update 117
पिनाकी को लेकर शिवाय और कालराक्षस राक्षस लोक आ गए ,शिव को तो बहुत जल्दी थी अपने पिता को तकलीफ देने वाले को मिलने की पर शिवाय ने उसे यह कहकर शान्त किया कि आज के दिन आराम करना कल शाम को तुम्हे अपना शिकार मिल जाएगा ,शिवाय ने अपनी माया से शिव को एक राक्षस का रूप दे दिया ,भोकासुर ने जब शिव को वहाँ देखा तो यह बात शिवा को एक पल में समझ गई कि शिव राक्षस लोक में है ,शिवाय से मानसिक सम्पर्क करके उसने जब शिवाय से यह बात पूछी की शिव राक्षस लोक में क्या कर रहा है ,तब शिवाय ने उसे बताया कि एक काम के लिये इसे यहा पर लाया है ,कालिया नाम का एक नाग है जो हजारो साल से गायब था ,उस कालिया नाग ने बहुत से मासूम और निर्दोष लोगों को मारा था ,कालिया को शक्तिया बढ़ाने का बहुत शौक था उसकी यह चाहत थी के वह शेषनाग से भी ताक़दवर सांप बन जाये ,उसने पहले बहुत सालो तक तपसाधना करके खुद को ताक़दवर बनाने की कोशिश की पर शेषनाग की बराबरी नहीं कर पाया ,फिर उसने क्रोध में आकर अच्छाई का रास्ता छोड़ दिया और काली शक्तिया पाने की कोशिश में लग गया ,अपने आप को शक्तिशाली बनाने के लिये उसने बहुत सी लड़कियो की बलि देकर काली शक्तिया हासिल की पर फिर भी उसकी भूक शान्त ही नही हुवीं ,उसने 11 हजार कवारी लड़कियों की बलि देकर शैतानी दुनिया से बहुत ही घातक शक्ति हासिल की जिसका इस्तेमाल करके वो शेषनाग पर करने वाला था ,कालिया ने अपने घमण्ड में आकर शेषनाग को युद्ध की चुनौती दे दी पर शेषनाग के सामने कालिया एक पल भी टिक नही सका ,कलिशक्ति से मिली ताकद इस्तेमाल करना तो दूर शेषनाग की एक ही प्रहार से वो हजारो मील दूर जाकर गिर गया ,शेषनाग ने ऐसे कमजोर को क्या मारना यह सोचकर छोड़ दिया पर कालिया उसके बाद से कभी दिखा ही नही ,और आज इतने हजारो साल बाद वो भुजंग के गुप्त महल के नीचे दिख गया ,हजारो साल से उसने काली शक्ति की साधना करके अपनी ताकद को बहुत ज्यादा बढा लिया है ,अगर भुजंग ने उसे बाहर निकाला तो कालिया बहुत ज्यादा नुकसान कर सकता है ,उसके मन मे सिर्फ बदले की भावना है ,वो हर उसकी जान लेगा जो भगवान को मानते है या उनपर विश्वास करते है ,कालिया सबसे ज्यादा नुकसान धरती पर ही कर सकता है ,उसकी वजह से धरती पर बहुत से बेकसूर लोग मारे जायँगे ,भुजंग ने कालिया को महानाग का शिकार करने के लिये ही रखा था ,भुजंग को एक बात पता थी के कालिया भले शेषनाग के सामने कुछ नही है ,पर महानाग को वह कड़ी टक्कर दे सकता है ,महानाग को मारने के बाद भुजंग हिमांनी को हासिल करना चाहता था ,पर उसके तपसाधना के वक्त ही महानाग का उदय हो गया और हिमांनी का भी भुजंग को पता नही चला ,भुजंग उसके बेटो की मौत के वजह से अपना एक वरदान अपने बेटो की जिंदगी वापिस पाने के लिये खर्च कर बैठा ,अगर