Incest जिन्दगी एक अनाथ की ~written by Goldybull~

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Update 116

शिवा की शादी के 3 दिन पहले से ही घर मे मेहमान आने शुरू हो गए थे ,देसाई परिवार के मुम्बई में 5 बड़े होटल थे 10 दिन पहले से ही वहां पर शादी की तैयारी शुरू हो गयी थी ,होटल में हर तरफ नई चीजें लगाई गई थी ,हर होटल के कमरो में सारा सामान बदल कर नया लगा दिया था ,सभी कमरों में सिर्फ मेहमान ही रुकने वाले थे ,शिवा ने भी अपने सभी लोगो के लिये 5 मुम्बई के सबसे बड़े होटल बुक कर दिए थे ,पूरे मुम्बई में इस शादी के चर्चा हो रही थी ,शिवा ने सभी अनाथलय मे भी अपने पैसों से सबके के लिये नए कपड़े भेज दिए थे ,उसके सभी रिश्तेदार तो अलग लोक से आने वाले थे ,पर धरती पर उसने जितने भी अनाथलय है वहा पर कपड़े भेज दिए थे ,शिवा ,शिवाय ,नेत्रा ,काल2 के हजारो प्रतिरुप सब काम संभल रहे थे ,इतने सारे आदमी इस शादी की देखरेख करने की वजह से कोई भी गड़बड़ी नही हो रही थी ,सभी काम करने वाले आम लोग तो नही थे ,दिव्य शक्ति धारक इस सबमें शामिल होने से हर काम एकदम सही ढंग से हो रहा था ,शिवा के हल्दी के दिन उसके घर मे सभी जमा हो गए थे जिसमें देसाई परिवार का हर रिश्तेदार के साथ अभी लोक से आयी हुवीं शिवा या काल की सभी पत्निया ,उसके बेटे ,बेटिया ,पोते शामिल थे ,शिवा का नया मकान तो आलीशान था ही पर उसके साथ ही बहुत बड़ा गार्डन भी उस घर के बाहर बना हुवा था ,जिसमे आराम से 1500 लोक समा सकते थे ,और इसको नेत्रा की माया ने इतना बड़ा कर दिया था कि 10 हजार लोग भी उस गार्डन में समा सके ,पूजा ,मोना ,नरगिस ,सनम ,नीलोफर ,सलमा ,बेनझिर को हल्दी लगाई जा रही थी ,नरगिस की तरफ से सिर्फ सिनोब और कोकी ही शामिल थे ,विनोद और सनी नरगिस के भाई के रूप में खड़े होकर नरगिस की हर रस्म पर ध्यान दे रहे थे,साथ मे शिवा की 7 तत्वों वाली बीवियां ,नेत्रा ,तेजा ,तेजाली ,तेजस्विनी ,मंदा ,हिमांनी, केतकी ,शिवानी ,निता ,सुनीता ,शान्ती ,सीमा ,ज्वाला ,ज़ीनत के साथ हर लोक की शिवा की पत्निया भी इस हल्दी में होने से हर तरफ सुंदर औरतो दिख रही थी ,शिवा के सभी अंश ,उसके बेटे ,हल्दी की रसम देख रहे थे सबके लिये एकदम नया था ,इसी बीच शादी में नीलम उसके दोनो बेटीयो के साथ आ गई थी ,नंदनी भी अपने पति और बेटी के साथ इस शादी में शामिल थी ,और सबसे बड़ी बात निता के सभी भाई अपनी बीवियों के साथ आये थे ,निता का एक भाई राजन भी 14 साल बाद लंडन से आया था इस शादी में ,सब एक दुसरे में बाते कर रहे थे पर शिवा के घर के एक कमरे में एक मस्त औरत पूरी नंगी होकर एक आदमी से अपनी चुत मरवा रही थी ,उस औरत का बदन एकदम गजब का था 40 32 44 कि फीगर वाली उस औरत की मोटी गांण्ड को मसल कर एक 7 इंच के लन्ड वाला उसे चोदने में लगा था ,घर मे इस वक्त कोई भी नही था ऐसा उन दो चुदाई करने वालो को लग रहा था और यही उनकीं सबसे बड़ी भूल थी ,घर मे लामन और लामनी थे पूरे घर मे अदृष्य रूप से घूमकर ध्यान रख रहे थे ,शिवा के घर मे नरगिस ने हर कमरे में शादी से पहले सी सी टीवी कैमरा लगा दिए थे माइक के साथ इस लिये हर कमरे में जो भी होता या बोला जाता वो सब रिकार्ड हो जाता था ,वो दोनो पिछले 10 मिनीट में चुदाई में लगे थे ,7 मिनीट तो उनके कपड़े निकलाने और चूमने चाटने में ही चले गए ,जैसे ही वो औरत गर्म हो गयी उस आदमी के लन्ड ने अपना पानी फेक दिया ,उस औऱत के चुत से लन्ड निकाल कर वो आदमी हांफने लग गया था ,उस औरत उस आदमी के छाती पर एक लात मार कर कहा ,साले लन्ड में दम नही रहा क्या तेरे ,कितने दिनों बाद आज तुझसे चुद रही हु ,हरामी की औलाद ,तू पहले से हिजडा ही है ,अपनी गांण्ड मराले किसी से जाकर ,आज के बाद फिर कभी मेरे सामने भी आया तो तुझे जान से मार दुंगी ,वो आदमी इतनी बेइज्जती होने पर भी हस रहा था वो हसकर बोला ,में मेरी गांण्ड किसी से मरा भी लू पर तेरी गांण्ड तो अभी भी कोरी दिख रही है मुझे ,किसी से चुद लेती ना इतने सालों में ,तू बोले तो किसी को भेज दु क्या तेरी प्यास को बुझाने ,या मनोज को ही बुला कर लावू ,तुझे तो बहुत पसंद है ना उसका लन्ड ,हि हि ही ,वो औरत यह सुनकर बोली ,कमीने भाई होकर सगी बहन को चोदने में तुझे शर्म नही आती यह तो में जानती हूं ,पर अपनी बहनों का दलाल भी बन गया क्या तू ,इसीलिये तूने शादी नही की अबतक ,वो आदमी हस कर किसीका भाई में तेरा कोई भाई नहीं हूं ,तेरे बाप ने मुझे पाल पोस के बड़ा किया है बस ,इसका मतलब में तेरा भाई हो गया ,तुम लोगों के वजह से ही में निता का पतीं नही बना पाया था ,तेरे बाप का क्या जाता अगर मुझसे वो निता की शादी करा देता ,में ऐसा भटकता तो नही जिंदगी में ,उसके ऊपर तुझ जैसी नागिन मिल गई मुझसे जो अपनी तन की आग शादी से पहले से मुझे ठंडी करती थी ,तुझसे भी तो में शादी करने तैयार था ना,पर तु पैसों की लालची निकली और किसी बड़े घर मे शादी करके निकल गई ,अरे तूने मुझसे ऐसे काम करवाये है कि में सोचता हूं कि तू उनकी सगी बेटी है या सौतेली, खुद की बहन की दुश्मन है तू ,तेरी सच्चाई जिस दिन सबको पता चलेगी उस दिन क्या करेगी ,मनोज तो तुझे जिंदा गाड़ देगा ,उसका भाई नरेश कितना खतरनाक है पता है ना ,तूने अगर मनोज और निता का एक्सीडेंट नही करवाया होता ,तो मुझे लंदन नही भागना पड़ता ,वो नरेश अभी तक उस आदमी की तलाश में है जिसने वो ऑक्सिडेंट करवाया था ,कमीनी तेरी वजह से निता का बेटा मारा गया ,अपने हवस के चक्कर मे तूने यह बहुत बड़ा पाप किया है ,मुझे तो अंदाजा भी नही था कि तूने ट्रक वाले को क्या बोल कर रखा था ,में इतना बड़ा ऑक्सिडेंट नही करने के लिये बोला था ,मनोज और निता तो बच गये पर बिचारा वो लड़का मारा गया ,में अभी भी चैन की नींद नही सोया हु ,निता की शक्कल देखकर मुझे खुद से ही घिन आती है ,अपनी हवस के चक्कर मे हमने किसी बच्चे की जान ले ली ,में उस दिन से तुझसे बात नही करने की यही वजह नीलम ,तू कब तक अपनी बहन से नफरत करेगी ,अरे तुझे औलाद उसकी ही वजह से हुवीं है ,वरना मनोज कभी तुमको हाथ भी नही लगाता ,उसके अहसान मानने की जगह तू ऐसे खेल रही है उनके साथ ,तेरा मन अभी भी शांत नही हुवा ना ,मुझे नदीम ने बताया थी कि तुमने कुछ दिन पहले निता और सीमा को कुछ नशे की दवाई पिलाई थी और तुझे इतनी भी शर्म नही आती की तू अपने ही भाइयो की बेटीयो को अगवा करके उनकी माँ से ऐसे काम करवाती हो ,में आज तुमसे बात करने आया था ना कि चुदाई करने ,अपनी नफरत से ना तुम्हे कुछ मिलेगा ना तुम कभी खुश रह सकोगी ,भगवान ने तुम्हे भी दो बेटियां दी है ,सोचो उनके साथ कोई ऐसे करे तो तुम्हे कैसा लगेगा ,नीलम अपने भाई राजन की बातो से चिढ़ गयी ,साला तेरा खड़ा नही होता और तू मुझे सीखा रहा है ,तू पहले स्व डरपोक है ,में निता को कभी माफ नही करने वाली ,में मनोज से शादी करना चाहती थी ,वो मेरे साथ ही पढता था ,में उसे अपने प्यार के बारे में कुछ बता पाती उसके पहले यह निता बीच मे आ गई निता से पहले 6 महीने से में मनोज को जानती थी ,निता मुझसे भले ही दिखने में कम सुंदर है ,पर मनोज को निता ही पसन्द आयी ,उसने मेरी खूबसूरती ,मेरे प्यार का अपमान किया ,निता के वजह से ही में इतनी भटक गयी ,में जब तक निता को बर्बाद नही कर दूंगी तब तक चुप नही रहुंगी ,मनोज ने मुझे बच्चे देकर कोई अहसान नही किया है ,मेंनें ही मेरे पति को नामर्द बना दिया था शादी से पहले ,मेंनें उसे ऐसी दवाई खिलाई थी कि उसके वीर्य में बच्चे पैदा करने की ताकद ही ना रहा ,राजन में एक ऐसी आग में जल रही हु जिसे निता की मौत ही बुझा सकती है ,उसकी बेटी सबसे छोटी होकर सबसे पहले उसी की शादी कर दी ,इतना ही नही उसका पति दुनिया का सबसे आमिर आदमियों में शामिल है ,मुझे निता के साथ इस नेत्रा को भी खत्म करना है ,निता से जुड़ी हर चीज को बर्बाद करने के बाद ही में चैन से बैठने वाली हु ,राजन सब सुनकर उसे बोला नीलम में आज तुम्हे आखरी बार समाझा रहा हु ,तुम यह जिद छोड़ दो ,किसी का बुरा करके हम कभी सुखी नही हो सकते ,अरे जिस निता के लिये मेरे मन मे इतने बुरे ख्याल थे वो बिचारी भाई कहकर जिस तरह मुझे लिपटकर रोयी थी ना आज मुझे उसके बेटे की मौत के वक्क्त का किया हुवा पाप याद आ रहा था ,उस बेचारी को सबसे बड़ा दर्द देने वाले को ही वो अपना प्यार दे रही थी ,इतने साल में परिवार से दूर रहा पर निता हमेशा मेरे बारे में फिक्र करती रही ,अरे हर राखी के दिन मुझे वो फोन करके बुलाती थी ,तुम तो बहन हो ही नही मेरी पर ना कभी नंदनी ने मुझे फोन किया कभी ना मेरे भाइयो ने ,पर मनोज और निता ने हमेशा मेरा ध्यान दिया ,तू जानती है मुझे लंदन में बिझनेस के लिए पैसे भी मनोज ने ही दिए थे ,मुझ जैसे पापी को उन्होंने बदल दिया अपने प्यार से ,तुझे में एक बात बोल देता हूं ,भले मेंनें सब कुछ छोड़ दिया है पर राजन आज भी इस मुंबई में इतनी हैसियत रखता है कि मेरे एक फोन पर तु गायब हो सकती है इस दुनिया से ,आज के बाद में अपने परिवार में ही रहने वाला हु ,मेरा कोई नही है इनके सिवा में ही इनको पराया मानता आया आजतक ,अरे तुम्हारे भाइयो ने मेरे हिस्से की दौलत जो पापा छोड़ कर गए थे ,अभीतक वैसेही रखी है ,तुझे पता है मेरे भाई मुझसे नाराज क्यो थे ,उन्हें इस बात का दुख था कि मेंनें अपने हिस्से की दौलत कभी नही मांगी उनसे ,ना कभी उनसे मेंनें कभी पैसे मांगे ,निता की शादी वाली बात तो पापा ने उन्हें कभी बतायी ही नही थी ,में एक अनाथ होकर तुम्हारे परिवार ने मुझे अपना ही माना हमेशा पर में पापी उनको ही दुश्मन मानता रहा ,पर आजके बाद उनके लिए ही में जीने वाला हु ,निता के परिवार की ढाल बनकर खड़ा रहेगा यह राजन ,जिस दिन मुझे पता चला कि तूने कुछ गड़बड़ की तो समझ लेना तेरा आखरी दिन होगा इस दुनिया का ,नीलम उसकी बात सुनकर हसने लगी ,अरे भड़वे ,में नीलम हु समझा ,मे तुझे एक पल में मिटा दुंगी अगर तू मेरे रास्ते मे आया तो ,इतने सालों से मेंनें क्या किया है तुझे पता नही है ,तुझ जैसे राजन मेरे पाव के एक ठोकर में खत्म हो सकते है ,आज ही निता मरेगी ,उसकी बेटी नेत्रा ,उसका पति काल और मनोज भी ,तू देख इस हल्दी में आज खुन की नदियां बहने वाली है ,जा बचा ले तेरी बहन और उसके परिवार को ,दिखा मुझे तेरी ताकद ,तू कुछ भी नहीं कर पायेगा ,तेरे सामने ही मरने वाले है सब ,राजन यह सब सुनकर फौरन अपने कपड़े पहनकर घर के बाहर आया और किसी को फोन लगाकर बात करने लगा जब उसकी फोन पर बात खत्म हो गईं तो उसके चेहरे पर चिंता की रेखाएं आ गयी थी ,सामने वाले ने उसे यह खबर दी के आज मुंबई में एक बहुत बड़ी सुपारी दी गई है ,50 करोड़ की यह सुपारी जमाल नाम के सबसे खूंखार गुंडे ने उठाई है ,वो जेल में बंद होकर अपना काम चला रहा है ,शिवाय नाम के गुन्हेगार के काल की वजह से ऐसे काम करने वाले बहुत कम बचे थे ,जिस वजह से यह खुन की सुपारी कोई भी नही ले रहा था ,जमाल ने इस काम के लिए कौनसे आदमी लगाए है यह बताना बहुत मुश्किल था ,राजन को यही