Incest जिन्दगी एक अनाथ की ~written by Goldybull~

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Update 45
मुम्बई के पास एक बहुत ही आलीशान मकान में जो समुन्दर के कनारे पर बना थोडासा अलग ही बना हुवा था वहां की बनी हुवी बाकी घरोसे, शायद उसके मालिक को लोग पसन्द ना हो या उसे लोगो से चिढ़ हो ,वजह वही जानता होगा ,उसके घर कहे या बंगला किसी को भी अंदर आने की इजाजत नही थी, बस उसके खास कुछ नौकर थे वो ही बंगेले में आते जाते रहते ,उस बँगले के मालिक को आज तक 25 साल से काम कर रहे उसके चौकीदार ने नही देखा था तो बाकी लोगो का क्या कहना ,उसको हर महीने में 1 तारिख को उसकी तनख्वाह मिल जाती बंगेले में काम कर रहे नोकर के हाथ से,चौकीदार ने उसे भी पूछा था क्या में मालिक को मिल सकता हु कभी तो उस नोकर ने जो कहा ,उसके बाद उसने कभी उस मालिक से मिलने का नाम निकाला ही नही ,
मिल सकते हो मालिक से अगर तुमको जिंदा नही रहना तो,उनको देखने वाले को आजतक कभी मेने जिंदा नही देखा है ,पिछले 30 साल से,यहाँ पर कभी भी ताक झाक मत करना ,और ना यहां की बातें बाहर किसीसे करना जिस दिन तुम कुछ ऐसा करोगे उसके बाद अपनी मौत पक्की समझ लेना,अपना काम करो ,महीने की पगार लो ,और बंगेले के गेट पर ही रुको उसके अंदर नही सिर्फ बाहर नजर रखो,
उसी बंगले में एक कमरे में दो लोग बात कर रहे थे ,आइये उनकी बातें सुन लीजिये
तुम मुझे कुछ सही बात बोलोगे या नही,तुमको मेने आज तक कितनी बार बचाया है,ये बात मेरे लिये बहुत जरूरी है नील ,तुम हमे बता दो हम यहां से चले जायेंगे ,
विशाखा में भी तुम्हारी तरह एक संरक्षक ही हु, जिस शक्ति को कोई हजारो साल से कोई ढूंढ नही सका, ना उसके बारे में किसी को पता था ,उसके अस्तित्व की बात सिर्फ कुछ को थी ,जो कब के उसके लोभ के चक्कर मे मारे गये, और मेरी बात का यकीन करो वो शक्ति अब भी मंदिर में ही है पर कही पर छूपी हुवी ,ना उसको कोई महसूस कर सके ना उसे कोई पा सके इस तरह उसने खुद को अब अदृष्य कर लिया है ,तुम बेवजह उसको ढूंढ रही हो बाहर,तुमको मंदिर की रक्षा छोड़कर ऐसे नही आना चाहिये ,नील
में उस शक्ति को बाहर कहि भी महसूस करती तो मुझे पता चल जाता वो कहा है ,और दुनिया मे कोई ऐसी चीज नही जिसको में महसूस ना कर सकू,उसको में मन्दिर में महसूस नही कर पा रही हु पहले की तरह पिछले 6 महीने से,मेने उसे पूरी दुनिया मे ढूंढा पर वो नही मिली ,अब तुम्हारी बात को मानते हुवे में मन्दिर की रक्षा करने जा रही हु, सिर्फ़ इतना याद रखना नील यह बात अगर झूठ निकली तो तुम कहि भी छुप लो ,में तुमको मार दुंगी, विशाखा के जाने के बाद उसके कमरे में दो आदमी आकर निल के सामने खड़े हो गए
अब क्या होगा नील हम दोनों कुछ समझ नही पा रहे हैं ,अब हमको क्या करना होगा ,उन दोनों में से एक ने बोला,