उसके बेटो की मौत नहीं होती तो वो त्रिशक्ति से ऐसी शक्ति का वरदान हासिल कर लेता जिससे वो महानाग को मार सके ,कालिया को वही शक्ति देकर वो महानाग से लड़ाने वाला था ,पर उसकी सब सोच उसके बेटो के मरने की वजह से धरि की धरी रह गई ,भुजंग थोड़ा सा बौखला गया है ,उसे अपने विषलोक के नष्ट होने की खबर पता चल गई है जिससे उसे अंदाजा हो गया है कि महानाग का जन्म हो चुका है ,भुजंग और कोई चाल चले इससे पहले कालिया को मारना बहुत जरूरी है ,और कालिया से लड़ने के लिये शिव एकदम सही है ,उसके पास नेत्रा का दिया हुवा नीलमणि है ,जिसकी वजह से महानाग से ज्यादा वो ही कालिया को आसानी से मार सकता है ,महानाग भले कालिया को मार दे पर कालिया के पास जो काली शक्ति है उससे महानाग भी बच पाना मुश्किल है ,शिव के पास नीलमणि की ताकद के साथ महानाग की सारी खूबियां है ,वो आसानी से कालिया को मार सकता है ,यह सब जानकर शिवा ने भी शिवाय को कुछ नही कहा ,
दूसरे दिन शिवाय के महल में सुबह ही भुजंग अपने राजसवारी लेकर पोहच गया ,भुजंग ने शिवाय को अपने साथ उस पूरे सूवर्ण रथ में बिठाकर राक्षस लोक के राजदरबार में लेकर गया ,भुजंग शिवाय को इतना आदर देने की वजह सिर्फ उसकी मजबरी थी ,गजाली और सुहाली की शक्तिया शिवाय में नही होती तो वो कब का शिवाय को मार चुका होता ,शिवाय को लेकर भुजंग राजदरबार में आने के बाद सभी खड़े हो गए ,भुजंग ने रात को ही सभी गुप्तलोक के बेटो को बुलाकर समाझाया था कि शिवाय को युवराज सिर्फ नाम के लिये बनाया जा रहा है ,ना वो ज्यादा दिन जिंदा रहेगा और ना कभी भुजंग उसे राजा बनने देगा ,भुजंग की बात को कोई भी नही टालता था ,उसने जो बोला वही सबके लिए वही आखरी बात होती है ,राजदरबार में हर एक व्यक्ति के मन मे शिवाय के लिए नफरत थी ,पर चेहरे पर खुशी दिखाते हुवे वो हसने नाटक कर रहे थे ,भुजंग ने शिवाय को राजगुरुं से इस राक्षस लोक का युवराज बनाने की सारी विधि करा ली ,भुजंग की तरह एक पर थोड़ा अलग एक सूवर्ण मुकुट शिवाय को पहनाया गया ,सबने शिवाय को युवराज बनने की बधाई दे दी ,भुजंग ने शिवाय को सबसे परिचय कराया सेनापति ,उसके सभी बेटे ,उसके कुछ खास लोक सबसे मिलाकर वो शिवाय को लेकर महल लौट आया ,शिवाय को वह सिर्फ झांसा दे रहा था ,युवराज बनाना और अगला राजा घोषित करना यह तो उसने सिर्फ कहा था ,लेकिन उसने राजदरबार में सिर्फ शिवाय को युवराज ही बनाया ,ना उसने कोई घोषणा की शिवाय अगला राजा बनेगा ,या कोई ऐसी बात कही ,उसे ऐसा लग रहा था कि शिवाय युवराज बन जाने की खुशी में कुछ बोलेगा ही नही ,और ना शिवाय को कोई रीतिरिवाज पता है राक्षसलोक के बचपनसे वो उसके बेटे के यहा बड़ा हुवा है उस बेटे को बहुत सी बातें मालूम नही थी तो शिवाय को क्या पता होगा ,शिवाय जैसा लावारिस राक्षस