चिंता थी ,की अगर मुंबई का कोई भी और गिरोह होता तो वो यह सुपारी रुकवा सकता था ,राजन की पूरी जवानी गुन्हेगार बनकर ही चली थी ,अपने बाप के पैसे के दम पर उसने भी बहुत नाम कमाया था मुम्बई में ,हर बुरा काम करने वाला राजन को जानता था ,पर निता के बेटे की मौत के बाद उसमे बहुत बदलाव आ गया था ,वो सब बुरे काम छोड़ चुका था ,उसे बस निता से शादी करनी थी उसे मारने का कोई उसका मकसद नही था ,वो बस मनोज को मार के निता को हासिल करना चाहता था ,पर निता के बेटे की मौत के बाद जब उसने निता का हाल देखा था तो उसे खुद पे ही बहुत शर्म आयी थी ,उसने भले गुन्हेगारी के दलदल में जिंदगी जी थी पर कभी किसी को मारा नही था जान से ,वो बस आपने बाप के दौलत को जुआ ,शराब में उड़ाता था ,नशे का सबसे बड़ा धंदा करके उसने इस का काली दुनिया मे तो बहुत कमाया था पर वो खूनी नही बना था ,आज उसे निता के परिवार की बहुत चिंता होने लगी थी ,उसने अपने सभी दोस्तों को फोन लगा दिए ,कुछ लोग जिंदा थे पर जेल में बंद थे तो कुछ मारे गए थे ,फिर राजन ने अपने सबसे पुराने दोस्त जो मुम्बई का पुलिस कमिश्नर बन चुका था उससे बात की ,राजन की बात सुनकर उसके दोस्त ने कहा तुम बिल्कुल चिंता मत करो मव अभी अपनी एक पुलिस की टुकड़ी वहां पर भेज देता हूं कुछ काबिल अफसर के साथ ,राजन को इस बात से थोडी राहत तो मिली पर उसके मन का डर कम नही हो रहा था ,पर उसे क्या पता कि जीसने भी यह सुपारी उठायी थी वो कितनी बुरी मौत मरने वाला है ,क्योकि नीलम और राजन की सब बाते तीन लोगो ने सुन ली थी ,जिसमे एक थी नेत्रा ,दूसरा शिवाय और तीसरा महानाग ,उन तीनों के प्रतिरूप को लामन ने ही बुलाया था ,शिवा को यह बात पता नही चलने चाहिए यह कहकर नेत्रा वहां से चलीं गयी ,शिवाय,महानाग के साथ सभी अंश अब शादी में आये सभी लोगो के दिमाग को पढ़कर उनमे जो जमाल के आदमी थे उन्हें चुन चुन कर धुंडने लगे ,दस मिनीट में ही सभी को ढूंढकर उन्हें शिवा के मकान के नीचे बने एक मायावी तहखाने में बंद कर दिया ,50 आदमियों को पकड़ कर वहां रखा गया था ,उन्हें तो पता भी नही चला था कि कब उन्हें इस जगह पर लाया गया ,वो तो गार्डन में जो शादी की भीड़ थी उसमे शामिल थे ,उनके सामने बस 10 लोग थे ,पर उन सबके चेहरे पर गुस्सा दिख रहा था ,शिवाय ने अपने साथ खड़े महानाग से कहा भाई तुम शादी के मजे लूटो में इन्हें देख लेता हूं ,पर यहा पर काम थोड़ा बिगड़ गया था ,शिवा के बेटे मतलब ,पिनाकी,ध्रुव ,आदित्य यह तीनों अपने सभी पिता के अंशो से बोले ,आप यह काम हमे करने दीजिये ,आज इनके साथ इस शहर की सारी गंदगी साफ कर देते है हम तीनों भाई ,वैसे भी हम बड़े हो गए है और हमारे परिवार पर बुरी नजर डालने वाले को हम ही जवाब देंगे आज के बाद आप सभी यहा से चले जाइये और शादि का मजा लीजिये ,हम इनका काम खत्म करके अभी आते है ,शिवाय ने हसकर कहा ,ज्यादा डराना मत इनको सीधे मार देना ,शिवाय के साथ बाकी सभी वहासे एकदम गायब हो गए ,जमाल के आदमियों की यह सब देख कर गांण्ड फट गई थी ,पिनाकी ने अपने पिता के सभी अंश जाने के बाद आदित्य और ध्रुव से कहा आप दोनो मुझसे बड़े हो इसलिए पहले में इन्हें में सबक सिखाता हु ,बादमे आप दोनो को भी मौका दे दूंगा ,पिनाकी की यह बात सुनकर उसके दोनो भाई हसने लगे ,पिनाकी को उसके सभी बेटे छोटा भाई मानते थे, आदित्य पता है हमे सब तू क्या करने वाला है पर एक बात याद रखना यहा पर तुम जो चाहे कर सकते हो पर इस शहर की बाकी किसी जगह पर तुम कुछ भी नही करना ,बोलो मंजूर है ,पिनाकी,चलो एक काम करते है तीस को में देखता हूं बाकी 20 आप दोनो देख लेना ,और बाहर भी आपकी मदद में करूँगा आपके हिसाब से ,आदित्य और ध्रुव ने यह बात मान ली ,फिर उन तीनों ने जमाल के आदमियों को इतनी बुरी तरह मार मार के खत्म किया कि पूरे तहखाने में खून और हड्डियां ही दिख रही थी ,तीनो भाई यह सब खत्म होने के बाद नेत्रा के पीछे चले गए ,पिनाकी ने नेत्रा के साथ अपना एक भाई चुप के से भेज दिया था ,उसकी वजह से वो तीनो नेत्रा तक आराम से पहोच गये ,नेत्रा इस वक्त मुंबई के सेंट्रल जेल में कहर मचा रही थी ,सब पुलिस वाले बेहोश थे ,नेत्रा ने जेल में बंद हर कैदी का मन पढ़कर कुछ कैदियों को बेहोश कर दिया जो मजबुरी की वजह से छोटी मोटी चोरियां करके गुन्हेगार बन गए थे ,और बाकी सभी कैदियो को वह पाताल की आग में जलाकर मार रही थी ,हर तरफ उस आग में जलने वाले कैदियों की चीखें गूंज रही थी ,पर नेत्रा रुकने का नाम नही ले रही थी ,उस जेल में 4000 कैदियों में से बस 300 को छोड़कर वो सबको उस आग में जलाकर मार रही थी ,पिनाकी के साथ जब उसके दोनो भाई वहां पर जब तक पोहच पाते नेत्रा ने सबको मार दिया था ,पाताल की आग में तो रूह तक जल जाती थी इस वजह से वहां सिर्फ़ काले दाग जमीन पर नजर आ रहे थे ,हड़िया भी नही बची थी किसीकी वहां पर ,जमाल को सिर्फ नेत्रा ने मारा नही था अब तक पर उसके जितने भी साथी इस जेल में थे सब उसके आंखों के सामने जलकर मरते देख कर जमाल डर की वजह से पागल हो गया था ,नेत्रा ने जमाल के पागल पन को देख कर सबसे पहले उसे अपनी शक्तियों से ठीक कर दिया ,जमाल को जब वो मारने वाली थी तभी पिनाकी बोला ,छोटी मा आप यह काम मत करना इसे में मारूंगा ,इसने आपको मारने की बात सोच कर बहुत बड़ी गलती कर दी है ,और आपके बेटो के होते आपको इसके गन्दे खुन से हाथ साफ करने की जरूरत नही है ,पिनाकी नेत्रा को बहुत मानता था जबसे वो गरुड़ लोक में रहने लगा था ,तबसे वो अपना सबसे ज्यादा वक्त नेत्रा के साथ ही बिताया करता था ,पिनाकी की बाते ,उसकी सोच नेत्रा को बहुत पसंद आती थी ,नेत्रा ने गरुड़ लोक में अपने पास का नीलमणि पिनाकी को दे दिया था ,नेत्रा में इतनी शक्तिया थी के उसे शिवा के पास सी मिली कुछ चीजो की जरूरत नही थी ,उसने आदित्य को दिव्य धनुष और अक्षय बाणों का भाता दे दिया था तो ध्रुव को दिव्य तलवार दे चुकी थी ,उसने अपनी शक्तियों से शिवा के हर बेटे को अपनी शक्तियों की मदद से पहले से 100 गुना मजबूत और ताक़दवर बना दिया था ,सभी बच्चे नेत्रा को बहुत मानते थे ,उन सबको अपनी इस मा से बहुत लगाव था ,और पिनाकी तो उसके लिये अपनी जान तक देने को तैयार रहता था ,नेत्रा ने पिनाकी की तरफ देखकर कहा ,ठीक है पर इसे मारना नही इसे जिंदा रखना और जिंदगी भर यह रोज मरने की दुवा मांगे ऐसी इसकी हालत कर देना ,पिनाकी को यह बोलकर नेत्रा अपने साथ आदित्य और ध्रुव को लेकर चली गयी ,पिनाकी ने भी जमाल को पाँच मिनीट में ही बिना हाथ पांव का ,आंखों से अंधा ,जुबान कटी हुवीं ,कानो से बहरा कर दिया ,जमाल का लन्ड काट कर पिनाकी ने उसकी गांण्ड में पाताल में पाए जाने वाले ऐसे कीड़े छोड़ दिये की जो बहुत ही सूक्ष्म होते थे ,वो आंखों से तो क्या किसी भी आधुनिक दूरबीन से भी नही दिख पाते थे ,वो कीड़े जब तक जमाल जिंदा है तब तक उसके शरीर मे रहने वाले थे ,वो कीड़े किसीके शरीर मे जाते है तो वो बहुत ही कम मात्रा में खुन पीकर जिंदा रहते पर उनके शरीर मे होनी से पूरे शरीर मे ऐसी जलन होती कि मानो किसी आग में शरीर रखा हो ,पिनाकी जमाल को वहाँ छोड़कर वापिस शादी वाली जगह पर पोहच गया ,उसके वहां जाने के बाद थोड़ी ही देर में आदित्य और ध्रुव भी वहां नेत्रा के साथ पोहच गये ,पिनाकी को उन्होंने बता दिया कि पूरे शहर में जितने भी जमाल के आदमी थे सबको मार दिया है ,साथ मे जितने भी जमाल के तरह बाकी जेलों मे बन्द थे उन्हें भी खत्म कर दिया है ,नेत्रा और उसके साथ गये आदित्य और ध्रुव ने एक ही दिन में 10 हजार से ज्यादा गुनहगारो को मार दिया था ,किसी की भी लाश नही मिलने वाली थी नेत्रा की पाताल की आग में जलकर सब साफ गये थे ,हर तरफ कल खलबली तो मचने वाली थी पर किसी की भी लाश या कोई भी सुराग न मिलने से यह खबर पुलिस और प्रशासन किसी को कुछ बता भी नही सकते थे ,सबका शक शिवाय के ऊपर ही जाने वाला था ,नेत्रा ने सब कुछ जानकर भी नीलम को कुछ नही किया उसने नीलम और राजन के मन से सब बाते मिटा दी ,उसने उन दोनों के मन मे निता के लिए और बाकी किसी के लिये भी कोई बुरी बात न आये ऐसा कर दिया था ,नीलम और राजन को मारने से ना उसका भाई वापस आने वाला था और निता कभीं राजन और नीलम की मौत से खुश रहने वाली थी ,निता अपने सभी भाइयो और बहनो से बहुत प्यार करती थी ,और अपनी पहले से दुखी मा को अपने भाई और बहन की हरकत बताकर वो और दुखी नही करना चाहती थी ,बस अपनी माँ की तरफ देखकर उसने इन दोनों को छोड़ दिया था ,शिवाय को आज त्रिशक्ति ने बुलाकर काल2 से मिलवाया था ,त्रिशक्ति ने उन दोनों को बहुत सी बातें बताकर कुछ काम करने को बोल दिए थे ,काल2 को भी आज अपने अंदर के पिनाकी अंश की सभी शक्तियो का ज्ञान खुद पिनाकी ने करवा दिया था ,पिनाकी के अंश की सभी ताकद अपने अंदर जागृत होने के बाद काल 2 भी शिवाय की तरह बेमिसाल बन गया था ,पर उसमे जो शिवा का अंश समाया था वो महाकाल का अंश था ,यह सबसे ताक़दवर अंश था जिससे राक्षस भूत प्रेत देवता तो क्या खुद रचनाकारजी जो त्रिशक्ति में से एक थे वो भी डरते थे ,महाकाल वहीं था जिसने रचनाकारजी का एक सर झूठ बोलने पर काट दिया था ,काल2 के बारे में किसी को भी पता नही चले यह बात शिवाय को त्रिशक्ति ने समझाई थी ,वो दोनो एक दूसरे को जानते थे यह बात शिवा को भी नही पता चले यह भी उन बताकर त्रिशक्ति चले गए थे ,शिवा की शादी बहुत धूम धाम से हो गयी थी ,सब लोगोने शादी में बहुत मजे किये थे ,शिवा की शादी होने के बाद सभी अपने लोक में चले गए ,नेत्रा भी अपना एक प्रतिरुप यहा छोड़कर गरुड़ लोक चली गयी ,शिवा को सभी पत्नियों को वक्क्त देने का बोलकर वो 7 दिनों के लिये गरुड़ लोक चली गयी ।
 
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update 117