जोगी और होरा तुम दोनो अब विशाखा की मदद करोगो आज से ,अब उस मंदिर में बहुत सी बड़ी ताकते आएगी जिसका मुकाबला विशाखा भी अकेली नही कर सकती तुम को अपनी पूरी ताकद लगानी होगी उस काम मे ,निल बोला
नील क्या उस मुकाबले में ही सब फैसला हो जाएगा या बात और कुछ है,जोगी बोला ,
नही मुकाबले के दिन फैसला नही होगा पर अब एक दूसरे को मारकर ,अपने रास्ते मे आने वाला हर खतरे को कम करने की कोशिश उस दिन से बहुत तेज़ होगी,उस दिन तो सिर्फ पहचान ही होगी कि कौन कौन है उस दौड़ में जिनको शक्ति हासिल करनी हे ,निल ने कहा
विशाखा भी उनको रोक नही सकती ,उसके सामने तो कोई भी पराक्रमी योद्धा पल भर नही टिकता,वो अकेली ही हज़ारों महायोद्धा को मार सकती है ,क्या उससे भी बलवान अब मैदान में आनेवाले है ,होरा ने पूछा
उस शक्ति को पाने के लिये ,विशाखा के जितने ही नही ,उससे कई गुना ताक़दवर होंगे ,जिनका मुझे भी अंदाजा नही है ,हम तीनों को अपनी आखरी साँस तक विशाखा का साथ देना है, बाकी लोक भी हमारी मदद करेंगें इस काम मे ,
तुम दोनों अब से मन्दिर के पास ही रहोगे ,जावो तुम वो दोनो भी चले गए,नील अकेला ही रह गया था कमरे में ,
यह कैसी पहेली ही जिसका जवाब किसीके पास नही ,में ,विशाखा कब तक बचा सकेंगे इस शक्ति को , हम चारों के अलावा कोई है भी नही जो इन ताकतों से लड़ सके, पता नही समय के गर्भ में क्या छुपा है ,
आज शाम को ही होटल से छुटी मिल गई शिवा को वो 6 बजे ही घर पहुँच गया था ,सबसे पहले वो अपने कमरे में जाकर नहाने गया उसको जो अजीब से बैचेनी हो रही थी शायद नहाने से चली जायेगी ऐसा सोच कर वो ठंडे पानी से नहाकर अपने कपड़े पहनने लगा ,उसको अपने शरीर मे बदलाव नजर आ रहा था ,जब से उसको चमत्कारी शक्तियों का अहसास हो गया था ,अब उसको किसी भी चीज की हैरानी नही होती थी,वो आईने में अपने शरीर को देख रहा था ,उसका अपना शरीर पहले से गठीला लग रहा था ,नीलो के साथ सेक्स करने के बाद वो हर रोज खुद को चेक करने लगा था ,की उसके शरीर मे क्या बदलाव आया है ,उसको अपनी बाइसेप ,चेस्ट ,शोल्डर, थाइज पहले से बड़े और मजबूत हो गए है ऐसा लग रहा था ,उसने अपने टीशर्ट को पहना जो पहले उसको लूज होता था थोड़ा ,वो एकदम स्किन फीट हो गया था ,शिवा ने कुछ सोचकर उसको निकाल दिया और एक लूज आस्तीन वाला टी शर्ट पहन कर बाहर आया ,उसने सोच लिया था कि वह अब थोड़े लूज कपडे ही पहना करेगा ,नही तो अचानक उसकी बढ़ी ऐसी शरीर की मासपेशियां के बढ़ने का कारण क्या बतायेगा उनको , उसने सनी को फोन करके अपने लिये कुछ एक्सट्रा लार्ज टीशर्ट लाने को बोल दिया था,सनी रात के वक्त घर आता था तब लाकर देने वाला था ,
