुच गये थे ,शिवा शादी होने से पहले ही सर्पलोक जाकर आया था 1 घण्टे में ,इसलिये उसके पास आज इन दोनों को लिये समय की कोई कमी नही थी ,और वैसे भी उसके पास समयमनी था ही ,पनवेल का फार्म हाउस बहुत ही खूबसूरत था ,पेड़ो से घिरे हुवे उस बंगले खूबसूरती देखते बनती ,शोरगुल से दूर यह जगह इंसान को शांति के साथ खुशी भी देने के काबिल थी ,माहि और फ़ातिमा ने पहले ही यहा काम करने वाले लोगों से एक सुंदर कमरा सजा कर रखने को बोल दिया था सुहागरात या सुहागदीन के लिये ,उसके साथ ही वो खाना भी बनाकर रखा हुवा था ,तीनो ने मिलकर पहले खाना खा लिया ,फ़ातिमा तो शिवा के शादी होने के बाद एक शब्द भी नही बोली थी शिवा से बस वो उसके तरफ एकटक देखती जा रही थी ,उसके मन का ख्वाब जो पूरा हुवा था आज ,एक रात के चाहत के बदले जीवन भर का साथ दे दिया था शिवाने ,माही तो शिवा से बहुत खुल कर बात कर रही थी ,उसने शिवा को खाना हो जाने के बाद एक कमरे की तरफ इशारा कर के कहा थोड़ी देर बात तुम वहां आ जाना ,दोनो के उस कमरे में जाने के बाद शिवा भी थोड़ी देर बाद उस कमरे में दाखिल हो गया ,कमरा बहुत सुंदर सजाया था ,हर तरह के फूलों से वो कमरा महक रहा था ,पर सबसे सुंदर दो गुलाब की कलियां एक बड़े से बैठ कर उसका ही इंतजार कर रही थी ,माही और फ़ातिमा ने सोचा था कि वो साथ मे सुहागरात मनाएगी ,पर जब शिवा कमरे में दाखिल हुवा तो दोनो भी आगे का सोच कर शरमा रही थी ,कहने और करने में बहुत फर्क होता है ,इस बात का अंदाजा दोनो को हों रहा था ,पर अब करे भी तो क्या ऐसा हाल दोनो को था ,शिवा दोनो के लाल गाल को देख कर समझ गया कि दोनो शर्मा रही है ,उसने पहले दोनो की तरफ देखा और कहा ,माही मेंनें बस मजाक में वो कहा था ,माही ने शिवा की तरफ देख कर कहा ,नही ये तुमने नही हमने सोच लिया था ,ताकि तुम अगर पहले मेरे साथ सुहागरात मनाते तो शायद फ़ातिमा को बुरा लगता ,और फ़ातिमा के साथ मनाते तो मुझे ,हम दोनो एक दूसरे का दिल नही तोड़ सकते ,इसीलिए हमने यह फैसला किया है ,
शिवा ने मजाक में कहा ,माही सुहाग रात नही आज सुहागदीन होगा मेरे ख्याल से
माही शिवा की बात से शर्मा गई ,शिवा का यह पहला मौका था कि एक साथ दो लड़कियां उसके साथ अपनी सुहाग रात मनाने वाली थी ,उसे समझ नही आ रहा था पहले माही को पास ले या फ़ातिमा को ,वो उन दोनों के पास बैठ गया और एक हाथ से माही को तो दूसरे हाथ से फ़ातिमा को अपने पास खींच लिया ,दोनो भी झट से उसके साथ चिपक गई ,माही ने भी शिवा का काम आसान बना दिया वो शिवा के होठो को चुसने लगी ,फ़ातिमा शिवा के बदन से चिपक कर दोनो के किस को देख रही थी ,शिवा ने माही को किस करते हुवे जिस हाथ से फ़ातिमा को अपने से चिपकाया था उसी से उस के 38 की गोल चुची को पकड़ कर मसल रहा था ,फ़ातिमा को अपनी छाती पर जब शिवा के मर्दाना हाथ का स्पर्श हुवा तो उसके मुह हलकीं सी आह निकल गई ,शिवा फ़ातिमा की दोनो गोलाई को बारी बारी मसल रहा था ,फ़ातिमा की आंखे लाल हो गयी थी और उसकी चुत भी गीली होकर बहना शुरू हो गई थी ,माही के बदन में मौजूद अग्नि तत्व शादी के बाद जागृत हो गया था ,जिसकी वजह से माही बहुत ज्यादा गर्म हो गयी थी ,उसने शिवा के होठो को चुसते हुवे ही उसके मूसल को पैंट की चेन खोलकर एक हाथ से बाहर निकाल लिया था ,उस मोटे मूसल की अपने नरम हाथ से सहलाती, वो शिवा को मस्ती में होठो को चूस कर अपनी जीभ से शिवा की जीभ से लड़ा रही थी ,फ़ातिमा ने जब शिवा के लन्ड को देखा तो उसे वो दिन याद आया जब इस प्यारे लन्ड को वो थोड़ा ही चूस पायी थी ,आज वो इस लन्ड को हक़ से पकड़ सकती थी ,उसके साथ खेल सकती थी ,फ़ातिमा ने शिवा की बाहो से निकल कर उसे नीचे से पूरा नंगा कर दिया और उसके लन्ड को गप से अपने मुह में भर कर चुसने लगी ,उसने बस उसके टोपे को ही मुह में लिया था माही का एक हाथ लन्ड पर मसलना जारी था और फ़ातिमा उस मूसल को मन से चूसकर उसके स्वाद को चखे जा रही थी ,शिवाने दोनो को अपनी बाहो में लेते वक्त ही दोनो को अपनी माया के प्रभाव में डालकर समयमनी में ले आया था ,शिवा ने माही के पूरे कपड़े निकाल कर उस एक झटके में नंगा कर दिया औऱ माही को खीच कर अपने मुह पर बिठा दिया ,माही के चुत को चुस रहा था तो नीचे फ़ातिमा उसके लन्ड को अपने मुह में 6 इंच तक उतार कर चुसने में लगी हुवीं थी ,माही के चुत में अपनी जीभ को घुसाकर दोनो हाथो से उसके मटके जैसे गांड को पकड़ कर लाल करता अपना कमाल दिखा रहा था ,माही ज्यादा देर इस हमले को झेल नही सकी जैसे ही शिवाने उसके गांड़ के छेद में अपनी उंगली घुसा दी एक चीख के साथ माही अपनी चुत को शिवा के मुह में दबाती झड गई ,माही के चुत का पानी शिवा पूरा साफ कर गया ,माही झड़ने कारण थोड़ा सा हल्का महसुस करने लगी थी ,वो शिवा के मुह से उतर कर नीचे लेट गयी ,शिवा ने फिर फ़ातिमा को अपनी और खीच लिया ,फ़ातिमा को नीचे लिटाने से पहले उसे भी शिवाने पूरा नंगा कर दिया ,फ़ातिमा की चुचिया पहले से ही शिवा दबाकर लाल कर चुका था ,फ़ातिमा के होठो को बड़े प्यार से चुसता शिवा उसके 38 की चुचिया को मसल रहा था ,फ़ातिमा भी शिवा का साथ देती अपने पहले किस का मजा ले रही थी ,शिवा के किस करने और चुचिया मसल ने से फ़ातिमा अपने चुत का बांध खोल चुकी थी ,शिवाने अब उसकी चुत पर अपना मोर्चा खोल दिया ,उसके गीली सी चुत को चुसकर उसके चुत के पानी का मजा लेना लगा,फातिमा की दोनो नरम गांण्ड के बड़े से 40 के गोल मटकों को दबाता उसकी गुलाबी चुत को मजे देने लगा था ,फ़ातिमा जो कुछ देर पहले ही झड चुकी थी शिवा के इस हरकत से वापस गर्म हो गयी थी,उसे बडा मजा आ रहा था इस लपलपाती जीभ का जो उसके चुत के छेद में घुस गई थी ,फ़ातिमा के गांड़ पर भी शिवा बराबर ध्यान दे रहा था ,उसके नरम छेद पे अपनी बड़ी सी उंगली घुमाता तो हल्के से उसे अंदर कर देता ,फ़ातिमा अपने मुह से मादक आवाजे निकालती अपनी अम्मी को याद कर रही थी ,शिवा और फातिमा के इस हरकत को देखकर माही भी देख रही थी,उसकी भी चुत वापस गर्म हो गयी थी,पीठ के बल लेटकर वो अपने चुत पर अपनी उंगलिया घुमा रही थी ,फ़ातिमा का बदन ने फिर एक झटका खाया और वो अपने चुत से भलभला कर झड गई जो शिवा भी पूरा पीकर ही रुका ,फ़ातिमा दो बार झड जाने से थोड़ी थक गई थी ,जो अपनी साँसे दुरुस्त कर रही थी ,शिवाने जब माही की तरफ देखा तो उसके कामुक हरकते देखकर शिवा का लन्ड बहुत ज्यादा फड़कने लगा ,शिवाने अपने लण्डपर जादू से तेल मंगाकर उसे चिकना करने लगा ,माही ने जब शिवा को अपनी और देखते हुवे लन्ड पर तेल लगाते देखा तो उसकी चुत मानो फड़फड़ाने लगी और अपना पानी छोड़कर गीला होने लगी थी ,शिवा ने माही की तरफ सरक कर अपनी तेल से भीगी उंगली से उसके चुत के छेद को भी चिकना कर दिया ,माही पर सवार होता शिवाने जब अपना दहकता सुपाडे को उसकी चुत पर टिका दिया ,माही के नरम गांण्ड को अपने दोनो हातो से पकड़ कर शिवाने उसके होठो को चूमने लगा ,शिवा को माही की आंखे पीली लगने लगी थी ,अगर माही का अग्नि तत्व जाग गया तो फातिमा को कोई धोका न हो इसे लिये शिवाने पहले जादू से उसे सुला दिया और उसके ऊपर एक अभेद्य कवच लगा दिया ,माही तो अब शिवा के लन्ड को अपने अंदर लेने के लिए मरी जा रही ,वा अपनी चुत का दबाव नीचे से बढ़ाकर उसे अपने अंदर लेने की कोशिश कर रही थी ,जैसे ही शिवाने उसके चुत पर एक जोरदार प्रहार अपने लन्ड से किया तो माही के चुत को फाड़कर उसका लन्ड आधा अंदर घुस गया ,माही के मुह से एक जोरदार चीख निकल गई ,और उसके चुत से खून निकलने लगा साथ ही उसके चुत से आग की लपटें भी निकलने लगी ,शिवा को भी इस आग की गर्मी महसूस हो रही थी ,जैसे ही शिवा ने अपना दूसरा धक्के में माही के चुत में जड़ तक लन्ड घुसा दिया ,माही का पूरा बदन ही एक आग में बदल गया ,शिवा के बदन में भी अंदर और बाहर दोनो तरफ आग लग गई थी ,शिवा को बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था ,माही की आंखे पूरी लाल हो गई थी ,दोनो मानो अग्निमानव लगने लगे थे ,माही के चुत में अपने लन्ड को घुसाकर उसकी चुत को शिवाने अपने दर्द की पर्वा किये बैगर तेजीसी चोदने लगा,माहि तो एक अलग ही दुनिया मे आ गई थी ,उसे इस आग से बहुत ज्यादा मजा आ रहा था ,शिवाके लन्ड को अपने चुत में घुसने का दर्द नही हों रहा था ,बल्कि वो शिवा से भी जोरदार धक्के लगाती उसके लन्ड को ज्यादा से ज्यादा अपने चुत के अंदर ले रही थी ,शिवा माही को बहुत ही ज्यादा जोर से चोद रहा था ,माही को हचक हचक कर किसी जानवर की तरह वो चोदने में लगा था,माही के ओठो को चुसता ,उसकी चुचिया को दबा रहा था ,माही ने शिवा को जोरसे जकड़ कर झड़ना शुरू कर दिया ,उसके चुत से किसी लावे से ज्यादा गर्म पानी बहने लगा था ,शिवा के लंड इस चुत से बहते लावा रस ने और गर्म कर दिया ,वो माही के चुत को अब दुगने तेजीसे चोदने लगा ,माही अपने चुत का पानी छोड़ती रही और शिवा उसे चोदता रहा ,शिवा ने माही को हर पोझ में चोद लिया था ,कभी घोडी बनाकर तो कभी पेट पर सुलाकर उसकी गांण्ड को मसल मसल कर चोदा था,माही ने कितनी बार अपना पानी छोड़ा था इसका कोई अंदाजा नही था ,शिवा जब माही को अपनी गोद मे लेकर खड़ा होकर चोद रहा था तो उसके लन्ड ने भी अब अपना पानी निकालने के संकेत दे दिए ,शिवाने माही के चुत में जड़ तक लन्ड घुसाकर उसके गांड को भी अपने हाथों से पकड़ कर माही के चुत में अपना बहुत ही ज्यादा गर्म वीर्य भरने लगा ,जैसी ही माही के चुत में शिवा का गर्म वीर्य पड़ने लगा उसके बदन की आग कम होने लगी ,और जैसे ही माही के चुत में शिवा ने अपनी आंखरी बून्द भरी माही की पूरी आग बुझ गई थी ,उसका बदन वापस पहले जैसे सामान्य हो गया था ,माही को अपनी गोद मे लिये शिवा ने अपनी आंखें खोली तो उसने देखा समयमनी में सब कूछ जल गया था ,जिस कमरे वो थे वहां सिर्फ राख नजर आ रही थी हर तरफ ,शिवा ने जैसे ही फ़ातिमा की फिक्र से उसे देखना चाहा तो वो हैरान हो गया ,फ़ातिमा भी माही की तरह पूरे आग में लिपटी एक अग्नि कन्या में बदल गई थी ,शिवा के अभेद्य कवच में सोयी आग की तरह जल रही थी ।
 
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Update 99
शिवा ने जब समयमनी में माही को एक जगह नीचे सुला दिया ,जो एक गहरी नींद में चली गई थी ,उसके अंदर की अग्नि तत्व को जगाकर खुद भी उस शक्ति का मालिक बनकर शिवा ने पहला तत्व हासिल कर चुका था ,पर अब फ़ातिमा में कैसे अग्नि तत्व आ गया यह शिवा को समझ नही आ रहा था ,पहले जब उसने फ़ातिमा में किसी तत्व को पहचान करने के लिये उसके हाथ को अपने दिल से स्पर्श कराया था ,तब उसमे कोई तत्व नही था ,पर अब कैसे उसमे अग्नि तत्व आ गया यह शिवा को समझ नही आ रहा था ,माही और फ़ातिमा दिखने में एक जैसी थी ,कही यह दोनो जुड़वा बहने तो नही ,जिस वजह से ऐसा हुवा हो ,पर अगर ऐसा है तो इनके मा बाप अलग कैसे एक हिन्दू परिवार से ,दूसरी मुस्लिम परिवार से ,शिवा को यह बात समझ नही आ रही थी ,इसका जवाब तो अब शिवा को ढूंढने ही पड़ना था ,आखिर यह कैसा राज है ,सुनीता से तो कुछ पूछ नही सकता इस बारे में ,पर नुसरत फ़ातिमा की माँ से यह राज निकालना आसान था ,वह तो शिवा को जानती भी थी ,फ़ातिमा ने उसका चेकअप करते समय नुसरत के साथ भी उसकी पहचान हो गयी थी ,अब एक बार नुसरत से मिलना ही होगा यह शिवा ने सोच कर फातिमा के पास जाकर उसके ऊपर से पहले अपना कवच हटाया और उसे नींद से जगा दिया, फ़ातिमा की नींद खुलते ही ऊसकी भी आंखे पूरी लाल हो गयी थी ,अपने सामने एक अग्निमानव की तरह दिख रहे शिवा को देख कर वो डरी नही बल्कि शिवा के पास आकर उससे आकर इस कदर लिपट कर उसके मोटे से लन्ड को अपने चुत पर रगड़ने लगी ,शिवा समज गया इसके चुत में जबतक वो लन्ड डालकर अपना माल भरने तक इसे चोदेगा नही यह सामान्य नही होगी ,शिवाने भी फ़ातिमा की चुत को अपने लन्ड से दो धक्के में पूरा फाड़ दिया ,अपने मूसल से उसकी चुत को शिवा ने इतनी बुरी तरह चोदा की क्या कहना ,फ़ातिमा को उसने किसी कुतिया की तरह चोदा था ,फ़ातिमा भी अपनी गांण्ड उठा उठा कर शिवा से चुद रही थी,फ़ातिमा के चुत में जब शिवा ने अपने लन्ड से आग के शोले की तरह जलता अपना पानी भरना शुरू कर दिया तब फ़ातिमा भी सामान्य रूप में आ गयी ,शिवा के गर्म माल से अपने चुत को भरने के बाद वो भी एक गहरी नींद में चली गयी ,शिवा ने कमरे को वापिस पहले जैसा बना कर दोनो को एक पलँग पर सुला दिया ,अच्छा हुवा इन दोनों को समयमनी में शिवा ने चोदा था अगर कही किसी सामान्य जगह इन दोनों से वो चुदाई करता तो पूरा शहर जल गया होता ,दोनो का आकार अग्निशक्ति की वजह से बहुत ही विशाल हो गया था चुदाई के वक्त ,उनकी शरीर से निकल रही आग की लपटो ने समयमनी के मायावी सामान तक को राख कर दिया था तो बाकी आम जगह वो कितना बरसा चुकी होती ,दोनो को शिवा ने लगातर 5 दिन बारी से चोदते हुवे शांत किया था ,इस दौरान शिवा को भी समय का भान नही था ,5 दिन लगातार चोदने के बाद ही शिवा एक ही बार झडा था ,शिवा को मालूम था कि उसके अग्नि तत्व के नए ताकद से ऐसा हुवा है ,पर अगर यही हाल उसका बाकी दूसरों के साथ हुवा तो परेशानी वाली बात होने वाले थी ,पहले से उसके मूसल को झेलना कोई मामूली बात नही थी ,ऊपर से पहले वो 2 घण्टे तक झड़ता नही था ,इस 2 घण्टे में ही किसी औरत को इतना चोदता की उसकी बुरी हालत हो जाती ,अब अगर वो 5 दिन तक नही झडा तो शायद ही कोई जिंदा बच सके ,
शिवा अपने खयालो में गुम माही और फ़ातिमा के बाजू में लेट कर सोच रहा था ,माही कब उठकर उसके लन्ड पर अपने चुत को रख कर शिवा के ऊपर आ गयी यह उसे पता ही नहीं चला ,जब शिवाक़े होठो को चुसते माही अपनी चुत उसके लन्ड पर घिसने लगी ,शिवा भी उसकी नरम गांण्ड को दबाने लगा और उसका साथ देने लगा ,शिवाने अपने लन्ड का सुपडा उसके चुत के छेद पर लगाकर नीचे से एक धक्के में ही माही के चुत में अपना लन्ड पूरा उतार दिया ,माही इस धक्के को सहन ने होने से अपने चुत में उठे दर्द से ऊपर उठने लगी तो शिवा ने उसकी गांण्ड को पकड़ कर उसे नीचे दबा लिया ,माही के चुत में नीचे से धक्के लगाता वो कसके माही को चोदने लगा ,माही के बदन से अब कोई आग नही निकल रही थी ,शिवाक़े लन्ड को अपने अंदर लेती माही को दर्द के साथ मजा भी मिल रहा था ,शिवाने ने उसकी गांण्ड में उंगली घुसाकर उसे चोदने से माही के गांण्ड में भी सरसराहट होने लगी थी ,एक साथ अपने दो छेदों में मिल रहे मजे से माही अपने आंखे बंद करके अपनी गांण्ड तेजीसे शिवा के चुत पटकती उसके घोड़े जैसे लन्ड पर सवारी कर रही थी,शिवा को भी माही की इस कसी हुवीं चुत में मजा आ रहा ने किसी रबर के छले की तरह उसकी चुत शिवा के लंड को जकड़ कर निचोड़ रही थी ,माही अपने चुत के अंदर इस गर्म मूसल के गर्भाशय तक पड़ने वाले धक्कों से कुछ ही देर में झड कर शिवा से कसके लिपट गई ,लेकिन शीवा का मन नही भरा था अभी तक ,उसने माही को अपने ऊपर से नीचे उतारकर घोडी बनाकर उसे चोदना शुरू कर दिया ,पहले माही शिवा के लन्ड पर बैठी घुड़सवारी कर रही थी ,लेकिन अब शिवा उसे घोडी बनाकर उसपे चढ़ कर, उसे अपने लन्ड से कस कसके चोदते हुवे उसकी गांण्ड के छेद को भी कुरेदने में लगा था ,माही शिवा की भीषण चुदाई से फिर से झड़ने पर मजबूर हो गयी थी ,शिवा ने अब उसकी 40 की गोल गांण्ड को भी अपने लन्ड का मजा देने का सोच लिया था ,शिवा ने माही के चुत से लन्ड निकाल लिया जो माही के चुत के पानी से पूरा भीगा हुवा था ,माही कुछ समझ पाती इसके पहले ही शिवा ने माही के गांण्ड में दो धक्कों में अपना लन्ड जड़ तक उतार दिया ,माही की दर्द की वजह से आंखे ही सफेद हो गयी ,उसके मुह से एक भयानक चीख निकल गई ,जो सुनकर फ़ातिमा की आंखे झट से खुल गई ,फ़ातिमा ने देखा कि शिवा ने माही के गांड़ में अपना लन्ड जड़ तक उतार दिया है और किसी जानवर की तरह उसके गांण्ड को चोद रहा है ,माही जोर जोर से चीख रही ,अपने आप को शिवा से छुड़ाने की नाकाम कोशिश कर रही थी ,पर शिवा ने उसी बुरी तरह जकड़ कर उसके गांण्ड को फाड़ना बन्द नही किया था ,फ़ातिमा आंखे फाड़े वो चुदाई देख रही थी ,माही की चीखें कम होती पहले कराह में और बाद में मादक सिसकियों में बदल गई ,शिवा के लन्ड ने उसके गांण्ड को मजे देने शुरू कर दिये थे ,माही अपनी गांण्ड जोरसे पीछे पटक रही थी ,फ़ातिमा यह देख कर गरम हो रही थी ,उसकी भी चुत का दाना अब फड़कने लगा था ,फ़ातिमा भी उठकर माही के बाजू में घोडी बनकर अपनी बड़ी स 40 की गांण्ड शिवा को दिखाने लगी ,शिवाने फ़ातिमा के गांण्ड में अपने एक हाथ की उंगली घुसाकर उसे भी मजे देने शुरू कर दिए ,माही शिवा से अपनी गांण्ड मरवाती ना जाने कितनी बार अपने चुत से अपना पानी छोड़ चुकी थी,शिवा को भी लगने लगा कि उंसक लन्ड अब अपना पानी निकालने वाला है ,शिवाने माही के गांण्ड में अपना लन्ड गहराई तक दबाकर अपने लन्ड की गर्म गाढ़ी मलाई को छोड़ना शुरू कर दिया ,माही को भी अपने गांण्ड मे इस गर्म मलाई की धार ने सुकून पहुचा दिया ,माही के गांण्ड को अपने लन्ड के माल से लबालब भर कर शिवा ने माही के गांण्ड से अपना लन्ड खीच कर निकाल लिया ,शिवाने एक पल की देरी ना करते हुवे अपना लन्ड फ़ातिमा की चुत में उतार दिया ,फ़ातिमा इस हमले से नीचे गिरने को हो गयी जो घोडी बनकर कबसे शिवा से अपनी गांण्ड में उंगली का मजा ले रही थी ,शिवा ने उसे गिरने नही दिया ,उसकी गांण्ड को मजबूती से पकड़ कर वो उसे चोदने में लगा रहा ,फ़ातिमा थोडी देर दर्द झेलने के बाद मजेसे अपनी चुत कुटवाने लगीं रही ,शिवा के हर धक्के से उसके मुह से उसकी अम्मी का नाम निकल रहा था ,शिवा को फ़ातिमा की मादक आवाज से बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था ,फ़ातिमा की चुत के छेद को वो अपने लन्ड के हिसाब का बनाने में लग गया था ,फ़ातिमा हर 10 मिनीट में झड जाती और झड़ने के बाद फिरसे एक पल में गर्म होकर वापस उस मूसल से चुदने लगती ,शिवा भी सिर्फ फ़ातिमा के झड़ते वक्क्त ही रुक कर ,उसकी चुत में अंदर तक अपना लन्ड घुस्साकर, उसके पानी को अपने लन्ड को पिलाया करता ,और फिर फ़ातिमा को चोदने में जुट जाता ,फ़ातिमा की चुत को चोदने के ससथ ही उसके लाल गांण्ड के छेद में तो शिवा अब दो उंगलिया घुस्साकर उसे भी बड़ा करने में लगा हुवा था ,फ़ातिमा के चुद को अच्छे से चोदने के बाद शिवा ने उसकी चुत से लन्ड निकाल लिया ,फ़ातिमा जो कबसे चुद कर घोडी बनकर चुद कर थक गई थी ,वो शिवा के उसकी कमर को छोड़ने के बाद पेट के बल गिर गई थी ,शिवा ने फ़ातिमा के नरम गांण्ड को दोनो हाथो से पकड़ कर अच्छी तरह फैला दिया ,फ़ातिमा के लाल छोटे से गांण्ड के छेद पर शिवाने अपना सुपड़ा रख कर एक जोर का झटका लगा दिया ,फ़ातिमा के गांण्ड के छेद से कितना बड़ा वो लन्ड का सुपाडे ने उसकी गांण्ड को बुरी तरह फाड़ कर अपनी जगह बनाता अंदर घुस गया था ,फ़ातिमा की तो चीख माही से ज्यादा बडी थी ,उसकी चीख खत्म होने से पहले ही शिवा ने दूसरा धक्का लगाकर पूरा लन्ड उसके गांण्ड में उतार दिया ,शिवाक़े संतरे जैसे मोटे आंड फ़ातिमा के चुत से टकरा गए थे ,फ़ातिमा तो चिखती हुवे अपनी अम्मी को याद कर रही थी,पर शिवा कहा रुकने का नाम ले रहा था ,वो उस कसी हुवीं नरम गांण्ड के छेद का मजा लेता अपना लन्ड सरपट दौडाने में लगा हुवा था ,उसकी गांण्ड में लंम्बे लम्बे धक्के मारता ,उसकी चुचिया पर अपने बड़े हाथोसे उन्हे पकड़ कर उनको भी बुरी तरह से मसल रहा था ,शिवाक़े इस तरह की रगड़ाई से फ़ातिमा का दर्द बहुत जल्दी कम होकर अपने गांण्ड मे लन्ड लेने का सुख लेने लगी ,फ़ातिमा को चुत से ज्यादा अब गांण्ड में लन्ड लेकर मजा आने लगा था ,वो लगातार अपने मुहसे मादक स्वर में ,ओह अम्मी ,हाय अम्मी ,मर गई अम्मी ,जैसी आवाजे निकाल रही थी ,शिवा मन मे रुक जाओ फ़ातिमा जल्द ही तुम्हारी माँ की भी गांण्ड मरवाने की ख्वाहिश पूरी करने वाला हु ,तुम उनका नाम लेकर अपनी गांण्ड मरवाकर मजे ले रही हो ,में भी देखना चाहता हु वो जब गांण्ड मरवायेगी मुझसे ,तो किसका नाम लेती है ,बड़ा शौक है तुम्हारी अम्मी को अपनी गांण्ड में बड़ा सा लन्ड लेने की ,जल्द ही में उनके गांण्ड के गहराई को देखने वाला हु ,कैसे वो मेरे लन्ड को लेती है अपनी गांण्ड में ,शिवा अपनी धुन में कबसे फ़ातिमा के गांण्ड को फाडने में लगा था ,फ़ातिमा की चुत ना जाने कितनी बार अपना पानी छोड़ चुकी थी ,उसको तो बस अब शिवा के झड़ने का इंतजार था जो शिवा ने उसकी गांण्ड को अपने माल से भरकर जल्द ही पूरा कर दिया ,फ़ातिमा भी शिवा का पानी अपनी गांण्ड में भरकर सुकून से पसर गई थी ,शिवाने फ़ातिमा और माही को 60 दिन तक समयमनी चोदा था ,दोनो के चुत और गांण्ड को उसने ना जाने कितनी बार अपने माल से भर दिया था ,दोनो ने उसके लन्ड को चूस चूस कर उसके गर्म गाढ़ी मलाई को पिने का मजा बहुत बार लिया था ,दोनो की चुचिया और गांण्ड 2 इंच से बढ़ गयी थी,पहले दोनो की फीगर 38 28 40 से बढ़कर 40 28 42 हो गई थी ,पहले से जबरदस्त दिखने वाली यह दो हसीन बलाये अब और ज्यादा दिलकश हो गई थी ,उनकी चुत और गांण्ड के छेद शिवाने इस तरह बड़े कर दिए थे कि उनकी चाल ही बदल गई थी ,चलते वक्क्त उन दोनों की गांण्ड ऐसे हिलती मानो सामने वाले कि जान चली जाए ,एकदम गोल गांण्ड की थिरकन से शिवा भी उनका दीवाना हो गया था ,दोनो का अग्नि तत्व जागृत होने से और शिवा के वीर्य को पीने से और चुत और गांण्ड ने अछि तरह अपने अंदर सोख लेने से उन दोनों अब गजब का निखार आ गया था ,उनका रंग पहले से ही गोरा और गुलाबी था जो और दमकने लगा था ,शिवाने समयमनी में 60 दिनों तक दोनो की प्यास अच्छी तरह बुझा दी थी ,उसने अब उनसे कुछ बात करने की सोची ताकि उनको अग्निशक्ति के बारे में बता सके ,