पिनाकी को लेकर शिवाय और कालराक्षस राक्षस लोक आ गए ,शिव को तो बहुत जल्दी थी अपने पिता को तकलीफ देने वाले को मिलने की पर शिवाय ने उसे यह कहकर शान्त किया कि आज के दिन आराम करना कल शाम को तुम्हे अपना शिकार मिल जाएगा ,शिवाय ने अपनी माया से शिव को एक राक्षस का रूप दे दिया ,भोकासुर ने जब शिव को वहाँ देखा तो यह बात शिवा को एक पल में समझ गई कि शिव राक्षस लोक में है ,शिवाय से मानसिक सम्पर्क करके उसने जब शिवाय से यह बात पूछी की शिव राक्षस लोक में क्या कर रहा है ,तब शिवाय ने उसे बताया कि एक काम के लिये इसे यहा पर लाया है ,कालिया नाम का एक नाग है जो हजारो साल से गायब था ,उस कालिया नाग ने बहुत से मासूम और निर्दोष लोगों को मारा था ,कालिया को शक्तिया बढ़ाने का बहुत शौक था उसकी यह चाहत थी के वह शेषनाग से भी ताक़दवर सांप बन जाये ,उसने पहले बहुत सालो तक तपसाधना करके खुद को ताक़दवर बनाने की कोशिश की पर शेषनाग की बराबरी नहीं कर पाया ,फिर उसने क्रोध में आकर अच्छाई का रास्ता छोड़ दिया और काली शक्तिया पाने की कोशिश में लग गया ,अपने आप को शक्तिशाली बनाने के लिये उसने बहुत सी लड़कियो की बलि देकर काली शक्तिया हासिल की पर फिर भी उसकी भूक शान्त ही नही हुवीं ,उसने 11 हजार कवारी लड़कियों की बलि देकर शैतानी दुनिया से बहुत ही घातक शक्ति हासिल की जिसका इस्तेमाल करके वो शेषनाग पर करने वाला था ,कालिया ने अपने घमण्ड में आकर शेषनाग को युद्ध की चुनौती दे दी पर शेषनाग के सामने कालिया एक पल भी टिक नही सका ,कलिशक्ति से मिली ताकद इस्तेमाल करना तो दूर शेषनाग की एक ही प्रहार से वो हजारो मील दूर जाकर गिर गया ,शेषनाग ने ऐसे कमजोर को क्या मारना यह सोचकर छोड़ दिया पर कालिया उसके बाद से कभी दिखा ही नही ,और आज इतने हजारो साल बाद वो भुजंग के गुप्त महल के नीचे दिख गया ,हजारो साल से उसने काली शक्ति की साधना करके अपनी ताकद को बहुत ज्यादा बढा लिया है ,अगर भुजंग ने उसे बाहर निकाला तो कालिया बहुत ज्यादा नुकसान कर सकता है ,उसके मन मे सिर्फ बदले की भावना है ,वो हर उसकी जान लेगा जो भगवान को मानते है या उनपर विश्वास करते है ,कालिया सबसे ज्यादा नुकसान धरती पर ही कर सकता है ,उसकी वजह से धरती पर बहुत से बेकसूर लोग मारे जायँगे ,भुजंग ने कालिया को महानाग का शिकार करने के लिये ही रखा था ,भुजंग को एक बात पता थी के कालिया भले शेषनाग के सामने कुछ नही है ,पर महानाग को वह कड़ी टक्कर दे सकता है ,महानाग को मारने के बाद भुजंग हिमांनी को हासिल करना चाहता था ,पर उसके तपसाधना के वक्त ही महानाग का उदय हो गया और हिमांनी का भी भुजंग को पता नही चला ,भुजंग उसके बेटो की मौत के वजह से अपना एक वरदान अपने बेटो की जिंदगी वापिस पाने के लिये खर्च कर बैठा ,अगर उसके बेटो की मौत नहीं होती तो वो त्रिशक्ति से ऐसी शक्ति का वरदान हासिल कर लेता जिससे वो महानाग को मार सके ,कालिया को वही शक्ति देकर वो महानाग से लड़ाने वाला था ,पर उसकी सब सोच उसके बेटो के मरने की वजह से धरि की धरी रह गई ,भुजंग थोड़ा सा बौखला गया है ,उसे अपने विषलोक के नष्ट होने की खबर पता चल गई है जिससे उसे अंदाजा हो गया है कि महानाग का जन्म हो चुका है ,भुजंग और कोई चाल चले इससे पहले कालिया को मारना बहुत जरूरी है ,और कालिया से लड़ने के लिये शिव एकदम सही है ,उसके पास नेत्रा का दिया हुवा नीलमणि है ,जिसकी वजह से महानाग से ज्यादा वो ही कालिया को आसानी से मार सकता है ,महानाग भले कालिया को मार दे पर कालिया के पास जो काली शक्ति है उससे महानाग भी बच पाना मुश्किल है ,शिव के पास नीलमणि की ताकद के साथ महानाग की सारी खूबियां है ,वो आसानी से कालिया को मार सकता है ,यह सब जानकर शिवा ने भी शिवाय को कुछ नही कहा ,
दूसरे दिन शिवाय के महल में सुबह ही भुजंग अपने राजसवारी लेकर पोहच गया ,भुजंग ने शिवाय को अपने साथ उस पूरे सूवर्ण रथ में बिठाकर राक्षस लोक के राजदरबार में लेकर गया ,भुजंग शिवाय को इतना आदर देने की वजह सिर्फ उसकी मजबरी थी ,गजाली और सुहाली की शक्तिया शिवाय में नही होती तो वो कब का शिवाय को मार चुका होता ,शिवाय को लेकर भुजंग राजदरबार में आने के बाद सभी खड़े हो गए ,भुजंग ने रात को ही सभी गुप्तलोक के बेटो को बुलाकर समाझाया था कि शिवाय को युवराज सिर्फ नाम के लिये बनाया जा रहा है ,ना वो ज्यादा दिन जिंदा रहेगा और ना कभी भुजंग उसे राजा बनने देगा ,भुजंग की बात को कोई भी नही टालता था ,उसने जो बोला वही सबके लिए वही आखरी बात होती है ,राजदरबार में हर एक व्यक्ति के मन मे शिवाय के लिए नफरत थी ,पर चेहरे पर खुशी दिखाते हुवे वो हसने नाटक कर रहे थे ,भुजंग ने शिवाय को राजगुरुं से इस राक्षस लोक का युवराज बनाने की सारी विधि करा ली ,भुजंग की तरह एक पर थोड़ा अलग एक सूवर्ण मुकुट शिवाय को पहनाया गया ,सबने शिवाय को युवराज बनने की बधाई दे दी ,भुजंग ने शिवाय को सबसे परिचय कराया सेनापति ,उसके सभी बेटे ,उसके कुछ खास लोक सबसे मिलाकर वो शिवाय को लेकर महल लौट आया ,शिवाय को वह सिर्फ झांसा दे रहा था ,युवराज बनाना और अगला राजा घोषित करना यह तो उसने सिर्फ कहा था ,लेकिन उसने राजदरबार में सिर्फ शिवाय को युवराज ही बनाया ,ना उसने कोई घोषणा की शिवाय अगला राजा बनेगा ,या कोई ऐसी बात कही ,उसे ऐसा लग रहा था कि शिवाय युवराज बन जाने की खुशी में कुछ बोलेगा ही नही ,और ना शिवाय को कोई रीतिरिवाज पता है राक्षसलोक के बचपनसे वो उसके बेटे के यहा बड़ा हुवा है उस बेटे को बहुत सी बातें मालूम नही थी तो शिवाय को क्या पता होगा ,शिवाय जैसा लावारिस राक्षस युवराज बनकर ही खुश होकर कभी कुछ बोलेगा नही ऐसा भुजंग को लगा था ,वो शिवाय को लेकर महल में आया ,भुजंग ,शिवाय आज से तुम इस राक्षस लोक के होने वाले राजा हो तुम्हे ही आगे चलकर इस राज्य को मेरे बाद संभलना है ,आज कुछ बाते में तुम्हे बताता हूं जो सिर्फ मुझे पता है और मेरे बाद तुमको ही पता होगी ,इस महल को मेंनें त्रिदेविया से आशीर्वाद से बनाया है ,इसमे मेंनें एक बहुत ही बड़ी ताकद को रखा है जो कभी संकट आने पर हमारे काम मे आ सकती है ,आज में तुम्हे उससे मिलाता हु ,भुजंग ने इतना कहने के बाद कालिया को बुला लिया ,भुजंग को लग रहा था कि कालिया के बारे में उसकी बेटिया शिवाय को जरूर बता देगी ,अगर में खुद उसे कालिया से मिला दु तो शिवाय के नजर में मेरी कीमत और ज्यादा होगी ,अपनी बेटीयो को शिवाय को तमाचा मारते हुवे देखकर उसे यकीन था कि शिवाय को उन्होंने भरपूर तंग किया होगा ,और ऐसी औरते अपनी पत्नी बनाकर कोई भी नही रख सकता ,उसने शिवाय को जिस बेटीयो से शादी करने का लालच दिया था उनसे वो शिवाय की शादी बिल्कुल नही करने की ठान चुका था ,शिवाय को उनको दिखा कर वो बस शिवाय से अपना काम निकलवाना चाहता था ,भुजंग ने कालिया की तरफ इशारा करके कहा ,शिवाय यह है आज की दुनिया का सबसे ताक़दवर और शक्तिशाली साँप ,यह दोनो शक्तियो धारण करने वाला एकमात्र सांप है ,इसमे देवता से मिली दिव्य शक्तिया भी है और काली दुनिया से मिली बेमिसाल ताकद भी ,यह एक दुनिया का पहला सांप है जिसमे दोनो शक्तिया है ,आज के बाद कालिया तुम्हारी भी हर बात मानेगा ,शिवाय कालिया को देख कर थोड़ा भी डरा नही था ना उसके चेहरे पर कोई आश्चर्य के भाव दिख रहे थे ,जो भुजंग को खटक रहा था ,उसने शिवाय से कहा ,क्या बात है शिवाय तुम्हे कालिया के बारे में मेंनें जो बोला वो सच नही लग रहा क्या , ,शिवाय बोला ,नही महाराज ऐसी कोई बात नही पर आपसे में एक बात कहना जरूर चाहूंगा कि यह साँप दुनिया का सबसे ताक़दवर साप नही है ,कालिया को तो यह बात सुनकर बहुत ग़ुस्सा आ गया था ,अगर भुजंग यहा नही होता तो वो कबका ऐसी बात बोलने वाले को मार देता ,कालिया का अपने गुस्से से भरी आंखों से देखता भुजंग से बोला ,महाराज लगता है आपके साथ आये इस जवान राक्षस की आज मौत मेरे हाथों से लिखि है ,आप का आदेश हो तो में इस सबक सिखाना चाहूंगा ,की कालिया का अपमान करना क्या होता है ,भुजंग ने कालिया की तरफ बहुत ही गुस्से से देखकर कहा ,लगता हैं कालिया तुमने ठीक से सुना न ही मेंनें क्या कहा था ,आज से तुम्हे शिवाय की हर बात माननी होगी ,यह आजसे यहा के युवराज है ,शिवाय ने भुजंग से कहा ,महाराज आप कहे तो कालिया मेरे पास के एक सांप से लड़ सकता है अपनी ताकद दिखाने ,अगर वो जीत गया तो में उसकी ताकद मान जाऊंगी ,कालिया को भी अपनी ताकद दिखाने का एक मौका मिल गया ,शिवाय ने कालराक्षस को सन्देश देकर शिव को गुप्त राक्षसलोक बुलवा लिया ,जब भुजंग और कालिया ने शिव को देखा तो दोनो एक दूसरे की तरफ देखकर हसने लगे ,शिव एकदम बच्चा ही तो था ,भुजंग ने कहा ,शिवाय तुम गलती कर रहे हो इस बच्चे को कालिया के सामने खड़ा करना मतलब इसे मौत के सामने खड़ा करना है ,फालतू में इस बच्चे की जान चली जायेगी ,शिवाय ने कहा ,महाराज आप बस दोनो को एक बार भिड़ने दो ,आप को सब समज जाएगा ,कालिया को शिव को देख कर हसि आ रही थी ,कालिया और शिव एक दूसरे के सामने खड़े थे ,कालिया पूर्ण नाग रूप में था ,उसके सामने शिव एक मानव रूप में किसी चींटी से भी छोटा दिख रहा था ,शिवाय का इशारा मिलते ही वो एकदम से अपने नागरूप मे आ गया ,जिसे देखकर भुजंग के साथ कालिया भी हतप्रभ हो गए ,शिव का नागरूप तो कालिया से भी दस गुना बड़ा था ,भुजंग यह देखकर शिवाय से बोला ,आश्चर्य की बात है आज तक मे कालिया को ही दुनिया का सबसे बड़ा मानता था ,कालिया भी शिव को देखकर खुश हुवा उसे आज बहुत सालो बाद अपनी ताकद दिखाने का मौका मिल गया था ,कालिया एक दम से शिव पर झपट पड़ा शिव को अपनी कुंडली मे जकड़ कर वो उसे कसने लगा था ,शिव कालिया की हरकत से डरा नही था ,वो कालिया को उसके मनकी करने दे रहा था ,कालिया ने अपनी पूरी ताकद से शिव को जकड़ कर दबाने की कोशिश की पर शिव को कुछ भी फर्क नही पड़ रहा था ,कालिया ने अपने जहरीले दांत शिव के शरीर मे घुसाने की कोशिश कर दी पर शिव के मजबूत चमड़ी के ऊपर कुछ भी फर्क नही पड़ रहा था ,शिवाय ने पहले ही शिव को अपने नीलमणि की ताकद को इस्तेमाल करने को कह दिया था ,शिवाय को पता था कि कालिया जल्द ही भड़क कर शिव पर काली शक्तियो से हमला कर देगा ,उसे कुछ मौका देना गलत होगा ,शिव के मन मे शिवाय की बात गूंज गई इस कालिया को जिंदा निगल लो अपने अंदर ,शिव ने यह बात सुनकर कालिया की बड़े से फन को ही अपने मुह में भर लिया ,कालिया को ऐसी कोई उम्मीद ही नही थी ,उसे कुछ समझ आता उससे पहले ही कालिया को शिव ने अपने अंदर पूरा निगल लिया था ,कालिया को यह अपनी बहुत बड़ी बेइज्जती लगी थी ,इस जवान सांप ने उसे निगल कर कालिया को और भड़का दिया और उसने अपनी सबसे घातक काली शक्ति के वार करना शुरू कर दिया ,कालिया बहुत कोशिश करता रहा पर ना वो शिव को चोट पहुचा पा रहा था ना ही उसके पेट से बाहर निकल पा रहा था ,भुजंग को तो सदमा लग गया था ,जिसे वो दुनिया का सबसे बड़ा सांप समझ रहा था ,उसे एक बच्चे ने खा लिया था ,कालिया का दम शिव के शरीर मे घुटने लगा था ,शिव के अंदर का जहर उसे पूरा गलाने लगा था ,कालिया दर्द से तड़प रहा था ,उसे ऐसी मौत की उम्मीद भी नही थी ,इस बच्चें के अंदर जो जहर था वो कालिया से हजार गुना घातक था ,कालिया को अपनी मौत दिख गई थी ,उसने दर्द में पूछा ,आखिर तुम हो कौन ,तुमने इतनी आसानी से मुझे कैसे हरा दिया ,शिव ने उसे जवाब दिया ,में महानाग का बेटा हु ,बस यही सुनकर कालिया समझ गया कि गलत जगह उसने हाथ डाल दिया ,शेषनाग ने तो उसे छोड़ दिया था पर यहा उसकी मौत पक्की थी ,उसने मरने से पहले अपने अंदर की पूरी काली शक्ति को शिव के शरीर मे छोड़ दिया ,ऐसा करके शिव को भी नुकसान होगा अपने अंदर से काली शक्ति का आखरी कण तक वो शिव के शरीर मे छोड़ चुका था ,जैसे ही उसके अंदर की काली शक्तिया पूर्ण रूप से खत्म हो गयी ,शिव ने कालिया को बाहर उगल दिया अपने मुह से ,कालिया का आधा शरीर जल गया था ,वो शिव के जहर को बर्दाश्त ही नही कर पा रहा था ,भुजंग कालिया का ऐसा हाल देखकर एक सदमे में पोहच गया था ,उसे यकीन नही हो रहा था कि जिसे वो हजारो साल से एक शक्तिशाली और बलावान सांप समझ कर उसे अपना सबसे घातक हथियार समझ रहा था वो इस तरह मिट जाएगा ,कालिया