आज दुबई से नरगिस के यहाँ कुछ लोग आए थे इसलिये वो अपने कमरे में बैठकर उनसे बात कर रही थी, दुबई में शिवा के साथ अस्पताल में जो लड़की नरगिस के साथ रहतीं थी वो और उसके साथ रियाज की बेवा थी ,शिवा ने कुछ देर उनकी बात सुनी तभी वहां पर मोना आ गई जो सनम के साथ बाहर घूमने गई थी ,फिर मोना ने रात के खाने तक उसका पीछा ही नही छोड़ा , रात को खाने के वक्त नरगिस के साथ उसकी दोस्त ,और रियाज की बेवा शबनम आई थी ,वो दोनो ने भी सबसे अच्छी तरीके से बात की थीं, आज भी मोना और नरगिस साथ मे ही सोने को चले गये, शिवा आज बस निताके पास कब जाऊ यहीं सोच रहा था ,उसे अब ना ज्वाला की याद आ रही थी ना सुनीता की उसको तो बस निता के पास जाना था ,
रात को अपने कमरे में आने के बाद उसने देखा कि निता सिमा के उसके घर मे बैठी है ,और उसके ही बाजू में सुनीता बैठी है जो में उससे नही मिला था 2 दिनोसे उसका चेहरा उतरा हुवा था और मन मे मेरे ही खयाल चल रहे थे ,मुझे उसे देखकर ज्वाला की याद आयी वो भी होटल के बिस्तर पर नंगी लेटी उसकी राह देख रही थी ,शिवा को अपनी सोच से चिढ़ हो गई बिचारी दोनो उसके साथ 2 महिनो से वो जैसा चाहे वैसा चुदती थी अब निता के मिलने से वह बदल रहा है ,उनको भूल रहा है ,शिवा अपने कपड़े उतारकर गायब होकर ज्वाला के पास पहुच कर उसको अपनी बाहों में भर लिया,ज्वाला भी अपने प्रेमी की तरह उसके बाहो में समाके रोने लगी और शिवा से न आने के लिये शिकवा करने लगी ,उसको प्यार से समझाकर शिवा ने बताया कि उस को कुछ काम की वजह वक्त नही मिल पाया ,उसने आज 1 घण्टे में ही ज्वाला की प्यास बुझा दी ,ज्वाला को उसका लन्ड कुछ ज्यादा ही बड़ा,मोटा और मजबूत लगा था ,शिवा आज जब उसकी चुत में झडा थो उसकी चुत तो आज उसके वीर्य की गरमी से जल जाएगी ऐसा उसको लगा था ,ज्वाला को छोड़ कर उसने सुनीता के पास जाकर उसे भी समाझाया की वह काम से नही आ पाया ,उसको भी एक घण्टे में चोदकर ठंडा कर दिया ,
रात के 3 बज गए थे निता अपने बाथरूम में नंगी नहा रही थी उसके बदन की गरमी उसे आज जला रहीं थी ,उसके साथ आजतक ऐसा नही हों रहा था ,वो ठंडे पानी के शॉवर के नीचे खड़ी अपनी चुत पर अपनी एक उंगली कबसे फिरा रही थी,उसने शावर बन्द करके अपनी चुत को दो अंगलियो से फैलाकर खड़े होकर अपनी आंखें बंद करके पेशाब करने लगी ,उसको बहुत ज्यादा सुकून मिल रहा था पेशाब करके उसने अपनी पेशाब करने के बाद शॉवर चालु करना चाहा तो उसे याद आया कि उसकी पेशाब नीचे गिरने की आवाज आयीं ही नही ,उसे अपने चुत पर किसीके जीभ का अहसास हो रहा था वो कुछ सोच समझ ही नही पा रही थी,वो भी अपनी आँखें बंद करती उसको अपनी चुत का रस उसका सर पकड़ कर पिलाने लगी ,निता को अपना होश सुबह 7 बजे आया जब उसका कोई गेट बजा रहा था ,यह पूजा थी जो निता को उठाने आई थी ,रोज निता 7 बजे से पहले उठकर अपने बेडरूम से किचन में नोकरो से नाश्ता बनवाती, पर उसको वहाँ न देखने से पूजा उसको उठाने आ गई थी ,