शिवाने दोनो से कहा ,क्या तुम दोनो को याद है जब मैने पहली बार तुम्हारे साथ जब संभोग किया था उस वक्त क्या हुवा था ,
दोनो हसकर बोली ,हम दोनो को सब कुछ पता है ,हमे अपने अग्नि तत्व के जागृत होते ही हमारे बारे में सब पता चल चुका है ,हमे अपनी अग्निशक्ति का प्रयोग कैसे करना है और कैसे उसे काबू करना है,यह भी पता चल चुका है अपने आप ,आप भी अब इस अग्नि शक्ति के मालिक हो गए है ,हम दोनो की तरह आपके भी अंदर अग्नि तत्व आ चुका है ,
शिवा ,लेकिन एक बात समझ नही आयी तुम दोनो के अंदर अग्नि शक्ति कैसे आ गई ,कोई एक ही इस तत्व को धारण करने वाली होना चाहिये ना ,क्या तुम दोनो को इस बात का आश्चर्य नही हुवा ,तुम दोनो दिखने में एक जैसी हो ,लेकिन अलग परिवार में पैदा हुवीं हो ,क्या तुम दोनो को कुछ अलग नही लग रहा इसमे ,
माही ,आप को एक बात पता है हम दोनो के परिवार के आपस मे बहुत अच्छे रिश्ते है ,सबको हमेशा यह बात खटकती है ,हमने भी बहुत बार अपने माता पिता से यह पूछना चाहा ,पर वो यही कहते कि कोई कुदरत का करिश्मा होगा ,हम दोनो को बहुत से लोग जुड़वा बहने भी समज लेते है ,फ़ातिमा और में भी एक दूसरे को दोस्त नही बल्कि सगी बहनों सा प्यार करते है ,
फ़ातिमा ,हा शिवा यह सच कही रही है ,हम दोनो के माता पिता भी हम दोनो में कभी फर्क नही करते ,वो हम दोनो को बेटीयो जैसा ही प्यार करते है ,मेरी अम्मी की जान मुझसे ज्यादा माही में बसती है ,और इसकी मा मुझे माही से भी ज्यादा प्यार करती है ,बड़े पापा यानी माही के पिताजी तो हम दोनो से अबसे ज्यादा प्यार करते है ,हम दोनो की हर जरूरत वो बिना मांगे ही पूरी कर देते है ,उनके लिये हम दोनो अलग नही एक ही है ,
शिवा मन मे यह क्या राज इसका पता में लगा लूंगा अब फिर उसने उन दोनों को पूछा ,तुम दोनो को पता है तुम्हारी तरह और पाँच लडकिया है जिनमे पाँच तत्वों की शक्तियां है ,क्या तुम उनके बारे में कुछ जानती हो ,
माही ,नही हम उनके बारे में नही जानते ,बस इतना ही पता है कि आप की हमारी तरह उन पाँच लड़कियों से शादी होगी ,उसके बाद ही उनके अंदर उनके तत्व की शक्ति भी आएगी और आप भी उस तत्व को धारण कर सकोगे ,
शिवा ,अगर में यह बात बोलू की तुम उन सबको जानती हो तो ,
माही और फ़ातिमा हैरानी से ,क्या ,तुम उनको जानते हो वो लडकिया कौन है ,और हम भी उनको जानते है ,कौन है वो लडकिया ,शिवाने जब उन पाँचो के नाम उनको बता दिए तो दोनो बहुत ज्यादा खुश हो गयी कि उनके ही बहनो में पाँच तत्व मौजूद है ,इसका मतलब वो सब हमेशा साथ मे ही रहने वाली है ,
माही हसकर ,अब समझी तुमने क्यो हमसे चुपचाप शादी करने की बात कही थी ,पूजा और मोना को क्यो छोड़ दिया ,उनसे भी शादी करके हम सभी बहनो के पतीं बन जाते तो और ज्यादा मजा आता ,अगर नेत्रा की शादी नही होती काल से तो तुम उसके साथ भी शादी कर लेते , हां हा हा ,
शिवा हसकर ,वो दोनो पहले से मुझसे प्यार करती है और मुझसे शादी करने वाली है ,रही नेत्रा की बात तो पहले ही वो मुझसे शादी कर चुकी है ,वो भी तुम सभी बहनो के बारे में जानती है ,इतना कहकर शिवा ने अपना रूप बदलकर काल के रूप में आ गया ,दोनो की आंखे यह सुनकर आश्चर्य से बड़ी और मुह खुला रह गया ,दोनो काल के ऊपर झपट कर उसे प्यार से मारते हुवे हसने लगी ,
माही एक शरारत से ,तुम तो सच मे हमारे सभी बहनो के पतीं निकले ,बस हमारी सबकी मा से शादी मत करना ,नही तो हमारे पापा लोग क्या करेंगे बिचारे ही ही ही ,
शिवा उसकी बात सुनकर एकदम सकपका गया वो मन मे अब तुम्हे क्या बोलू माही तुम्हारे घर की चारो औरते मुझसे चुद चुकी है ,नुसरत को तो तुम दोनो का राज जानने के लिये चोदना होगा ,और मनीषा और हेमा का नंबर भी लग ही जायेगा जल्द ,कही तुम सब लडकिया और तुम सबकी मा एक साथ मेरे बच्चें ना पैदा कर दो ,पता नही तुम सबको कैसे यह बात बोलू ,
शिवा को ऐसे शरमाते देख कर ,फ़ातिमा उसके गले लग कर प्यार से चूम कर बोली ,यह माही भी पागल है थोड़ी सी ,आप इसकी बात का ध्यान मत देना ,यह ऐसी ही उल्टी सीधी बाते करती है हमेशा ,
माही तुनक कर ,हा अब तो ऐसा ही बोलेगी ना कमीनी ,दोनो तरफ शिवा के मूसल को लेकर तू तो अब मेरी प्यारी बहन थोड़ी रहेगी ,तुझे तो तेरा प्यारा खिलौना मिल गया ना ,अब तुझे क्या जरूरत होगी भला ,
फ़ातिमा हस कर ,अरे बाबा तू तो बस हम दोनो का मुह ही देखती रही ना ,खुद कितनी बार चुद गई हो ,तुम इनके लन्ड को अपने मुह से निकालने का नाम भी लेती हो ,और मुझे बोलती है मेरा प्यारा खिलौना है ,तेरा बस चले तो 24 घण्टे इसके साथ खेलती रहेगी ,हा अगर तेरा मन भर गया तो बोल दे ,आगे से यह तुझे नही चोदेंगे ,
माही शिवा से लिपटाकर फ़ातिमा को भी अपनी बाहो में भरके उसके गाल चूमकर बोली,नही मेरी बहन कम सौतन ,ना कभी मन भरेगा और ना कभी इससे में दूर रहुंगी ,हम दोनो मिलकर मजे करने वाले है जिंदगीभर हमारे शिवा के साथ ,दोनो की इस प्यारी नोकझोक का कुछ देर मजा लेकर वो उनको समयमनी से बाहर ले आया ,उन दोनों ने नेत्रा से मिलने की बात कही तो ,शिवाने नेत्रा को अपने मानसिक सन्देश से यहा बुला लिया ,नेत्रा भी अपना एक प्रतिरूप घर पर छोड़कर वहां आ गयी ,तीनो गले एक दूसरे के गले लग कर ख़ुशी में झूम उठी ,तीनो शिवा को भूल कर जो बातो में लग गईं की पूछो मत ,अभी दोपहर के 3 बज गये थे ,शिवा ने उनको वही बाते करने छोड़ दिया और उनको बताकर वहां से निकल गया ,पहले असुरलोक,अश्वलोक फिर सिहलोक जाकर वो शाम के 6 बजे वापिस धरतींपर आ गया फिर 1 घण्टे के लिये भवानी गढ़ के जंगलों में जाकर विशाखा ,सर्पिणी ,सिंहाली ,मिहाली ,लामी और कामी को जोड़ियों से 20 दिन तक समयमनी मे चोद कर खुश कर दिया ,उसके बाद सर्पलोक जाकर मंदा के साथ भी समय बिताकर 7 बजे वो वापीस धरती पर आ गया ,उसने ज्वाला और सुनीता को भी समयमनी में 10 दिन बारी बारी से चोद कर थका दिया,उसके बात उसने निता को समयमनी 30 दिन जम कर बजाकर उनकी चुत को हरी भरी कर दिया ,आज शिवा सीमा से मिलने वाला था जो दो दिन से उसकी राह देख रही थी ,अपने कमरे में लेटकर सीमा उस अनजान आदमी की राह देख रही थी जो उसकी चुत में आग लगा कर गायब था ,सीमा के पास जाकर शिवा ने कहा ,आप इतनी उदास क्यो है ,क्या आप किसी परेशानी में हो ,सीमा इस आवाज को सुनकर एकदम खुश हो गयी ,उसके चेहरे की नाराजगी एक पल में दूर हो गई ,उसने शिवा से कहा ,तुम कहा चले गए थे दो दिनों से ,मेंने कहा था न कि मुझसे मिलने आना ,फिर तुम क्यो नही आये ,
शिवा ,में कुछ काम की वजह से नही आ पाया ,में इसकी आप से माफी मांगता हूं, बोलिये आपने क्यो बुलाया था मुझे मिलने ,
सीमा जो पहले खुश थी उसे ऐसा लग रहा था मानो वो अनजान उसकी आग बुझाने ही आया है पर अब उसकी बात सुनकर उसका चेहरा परेशान हो गया ,किस मुह से अपना हाल कहे यह वो सोच रही थी ,उसे अपनी चुत की आग सहन भी नही हो रही थी और वो कुछ कह भी नही पा रही थी ,बेबसी की वजह से उसकी आँखों से पानी बहने लगा ,खुद को मन मे कोसती वो सोचने लगी मेरी बेटीयो को शादी होने को आयी है और में किसी के साथ चुदाई के लिए मरी जा रही हु,ना मुझे मेरे परिवार की पर्वा हो रही है ना में किसीके बारे में सोच रही हु, में किस तरह की हवसी औरत हो गई हूं ,क्या मुझे खुद को ही खत्म कर लेना चाहिये ,में कैसे किसी और से चुदने को तड़प रही हु ,मनोज से तो में बस बच्चे पाने के लिये ही हमबिस्तर हुवीं थी ,लेकिन यह कैसी आग बस एक बार चुदने से इसने लगा दी ,जो मनोज से 100 बार चुद कर भी नही लगी ,क्या करूँ में ,मेरी तो समझ मे नही आ रहा ,
शिवा उसके मन खयाल पढ़कर उसकी बेबसी को समझ गया ,उसने बिस्तर पर लेटकर सीमा को अपनी बाहो में भर लिया और उसे अपने सीने से लगा लिया ,सीमा भी किसी कटे वृक्ष की तरह उसके बाहो में सिमट गई ,उसके बैचेन दिल को उसकी बाहो में आकर एक सूकून लगने लगा ,शिवा ने उसके प्यारे से चेहरे को पकड़ कर उसके लाल गुलाबी होठो को अपने ओठो में लेकर बड़े प्यार से चूसना शुरू कर दिया ,सीमा को तो समझ नही आ रहा था वो क्या करे पर उसका जिस्म उसके बस में नही था ,वो तो इस न दिखने वाले अनजान के इशारों पर नाच रहा था ,उसका पूरा बदन उससे बगावत कर रहा था उसके होठ उस अंजान की मुह का स्वाद लेकर उसे अपना रस पिला रहे थे ,उसकी चुचिया कड़क हो कर उसके सीने पर रगड़ रही थी और उसकी चुत तो कपड़े के ऊपर से ही उसके मोटे लंड लन्ड को अपने अंदर लेने के लिये मरी जा रही थी,शिवा ने जब उसकी बड़ी सी गांण्ड को अपने पंजो साड़ी के ऊपर से पकड़ कर दबाने लगा तो सीमा की चुत बहुत ही ज्यादा पानी छोड़ने लगी ,शिवाने कस कस कर इस मतवाली गांण्ड को दबाकर उसके चुत को अपने खूंटे पर रगड़ने लगा ,सीमा की शराबी आंखों को देखता उसके ओठो की मिठास का स्वाद लेकर उसकी नाजुक सी जीभ को अपने मुह में लेकर उसकी लार को पी रहा था ,सीमा जल्द ही अपने मुह से एक हुंकार भर कर भलभला कर झड गई ,उसकी चूत ने इतना पानी छोड़ा था कि उसकी पैंटी, परकर को गीला करता वो पानी उसकी जांघो से नीचे टपक रहा था,अपनी सांसो को दूरस्त करती सीमा को शिवा ने अपने सीने से उतार कर पीठ के बल सुला दिया ,सीमा के ब्लाउज़ के हुक और ब्रेसियर को वह पहले ही खोल चुका था ,सीमा को सुलाकर उसने एक पल में उसे उसे ऊपर से नंगा कर दिया ,गोरी गुलाब वो गोल सी चुचिया एकदम जवान लड़की की तरह कड़क और तनी हुवीं थी ,उसके ऊपर मटर के बड़े दानों से बड़े उसके गुलाबी निप्पल तन कर खड़े होकर शिवा को सलामी दे रहे थे ,शिवा ने उसके एक निप्पल को अपने मुह में लेकर चुसने लगा और दूसरी चूची को पकड़ कर मसलने लगा ,अपनी आंखें बंद करके लेटी सीमा अपनी चुचियो पर होते इस स्पर्श से झट से अपनी आंखें खोल कर देखने लगी ,शिवा निप्पल को जब काटता तो सीमा के मुह से ऐसी आवाज निकलती जो शिवा के लन्ड को फड़फड़ा देती ,पहले भी शिवा इस सुंदरी को भोग चुका था पर उस वक्त वो एक नशे में उसके साथ चुदी थी ,पर आज होश में उसके साथ शिवा को उसके बदन से खेलने में बहुत ज्यादा मजा आ रहा था ,उसकी मुह से निकालती कामुक सिसकिया ,आंखों में दिखता नशा शिवा को खुश कर रहा था ,उसे यह बात पता चल चुकी थी यह औरत बिस्तर पर अपने असली रंग में आकर बहुत ज्यादा मजा देती होगी ,बस इसके अंदर के आग को सही तरह भड़काने वाला और फिर उस आग को अच्छी तरह बुझाने वाला मर्द इसके साथ हो ,सीमा की चुचिया को चूसकर और दबाकर शिवा ने उन्हें पूरा लाल कर दिया था ,सीमा एक बार और अपने चुत का पानी छोड़ चुकी थी ,दो बार बिना चोद कर इस अनजान बस चूमकर और चुचिया दबाकर ही सीमा को झडा दिया था ,सीमा को मनोज भी चोद चुका था पर उसके साथ बस एक बच्चा पैदा करने की भावना से वो चुदती थी ,मनोज भी चोदते समय उसकी चुचिया चुसता ,ओठो को चूमता पर ना कभी उसने उसकी चुत को चूसा था ना कभी उसकी गांण्ड मारी थी ,वो दोनो बस बच्चा पैदा हो इस लिये ही झटपट चुदाई करते थे ,पर इस अनजान जो उसके होठो और चुचिया को प्यार दिया था वो एकदम बेजोड़ था ,सिमा को अब उसके अगले हरकत का बेसब्री से इंतजार था ,शिवाने भी सीमा की साड़ी को कमर से परकर के साथ निकाल दिया ,सीमा को चूमते वक्क्त ही वो उसको समयमनी में ले आया था ,सीमा सिर्फ एक काली पैंटी में बिस्तर पर लेटी थी ,उसकी बड़ी सी गांण्ड के दरार में उसकी पैंटी दिख भी नही रही थी ,कमाल को गोरी और मांसल गांण्ड थी सीमा की बिस्तर पर गांण्ड टिक कर लेटने से ही उसकी गांण्ड 2 इंच तक नीचे दब गईं थी ,शिवाने सोच लिया कि इसकी गांण्ड तो जरूर मारनी है ,इस गांण्ड के मजे नही लिये तो क्या फायदा ,सीमा की चुत का उभार पैंटी में भी दिख रहा था ,उसके बड़े होठो का आकार और उसका उभार दिखा रहा था कि इसके अंदर बहुत ही फूली हुवीं चुत है ,शिवा ने जब उसकी पैंटी को नीचे उतारना चाहा तो सीमा ने अपनी कमर उठाकर उसकी मदद की ,शिवा ने उस गीली पैंटी को निकाल कर उसको पहले उसे सूंघ कर उसकी महक ली और सीमा की चुत को देखने लगा ,सीमा की चुत 2 बच्चे पैदा करने के बाद भी अपनी खूबसूरती को बनाये हुवे थी ,उसकी चुत का छेद थोड़ा बड़ा तथा जो शिवा के लन्ड से हुवा था ,लेकिन उस वक्त ना ही सीमा शिवा का पूरा लन्ड ले पायी थी और अब शिवा का लन्ड पहले से काफी मोटा और बड़ा हो गया था ,सीमा का क्या हाल होगा यही शिवा सोच रहा था ,शिवा की सोच को सीमा की कामुक हरकत ने तोड़ा जब उसने अपने दोनो पैरों को फैलाकर उसकी चुत को खोल दिया,शिवा ने अपने सोच से बाहर आकर इस गीली चुत को अपने मुह में भर लिया और उसे अपने मुह में लेकर उसके पानी को चाटने लगा ,सीमा को लगा था कि अब वो सीधा ऊसकी चुत को चोदेगा, उसे सामने कुछ दिखाई तो नही दे रहा था ,एक अदृश्य इंसान से चुदाई करने का यह उसका पहला ही मौका था ,लेकिन जब उसकी चुत में उसके मुह का स्पर्श हुवा और उसकी जीभ उसके चुत में अंदर घुस कर उसे मजे के नए वादियों में ले गयी ,सीमा ने अपने दोनो हाथो से उसके सर पर रख कर उसके बालो को बड़े प्यार से सहलाने लगी ,सीमा शिवा के मुह में अपनी चुत अपने हाथों से दबाकर और नीचे से कमर उठाकर बड़ी तेजी से अंदर घुसा रही थी,शिवा भी उसकी चुत को मन लगा कर चूस रहा था ,उसकीं जीभ को उस गर्म चुत में गोल घुमाता शिवा अपनी कलाकारी दिखा रहा था ,जिसके वजह से सीमा के मुह से निकलती उसकी मीठी आवाज की सिसकिया शिवा को अलग ही जोश दिला रही थी ,शिवा सीमा की नरम गांण्ड को बहुत देर से मसल कर लाल कर रहा था ,सीमा की मतवाली गांण्ड को मसलकर वो उसके छोटे से छेद पर जब अपनी उंगली घुमाता तो सीमा का मस्ती का एक झटका लगता ,उसकी कोरी गांण्ड में जब शिवा ने अपनी एक उंगली को घुसा दिया तो सीमा के मुह से एक मीठी चीख निकल गई और वो अपने चुत के बांध को तोड़ कर झड गयी ,शिवा ने उसके चुत का सारा पानी पीकर उसे पहले साफ कर दिया और सीमा की टांगों को थोड़ा ऊपर करके उसके गांण्ड के छेद को देखने लगा ,उसकी बड़ी सी गांण्ड में छिपा वो प्यारा सा लाल छेद भी बहुत मस्त लग रहा ,शिवा को समझ आ गया कि इसकी गांण्ड अभी तक कोरी है ,शिवा ने उसके गांण्ड के छेद को पहले धीरे से चूमा और बादमे उसपर चुम्बनों की बरसात करते हुवे उसमे अपनी जीभ को नोकदार बनाकर अंदर तक घुसाने लगा ,सीमा को ऐसी उम्मीद ही नही थी कि गांण्ड में भी कोई इस तरह मजा दे सकता है ,उसकी सास अटकने लगी थी शिवा की इस हरकत ने ,शिवा उसकी जीभ को अंदर तक डालकर उसकी गांण्ड को इतने मजा देने लगा कि सीमा की चुत गर्म होकर फिर से पानी का बौछार करने पे मजबूर हो गई ,शिवाने उसके झड़ते ही उसकी चुत का सारा पानी जाया न होने दिया उसे भी वो गटक गया ,सीमा का बदन बहुत ही ज्यादा हल्का हो गया था ,उसकीं चुत ने बिना चुदे ही 4 बार पानी छोड़ दिया था ,यह चमत्कार करने वाला उसको चुदाई के ऐसी नई दुनिया दिखा रहा था जिसका पता सीमा को अभी तक नही था ,सीमा की टांगो को नीच रखकर पहले शिवा ने जादु से तेल को अपने हाथ मे लेकर पहले अपने पूरे लन्ड को एकदम चिकना कर दिया ,फिर सीमा की चुत में अपनी उंगली से उसे भी एकदम तेल से लबालब कर दिया ,सीमा को समझ आ गया कि अब उसकी असली चुदाई शुरू होने वाली है,शिवा ने उसकी चुत पर अपना गर्म सुपडा टिका दिया और उसकी गांण्ड को दोनो हाथो से मजबूती से पकड़ लिया ,सीमा के कानों के पास आकर शिवा ने कहा ,आप को बहुत ज्यादा दर्द होगा ,पर थोड़ी देर में कम हो जाएगा ,में अपना पुरा लन्ड तो अंदर नही डालूंगा ,बस जितना आप सह सके उतना ही अंदर डालूंगा ,सीमा उसके होठो को चूमकर उसके गले मे अपनी बाहें डालकर बड़े प्यार से बोली ,मुझे आप नही बस सीमा ही बुलाया करना आज से आप ,आपको मेरी कसम है आपका पूरा लन्ड में अपने अंदर लेना चाहती हु,मुझे कितना भी दर्द हो जब तक आप मेरे अन्दर पूरा नही समा जाते आप रुकना नही ,आपने मुझे आज बहुत ज्यादा सुख दिया है ,उसके सामने मेरा दर्द कुछ मायने नही है ,सीमा को अपनी चुत पर इस भीषण लन्ड का अहसास अच्छे से समझ आ गया था ,वो पहले भी दो लन्ड से चुद चुकी थी ,पर इस लन्ड के गर्म और मोटे सुपाडे से वो समझ गई थी कि यह कोई मामूली नही बल्कि असामान्य रूप का है ,पर शिवा ने उसे जो सुख दिया था,उसका कोई तोड़ नही था , उसकी चुत ही नही बल्कि उसके गांण्ड को भी चूस कर शिवा के लिये वो अब किसी भी दर्द को सहने को तैयार थी ,शिवाने उसके ओठो को अपने मुह में लेके एक भीषण प्रहार उसकी चुत पर कर दिया ,शिवा का वार इतना तगडा था की उसका लन्ड आधे से ज्यादा उसकी चुत में घुस कर उसके चुत के चिथड़े उड़ा चुका था ,सीमा के ओठो को शिवाने अपने मुह में लेकर भी उसकी एक चीख निकल ही गई ,उसके चुत से खून और आंखों से पानी की धार निकल रही थी ,2 बच्चे पैदा करते वक्क्त भी उसे इतना दर्द नहीं हुवा था जितना उसे आज हो रहा था ,शिवा को उसने इतने दर्द में भी एक बार भी लन्ड निकालने को नही कहा शिवा उसकी चुचिया दबाकर उसे प्यार से बहुत देर तक उतने ही लन्ड को अंदर फसाकर शांत उसके दर्द को कम करने में लगा था ,सीमा ने अपने एक हाथ को नीचे लेकर अपनी चुत पर रखकर शिवा के लन्ड का अंदाजा लिया ,शिवा को लन्ड जड़ तक नही घुसा था ,उसने उसे बचे हुवे लन्ड पर हाथ रखकर अपनी रोती आवाज में कहा ,मेंनें आपसे कहा ने पूरा अंदर डालने के लिए ,आपका लन्ड तो पूरा अंदर घुसा ही नही है ,मेरी कसम की भी आपको पर्वा नही है,
शिवाने उसके होठो को चूमकर कहा ,सीमा मेंनें पहले भी तुम्हे चोदा है ,तुम इससे ज्यादा अंदर नही ले पाओगी ,तुम्हारे चुत की हद यही तक है ,मेरा पूरा लन्ड तुम नही ले सकती ,
सीमा शिवा की बात सुनकर थोडी गुस्से में आ गई ,आप को मेरी हद ही देखनी है ना तो एक बार और कोशिश कीजिये में आपको आज दिखा दुंगी की औरत जब अपने आप पर आती है तो वो क्या नही कर सकती ,में भी देखती हूं आज कैसे में आपका लन्ड नही ले सकती ,सीमा ने अपनी दोनो टाँगे उठाकर शिवा कमर पर कस ली और अपनी पूरी ताकद लगाकर नीचे से अपनी चुत का एक धक्का शिवाक़े लन्ड पर लगा दिया ,शिवा का लन्ड इस धक्के के साथ ही सीमा की चुत की सब दिवारे तोड़ कर जड़ तक जा बैठा ,सीमा की आँखों से पानी की धार निकल रही थी ,अपनी चीख को दबाने के लिये उसने ओठ दांत से इतने जोर से पकड़ लिये थे कि उसके होठो से खून बहने लगा था ,यही हाल उसके चुत का भी हो चुका था उसकी चुत ने तो खून की धार लगा दी थी ,शिवा के लन्ड को एक बार अपने हाथ से टटोलते देख कर सीमा को विस्वास हो गया कि वो लन्ड को पूरा निगल चुकी है तो ,उसके चेहरे से इतने दर्द में भी एक प्यारी मुस्कान आ गयी ,शिवाक़े तरफ देखकर वो बोली ,लो आपका काम मैने ही आसान कर दिया ,देखिये ले लिया ना आपका पूरा लन्ड मेंनें अपनी में ,आप ख्वामख्वाह डर रहे थे ,में बिलकुल ठीक हु ,