के अंदर की इतनी घातक शक्तिया होकर एक बच्चे से वो हारकर मरने पर आ गया था ,भुजंग को कालिया पर बहुत गुस्सा आने लगा था ,उसने शिव को कहा ,मार दो इसे ,ऐसे हारे हुवे कमजोर को जिंदा रखने का कोई फायदा नही है ,शिव ने कहा ,नही महाराज में इन्हें मार नही सकता ,में तो बस इनसे मुकाबला करना चाहता था ,पर यह मेरे सामने टिक नही पाए ,इसे मारने से आपका अपमान करना होगा ,और में जिनको अपना सबकुछ मानता हूं ,उनका ही आदेश है कि में कालिया को जान से मार नही सकता ,शिवाय की तरफ देखते हुवे यह बात शिव कह रहा था ,भुजंग भी समझ गया कि शिवाय ने ही मारने से मना किया होगा ,भुजंग अब सोच में पड़ गया था शिवाय को लेकर ,तभी शिवाय ने भुजंग पर एक और बड़ा बम गिरा दिया ,महाराज मुकाबला तो खत्म हो गया ,पर में आप से एक बात कहना चाहता था ,मुझे राजकुमारीयो से जो शक्तिया मिली है वो में आपको देना चाहता हु ,आप ही उन शक्तियो के असली हकदार है ,शिवाय ने इतना कहते हुवे अपने अंदर से सभी शक्तिया जो उसे गजाली और सुहाली ने वापस कर दी थी उसे भुजंग को दे दिया ,भुजंग को तो यह बहुत बड़ा झटका था ,उसे बिल्कुल उम्मीद नही थी कि शिवाय उसे इतनी आसानी से इतनी दिव्य शक्तिया दे देगा ,वो मन मे बहुत खुश हो गया अब वो शिवाय को खत्म करने का सोचने लगा पर उसका ध्यान कालिया पर गया,शिवाय ने आज उसके हजारो साल से कर रही एक बड़ी गलती को इतनी आसानी से सामने लायी थी ,कालिया को भुजंग बहुत बड़ी ताकद समझता था पर असल मे वो एक बच्चे से हार गया था ,कालिया की भुजंग ने बहुत मदद की थी ,उसे काली दुनिया से बेमिसाल शक्तिया लेकर दी थी ,पर कालिया कुछ काम का नही था ,शिवाय उसे काम का लग रहा था ,और जिस तरह से उसने भुजंग को शक्तिया लौटाई थी उसकी वजह से भुजंग सोच में पड़ गया ,शिवाय ने जो शक्तिया उसे इतनी आसानी से वापिस करने से उसके मन मे चलने लगा ,शिवाय जैसा राक्षस मिलना मुश्किल है ,उसने शक्तियो को कोई भी लोभ नही रखा ,दूसरा कोई होता तो शायद ही ऐसा कर पाता ,मेरी बाकी तीनो बेटीयो के लिए शिवाय ही सही रहेगा ,जिस तरह इसने गजाली और सुहाली की शक्तियां मुझे दी है वैसेही यह मुझे मेरी तीनो बेटीयो की शक्तिया भी वापिस दे सकता है ,शिवाय मेरे आगे चलकर काम मे आ सकता है ,इसके पास अभी गजाली और सुहाली की शक्तिया वापिस करने में ही भलाई है ,भुजंग ने भी अपने अंदर बसी गजाली और सुहाली की दिव्य शक्तिया शिवाय को वापिस कर दी ,भुजंग ने शिवाय से कहा ,शक्तिया मेरे पास रहे या तुम्हारे पास बात तो एक ही है ,तुम मेरे लिये किसी दिव्य शक्ति से भी अनमोल हो ,सबसे पहले इस कालिया का कुछ करना होगा ,भुजंग ने एक ही वार में कालिया को खत्म कर दिया ,शिवाय की तरफ देखकर भुजंग ने कहा ,शिवाय तुम एक काम करो जाकर आराम करो ,शाम को में तुम्हे किसीसे मिलवाता हु ,कालराक्षस और शिव को लेकर शिवाय वहां से चला गया ,कालराक्षस के महल में आकर कालराक्षस ने शिवाय से कहा ,मुझे कुछ समझ नही आया आज जो कुछ भी हुवा उसका मतलब क्या है ,
शिवाय ,तुम को पता है ना कालिया के अंदर की कलिशक्ति का एक भी वार का शिव पर कोई असर नही होता ,उसकी काली शक्ति को पाने के लिये ही मेंनें शिव को उसे निगलने कहा था ,कालिया गुस्से और डर से अपनी सारी शक्तिया शिव के अंदर निकाल चुका था ,यही तो हम चाहते थे ,शिव को उसकी शक्तिया मील जाए ,और कालिया ने ऐसा करके हमारा काम आसान ही कर दिया ,शिव को मेंनें ही उसे उगलने को बोला था ,मुझे खुश करने के चक्कर मे भुजंग ने एक घायल को ही मार दिया ,मुझे भुजंग से पाप करवाना था जो उसने कर दिया ,एक घायल को मारकर ,भुजंग ने मुझे शक्तिया इसलिये वापिस की ताकि में उसपर विश्वास कर सकू ,उसे गजाली और सुहाली के साथ उसके तीनो बेटियो की भी शक्ति चाहिए थी ,मेंनें उसे गजाली और सुहाली की शक्तियां लौटने से उसे मुझ पर बहुत ज्यादा भरोसा हो गया है ,वह मेरी शादी उसकी तीनो बेटीयो से करवाने की सोच रहा है ,उसके लिये में बहुत काम को साबित होने वाला हु ,मेरा इस्तेमाल करके वो उसकी तीनो बेटीयो की शक्तियां पा लेगा और गजाली और सुहाली की भी शक्तिया मुझसे वो मांग लेगा प्यार से ,उसके बाद वो मुझे मारेगा या साथ रखेगा यह तो वक्क्त ही बताएगा ,
कालराक्षस सब सुनकर ,भाई यह भुजंग बहुत पछताने वाला है ,तू उससे पाप भी करवा रहा है ,उसकी हजारो साल के तपसाधना से मिली शक्तिया भी चतुराई से हासिल कर रहा है ,इतना सब आसानी से हो रहा है ,तुझे कुछ गलत नही लग रहा इसमे ,भुजंग जैसा शातिर इतनी आसानी से यह सब कैसे कर रहा है ,मुझे यह सब देख कर गड़बड़ लग रही है ,भुजंग कही कुछ नया खेल तो नही खेल रहा है ,
शिवाय ,नही भुजंग की मजबूरी उसे यह सब करवा रही है ,वो यह सब कुछ अपनी गलतियों को सुधारने कर रहा है ,पर वो कितना हरामी है यह तो में भी जानता हूं ,वो इतनी आसानी से अपने बारे में सबकुछ पता नही चलने देगा ,वो कुछ बाते जरूर अपने अंदर छुपाकर रखा होगा ,जो सही वक्त आने पर ही पता चल सकती ,तब तक जितनी हमे भुजंग की ताकद कम करने का मौका मिले हमे वो छोड़ना नही चाहिये ,हम भुजंग से पाप भी करवाते रहंगे और उसकी ताकद भी कम करते रहंगे ,
शिव के अंदर काली शक्तिया आने से उसे थोड़ी तकलीफ हो रही थी ,पर शिवाय ने उसे यह बताया था कि कुछ दिन अपने अंदर काली शक्तिया आने से दर्द होगा उसे बर्दाश्त करे ,यह काली शक्तिया एक बार शिव के पूरे काबू में आ गयी तो उसेही फायदा होगा ,शिव पर काली शक्तिया कभी हावी नही हो सकती ,उसके अंदर के नीलमणि से वो कलिशक्ति ही शिव की गुलाम बन जाएगी ,शिव को राक्षसलोक में ही आराम करने को बोलकर शिवाय वहासे गुप्तराक्षस लोक चला गया ,वो गजाली और सुहाली से मिलने आया था ,दोनो उसके बनाये मायावी महल में थी ,शिवाय को उन्होंने अपनी शक्तिया कल ही लौटकर उससे माफी मांग चुकी थी ,भुजंग तो उनका एक नंबर का दुश्मन बन चुका था ,शिवाय ही उनके लिए सबकुछ था ,युवराज बनने के बाद जब वो उनसे मिलने पोहचा तो दोनो को यह बात पसन्द आयी थी ,शिवाय उन दोनों को भूला नही था ,गजाली और सुहाली ने पहले उसे युवराज बनने की बधाई दी ,गजाली और सुहाली को शिवाय ने सुबह से लेकर जो हुवा वो बता दिया ,कालिया की मरने की खबर सुनकर वो दोनो हैरान हो गयी ,कालिया जैसे सांप को भी मारने वाला कोई हो सकता यह बात जानकर उन्हें बेहद आश्चर्य हो रहा था ,शिवाय के पास ऐसा सांप है जिसने कालिया को हरा दिया यह जानकर गजाली ने कहा ,आप ने उस सांप को हमारे पिता को तोहफे में तो नही दे दिया ,आप भूलकर भी उस नीच को ऐसा कुछ मत देना ,
शिवाय ,नही महाराज भुजंग ने उसे नही मांगा मुझसे ,और ना ही उनको में वो सांप दे सकता हु ,वो सांप तो चला भी गया ,वो मेरे लिये बस एक ही लड़ाई लड़ने वाला था ,मेंनें उसकी एक बार मदद की थी इस वजह से उसने मुझसे वादा किया था ,की वो मेरे कहने पर कभी भी एक लड़ाई लड़ लेगा ,उसने अपना वादा पूरा किया और वो चला गया यहा से ,पता नही वो कहा गया होगा यहाँ से ,शिवाय यह सब इस वजह से बोल रहा था कि उसके पीछे लामन भी शिवाय के महल में आया था ,भुजंग ने शिवाय के पीछे लामन को लगाया था जब उसने शिवाय को गुप्तलोक में अपने महल में जाते हुवे देखा था ,वो जानना चाहता था कि उसकी बेटिया और शिवाय क्या बात करते है ,उसकी बेटीयो पर उसे अब विश्वास नही था पर शिवाय को भी वो पूरी तरह परखने वाला था ,लामन जो भी देखता और सुनता वो सब भुजंग को समझ जाता था ,लामन में एक दिव्य मनी था जिस वजह से भुजंग लामन के जरिये सब कुछ देख पाता था ,अभी भी वो उन तीनों की बाते सुन रहा था ,अपनी बेटीयो की बाते सुनकर उसे गुस्सा आ रहा था ,पर वो शांत होकर सब सुन रहा था ,शिवाय ने गजाली से कहा ,आप दोनो महाराज से गुस्सा क्यो हो यह में नही जानता पर आप दोनो को उनके लिये ऐसी बाते नही करने चाहिये ,वो आपके पिता है और आप दोनो को उनका आदर करना चाहिए ,यह बात कहते हुवे शिवाय ने दोनो के मन मे कह दिया कि लामन गुप्त रूप से हमारी बाते सुन रहा है आप दोनो जो कुछ भी बोलेगी वो महाराज को पता चल जाएगा ,आप दोनो कुछ भी ऐसा मत बोलना जिससे महाराज आपसे नफरत करने लगे ,गजाली और सुहाली यह बात जानकर डरी नही बल्कि उन्हें तो खुशी हुवीं की उन्हें अच्छा मौका मिल गया अपने पिता को उसकी औकात दिखाने का ,सुहाली शिवाय से बोली ,नही हम उन्हें हमारा पिता नही मानते है ,वो हमारे लिये बस एक राक्षसलोक के महाराज आज से ,आप हमारे पतीं है और आप ही हमारे सबकुछ है ,आपके सिवा ना हमे किसीसे मतलब है और ना ही हम कभी किसी से कोई मतलब रखने वाले है ,
गजाली ,आप एक बात ध्यान में रखिये हम हमारे पिता के लिए कल ही मर गए है और हमारे लिये वो ,आजसे हम राजकुमारीया नही है बस आपकी पत्निया है ,आप के साथ जीवन बिताना ही हमारा लक्ष्य है ,
शिवाय दोनो के मन मे बोला ,आप दोनो बस उन्हें बुरा भला न बोले क्योकि अगर वो भड़क गए तो मामला गम्भीर हो सकता है ,फालतू में उन्हें गुस्सा दिलाकर कुछ नही मिलेगा ,जिस वक्क्त सही मौका होगा आपको अपना सारा गुस्सा निकालने से में नही रोकने वाला पर अभी और कुछ मत कहना ,दोनो ने भी शिवाय की बात मानकर आगे कुछ भी नहीं कहा ,तीनो बस ऐसी ही बाते करते रहे बहुत देर तक ,तीनो ने एक साथ खाना खाया और आराम करने निकल गए ,भुजंग सबकुछ देख रहा था ,उसे सब देखकर यह तो पता चल गया था गजाली और सुहाली उससे हद से ज्यादा नफरत करती है ,वो कभी भुजंग की कोई बात आगे से मानने वाली नहीं है ,और भुजंग को भी उनकीं कोई जरूरत नही थी ,उसके पास शिवाय था जो भुजंग के एक इशारे पर कुछ भी करने को तैयार था ,शिवाय को अब अपनी तीनो बेटीयो से शादी करने का फैसला वो कर चुका था ,गजाली और सुहाली के मुह पर एक बहुत बड़ा तमाचा होती यह बात ,और भुजंग उन दोनों को जलील करने का एक मौका नही छोड़ने वाला था ,दोनो को जान से मार देंनी की उसकी बहुत इच्छा थी पर शिवाय को शायद वो भा गई थी इस वजह से उंसका इतना अपमान करने के बाद भी शिवाय उन दोनों के पास गया था ,ना उसने उन्हें महल से निकाला था और ना ही उसने कोई कड़वी बात उन दोनो से की थी ,शिवाय के वजह से ही भुजंग ने उन दोनों को जिंदा छोड़ दिया ,आज शाम को वो अपनी तीनो बेटीयो को शिवाय से मिलवाने वाला था ,और कल ही शिवाय से वो तीनो की शादी धूमधाम से करवाने वाला था ।
 
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Story to lajawab hai lekin update dete rahna bhai chhod mat dena
original writer hospital me hai bhai ye story mai cnp kar raha hun uski to teen chaar update abhi aur hai mere pass kisi time post kar dunga usko..writer ne kaha hai ki wo Theek hoke story complete karega 300+ update hongen iske
 
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Update 118