युवराज बनकर ही खुश होकर कभी कुछ बोलेगा नही ऐसा भुजंग को लगा था ,वो शिवाय को लेकर महल में आया ,भुजंग ,शिवाय आज से तुम इस राक्षस लोक के होने वाले राजा हो तुम्हे ही आगे चलकर इस राज्य को मेरे बाद संभलना है ,आज कुछ बाते में तुम्हे बताता हूं जो सिर्फ मुझे पता है और मेरे बाद तुमको ही पता होगी ,इस महल को मेंनें त्रिदेविया से आशीर्वाद से बनाया है ,इसमे मेंनें एक बहुत ही बड़ी ताकद को रखा है जो कभी संकट आने पर हमारे काम मे आ सकती है ,आज में तुम्हे उससे मिलाता हु ,भुजंग ने इतना कहने के बाद कालिया को बुला लिया ,भुजंग को लग रहा था कि कालिया के बारे में उसकी बेटिया शिवाय को जरूर बता देगी ,अगर में खुद उसे कालिया से मिला दु तो शिवाय के नजर में मेरी कीमत और ज्यादा होगी ,अपनी बेटीयो को शिवाय को तमाचा मारते हुवे देखकर उसे यकीन था कि शिवाय को उन्होंने भरपूर तंग किया होगा ,और ऐसी औरते अपनी पत्नी बनाकर कोई भी नही रख सकता ,उसने शिवाय को जिस बेटीयो से शादी करने का लालच दिया था उनसे वो शिवाय की शादी बिल्कुल नही करने की ठान चुका था ,शिवाय को उनको दिखा कर वो बस शिवाय से अपना काम निकलवाना चाहता था ,भुजंग ने कालिया की तरफ इशारा करके कहा ,शिवाय यह है आज की दुनिया का सबसे ताक़दवर और शक्तिशाली साँप ,यह दोनो शक्तियो धारण करने वाला एकमात्र सांप है ,इसमे देवता से मिली दिव्य शक्तिया भी है और काली दुनिया से मिली बेमिसाल ताकद भी ,यह एक दुनिया का पहला सांप है जिसमे दोनो शक्तिया है ,आज के बाद कालिया तुम्हारी भी हर बात मानेगा ,शिवाय कालिया को देख कर थोड़ा भी डरा नही था ना उसके चेहरे पर कोई आश्चर्य के भाव दिख रहे थे ,जो भुजंग को खटक रहा था ,उसने शिवाय से कहा ,क्या बात है शिवाय तुम्हे कालिया के बारे में मेंनें जो बोला वो सच नही लग रहा क्या , ,शिवाय बोला ,नही महाराज ऐसी कोई बात नही पर आपसे में एक बात कहना जरूर चाहूंगा कि यह साँप दुनिया का सबसे ताक़दवर साप नही है ,कालिया को तो यह बात सुनकर बहुत ग़ुस्सा आ गया था ,अगर भुजंग यहा नही होता तो वो कबका ऐसी बात बोलने वाले को मार देता ,कालिया का अपने गुस्से से भरी आंखों से देखता भुजंग से बोला ,महाराज लगता है आपके साथ आये इस जवान राक्षस की आज मौत मेरे हाथों से लिखि है ,आप का आदेश हो तो में इस सबक सिखाना चाहूंगा ,की कालिया का अपमान करना क्या होता है ,भुजंग ने कालिया की तरफ बहुत ही गुस्से से देखकर कहा ,लगता हैं कालिया तुमने ठीक से सुना न ही मेंनें क्या कहा था ,आज से तुम्हे शिवाय की हर बात माननी होगी ,यह आजसे यहा के युवराज है ,शिवाय ने भुजंग से कहा ,महाराज आप कहे तो कालिया मेरे पास के एक सांप से लड़ सकता है अपनी ताकद दिखाने ,अगर वो जीत गया तो में उसकी ताकद मान जाऊंगी ,कालिया को भी अपनी ताकद