शिवाने उसके ओठो के खुन को अपने जीभ से चाटकर पहले उसे साफ किया और बोला ,हा सीमा में गलत था ,तुम ले सकती पर में तुम्हे और दर्द नही देना चाहता था ,शिवाने उसके आसु भी अपने होठो से पीकर साफ किये ,और बहुत देर तक सीमा की नशीली आखो में देखकर उसके होठो को चुसने लगा,सीमा भी उसके प्यार को महसुस करके उसका पूरा साथ देने लगी ,सीमा ने अपना दर्द कम होते ही नीचे से अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया,शिवाने भी धीरे से अपनी कमर हिलाकर उसे चोदना शुरू कर दिया ,शिवाने जबतक सीमा झड नहीं जातीं तब तक उसे बड़े प्यार से चोदता रहा ,सीमा ने उसका लन्ड पूरा लेना ही बहुत बड़ी बात थी ,उसकी चुत इतनी कसी हुवीं थी कि शिवा का लन्ड भी उसमे आसानी से अंदर बाहर बड़ी मुश्किल से हो रहा था ,सीमा के झड़ने के बाद शिवा कुछ देर तक रुका रहा फिर कुछ देर बाद उसने सीमा को प्यार से चोदना शुरू कर दिया ,सीमा की चुत अब गीली हो जाने से शिवा का थोड़ा आसानी से अंदर बाहर हो रहा था ,शिवाने थोडी अपनी गति बढाकर सीमा को चोदना शुरू कर दिया ,सीमा का भी दर्द अब ना के बराबर था ,वो भी अब चुदाई का आनंद लेती मजे से सिसकिया भरने लगी शिवाने अपनी गति कम रखते ही सीमा को चोदता रहा और उसके चुत को अपने लन्ड के हिसाब से बड़ा करता रहा ,सीमा दूसरी बार भी झड कर शिवा का मुह बड़े प्यार से चूम कर बोली ,आपने जब मेरी आपके साथ हुवीं चुदाई का वीडियो दिखाया था में वैसेही आप से चुदना चाहती हु ,शिवा भी उसकी बात मानकर अब और तेजी से सीमा की चुत की धज्जियाँ उड़ाने लगा ,सीमा को बड़ा मजा आने लगा था अब शिवाय को और ज्यादा उकसाती वो भी शिवा के लन्ड पर अपनी चुत नीचे से मार कर उसका भरपूर साथ दे रही थी ,शिवा को भी अब कुछ मजा आने लगा था वो कभी सीमा की चुचिया चुसता तो कभी उसके होठो को को चूम कर उसका रस पिता ,सीमा के तीसरे बार झड़ंने के बाद उसने सीमा को घोडी बनाकर चोदना शुरू कर दिया ,सीमा को घोडी बनकर चुदने में दर्द के साथ ज्यादा मजा भी मिलने लगा ,उसके गर्भाशय के अंदर घुसके शिवा का लन्ड ठोकर मारने में लगा था ,शिवा का दिल सीमा की गांण्ड पर आ गया था वो उसे कुरेदकर उसमें अपनी उंगली घुसाकर उसके कसाव और गर्मी का मजा ले रहा थे ,उसका मन तो बहुत था कि उसकी गांण्ड को भी मारे पर सीमा के चुत में लन्ड लेकर ही पहले से इतने दर्द में थी कि शिवा को उसे अब और ज्यादा दर्द देने की इच्छा नही थी ,शिवा उसके छेद में अपनी उंगली डालकर ही खुश था अब ,सीमा को घोडी बनाकर शिवा ने और 3 बार झडा दिया था ,सीमा में अब बिल्कुल जान नही बची थी ,पर वो शिवा के धक्के सहती वैसेही खड़ी थी ,शिवाने सीमा की चुत को अब इतना तेजीसे चोदना शुरू कर दिया कि सीमा की सांस भी बड़ी मुश्किल से ले पा रही थी ,शिवा का हर धक्का पहले से तेज पड़ता था ,शिवाने सीमा की कमर को जोरसे पकड़ कर उसके चुत में अंदर तक लन्ड को डालकर हुवे उसकी चुत में अपना गरमा गरम वीर्य की गाढ़ी मलाई की पिचकारी छोड़ने लगा ,सीमा की चुत ऐसे गर्म माल के अपने अंदर गिरने से सनसना रही थी ,शिवा का वीर्य बहुत ही ज्यादा गर्म और अधिक मात्रा में सीमा की चुत को भरकर उसके चुत से नीचे टपक रहा था ,शिवा ने सीमा के चुत से लन्ड की आखरी बून्द भरने के बाद निकाला और सीमा को बिस्तर पर पीठ के बल लिटा दिया ,सीमा भी अपनी आंखें बंद करके एक सुकून की नींद में चली गयी ,शिवा के वीर्य ने उसकी चुत की इतने दिनों की जलन को एकदम खत्म कर दिया था ,उस वीर्य की गर्मी से उसकी चुत को एक ठंडक ही पहुचा दी थी ,उसकी चुत उसे अपने अंदर हजम कर रही थी और सीमा को सपनो की दुनिया मे पहुँचा चुकी थी ,शिवा भी सीमा के बाजू में लेटकर उसे अपनी बाहो में भर कर पसर गया था ,सीमा के गाल को प्यार से चूमकर उसके बालो को सहलाकर उसे सहलाते हुवे किसी बच्चें की तरह और नींद की वादियां में गहराई तक ले जा रहा था ,शिवाने भी अपनी आंखें बंद करके कुछ देर के लिये सीमा के मीठे से आगोश में ही सो गया ,शिवा की नींद उसके लन्ड पर किसके स्पर्श करने पर हुवीं ,शिवाने कब अपनी आंखें खोल कर देखा तो सीमा उसके अदृष्य शरीर को टटोलती हुवीं उसके लन्ड को दोनो हाथसे पकड़ कर देख रही थी ,सीमा नींद से उठी तो उसने आपने आप को उस अदृष्य इंसान की बाहो में पाया ,दो तीन बार आवाज देकर जब वो नही उठा तो सीमा समझ गई यह भी सो रहा है ,उसकी बाहो से निकल कर सीमा ने उसके लन्ड को देखना चाहा ,जिस कदर उसने सीमा की चुत और गांण्ड को चुसके मजा दिया था ,उसी तरह वो भी उसके लन्ड को चूसना चाहती थी ,उसने आज तक किसी के लन्ड को नही चूसा था पर वो इस अनजान के लन्ड को आज दिल खोल कर प्यार करना चाहती थी ,जिस लन्ड ने आज उसे स्वर्ग दिखाया था उसको आज वो शुक्रिया अदा करना चाहती थी ,लेकिन जब उसने उस विकराल लन्ड को अपने हाथों में पकड़ कर देखा तो उसे पता चला कि उसकी चुत ने आज किस लन्ड को निगला था ,उसके दोनो हाथ मे वो लन्ड आ रहा था ,उसकी लम्बाई उसके हाथ जितनी थी और मोटाई भी बहुत ज्यादा ,किसी आदमी का नही घोड़े के लन्ड को पकड़ा है उसे ऐसा लग रहा था ,वो कुछ देर उस लन्ड को टटोलती रही ,फिर सीमा ने उस लन्ड को सूंघ कर देखा तो उसे एक अजीब सा नशा आने लगा ,उस लन्ड से एक बहुत ही तेज महक आ रही थी ,जितना वो उस लन्ड को सूँघती उतना उसे मजा आ रहा था ,उसी नशे में उसने अपनी जीभ निकाल कर उसे एक बार चाट लिया ,उसे उस लन्ड का नमकीन स्वाद बहुत ज्यादा पसन्द आ गया ,वो अब उसके जीभ से लगातार उसके लन्ड को चाटने लगी और उसपर लगे शिवा के सूखे हुवे माल को चाटने लगी ,सीमा ने उस लंड को पकड़ कर अपने मुह में जितना हो सके उतना अंदर लेकर चुसने लगी ,उसे इस लन्ड को चुसने में बहुत ज्यादा मजा आने लगा था ,शीवा के बड़े से अंडों को दबाकर शिवा के लन्ड से माल निकालने की बहुत देर तक कोशिश करती रही पर शिवा के लन्ड से वो माल नही निकाल सकी उल्टा उसकी चुत वापस गर्म होकर पानी छोड़ने लगी ,शिवा बिना बोले सीमा को जो वो चाहती है करने दे रहा था ,सीमा ने शिवा के लन्ड को चूसना छोड़कर उसके कमर के दोनो तरफ अपने पैर रख कर एक हाथ से उसके लन्ड को पकड़ कर अपनी चुत उसपर दबाने लगी ,शिवा के मोटे लन्ड को बड़ी मुश्किल से वो आधा अपने चुत में लेकर अपनी गांण्ड को ऊपर नीचे करने लगी ,शिवा की छाती पर हाथ रखकर वो अपनी चुत में लन्ड लेती बड़ी आराम से उछल रही थी ,पर वो पूरा नही निगल पा रही थी इस लन्ड को इसलिए उसने अपने ओठो को फिर से अपनी दांतो में कसके पकड़ कर तेजीसे नीचे आने लगी तो शिवाने झट से उसकी कमर को पकड़ कर रोक दिया,रुक जाओ सीमा पहले अपने ओठो को छोड़ दो ,और मेरे चेहरे की तरफ नीचे झुक जाओ, सीमा इस आवाज को सुनकर शिवा के चेहरे की तरफ झुक गई ,शिवाने सीमा के कमर को पकड़ कर उसे अपने ऊपर लेकर उसके होठो पहले अपने मुह में भरकर उसे चुसने लगा और नीचे से एक तेज धक्के में उसकी चुत में अपना लन्ड जड़ तक उतार दिया ,सीमा के मुह से निकलती हलकीं चीख शिवा के मुह में ही रह गई ,सीमा के चुत को नीचे से जोरदार धक्कों से शिवा चोदता रहा जब उसका लन्ड आराम से अंदर बाहर होना शुरू हो गया तो उसने सीमा को अपनी बाहो से छोड़ दिया ,सीमा भी इस इशारे को समज गयी और शिवा के लन्ड पर अब अकेली ही बैठकर उछलने लगी ,अपनी गांण्ड को पटक पटक कर शिवा के लन्ड को अपनी चुत से अंदर बाहर करने लगी ,अपनी दोनो चुचिया पर शिवा के हाथों को रखकर उससे अपनी चुचिया दबाकर मजे की किलकारियां निकाल कर और तेजी से उछलने लगी ,थोड़ी देर में ही एक चीख के साथ अपनी चुत को शिवा के लन्ड पर दबाती झड गई ,उसके झड़ंने के बाद शिवाने ने उसे अपनी गोद मे उठा लिया ,सीमा ने भी शिवा की कमर को अपने पैरों से जकड़ लिया और उसके गले मे अपनी बाहें कस ली ,शिवा की मन की बात वो समज गई थी ,शिवाने उसकी गांण्ड को अपने दोनो हाथो से पकड़ कर उसे अपने लन्ड पर तेजीसी ऊपर नीचे करने लगा और नीचे से उससे भी ज्यादा तेज धक्के मारँने लगा ,सीमा को बहुत देर तक खड़े होकर वो वैसे ही चोदता रहा और आखिर में उसकी चुत में अपना पानी भरके ही उसे पलँग पर सुला दिया ,सीमा पसीने से लथपथ हो गई थी ,उसके पूरे बदन को शिवाने निचोड़ दिया था ,पर उसे मजा भी उतना ही आया था ,अपनी साँसों को दुरस्त करने के बाद उसने शिवा से कहा ,एक वादा कर सकते हो आप मुझसे
शिवा ,हा बोलो क्या चाहती हो तुम मुझसे
सीमा ,तुम हमेशा मुझे ऐसे ही प्यार करते रहना पर कभी अपनी शक्कल मत दिखाना आज तुम मेरे रोम रोम में समा गए हो ,अगर मेंनें तुम्हारी शक्कल देख ली ना तो में कभी तुमसे दूर नही हो पाऊंगी ,यह बात करते वक्त उसकी आंखे नम हो गयी थी ,उसके दिल की उलझन को शिवा जानता था ,वो एक शादी शुदा औरत है ,ऊपर से दो जवान लड़कियों की माँ ,वो उसके प्यार में अब पूरी तरह पड़ गयी थी ,बस कह नही पा रही थी हकीकत क्या है ,शिवाने सीमा को चूमकर कहा ,जबतक तुम चहोगीं सीमा में तुम्हे ऐसे ही प्यार करता रहूंगा ,तुम जो भी बोलोगी में वैसा ही करूँगा ,में कभी तुम्हे अपनी शक्कल नही दिखाउंगा ,पर एक बात जरूर कहना चाहता हु ,तुम मेरे भी दिल मे अब हमेशा के लिये बस गयी हो ,और में तुमसे एक आशिक की तरह बेहिसाब प्यार कर करने लग गया हूं ,सीमा यही तो सब कहकर उसके मुह से अपने लिये उसके मन मे क्या है यह जानना चाहती थी ,वो शिवासे लिपट कर रोने लगी ,में भी तुमसे बहुत प्यार करने लगी हु ,तुम्हारे बिना रहना अब मेरे लिये बहुत मुश्किल होगा ,क्या हम हमेशा के लिये एक नही हो सकते ,क्या तुम मुझे नही अपना सकते ,में तुम्हारे लिये सबकुछ छोड़ने को तैयार हूं ,बस मुझे अपना लो ,में नही जी सकती अब तुम्हारे बिना ।
 
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Update 100

सीमा की चाहत शिवा पहले से जान चुका था ,उसने सीमा के आसु पोछकर उसे बड़े प्यार से कहा ,आज से तुम बस मेरी ही रहोगी ,ना कोई तुम पर पत्नी का हक जमाएगा ना कभी मेरे सिवा इस हुस्न परी को छू सकेगा ,तुम आज से खुद को मेरी पत्नी ही समझ सकती हो ,तुम्हारे किसी भी अपने को में नुकसान किये बीना ही यह सब कर दूंगा ,अगर गायब हो सकता हु ,तो तुम्हारी खुशी के लिये थोडी दूसरी ताकद का भी इस्तेमाल कर लूँगा ,अगर तुम्हारी हा होगी तभी में करूँगा,
सीमा ने बड़ी हसरत से पूछा ,क्या यह सच मे मुमकिन हो सकता है ,
शिवा, मुमकिन नही हो गया है ,आज के बाद मिलिद कभी तुम्हारे बदन को हाथ नही लगाएगा ,ना कभी तुमपर वो अपनी पत्नी होने का कोई हक जतायेगा ,बस कमरे के बाहर वो तुमसे एक पत्नी और अपनी बेटियों की माँ की तरह आदर से बात करेगा ,
सीमा को शिवा की बात पर यकीन करने का दिल हो रहा था ,पर इतनी जल्दी यह सब कैसे मुमकिन हो गया इस बात की उसको आंशका होने लगी ,जिसका जवाब उसके मन मे ही मिल गया जब उसे अपने अदृष्य दिलबर की बात याद आयी ,अगर में अदृष्य हो सकता हु, यह बात याद आते ही वो खुशी से उसके गले मे झूम गई ,और उसके होठो को चूम कर बोली,तुमको ऐसा कभी मत लगने देंना की में अपने हवस के चलते तुमसे यह सब करवा रही हु ,बेटीया शादी के लायक हो गयी और में तुमसे शादी करने की जिद कर बैठी ,मेंनें अपने पति से बहुत ज्यादा प्यार किया है अपने जीवन मे ,पर जितना में उससे प्यार करती थी वो उतना नही करते इस बात का आभास मुझे शादी के कुछ सालों में ही हो गया था ,जब में मा नही बन सकी 2 साल तक मिलिद मुझे शक की निगाह से देखने लगा था ,वो बोलता तो कुछ नही था पर इंसान की आंखे कभी झूठ नही बोलती ,उसकी कमी अगर उसके सामने आ जाती तो शायद ही यह सदमा बरदाश्त नही कर पाता ,उसकी जान बचाने के लिये मेने पहली बार अपनी मर्यादा तोड़ी थी ,मिलिद को बाप बनाकर मेंनें उसके जीवन को बचा लिया पर उसकी शक की नजर जो मुझे बांझ समंझने की थी ,वो में कभी नही भूल पायी ,उसके लिये मेरा प्यार उसी वक्त खत्म हो गया था ,जहा प्यार होता है वहा शक या वहम नही होता ,प्यार एक दूसरे की जरूरत को बिना बोले समझ जाना भी तो हो सकता है ,एक दुसरे की कमियां सामने आने पर उस कमी को हम प्यार से ज्यादा तोलने लगे तो वो प्यार नही हो सकता ,मेंनें खुद के सन्मान को इस लिये किनारे रखा था कि मिलिद की जान बच जाए ,
में हमेशा से किसी के सच्चे प्यार के लिये तरसी हु ,तुमने मेरे साथ पहले संभोग करके मेरे अंदर एक अलग ही आग पैदा कर दी थी ,माना में उस वक्त में हवस के नशे में थी ,पर तुमने मुझे सबसे पहले लोगो के सामने शर्मिंदा होने से बचाया ,मेरी हवस के चलते में बेकाबू हो गयी थी उस हवस को तुमने उस दिन बुझाकर मेरी जान बचाई ,इतना होने के बाद भी कभी तुमने मेरा कोई गलत फायदा तक नही उठाया ,एक बार मुझसे मिलकर तुम बस चले गए ,ऐसा आज के जमाने कोई नही करता ,हर कोई औरत की बेबसी का फायदा उठाकर उसे अपने नीचे लाने की फिराक में रहते है ,पर तुम कोई अलग हो ,तुम में न जाने कितनी शक्तिया होगी ,तुम अदृष्य हो सकते हो ,तुम्हे कोई दरवाजा या खिड़की नही रोक नही सकते ,इतनी शक्तिया होकर भी तुम एक आम ही बनकर बात करते हो ,मेरे दिल मे यह सब बाते घर कर गई थी ,आज में तुमसे अपनी बेबसी बता भी नही पा रही थी ,पर तुमने बिना बोले मेरी बेबसी को समझ लिया ,में तो बस तुमसे पहले अपने बदन की आग को बुझाना चाहती थी ,पर तुमने उस आग को इस कदर शांत कर दिया कि उसका नामोनिशान तक नही रहा ,तुमने मुझे किसी फूल की तरह खयाल रख कर मुझसे प्यार से मुझसे पेश आये ,मुझे तकलीफ ना हो इसलिये खुद के सुख की पर्वा नही की ,तुम बस देना जानते हो ,तो कौन सी औरत ऐसे प्रेमी की नही बनना चाहेगी ,में भी तो प्यार के लिये कबसे तरस रही थी ,तुमने मुझे आज यह जता दिया कि प्यार किस तरह करते है ,और में तुम्हारी चाहत का मोह नही छोड़ सकी ,
शिवा उसकी सारी बात सुनकर कुछ नही बोला बस उसे अपने गले लगा कर उसे प्यार से सहला रहा था ,जिस औरत के दुख शब्दो से कम होते तो वो जरूर उनका इस्तेमाल कर लेता ,सीमा बस एक असली मर्द की तलाश में थी जो उसका शरीर की नही मन की प्यास बुझा सके ,आज शिवा अपनी बाहो में लेकर उसे यही तो कह रहव था कि आज से बस तुम मेरी हो और तुम्हारे हर दुख और परेशानी को में दूर कर दूंगा अपने प्यार से ,सीमा को अपनी बाहो में उठाकर शिवाने ने उसे बेड पर लिटा दिया सीमा ने शिवा के हाथों को पकड़ कर उसे अपने ऊपर खीच लिया ,शिवा और सीमा दोनो नंगे ही थे,सीमा के ऊपर गिरने से उसका लन्ड सीमा की चुत से टकरा गया ,सिमा के मुह से हलकीं सी एक सिसकी निकल गई ,शिवाने सीमा की आंखों में देखकर उसकी टांगो को फैलाकर अपने लन्ड को उसकी चुत में पूरा उतार दिया ,सीमा बस अपनी आंखें खोल कर इस अदृष्य इंसान की आंखों को देखने की कोशिश करने लगी ,शिवा ने सीमा की चुत में लन्ड घुसाकर उसके होठो को चुसने लगा ,सीमा भी उसका साथ देती उसके होठो को चुसने लगी ,शिवा ने सीमा की चुत का दो बार प्यार से धीमे चोदकर पानी निकाल दिया ,सीमा ने शिवा को अपने ऊपर से उठने का इशारा करके खुद घोडी बन गई ,शिवाने भी उसके चुत पर अपने लन्ड को रखा तो सीमा ने अपना हाथ पीछे लेकर उसके लन्ड को अपने गांण्ड के छेद पर रख दिया और पीछे मुड़कर कहने लगी ,आप को यह बहुत पसंद है ना,इसमे ही करना है अब ,कोई भी बात मत कहना बस आप भी अपनी एक ख्वाहिश को पूरा कर ले ,शिवा ने उसके गांण्ड को पहले तेल से चिकना कर दिया और अपने लन्ड को भी तेल से लबालब कर के सीमा की गांण्ड को पकड़ लिया ,उस लाल छेद पर अपने सुपाडे को रखकर उसने सीमा से कहा तुम बस तुम्हारे ओठो को मत काटना ,शिवा ने सीमा के गांण्ड में अपना लन्ड एक ही प्रहार में आधा उतार दिया ,सीमा के मुह से एक दर्द भरी चीख निकल गई उसके गांण्ड के छोटे से छेद में शिवा का मूसल उसे चौड़ा करता अंदर घुस गया था ,सीमा के गांण्ड से खुन निकल रहा था ,सीमा के गांण्ड में और दो जबरदस्त धक्के लगाकर शिवा ने अपना पूरा लन्ड जड़ तक उसकी गांण्ड में उतार दिया,सीमा की चुत से उसके आंड टकरा गए जिस वजह सीमा भी समझ गई कि उसकी गांण्ड में पूरा लन्ड घुस गया है ,अपने रोते हुवे चेहरे को पीछे घुमाकर इतने दर्द में भी हसकर बोली ,शुक्रिया आपका जो आपने मेरा यह तोहफा कबूल किया ,शिवा ने उसकी गांण्ड के नरम पाटों को बड़े प्यार से सहला कर कहा ,इस अनमोल तोहफे का बहुत शुक्रिया, शिवा ने फिर सीमा की गांण्ड में अपने लन्ड को धीरे धीरे आगे पीछे करना शुरू कर दिया,पहले सीमा को बहुत दर्द हो रहा था ,लेकिन शिवा उसकी चुत में अपनी दो उंगलिया घुस्साकर उसकी भी मालिश करता सीमा की गांण्ड मारता रहा ,सीमा के बदन में दर्द कम और मजे के लहरे उठने शुरू हो गयी थी ,सीमा की गांण्ड को शिवा बहुत देर तक मार मार के अपने लन्ड के हिसाब से बड़ा करता रहा ,सीमा की गांण्ड की गर्मी और कसाव उसे बहुत ज्यादा पसन्द आ गया था ,सीमा की गांण्ड उसके हर धक्के के बाद ऐसी हिलती की शिवा का दिल उसकी थरकन से खुश हो जाता ,सीमा की गांण्ड भी शिवा के मूसल को पसन्द करने लगी थी ,सीमा अपनी गांण्ड पीछे जोर जोर से पटक कर मादक आवाजे निकाल कर उसे अपने अंदर लेने के लिये मरी जा रही थी ,जैसे ही शिवा ने एक हुँकार के साथ अपना गर्म माल उसकी गांण्ड में भरना शुरू कर दिया ,सीमा की गांण्ड में उसकी गर्मी से और ज्यादा सुकून पहुचना शुरू कर दिया,सीमा के गांण्ड में अपना वीर्य भरकर शिवा ने सीमा से बाजू हट गया,सीमा के साथ शिवा ने 60 दिन समयमनी में बिता दिए ,उसकी चुत और गांण्ड इतनी बार उसने चोदा की दोनो का आकार ही बदल गया था अब ,सीमा को उसने बहुत बार अपने लन्ड का पानी पिला कर उसे अपने गर्म गाढ़ी मलाई का दीवाना बना दिया था ,सीमा का शरीर भी शिवा की वीर्य की वजह से निखर गया था ,किसी नई नवेली दुल्हन की तरह वो अब चमकने लगी थी ,उसका चेहरा भी पहले से ज्यादा निखरने लग गया था ,जब शिवाने 60 दिन बाद उसे समयमनी से उसके कमरे में लाकर अपनी माया उस पर से हटा दी ,सीमा को उसके कमरे में छोडकर शिवा ने उससे विदा ली ,शिवा ने मिलिद के दिमाग मै अपने जादू से बदलाव कर दिया था कि आज के बाद वो कभी भी सीमा को हाथ भी नही लगायेगा और ना ही कभी उसे कोई हक जमाएगा ,शिवा ने जब सीमा के घर के बाहर कदम रखा उसके दिमाग मे भोकासुर का संदेश आ गया कि वो किसी मुसीबत में फस गया है ,शिवाने भोकासुर को राक्षस लोक जाने से पहले एक गुप्त जगह भेजा था ,जहा पर जो राक्षस मारे गए थे उनके दिव्य अस्त्र रखे हुवे थे ,जिसमे बहुत से अस्र शिवा के काम मे आने वाले थे ,भोकासुर का ऐसा सन्देश आते ही शिवा एक पल में ही भोकासुर के पास पहुंच गया ,भोकासुर को बंदी बनाकर उसके हाथ पाव बांध दिए थे ,उसके सामने एक बहुत ही बड़ी राक्षस कन्या खड़ी थी जो भोकासुर को अपनी माया से हरा कर उसे बन्दी बनाकर उसके सामने खड़ी होकर उससे सवाल कर रही थी ,पर भोकासुर उसके किसी भी सवाल का जवाब नही दे रहा था ,भोकासुर को बन्दी बनाना कोई छोटी बात नही थी ,वो शिवा का ही प्रतिरूप था जिसमे शिवा जैसे ही सब ताकद थी,सिवाय कुछ खास को छोड़कर ,उसे इतनी आसानी से बन्दी बनाकर उस राक्षस कन्या यह तो साबित कर दिया था वो कोई मामूली नही है ,शिवा ने अपनी नीलमणि के ताकद से खुद को पूरा बदल कर एक नीले रंग के असुर में बदल लिया जिसका पूरा बदन नीले रंग के कवच से ढक गया था ,उसका चेहरा भी नजर नही आ रहा था बस उसकी आंखें ही नजर आ रही थी ,शिवाने सबसे पहले भोकासुर को बंधन मुक्त कर दिया उस राक्षस कन्या के मायाजाल से ,भोकासुर के बंधन हटते ही वो एक पल में गायब होकर शिवा में समा गया ,अपने सामने ऐसा दृश्य देखकर वो राक्षस कन्या एक दम हैरान हो गयी और बोल पड़ी ,असम्भव है यह ,यह असुर कैसे मेरे बंधन से मुक्त हो गया ,बीरा के माया को कैसे तोड़ दिया इसने,और गायब होकर कहा चला गया जो मुझे भी नही दिख सका ,तभी उसके सामने शिवा प्रकट हो गया और उसने कहा ,बीरा में कही भी गायब नही हुवा था ,बस तुम्हे अपनी शक्ति का एक नमूना दिखा रहा था ,