निता को रात की सब बातें याद थी उसके बाथरूम में चुत चुसने वाले ने उसको वहासे बेड पर उठाकर लाया था ,निता को वह अपनी आंखों से दिखा नही बस उसकी आवाज़ ही सुनाई देती थी ,उसको किसी बात का डर भी नही लगा था उसके ना दिखने ना का ,निता के शरीर को उसने जिस तरह भोगा था मानो वो उसके हक्क का हो ,निता उसके लन्ड को अपने दोनो हाथोसे महसूस करके डर गई थी पर उसकी चुत और गांड में वो लंड आराम से जड़ तक घुस गया था ,निता को अपने वजूद को पूरा कर लिया हो ऐसा उसके लंड के अपने चुत में समाने से लगा था ,अपनी उंगलियों से टटोलते हुवे लंड को अपने चुत और गांड में उसने देखा था पूरा जड़ तक वो मूसल घुस रहा था ,निता को उसने अपने लंड से निकलने वाली गरम गाढ़ी मलाई पेटभर पिलाई थी ,उसके चुत और गांड में अपना माल भरकर वो सुबह चला गया ,इतना बोलकर की वो रोज रात को 12 बजे आया करेगा आज से ,
शिवा निता को भोग के बहुत खुश था ,उसके बदन को चैन मिला था निता को भोगने के बाद ,जब वो मोना को लेकर कॉलेज जा रहा था ,तब नरगिस के साथ उसकी सहेली उनको विदा कर रही थी ,उसकी मन की बात सुनकर शिवा मन मे बोला ,तुम्हारी तकलीफ़ का यह आखरी दिन है ,तुम्हारी तड़प ,दर्द को आज में हमेशा के लिये खत्म कर दूंगा सिनोब ,तुमको भी जीने का हक है ,जो तुम चाहती हो तुमको वो जरूर मिलेगा
 
Maurya ji
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मुम्बई के पास एक बहुत ही आलीशान मकान में जो समुन्दर के कनारे पर बना थोडासा अलग ही बना हुवा था वहां की बनी हुवी बाकी घरोसे, शायद उसके मालिक को लोग पसन्द ना हो या उसे लोगो से चिढ़ हो ,वजह वही जानता होगा ,उसके घर कहे या बंगला किसी को भी अंदर आने की इजाजत नही थी, बस उसके खास कुछ नौकर थे वो ही बंगेले में आते जाते रहते ,उस बँगले के मालिक को आज तक 25 साल से काम कर रहे उसके चौकीदार ने नही देखा था तो बाकी लोगो का क्या कहना ,उसको हर महीने में 1 तारिख को उसकी तनख्वाह मिल जाती बंगेले में काम कर रहे नोकर के हाथ से,चौकीदार ने उसे भी पूछा था क्या में मालिक को मिल सकता हु कभी तो उस नोकर ने जो कहा ,उसके बाद उसने कभी उस मालिक से मिलने का नाम निकाला ही नही ,
मिल सकते हो मालिक से अगर तुमको जिंदा नही रहना तो,उनको देखने वाले को आजतक कभी मेने जिंदा नही देखा है ,पिछले 30 साल से,यहाँ पर कभी भी ताक झाक मत करना ,और ना यहां की बातें बाहर किसीसे करना जिस दिन तुम कुछ ऐसा करोगे उसके बाद अपनी मौत पक्की समझ लेना,अपना काम करो ,महीने की पगार लो ,और बंगेले के गेट पर ही रुको उसके अंदर नही सिर्फ बाहर नजर रखो,
उसी बंगले में एक कमरे में दो लोग बात कर रहे थे ,आइये उनकी बातें सुन लीजिये
तुम मुझे कुछ सही बात बोलोगे या नही,तुमको मेने आज तक कितनी बार बचाया है,ये बात मेरे लिये बहुत जरूरी है नील ,तुम हमे बता दो हम यहां से चले जायेंगे ,