शिवा की शादी होने के बाद सभी मेहमान चले गए थे ,तेजा के साथ नेत्रा भी गरुड़ लोक चली गयी थी ,जाते हुवे उसने अपना एक प्रतिरुप यही छोड़ दिया था ,शादी होने के बाद नरेश ने सबको भवानी गढ़ चलने को कहा ,नए दूल्हे और दुल्हन को भवानीगढ़ के मंदिर में दर्शन करके अपने आगे के जीवन को शुरू करने की सलाह उसने दी ,सभी उसकी बात से सहमत थे ,सभी लोग भवानी गढ़ चले गए थे ,सब लोगोने भगवान का दर्शन कर लिया उसके बाद सभी वहासे घर लौट आये ,इस सब मे शाम हो गयी थी ,सुबह ही सब मुम्बई से नरगिस के हवाई जहाज में बैठकर भवानी गढ़ चले आये थे ,रात का खाना सब लोगो ने मिल कर खाया और सब अपने अपने कमरो में चले गए ,नए शादी हुवे सभी जोड़ो को सुहागरत मनाने के लिये उनके कमरो को सजा दिया था ,आज एक ही साथ 7 लड़कियों की सुहागरात एक साथ इस घर मे होने वाली थी ,शिवा के सामने सवाल यह था कि वो सुहागरात की शुरूआत किसके साथ करे ,सनम जो उसे बचपन से प्यार करती है ,नरगिस जिसका सबकुछ शिवा है या पूजा जिसके साथ शिवा को पहली बार देखते ही मोहब्बत हो गयी थी ,उसे समझ नही आ रहा था ,सब लड़कियों के साथ वो खुद सुहागरात मनाने वाला था ,शिवा ने नरगिस को ही पहले वक्क्त देने का फैसला किया ,वो नरगिस के कमरे में दाखिल हो गए ,शिवा ने नरगिस के कमरे में दाखिल होते ही उसे अपने समयमनी मे ले गया था ,नरगिस एक सुंदर से लाल शादी के जोड़े में पलँग पर बैठी हुवीं थी ,शिवा जब उसके कमरे में आया तब उसने शिवा की तरफ देखा ,आज नरगिस की चाहत पूरी हो गयी थी ,जिसे वो दिलो जान से चाहती थी ,जिसके लिए उसने अपना घरदार सबकुछ छोड़ दिया था आज वही उसके सामने पतीं बनकर खड़ा था ,नरगिस आज बहुत खुश थी ,उसके चेहरे को देखकर ही कोई भी यह जान जाता ,सुंदर से चेहरे से नूर टपक रहा था ,शिवा के सामने नरगिस एकदम सही औरत थी ,6 फिट 3 इंच की ऊंची 38 30 40 की यह नरगिस एकदम जवानी से भरपूर लड़की थी ,शिवा जैसे 7 फिट 3 इंच ऊंचे तगडे घोड़े के लिये यह बिल्कुल सही थी ,शिवा ने नरगिस के हाथ को पकड़कर उसे अपने पास खीच लिया ,नरगिस के साथ शिवा ने यह हरकत पहली बार की थी जो उसे हक से अपने गले लगाया हो ,नरगिस को यह पसन्द आया था ,वो भी शिवा के गले लग गई थी ,अपने 38 की मदमस्त चुचिया शिवा के सीने में दबाती कसकर शिवा को लिपट गई थी ,शिवा ने नरगिस के लाल ग़ुलाबी होठो को अपने होठो में लेकर उसे बड़े प्यार से चुसने लगा ,नरगिस के नरम लजिले होठो का मीठा शरबत पीते हुवे वो नरगिस की मोटी 40 की गांण्ड को भी दबाकर उसके मजे ले रहा था ,एकदम मखमली और नाजुक सी नरगिस की गांण्ड को वो अपने दोनो मजबूत पंजो से कसकर दबाके उनका मजा ले रहा था ,नरगिस को यह सब बहुत ही मजा दे रहा था ,वो शिवा के होठो में अपनी जीभ घुसाकर उसके जीभ को चुसने लग गई थी ,शिवा के हाथ उसके गांण्ड को इतनी बुरी तरह मसल रहे थे पर नरगिस को दर्द की बजाय मजा आ रहा था ,शिवा नरगिस के होठो को चुसता उसकी गांण्ड को दबाते हुवे उसकी साड़ी खोल चुका था ,नरगिस के बदन पर नीचे एक लाल रंग की पैंटी ही रह गई थी ,नरगिस को इस बात का भान भी नही था ,शिवा ने नरगिस के मदमस्त गांण्ड को जैसे ही पैंटी के अंदर हाथ डालकर मसलना शुरू किया नरगिस को झटका लग गया ,उसका पूरा बदन थरथराने लगा ,वो शिवा को और कसके लिपट गयी ,शिवा के ओठो को अपने दांतों से हल्के से काटकर अपनी मस्ती दिखाने लगी ,शिवा ने नरगिस की पैंटी को ही फाड़ दिया और उसके दोनो गांण्ड की पाट को थामकर उनको मसलने लगा ,शिवा नरगिस की गोरी और मखमल से नरम गांड़ को मसलकर उसे लाल कर रहा था ,साथ मे नरगिस के होठो को रस पी रहा था ,शिवा ने नरगिस को पलँग पर सुला दिया और उसके लाल ब्लाउज और ब्रेसियर को निकाल दिया ,नरगिस पूरी मादरजात नंगी पलँग पर लेटी हुवीं थी उसकी गोल और एकदम दूध सी गोरी 38 की चुचिया तन कर शिवा को सलामी दे रही थी ,नरगिस के चुचियो पर उसके भूरे ग़ुलाबी निप्पल एकदम सख्त होकर उभर कर दिख रहे थे ,शिवा ने अपने मुह में उस निप्पल को भर लिया और दूसरे हाथ से नरगिस की दूसरी चुचि को बड़े प्यार से मसलने लगा ,नरगिस के मुह से एक सिसकी निकल गई ,ओह खुदा ,में मर गयी ,शिवा के मुह में अपना निप्पल जाने से नरगिस को अजीब सा झटका लग गया था ,शिवा किसी बच्चे की तरह नरगिस के निप्पल को चुसने में लगा हुवा था ,नरगिस भी बदल बदल कर अपनी दोनो चुचिया शिवा को पिला रही थी ,शिवा के मजबूत पंजो में उसकी चुचिया को बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था ,नरगिस की चुत तो शिवा के चूमने और चुचिया चुसने से ही दो बार झड चुकी थी ,शिवा को भी उसके चुत के पानी की गंध आ गयी थी ,शिवा ने नरगिस की चुचिया को छोड़कर उसकी चुत की तरफ सरक गया ,नरगिस के चुत से पानी रिस रहा था ,शिवा ने उसकी जांघो को खोल कर उसके एकदम गोरी गुलाबी चुत को देखने लगा ,नरगिस की चुत उसके शरीर के तरह ही एकदम लाजवाब थी ,एकदम पावरोटी सी फूली हुवीं ,गोरी ,चिकनी और सूंदर चुत को शिवा देख रहा था ,नरगिस के चुत के बड़े से ओठ एक दूसरे से चिपके हुवे थे ,उसके चुत का छेद एकदम छोटा और लाल था ,शिवा ने उसकी चुत को सूंघ कर उसके गन्ध को अपने अंदर समाने लगा ,नरगिस शिवा की हरकतें आंखे खोल कर देख रही थी ,शिवा ने उसकी चुत को अपने जीभ से चाटना शुरू किया तो वो एकदम अकड़ गयी ,उसके मुह से आवाज निकली ,हाय रब्बा ,यह क्या कर रहो हो आप ,अम्मी ssss आ ssss ह ,मर गई में तो ,शिवा की जीभ उसके चुत के छेद में घुसकर उसे झटके दे रही थी ,शिवा की लपलपाती जीभ को वो ज्यादा देर तक बर्दाश्त न कर सकी और एक जोरदार चीख से शिवा की गर्दन अपने जांघो से अपने चुत पर दबाकर वो झड गयी ,शिवा भी नरगिस के नमकीन पानी की हर बून्द को चाट के साफ कर गया ,शिवा ने नरगिस की जांघो को थोडा ऊपर करके उसके 40 की मौटी गांण्ड को ऊपर उठा लिया और उसके गांण्ड के एकदम लाल छेद को भी अपने मुह में भर के उसे चाटने लगा ,शिवा को उस नरम छेद का स्वाद भी गजब का लगा ,वो अपनी पूरी जीभ उस छेद में घुसाकर उसका स्वाद लेने लगा ,नरगिस की तो सांस ही अटक गई थीं ,शिवा उसे नए नए मजे देकर अलग ही दुनिया दिखा रहा था ,अपने गांण्ड को खोलती बन्द करती नरगिस शिवा के सर को सहलाती मदहोश हों गयी थी ,उसकी चुत में तूफान उठ गया था ,उसे अपनी चुत में एक और जोर से झटका लगा और वो भलभला कर झड गयी ,शिवा ने उसकी चुत का हर एक कतरा चाट कर साफ कर दिया ,नरगिस आधी बेहोशी के हालत में पोहच गयी थी ,अपनी साँसे दुरस्त करती वो चुप से पड़ी हुवीं थी ,शिवा ने उसे ग़ुलाबी होठो को वापिस चूसना शुरू कर दिया और अपने भीमकाय 20 इंच लम्बे और 12 इंच मोटे लन्ड को उसकी चुत पर लगा दिया ,शिबाय के गर्म दहकते सुपाडे का स्पर्श अपने चुत के छेद पर होते ही उसकी आंखें एकदम से खुल गई ,शिवा ने उसकी गांण्ड को अपने मजबूत पंजो में पकड़ के एक ताक़दवर प्रहार उसकी चुत पर कर दिया ,नरगिस की चुत को फाड़कर उसका लन्ड एक ही बार मे आधा अंदर घुस चुका था ,नरगिस के मुह से बहुत ही भयानक चीख निकल गई थी ,इतना गर्म और बड़ा लन्ड उसके चुत को पूरी तरह फाड़ चुका था ,नरगिस की चुत से खुन कि धार निकल रही थी ,उसे बहुत ज्यादा तकलीफ हो रही थी ,शिवा ने नरगिस की चुत में एक और करारा धक्का लगाकर अपना लन्ड जड़ तक अंदर घुसा दिया था ,नरगिस का दर्द से बुरा हाल हो गया था ,कोई और लड़की होती तो वो कबसे बेहोश हो गयी थी ,पर नरगिस में बहुत ज्यादा दम था ,इतनी तकलीफ होने के बाद भी वो बेहाश नही हुवीं थी ,सालो से कसरत करती नरगिस में बहुत ज्यादा सहनशक्ति थी ,वो इस दर्द को झेल तो गई थी ,पर उसकी आँखों से आसु निकल रहे थे ,उसका पूरा बदन ठंडा पड़ने लगा था ,शिवा के लन्ड उसकी चुत ने एकदम कसके पकड़ रखा था ,शिवा बिना हिले वैसा ही अपना लन्ड चुत में फसाये नरगिस को चूमता रहा ,उसके आसु पोछ कर वो नरगिस के चुचिया को मसल कर उसे गर्म करने लगा ,दस मिनीट तक उसकी चुचिया चूस कर और चूमते हुवे उसने नरगिस को गर्म कर दिया था ,नरगिस के चुत की पकड़ भी थोड़ी उसके लन्ड पर कम हो गयी थी ,उसकी चुत में भी गीलापन आने लगा था ,शिवा बहुत धीरे धीरे अपने लन्ड को उसकी चुत से अंदर बाहर करता रहा ,जब तक वो झड नही जाती तबतक शिवा उसे बहुत प्यार से चोद रहा था ,शिवा के लन्ड को अपने चुत में अंदर तक दबाकर नरगिस झड गयी थी ,उसके झड़ने के बाद शिवा कुछ देर रुका रहा फिर उसने अपने लन्ड को थोड़ी तेजी के साथ नरगिस की चुत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया ,नरगिस को भी उसमे मजा आने लगा था ,शिवा का हर धक्के का जवाब वो अपनी मोटी गांण्ड उठाकर देने लगी थी ,शिवा ने नरगिस को अपनी पूरी ताकद लगाकर चोदना शुरू कर दिया था ,नरगिस तो जन्नत में पोहच गयी थी ,शिवा के लन्ड उसकी चुत के गर्भाशय तक जाकर ठोकर मारता था ,शिवा के हर धक्के से वो ऊपर की तरफ उछल जाती पर शिवाने उसे मजबूती सी थामे रखा था ,शिवा ने नरगिस को दो बार और झडा दिया ,उसके बाद उसने नरगिस को घोडी बनाकर चोदना शुरू कर दिया ,नरगिस की 40 की मतवाली गांण्ड को मसलते हुवे और तेजीसी उसे चोदने लगा था ,नरगिस की चुत में और गहराई तक उसका लन्ड जा रहा था ,नरगिस पसीने से लथपथ हो गयी थी ,उसकी चुत ने घोडी बनकर चुदते हुवे 3 बार और अपना पानी छोड़ दिया था ,उसकी चुत में शिवा का लन्ड अपनी जगह बना चुका था ,शिवा भी नरगिस की गर्म और मखमल जैसी कसी हुवीं चुत की वजह अपना गर्म एकदम गाढ़ा पानी उसकी चुत में भरने लगा था ,शिवा के लन्ड से छूटती पिचाकरी नरगिस को अलग ही सुकून दे रही थी ,एकदम गाढ़ा माल उसकी बच्चेदानी को पूरा भर चुका था ,उसके चुत से शिवा के माल के साथ अपना भी पानी नीचे टपकने लगा था ,नरगिस की चुत में अपने लन्ड की आखरी बून्द भरने के बाद ही शिवाने अपना लन्ड उसकी चुत से निकाल दिया ,नरगिस के ऊपर शिवा लेटा उसके गोरे गालों को चूम रहा था ,नरगिस पेट के बल सो रही थी ,और उसके ऊपर शिवा लेटा हुवा था ,नरगिस अपने आंखों को बंद करती एक अलग ही दुनिया मे चली गयी थी ,शिवा का गर्म माल उसकी चुत में पूरा भरा हुवा था ,नरगिस के पूरे बदन को सुकून दे रहा था ,नरगिस अपनी आंखें बंद करती कबसे सपनो के दुनिया मे खो गयी थी ,शिवा भी उसके बदन से उठ गया था ,पिछले 3 घण्टे से वो नरगिस की ठुकाई कर रहा था ,शिवा ने जब नरगिस की चुत को देखा तो उसकी चुत एकदम सूज कर मोटी हो गयी थी ,शिवा को नरगिस पर तरस आने लगा था ,उसकी चुत को पूरा फाड़ के रख दिया उसके लन्ड ने ,शिवाने ने नरगिस को वैसेही आराम करने छोड़ दिया ,जहा समयमनी में 24 घण्टे खत्म होने के बाद बाहर की दुनिया मे 1 सेकंड खत्म होता ,यहा तो नरगिस 3 घण्टे में ही अपनी चुत की सील खुलवा चुकी थी ,शिवा ने उसे समयमनी से बाहर लाकर उसके कमरे में सुला दिया और उसके कमरे से बाहर चला गया ,1 सेकंड से पहले ही समयमनी से वापिस बाहर आ गया था ,जब वो नरगिस के कमरे से बाहर आया तो वो सनम के कमरे में चला गया ।
 
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Update 119