बीरा अपने सामने इस पूरे नीले कवच में प्रकट हुवे असुर को देख कर गुस्से में आ गयी ,शिवाने भोकासुर की आवाज में ही उससे बात की थी जिससे बीरा को यही लगा सामने भोकासुर ही है ,उसने गुस्से में आकर शिवा पर अपने माया का एक और हमला कर दिया ,पर वो नाकाम ही रह गया ,जिस वजह से बीरा गुस्से से लाल होकर और उसपर हमले करने लगी ,शिवा बस उसके तरफ देख कर हसते हुवे खड़ा था ,शिवा पर उसने अपनी माया से बहुत वार किए पर हर हमला नाकाम ही रहा ,शिवा पर उसके वार को कोई भी असर नही हों रहा था ,आखिर गुस्से में आकर बीरा ने अपने पास के एक दिव्य अस्र को निकाल लिया जो उसने भगवान पिनाकी की तपस्या करके हासिल किया था ,शिवा पर अपने हाथ मे प्रकट हुवे उस दिव्य त्रिशूल का वो प्रहार करने ही वाली थी कि शिवा ने उसे कहा ,बीरा में तुम्हारा कोई शत्रु नही हु ,तुम मुझपर इस अस्र से वार करके बाद में बहुत ज्यादा पछतावा करोगी ,में भी एक पिनाकीभक्त हु ,मेरे पास भी पिनाकी की कृपा से यह दिव्य कवच है ,तुम्हारे त्रिशूल के प्रहार से मुझे कुछ नही होगा परंतु तुम अपने इस अस्र को किसी पिनाकीभक्त पे चलाकर इसे हमेशा के लिये खो दोगी ,
शिवा की बात सुनकर बीरा हैरान हो गयी कि इसे कैसे पता कि यह त्रिशूल भगवान पिनाकी ने मुझे दिया है ,और खुद को भी यह पिनाकीभक्त कह रहा है ,मुझे भगवान पिनाकी ने कहा था कि मेरा अस्र सिर्फ पापी और दृष्टो के लिये ही घातक होगा अगर किसी मासूम और निर्दोष पर इस त्रिशूल से तुमने वार किया तो यह अस्र काम नही करेगा और मेरे पास से हमेशा के लिये चला जायेगा भगवान पिनाकी के पास वापस ,बीरा ने शिवा से कहा ,में तुमसे पहले भी यही पूछ रही थी ,पर तुम मेरी किसी बात का जवाब नही दे रहे थे ,और नाही तुमने मुझे बताया कि तुम एक पिनाकीभक्त हो ,तुम मेरे अस्र को देख कर डर गए हो ,तुम्हे ऐसा लग रहा होगा कही में तुम्हे इससे मार ना दु ,तुम्हारी बात का में कैसे यकीन कर सकती हूं ,
शिवा ,मेंनें तुम्हे झुठ नही कहा कुछ भी ,तुम्हे यकीन दिलाने के लिये मेरे पास भगवान शीव का ही एक अस्र है जो उन्होंने मुझे दिया है ,अगर तुम चाहो तो में तुम्हे दिखा सकता हु ,इतना कहकर शिवा ने अपने हाथ मे अपनी दिव्य तलवार प्रकट कर दी ,जिसे देखकर बीरा को यह तो पता चल गया कि यह भगवान पिनाकी की ही चन्द्रहास तलवार जैसी ही तलवार है ,पर उसने शिवा से कहा ,तुम्हारे पास भगवान पिनाकी की तलवार होना यह तो साबित नही करता ना कि तुम अच्छे और नेक हो ,भगवान से दिव्य शक्तिया पाकर हमेशा असुर ,राक्षस खुद के फायदे के लिये ही करते है ,उनकी सहायता से वो हमेशा किसी को भी अपना दुश्मन बनाकर उन्हें मारने से भी नही चूकते ,तुम खुद भी तो यहा दिव्य अस्र को पाने की लालच से ही तो आये हो ना ,मेरा काम तो बस उन दिव्य अस्रो की रक्षा करना है ,मेरे होते कोई भी असुर या राक्षस इनको कभीं छू भी नही सकता ,
शिवा ,बीरा तुम को एक बात बता दु की में भी कोई असुर या राक्षस नही हु,में तो एक मानव हु जिसके पास ऐसी दिव्य शक्तिया है जो मुझे भगवान से किसी काम के लिये मिली है ,में यहा इन दिव्य अस्रो का उपयोग किसी अपने फायदे के लिये नही बल्कि एक दैवी कार्य के लिये ही करने वाला हु ,शिवाने इतना कहकर अपने आप को काल के रूप में बदल लिया ,शिवा बीरा की मन से बातो से यह जान गया था कि उसे यहा इन दिव्य अस्रो की रक्षा करने त्रिशक्तियो ने ही रखा हुवा था ,बीरा एक राक्षस कन्या होकर भी बहुत नेक और धर्म का आचरण करने वाली थी ,वो रावण के ही वंश की थी ,उसके आचरण और स्वभाव को देख कर ही उसे इन दिव्य अस्रो की रक्षा करने के लिये रखा गया था ,
काल के मानव रूप को देखकर बीरा भी एक राक्षस के विशाल रूप से एक मानव रूप में आ गई ,बीरा ने काल से कहा ,इस कलियुग में कोई मानव इतना भाग्यशाली हो सकता है ,यह बात मुझे पता नही थी ,तुम कोई माया का छल नही कर रहे हों इतना तो जान सकती हूं ,पर तुम जैसे एक मानव के पास दिव्य शक्ति का होना यही साबित करता है तुम जरूर खास होंगे ,में जिस दिव्य शक्तियों की रक्षा कर रही हु ,उनके बारे में कोई नही जानता सिवाय देवताओं के ,तुम यहा पर आए हो तो जरूर तुम्हारे पास दिव्य दृष्टि होगी ,तुम कह रहे थे कि इन दिव्य अस्रो को तुम किसी खास दैवी कार्य के लिये करने वाले हो ,अगर यह बात सच है तो में तुम्हे नही रोकूंगी ,पर मेरी एक शर्त है ,तुम्हे मेरे साथ शादी करनी होगी ,तभी में तुमको इन दिव्य अस्रो को लेने दुंगी
काल को एक बात पता थी कि यह बीरा ऐसा क्या कह रही है ,क्यो की बीरा को त्रिशक्तियो ने कहा था की जिसके सामने तुम्हारी शक्तिया हार जाएगी वही तुम्हारा वर होगा ,जब वो इन अस्रो को लेने आएगा तभी वो तुम्हे हराकर तुमसे शादी कर लेगा ,काल उसके मन के विचार से यह तो जान गया कि यह कुछ खास होगी ,तभी तो उसके पास इन दिव्य अस्रो की रखवाली की इतनी बड़ी जिम्मेदारी होगी ,
काल ने बीरा से कहा ,में तुमसे शादी करने को तैयार हूं ,पर तुम एक बात का जवाब दोगी ,क्या तुम राक्षस रूप में शादी करना चाहती हो या मानवरूप में
बीरा ,में मूलरूप में ही यानी राक्षस रूप में तुमसे विवाह करूंगी ,हमारी राक्षस विवाह विधि के अनुसार ही हम विवाह करंगे ,हम राक्षस जल की रक्षा करने का कार्य करते है जिस वजह से हमे राक्षस कहते है ,हमारा निवास हमेशा जल के आसपास ही रहता है ,हम दोनो को विवाह भी जल के पास ही होगा ,काल ने बीरा के साथ विवाह कर लिया ,बीरा ने एक मायावी राक्षस का निर्माण करके उसकी मदद से इस विवाह को सम्पन्न किया ,काल एक मानवरूप में तो बीरा एक राक्षस रूप में थी ,काल 7 फिट का तो बीरा 200 फिट लम्बी राक्षसी बनकर यह विवाह सम्पूर्ण किया गया ,अपने विवाह के बाद बीरा फिर से एक मानव के रुप में आ गयी ,
बीरा ,आज से आप मेरे पति है काल ,में कितने हजार साल से इस जगह पर अकेली ही रही हु ,इन दिव्य अस्रो को रक्षा करना ही मेरा काम था ,इन को लेने कोई आयेगा जो मेरी शक्तिया को भी आसानी से हरा देगा उसी से में विवाह करने वाली थी ,आज तक मेंनें बहुत पापियो को मारा है ,तुम पहले मानव हो जो यहा तक आये और मुझे आसानी से हरा दिया ,इन अस्रो को जानने वाले सभी मेरे हाथों से मारे गए है ,परंतु एक राक्षस ऐसा है जो इसे पाने के लिये आने वाला था ,जिसका नाम भुजंग है ,जो बहुत ही बड़ा महावीर है ,उसके सामने शायद ही में टिक पाती ,में नही चाहती थी कि में भुजंग जैसे राक्षस की पत्नी बनू ,मुझे उससे बहुत ज्यादा नफरत है ,खुद को बहुत बड़ा पुण्यवान कहने वाला यह भुजंग खुद कभी कोई पाप नही करता पर अपने बेटों से हर वो नीच काम करवाता है ,जो वो खुद नही करता ,मुझसे शादी करके वो इन सभी दिव्य अस्रो का मालिक बनने का ख़्वाब रखता था ,उसे यहाँ पर आने की इजाज़त नही थी ,इस जगह पर कभी कोई भी पुरुष राक्षस कदम नही रख सकता ,यहा पर महर्षि बिल्व रहते थे ,जिनके आश्रम में हमेशा धार्मिक विधियां होती थी ,अक्सर राक्षस उनमे बाधा डालते थे ,एक बार खुद महर्षि एक विशेष हवन कर रहे थे ,जिसको राक्षसो ने भंग कर दिया उस वक्त क्रोध में आकर उन्होंने समस्त राक्षस प्रजाति को श्राप दे दिया कि जब भी कोई राक्षस जाती का पुरुष इस जगह पर कदम रखेगा वो उसी वक्त भस्म हो जाएगा ,महर्षि बिल्व के श्राप के कारण जो भी राक्षस पुरुष यहा पर आता वो एक पल में मारा जाता ,देवताओं ने इस जगह की महती में ध्यान में रखकर जो दिव्य अस्र राक्षसों के थे पर वो राक्षस मर चुके थे देवताओं और अन्य महावीरों के हाथों उन्हें यहा रख दिया था ,यहा पर रावण से लेकर उसके पुत्र मेघनाथ,अतीकय ,त्रिशिरार,नरान्तक जैसे अनेक राक्षस को दिव्य हथियार मौजूद है ,इन सबको नष्ट नही किया जा सकता था ,इस वजह से इन्हें यहा रखा हुवा है ,इनकी घातक शक्तिया बेजोड़ है ,इस पवित्र भूमि पर कोई दृष्ट और पापी राक्षस नही आ सकता पर वो किसी और को भेजते इनको हासिल करने इस वजह से में यहा हजारो सालो से मौजूद थी ,पर तुम जैसे किसी नेक और भले मानव के हाथों में यह दिव्य हथियार सबका भला करने के लिये ही उपयोग में आएंगे ,आज से आप इस सबके मालिक है ,
काल ,बीरा में इनका कभी मालिक नही बनूंगा ,ना यह मुझे खुद के चाहिये ,में इन हथियारो को ऐसे हाथो में दूँगा जो कभी इसका गलत इस्तेमाल नही करेंगे ,में खुद भगवान पिनाकी से बहुत कुछ पा चुका हूं ,पर कुछ लोग है जिन्हें इन दिव्य हथियारों से बहुत ज्यादा मदद होगी ,में इन सबका इस्तेमाल भुजंग और उसके पापी बेटो पर ही करूँगा ,उन सबके पास बहुत सी दिव्य शक्तिया है लेकिन इन हथियारों के मिलने के बाद उनके सामने टक्कर देने के लिये जो लोग खड़े होंगे वो भी अब कम नही होंगे ,
बीरा को काल की बात सुनकर बहुत ज्यादा हैरानी हुवीं की यह दिव्य हथियार खुद के लिये नही तो दूसरों को देने वाला है ,भुजंग और उसके बेटो से बीरा को भी बहुत ज्यादा नफरत थी ,भुजंग ने बीरा को हराने के लिये बहुत सी राक्षसी को भेजा था शक्तिया देकर ,जब जब उसकी गुलाम राक्षस औरते बीरा को भुजंग की महानता सुनाकर उसके साथ शादी के लिये बोलती तो बीरा को बहुत ज्यादा गुस्सा आता था ,उसे भुजंग के बारे में सब पता था ,उसकी नियत को वो अच्छी तरह जानती थी ,पहले तो बीरा ने कुछ राक्षसी औरतो को सिर्फ हारकर भगा दिया ,पर जब भुजंग को बीरा की सुंदरता और शक्ति का पता चला तो उसके ऊपर बीरा को पांने का जुनून सवार हो गया ,उसने और राक्षस औरतो को पूरी औरतो की सेना के साथ भेजा ,पर बीरा सब को मार कर भुजंग पर भारी पड़ती रही ,भुजंग को बस उसको पाने की चाहत दिन ब दिन बढ़ती ही रही ,उसे यही लगता कि बीरा जैसी वही श्रेष्ठ राक्षस वर है ,बीरा को उसी के साथ होना चाहिये ,वो बस कोई ऐसा मार्ग ढूंढ रहा था कि जिस से उसका खुद का सामना बीरा से हो जाये ,पर उसमे वो कामयाब होने से पहले ही काल ने आकर बीरा को अपनी पत्नी बना दिया था ,भुजंग को जब यह बात पता चलेगी तो वो काल का सबसे बड़ा दुश्मन बनकर उसे खत्म करके ही दम लेने वाला था ,अब देर थी उसके तपसाधना से उठने की ,उसके क्रोध की अग्नि का सामना बहुत जल्द करना पड़ने वाला था ,बस दो दिन बाकी थे उसकी तपसाधना को खत्म होने ,और उसके उठते ही वो त्रिशक्तियो से कौंन सा नया वर मांगता है और कितना शक्तिशाली बनता है यह बताया नही जा सकता था ।
 
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Update 101
काल ने बीरा से पूछा , भुजंग का तप कब खत्म होगा धरती के अनुसार
बीरा ,भुजंग का तप धरती के समय अनुसार 10 दिन बाद खत्म होने वाले है ,भुजंग पाताल में किसी गुप्त स्थान पर अपनी तपसाधना कर रहा है ,
काल मन मे मेरे पास 10 दिन है अपनी सभी शक्तिया पाने के लिये ,अगर भुजंग का सामना करना हो तो मुझे भी सारी ताकद को अपने पास इकट्ठा करना होगा ,पाँच तत्वों के साथ मुझे हिमांनी और शिवानी से भी शक्तिया मिल जाएगी तो भुजंग से मुकाबला करने में आसानी होगी ,मुझे भुजंग के तप में उठने से पहले ही भोगासुर को राक्षसलोक भेजना होगा ,उसकी ताकद को कम करना बहुत जरूरी है ,उसके बेटो को मारकर ही उसकी ताकद कम करनी होगी ,काल ने यह सोचकर अपने अंदर से भोकासुर को राक्षसलोक भेजने का निश्चय कर लिया ,तभी उसके कानों में बीरा की आवाज आ गई ,आप को भुजंग से क्या कोई दुश्मनी तो नही है ,
काल हसकर ,दुश्मनी में किसीसे नही करता ,जो अधर्म और पाप के मार्ग पर चलता है ,मासूम और निर्दोषों को सताता है उसे जड़ से मिटाना यही में अपना एक काम मानता हूं ,अगर भुजंग और उसके बेटे गलत राह पर चल रहे होंगे तो उनका सामना मुझसे जरूर होगा ,
बीरा ,आप को में हर लड़ाई में साथ दुंगी ,मेरे बारे में भुजंग ने सिर्फ सुना है ,उसने मुझे देखा नही है ,मेरे खयाल से जितने मुझे पहचान सकते है वो मेरे हाथों से मारे जा चुके है ,अगर आप राक्षसलोक जाना चाहते है तो में आपके साथ आने को तैयार हूं ,मेरे साथ होने से आप को भी मेरी मदद ही होगी ,आप मुझसे मिलन करने के बाद आप भी एक राक्षस बन सकते हो ,जो कोई मायावी रूप नही होगा ,में खुद रावण वंश से हु,मेरे साथ मिलन करने से आप भी एक असली राक्षस बन जाओगे जिसका ताल्लूक रावण के वंश से होगा ,काल उसकी बात सुनकर मन मे बोला चलो अच्छा हुवा मेंनें भोकासुर को राक्षसलोक नही भेजा अब बीरा के मिलन के बाद ही जाना सही होगा ,बीरा ने खुद अपनी माया से एक सुंदर सा कमरा बना दिया उस जंगल मे ,जहा पर सुंदर सी सेज भी सजाकर रख दी थी ,काल और बीरा दोनो उस कमरे में दाखिल हो गए ,बीरा का मानवरूप भी कमाल का सुंदर था ,6 फिट की ऊंचाई 44 30 46 की एकदम भरी हुवीं उसकी फीगर बहुत ही ज्यादा कातिलाना थी ,काल के 16 इंच लम्बे और 9 इंच मोटे लन्ड की मार सहने के लिये वो एकदम सही थी ,आज काल को भी टक्कर मिल सकती थी ,वो असुरकन्या को भोग चुका था ,पर इस राक्षस कन्या के साथ संभोग करना एक उसके लिये भी नया अनुभव होने वाला था ,काल ने बीरा को अपने पास लेकर उसके होठो पर अपने होठ रखकर उसके लाल ओठो को चूमते ही उसे समयमनी में ले गया ,बीरा का यह पहला किसी पुरुष का स्पर्श उसके शरीर पे हुवा था ,वो अपने ओठो को बस बन्द करके इस चुम्बन का अनुभव ले रही थी ,पर जैसी ही काल ने बीरा की बड़ी सी 46 की गांण्ड को अपने मजबूत पंजो में पकड़ के उन्हें कस कसके दबाना शुरू किया तो बीरा भी अपने ओठो को खोल कर काल की जीभ को अपने मुह में लेकर उसे चुसने लगी ,उसके बदन में मानो कोई बिजली दौड़ने लगी थी काल के अपने गांण्ड पर इस तरह दबाने से ,काल ने एक पल में ही बीरा और खुद को नंगा कर दिया और बीरा को उस सुहाग की सेज पर लिटा दिया ,काल ने उसके होठो को चुसना छोड़कर उसके 44 की बड़ी सी चुचिया जो एकदम दूध सी गोरी ,गोल और एकदम ठोस दिख रही पहाड़ियों को अपने दोनो हाथोसे किसी आटे की तरह दबाकर उन्हें ढीला करने लगा ,काल के इन सख्त मर्दानी हाथो से मसले जाने वाली अपनी चुचिया के मर्दन से बीरा को मजा ही आ रहा था ,वो अपने चुत में उठ रही खुजली से अपनी दोनो टाँगे आपस मे रगड़कर अपने मुह से एकदम कामुक सिसकिया छोड़ने लगी ,काल ने उसके चुचिया पर दिख रहे ग़ुलाबी निप्पल को अपने मुह में भरकर चुसना शुरू कर दिया ,उसके एक चूची को दबाता वो दूसरे को अपने मजबूत पंजे से कसकर दबा देता ,बीरा की आंखे हलकीं लाल ग़ुलाबी होने लगी थी ,उसकी चुत की खुजली बहुत ही ज्यादा बढ़ने लगी थी ,उसकी चुत से हल्का सा पानी छूट कर रिस ने लगा था ,दोनो चुचिया एकदम लाल हो गई थी काल के मसलने ने उसके निप्पल को काल ने चूस कर पूरा गीला कर दिया था ,बीरा की दोनो टांगो को पकड़कर काल ने उसके सर की तरफ कर दिया ,जिस वजह से उसकी चुत और और गांण्ड का छेद एक साथ खुलकर नजर आने लग गए ,काल ने उस बड़े होठो वाली गोरी गुलाबी चुत के होठो को और उसके गांण्ड के लाल छेद को एक साथ अपनी जीभ से चाटने लगा ,बीरा के बदन में तो चींटियां काटने लग गई थी ,उसकी चुत किसी पानी के झरने की तरह बहकर अपना पानी छोड़ने लगी थी ,काल उसके पानी को चाटता उसकी चुत और गांण्ड के छेद को बहुत देर तक चुसता काटता रहा ,काल ने उसकी नरम गांण्ड को भी बहुत बार काट कर उसपर अपने दांतों के निशान बना दिये थे ,बीरा को यह सब कुछ बहुत अच्छा लग रहा था ,काल का इस तरह उसके बदन को नोंचना उसे बहुत पसन्द आ रहा था ,काल के अपने गांण्ड पर काटने के बाद वो मुह से आनंद की सिसकिया निकाल देती ,काल के चुत और गांण्ड में जीभ डालने से ही वो दो बार चिखती हुवीं अपना चुत का बांध खोल कर झड चुकी थी ,काल ने उसके चुत के बहते हर कतरे को चाट कर साफ कर दिया था ,उसकी गांण्ड का स्वाद और चुत का पानी पीकर काल का लन्ड अब टनटना गया था ,काल ने बीरा के पैरों को छोड़ दिया ,और उन्हें फैलाकर उसकी चुत पर अपना लन्ड रगड़ने लगा ,बीरा की चुत पर अपना लन्ड घिस कर वो अपने लन्ड को अच्छे से भिगोने लगा ,बीरा के लाल आंखों में देखता उसकी चुत की ऐसी मालिश कर रहा था अपने मोटे लन्ड से ,की बीरा की चुत एक बार फिर अपना पानी छोड़ने पर मजबूर हो गई थी,काल ने बीरा की चुत झड़ने के बाद उसके चुत के लाल छेद पर अपना मोटा सा सुपडा रखकर उसे एक ही जोरदार धक्के में पूरा जड़ तक अंदर घुसा दिया, बीरा की चुत को बुरी तरह फाड़ता वो 16 इंच लम्बा और 9 इंच मोटा लन्ड ,बीरा के सीधा गर्भाशय में घुस गया ,बीरा की चुत से खून की धार लग गई थी ,बीरा किसी परकटी मुर्गी की तरह चिल्लाकर फड़फड़ा रही थी ,दर्द के मारे उसकी जान निकल रही थी ,काल ने उसके दर्द की परवाह किये बिना उसके गांण्ड को अपने दोनो हाथो में पकड़ कर उसकी चुत को चोदना शुरू कर दिया ,काल किसी जानवर की तरह बीरा को चोद रहा था ,बीरा को साँस लेने के लिये भी काल मौका नही दे रहा था ,बीरा अपनी चुत में पड़ रहे हर तेज धक्के से पूरी तरह हिल जाती थी ,बीरा की चुचिया ऐसी हिलती की बस देखकर काल का मन खुश हो जाता ,बीरा की एकदम नरम चुत में उसके लन्ड को एकदम मखमल जैसा अहसास हो रहा ,उसका कसाव और गर्मी से काल को जोश कुछ अलग ही था उसकी चुदाई करने में ,अपनी चुत में पड़ रहे धक्के बीरा को कुछ देर जानलेवा लग रहे थे बादमे उसको ऐसा लग रहा था काल अपना गर्म लन्ड उसके बच्चेदानी तक और तेजीसी घुसा दे ,उसके चुत में चिकनाहट बढ जाने से उसे भी चुदाई में मजा आने लगा था ,अपनी गांण्ड उठाकर वो काल के हर धक्के को जोरदार जवाब देने लगी थी,अपनी बाहो को काल के पीठ पर कसकर काल के ओठो को चूसती काल का बख़ूबी साथ दे रही थी ,काल के लन्ड ने उसकी चुत को न जाने कितनी बार पानी बहाने पर मजबूर कर दिया था ,बीरा भी अपनी चुत का पानी छोड़ने के बाद पल में उसके लन्ड से फिर चुदवाने तैयार हो जाती ,ऐसी मस्तानी औरत को चोदने में काल को भी मजा आ रहा था ,कालने जब बीरा को घोडी बनाकर चोदना शुरू किया तो ,बीरा के चुत के और अंदर तक काल के लन्ड की मार पड़ने लगी ,साथ मे काल उसकी एक उंगली से बीरा के 46 के गोल मतवाली गांण्ड के लाल छेद में अपनी उंगली घुसाकर उसे भी तैयार करने में जुटा हुवा था अपने अगले शिकार के लिये,काल ने बीरा को घोडी बनाकर चोदते हुवे उसको 3 बार और झडा दिया था ,बीरा के 4 चौथी बार झड़ने से पहले काल ने उसके लन्ड की गर्म पिचाकरी से उसकी चुत को लबालब भरकर उसकी चुत को इनाम दे दिया ,बीरा को इतना गर्म और गाढ़ा माल अपने चुत में लेकर बहुत सुकून महसुस हो रहा था ,वो अपनी आंखें बंद करके इस सुकून का मजा ले रही थी ,काल ने उसकी चुत में लन्ड खाली करके बाहर निकाल कर दूसरे ही पल एक करारे धक्के में बीरा के लाल गांण्ड के छेद में आधा घुसा दिया ,अपनी आंखें बंद करके सुकून की सास लेने वाली बीरा के मुह सी गांण्ड फाड़ देने वाली चीख निकल गई ,उसके सुकून के पल को काल ने दर्द में बदल दिया ,कालने दूसरा धक्के के साथ उसकी गांण्ड के छेद के चिथड़े उड़ा दिए थे ,बीरा की गांण्ड से खून बह रहा था ,उसके मुह से निकलने वाली चीखे उसके दर्द को बयान कर रहे थे ,पर काल तो बीरा को बिल्कुल दया दिखाने के सोच में नही था ,काल बीरा की गांण्ड को पकड़ कर उसके दर्द की पर्वा किये बिना उसकी गांण्ड में अपने लन्ड से लगातार वार कर रहा था ,न जाने कब तक काल ने उसकी गांण्ड मारता रहा ,बीरा का हाल बहुत बुरा हो गया था ,रोने से उसकी आंखें एकदम लाल हो गयी थी ,उसका पूरा बदन पसीने से लथपथ हो चुका था ,काल ने जब उसकी गांण्ड में अपना वीर्य भरकर अलग हुवा तो किसी सूखे पत्ते की तरह बीरा पलँग पर गिर गई ,काल ने बीरा को पलँग पर पर एक पीठ के बल लिटाकर उसके सर को पलँग के एक कोने पर रख दिया,बीरा अपनी आंखें बंद करके अपने गांण्ड मे उठ रहे दर्द को झेल कर पड़ी थी ,काल ने उसके मुह को खोल कर अपने लन्ड को उसके मुह में घुसा दिया ,बीरा की आंखे झट से खुल गई ,वो कुछ बोलना चाहती थी पर काल ने उसके मुह में अपना लन्ड पूरा उतार दिया था ,उसके मुह में अपना लन्ड पूरा उतार कर उसके गले तक काल का टोपा फस चुका था ,काल ने उसके मुह को भी तेजीसे चोदना शुरू कर दिया ,बीरा को सास लेना भी मुश्किल होने लगा था ,काल तो रुकने का नाम ही नही ले रहा था ,वो बस उसके मुह में तेज धक्के लगा कर अपने लन्ड को जितना अंदर हो सके उतना अंदर डाल रहा था ,बीरा के आंखों से अविरल जल की धारा बह रही थी ,पर काल पर उसपर कोई रहम नही आ रहा था ,वो बस उसके मुह में अपने धक्के लगा रहा था ,अपने लन्ड से गर्म माल की गाढ़ी पिचाकरी उसे पिलाकर ही काल रुक गया था ,बीरा की हालत बहुत बुरी हो गई थी ,उसके मुह से कोई आवाज भी नही निकल रही थी ,उसकी आंखों में काल के लिए सिर्फ गुस्सा और नफरत दिख रही थी ,काल ने उसके तरफ देखकर कहा ,क्यो बुरा लगा ,तकलीफ हो रही ना तूमको बहोत ,तुम तो सोच रही थी एक मानव कैसे तुम्हे संतुष्ट कर सकता है ,तुम को तो ऐसा लग रहा था ना कि तुम्हे देखकर ही कही में झड न जाऊ ,मेरे लन्ड में दम है कि नही यह जानना था ना तुमको ,मेंनें तो बस नमूना दिखाया है ,देखो अभी भी मेरा लन्ड खड़ा है ,तुम जब तक अपने मुह से नही कहोगी तब तक तुम्हारे हर छेद को भरता रहूंगा ,