दिखाने का एक मौका मिल गया ,शिवाय ने कालराक्षस को सन्देश देकर शिव को गुप्त राक्षसलोक बुलवा लिया ,जब भुजंग और कालिया ने शिव को देखा तो दोनो एक दूसरे की तरफ देखकर हसने लगे ,शिव एकदम बच्चा ही तो था ,भुजंग ने कहा ,शिवाय तुम गलती कर रहे हो इस बच्चे को कालिया के सामने खड़ा करना मतलब इसे मौत के सामने खड़ा करना है ,फालतू में इस बच्चे की जान चली जायेगी ,शिवाय ने कहा ,महाराज आप बस दोनो को एक बार भिड़ने दो ,आप को सब समज जाएगा ,कालिया को शिव को देख कर हसि आ रही थी ,कालिया और शिव एक दूसरे के सामने खड़े थे ,कालिया पूर्ण नाग रूप में था ,उसके सामने शिव एक मानव रूप में किसी चींटी से भी छोटा दिख रहा था ,शिवाय का इशारा मिलते ही वो एकदम से अपने नागरूप मे आ गया ,जिसे देखकर भुजंग के साथ कालिया भी हतप्रभ हो गए ,शिव का नागरूप तो कालिया से भी दस गुना बड़ा था ,भुजंग यह देखकर शिवाय से बोला ,आश्चर्य की बात है आज तक मे कालिया को ही दुनिया का सबसे बड़ा मानता था ,कालिया भी शिव को देखकर खुश हुवा उसे आज बहुत सालो बाद अपनी ताकद दिखाने का मौका मिल गया था ,कालिया एक दम से शिव पर झपट पड़ा शिव को अपनी कुंडली मे जकड़ कर वो उसे कसने लगा था ,शिव कालिया की हरकत से डरा नही था ,वो कालिया को उसके मनकी करने दे रहा था ,कालिया ने अपनी पूरी ताकद से शिव को जकड़ कर दबाने की कोशिश की पर शिव को कुछ भी फर्क नही पड़ रहा था ,कालिया ने अपने जहरीले दांत शिव के शरीर मे घुसाने की कोशिश कर दी पर शिव के मजबूत चमड़ी के ऊपर कुछ भी फर्क नही पड़ रहा था ,शिवाय ने पहले ही शिव को अपने नीलमणि की ताकद को इस्तेमाल करने को कह दिया था ,शिवाय को पता था कि कालिया जल्द ही भड़क कर शिव पर काली शक्तियो से हमला कर देगा ,उसे कुछ मौका देना गलत होगा ,शिव के मन मे शिवाय की बात गूंज गई इस कालिया को जिंदा निगल लो अपने अंदर ,शिव ने यह बात सुनकर कालिया की बड़े से फन को ही अपने मुह में भर लिया ,कालिया को ऐसी कोई उम्मीद ही नही थी ,उसे कुछ समझ आता उससे पहले ही कालिया को शिव ने अपने अंदर पूरा निगल लिया था ,कालिया को यह अपनी बहुत बड़ी बेइज्जती लगी थी ,इस जवान सांप ने उसे निगल कर कालिया को और भड़का दिया और उसने अपनी सबसे घातक काली शक्ति के वार करना शुरू कर दिया ,कालिया बहुत कोशिश करता रहा पर ना वो शिव को चोट पहुचा पा रहा था ना ही उसके पेट से बाहर निकल पा रहा था ,भुजंग को तो सदमा लग गया था ,जिसे वो दुनिया का सबसे बड़ा सांप समझ रहा था ,उसे एक बच्चे ने खा लिया था ,कालिया का दम शिव के शरीर मे घुटने लगा था ,शिव के अंदर का जहर उसे पूरा गलाने लगा था ,कालिया दर्द से तड़प रहा था ,उसे ऐसी मौत की उम्मीद भी नही थी ,इस बच्चें के अंदर जो जहर था वो कालिया से हजार गुना घातक था ,कालिया को