भुजंग अपने महल में बैठा था उसके सामने उसकी तीनो बेटिया कामरी ,दिबाली और आमरा बैठी थी ,उनकी माँ हिमाली भी वही मौजुद थी ,चारों भुजंग के मुह से पहली बार किसी राक्षस की तारीफ सुन रही थी ,शिवाय नाम के राक्षस के बारे में बहुत देर से उनका पिता उन्हें बता रहा था ,उसका पराक्रम ,स्वामिनिष्ठा ,मायावी बल के गुण सुनाकर वो चारो की तरफ देख कर बोला ,आज तक तुम्हे किसीके सामने मेंनें इस लिये जाने नही दिया क्योंकि मुझे किसी पर भरोसा नही है ,भले ही में इस राक्षस लोक का राजा हु ,पर इस राक्षसलोक मे ही नही में किसी और पर भी जल्दी भरोसा नही कर सकता ,तुम चारो को हमेशा मेंनें इस महल में ही रखा इसकी वजह सिर्फ भले के लिये ही थी ,आज तक मुझे तुम तीनो के लिये कोई उचित वर नही मिला था पर शिवाय तुम तीनो के लिये बिल्कुल उचित वर है ,तुम तीनो में बहुत सी ऐसी शक्तिया है जो किसी मे नही है ,तुम तीनो में अपने नाना हिरण्याक्ष की भी बहुत सी शक्तिया है ,तुम्हारे लिये कोई आम राक्षस वर नही हो सकता ,शिवाय में भी बहुत सी ऐसी शक्तिया है जो उसे असामान्य बनाती है ,उसके पास अब तुम्हारे दोनो बहनो की भी दिव्य शक्तिया है ,वो सच मे बहुत अच्छा पतीं साबित होगा ,तुम्हे पता ही होगा मेंनें उसे अपने राक्षसलोक का युवराज भी बना दिया है ,वो सच मे एक अच्छा राक्षस है ,भुजंग की बात उसकी बेटिया वैसे भी टाल नही सकती थी ,इसलिए उन्होंने उसे हा कर दी ,भुजंग के जाने के बाद उनकी माँ हिमाली बोली ,तुम तीनो एक बात ध्यान में रखना भले ही भुजंग को तुम अपना पिता कहती हो और वो भी तुम्हे अपनी बेटिया मानता है ,पर ना वो तुम्हारा पिता है ना मेरा असली पतीं ,हमे भुजंग का इस्तेमाल करके हमारे मकसद में कामयाब होना है ,मेरे पिता हिरण्याक्ष को मारकर देवताओ ने बहुत बड़ी भूल कर दी है ,उसकी सजा उनको मिलकर ही रहेगी ,में बहुत हजारो साल तक अँधरे में रही हु ,मेंनें बहुत सी ऐसी ताकद हासिल की उस काली दुनिया के राजा से और वही तुम्हारे पिता है ,हमे बस सही वक्त का इंतजार करना है ,यह भुजंग मरे या जिंदा रहे पर हमें किसी भी हाल में देवताओं को खत्म करना है ,शिवाय से भले ही तुम शादी कर लो पर कभी उसे अपने शरीर को छूने मत देना ,तुमसे संभोग करके वो काली दुनिया की बहुत सी ताक़दवर शक्तियो का मालिक बन जायेगा ,जो मुझे और तुम्हारे पिता तामराज को बिल्कुल मंजूर नही होगा ,मुझे दुनिया की नजर से छुपाने के लिये ही उन्होंने मुझे इस भुजंग से शादी करने को कहा था ,वो मूर्ख आज तक मुझे कभी स्पर्श भी नहि कर पाया है और यह समझाता है कि तुम तीनो उसके ही सन्तान हो ,मेरे काली माया का जादू उसके बस के बाहर है ,हमे बस सही मौके की तलाश है ,जिस दिन हमे तामराज की आज्ञा होगी हम इस महल को छोड़ कर चले जायँगे ,में बहुत बेसब्री से उस दिन का इंतजार कर रही हु ,भुजंग को बस हमने अपने फायदे के लिये इस्तेमाल किया है ,उसे जरा भी इस बात की भनक नही लगने चाहिए ,तुम तीनो मेरी सबसे बड़ी ताकद हो त्रिशक्तियो से लड़ने में ,मेने और तामराज ने हजारो साल काली साधना करके तुम्हे जन्म दिया है ,तुम तीनो में मेरे पिता के खुन के साथ तामराज का भी खून है ,तुम तीनो में दुनिया की सबसे घातक ताकद है जिसके सामने कोई भी नहीं टिक सकता ,बस एक बार तामराज को जिस चीज की तलाश है वो मिल जाये फिर हम त्रिशक्तियो को दिखा देंगे कि हम क्या कर सकते है ,बहुत जल्द हम ही इस दुनिया के भगवान बनने वाले है ,बस कुछ वक्त तक तुम तीनो शिवाय की पत्नियां बनकर रहो बादमे उसे भी हम मार देंगे ,
अपनी माँ की बाते सुनकर तीनो बहने हसने लग गयी वो भी अपनी माँ की तरह ही बहुत नीच और पापी थी ,बस वो अपने पिता भुजंग के सामने अच्छी बनने का नाटक करती थी ,आज तक उन्होंने करोड़ो राक्षस को अपनी काली शक्तियो को बढाने के लिये बलि चढ़ा दिया था ,उनको तो भुजंग को ही बलि देने की इच्छा होतीं पर अपनी माँ के वजह से वो भुजंग को कुछ नहीं करती थी ,भुजंग जब भी अपनी बहादुरी के किस्से सुनाता तो वो अपने मन मे ही उसे हसती रहती ,भुजंग उनके लिये किसी खिलौने की तरह था ,वो चाहे तो एक पल में उसे मार सकती थी पर वो ऐसा नही कर सकती थी ,उनके पिता तामराज भी उनसे मिलने हमेशा आते थे ,उन्होंने तीनो को बहुत सी काली विद्या सिखायी थी,जिसकी साधना तीनो बहनो हमेशा करती थी ,उनके अंदर बस नफरत ,घृणा और क्रोध का ही वास रहता था ,वो काली शक्तिया मिल जाने से और भी गर्व से भर गई थी ,उन्हें अपनी ताकद का बहुत बड़ा घमंड था ,अपनी माँ हिमाली से अपने नाना हिरण्याक्ष के वध की कहानी जानकर वो देवताओं से नफरत करती थी ,खास कर त्रिशक्तियो के लिये उनके मन मे जहर भर गया था ,
भुजंग भी अपनी बेटीयो से मिलने के बाद अपने कमरे में आ गया ,अपने कमरे का दरवाजा बंद करके उसने उसपर अपनी माया से एक कवच लगा दिया ,भुजंग ने अपनी आंखें बंद करके किसी को संदेश देने लगा ,थोड़ी ही देर में उसके सामने एक बहुत ही खूबसूरत औरत आ गयी ,उसके पूरे बदन पर काले कपड़े थे ,उसकी हर चीज काली थी ,आंखे ,बाल ,नाखून ,भुजंग ने उसे देखकर कहा ,हमारा काम बहुत जल्द पूरा हो जाएगा मिबा ,आज शिवाय के बारे में मैने हिमाली की बेटीयो को बता दिया है वो तीनो शिवाय से शादी करने को तैयार है ,
मिबा हसकर ,हिमाली की बेटिया ही ही ही ,तुम्हारी कोई नही लगती क्या वो ,
भुजंग हसकर बोला ,मिबा तुम नही होती तो में भी उन्हें अपनी बेटिया मानता ,पर तुमने मुझे तामराज और हिमाली की हकीकत सही वक्त पर बतायी ,उनको लगता है में कुछ नहीं जानता ,पर वो भूल गए है कि मेरे साथ कौन है ,तामराज को जब पता चलेगा कि उसकी पहेली पत्नी मिबा मेरे साथ है,और उसने मुझे सब बता दिया है वो क्या करेगा तब ही ही ही ,
मिबा ,तामराज और हिमाली ने मुझे बहुत कम समझ लिया था भुजंग पर वो भूल गए में भी किसकी बेटी हु ,उन्होंने मेरे ही पिता के अहसान को भूल कर मुझे एक तरफ कर दिया ,हिमाली को मेरे पिता ने ही अंधेरी दुनिया में पनाह दी थी ,वो हिमाली ने मेरे ही पतीं को मुझसे दूर कर दिया ,भले ही वो हिरणायक्ष की बेटी हो पर उसे यह काम नही करना चाहिए था,मेरे पति को उसने मुझसे अलग करके बहुत बड़ी गलती कर दी है ,भुजंग तुम्हे मेंनें इस लिये उनकी सच्चाई बतायी की तुम मेरे साथ मिलकर उन्हें सजा दे सको ,वैसे भी उनका मरना तय है ,त्रिशक्तियो से टकराकर वो कभी नही बच सकते ,उन्हें यह भी समझ नही आता कि जिसके वजह से हम सबका वजूद है हम उन्हें कैसे मिटा सकते है ,त्रिशक्तियो की ताकद को कम आंकना बहुत बड़ी भूल होती है ,तुम आज तक के सबसे होशियार राक्षस हो जो कभी त्रिशक्तियो से नही भिड़ना चाहते हो ,यही बात तुम्हे सबसे कामयाब बनाती आयी है ,भले ही तुम्हारे मन मे त्रिशक्तियो के लिये नफरत भरी है पर तुम्हे तुम्हारी औकात पता है ,त्रिशक्तियो से बिना लड़कर भी दुनिया पे राज करने की तुम्हारी सोच बिल्कुल सही है ,और इसीलिये में तुम्हे पसन्द करती हूं ,
भुजंग ने मिबा से कहा ,में जानता हूं मिबा की कोई भी त्रिशक्तियो से लड़ नही सकता भले ही हम कितने भी शक्तिशाली बन जाये पर त्रिशक्तियो के सामने हम नही टिक सकते ,इतने महावीर राक्षस हो गए वो उनके सामने नही टिक पाए तो में क्या चीज हु ,त्रिशक्तियो की ताकद और शक्ति बेमिसाल है ,उनके राम जैसे मनुष्य अवतार ने ही रावण को मार दिया था ,राक्षस उनके अवतार के सामने नही टिक पाए और जो खुद त्रिशक्तियो से लड़ने की भूल कर बैठा वो पल भर में मारा गया था ,में मेरी औकात अच्छे से जानता हूं ,में त्रिशक्तियो के आशीर्वाद और कृपा से ही दुनिया पर राज करने वाला हु ,में बल से नही बुद्धि से काम करने वाला हु और में अपने मकसद में कब का कामयाब हो चुका हूं ,बस एक बार मे खुद को त्रिशक्तियो जितना तो नही पर बाकी देवताओं से शक्तिशाली बना लू उसके बाद ही में अपनी चाल चलने वाला हु ,तामराज और हिमाली अपनी मौत खुद चुन चुके है ,उनके बारे में सोचकर हमे कोई फायदा नही है ,वो मुझे पागल समझते है पर वो यह बात भूल जाते है कि में भुजंग हु ,इतनी आसानी से उनके जाल में फसने वाला नही में मिबा ,तुम ने मेरी जो मदद की है वो में कभी नही भूल सकता ,बस कुछ दिन रुक जाओ शिवाय से हिमाली की बेटियों की शादी होने दो ,शिवाय उन तीनों को उनकी औकात दिखा देगा ,
मिबा ,भुजंग तुम शिवाय पर बहुत ज्यादा भरोसा कर रहे हो ,बाद में तुम्हे पछतावा हो इस लिये जो भी करना सोच समझकर करना ,तुमने तो उसे शक्तिया भी वापस कर दी है जिसे तुम इतने सालों से हासिल करना चाहते थे ,
भुजंग ,नही मिबा तुम भी धोका खा गयी ना ,मुझे जो शक्ति चाहिये थी वो मुझे मिल चूकी है ही ही ही ,
मिबा भुजंग की तरफ आश्चर्य से देखने लगी तो भुजंग ने उसकी तरफ देखकर कहा ,मिबा मुझे हजारो साल तपसाधना से त्रिदेवियों ने गजाली और सुहाली जैसी दो दिव्य बेटिया दी थी पर उसमे एक खास बात थी मेंनें वरदान में क्या मांगा था यह कोई नहीं जानता ,मेंनें त्रिदेवियों से वरदान में यह मांगा था कि जब मेरी बेटिया या उसका पतीं जब भी मुझे अपनी इच्छा से वो शक्तिया देगा तो में उस शक्तियो का मालिक बन जाऊंगा ,में उसके जैसी ही शक्तिया अपने बेटीयो या उनके पति को वापिस करने के बाद भी मुझमे वो सभी शक्तिया वैसेही रहेगी ,शिवाय को मेने शक्तिया वापिस करके भी मेरे अंदर सभी शक्तिया अभी भी मौजूद है ,यह मेरे दिमाग की वजह से हो सका ,में हमेशा अपने बुद्धि से ऐसे वर मांगता हूं जिससे में कभी फस ना सकू ,शिवाय को भी मेंनें अपना बना लिया और शक्तिया भी मेरे अंदर रह गई ,शिवाय पर मेंनें सोचसमझकर ही दाव खेला है ,वो हिमाली की बेटियों की शक्ति हासिल करके तामराज और हिमाली का भी अबसे बड़ा दुश्मन बन जायेगा ,और उनसे बचने के लिये उसे मेरे सिवा कोई नही दिखेगा ,शिवाय अपनी मर्जी से हो या मजबुरी में मुझे हिमाली की बेटीयो की ताकद देकर ही रहेगा ,और उसने नही भी दी तो मुझे उससे शक्तिया लेने में कोई परेशानी नहीं होगी ,शिवाय को मैने शक्तिया लौटाकर एक तीर से ही बहुत कुछ हासिल कर लिया है ,मेरे पास त्रिदेवियों से मिला एक खास वरदान है जिसे में वक्क्त आने पर एक ही बार इस्तेमाल कर सकता हु और शिवाय के खिलाफ उस वरदान को इस्तेमाल करने की शायद ही मुझे जरूरत पड़ेगी ,में कभी कोई काम बेमतलब नही करता शिवाय को युवराज क्यो बनाया है यह बात जब उसे पता चलेगी तब वो अपनी किस्मत को कोसेगा ,में आसानी से उससे हिमाली के बेटीयो की शक्ति हासिल कर लूंगा ,मुझे अपने किसी वरदान का इस्तेमाल करने की जरूरत भी नही पड़ेगी ,तुम देखो मेरे दिमाग का खेल क्या रंग लाता है ,
मिबा को पता था भुजंग कितना बड़ा चालबाज है पर वो उसके साथ ईमानदार था और भुजंग के मदद से ही वो तामराज और हिमाली को सबक सिखा सकती थी ,उसे भी भुजंग की जरूरत थी ,उसने भुजंग को ऐसी कलिशक्तियो के राज बताये थे जो तामराज को भी नहीं पता थे ,भुजंग ने खुद कभी कोई काली शक्ति का मालिक नही बना था पर उसने अपने कुछ बेटो को बेमिसाल शक्तियो का मालिक बना दिया था ,भुजंग हजारो साल से दुनिया पर राज करने की चाहत को किसी भी हाल में पूरा करने की ठान चुका था ,मिबा से कुछ देर बात करने के बाद वो चली गयी ,