बीरा फ़टी आंखों से काल की तरफ देख रही थी ,उसके आखों के सामने काल को मोटा सा लन्ड अभी भी सलामी देता खड़ा ही दिख रहा था ,काल के तरफ देखकर बीरा शर्मिंदगी से बोली कि ,में गलत सोच रही थी आपके बारे में ,आपने मुझे मेरे इस गुनाह की जो सजा दी है में उसी लायक हु ,बीरा की आंखों में अब खुद के लिये शर्म थी ,वो खुद को ही मन ही मन अपने खयालो को कोस रही थी ,कालने बीरा को प्यार से पास लेकर उसके आसु पोछकर कहा ,में तुम्हारे साथ सब प्यार से करने वाला था ,पर तुमको मेरी मर्दांगी नही दिखाता तो शायद तुम मुझे कमजोर समझ जाती ,अब में तुम्हे अपना प्यार दिखाता हु ,इतना कहकर काल ने बीरा को एक प्यार से भरी बहोत ही धीमी चुदाई का मजा दिया ,बीरा के तन मन पर छाप छोड़ते हुवे काल ने उसकी 60 दिन तक समयमनी मे चुदाई की ,दोनो बिना रुके बस चुदाई ही करते रहे थे ,काल ने बीरा को अपना दीवाना बना दिया था , काल के अंदर भी एक असली राक्षस का अंश आ गया था ,,जिसका नाम काल राक्षसल होने वाला था ,बीरा की शादी काल से हो जाने के कारण उसके अंदर रावण वंश का ही एक अंश निर्माण हुवा था 60 दिन बाद काल समयमनी से बीरा को बाहर लेकर आया ,
कालने अपने सब अंशो को अपने पास बुलाकर अपने अंदर ले लिया जिसमे काल2 भी था ,सब अंशो को थोड़ी देर अपने अंदर रखकर सिंहार को छोड़कर बाकी सबको जाने के लिये बोल दिया ,कालराक्षस को भी उसने अपने अंदर ही रखा था ,बीरा को कुछ पता भी नही चल सका था ,काल की माया के सामने उसकी दृष्टि भी काम नही कर सकती थी ,बीरा से काल ने कहा ,बीरा हम अभी राक्षसलोक के लिये निकल रहे है ,एक बात का खास खयाल रखना होगा तुम्हे ,ना तुम किसीके सामने अपना असली नाम लोगी और ना मेरा नाम लोगी ,में तुम्हारे साथ कालराक्षस के रूप में ही आऊंगा ,हमारी मदद के लिये में एक प्रतिरूप बना लेता हूं ,जिसे में भोकासुर बना दूँगा जो हमे बहुत काम आएगा ,काल ने अपने अंदर से कालराक्षस और भोकासुर को बाहर निकाल कर खुद गायब हो गया ,उसने दोनो को समझा दिया था कि क्या करना है ,कालराक्षस ने बीरा से कहा ,चलो बीरा हमे राक्षसलोक शीघ्र पोहचना होगा ,कालराक्षस को अपने सामने देखकर बीरा बहुत खुश हो गयी ,वो भी अपने राक्षस रूप में आ गयी लेकिन उसने अपने चेहरे को बदल लिया था ,ताकि अगर कोई बीरा को पहचानने वाला मिल गया तो कोई खतरा न हो ,बीरा को लेकर कालराक्षस और भोकासुर चले गए ,काल अपने मन मे ,बीरा ने अगर कालराक्षस से संभोग कर लिया तो उसकी खैर नही होगी ,भले ही वो राक्षस रूप में उसके साथ चुदाई कर ले ,पर कालराक्षस को झेल नही पाएगी ,मुझे तो राक्षसलोक के औरतो की चिंता हो रही है ,पता नही कितनी उसके लन्ड से चुदकर मरने वाली है ,इस कालराक्षस मे सबसे बड़ी ताकद संभोग की है ,जो मेरी शक्तिया मिलने से लाखो गुना बढ गई है ,साला मेरा लन्ड तो राक्षस अंश आने से अब 20 इंच लम्बा और 12 इंच मोटा हो गया है ,पता नही अब कोई औरत मुझसे चूद सकेगी या नही ,बहनचोद पहले से इसे संभालना मुश्किल था ,अब मेरी परेशानी बढ़ने वाली है इसकी वजह से ।
 
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Update 102
कालराक्षस ,बीरा और भोकासुर राक्षसलोक पहुच गये ,राक्षसलोक अंटार्टिका के बर्फ के नीचे बनी एक विशाल नगरी थी ,हजारो फुट बर्फ के नीचे बने समुद्र की गहराइयों में इसका प्रवेश द्वार था ,पूरे दुनिया मे जो समुद्र फैला था उसकी गहराई में ही यह राक्षसलोक फैला हुवा था ,पूरे दुनिया के देशों की जमीन मिलाकर भी इसकी बराबरी नही हो सकती थी ,धरती के जमीन के मुकाबले वो 5 गुना बड़ा और विशाल राक्षसलोक था ,जिसका एक ही राजा था भुजंग ,जो खुद महाबलवान और पराक्रमी था ,उसके 1000 बेटे भी थे जो सब एक से बढ़कर एक शुर वीर थे ,अरबो की संख्या में राक्षस वहां पर रहते थे ,जो भुजंग को अपना भगवान मानते थे ,भुजंग की हर बात उनके लिये पथर की लकीर होती थी ,भुजंग के लिये सभी अपनी जान की बाज़ी लगाने पर भी नही चूक सकते थे ,उनमें बस कुछ हजार ही राक्षस थे जो भुजंग को पसन्द नही करते थे ,पर इतने अरबो राक्षस लोगो के सामने वो भी कुछ नही कर सकते ,भुजंग के लिये नफरत लिये वो लोग बस चुपचाप सब होते देखते रहते थे ,ऐसी बात नही थी कि भुजंग कोई बुरा राक्षस था ,पर उसके सभी बेटे क्रूर ,अत्याचारी और पापी विचारों के थे ,भुजंग कभी अपने बेटों को नही रोकता था ,वो जो भी करते उसमे उसकी बिना बोले ही सहमति रहती थी ,राक्षसलोक के प्रवेश द्वार पर तीनों को रोक कर राक्षस सैनिक अपने असली रूप में आकर उनके सामने खड़े हो गए ,उन सबका प्रमुख आगे आकर तीनो से बोला ,कौन हो तुम लोग जो इस तरह यहा पर चले आये हो ,तुम अगर राक्षसलोक के हो तो तुम्हे पता नही राक्षसलोक से बिना इजाजत के बाहर घूमने की सजा क्या होती है ,
बीरा ,भोकासुर ,और कालराक्षस तीनों अपने असली रूप में थे ,तीनो बहुत ही बलशाली और तेजस्वी दिख रहे थे ,कालराक्षस तो वहां मौजूद सभीसे बहुत ही ज्यादा ताक़दवर और बलशाली दिख रहा था ,कालराक्षस ने जब ऐसी बात सुनी तो उसका दिमाग एकदम सटक गया ,उसने अपने एक झापड़ से सवाल पूछने वाले उस सैनिक प्रमुख की जान ले ली ,अपने हाथ मे भोकाल की राक्षस मुद्रा लेकर बाकी लोगो को दिखा कर वो बहुत गुस्से में बोला ,मूर्खो जानते हो में कौन हूं ,मुझसे इस तरह बात करने की हिम्मत कैसे हुवीं तुम्हारी ,राजकुमार् भोकाल मारे जा चुका है ,यही बात बताने में यहा पर आया था ,अगर मेंनें यही बात अंदर जाकर राजमहल में बता दी ,की तुम लोग मुझे रोक रहे थे तो सोचो तुम्हारा क्या हाल होगा ,अपने प्रमुख को एक झापड़ में मारने वाला यह राक्षस कितना खतरनाक है यह सबने देख लिया था ,जो खबर वो सुना रहा था ,और उसके पास जो राक्षस मुद्रा थी वो सिर्फ राजकुमारों के पास ही होती थी ,उन सबने तुंरत उसके सामने हाथ जोड़कर माफी मांगनी शुरू कर दी ,राक्षस लोक के दरवाजे को खोल कर उन तीनों को अंदर सन्मान पूर्वक अंदर जाने दिया,तीनो जब राक्षसलोक के अंदर आ गए तो वो भव्य दरवाजा वापस बंद हो गया ,
बीरा ने कहा ,यहा पर विशेष तरह की माया का उपयोग किया गया है ,यहा अंदर आने के लिये तो आसानी से खोला जा सकता है पर अगर इसे खोलकर बाहर जाना हो तो विशेष राक्षस मुद्रा लगती है जो सिर्फ राजा और राजकुमारों के पास ही होगी ,और जब तक कोई राक्षस राजा या राजकुमार का आदेश न हो तो बाहर नही जा सकता ,
कालराक्षस हसकर बोला ,तुम चिंता मत करो बीरा ,जिस तरह हम यहा आये है उतनी ही आसानी से बाहर भी जा सकते है ,चलो अब हमें अपने मुख्य काम पर ध्यान देना है ,तीनो जैसे ही दरवाजे से आगे बढे उनके सामने कुछ राक्षस खड़े हो गए ,तीनो को देखकर वो सभी राक्षस एक दूसरे की तरफ देख कर अपने मन मे ही कुछ आपस मे बात करने लगे ,जो तीनों आराम से सुन सकते थे ,पर तीनों ने इस बात का अहसास उनको नही होने दिया ,
एक राक्षस ने कालराक्षस की तरफ देखकर बोला ,तुम कौन हो और तुमने हमारे मुख्य प्रहरी को क्यों मार दिया ,दिखने में भी तुम बहुत बलशाली लगते हो ,तुम्हारे पास वो राक्षसलोक की राज मुद्रा कैसे आ गई ,
दरअसल वो सभी राक्षस कोई और नही बल्कि 10 राजकुमार थे ,राक्षसलोक के दरवाजे पर हो रही सब घटना अपने माया से देख रहे थे ,उनपर ही राक्षसलोक के अंदर आने वाले हर एक कि निगरानी और तलाशी लेने का काम था ,वो अभी कालराक्षस की बात सुन चुके थे पर उनके मन मे एक सन्देह था ,जिस वजह से वो सीधा उन तीनों के सामने आ गए थे , कालराक्षस ने उस राक्षस की तरफ देखकर उसे आदर से प्रणाम किया और बोला ,राजकुमार् अतीक को और बाकी सभी राजकुमारों को नमन करता हु ,में कालराक्षस हु और यह मेरी पत्नी किमी है ,यह असुर मेरा गुलाम है ,में राजकुमार भोकाल का खास आदमी हु ,उन्होंने मुझे एक कार्य करने का आदेश दिया था ,उनके साथ मे कितने वर्षों से पाताल में ही रहता था ,मुझे जिस काम से उन्होंने भेजा था जब वो काम करके में वापस आया तो किसी अनजान शत्रु ने राजकुमार भोकाल को मार दिया था ,जो मुझे यद्ध के मैदान में यह राजमुद्रा मिलने से समझ आया ,मेंरे पास एक बहुत ही कीमती चीज थी नही तो में उस दुश्मन को ढूंढकर कर वही मार देता ,पर अगर में उस अनजान दुश्मन के हाथों मारा जाता तो यह चीज उसके हाथ लगने का खतरा था ,में वही चीज राक्षसलोक में देकर और राजकुमार भोकाल की मृत्यु की खबर देकर वापिस जा कर उस शत्रु को बहुत बुरी मौत देने वाला हु ,आप मुझे यही मिल गए यह बहुत अच्छा हुवा ,यह रही वो चीज जिसे धुंडने को मुझे कहा था ,इतना कहकर कालराक्षस ने एक बाणों का भाता उनके सामने रख दिया ,जो बहुत ही ज्यादा दिव्य था ,जिसको देखकर ही समझ आता था कि वो कितना खास है ,
राजकुमार अतीक ,यह क्या है कालराक्षस ,
कालराक्षस ,राजकुमार यह इंद्रजीत का बाणों का भाता है ,इसमे के बाण कभी खत्म नही होते है ,इसके साथ एक दिव्य धनुष भी है जिसका पता में नही लगा सका ,उस दिव्य धनुष के बिना यह किसी काम का नही है ,राजकुमार भोकाल उस दिव्य धुनष को पाकर उसके साथ इस भाते को महाराज भुजंग को तोहफे में देने वाले थे ,
सभी राजकुमार यह सुनकर बहुत खुश हो गए उनके सामने साक्षात रावनपुत्र इंद्रजीत का अक्षय बाणों का भाता है ,सभी राजकुमार ने उसे भाते को आदर से नमन करके जमीन से उठा लिया ,उनके लिये अब काल राक्षस खास बन गया था ,ऐसी दिव्य चीज अपने पास होकर भी उसने उसे अपने पास रखने का मोह नही रखा ,बल्कि यह बात सिर्फ भोकाल को ही पता थी वो मरने के बाद यह बात कोई नही जानता था ,लेकिन फिर भी कालराक्षस ने इसे यहा लाकर अपनी स्वामी भक्ति का परिचय दे दिया ,जहा पहले सभी इन तीनो को जान से मारने वाले थे वो अब अपना ख्याल बदल कर उन्हें अपने साथ महल लेकर गए ,राक्षसलोक में 10 राजकुमार मिल कर एक जगह रहकर उनको दिये गये हिस्से का काम देखते थे ,राक्षसलोक में ऐसे 100 हिस्से बनाकर उन पर 10 राजकुमार् ध्यान देते थे ,अपने विभाग की सुरक्षा ,उसमे रह रहे राक्षसलोक का ध्यान देना ,कोई अगर गलती करें तो उनको सजा देना ,एक तरह से हर विभाग में करोड़ो राक्षस रहते थे ,हर विभाग किसी देश से भी बहोत बड़ा था ,हर विभाग में लाखों सैनिक भी रहते थे जो राजकुमारों की मदद के लिये होते थे ,अतीक सबसे बड़ा राजकुमार् था इन 10 मे से ,अभी भाई एक दूसरे से बहुत ज्यादा प्यार करते थे ,अतीक ने कालराक्षस को अपने महल में लाकर उसे अपने खास कमरे में लेकर गया ,जहा उसके साथ उसके सभी 10 भाई रहते थे ,उसने कालराक्षस से कहा ,आज से तुम हमारे भी खास हो गए हो ,भोकाल हम सबमे बड़े थे ,वो हमारे 980 वे भाई थे ,में 991 वाला हु और बाकी सभी मुझसे छोटे है ,अब मुझे यह बताओ कि हमारे भाई को किसने मारा है ,उनके सामने तो कोई बहुत बड़ा वीर भी नही टिक पाता था ,जिन्होंने गरुड़लोक के राजा को मार दिया हो उनको कैसे कोई मार सकता है ,
कालराक्षस ,राजकुमार् में भी यह बात नही जानता ,जिनके पास खुद त्रिशक्ति का एक दिव्य शस्र हो उनकी मृत्यु का कारण में भी नही जान सका ,मुझे तो बस इतना ही पता है कि उनको मारने वाला कोई बलिलोक का राजा है ,बाकी में वो कौन है और उसने किस तरह हमारे युवराज को मार दिया ,यह बात नही जानता ,उस वक्त अगर में वहां होता तो राजकुमार् के सामने खुद उनकीं ढाल बनकर खड़ा हो जाता ,पर उनपर कोई आंच नही आने देता ,
राजकुमार् अतीक को कालराक्षस के बातो से यह तो पता चल चुका था कि उसके बड़े भाई का यह कालराक्षस खास आदमी था ,अगर कालराक्षस में ताकद और बल नही होता तो भोकल कभी उसे अपने पास नही फड़कने देता ,भोकाल ने पहले ही कुछ खास चीजे गरुड़ लोक के राजा को मारकर हासिल कर चुका था ,उनके पिता जब अपनी तपसाधना स्व वापिस आने थे उस वक्त वो उनको देने वाला था ,अपने भाई भोकाल को मारकर ऐसे अपने पिता के लिये रखे तोहफे को छीनने वाले को वो अब जिंदा नही छोड़ना चाहते थे ,अतीक ने दिमाग से काम लेने की सोची थी ,जो उसके बड़े भाई को मारने वाला होगा वो भी ताक़दवर ही होगा ,उसके साथ अकेले जाकर भिड़ने का खतरा लेने के बजाय उसने सभी 100 राक्षस भाइयो को बुलाकर सब बातें बता दी ,सभी यह सुनकर बहुत ही ज्यादा भड़क गए ,सबने एक साथ बलिलोक पर आक्रमण करने की सोच ली थी ,उस दुश्मन को जड़ से उखड़ने की तैयारी करके सभी 100 भाई अपने साथा करोड़ो असुर ,राक्षस, मायावी जीवो को लेकर बलिलोक जाने की तैयारी करने लगे ,पूरे राक्षसलोक में यह खबर फैलने को देर नही लगी थी ,पर उसके बाकी 900 भाइयों को अपने इन 100 भाइयो पर बहुत ज्यादा भरोसा था ,उन्हें एक बात पता थी उनका एक भाई भी लाखों पर भारी पड़ने वाला था यहा 100 भाई एक साथ बलिलोक पर अपनी विशाल सेना के साथ जाने वाले थे ,बलिलोक का नामोनिशान तक नही बचने वाला था उनके हिसाब से ,कालराक्षस और भोकासुर तो बहुत ज्यादा खुश थे जहां उनको पहले सिर्फ 10 राजकुमार उनके जाल में फसने वाले थे वहां अब 100 आने वाले थे ,उन 100 भाइयों में सबसे बड़ा विकराल था वो भी बहुत ज्यादा बलशाली था ,उसमे धूर्तता और कपट से यद्ध में जितने की बहुत बड़ी खूबी थी ,उसके साथ सभी भाई बलिलोक पर कहर टूट कर गिरने के लिए निकल गए ,उनके साथ सिर्फ काल राक्षस और भोकासुर ही जाने वाले थे पर विकराल ने उन दोनों को साथ लेने से मना किया ,उसने कहा ,में जल्द ही उस अनजान को मिट्टी में मिलाकर वापिस आ जाऊंगा ,तुम यही रुक जाओ ,तुम हजारो साल से राक्षसलोक से दूर रह हो मेरे भाई भोकाल के साथ ,तुमने इस इंद्रजीत के दिव्य बाणों के भाते को लाकर तुम्हारी निष्ठा साबित कर दी है ,आज से तुम हम सभी 100 भाइयो की सेना के सेनापति हो ,तुम मुझसे भी बलवान और शक्तिशाली लगते हो ,हमे तुम जैसे ही वीर राक्षस की जरूरत है ,हमारे आने तक तुम आराम कर लो और हम जब तक नही आते तब तक इस 10 विभाग पर ध्यान देने की जिम्मेदारी में तुम्हे सौपकर जा रहा हु ,अगर कुछ भी परेशानी हुवीं और कोई तुम्हारी बात नही माने तो सीधा उसकी गर्दन को उड़ा दो ,वैसे भी हमारे बाकी भाई यही है ,उनके होते तुम्हे कोई परेशानी नही होगी ,
सभी के जाने के बाद बीरा ने कालराक्षस से कहा ,आप ने यह क्या कर दिया जिन हथियार को में हजारो साल से इन दृष्टो के हाथ मे नहीं पड़ने दे रहीं थी ,उनको आपने कितनी आसानी से उनके हवाले कर दिया ,
कालराक्षस ,बीरा मेंनें सिर्फ उनको बाणों का भाता ही दिया है ,धनुष नहीं दिया उसके बिना यह भाता कुछ काम का नही है ,आज इसी भाते की वजह से हमे सेनापति बनाया गया है और 100 शिकार भी मिल गए है ,
बीरा सब बात सुनकर हसने लगी ,इन लालची लोगो को आपने बहुत सही पहचाना है ,यह मूर्ख इसी लालच में आकर इतनी बड़ी बात भूल गए है कि ,धुनष के बिना यह किस काम का ,लेकिन बलिलोक में अब वो किसके साथ लडने गये है ,आप यहा है वहा उन 100 भाइयो और इतनी विशाल सेना का सामना कौन करने वाला है ,
कालराक्षस और भोकासुर दोनो हसने लगे ,कालराक्षस ने बीरा से कहा उनका सामना उनके बाप से होने वाला है आज ,तुम चिंता मत करना आज जितने भी राक्षसलोक से गये है वो कभी लौट कर वापिस नही आने वाले है ,उन दोनों को यह बात पता थी कि शिवाय वहां बड़ी बेसब्री से इन 100 भाइयों की राह देख रहा था ,जहा विकराल खुद को बहुत बड़ा धूर्त और चलाख समझता था आज उसका सामने शिवा के उस अंश से होने वाला था जो सबसे दिमाग वाला और बेरहम था ,वो अब इन सबको किस तरह मारने वाला है यह सब को जानना की बड़ी उत्सुकता थी ,धरतीपर गुंडों और बदमाशो पर अपनी ताकद दिखाकर उसका मन नही भरा था ,शिवा को उसने खुद कहा था कि वो जाएगा बलिलोक ,शिवा को भी उस पर भरोसा था ,कपटनीति में सबका बाप था ,जब विकराल अपनी सेना के साथ जब बलिलोक पहुचा तो उनके सामने एक ही योद्धा खड़ा था जिसे देखकर सब हैरान हो गए थे ,विकराल ने अपने ताकद का इस्तेमाल कर के देखा कि सामने कोई माया तो नही ,कोई दूसरा तो नही खड़ा अपने सामने पर जब उसको यकीन हो गया कि सामने खड़ा कोई और नही असली है तो वो तुरंत उस योध्दा के चरणों मे जाकर बैठ गया ,विकराल के ऐसा करने पर सभी लोग अपने चरणों पर बैठ गए ,विकराल उस योध्दा से बोला ,यह कैसे संभव है आप यहा पर कैसे आ गए ,आप के आने में अभी समय बचा हुवा था ना ,पिताजी ,
जी हा दोस्तो उनके सामने कोई और नही राक्षसलोक का राजा भुजंग खड़ा था ,जिसको देखकर सभी बहुत ज्यादा खुश हो गए थे ,भुजंग ने कहा ,मेरी साधना अभी ही खत्म हो गयी है ,जैसे ही मुझे पता चला कि तुम सब यहा पाताल में आये हो ,में फौरन यहा पर चला आया ,यहा पर कोई शत्रु नही है ,जो था उसे तो मेंनें चुटकियों में मसल दिया,हमारा शत्रु तो राक्षसलोक में घुस गया है धोके से ,तुम सब को फसाकर यहां भेज दिया था उसने पर वो यह बात भूल गया था कि राक्षसलोक में देवताओं का नही मेरा राज्य है ,वहां पर जब भी कोई राक्षस के अलावा आता है में समझ जाता हूं ,उसकी मौत ही उसे राक्षसलोक में लेकर आयी है ,उसी नीच ने मेरे दो बेटों को मारा है ,भोकाल ही नही कनक को भी मार दिया है उसने ,तुम सब जोश में अपने सबसे छोटे भाई के बारे में भूल गए ,
विकराल ,माफ कर दीजिए पिताजी पर मुझसे बहुत बड़ी भूल हो गयी ,कनक ने पाताल में किसी काम का बोलकर अपनी सेना कि टुकड़ी को भेज दिया था ,उसी को लेने वो यहा पर आया था ,पर मुझे ऐसा लगा वो कुछ मौजमस्ती करके ही वापिस आएगा ,और वो खुद मानसिक संपर्क तोड़ देता था ,वो कभी पातालमे आने के बाद हमसे मानसिक संपर्क नही करता था ,उसके मृत्यु की खबर सुनकर तो मेरा खुन खौलने लगा है ,
भुजंग बहुत ही क्रोध से बोला ,अपने बड़े भाई होने का कर्तव्य तुम सभी चूक गए हो ,तुम सबने मुझे बहुत निराश किया है ,में तुम सबसे बहुत आशा करता था ,मेरी इतनी हजारो साल की तपस्या के बदले में तुम सबको दुनिया पर हुकूमत करते देखना चाहता था ,पर जो अपने सबसे छोटे भाइ की तरफ ध्यान नही दे सकते ऐसे पुत्रो से मुझे कोई मोह नही रहा है ,में खुद तुम सबको इस दंड के लिये मार देना चाहता हु ,पर में कोई पाप नही कर सकता ,अगर तुम अपने बाप का सर शर्म से नही झुकने देना चाहते हो ,तो तुम सब को आज अपने हाथों से अपने सर काटकर मेरे चरणों मे रखने होंगे ,नही तो में यही समझूंगा की तुम मेरी सन्तान ही नही हो ,अपने पुत्र होने का असली फर्ज निभाकर मुझसे तुम्हारी हत्या का पाप मत करवाना ,
भुजंग की बात सुनकर सब की गांण्ड फट गई थी ,उनकी कोई भी गलती पर वो उनको कभी कुछ नही कहता था ,सभी भाई हमेशा मासूम और निर्दोषों को मारते थे ,कभी भी किसी असुर या राक्षस औरत का बलात्कार करते थे ,उन्होंने बहुत बार तो भुजंग की पत्नियो तक को चोद डाला था ,अपनी हवस के चलते ,पर कभी भुजंग ने उन्हें डाटा नही था ,ना कोई सजा दी थी ,अपने पिता के इस तरह के फरमान से सब बहुत चिन्ता में पड़ गए थे ,विकराल को लग रहा था कही उसके पिता उनकी कोई परीक्षा तो नही ले रहे ,वो कभी अपने बेटों की चोट नही देख पाते थे ,आज वो खुद उनको अपनी जान देने को कह रहे थे ,जरूर पिताजी ने कोई ऐसी सिद्धि को पा लिया है जिससे वो मरे हुवे को फिरसे जिंदा कर सकते हो ,यही दिखाने के लिये तो नही ऐसा कर रहे ,वो यही देख रहे है कि हम उनकी कितनी आज्ञा का पालन कर सकते है ,हमे पिताजी की बात मानकर खुद की जान दे देनी चाहिये ,वो हमें मरने नही देंगे ,वो जरूर हम वापीस जिंदा कर देंगे ,विकराल ने अपने सभी भाइयों की तरफ देखकर कहा ,मेरे भाइयों मुझे एक बात पता है और तुम अभी जानते हो कि हमारे पिता हमे कभी मरने नही देंगे ,वो हमें हर हाल में पुनः जीवित कर देंगे ,मुझे अपने पिता पर पूरा भरोसा है ,और में उनकी आज्ञा का पालन करने वाला हु ,इतना कहकर विकराल ने अपनी ही तलवार से अपनी गर्दन पर घुमा दिया ,विकराल की गर्दन धड़ से अलग होकर जमीन पर गिर गयी ,भुजंग के आंखों में आसु नही आये बल्कि एक मुस्कान तैर गई वो बोला यही है मेरा असली खुन ,यही मेरा असली बेटा बनने के लायक है ,इतना कहकर भुजंग ने अपना एक हाथ आगे बढ़ाकर विकराल के शरीर पर अग्नि की वर्षा कर दी ,एक ही पल में विकराल का पूरा शरीर जल कर राख बन गया ,उसके बाद उसी राख से एक विकराल पैदा हो गया जो पहलेसे बलवान और सुंदर दिखने लगा था ,उसके बाकी भाइयों ने अपनी तलवार से अपनी गर्दन यह सब देखकर एक पल में काट कर रख दी ,सारी सेना यह देख कर हैरान हो गई थी ,उनको कुछ सोचने का मौका मिलने के पहले ही भुजंग ने अपने करोड़ो रूप बनाकर सभी राक्षस सेना को एक ही झटके में मार दिया ,उन सभी सेना के साथ उसने अपने सभी बेटो को अपनी अग्नि से जलाकर भस्म कर दिया ,पूरे बलि लोक यद्ध के मैदान में बस हड्डियां ही दिखने लगी थी ,विकराल अपने पिता भुजंग की तरफ देख कर हसने लगा ,दूसरे ही पल विकराल भुजंग के शरीर मे गायब हो गया ,भुजंग ने अपना रूप बदल कर असली रूप में आ गया ,वो था शिवाय ,उसके बदन से एक नागन्दति को बाहर निकलकर शिवाय ने बोला ,हार गई ना शर्त मुझसे तुम ,तुम्हे क्या लगा था कि मेरी माया वो पहचान लेंगे ,नागदन्ती अब हमारे सब के अंदर राक्षस गुण का अंश की ताकद आ गयी है ,हम सभी रावण के वंश हो गए है ,और राक्षसलोक में सिर्फ भुजंग का ही परिवार रावण वंश का है ,मुझे यह बात पता थी ,और एक बात हम सबमे रावण का अंश आने से भुजंग भी हम सब की माया से नही बच सकता ,उसे सिर्फ अपनी तपसाधना से वापिस आने दो ,में कालभाई से बोलकर खुद राक्षसलोक जाने वाला हु ,उस भुजंग और उसके बेटो की राक्षसलोक में घुसकर गांण्ड नही मारी तो मेरा नाम भी शिवाय नही
 