अपनी मौत दिख गई थी ,उसने दर्द में पूछा ,आखिर तुम हो कौन ,तुमने इतनी आसानी से मुझे कैसे हरा दिया ,शिव ने उसे जवाब दिया ,में महानाग का बेटा हु ,बस यही सुनकर कालिया समझ गया कि गलत जगह उसने हाथ डाल दिया ,शेषनाग ने तो उसे छोड़ दिया था पर यहा उसकी मौत पक्की थी ,उसने मरने से पहले अपने अंदर की पूरी काली शक्ति को शिव के शरीर मे छोड़ दिया ,ऐसा करके शिव को भी नुकसान होगा अपने अंदर से काली शक्ति का आखरी कण तक वो शिव के शरीर मे छोड़ चुका था ,जैसे ही उसके अंदर की काली शक्तिया पूर्ण रूप से खत्म हो गयी ,शिव ने कालिया को बाहर उगल दिया अपने मुह से ,कालिया का आधा शरीर जल गया था ,वो शिव के जहर को बर्दाश्त ही नही कर पा रहा था ,भुजंग कालिया का ऐसा हाल देखकर एक सदमे में पोहच गया था ,उसे यकीन नही हो रहा था कि जिसे वो हजारो साल से एक शक्तिशाली और बलावान सांप समझ कर उसे अपना सबसे घातक हथियार समझ रहा था वो इस तरह मिट जाएगा ,कालिया के अंदर की इतनी घातक शक्तिया होकर एक बच्चे से वो हारकर मरने पर आ गया था ,भुजंग को कालिया पर बहुत गुस्सा आने लगा था ,उसने शिव को कहा ,मार दो इसे ,ऐसे हारे हुवे कमजोर को जिंदा रखने का कोई फायदा नही है ,शिव ने कहा ,नही महाराज में इन्हें मार नही सकता ,में तो बस इनसे मुकाबला करना चाहता था ,पर यह मेरे सामने टिक नही पाए ,इसे मारने से आपका अपमान करना होगा ,और में जिनको अपना सबकुछ मानता हूं ,उनका ही आदेश है कि में कालिया को जान से मार नही सकता ,शिवाय की तरफ देखते हुवे यह बात शिव कह रहा था ,भुजंग भी समझ गया कि शिवाय ने ही मारने से मना किया होगा ,भुजंग अब सोच में पड़ गया था शिवाय को लेकर ,तभी शिवाय ने भुजंग पर एक और बड़ा बम गिरा दिया ,महाराज मुकाबला तो खत्म हो गया ,पर में आप से एक बात कहना चाहता था ,मुझे राजकुमारीयो से जो शक्तिया मिली है वो में आपको देना चाहता हु ,आप ही उन शक्तियो के असली हकदार है ,शिवाय ने इतना कहते हुवे अपने अंदर से सभी शक्तिया जो उसे गजाली और सुहाली ने वापस कर दी थी उसे भुजंग को दे दिया ,भुजंग को तो यह बहुत बड़ा झटका था ,उसे बिल्कुल उम्मीद नही थी कि शिवाय उसे इतनी आसानी से इतनी दिव्य शक्तिया दे देगा ,वो मन मे बहुत खुश हो गया अब वो शिवाय को खत्म करने का सोचने लगा पर उसका ध्यान कालिया पर गया,शिवाय ने आज उसके हजारो साल से कर रही एक बड़ी गलती को इतनी आसानी से सामने लायी थी ,कालिया को भुजंग बहुत बड़ी ताकद समझता था पर असल मे वो एक बच्चे से हार गया था ,कालिया की भुजंग ने बहुत मदद की थी ,उसे काली दुनिया से बेमिसाल शक्तिया लेकर दी थी ,पर कालिया कुछ काम का नही था ,शिवाय उसे काम का लग रहा था ,और जिस तरह से उसने भुजंग को शक्तिया लौटाई थी उसकी वजह से भुजंग सोच में पड़ गया ,शिवाय ने जो