भुजंग भी अपने कमरे से बाहर आ गया ,उसने लामन को भेजकर शिवाय को बुला लिया और शिवाय की मुलाकात अपने बेटीयो से करवाई ,शिवाय भी हिमाली और उसकी तीनो बेटीयो की सूंदरता से हतप्रभ रह गया ,उसे उम्मीद नही थी कि वो इतनी खूबसूरत हो सकती है ,शिवाय को उनके अन्दर बेशुमार काली शक्तिया को अहसास हो रहा था ,शिवाय को पता था कि यह मा बेटिया कोई आम नही है ,शिवाय उनके मन को आसानी से पढ रहा था ,उनके ख्याल जानकर शिवाय सोच रहा था कि इनको भी सबक सिखाना ही पड़ेगा ,शिवाय को देखकर हिमाली भी मोहित हो गयी थी ,उसे भी शिवाय जैसा जवान और तगड़ा राक्षस पसन्द आ गया था ,हिमाली ने सोच लिया था इस शिवाय को अपना गुलाम बनाना ही पड़ेगा ,उसके कामवासना को कभी तामराज भी कभी ठंडा नही कर पाया था ,शिवाय को देखकर उसके मन मे बरसों पुरानी प्यास एक बार भड़क गई थी ,भुजंग उसे कभी पसन्द नही था ,नही तो कबसे वो भुजंग को अपने ऊपर चढ़ा लेती पर शिवाय उसे देखते ही पसन्द आ गया था ,और हिमाली उसे आज ही उसके साथ हमबिस्तर होने का सोच चुकी थी ।
 
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Update 120

चारो तरफ एकदम अंधेरा फैला हुवा था ,उस काले अंधेरे में एक बहुत ही बड़े प्रवेश द्वार पर खड़े सैनिकों को कोई आता हुवा दिखने लगा था ,हजारो साल बाद इस काली अंधेरी दुनिया मे कोई प्रवेश द्वार पर आया था ,सभी हैरत और आश्चर्य से आने वाले को देख रहे थे ,भुतं,प्रेत,पिशाच ,राक्षस ,दानव की इस काली दुनिया मे आने वाला एक इंसान था ,जिसे देखकर सभी सैनिक हैरत में पड़ गए थे ,उन्हें यकीन करना भी मुश्किल हो रहा था कि कोई जिंदा इंसान यहा तक आ सकता है ,इस अंधेरी काली दुनिया से आज तक कोई इस प्रवेश द्वार से कभी बाहर नही गया था ,तामराज के इस काली दुनिया मे हजारो साल बाद कोई आ रहा था ,उसे प्रवेश द्वार पर खड़े डरावने भूतों प्रेतों और पिशाच सैनिकों को देखकर भी कोई फर्क नही पड़ रहा था ,उसने प्रवेश द्वार पर आकर कहा ,अपने महाराज से जाकर बोल दो उसे मिलने काल आया है ,जितनी जल्दी हो आकर मुझे मिले नही तो अपनी बर्बादी को तैयार रहे ,उसकी बात सुनकर सब जोर जोर से हसने लगे ,काल ने एक बार फिर अपनी बात दोहराई और कहा तुम सबको एक बात बोल देता हूं ,अगर तुमने इस बार मेरी बात नही मानी तो इसका परिणाम अच्छा नही होगा ,पर वो सभी प्रेत ,भूत ,पिशाच इस मानव से कैसे डरते वो फिर से हसने लगे और काल को चिढ़ाने लगे ,काल कुछ देर चुप रहा लेकिन उसके बाद जितने भी प्रवेश द्वार पर भूत ,प्रेत ,पिशाच खड़े थे सबके हाथ पांव उसने अपनी तलवार से काट दिए ,सभी के मुह से दर्दनाक चीखें गूँजने लगी थी ,उनके हाथ पांव काटना कोई मामूली बात नही थी ,जो मर चुके हो उन्हें दर्द नही होता ,प्रेतों का शरीर था पर भुत और पिशाच आत्मा होकर भी उनके हाथ पांव कट गए थे ,उन सबको पता चल चुका था यह कोई आम इंसान नही है ,उन्हें अब अपनी गलती का पछतावा होने लगा था ,उन्हें यह समझ आ गया था कि यह उन्हें आराम से मिटा सकता है ,उन सभी मे से एक बोला ,तुमने यह अच्छा नही किया तुमने अपनी मौत को दावत दी है ,हम लोग कोई मामूली भुत प्रेत नही है हमे यहा खुद महाकाल ने रखा है और तुमने महाकाल के सेवको को चोट पोहचाई है जिसका एक ही दण्ड होता है मौत ,काल उसकी बात सुनकर हसने लगा और बोला ,महाकाल ने तुम्हे यहा किस लिये रखा था जरा मुझे भी तो बताओ ,वही प्रेत फिर बोला ,हमे इस अंधेरी काली दुनिया पर ध्यान रखने का काम दिया है ,कोई भी इस प्रवेश द्वार से अंदर नही जा सकता और ना ही कोई बाहर आ सकता है इस प्रवेश द्वार से ,यह काली अंधेरी दुनिया भूत ,प्रेत ,पिशाच के रहने कि जगह है ,और हमारे मालिक ने इस दुनिया को बसाया है ,तुमने हमपर नही हमारे मालिक पर वार किया है इसका दण्ड तुम्हे जरूर मिलने वाला है ,काल उसकी बात सुनकर बोला ,चलो तुम्हे अपना काम तो याद है पर तुम अपने मालिक को पहचान तो लोगे ना सामने आने पर या उसे भी नही पहचानते ,काल की बात से सब एकदम शांत हो गए ,वो सभी सोच में पड़ गये थे ,काल की बात का मतलब उन्हें समझ आ गया था पर वो इस बात को सच मानना नही चाहते थे ,उन भूतों से एक बोला ,हमारे मालिक जब भी हमारे सामने आएंगे हम उन्हें पहचान सकते है ,हजारो साल से वो यहा पर नही आये है पर इसका मतलब यह नही की हम उन्हें नही पहचाने और तुम होते कौन हो हमे सब कहने वाले ,काल ने उन सबको कुछ भी नही कहा और उस प्रवेश द्वार की तरफ बढ गया सभी नीचे गिरे हुवे भूत प्रेत पिशाच सैनिक हसने लगे उन्हें पता था कि यह द्वार कोई नहि खोल सकता ,कोई कितना भी शक्तिशाली क्यो न हो पर महाकाल के इस द्वार को उनके सिवा कोई नही खोल सकता था ,पर काल ने एक ही लात मारकर उस विशाल दरवाजे के परखच्चे उड़ा दिए ,सभी हँसना एकदम बन्द हो गए और एक भुतं सैनिक के मुह से निकला यह तो हमारे मालिक महाकाल ही है ,सभी को सांप सूंघ गया था ,वो सभी अपनी गर्दन नीचे करके पड़े हुवे थे ,उन्हें अपनी भूल का पता चल गया था ,उन्हें इतने आसानी से हाथ पांव काटकर सजा देने वाला सिर्फ महाकाल ही ही सकता थे ,और उन्हें ही वो पहचान नही पाए थे ,सबको महाकाल के गुस्से का पता था उन सबकी एक ही सजा होनी थी वो थी दर्दनाक अंत ,जैसेही काल उस द्वार से अंदर चला गया ,सभी सैनिक जो नीचे गिरे हुवे थे वो एकदम से जलने लगे उनके पूरे बदन को पाताल की अग्नि ने जलाना शुरु कर दिया था ,पूरे वातावरण में उनकी दर्दनाक चीखे गूँजने लगी थी ,थोड़ी ही देर बाद वह पर किसीका नामोनिशान तक नही रहा ,सभी जलकर मर गए थे ,महाकाल की सजा से कोई भी नही बचा था और अब काल उस काली दुनिया मे दाखिल हो गया था ,
काल कुछ देर चलने के बाद ही उसके सामने दो भेड़िये आ गए ,आम भेडियो की तरह उनका एक नही तीन सर थे और उनका आकर भी एकदम असमान्य था ,काल को देखकर वो दोनो भेडिये उसके सामने झुक गये ,आपका स्वागत है मालिक ,काल को देखकर उनके मुह से यह निकल गया ,काल ने उन्हें देखकर कहा ,तुम दोनो ने मुझे पहचान लिया ,ठीक है एक काम करना जाकर तामराज को यहा बुलाकर लाना ,उन दोनों में से एक तामराज के पास चला गया और थोड़ी ही देर में तामराज को अपने साथ ले आया ,तामराज भी इन दोनों भेडियो को जानता था उसे पता था कि यह कोई मामूली भेड़िये नही महाकाल के खास भेड़िये है ,वो दोनो भेड़िये हजारो साल से काली अंधेरी दुनिया के प्रवेश द्वार पर पहरा देते थे ,उनकी वजह से कोई भी इस काली अंधेरी दुनिया से बाहर नही जा सकता था ,वो दोनो भेड़िये इतने खतरनाक थे कि जो भी उस प्रवेश द्वार के पार जाने की कोशिश करता उसे एक पल में मार देते थे ,महाकाल ने ही भूत, प्रेत,पिशाच्च,को रहने के लिए इस जगह का निर्माण किया था ,इस काली अंधेरी दुनिया मे एक से एक खतरनाक भूत प्रेत और पिशाच रहते थे साथ मे बहुत सी चुड़ैल भी यहा रहता थी ,बाकी दुनिया को उनसे कोई खतरा न हो इस वजह से उन्हें यहा पर रखा गया था ,महाकाल ने ही यहा पर एक राजा को इन सबकी देखभाल करने को रखा था जिसका नाम सुमेर था उसकी ही बेटी मिबा थी ,तामराज खुद एक प्रेत था जिसकी बहादुरी और पराक्रम से मिबा उससे प्यार कर बैठी थी ,तामराज भी मिबा से शादी करके इस काली दुनिया का राजा बनने की चाहत को छोड़ न सका ,मिबा से शादी होने के बाद ही सुमेर की जगह वो इस काली दुनिया का राजा बन गया था ,तामराज को बहुत बड़ा बनने की इच्छा थी और वो राजा बनने के बाद अपनी ताकद को बढ़ाने में लग गया था ,हजारो साल से इस काली दुनिया मे कैद सभी भुतं प्रेत पिशाच चुड़ैल भी उसके साथ हो गए थे ,उन सबको इस काली दुनिया की कैद से निकलना था ,महाकाल ने उन्हें यहा बन्द करने से वो महाकाल से भी बहुत गुस्सा थे ,उनके लिये महाकाल शत्रु बन गया था ,महाकाल की वजह से बाहर की दुनिया मे नही जा सकते थे सिर्फ राजपरिवार ही इस काली दुनिया से बाहर जा सकता था ,जिसका तामराज ने फायदा उठाकर भुजंग से दोस्ती कर ली थी ,तामराज खुद को बहुत बड़ा शक्तिशाली और बलावान समझता था ,उसे महाकाल से भी बहुत नफरत थी और वो महाकाल से भिड़ने को भी तैयार था पर आज तक उसकी कभी महाकाल से मुलाकात नही हुवीं थी ,पर जब उसे प्रवेश द्वार के भेड़िये ने कहा कि आप को प्रवेश द्वार पर बुलाये है तो उसे लगा कोई परेशानी की वजह से यह भेड़िया उसे लेने आया होगा इस वजह से वो बिना कुछ पूछे ही उसके साथ चला आया था ,जब तामराज ने प्रवेशद्वार पर एक मानव को देखा तो उसने दोनो भेड़िये से पूछा ,कौन है यह मानव और यह अंदर कैसे आया ,तुम दोनो ने इसे मारा क्यो नही अभीतक ,काल को वह एक मानव ही समझ रहा था ,दोनो भेड़िये ने उसे कुछ नही कहा तो तामराज ने काल की तरफ बहुत गुस्से से देखकर कहा कि ,कौन हो तुम तुच्छ मानव और तुम्हारी इतनी हिम्मत मेरी इस काली दुनिया मे चले आये ,लगता है तुम्हे तुम्हारी मौत ही यहा पर ले आयी है ,
दोनो भेड़िये तामराज की ऐसी बात सुनकर बहुत ज्यादा भड़क गए थे ,वो तामराज पर हमला ही करने वाले थे कि काल ने दोनो के मन मे उन्हें एकदम शांत रहने का आदेश दे दिया ,काल ने तामराज की तरफ देखकर कहा ,लगता है भिक में मिली राजगद्दी से तुम कुछ ज्यादा ही उड़ने लगो हो ,अपनी औकात भूल मत जाना तामराज तुम्हे पता है तुम किसके सामने खड़े हो ,चुपचाप जाकर सुमेर को यहा लेकर आओ ,मेंनें इस काली दुनिया के राजा को मिलने बुलाया था तुम्हे नही ,काल की बात सुनकर तामराज एकदम भड़क गया उसे उम्मीद नहीं थि की यह तुच्छ मानव उससे ऐसी बात करेगा ,उसने बहुत ही क्रोध से कहा ,लगता है तुम्हे मरने की बहुत जल्दी है ,तुम्हारे सर को काटकर में इस प्रवेश द्वार पर टांग दूँगा ताकि कोई मानव यहा आने पर जान सके कि उनकी क्या औकात होती है ,तामराज ने एक आवाज लगाने पर ही उसके सामने 100 से ज्यादा भुतं प्रेत पिशाच सैनिक प्रकट हो गए वो सभी तामराज के सबसे बेहतरीन योद्धा थे ,तामराज ने उनसे कहा ,इस मानव को इतनी बुरी मौत मारना की यह मरने के बाद भी डरता रहे ,इसकी आत्मा को भी यही गुलाम बनाकर रखना ,तामराज की बात सुनकर उसमे से एक बोला ,महाराज इस मच्छर को मारने के लिये में अकेला ही काफी हु ,आप देखिये में इसकी क्या हालत करता हु ,इतना कहकर वो काल पर झपट पड़ा पर काल का गुस्सा अब बहुत बढ़ गया था ,उसके अंदर का महाकाल का अंश बाहर आने को बेताब हो गया था और एक ही पल में काल एकदम से महाकाल के भयानक रूप में आ गया ,जिसे देखकर सभी की गांण्ड एक पल में फट गई ,तामराज भी उसके रूप को देख कर डर गया था ,पर उसे लगा कि यह कोई मायावी रूप से सबको डरा रहा है ,उसने सबसे कहा लगता है यह मानव कोई मायावी विद्या को जानता है ,ऐसा रूप लेकर उसे लगता है वो हमें डरा देगा ,इसे दिखा दो की हम क्या है ,मार दो इसे ,तामराज की बात से सभी एक साथ उस पर टूट पड़े पर यही उनसे सबसे बड़ी गलती हो गयी ,महाकाल का क्रोध उन्हें बढाना नही चाहिए था ,महाकाल बने काल ने सबको एक पल में ही बहुत बुरी तरीके से मार दिया ,और तामराज को एक झापड़ मार दी ,तामराज की तो एक झापड़ खाने से ही दुनिया हिल गयी थी ,वो बहुत दूर जाकर गिर गया था ,उसका पूरा जबड़ा फट गया था ,इतनी शक्तिशाली मार से वह समझ गया कि यह