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Update 103

त्रिशक्ति शिवाय के पराक्रम से बहुत खुश थे ,वो तीनो ही एक जगह पर बैठकर बात कर रहे थे ,
भगवान रचनाकार ,यह तो बुद्धि और चतुराई का अच्छा नमूना दिखाया है शिवा ने ,इस तरह बिना लडे ही उसने भुजंग के 98 बेटो को मार दिया ,
भगवान पिनाकी ,अगर इसी तरह शिवा ने काम किया तो भुजंग की साधना खत्म होने से पहले ही वो उसके आधे बेटो को मार डालेगा ,आप किस सोच में डूबे है विश्वेशजी ,आप को खुशी होनी चाहिये शिवा के इस पराक्रम से ,आप किस सोच में है ,
भगवान विश्वेश ,आप दोनो के साथ मे भी खुश हूं शिवा के पराक्रम से पर मेरी चिंता का कारण अलग है ,में त्रिदेवियों के वो दो वरदान के बारे में सोच रहा था जो हमे अभी तक पता नही है ,पहला वरदान तो हमे तेजा के सामने आने से समज गया है ,पर बाकी दो और वरदान कौनसे हो सकते है जो भुजंग के पास है ,उसी बात को सोच रहा हु ,जब भी शिवा और भुजंग का सामना होगा ,तेजा भुजंग की दाल बनकर खड़ी होगी ,तेजा की ताकद के सामने शिवा नही टिक सकता ,वो एक पल में ही शिवा को मार देगी ,उसके दो वरदान में उसने और क्या मांग लिया होगा यह बात भी हम नही जानते ,तेजा ही अकेली भुजंग को हर खतरे से बचा सकने में काफी है ,उसके दो वरदान में उसने जो उसने प्राप्त किया होगा वो भी तेजा के जैसा कुछ अलग और शक्तिशाली ही होगा ,
भगवान पिनाकी ,आप व्यर्थ चिंता कर रहे है ,त्रिदेवियों ने भले ही तेजा का निर्माण किया हो और भुजंग को दो और वरदान में कुछ दिया हो पर आप को याद है त्रिदेवियों ने जिस लड़की को शक्तिया दी है ,वो लड़की को त्रिदेवियों ने जरूर कुछ ऐसा बनाया होगा जो भुजंग के तीनों वरदान की काट हो ,त्रिदेवियों को हमे कम नही समझना चाहिये भले ही भुजंग ने अपनी तपसाधना से उनसे वरदान में शक्तिया हासिल की हो पर वो कभी भी भुजंग को ऐसी शक्तिया नही दे सकती जिससे वो सबके लिये खतरा बन जाये ,भुजंग को लगता है यह सब उसकी बुद्धि और चतुराई का रचा खेल है ,भले ही उसका हम तीनो से उसको कोई खतरा नही है ,पर वो नियति से कभी नही जीत सकता ,शिवा और भुजंग की लड़ाई में मुझे पूरा यकीन है शिवा अपने दम पर ही भुजंग को मात दे सकता है ,उसे ना किसी की मदद की जररूत पड़ेगी और ना वो किसी की मदद लेगा ,भले ही भुजंग अपने सभी वरदानों को उपयोग कर ले शिवा के सामने पर जिस वक्त शिवा अपने आप को सही तरीके से जान जाएगा उसे ना त्रिदेवियों के शक्ति की मदद लगेगी ना उसके सामने कोई टिक पायेगा ,शिवा को बस अपने आप से ही पहले जितना है ,जो शिवा की असली परीक्षा होगी ,भुजंग से लड़ने से पहले शिवा को खुद से लड़ना होगा अगर उसमे वो कामयाब रहा तभी वो भुजंग से लड़ सकता है ,नही तो भुजंग को उसको मारने की भी जरूरत नही होगी ,लड़ाई कभी ताकद और शक्तियो से नही जीती जाती ,जिसकी बुद्धि और सोच सही वक्क्त पर काम करती है ,जो अपनी सोच पर विश्वास रख सकता है वही काबिल बन सकता है ,भले ही अपने पास दिव्य शक्ति ना हो पर अपनी बुद्धि के दम पर किसी को भी हराया जा सकता है ,शिवा की बुद्धि और सोच ही उसकी सबसे बड़ी ताकद होगी और कमजोरी भी ,
दोनो त्रिशक्ति पिनाकी की बात को सुनते रहे,उन दोनों को यह बात पता थी कि इस सब खेल को सिर्फ पिनाकी ही जानते है ,इसका विजेता कौन होगा यह भी वह जानते है बस वो बताते नही है ,
काल सीधा गरुडलोक पहुच गया ,अपनी जानेमन तेजा और बच्चों के साथ 6 बजे तक उसने समय बिताया ,उसके बेटे ध्रुव और आदित्य 21 साल के नौजवान हो गए थे ,बेटी पूर्वा भी 18 साल की सुंदर कन्या में बदल चुकी थी ,जो तेजा के जैसी ही रूप सुंदरी हो गयी थी ,जहा काल 19 साल का था उसके बेटे 21 और बेटी 18 साल की हो गई थी ,गरुड़ लोक में पुरुष की उम्र 21 साल और औरत की उम्र 18 साल होने के बाद स्थिर हो जाती थी ,उसके बाद उनकी उम्र नही बढ़ती थी ,वहो हजारो साल तक जवान और सुंदर ही दिखते थे ,काल के बेटो ने लामी और कामी के बेटीयो से शादी कर ली ,जो काल और तेजा ने ही करवाई थी ,लामी और कामी को भी उस वक्त गरुड़ लोक बुला लिया था ,पूर्वा ने कह दिया था कि वो उसके पसन्द से ही शादी करेगी ,सब बच्चों में पूर्वा सबसे छोटी और काल की बहुत लाडली थी ,इस वजह से उसे किसी ने कुछ नही कहा ,लामी और कामी के बेटो ने भी,ओंमी के बेटीयो से शादी कर दी थी ,काल ने ध्रुव को गरुड़ लोक का नया राजा बना दिया था ,सबने इस बात को मान लिया था ,ध्रुव और आदित्य के साथ लामी और कामी के बेटो को काल हर युद्धकला ,लड़ाई के तरीके ,धर्म का ज्ञान देते रहता था ,उसके सभी बेटे बहुत ही ज्यादा बलवान और ताक़दवर हो गए थे ,दिखने में तो वो शिवा के जैसे ही दिख रहे थे ,काल ने उनके साथ समय बिताकर 6 बजे धरती पर आ गया ,उसने शिवाय को अपने पास बुलाकर उसकी बुद्धिमानी और कौशल की बहुत तारीफ की ,दोनो बहुत देर तक बाते करते रहे ,शिवाय के जाने के बाद शिवा तैयार हो कर बाहर निकल गया ,उसने आज पायल से मिलने का सोच लिया था ,पायल आज अपने घर से अकेली ही निकली थी ,वो अपने दिल्ली के घर लौट आयी थी मुम्बई से ,अपने कॉलेज की तरफ कार में बैठकर जाती पायल का ध्यान सड़क के किनारे पर खड़े शिवा पर गया जो एक पेड़ के नीचे खड़ा था ,अपनी कार को उसके पास रोककर पायल ने शिवा से पूछा ,आप यहा क्या कर रहे है ,आप दिल्ली में किसी काम से आये हो क्या ,आप को कही जाना हो तो में आपको छोड़ सकती हूं ,
शिवा तो उससे मिलने ही यहा खड़ा था ,मुंबई से दिल्ली वो बस पायल से मिलने ही आया था ,शिवा ने उससे कहा ,जी मे आपसे मिलने ही यहां पर आया था ,आपकी ही राह देखता यहा खड़ा था ,पायल जो शिवा के खयालो में ही थी के बाद ,शिवा से मिलकर उसके साथ अपने दिल की बात करने के लिये पायल सोच ही रही थी ,कैसे शिवा से मिलकर अपने दिल की बात की जाए ,पायल शिवा को अपनी चाहत के बारे में बताना चाहती थी ,पायल बहुत ही ज्यादा चुलबुली और शरारती लड़की थी ,अपनी दोनो बहने पूजा और मोना की वो बहुत लाडली भी थी ,दिखने में भी वो कम खूबसूरत नही थी 34 28 36 की मस्त फीगर वाली पायल अपनी माँ और बहनो की तरह ही एकदम गजब की सुंदर बला थी ,उसके पीछे बहुत से लड़के घूमते थे ,पर उसे कोई पंसद नही आया था अभीतक ,अपनी बहन नेत्रा के घर जब उसने शिवा को देखा तो पहली नजर में ही उसे वो पसन्द आ गया था ,शिवा के बारे में उसने अपनी बहन और माँ से बहुत अच्छी बातें सुनने को मिली थी ,जिसकी वजह से उसके लिये उसका प्यार और ज्यादा बढ गया था ,दिखने में किसी राजकुमार् सा लगने वाला शिवा उसके मन मन्दिर में बस चुका था ,किसी भी तरीके से वो शिवा के साथ मिलकर अपने दिल की बात करने का सोच रही थी ,जब उसने शिवा को दिल्ली में ही देखा तो वो बहुत खुश हो गयी थी ,शिवा के मुह से अपने लिये ऐसी बात सुनकर वी बहुत ज्यादा खुश हो गयी ,साथ मे उसका शर्म से भी चेहरा लाल हो गया था ,शिवा ने उसके तरफ देखकर कहा की ,क्या हम कही बैठकर बात कर सकते है ,पायल ने हा में गर्दन हिला कर कहा ,आप गाड़ी में बैठ जाइए में आपको एक जगह लेकर चलती हु ,वही बैठकर हम बात कर सकते है ,
पायल ने शिवा को गाड़ी में बिठाकर एक पार्क में लेकर आयी ,उस पार्क के बाहर गाड़ी लगाकर वो दोनो अंदर जाकर एक पेड़ के नीचे बने बेंच पर बैठ गए ,पार्क में ज्यादा भीड़ नही थी इस वक्त बस कुछ लोग सुबह की धूप का आनंद लेते टहल रहे थे और कुछ बच्चें खेल रहे थे ,शिवा ने पायल से कहा ,आप से मिलने ही में दिल्ली आया था ,आपको में अपने घर मे पहली नजर में ही देखकर पसन्द करने लगा था ,आप से बात करने और अपने दिल की बात कहने ही में आपसे यहा पर आया था ,क्या आप मुझे अपना जीवनसाथी बनाना पसन्द करेगी ,
पायल शिवा की बात सुनकर बहुत खुश हो गयी यही तो वह चाहती थी ,शिवाने उसके दिल की बात उससे कह दी थी ,उसकी खुशी का कोई ठिकाना नही था ,वो बस शिवा की तरफ एकटक देख रही थी ,शिवाने पायल को अपने तरफ देखते हुवे पाकर उससे कहा ,आपने मेरी बात का कोई जवाब नही दिया ,क्या आप मुझे पसन्द नही करती ,शिवा की बात सुनकर पायल झट से शिवा के गले लग गई और शिवा के गाल को चूम कर कहा ,पसन्द आप तो मेरी जान है ,आपसे यही बात कहने के लिये में मर रही थी ,आप से मिलकर में अपने दिल की बात कर सकू इससे पहले ही भगवान ने मेरी सुन ली जो आप खुद मेरे सामने आकर यह बात आपने बता दी ,आपके साथ जीवन बिताना ही तो मेरा सपना है उसे में कैसे नही कह सकती हूं ,
शिवा पायल से बोला ,लेकिन में आपसे एक बात कहना चाहता हु ,आप से में आज ही शादी करना चाहता हु ,हमारी शादी में बस आप और में ही रहुँगा ,जब तक मे कुछ काबिल नही बन जाता तब तक आप हमारी शादी के बारे में किसी को नही बोल सकती ,जब में कही काम करने लग जाऊंगा तभी हम सबको हमारी शादी के बारे में बोल देंगे
पायल हसकर ,और तब तक मे मा बन गयी तो क्या कहूंगी अपने घरवालों से ,लेकिन मुझे मंजूर है ,आपसे शादी करने के लिये में कुछ भी करने को तैयार हूं ,वैसे भी मेरी दो बड़ी बहनो के शादी के बाद ही मेरे घर के लोग मेरी शादी करने वाले है ,तब तक आपसे दूर रहना मुझे मंजूर नही है ,आप जैसा बोले में करने को तैयार हूं ,
पायल को इतनी जल्दी मानते हुवे देखकर शिवा को बहुत खुशी हो गयी ,दोनो ने मिलकर दोपहर को 12 बजे तक एक मन्दिर में शादी भी कर ली ,पायल ने बस 1 घण्टे में ही शादी का सब इंतजाम कर लिया था ,खुद को एक दुल्हन बनाकर वो शिवा से शादी कर चुकी थी ,पायल से शादी करने के बाद शिवा को लेकर अपने परिवार एक फ्लैट में ले आयी ,जिसको पायल ने अपनी सुहाग रात के लिये सजा कर रख दिया था अपने यहा काम करने वाले आदमियों की मदद से ,पायल के अंदर जलतत्व की शक्ति थी अपने तत्व के अनुसार ही वो एक पानी की तरह निर्मल और चंचल थी ,अपने फ्लैट में वो शिवा को लेकर आ गयी ,उसने अपने फोन से खाना मंगा लिया था होटल से दोनो ने साथ बैठकर खाना खा लिया ,पायल शिवा से खुलकर बात कर रही थी ,अपने बारे में अपने परिवार के बारे में वो शिवा को सब बता रही थी ,उसकी बातें करने का तरीका बहुत ही अच्छा था ,शिवा से वो ऐसी घुलमिल गई थी मानो वो बहुत दिनों से शिवा को जानती हो ,शिवा को तो शादी होने के बाद एक ही चिंता सता रही थी ,पायल जैसी छुईमुई सी लड़की उसके लन्ड को झेल सकती है या नही ,तेजा जैसी दिव्य शक्तियों की मालकिन की हालत पतली हो गई थी उसके लन्ड से ,पायल में तो बस जलतत्व की शक्ति थी उसका क्या हाल होगा ,एक तो उसको अपने शक्ति का अंदाजा नही था ,शिवा के लन्ड को देखकर कही वो डर ना जाये ,शिवा को पायल की चिंता होने लगी थी, लेकिन पायल के चेहरे पर एक अलग ही चमक थी ,खाना होने के बाद उसने शिवा से कहा ,आप की हर बात मेंनें मानी पर क्या आप मेरी एक बात मान सकते हो ,
शिवा ने कहा ,बोलो पायल आप क्या कहना चाहती है ,
पायल ,सबसे पहले आप नही तुम कहिए ,में आपकी पत्नी हु आजसे ,आप कह कर मुझे नही बुलाएंगे आज से आप ,में चाहती हु आप ने मुझे पत्नी तो बना लिया है शादी करके ,पर में आपकी पूरी बन जाना चाहती हु, में आपसे मिलन करके अपने शरीर के साथ अपनी आत्मा को भी आपसे जोड़ना चाहती हु ,क्या आप मेरी यह चाहत पूरी कर सकते है ,
पायल को डर था सिर्फ शिवा उससे शादी करके चला जायेगा ,वो पायल के साथ सुहागरात नही मनाएगा ,वो शिवा को अपने तन मन मे बसाना चाहती थी ,शिवा उसकी बात सुनकर कुछ नही बोला उसके मन मे एक डर था जो उसे कुछ बोलने से रोक रहा था ,पायल को शिवा की खमोशी उसकी ना लगने लगी थी ,पायल के आंखों में आसु छलक गये थे ,वो कातर स्वर में शिवा से बोली ,आप ने मेरे सवाल का जवाब नही दिया ,शिवा ने उसकी ऐसी आवाज सुनकर उसकी तरफ देखा तो पायल के आंखों में आसु देखकर उसे अच्छा नही लगा ,उसने सोच लिया जो होगा देखा जाएगा,उसने पायल को अपने गले लगा कर कहा ,मेंनें ना नही कहा पायल में तो बस यही सोच रहा था कि हम बाद में सब कर लेंगे पर तुम्हारी चाहत को में ना नही कहूंगा ,तुम्हारी हर इच्छा को पूरा करना अब मेरा फर्ज है ,तुम मेरी पत्नी हो तुम मुझसे जो चाहो वो मांग कर सकती हो ,शिवा ने पायल को अपने गोद मे उठाकर उसे लेकर उस कमरे की तरफ बढ गया जहाँ पायल ने सबकुछ तैयार कर लिया अपनी सुहागरात के लिये ,पायल भी शिवा के गले मे हाथ डालकर उसके चेहरे को बड़े प्यार से देख रही थी ,शिवा ने पायल को अपनी बाहो में भरते ही उसे समयमनी में लेकर आया था ,पायल पर अपनी माया का इस्तेमाल करके उसने पायल को समंझने नही दिया कि वो दोनो अब असली दुनिया मे नही बल्कि समयमनी में आ गए है ,पायल को लेकर सुहाग की उस सेज पर पीठ के बल लिटाकर शिवा भी उसके ऊपर लेट गया ,पायल के गोल सुंदर चेहरे को देखकर उसे पूजा की याद आ गयी ,पूजा ,मोना और पायल तीनो दिखने में एक जैसी ही थी ,अपनी माँ शांति की तरह तीनो बहने गजब की सुंदर थी ,शिवा ने उसके लाल सुर्ख ओठो को अपने ओठो से चूमने लगा ,किसी मलाई की तरह उसके होठो का रस पीने मे शिवा को बहुत ज्यादा मजा आ रहा था ,पायल भी शिवा का बखूबी साथ दे रही थी ,वो अपनी जीभ को शिवा के मुह में घुस्साकर उसकी जीभ को शिवा के मुह में घुमा रही थी ,शिवा के थूक को अपने गले मे उतारती पायल अपने हाथ की नाजुक उंगलिया शिवा के सुनहरे बालो में घुमा रही थी ,शिवा पायल के होठो को चुसते हुवे पायल की 34 की चुचिया पर अपने हाथ रखकर उनका मजा लेने लगा ,छोटी होकर भी पायल की चुचिया एकदम ठोस और गोल थी ,शिवा एक हाथ मे ही वो पूरी आ रही थी ,शिवा बड़े प्यार से उनको दबाकर उनकी नरमाई को महसूस कर रहा था ,पायल को अपनी चुचियो पर शिवा के हाथों की इस मालिश से बहुत ज्यादा मजा आ रहा था ,उसके तन बदन में लहरे उठने लगी थी ,उसकी चुत से पानी रिस कर उसके जांघो तक गीला करने लगा था ,पायल ने एक हलकीं चीख से ही अपना पहला चरम हासिल कर लिया था ,शिवा ने बस चुचिया दबाकर ही उसे झड़ने पर मजबूर कर दिया था ,पायल की साँसे बहुत तेज चल रही थी ,शिवा ने उसके होठो को छोड़ कर उसके ऊपर के हिस्से को नंगा कर दिया ,पायल की दो गोरी ,गोल सुंदर चुचिया देखकर शिवा ने उनको फिर से पकड़ लिया ,शिवा अब एक को अपने मुह में लेकर चुसने लगा,पायल के आधे से ज्यादा चुचे को शिवा अपने मुह में लेकर चुसने लगा था ,पायल के छोटे से निप्पल को वो अपने दांतों से जब काटता पायल के मुह से एक आह निकल जाती थी ,पायल के दोनो चुचिया शिवा ने चूसकर और दबाकर एकदम लाल कर दी थी ,पायल भी शिवा को किसी बच्चे की तरह अपने चुचिया पिला रही थी ,अपनी जांघो से अपने चुत को रगड़ती पायल फिर से गर्म हो गयी थी ,शिवा ने पायल की साड़ी और परकर को भी निकाल दिया ,उसके सामने लाल पैंटी में एक मस्त सी फुलझड़ी लेटी हुवीं थी ,एकदम दूध सी गोरी पायल उस लाल पैंटी में गजब की सुंदर लग रही थी ,शिवा ने उसकी गीली पैंटी के ऊपर अपनी नाक को रखकर उसके पानी को अच्छी तरह सूंघ कर देखा ,शिवा को वो ख़ुश्बू बहुत ही पसन्द आयी ,उसने अपनी जीभसे ही उसकी पैंटी को चाटने लगा ,पायल शिवा की इस हरकत से एकदम बिदक गई थी ,उसकी साँसे ही रुक गई थी ,शिवाने जब उसके गोल मटोल 36 की गांण्ड को पकड़ कर उसकी चुत को पैंटी निकल कर अलग किया तो पायल शरम के मारे लाल हो गयी थी ,शिवा उसके चेहरे और चुत को देख रहा था ,पायल के चेहरे की तरह ही उसकी फूल जैसी नाजुक गोरी चुत लाल हो गयी थी ,पायल की चुत एकदम सुंदर थी ,पाव रोटी की तरह फूली हुवीं उसके चुत के नाजुक से होठ आपसे में चिपके हुवे थे ,उसकी चुत का छेद तो एकदम छोटा और लाल था ,जिसमे शिवा की उंगली भी बड़ी मुश्किल से घुस सकती थी ,इस दिलकश और नाजुक चुत पर शिवा को बहुत प्यार आ रहा था ,शिवा ने अपने होठो से उसकी चुत को बड़े प्यार से चूम कर उसे चूसना शुरू कर दिया ,पायल शिवा के इस हरकत से एकदम मचलने लगी थी ,उसकी चुत को शिवा की जीभ दीवाना बना रही थी ,अपने मुह से कामुक आवाज निकालकर अपने बालों को नोचने लगी थी ,शिवा उसके नाजुक से टांगो को फैलाकर उसकी चुत के छेद में अपनी जीभ घुसाने की कोशिश कर रहा था ,उस लाल छेद में उसकी जीभ घुसते ही उसके नरमाहट से शिवा को मजा आने लगा ,शिवा ने पायल की 36 की गोल गांण्ड को भी अपने पंजो में पकड़ कर उनकी नरमाई को देखने लगा ,पायल की गांण्ड को दबाता चुत चुसने में लगा रहा ,पायल ने एक चीख के साथ ही अपनी चुत से एक धार छोड़ कर अपने चुत से झड़ने लगी ,शिवा उसकी कोरी चुत का सारा पानी पल में ही चाट कर साफ कर गया ,पायल के चुत के छेद को देखने के बाद उसकी गांण्ड के छेद को देखने की लालसा शिवा के मन मे जगने लगी थी ,शिवाने पायल के गांण्ड को थोड़ा ऊपर करके उसके गांण्ड के पट को फैलाकर उसके लाल छेद को देखने लगा वो प्यारा सा लाल छेद एकदम छोटा था ,शिवा ने अपने होठो से उसे चूम लिया ,अपने चुत के झड़ने के बाद पायल अपनी आंखें बंद करके मजे की वादियों में उड़ रही थी ,अपने गांण्ड के छेद पर शिवाक़े के चूमने से उसके बदन में एक बिजली दौड़ने लगी ,शिवा ने उसके गांण्ड के छेद को चूमा ही वो उस छेद को बड़े प्यार से चाटकर उसका स्वाद लेने लग गया था ,पायल को शिवा की हर हरकत नए सुख दे रही थी ,जब शिवाने उसके गांण्ड के छेद में अपनी जीभ को नोकदार करके घुसाने की कोशिश की तो उस और ज्यादा मजे के झटके लगने लगे थे ,उसकी चुत में अब आग लग गई थी ,शिवा की जीभ जब भी उसके गांण्ड के छेद में घुसती उसका पूरा वजूद हिल जाता था ,शिवा की इस छेडख़ानी से वो एक बार और मुह से कामुक सीत्कार के साथ झड गई थी ,शिवा ने उसकी चुत के बहते हर बून्द को चाट कर साफ किया था ,पायल को शिवाने ऐसे मजे दिए थे कि वो अब शिवा की दीवानी हो गईं थी ,पायल भी सेक्स के बारे में सबकुछ जानती थी ,उसे भी लगने लगा कि उसे शिवा को मजे देना चाहिए ,शिवाने अपने बदन से एक कपड़ा तक नही निकाला था अभीतक और पायल को पूरी नंगी करके उसके पूरे बदन से वो खेल चुका था ,पायल ने उठकर शिवा कपड़े उतारने शुरु कर दिए ,शिवा की जब पैंट उसने उतार कर उसके अंडरवियर के अंदर से दिख रहे उभार को देखा तो उसकी आंखें फ़टी सी रह गई ,एकदम भयानक तगडा उभार दिख रहा था ,पायल ने जब उसकी अंडरवियर को उतार दिया तो उसके सामने एकदम गोरा 20 इंच लम्बा और 12 इंच मोटा शिवा का लंड झटके खाते दिख गया ,अपने आंखो में आश्चर्य लेकर पायल इस लन्ड को देख रही थी ,उसकी कल्पना से भी यह बहुत बड़ा दिख रहा था ,किसी मोटे टमाटर सा उसका लाल सुपडा एकदम चमक रहा था ,अपने सामने इतना जबरदस्त लन्ड देखकर उसकी सांस थम गई थी ,कहा वो शिवा के लन्ड को चूसकर उसे खुश करने का सोच रही थी ,शिवा का यह मूसल किसी आदमी का नही घोड़े का लन्ड लग रहा था ,शिवा बिना कुछ बोले पायल को जो वो करना चाहती है करने दे रहा था ,पायल कुछ देर उस लन्ड को देखती रही ,फिर कुछ सोचकर उसने उस लन्ड को अपने दोनो हाथो में पकड़ लिया ,उसके हाथ के नाजुक अंगलियो के स्पर्श से शिवा के मुह से सिसकी निकल गई ,पायल ने शिवा की आंखों में देखते हुवे इस गर्म