विशाखा में भी तुम्हारी तरह एक संरक्षक ही हु, जिस शक्ति को कोई हजारो साल से कोई ढूंढ नही सका, ना उसके बारे में किसी को पता था ,उसके अस्तित्व की बात सिर्फ कुछ को थी ,जो कब के उसके लोभ के चक्कर मे मारे गये, और मेरी बात का यकीन करो वो शक्ति अब भी मंदिर में ही है पर कही पर छूपी हुवी ,ना उसको कोई महसूस कर सके ना उसे कोई पा सके इस तरह उसने खुद को अब अदृष्य कर लिया है ,तुम बेवजह उसको ढूंढ रही हो बाहर,तुमको मंदिर की रक्षा छोड़कर ऐसे नही आना चाहिये ,नील
में उस शक्ति को बाहर कहि भी महसूस करती तो मुझे पता चल जाता वो कहा है ,और दुनिया मे कोई ऐसी चीज नही जिसको में महसूस ना कर सकू,उसको में मन्दिर में महसूस नही कर पा रही हु पहले की तरह पिछले 6 महीने से,मेने उसे पूरी दुनिया मे ढूंढा पर वो नही मिली ,अब तुम्हारी बात को मानते हुवे में मन्दिर की रक्षा करने जा रही हु, सिर्फ़ इतना याद रखना नील यह बात अगर झूठ निकली तो तुम कहि भी छुप लो ,में तुमको मार दुंगी, विशाखा के जाने के बाद उसके कमरे में दो आदमी आकर निल के सामने खड़े हो गए
अब क्या होगा नील हम दोनों कुछ समझ नही पा रहे हैं ,अब हमको क्या करना होगा ,उन दोनों में से एक ने बोला,
जोगी और होरा तुम दोनो अब विशाखा की मदद करोगो आज से ,अब उस मंदिर में बहुत सी बड़ी ताकते आएगी जिसका मुकाबला विशाखा भी अकेली नही कर सकती तुम को अपनी पूरी ताकद लगानी होगी उस काम मे ,निल बोला
नील क्या उस मुकाबले में ही सब फैसला हो जाएगा या बात और कुछ है,जोगी बोला ,
नही मुकाबले के दिन फैसला नही होगा पर अब एक दूसरे को मारकर ,अपने रास्ते मे आने वाला हर खतरे को कम करने की कोशिश उस दिन से बहुत तेज़ होगी,उस दिन तो सिर्फ पहचान ही होगी कि कौन कौन है उस दौड़ में जिनको शक्ति हासिल करनी हे ,निल ने कहा
विशाखा भी उनको रोक नही सकती ,उसके सामने तो कोई भी पराक्रमी योद्धा पल भर नही टिकता,वो अकेली ही हज़ारों महायोद्धा को मार सकती है ,क्या उससे भी बलवान अब मैदान में आनेवाले है ,होरा ने पूछा
उस शक्ति को पाने के लिये ,विशाखा के जितने ही नही ,उससे कई गुना ताक़दवर होंगे ,जिनका मुझे भी अंदाजा नही है ,हम तीनों को अपनी आखरी साँस तक विशाखा का साथ देना है, बाकी लोक भी हमारी मदद करेंगें इस काम मे ,
तुम दोनों अब से मन्दिर के पास ही रहोगे ,जावो तुम वो दोनो भी चले गए,नील अकेला ही रह गया था कमरे में ,
यह कैसी पहेली ही जिसका जवाब किसीके पास नही ,में ,विशाखा कब तक बचा सकेंगे इस शक्ति को , हम चारों के अलावा कोई है भी नही जो इन ताकतों से लड़ सके, पता नही समय के गर्भ में क्या छुपा है ,