कोई मामुली मानव नही है ,तामराज को उसने एक ही झापड़ में उसकी औकात दिखा दी थी ,पर तामराज सुधरा नही था ,उसने तुरंत अपनी पूरी सेना को बुला लिया ,एक तरफ करोड़ो की भूतों प्रेतों पिशाच की सेना और दूसरी तरफ काल खड़ा था ,तामराज अपनी जगह पर कैसे तो भी खड़ा हो गया ,उसका पूरा शरीर थरथर कर रहा था उसके दो सैनिकों ने उसे सहारा देकर खड़ा किया था ,तामराज ने अपनी सेना से कहा मार दो इसे ,फिर शुरू हुवा महाकाल का खूनी खेल ,तामराज की आंखों के सामने ही वो उसकी विशाल सेना को गाजर मूली की तरह काटने लगा ,पल पल महाकाल का क्रोध बढ़ने से उसका आकार भी बढने लगा था और उसके प्रहार की तीव्रता भी ,तामराज आंखे फाड़कर इस मौत के तांडव को देख रहा था उसकी करोड़ो की सेना भी इस मानव के सामने टिक नही पा रही थी ,जिसे तामराज बहुत ज्यादा शक्तिशाली और बलावान समझता था ऐसे उसके बहादुर योद्धा एक ही वार में जलकर खाक हो रहे थे ,काल ने कुछ ही पलों में सारी सेना को खत्म कर दिया था ,तामराज को अपनी मौत दिखने लगी थी वो वहां से भागकर महल चला गया और मिबा के पिता और अपने ससुर के पास पहुच गया जो इस वक्त अपने महल में बैठे हुवे थे ,तामराज ने जाकर जब सुमेर को बताया कि कोई मानव यहा आया है और वो पूरी सेना को मार् रहा है तो उन्हें भी आश्चर्य हुवा ,वो मिबा की शादी के बाद अपने महल में ही रहा करते और महाकाल की पूजा किया करते थे ,तामराज के राजा बनने के बाद वो ज्यादा ध्यान नही देते थे, तामराज ही सब राज्य की बागडोर संभलता था ,सुमेर को लगता कि तामराज एक अच्छा समझता था पर उसे यह नही पता था कि तामराज उनके पीछे क्या गुल खिला रहा है ,सुमेर अपने साथ तामराज को लेकर तुंरत प्रवेश द्वार पर चला गया ,तामराज को पता था कि सुमेर इस काली दुनिया का सबसे ताक़दवर और बलशाली है उसके सामने यह मानव नही टिक पायेगा ,वो बड़ी खुशी से उस मानव की मौत देखने आया था ,पर जैसे ही सुमेर ने उस मानव को देखा तो दौड़ कर जाकर उसके पैर में गिर गया ,तामराज के तो झाट के बाल जल गए थे यह देखकर ,सुमेर उस मानव के पैर को पकड़के उसकी माफी मांग रहा था ,और जब सुमेर के मुह से उसने महाकाल का नाम सुना तो तामराज की गांण्ड फट के हाथ मे आ गयी ,उसे डर लगने लगा था ,महाकाल की ताकद का नमूना तो वह देख चुका था और उसने महाकाल के गुस्से के बारे में सुना भी था ,अपनी भूल का उसे बहुत पछतावा हो रहा था ,अपनी मौत उसे दिखने लग गयी थी ,डर के मारे वह वहासे गायब होने की कोशिश करने लगा पर उसके सामने दोनो भेड़िये बहुत गुस्से में खड़े थे और तामराज वहां से गायब भी नहीं हो रहा था ,उसकी सारी मायावी विद्या को उन दोनों ने बांध दिया था ,उन दोनों को कबसे महाकाल ने रोक लिया था नहीं तो कबसे वो तामराज और उसकी सेना का सफाया कर देते ,तामराज पर दोनो झपट पड़े ,और एक ही पल में अपने जबड़ो से उसके दोनो हाथ पैर उन्होंने चबाकर खा लिये थे ,वो उसकी गर्दन को तोड़ने ही वाले थे कि महाकाल ने उन्हें रोक दिया ,महाकाल सुमेर को लेकर उसके पास आ गया ,तामराज बिना हाथ पांव के उसके सामने दर्द में तड़प रहा था ,महाकाल भी अब काल के रूप में वापिस आ गया था ,उसने तामराज की तरफ देख कर कहा ,तामराज तुम अपनी औकात हमेशा याद रखना तुम्हारे लिए तो यह दोनो भेड़िये ही बहुत है और तुम त्रिशक्तियो से भिडने की सोच रहे हो ,तुम इस भेडियो से कभी जीत नही सकते तो बाकी की बात करना ही मुश्किल है ,सुमेर की भक्ति और ईमानदारी से में तुम्हे मार नही रहा पर तुम्हे सजा नही दु ऐसा कभी नही होगा ,तुमने मुझे ही नही सुमेर को भी धोका दिया है ,आज के बाद जब तक तुम जिंदा हो हर पल जलते रहोगे ,तुम्हारे बदन को यह पाताल की आग हमेशा जलाता ही रहेगी ,ना कभी यह बुझेगी ना कोई इसे बुझा सकता है ,बहुत शौक है ना तुम्हे त्रिशक्तियो से भिड़ने का ,इसकी सजा तुम्हे में देकर ही बताऊंगा की तुम किसी कीड़े से ज्यादा नही हो ,इतना कहकर काल के हाथों से पाताल की आग निकल के तामराज के बदन में समा गई उसके हाथ और पैर जिस जगह से कटे थे उसी जगह पर यह आग भड़क उठी थी ,तामराज का तो दर्द से बुरा हाल हो गया था ,सुमेर ने काल से कहा ,मालिक में इस तामराज को बहुत अच्छा समझ रहा था ,यह मेरी पीठ पीछे ऐसी हरकतें कर रहा था यह बात मुझे पता होती तो कबसे में इसे मार देता ,काल ने सुमेर की तरफ देखकर कहा ,गलती तो तुमने भी की थी सुमेर ,हिरण्याक्ष की बेटी को यहा पनाह देकर ,उस बारे में तुम क्या कहना चाहोगे ,सुमेर ने अपने दोनो हाथ जोड़कर कहा ,मालिक मेंनें बस उसे यहा सहारा दिया था ,वो अपने पिता के मौत के बाद राक्षस जाती के साथ नही रहना चाहती थी ,उसे नफरत हो गयी थी अपने कुल से इसीलिए वो सबसे दूर यहा पर रह रही है ,
काल ने कहा ,वो यहा नही है सुमेर वो कब की यहा से चली गयी है ,उसने भुजंग से शादी कर ली है और उसकी शादी कराने वाला यह तामराज ही है ,
सुमेर यह सुनकर एकदम हैरान हो गया उसे यकीन ही नही हो रहा था जो हिमाली राक्षस जाती से इतनी नफरत करती थी उसने भुजंग से शादी कर ली ,वो आश्चर्य से काल की तरफ देख रहा था ,
काल ने सुमेर से कहा ,इतना हैरान मत हो वो कभी नही सुधरने वाली उसने सबसे पहले तेरे इस तामराज को अपने जाल में फंसाया उसकी मदद से उसने बहुत सी काली शक्तिया हासिल की ,तामराज ही उसका असली पतीं है यह दोनो मिलकर भुजंग से खेल रहे थे पर इन्हें यह बात पता नही थी कि भुजंग सब जानता है और वो ही इनसे खेल रहा है कबसे ,तामराज भी सब सुन रहा था उसने जब यह सुना तो उसे भी बहुत आश्चर्य हुवा ,भुजंग सब जानता यह बात उसके पल्ले नही पड़ रही थी काल ने उसकी तरफ देखकर कहा ,क्यो खुद को बहुत होशियार समझते हो ना पता है भुजंग का साथ कौन दे रहा था आजतक तुम्हारी पहली पत्नी मिबा ,जिसे तुमने सिर्फ अपने मतलब के लिये शादी करके फसाया था ,तुम बुरी तरह फंस चुके हो तामराज मेरी कैद से तुम कभी आझाद नही हो सकते ना किसी तरह हिमाली और अपनी बेटीयो से बात कर पाओगे ,तुम्हारी यही सजा होगी कि तुम चुपचाप यही पड़े रहकर उनकी बर्बादी देखोगे ,हिमाली और उसकी बेटीयो को सजा तो बहुत भयानक मिलने वाली है ,तुम भी सब देख सकोगे अपनी नजरो से इसका इंतजाम में कर देता हूं ,काल ने उन दोनों भेडियो को तामराज को वहासे लेकर अपने कैद में रखने को बोल दिया ,उनके जाने के बाद उसने सुमेर से कहा तुम्हारी बेटी मिबा को यहा बुला ले ,सुमेर ने मिबा को फौरन यहा बुला लिया ,उसे महाकाल के बारे में पता था कि वो भड़क गया तो क्या होगा ,उसे अपनी बेटी के जान की फकीर हो रही थी पर उसकी बेटी भी गलत राह पर चल पड़ी थी ,महाकाल ने उसे सजा नही दी तो खुद वो उसे सजा दे देता क्योकि उसने काली दुनिया से गद्दारी की थी ,और महाकाल की काली दुनिया से गद्दारी की सजा बस मौत ही थी ,मिबा जब अपने पिता के सामने आयी तो अपने पिता के साथ उसने एक अनजान चेहरे को देखा पर उसने उसकी तरफ ज्यादा ध्यान नही दिया और अपने पिता से कहा ,कहिए पिताजी क्या बात है जो आपने मुझे यहा बुला लिया सब ठीक तो है ना ,मुझे अभी पता चला कि किसीने काली दुनिया पर हमला कर दिया है ,हमारी करोड़ो की सेना भी उसने मार दी है ,कौन है वो और उसकी क्या दुश्मनी है हमसे जो हमारी सेना को वो तबाह कर रहा है ,और तामराज कहा है वो नही दिख रहा आपके साथ ,उसकी बात का जवाब काल ने ही दिया ,मेंनें मारा है तुम्हारी सारी पापी और नीच सेना को और तुम्हारे पतीं के भी हाथ पांव काट दिए है ,बोलो क्या कर लोगों मेरा तुम ,मिबा यह बात सुनकर एकदम हैरान थी जिसने उनकी सेना को मार दिया उसके सामने उसके पिता किसी गुलाम की तरह सिर झुकाकर खड़े थे और तामराज के हाथ पांव काटने की बात से उसे बहुत खुशी हो रही थी ,पर यह कौन हो सकता है जो अकेला यहा आकर इतनी तबाही मचा सकता है ,उसके पिता भी उसके सामने सर झुकाकर खड़े है यह जरूर कोई खास होगा वरना उसके पिता इतने शक्तिशाली थे कि वो किसी के सामने नही झुकते थे ,मिबा ने काल से कहा ,आप कौन है यह में नही जानती पर मेरे पिता आपके सामने सिर झुकाए है इसका मतलब कोई खास ही हो सकते है ,जब मेरे पिता आपको कुछ नही कर सकते तो में क्या कर सकती हूं ,में बस जानना चाहती थी यह किसने किया ,अगर यह सब आपने किया है तो जरूर कोई बड़ी वजह होगी ,काल उसकी बात सुनकर सुमेर से बोला ,तुम्हारी बेटी तुम्हारे तरह ही होशियार है फिर कैसे वो तामराज के झांसे में आ गयी और भुजंग की मदद करने की उसने सोची भी कैसे ,उसे पता नही था क्या काली दुनिया का मालिक कौन है और क्या नियम है यहा क्या ,सुमेर तुम ही बोलो क्या सजा मिलनी चाहिए उसे ,
मिबा यह सुनकर एकदम डर गई भुजंग का नाम सुनकर उसे अपने अपराध याद आ गया और वो समझ गई कि उसकी मौत अब एकदम पक्की है ,उसकी शक्कल डर से पीली पड़ गई और जब उसने अपने पिता से महाकाल का नाम सुना तो उसे यकीन हो गया कि उसकी मौत बहुत भयानक होने वाली है ,क्योकि महाकाल का कहर उस पर गिरने वाला था ,जिसने रचनाकार के सिर को काट दिया हो उससे बचना असम्भव था ,वो रोने लगी थी ,सुमेर ने काल से इतना ही कहा कि महाकाल आप जो सजा दोगे वह मुझे मंजूर है ,आपकी बात टालने की मेरी कोई औकात नही है ,मिबा ने जो गलती की है वो माफी के लायक भी नही है ,आप ही तय कीजिये क्या सजा देंनी है ,
काल ने एक बार मिबा की तरफ देखकर कहा ,आज के बाद भुजंग की कोई मदद नही करोगी तुम ,ना तुम कभी इस काली दुनिया से कभी बाहर जाओगी ,तुम्हारी सारी ताकद आज से में छीन रहा हु ,सुमेर की ईमानदारी की वजह से मेंनें तुम्हे जीवदान दिया है ,पर आगे तुम ऐसी हरकत कभी मत करना ,तुम्हारी शादी भले ही तामराज से हुवीं थी पर आज तक तुम कवारी ही हो तुम्हारी शादी में अपने एक खास आदमी से करवाने वाला हु ,आज के बाद तुम उसकी पत्नी बनकर ईमानदारी से इस काली दुनिया का ख्याल रखोगी ,काल की बात सुनकर दोनो बाप बेटी उसके पैर में गिर गए ,महाकाल ने उसकी इतनी बड़ी गलती होने पर उसे जीवदान दिया था यही बहुत बड़ी बात थी ,मिबा की शादी काल ने अपने अंदर से मोगा के एक प्रतिरूप से कर दी जो शिवाने उसे दिया था ,काल को शिवा ने मोगा के 10 प्रतिरुप दे दिए थे सहायता के लिये ,जिसमे से एक प्रतिरूप को काल ने बहुत सी काली शक्तिया देकर और शक्तिशाली बना दिया ,और उसे इस काली दुनिया का रक्षक बनाकर मिबा से उसकी शादी करा दी ,काल ने काली दुनिया को पूरी तरह सही करने के बाद वहां से चला गया ,हिमाली और भुजंग को यह बात कभी पता नही चलने वाली थी ,उन दोनों का सबसे बड़ा सहारा ही तोड़ दिया था ,भुजंग और हिमाली को बहुत बड़ा झटका था यह और उनके सामने शिवाय नाम की सबसे बड़ी मुसीबत भी खड़ी होने वाली थी ,भुजंग को तो शिवाय इतनी जल्दी कुछ नही करने वाला था पर हिमाली और उसके बेटीयो की बहुत बुरी हालत करने वाला था वो ,भुजंग को भी बहुत ख़ुशी होने वाली थी और शिवाय और उसके करीब होने वाला था ,यह खेल भुजंग का था पर इसे शिवाय अपने मन से खेल कर भुजंग को सताने वाला था ।
 

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