मोटे लन्ड के लाल टोपे पर अपने नाजुक होठो से चूम लिया ,शिवाक़े लन्ड को चूमकर उसने अपनी जीभ से उसके टोपे को चाटना शुरु कर दिया ,पायल किसी बच्ची की तरह उस लाल सुपाडे को चाट रही थी ,उसे शिवा के लन्ड का तेज नमकीन स्वाद बहुत ज्यादा पंसद आने लगा,शिवा के लन्ड पर जब उसकी नाजुक जीभ का स्पर्श होता शिवा के मुह से मस्ती की सिसकिया निकल जाती ,पायल की जीभ शिवा के सुपाडे पर बने छेद पर टकरा जाती तो शिवा का लन्ड थरकने लगता था ,पायल ने शिवा के सुपाडे के छेद में अपनी जीभ को नोकदार बनाकर घुसाने लगी ,उसके अंदर बसे जलतत्व को इस नोक से कभी ने खत्म होने गाढे जल का आभास होने लगा ,पायल के मुह से एकदम खिंचाव बढ़ने लगा ,उसके मुह से वो इतनी ताकद से शिवा के लन्ड को सुपाडे से चुसने लगी कि शिवा भी उसकी चुसने कि ताकद से हैरान हो गया ,शिवाय का लन्ड इस मुह के सामने हार गया और उसके लन्ड ने अपनी गाढ़ी मलाई छोड़ने शुरू कर दी ,शिवा का लन्ड किसी पानी की नल की तरह अपना माल छोड़ रहा था जो पायल बड़े आराम से पी रही थी ,शिवा के लन्ड से पहले जैसे माल की पिचाकरी निकलती थी जो दस बार निकल कर बन्द हों जाती थी ,पर शिवा के लन्ड से पायल इस ताकद से माल खींच रही थी कि शिवा लन्ड लगातर अपना पानी छोड़ रहा था ,शिवा के लन्ड से कितनी देर तक पायल माल पीती रही इस बात का उसे खुद को पता नही था ,अपनी आंखें बंद करती वो अपना मन भरने तक उस गाढ़ी मलाई को पचाये जा रही थी ,अपना मन भरने के बाद जब उसने शिवा का लन्ड अपने मुह से निकाल दिया ,शिवा हैरत से पायल को देख रहा था ,शिवा 100 बार जितना झड़ता था उतना ही माल पायल ने एक बार मे पी लिया था ,अपने ओठो पर लगी शिवा के मलाई को चाटती वो शिवा के आंखों में देखकर उसे अपनी ताकद दिखाते हस रह थी ,शिवा के चेहरे पर अपार संतुष्टि फैल गई थी ,अपने जलतत्व की छोटा ताकद का एक नमूना पायल ने शिवा को दिखा दिया था ,अपने छोटे से मुह की ताकद बताकर उसने शिवा को यह अहसास करा दिया था कि उसकी चुत में कितना दम होगा ,शिवा के लन्ड से डरने की बजाय वो अब शिवा को अपने चुत के ताकद का भय दिखाने लगी थी ,शिवा ने भी पायल को पीठ के बल सुलाकर उसके ओठो को चुसने लगा था ,अपने मोटे लन्ड पर एक हाथ को अपनी माया से निर्मित तेल लगाकर चिकना करने में लगा था ,अपने लन्ड को एकदम चिकना करने के बाद शिवा ने पायल की चुत के छेद को भी तेल से अपनी उंगली से एकदम चिकना कर दिया ,पायल के चुत पर शिवा ने अपना लन्ड रख दिया उसके सुपाडे के मोटाई के आगे उसकी चुत पूरी ढक गई थी ,पायल को अपने चुत पर शिवा के गर्म सुपाडे का स्पर्श होते ही उसने अपनी टाँगे खुद ऊपर कर दी ,अपने चुत के छेद पर उस सुपाडे की गर्मी झेलती अपनी दोनो टाँगे शिवा की कमर में जकड़ने लगी थी ,शिवा को उसकी आँखों मे एक डर नही आमंत्रण था कि आओ मुझ में पूरी तरह समा जाओ ,शिवा ने उसके 36 के गोल रबर जैसी गांड़ को पकड़कर एक जोरदार धक्के से अपने 20 इंच लम्बे और 12 इंच मोटे लन्ड को आधा अंदर घुसा दिया ,पायल के चुत का छोटासा छेद को भेदकर उसको पूरा फाड़ता शिवा का लन्ड अन्दर घुस गया था ,पायल के मुह से दर्दभरी चीख निकल गई ,उसके आंख से पानी बहने लगा था ,चुत से तो खुन की धार निकल रही थी,पायल की आंखे एकदम पानी के जैसे हो गयी थी ,उसमे कोई रंग ही नही दिख रहा था ,एकदम पानी की तरह साफ उसकी आंखें देखते हुवे शिवा ने एक और तेज धक्के में उसका लन्ड पूरा पायल की चुत में ठोक दिया था ,पायल की चुत किसी रबर की तरह उसके मोटे पाइप जैसे लन्ड पर चिपक गई थी ,शिवाक़े दूसरे धक्के से मानो पायल के मुह से और भयानक चीख निकल गई थी ,उसके चुत को शिवा ने बहुत बुरी तरीके से फाड़ दिया था ,उसके दर्द की कोई सीमा नही थी ,शिवा पायल की नरम गांण्ड को दबाकर अपने लन्ड से पायल के चुत में धक्के लगाने लगा ,पायल की चुत में एक गीलापन था जिसमे शिवा के लन्ड को असीम सुख मिलने लगा था ,हर धक्के के बाद ऊसकी चुत की गर्मी बढ़ती जा रही थी ,पायल को चोदते हुवे शिवा के हर धक्के से पायल की चुत में एक तूफान उठने लगा था ,शिवा का लन्ड उस तूफान को उसकी चुत की गहराई में ठोकर मार कर और भड़का रहा था ,शिवा के धक्कों से पायल के मुह से एक तेज चीख निकल गई जिसके साथ पायल की चुत ने अपना पानी छोड़ना शुरू कर दिया ,उसकी चुत से पानी का दरिया बहने लगा था ,शिवा ने अगर पायल को कसकर नही पकड़ा होता तो शिवा को भी उसके तेज बहाव ने दूर तक फेक दिया होता ,पायल की चुत में अपना लन्ड फसाकर शिवा उस पानी के तेज बहाव में अपना लन्ड गाड़े डटा था ,पायल की चुत से निरन्तर पानी बह रहा था ,जो शिवा के लन्ड में घुसकर बड़ी तेजीसे शिवा में समा रहा था ,बचा हुवा पानी शिवा के लन्ड के ऊपर से निकल कर उन दोनों के नीचे जमा हो रहा था ,जहा शिवा हर किसी के चुत में अपना माल भरके उसकी चुत की आग बुझा देता था वहां पायल की चुत का पानी उल्टा उसके लन्ड में घुसकर शिवा को अपने चुत के पानी से भरने लगी थी ,शिवा अपनी पूरी जान लगाकर पायल को चोदने में लगा था ,उसको पायल के चुत में लन्ड अंदर बाहर करने में उसके चुत से बहते पानी के दबाव से बहुत ज्यादा मुश्किल होने लगी थी ,शिवा की गांण्ड किसी के सामने चोदते हुवे पहली बार फट गई थी ,पायल उस पर बहुत ज्यादा भारी पड़ने लगी थी ,शिवा और पायल दोनो पूरी तरह पायल की चुत के पानी मे डूब गए थे ,शिवा अगर पानी मे सांस लेने की ताकद नही रखता तो अबतक वो पाणी में दम घुटने से ही मारा जा चुका होता ,इस अनोखी और निराली चुदाई में अब शिवा को बहुत मजा आने लगा था ,उसे अपने लन्ड की ताकद दिखाना का मौका मिल रहा था पहली बार ,शिवा पायल को पानी मे अब बहुत ही बुरी तरह चोद रहा था ,ना उनके नीचे कोई पलँग था ना कोई गादी जिसके सहारे वो पायल की पीठ टिकाकर उसे चोद सके ,पायल की चुत के गर्म पानी मे वो उसे चोदने में लगा हुवा था ,उसने पायल की गांण्ड को पकड़ कर उसकी चुत को अपने लन्ड का मजा देने की कोशिश कर रहा था ,पायल भी अपनी गांण्ड का जोर लगाकर अपनी चुत शिवा के लन्ड पर पटक रही थी ,शिवा के लन्ड में भी अब हलचल होने लगी थी उसका लन्ड भी झड़ने पर आ गया था ,शिवाके लन्ड ने एक तेज धार के साथ अपने लन्ड में घुसने वाले पानी को चीरकर अपना पानी बहाना शुरू कर दिया ,पायल की चुत के पानी का बहाव पूरी तरीके से पीछे करता उसके लन्ड ने अपने गर्म माल से पायल की चुत को भरना शुरू कर दिया ,पायल की चुत में शिवा बहुत ज्यादा झड रहा था ,उसके लंड ने पायल की चुत से निकलते पानी को पूरा रोक दिया था अपने गर्म माल की मोटी धार से ,पायल के चुत में गहराई तक वो तेज वीर्य की धार गिर रही थी ,जिसकी वजह से पायल को खुद को संभलना बहुत मुश्किल हो रहा था ,अगर शिवा ने उसे कस कर पकड़ नही रखा होता तो पायल इस बार दूर जा चुकी होती इस तेज धार की मार से ,शिवाने पायल की चुत की गहराई को अपने माल से पूरा भर दिया था ,पायल की चुत से पानी बहना अब बन्द हो चुका था ,उसकी चुत अब शिवा की गर्म मलाई को बड़ी तेजीसे अपने अंदर सोखने में लग गई थी ,पायल का पूरा शरीर पानी जैसा हो गया था ,शिवा ने अगर उसे थाम कर नही रखा होता तो ,शिवा भी उसके शरीर को पानी मे देख नही सकता था ,अपने लन्ड से पानी छोड़ना बन्द होने के बाद उसने पायल को फिर से पानी मे चोदना शुरू कर दिया ,ना जाने शिवा ने कितनी बार अपने लन्ड से पायल की चुत में माल भरा था ,पर पायल की चुत थकने का नाम नही ले रही थी ,उसके चुत में शिवा ने अपने गर्म माल की नदियां भर दी थी ,पर पायल की चुत बड़े आराम से उसके माल को पचाकर अगली चुदाई के लिये तैयार हो जाती थी ,शिवा पायल की चुत से परेशान हो गया था ,उसने पायल की गांण्ड को पकड़ कर अपनी मोटी सी उंगली पायल के गांण्ड में एक झटके से उतार कर उसकी गांण्ड को अपने उंगली से चोदते हुवे उसकी चुदाई करने लगा ,पायल के मुह से बहुत देर बाद दर्द और मजे की सिसकिया निकलने लगी थी ,पायल का चेहरा भी दिखने लग गया था ,शिवा न अपने लन्ड को उसकी चुत से निकाल कर उसकी गांण्ड में एक झटके में ही पूरा उतार दिया ,शिवाक़े इस प्रहार को पायल झेल नही सकी उसके मुह से एक चीख निकल गई ,पायल के छोटे से गांण्ड के छेद को शिवा ने पूरी तरह फाड़ दिया था ,पायल का शरीर अब सामान्य हो गया था ,अपने गोद मे उठाकर शिवा पायल की नरम गांण्ड को अब फाडने में लग गया था ,पायल के मुह से निरन्तर चीखे निकल जाती थी ,पर शिवा उस पर कोई रहम नही कर रहा था ,वो किसी कुतिया की तरह पायल की गांण्ड मार रहा था ,पायल के गांण्ड से निरन्तर खुन बहने लगा हुवा था ,ना उसका दर्द कम हो रहा था ना गांण्ड से बहता खुन ,शिवा ने पायल की गांण्ड में अपना माल भरने के बाद ही उसके गांण्ड से अपना लन्ड निकाला था ,शिवा के गोद मे लटकी पायल की गांण्ड से शिवा ने लन्ड निकालने के बाद उसकी गांण्ड से एक बूंद भी शिवा के वीर्य की नही गिरी थी ,उसकी गांण्ड का छेद भी उसके चुत के तरह शिवा के माल को सोख चुका था ,शिवा के गले मे लटकी पायल बड़े प्यार से बोली ,में तो आपको जलशक्ति देने के लिये ही अपने चुत से आपके अंदर उसको भर रही थी ,पर आपने तो मेरी चुत का गुस्सा मेरे बिचारे छोटे से गांण्ड पर निकाल दिया ,जरा मेरी जलती चुत का भी ख्याल कीजिये वो आपके लिये तडप रही ,इतना कहकर पायल ने शिवा के लन्ड को अपने एक हाथ से पकड़ कर एक ही झटके में उसे अपने अन्दर लेकर शिवा के बाहो में झूल गई ,शिवा को पायल की बेबाकी बहुत पंसद आयी थी ,वो भी अब पायल की चुत को चोदने में लग गया ,पायल को अपनी गोद मे लेकर बहुत देर तक वो चोदता रहा ,इसबार पायल की चुत से पानी निकला पर वो कम मात्रा में ही निकला जो शिवा के लन्ड ने पूरा सोख लिया ,पायल को बहुत देर तक चोद कर शिवा ने उसे अनगिनत बार झडा दिया था ,शिवाय ने जब उसके चुत में अपना गर्म माल भर दिया तो पायल के मुह से एक सुकन भरी सिसकिया निकलने लगी थी ,वो शिवा के माल के गर्मी से शिवा के गले मे ही उसे पकड़ कर सो गई थी ,उसकी चुत में जड़ तक फंसा गर्म लन्ड लेकर ही वो मजेसे सो रही थी ,पायल के चुत से निकले पानी ने समय मनी को पूरा भर दिया था ,अगर शिवा ने उसे कही बाहर चोदा होता तो इस पानी से वो आधी दुनिया को डूबा चुकी होती ,शिवा को पायल ने पूरी जलशक्ति की ताकद दे दी थी ,शिवा का शरीर भी किसी पानी की तरह हो गया था ,उसने उस पानी को एक बार मे ही पायल और उसके शरीर मे सोख लिया था ,पूरा पानी साफ होने के बाद शिवा ने समयमनी के कमरे को पहले जैसा कर दिया ,पायल के साथ वो कमरे में बने बेड पर लेट गया था ,शिवा 30 दिन से पायल को समयमनी में लगातार चोद रहा था ,पहली बार शिवा को किसीने थका दिया था ,पायल की चुत में लन्ड जड़ तक फसाकर शिवा उसे अपने सीने पर लेकर शिवा भी सो गया था ।
 
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Update 103

त्रिशक्ति शिवाय के पराक्रम से बहुत खुश थे ,वो तीनो ही एक जगह पर बैठकर बात कर रहे थे ,
भगवान रचनाकार ,यह तो बुद्धि और चतुराई का अच्छा नमूना दिखाया है शिवा ने ,इस तरह बिना लडे ही उसने भुजंग के 98 बेटो को मार दिया ,
भगवान पिनाकी ,अगर इसी तरह शिवा ने काम किया तो भुजंग की साधना खत्म होने से पहले ही वो उसके आधे बेटो को मार डालेगा ,आप किस सोच में डूबे है विश्वेशजी ,आप को खुशी होनी चाहिये शिवा के इस पराक्रम से ,आप किस सोच में है ,
भगवान विश्वेश ,आप दोनो के साथ मे भी खुश हूं शिवा के पराक्रम से पर मेरी चिंता का कारण अलग है ,में त्रिदेवियों के वो दो वरदान के बारे में सोच रहा था जो हमे अभी तक पता नही है ,पहला वरदान तो हमे तेजा के सामने आने से समज गया है ,पर बाकी दो और वरदान कौनसे हो सकते है जो भुजंग के पास है ,उसी बात को सोच रहा हु ,जब भी शिवा और भुजंग का सामना होगा ,तेजा भुजंग की दाल बनकर खड़ी होगी ,तेजा की ताकद के सामने शिवा नही टिक सकता ,वो एक पल में ही शिवा को मार देगी ,उसके दो वरदान में उसने और क्या मांग लिया होगा यह बात भी हम नही जानते ,तेजा ही अकेली भुजंग को हर खतरे से बचा सकने में काफी है ,उसके दो वरदान में उसने जो उसने प्राप्त किया होगा वो भी तेजा के जैसा कुछ अलग और शक्तिशाली ही होगा ,
भगवान पिनाकी ,आप व्यर्थ चिंता कर रहे है ,त्रिदेवियों ने भले ही तेजा का निर्माण किया हो और भुजंग को दो और वरदान में कुछ दिया हो पर आप को याद है त्रिदेवियों ने जिस लड़की को शक्तिया दी है ,वो लड़की को त्रिदेवियों ने जरूर कुछ ऐसा बनाया होगा जो भुजंग के तीनों वरदान की काट हो ,त्रिदेवियों को हमे कम नही समझना चाहिये भले ही भुजंग ने अपनी तपसाधना से उनसे वरदान में शक्तिया हासिल की हो पर वो कभी भी भुजंग को ऐसी शक्तिया नही दे सकती जिससे वो सबके लिये खतरा बन जाये ,भुजंग को लगता है यह सब उसकी बुद्धि और चतुराई का रचा खेल है ,भले ही उसका हम तीनो से उसको कोई खतरा नही है ,पर वो नियति से कभी नही जीत सकता ,शिवा और भुजंग की लड़ाई में मुझे पूरा यकीन है शिवा अपने दम पर ही भुजंग को मात दे सकता है ,उसे ना किसी की मदद की जररूत पड़ेगी और ना वो किसी की मदद लेगा ,भले ही भुजंग अपने सभी वरदानों को उपयोग कर ले शिवा के सामने पर जिस वक्त शिवा अपने आप को सही तरीके से जान जाएगा उसे ना त्रिदेवियों के शक्ति की मदद लगेगी ना उसके सामने कोई टिक पायेगा ,शिवा को बस अपने आप से ही पहले जितना है ,जो शिवा की असली परीक्षा होगी ,भुजंग से लड़ने से पहले शिवा को खुद से लड़ना होगा अगर उसमे वो कामयाब रहा तभी वो भुजंग से लड़ सकता है ,नही तो भुजंग को उसको मारने की भी जरूरत नही होगी ,लड़ाई कभी ताकद और शक्तियो से नही जीती जाती ,जिसकी बुद्धि और सोच सही वक्क्त पर काम करती है ,जो अपनी सोच पर विश्वास रख सकता है वही काबिल बन सकता है ,भले ही अपने पास दिव्य शक्ति ना हो पर अपनी बुद्धि के दम पर किसी को भी हराया जा सकता है ,शिवा की बुद्धि और सोच ही उसकी सबसे बड़ी ताकद होगी और कमजोरी भी ,
दोनो त्रिशक्ति पिनाकी की बात को सुनते रहे,उन दोनों को यह बात पता थी कि इस सब खेल को सिर्फ पिनाकी ही जानते है ,इसका विजेता कौन होगा यह भी वह जानते है बस वो बताते नही है ,
काल सीधा गरुडलोक पहुच गया ,अपनी जानेमन तेजा और बच्चों के साथ 6 बजे तक उसने समय बिताया ,उसके बेटे ध्रुव और आदित्य 21 साल के नौजवान हो गए थे ,बेटी पूर्वा भी 18 साल की सुंदर कन्या में बदल चुकी थी ,जो तेजा के जैसी ही रूप सुंदरी हो गयी थी ,जहा काल 19 साल का था उसके बेटे 21 और बेटी 18 साल की हो गई थी ,गरुड़ लोक में पुरुष की उम्र 21 साल और औरत की उम्र 18 साल होने के बाद स्थिर हो जाती थी ,उसके बाद उनकी उम्र नही बढ़ती थी ,वहो हजारो साल तक जवान और सुंदर ही दिखते थे ,काल के बेटो ने लामी और कामी के बेटीयो से शादी कर ली ,जो काल और तेजा ने ही करवाई थी ,लामी और कामी को भी उस वक्त गरुड़ लोक बुला लिया था ,पूर्वा ने कह दिया था कि वो उसके पसन्द से ही शादी करेगी ,सब बच्चों में पूर्वा सबसे छोटी और काल की बहुत लाडली थी ,इस वजह से उसे किसी ने कुछ नही कहा ,लामी और कामी के बेटो ने भी,ओंमी के बेटीयो से शादी कर दी थी ,काल ने ध्रुव को गरुड़ लोक का नया राजा बना दिया था ,सबने इस बात को मान लिया था ,ध्रुव और आदित्य के साथ लामी और कामी के बेटो को काल हर युद्धकला ,लड़ाई के तरीके ,धर्म का ज्ञान देते रहता था ,उसके सभी बेटे बहुत ही ज्यादा बलवान और ताक़दवर हो गए थे ,दिखने में तो वो शिवा के जैसे ही दिख रहे थे ,काल ने उनके साथ समय बिताकर 6 बजे धरती पर आ गया ,उसने शिवाय को अपने पास बुलाकर उसकी बुद्धिमानी और कौशल की बहुत तारीफ की ,दोनो बहुत देर तक बाते करते रहे ,शिवाय के जाने के बाद शिवा तैयार हो कर बाहर निकल गया ,उसने आज पायल से मिलने का सोच लिया था ,पायल आज अपने घर से अकेली ही निकली थी ,वो अपने दिल्ली के घर लौट आयी थी मुम्बई से ,अपने कॉलेज की तरफ कार में बैठकर जाती पायल का ध्यान सड़क के किनारे पर खड़े शिवा पर गया जो एक पेड़ के नीचे खड़ा था ,अपनी कार को उसके पास रोककर पायल ने शिवा से पूछा ,आप यहा क्या कर रहे है ,आप दिल्ली में किसी काम से आये हो क्या ,आप को कही जाना हो तो में आपको छोड़ सकती हूं ,
शिवा तो उससे मिलने ही यहा खड़ा था ,मुंबई से दिल्ली वो बस पायल से मिलने ही आया था ,शिवा ने उससे कहा ,जी मे आपसे मिलने ही यहां पर आया था ,आपकी ही राह देखता यहा खड़ा था ,पायल जो शिवा के खयालो में ही थी के बाद ,शिवा से मिलकर उसके साथ अपने दिल की बात करने के लिये पायल सोच ही रही थी ,कैसे शिवा से मिलकर अपने दिल की बात की जाए ,पायल शिवा को अपनी चाहत के बारे में बताना चाहती थी ,पायल बहुत ही ज्यादा चुलबुली और शरारती लड़की थी ,अपनी दोनो बहने पूजा और मोना की वो बहुत लाडली भी थी ,दिखने में भी वो कम खूबसूरत नही थी 34 28 36 की मस्त फीगर वाली पायल अपनी माँ और बहनो की तरह ही एकदम गजब की सुंदर बला थी ,उसके पीछे बहुत से लड़के घूमते थे ,पर उसे कोई पंसद नही आया था अभीतक ,अपनी बहन नेत्रा के घर जब उसने शिवा को देखा तो पहली नजर में ही उसे वो पसन्द आ गया था ,शिवा के बारे में उसने अपनी बहन और माँ से बहुत अच्छी बातें सुनने को मिली थी ,जिसकी वजह से उसके लिये उसका प्यार और ज्यादा बढ गया था ,दिखने में किसी राजकुमार् सा लगने वाला शिवा उसके मन मन्दिर में बस चुका था ,किसी भी तरीके से वो शिवा के साथ मिलकर अपने दिल की बात करने का सोच रही थी ,जब उसने शिवा को दिल्ली में ही देखा तो वो बहुत खुश हो गयी थी ,शिवा के मुह से अपने लिये ऐसी बात सुनकर वी बहुत ज्यादा खुश हो गयी ,साथ मे उसका शर्म से भी चेहरा लाल हो गया था ,शिवा ने उसके तरफ देखकर कहा की ,क्या हम कही बैठकर बात कर सकते है ,पायल ने हा में गर्दन हिला कर कहा ,आप गाड़ी में बैठ जाइए में आपको एक जगह लेकर चलती हु ,वही बैठकर हम बात कर सकते है ,
पायल ने शिवा को गाड़ी में बिठाकर एक पार्क में लेकर आयी ,उस पार्क के बाहर गाड़ी लगाकर वो दोनो अंदर जाकर एक पेड़ के नीचे बने बेंच पर बैठ गए ,पार्क में ज्यादा भीड़ नही थी इस वक्त बस कुछ लोग सुबह की धूप का आनंद लेते टहल रहे थे और कुछ बच्चें खेल रहे थे ,शिवा ने पायल से कहा ,आप से मिलने ही में दिल्ली आया था ,आपको में अपने घर मे पहली नजर में ही देखकर पसन्द करने लगा था ,आप से बात करने और अपने दिल की बात कहने ही में आपसे यहा पर आया था ,क्या आप मुझे अपना जीवनसाथी बनाना पसन्द करेगी ,
पायल शिवा की बात सुनकर बहुत खुश हो गयी यही तो वह चाहती थी ,शिवाने उसके दिल की बात उससे कह दी थी ,उसकी खुशी का कोई ठिकाना नही था ,वो बस शिवा की तरफ एकटक देख रही थी ,शिवाने पायल को अपने तरफ देखते हुवे पाकर उससे कहा ,आपने मेरी बात का कोई जवाब नही दिया ,क्या आप मुझे पसन्द नही करती ,शिवा की बात सुनकर पायल झट से शिवा के गले लग गई और शिवा के गाल को चूम कर कहा ,पसन्द आप तो मेरी जान है ,आपसे यही बात कहने के लिये में मर रही थी ,आप से मिलकर में अपने दिल की बात कर सकू इससे पहले ही भगवान ने मेरी सुन ली जो आप खुद मेरे सामने आकर यह बात आपने बता दी ,आपके साथ जीवन बिताना ही तो मेरा सपना है उसे में कैसे नही कह सकती हूं ,
शिवा पायल से बोला ,लेकिन में आपसे एक बात कहना चाहता हु ,आप से में आज ही शादी करना चाहता हु ,हमारी शादी में बस आप और में ही रहुँगा ,जब तक मे कुछ काबिल नही बन जाता तब तक आप हमारी शादी के बारे में किसी को नही बोल सकती ,जब में कही काम करने लग जाऊंगा तभी हम सबको हमारी शादी के बारे में बोल देंगे
पायल हसकर ,और तब तक मे मा बन गयी तो क्या कहूंगी अपने घरवालों से ,लेकिन मुझे मंजूर है ,आपसे शादी करने के लिये में कुछ भी करने को तैयार हूं ,वैसे भी मेरी दो बड़ी बहनो के शादी के बाद ही मेरे घर के लोग मेरी शादी करने वाले है ,तब तक आपसे दूर रहना मुझे मंजूर नही है ,आप जैसा बोले में करने को तैयार हूं ,