शक्तिया उसे इतनी आसानी से वापिस करने से उसके मन मे चलने लगा ,शिवाय जैसा राक्षस मिलना मुश्किल है ,उसने शक्तियो को कोई भी लोभ नही रखा ,दूसरा कोई होता तो शायद ही ऐसा कर पाता ,मेरी बाकी तीनो बेटीयो के लिए शिवाय ही सही रहेगा ,जिस तरह इसने गजाली और सुहाली की शक्तियां मुझे दी है वैसेही यह मुझे मेरी तीनो बेटीयो की शक्तिया भी वापिस दे सकता है ,शिवाय मेरे आगे चलकर काम मे आ सकता है ,इसके पास अभी गजाली और सुहाली की शक्तिया वापिस करने में ही भलाई है ,भुजंग ने भी अपने अंदर बसी गजाली और सुहाली की दिव्य शक्तिया शिवाय को वापिस कर दी ,भुजंग ने शिवाय से कहा ,शक्तिया मेरे पास रहे या तुम्हारे पास बात तो एक ही है ,तुम मेरे लिये किसी दिव्य शक्ति से भी अनमोल हो ,सबसे पहले इस कालिया का कुछ करना होगा ,भुजंग ने एक ही वार में कालिया को खत्म कर दिया ,शिवाय की तरफ देखकर भुजंग ने कहा ,शिवाय तुम एक काम करो जाकर आराम करो ,शाम को में तुम्हे किसीसे मिलवाता हु ,कालराक्षस और शिव को लेकर शिवाय वहां से चला गया ,कालराक्षस के महल में आकर कालराक्षस ने शिवाय से कहा ,मुझे कुछ समझ नही आया आज जो कुछ भी हुवा उसका मतलब क्या है ,
शिवाय ,तुम को पता है ना कालिया के अंदर की कलिशक्ति का एक भी वार का शिव पर कोई असर नही होता ,उसकी काली शक्ति को पाने के लिये ही मेंनें शिव को उसे निगलने कहा था ,कालिया गुस्से और डर से अपनी सारी शक्तिया शिव के अंदर निकाल चुका था ,यही तो हम चाहते थे ,शिव को उसकी शक्तिया मील जाए ,और कालिया ने ऐसा करके हमारा काम आसान ही कर दिया ,शिव को मेंनें ही उसे उगलने को बोला था ,मुझे खुश करने के चक्कर मे भुजंग ने एक घायल को ही मार दिया ,मुझे भुजंग से पाप करवाना था जो उसने कर दिया ,एक घायल को मारकर ,भुजंग ने मुझे शक्तिया इसलिये वापिस की ताकि में उसपर विश्वास कर सकू ,उसे गजाली और सुहाली के साथ उसके तीनो बेटियो की भी शक्ति चाहिए थी ,मेंनें उसे गजाली और सुहाली की शक्तियां लौटने से उसे मुझ पर बहुत ज्यादा भरोसा हो गया है ,वह मेरी शादी उसकी तीनो बेटीयो से करवाने की सोच रहा है ,उसके लिये में बहुत काम को साबित होने वाला हु ,मेरा इस्तेमाल करके वो उसकी तीनो बेटीयो की शक्तियां पा लेगा और गजाली और सुहाली की भी शक्तिया मुझसे वो मांग लेगा प्यार से ,उसके बाद वो मुझे मारेगा या साथ रखेगा यह तो वक्क्त ही बताएगा ,
कालराक्षस सब सुनकर ,भाई यह भुजंग बहुत पछताने वाला है ,तू उससे पाप भी करवा रहा है ,उसकी हजारो साल के तपसाधना से मिली शक्तिया भी चतुराई से हासिल कर रहा है ,इतना सब आसानी से हो रहा है ,तुझे कुछ गलत नही लग रहा इसमे ,भुजंग जैसा शातिर इतनी आसानी से यह सब कैसे कर रहा है ,मुझे यह सब देख कर गड़बड़ लग रही है ,भुजंग कही कुछ नया खेल तो नही खेल रहा है ,