पायल को इतनी जल्दी मानते हुवे देखकर शिवा को बहुत खुशी हो गयी ,दोनो ने मिलकर दोपहर को 12 बजे तक एक मन्दिर में शादी भी कर ली ,पायल ने बस 1 घण्टे में ही शादी का सब इंतजाम कर लिया था ,खुद को एक दुल्हन बनाकर वो शिवा से शादी कर चुकी थी ,पायल से शादी करने के बाद शिवा को लेकर अपने परिवार एक फ्लैट में ले आयी ,जिसको पायल ने अपनी सुहाग रात के लिये सजा कर रख दिया था अपने यहा काम करने वाले आदमियों की मदद से ,पायल के अंदर जलतत्व की शक्ति थी अपने तत्व के अनुसार ही वो एक पानी की तरह निर्मल और चंचल थी ,अपने फ्लैट में वो शिवा को लेकर आ गयी ,उसने अपने फोन से खाना मंगा लिया था होटल से दोनो ने साथ बैठकर खाना खा लिया ,पायल शिवा से खुलकर बात कर रही थी ,अपने बारे में अपने परिवार के बारे में वो शिवा को सब बता रही थी ,उसकी बातें करने का तरीका बहुत ही अच्छा था ,शिवा से वो ऐसी घुलमिल गई थी मानो वो बहुत दिनों से शिवा को जानती हो ,शिवा को तो शादी होने के बाद एक ही चिंता सता रही थी ,पायल जैसी छुईमुई सी लड़की उसके लन्ड को झेल सकती है या नही ,तेजा जैसी दिव्य शक्तियों की मालकिन की हालत पतली हो गई थी उसके लन्ड से ,पायल में तो बस जलतत्व की शक्ति थी उसका क्या हाल होगा ,एक तो उसको अपने शक्ति का अंदाजा नही था ,शिवा के लन्ड को देखकर कही वो डर ना जाये ,शिवा को पायल की चिंता होने लगी थी, लेकिन पायल के चेहरे पर एक अलग ही चमक थी ,खाना होने के बाद उसने शिवा से कहा ,आप की हर बात मेंनें मानी पर क्या आप मेरी एक बात मान सकते हो ,
शिवा ने कहा ,बोलो पायल आप क्या कहना चाहती है ,
पायल ,सबसे पहले आप नही तुम कहिए ,में आपकी पत्नी हु आजसे ,आप कह कर मुझे नही बुलाएंगे आज से आप ,में चाहती हु आप ने मुझे पत्नी तो बना लिया है शादी करके ,पर में आपकी पूरी बन जाना चाहती हु, में आपसे मिलन करके अपने शरीर के साथ अपनी आत्मा को भी आपसे जोड़ना चाहती हु ,क्या आप मेरी यह चाहत पूरी कर सकते है ,
पायल को डर था सिर्फ शिवा उससे शादी करके चला जायेगा ,वो पायल के साथ सुहागरात नही मनाएगा ,वो शिवा को अपने तन मन मे बसाना चाहती थी ,शिवा उसकी बात सुनकर कुछ नही बोला उसके मन मे एक डर था जो उसे कुछ बोलने से रोक रहा था ,पायल को शिवा की खमोशी उसकी ना लगने लगी थी ,पायल के आंखों में आसु छलक गये थे ,वो कातर स्वर में शिवा से बोली ,आप ने मेरे सवाल का जवाब नही दिया ,शिवा ने उसकी ऐसी आवाज सुनकर उसकी तरफ देखा तो पायल के आंखों में आसु देखकर उसे अच्छा नही लगा ,उसने सोच लिया जो होगा देखा जाएगा,उसने पायल को अपने गले लगा कर कहा ,मेंनें ना नही कहा पायल में तो बस यही सोच रहा था कि हम बाद में सब कर लेंगे पर तुम्हारी चाहत को में ना नही कहूंगा ,तुम्हारी हर इच्छा को पूरा करना अब मेरा फर्ज है ,तुम मेरी पत्नी हो तुम मुझसे जो चाहो वो मांग कर सकती हो ,शिवा ने पायल को अपने गोद मे उठाकर उसे लेकर उस कमरे की तरफ बढ गया जहाँ पायल ने सबकुछ तैयार कर लिया अपनी सुहागरात के लिये ,पायल भी शिवा के गले मे हाथ डालकर उसके चेहरे को बड़े प्यार से देख रही थी ,शिवा ने पायल को अपनी बाहो में भरते ही उसे समयमनी में लेकर आया था ,पायल पर अपनी माया का इस्तेमाल करके उसने पायल को समंझने नही दिया कि वो दोनो अब असली दुनिया मे नही बल्कि समयमनी में आ गए है ,पायल को लेकर सुहाग की उस सेज पर पीठ के बल लिटाकर शिवा भी उसके ऊपर लेट गया ,पायल के गोल सुंदर चेहरे को देखकर उसे पूजा की याद आ गयी ,पूजा ,मोना और पायल तीनो दिखने में एक जैसी ही थी ,अपनी माँ शांति की तरह तीनो बहने गजब की सुंदर थी ,शिवा ने उसके लाल सुर्ख ओठो को अपने ओठो से चूमने लगा ,किसी मलाई की तरह उसके होठो का रस पीने मे शिवा को बहुत ज्यादा मजा आ रहा था ,पायल भी शिवा का बखूबी साथ दे रही थी ,वो अपनी जीभ को शिवा के मुह में घुस्साकर उसकी जीभ को शिवा के मुह में घुमा रही थी ,शिवा के थूक को अपने गले मे उतारती पायल अपने हाथ की नाजुक उंगलिया शिवा के सुनहरे बालो में घुमा रही थी ,शिवा पायल के होठो को चुसते हुवे पायल की 34 की चुचिया पर अपने हाथ रखकर उनका मजा लेने लगा ,छोटी होकर भी पायल की चुचिया एकदम ठोस और गोल थी ,शिवा एक हाथ मे ही वो पूरी आ रही थी ,शिवा बड़े प्यार से उनको दबाकर उनकी नरमाई को महसूस कर रहा था ,पायल को अपनी चुचियो पर शिवा के हाथों की इस मालिश से बहुत ज्यादा मजा आ रहा था ,उसके तन बदन में लहरे उठने लगी थी ,उसकी चुत से पानी रिस कर उसके जांघो तक गीला करने लगा था ,पायल ने एक हलकीं चीख से ही अपना पहला चरम हासिल कर लिया था ,शिवा ने बस चुचिया दबाकर ही उसे झड़ने पर मजबूर कर दिया था ,पायल की साँसे बहुत तेज चल रही थी ,शिवा ने उसके होठो को छोड़ कर उसके ऊपर के हिस्से को नंगा कर दिया ,पायल की दो गोरी ,गोल सुंदर चुचिया देखकर शिवा ने उनको फिर से पकड़ लिया ,शिवा अब एक को अपने मुह में लेकर चुसने लगा,पायल के आधे से ज्यादा चुचे को शिवा अपने मुह में लेकर चुसने लगा था ,पायल के छोटे से निप्पल को वो अपने दांतों से जब काटता पायल के मुह से एक आह निकल जाती थी ,पायल के दोनो चुचिया शिवा ने चूसकर और दबाकर एकदम लाल कर दी थी ,पायल भी शिवा को किसी बच्चे की तरह अपने चुचिया पिला रही थी ,अपनी जांघो से अपने चुत को रगड़ती पायल फिर से गर्म हो गयी थी ,शिवा ने पायल की साड़ी और परकर को भी निकाल दिया ,उसके सामने लाल पैंटी में एक मस्त सी फुलझड़ी लेटी हुवीं थी ,एकदम दूध सी गोरी पायल उस लाल पैंटी में गजब की सुंदर लग रही थी ,शिवा ने उसकी गीली पैंटी के ऊपर अपनी नाक को रखकर उसके पानी को अच्छी तरह सूंघ कर देखा ,शिवा को वो ख़ुश्बू बहुत ही पसन्द आयी ,उसने अपनी जीभसे ही उसकी पैंटी को चाटने लगा ,पायल शिवा की इस हरकत से एकदम बिदक गई थी ,उसकी साँसे ही रुक गई थी ,शिवाने जब उसके गोल मटोल 36 की गांण्ड को पकड़ कर उसकी चुत को पैंटी निकल कर अलग किया तो पायल शरम के मारे लाल हो गयी थी ,शिवा उसके चेहरे और चुत को देख रहा था ,पायल के चेहरे की तरह ही उसकी फूल जैसी नाजुक गोरी चुत लाल हो गयी थी ,पायल की चुत एकदम सुंदर थी ,पाव रोटी की तरह फूली हुवीं उसके चुत के नाजुक से होठ आपसे में चिपके हुवे थे ,उसकी चुत का छेद तो एकदम छोटा और लाल था ,जिसमे शिवा की उंगली भी बड़ी मुश्किल से घुस सकती थी ,इस दिलकश और नाजुक चुत पर शिवा को बहुत प्यार आ रहा था ,शिवा ने अपने होठो से उसकी चुत को बड़े प्यार से चूम कर उसे चूसना शुरू कर दिया ,पायल शिवा के इस हरकत से एकदम मचलने लगी थी ,उसकी चुत को शिवा की जीभ दीवाना बना रही थी ,अपने मुह से कामुक आवाज निकालकर अपने बालों को नोचने लगी थी ,शिवा उसके नाजुक से टांगो को फैलाकर उसकी चुत के छेद में अपनी जीभ घुसाने की कोशिश कर रहा था ,उस लाल छेद में उसकी जीभ घुसते ही उसके नरमाहट से शिवा को मजा आने लगा ,शिवा ने पायल की 36 की गोल गांण्ड को भी अपने पंजो में पकड़ कर उनकी नरमाई को देखने लगा ,पायल की गांण्ड को दबाता चुत चुसने में लगा रहा ,पायल ने एक चीख के साथ ही अपनी चुत से एक धार छोड़ कर अपने चुत से झड़ने लगी ,शिवा उसकी कोरी चुत का सारा पानी पल में ही चाट कर साफ कर गया ,पायल के चुत के छेद को देखने के बाद उसकी गांण्ड के छेद को देखने की लालसा शिवा के मन मे जगने लगी थी ,शिवाने पायल के गांण्ड को थोड़ा ऊपर करके उसके गांण्ड के पट को फैलाकर उसके लाल छेद को देखने लगा वो प्यारा सा लाल छेद एकदम छोटा था ,शिवा ने अपने होठो से उसे चूम लिया ,अपने चुत के झड़ने के बाद पायल अपनी आंखें बंद करके मजे की वादियों में उड़ रही थी ,अपने गांण्ड के छेद पर शिवाक़े के चूमने से उसके बदन में एक बिजली दौड़ने लगी ,शिवा ने उसके गांण्ड के छेद को चूमा ही वो उस छेद को बड़े प्यार से चाटकर उसका स्वाद लेने लग गया था ,पायल को शिवा की हर हरकत नए सुख दे रही थी ,जब शिवाने उसके गांण्ड के छेद में अपनी जीभ को नोकदार करके घुसाने की कोशिश की तो उस और ज्यादा मजे के झटके लगने लगे थे ,उसकी चुत में अब आग लग गई थी ,शिवा की जीभ जब भी उसके गांण्ड के छेद में घुसती उसका पूरा वजूद हिल जाता था ,शिवा की इस छेडख़ानी से वो एक बार और मुह से कामुक सीत्कार के साथ झड गई थी ,शिवा ने उसकी चुत के बहते हर बून्द को चाट कर साफ किया था ,पायल को शिवाने ऐसे मजे दिए थे कि वो अब शिवा की दीवानी हो गईं थी ,पायल भी सेक्स के बारे में सबकुछ जानती थी ,उसे भी लगने लगा कि उसे शिवा को मजे देना चाहिए ,शिवाने अपने बदन से एक कपड़ा तक नही निकाला था अभीतक और पायल को पूरी नंगी करके उसके पूरे बदन से वो खेल चुका था ,पायल ने उठकर शिवा कपड़े उतारने शुरु कर दिए ,शिवा की जब पैंट उसने उतार कर उसके अंडरवियर के अंदर से दिख रहे उभार को देखा तो उसकी आंखें फ़टी सी रह गई ,एकदम भयानक तगडा उभार दिख रहा था ,पायल ने जब उसकी अंडरवियर को उतार दिया तो उसके सामने एकदम गोरा 20 इंच लम्बा और 12 इंच मोटा शिवा का लंड झटके खाते दिख गया ,अपने आंखो में आश्चर्य लेकर पायल इस लन्ड को देख रही थी ,उसकी कल्पना से भी यह बहुत बड़ा दिख रहा था ,किसी मोटे टमाटर सा उसका लाल सुपडा एकदम चमक रहा था ,अपने सामने इतना जबरदस्त लन्ड देखकर उसकी सांस थम गई थी ,कहा वो शिवा के लन्ड को चूसकर उसे खुश करने का सोच रही थी ,शिवा का यह मूसल किसी आदमी का नही घोड़े का लन्ड लग रहा था ,शिवा बिना कुछ बोले पायल को जो वो करना चाहती है करने दे रहा था ,पायल कुछ देर उस लन्ड को देखती रही ,फिर कुछ सोचकर उसने उस लन्ड को अपने दोनो हाथो में पकड़ लिया ,उसके हाथ के नाजुक अंगलियो के स्पर्श से शिवा के मुह से सिसकी निकल गई ,पायल ने शिवा की आंखों में देखते हुवे इस गर्म मोटे लन्ड के लाल टोपे पर अपने नाजुक होठो से चूम लिया ,शिवाक़े लन्ड को चूमकर उसने अपनी जीभ से उसके टोपे को चाटना शुरु कर दिया ,पायल किसी बच्ची की तरह उस लाल सुपाडे को चाट रही थी ,उसे शिवा के लन्ड का तेज नमकीन स्वाद बहुत ज्यादा पंसद आने लगा,शिवा के लन्ड पर जब उसकी नाजुक जीभ का स्पर्श होता शिवा के मुह से मस्ती की सिसकिया निकल जाती ,पायल की जीभ शिवा के सुपाडे पर बने छेद पर टकरा जाती तो शिवा का लन्ड थरकने लगता था ,पायल ने शिवा के सुपाडे के छेद में अपनी जीभ को नोकदार बनाकर घुसाने लगी ,उसके अंदर बसे जलतत्व को इस नोक से कभी ने खत्म होने गाढे जल का आभास होने लगा ,पायल के मुह से एकदम खिंचाव बढ़ने लगा ,उसके मुह से वो इतनी ताकद से शिवा के लन्ड को सुपाडे से चुसने लगी कि शिवा भी उसकी चुसने कि ताकद से हैरान हो गया ,शिवाय का लन्ड इस मुह के सामने हार गया और उसके लन्ड ने अपनी गाढ़ी मलाई छोड़ने शुरू कर दी ,शिवा का लन्ड किसी पानी की नल की तरह अपना माल छोड़ रहा था जो पायल बड़े आराम से पी रही थी ,शिवा के लन्ड से पहले जैसे माल की पिचाकरी निकलती थी जो दस बार निकल कर बन्द हों जाती थी ,पर शिवा के लन्ड से पायल इस ताकद से माल खींच रही थी कि शिवा लन्ड लगातर अपना पानी छोड़ रहा था ,शिवा के लन्ड से कितनी देर तक पायल माल पीती रही इस बात का उसे खुद को पता नही था ,अपनी आंखें बंद करती वो अपना मन भरने तक उस गाढ़ी मलाई को पचाये जा रही थी ,अपना मन भरने के बाद जब उसने शिवा का लन्ड अपने मुह से निकाल दिया ,शिवा हैरत से पायल को देख रहा था ,शिवा 100 बार जितना झड़ता था उतना ही माल पायल ने एक बार मे पी लिया था ,अपने ओठो पर लगी शिवा के मलाई को चाटती वो शिवा के आंखों में देखकर उसे अपनी ताकद दिखाते हस रह थी ,शिवा के चेहरे पर अपार संतुष्टि फैल गई थी ,अपने जलतत्व की छोटा ताकद का एक नमूना पायल ने शिवा को दिखा दिया था ,अपने छोटे से मुह की ताकद बताकर उसने शिवा को यह अहसास करा दिया था कि उसकी चुत में कितना दम होगा ,शिवा के लन्ड से डरने की बजाय वो अब शिवा को अपने चुत के ताकद का भय दिखाने लगी थी ,शिवा ने भी पायल को पीठ के बल सुलाकर उसके ओठो को चुसने लगा था ,अपने मोटे लन्ड पर एक हाथ को अपनी माया से निर्मित तेल लगाकर चिकना करने में लगा था ,अपने लन्ड को एकदम चिकना करने के बाद शिवा ने पायल की चुत के छेद को भी तेल से अपनी उंगली से एकदम चिकना कर दिया ,पायल के चुत पर शिवा ने अपना लन्ड रख दिया उसके सुपाडे के मोटाई के आगे उसकी चुत पूरी ढक गई थी ,पायल को अपने चुत पर शिवा के गर्म सुपाडे का स्पर्श होते ही उसने अपनी टाँगे खुद ऊपर कर दी ,अपने चुत के छेद पर उस सुपाडे की गर्मी झेलती अपनी दोनो टाँगे शिवा की कमर में जकड़ने लगी थी ,शिवा को उसकी आँखों मे एक डर नही आमंत्रण था कि आओ मुझ में पूरी तरह समा जाओ ,शिवा ने उसके 36 के गोल रबर जैसी गांड़ को पकड़कर एक जोरदार धक्के से अपने 20 इंच लम्बे और 12 इंच मोटे लन्ड को आधा अंदर घुसा दिया ,पायल के चुत का छोटासा छेद को भेदकर उसको पूरा फाड़ता शिवा का लन्ड अन्दर घुस गया था ,पायल के मुह से दर्दभरी चीख निकल गई ,उसके आंख से पानी बहने लगा था ,चुत से तो खुन की धार निकल रही थी,पायल की आंखे एकदम पानी के जैसे हो गयी थी ,उसमे कोई रंग ही नही दिख रहा था ,एकदम पानी की तरह साफ उसकी आंखें देखते हुवे शिवा ने एक और तेज धक्के में उसका लन्ड पूरा पायल की चुत में ठोक दिया था ,पायल की चुत किसी रबर की तरह उसके मोटे पाइप जैसे लन्ड पर चिपक गई थी ,शिवाक़े दूसरे धक्के से मानो पायल के मुह से और भयानक चीख निकल गई थी ,उसके चुत को शिवा ने बहुत बुरी तरीके से फाड़ दिया था ,उसके दर्द की कोई सीमा नही थी ,शिवा पायल की नरम गांण्ड को दबाकर अपने लन्ड से पायल के चुत में धक्के लगाने लगा ,पायल की चुत में एक गीलापन था जिसमे शिवा के लन्ड को असीम सुख मिलने लगा था ,हर धक्के के बाद ऊसकी चुत की गर्मी बढ़ती जा रही थी ,पायल को चोदते हुवे शिवा के हर धक्के से पायल की चुत में एक तूफान उठने लगा था ,शिवा का लन्ड उस तूफान को उसकी चुत की गहराई में ठोकर मार कर और भड़का रहा था ,शिवा के धक्कों से पायल के मुह से एक तेज चीख निकल गई जिसके साथ पायल की चुत ने अपना पानी छोड़ना शुरू कर दिया ,उसकी चुत से पानी का दरिया बहने लगा था ,शिवा ने अगर पायल को कसकर नही पकड़ा होता तो शिवा को भी उसके तेज बहाव ने दूर तक फेक दिया होता ,पायल की चुत में अपना लन्ड फसाकर शिवा उस पानी के तेज बहाव में अपना लन्ड गाड़े डटा था ,पायल की चुत से निरन्तर पानी बह रहा था ,जो शिवा के लन्ड में घुसकर बड़ी तेजीसे शिवा में समा रहा था ,बचा हुवा पानी शिवा के लन्ड के ऊपर से निकल कर उन दोनों के नीचे जमा हो रहा था ,जहा शिवा हर किसी के चुत में अपना माल भरके उसकी चुत की आग बुझा देता था वहां पायल की चुत का पानी उल्टा उसके लन्ड में घुसकर शिवा को अपने चुत के पानी से भरने लगी थी ,शिवा अपनी पूरी जान लगाकर पायल को चोदने में लगा था ,उसको पायल के चुत में लन्ड अंदर बाहर करने में उसके चुत से बहते पानी के दबाव से बहुत ज्यादा मुश्किल होने लगी थी ,शिवा की गांण्ड किसी के सामने चोदते हुवे पहली बार फट गई थी ,पायल उस पर बहुत ज्यादा भारी पड़ने लगी थी ,शिवा और पायल दोनो पूरी तरह पायल की चुत के पानी मे डूब गए थे ,शिवा अगर पानी मे सांस लेने की ताकद नही रखता तो अबतक वो पाणी में दम घुटने से ही मारा जा चुका होता ,इस अनोखी और निराली चुदाई में अब शिवा को बहुत मजा आने लगा था ,उसे अपने लन्ड की ताकद दिखाना का मौका मिल रहा था पहली बार ,शिवा पायल को पानी मे अब बहुत ही बुरी तरह चोद रहा था ,ना उनके नीचे कोई पलँग था ना कोई गादी जिसके सहारे वो पायल की पीठ टिकाकर उसे चोद सके ,पायल की चुत के गर्म पानी मे वो उसे चोदने में लगा हुवा था ,उसने पायल की गांण्ड को पकड़ कर उसकी चुत को अपने लन्ड का मजा देने की कोशिश कर रहा था ,पायल भी अपनी गांण्ड का जोर लगाकर अपनी चुत शिवा के लन्ड पर पटक रही थी ,शिवा के लन्ड में भी अब हलचल होने लगी थी उसका लन्ड भी झड़ने पर आ गया था ,शिवाके लन्ड ने एक तेज धार के साथ अपने लन्ड में घुसने वाले पानी को चीरकर अपना पानी बहाना शुरू कर दिया ,पायल की चुत के पानी का बहाव पूरी तरीके से पीछे करता उसके लन्ड ने अपने गर्म माल से पायल की चुत को भरना शुरू कर दिया ,पायल की चुत में शिवा बहुत ज्यादा झड रहा था ,उसके लंड ने पायल की चुत से निकलते पानी को पूरा रोक दिया था अपने गर्म माल की मोटी धार से ,पायल के चुत में गहराई तक वो तेज वीर्य की धार गिर रही थी ,जिसकी वजह से पायल को खुद को संभलना बहुत मुश्किल हो रहा था ,अगर शिवा ने उसे कस कर पकड़ नही रखा होता तो पायल इस बार दूर जा चुकी होती इस तेज धार की मार से ,शिवाने पायल की चुत की गहराई को अपने माल से पूरा भर दिया था ,पायल की चुत से पानी बहना अब बन्द हो चुका था ,उसकी चुत अब शिवा की गर्म मलाई को बड़ी तेजीसे अपने अंदर सोखने में लग गई थी ,पायल का पूरा शरीर पानी जैसा हो गया था ,शिवा ने अगर उसे थाम कर नही रखा होता तो ,शिवा भी उसके शरीर को पानी मे देख नही सकता था ,अपने लन्ड से पानी छोड़ना बन्द होने के बाद उसने पायल को फिर से पानी मे चोदना शुरू कर दिया ,ना जाने शिवा ने कितनी बार अपने लन्ड से पायल की चुत में माल भरा था ,पर पायल की चुत थकने का नाम नही ले रही थी ,उसके चुत में शिवा ने अपने गर्म माल की नदियां भर दी थी ,पर पायल की चुत बड़े आराम से उसके माल को पचाकर अगली चुदाई के लिये तैयार हो जाती थी ,शिवा पायल की चुत से परेशान हो गया था ,उसने पायल की गांण्ड को पकड़ कर अपनी मोटी सी उंगली पायल के गांण्ड में एक झटके से उतार कर उसकी गांण्ड को अपने उंगली से चोदते हुवे उसकी चुदाई करने लगा ,पायल के मुह से बहुत देर बाद दर्द और मजे की सिसकिया निकलने लगी थी ,पायल का चेहरा भी दिखने लग गया था ,शिवा न अपने लन्ड को उसकी चुत से निकाल कर उसकी गांण्ड में एक झटके में ही पूरा उतार दिया ,शिवाक़े इस प्रहार को पायल झेल नही सकी उसके मुह से एक चीख निकल गई ,पायल के छोटे से गांण्ड के छेद को शिवा ने पूरी तरह फाड़ दिया था ,पायल का शरीर अब सामान्य हो गया था ,अपने गोद मे उठाकर शिवा पायल की नरम गांण्ड को अब फाडने में लग गया था ,पायल के मुह से निरन्तर चीखे निकल जाती थी ,पर शिवा उस पर कोई रहम नही कर रहा था ,वो किसी कुतिया की तरह पायल की गांण्ड मार रहा था ,पायल के गांण्ड से निरन्तर खुन बहने लगा हुवा था ,ना उसका दर्द कम हो रहा था ना गांण्ड से बहता खुन ,शिवा ने पायल की गांण्ड में अपना माल भरने के बाद ही उसके गांण्ड से अपना लन्ड निकाला था ,शिवा के गोद मे लटकी पायल की गांण्ड से शिवा ने लन्ड निकालने के बाद उसकी गांण्ड से एक बूंद भी शिवा के वीर्य की नही गिरी थी ,उसकी गांण्ड का छेद भी उसके चुत के तरह शिवा के माल को सोख चुका था ,शिवा के गले मे लटकी पायल बड़े प्यार से बोली ,में तो आपको जलशक्ति देने के लिये ही अपने चुत से आपके अंदर उसको भर रही थी ,पर आपने तो मेरी चुत का गुस्सा मेरे बिचारे छोटे से गांण्ड पर निकाल दिया ,जरा मेरी जलती चुत का भी ख्याल कीजिये वो आपके लिये तडप रही ,इतना कहकर पायल ने शिवा के लन्ड को अपने एक हाथ से पकड़ कर एक ही झटके में उसे अपने अन्दर लेकर शिवा के बाहो में झूल गई ,शिवा को पायल की बेबाकी बहुत पंसद आयी थी ,वो भी अब पायल की चुत को चोदने में लग गया ,पायल को अपनी गोद मे लेकर बहुत देर तक वो चोदता रहा ,इसबार पायल की चुत से पानी निकला पर वो कम मात्रा में ही निकला जो शिवा के लन्ड ने पूरा सोख लिया ,पायल को बहुत देर तक चोद कर शिवा ने उसे अनगिनत बार झडा दिया था ,शिवाय ने जब उसके चुत में अपना गर्म माल भर दिया तो पायल के मुह से एक सुकन भरी सिसकिया निकलने लगी थी ,वो शिवा के माल के गर्मी से शिवा के गले मे ही उसे पकड़ कर सो गई थी ,उसकी चुत में जड़ तक फंसा गर्म लन्ड लेकर ही वो मजेसे सो रही थी ,पायल के चुत से निकले पानी ने समय मनी को पूरा भर दिया था ,अगर शिवा ने उसे कही बाहर चोदा होता तो इस पानी से वो आधी दुनिया को डूबा चुकी होती ,शिवा को पायल ने पूरी जलशक्ति की ताकद दे दी थी ,शिवा का शरीर भी किसी पानी की तरह हो गया था ,उसने उस पानी को एक बार मे ही पायल और उसके शरीर मे सोख लिया था ,पूरा पानी साफ होने के बाद शिवा ने समयमनी के कमरे को पहले जैसा कर दिया ,पायल के साथ वो कमरे में बने बेड पर लेट गया था ,शिवा 30 दिन से पायल को समयमनी में लगातार चोद रहा था ,पहली बार शिवा को किसीने थका दिया था ,पायल की चुत में लन्ड जड़ तक फसाकर शिवा उसे अपने सीने पर लेकर शिवा भी सो गया था ।
 

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