शिवाय ,नही भुजंग की मजबूरी उसे यह सब करवा रही है ,वो यह सब कुछ अपनी गलतियों को सुधारने कर रहा है ,पर वो कितना हरामी है यह तो में भी जानता हूं ,वो इतनी आसानी से अपने बारे में सबकुछ पता नही चलने देगा ,वो कुछ बाते जरूर अपने अंदर छुपाकर रखा होगा ,जो सही वक्त आने पर ही पता चल सकती ,तब तक जितनी हमे भुजंग की ताकद कम करने का मौका मिले हमे वो छोड़ना नही चाहिये ,हम भुजंग से पाप भी करवाते रहंगे और उसकी ताकद भी कम करते रहंगे ,
शिव के अंदर काली शक्तिया आने से उसे थोड़ी तकलीफ हो रही थी ,पर शिवाय ने उसे यह बताया था कि कुछ दिन अपने अंदर काली शक्तिया आने से दर्द होगा उसे बर्दाश्त करे ,यह काली शक्तिया एक बार शिव के पूरे काबू में आ गयी तो उसेही फायदा होगा ,शिव पर काली शक्तिया कभी हावी नही हो सकती ,उसके अंदर के नीलमणि से वो कलिशक्ति ही शिव की गुलाम बन जाएगी ,शिव को राक्षसलोक में ही आराम करने को बोलकर शिवाय वहासे गुप्तराक्षस लोक चला गया ,वो गजाली और सुहाली से मिलने आया था ,दोनो उसके बनाये मायावी महल में थी ,शिवाय को उन्होंने अपनी शक्तिया कल ही लौटकर उससे माफी मांग चुकी थी ,भुजंग तो उनका एक नंबर का दुश्मन बन चुका था ,शिवाय ही उनके लिए सबकुछ था ,युवराज बनने के बाद जब वो उनसे मिलने पोहचा तो दोनो को यह बात पसन्द आयी थी ,शिवाय उन दोनों को भूला नही था ,गजाली और सुहाली ने पहले उसे युवराज बनने की बधाई दी ,गजाली और सुहाली को शिवाय ने सुबह से लेकर जो हुवा वो बता दिया ,कालिया की मरने की खबर सुनकर वो दोनो हैरान हो गयी ,कालिया जैसे सांप को भी मारने वाला कोई हो सकता यह बात जानकर उन्हें बेहद आश्चर्य हो रहा था ,शिवाय के पास ऐसा सांप है जिसने कालिया को हरा दिया यह जानकर गजाली ने कहा ,आप ने उस सांप को हमारे पिता को तोहफे में तो नही दे दिया ,आप भूलकर भी उस नीच को ऐसा कुछ मत देना ,
शिवाय ,नही महाराज भुजंग ने उसे नही मांगा मुझसे ,और ना ही उनको में वो सांप दे सकता हु ,वो सांप तो चला भी गया ,वो मेरे लिये बस एक ही लड़ाई लड़ने वाला था ,मेंनें उसकी एक बार मदद की थी इस वजह से उसने मुझसे वादा किया था ,की वो मेरे कहने पर कभी भी एक लड़ाई लड़ लेगा ,उसने अपना वादा पूरा किया और वो चला गया यहा से ,पता नही वो कहा गया होगा यहाँ से ,शिवाय यह सब इस वजह से बोल रहा था कि उसके पीछे लामन भी शिवाय के महल में आया था ,भुजंग ने शिवाय के पीछे लामन को लगाया था जब उसने शिवाय को गुप्तलोक में अपने महल में जाते हुवे देखा था ,वो जानना चाहता था कि उसकी बेटिया और शिवाय क्या बात करते है ,उसकी बेटीयो पर उसे अब विश्वास नही था पर शिवाय को भी वो पूरी तरह परखने वाला था ,लामन जो भी देखता और सुनता वो सब भुजंग को समझ जाता था ,लामन में एक दिव्य मनी था जिस वजह से भुजंग लामन के जरिये सब कुछ देख पाता था ,अभी भी वो उन तीनों की बाते सुन रहा था ,अपनी बेटीयो की बाते सुनकर उसे गुस्सा आ रहा था ,पर वो शांत होकर सब सुन रहा था ,शिवाय ने गजाली से कहा ,आप दोनो महाराज से गुस्सा क्यो हो यह में नही जानता पर आप दोनो को उनके लिये ऐसी बाते नही करने चाहिये ,वो आपके पिता है और आप दोनो को उनका आदर करना चाहिए ,यह बात कहते हुवे शिवाय ने दोनो के मन मे कह दिया कि लामन गुप्त रूप से हमारी बाते सुन रहा है आप दोनो जो कुछ भी बोलेगी वो महाराज को पता चल जाएगा ,आप दोनो कुछ भी ऐसा मत बोलना जिससे महाराज आपसे नफरत करने लगे ,गजाली और सुहाली यह बात जानकर डरी नही बल्कि उन्हें तो खुशी हुवीं की उन्हें अच्छा मौका मिल गया अपने पिता को उसकी औकात दिखाने का ,सुहाली शिवाय से बोली ,नही हम उन्हें हमारा पिता नही मानते है ,वो हमारे लिये बस एक राक्षसलोक के महाराज आज से ,आप हमारे पतीं है और आप ही हमारे सबकुछ है ,आपके सिवा ना हमे किसीसे मतलब है और ना ही हम कभी किसी से कोई मतलब रखने वाले है ,
गजाली ,आप एक बात ध्यान में रखिये हम हमारे पिता के लिए कल ही मर गए है और हमारे लिये वो ,आजसे हम राजकुमारीया नही है बस आपकी पत्निया है ,आप के साथ जीवन बिताना ही हमारा लक्ष्य है ,
शिवाय दोनो के मन मे बोला ,आप दोनो बस उन्हें बुरा भला न बोले क्योकि अगर वो भड़क गए तो मामला गम्भीर हो सकता है ,फालतू में उन्हें गुस्सा दिलाकर कुछ नही मिलेगा ,जिस वक्क्त सही मौका होगा आपको अपना सारा गुस्सा निकालने से में नही रोकने वाला पर अभी और कुछ मत कहना ,दोनो ने भी शिवाय की बात मानकर आगे कुछ भी नहीं कहा ,तीनो बस ऐसी ही बाते करते रहे बहुत देर तक ,तीनो ने एक साथ खाना खाया और आराम करने निकल गए ,भुजंग सबकुछ देख रहा था ,उसे सब देखकर यह तो पता चल गया था गजाली और सुहाली उससे हद से ज्यादा नफरत करती है ,वो कभी भुजंग की कोई बात आगे से मानने वाली नहीं है ,और भुजंग को भी उनकीं कोई जरूरत नही थी ,उसके पास शिवाय था जो भुजंग के एक इशारे पर कुछ भी करने को तैयार था ,शिवाय को अब अपनी तीनो बेटीयो से शादी करने का फैसला वो कर चुका था ,गजाली और सुहाली के मुह पर एक बहुत बड़ा तमाचा होती यह बात ,और भुजंग उन दोनों को जलील करने का एक मौका नही छोड़ने वाला था ,दोनो को जान से मार देंनी की उसकी बहुत इच्छा थी पर शिवाय को शायद वो भा गई थी इस वजह से उंसका इतना अपमान करने के बाद भी शिवाय उन दोनों के पास गया था ,ना उसने उन्हें महल से निकाला था और ना ही उसने कोई कड़वी बात उन दोनो से की थी ,शिवाय के वजह से ही भुजंग ने उन दोनों को जिंदा छोड़ दिया ,आज शाम को वो अपनी तीनो बेटीयो को शिवाय से मिलवाने वाला था ,और कल ही शिवाय से वो तीनो की शादी धूमधाम से करवाने वाला था ।