आज शाम को ही होटल से छुटी मिल गई शिवा को वो 6 बजे ही घर पहुँच गया था ,सबसे पहले वो अपने कमरे में जाकर नहाने गया उसको जो अजीब से बैचेनी हो रही थी शायद नहाने से चली जायेगी ऐसा सोच कर वो ठंडे पानी से नहाकर अपने कपड़े पहनने लगा ,उसको अपने शरीर मे बदलाव नजर आ रहा था ,जब से उसको चमत्कारी शक्तियों का अहसास हो गया था ,अब उसको किसी भी चीज की हैरानी नही होती थी,वो आईने में अपने शरीर को देख रहा था ,उसका अपना शरीर पहले से गठीला लग रहा था ,नीलो के साथ सेक्स करने के बाद वो हर रोज खुद को चेक करने लगा था ,की उसके शरीर मे क्या बदलाव आया है ,उसको अपनी बाइसेप ,चेस्ट ,शोल्डर, थाइज पहले से बड़े और मजबूत हो गए है ऐसा लग रहा था ,उसने अपने टीशर्ट को पहना जो पहले उसको लूज होता था थोड़ा ,वो एकदम स्किन फीट हो गया था ,शिवा ने कुछ सोचकर उसको निकाल दिया और एक लूज आस्तीन वाला टी शर्ट पहन कर बाहर आया ,उसने सोच लिया था कि वह अब थोड़े लूज कपडे ही पहना करेगा ,नही तो अचानक उसकी बढ़ी ऐसी शरीर की मासपेशियां के बढ़ने का कारण क्या बतायेगा उनको , उसने सनी को फोन करके अपने लिये कुछ एक्सट्रा लार्ज टीशर्ट लाने को बोल दिया था,सनी रात के वक्त घर आता था तब लाकर देने वाला था ,
आज दुबई से नरगिस के यहाँ कुछ लोग आए थे इसलिये वो अपने कमरे में बैठकर उनसे बात कर रही थी, दुबई में शिवा के साथ अस्पताल में जो लड़की नरगिस के साथ रहतीं थी वो और उसके साथ रियाज की बेवा थी ,शिवा ने कुछ देर उनकी बात सुनी तभी वहां पर मोना आ गई जो सनम के साथ बाहर घूमने गई थी ,फिर मोना ने रात के खाने तक उसका पीछा ही नही छोड़ा , रात को खाने के वक्त नरगिस के साथ उसकी दोस्त ,और रियाज की बेवा शबनम आई थी ,वो दोनो ने भी सबसे अच्छी तरीके से बात की थीं, आज भी मोना और नरगिस साथ मे ही सोने को चले गये, शिवा आज बस निताके पास कब जाऊ यहीं सोच रहा था ,उसे अब ना ज्वाला की याद आ रही थी ना सुनीता की उसको तो बस निता के पास जाना था ,
रात को अपने कमरे में आने के बाद उसने देखा कि निता सिमा के उसके घर मे बैठी है ,और उसके ही बाजू में सुनीता बैठी है जो में उससे नही मिला था 2 दिनोसे उसका चेहरा उतरा हुवा था और मन मे मेरे ही खयाल चल रहे थे ,मुझे उसे देखकर ज्वाला की याद आयी वो भी होटल के बिस्तर पर नंगी लेटी उसकी राह देख रही थी ,शिवा को अपनी सोच से चिढ़ हो गई बिचारी दोनो उसके साथ 2 महिनो से वो जैसा चाहे वैसा चुदती थी अब निता के मिलने से वह बदल रहा है ,उनको भूल रहा है ,शिवा अपने कपड़े उतारकर गायब होकर ज्वाला के पास पहुच कर उसको अपनी बाहों में भर लिया,ज्वाला भी अपने प्रेमी की तरह उसके बाहो में समाके रोने लगी और शिवा से न आने के लिये शिकवा करने लगी ,उसको प्यार से समझाकर शिवा ने बताया कि उस को कुछ काम की वजह वक्त नही मिल पाया ,उसने आज 1 घण्टे में ही ज्वाला की प्यास बुझा दी ,ज्वाला को उसका लन्ड कुछ ज्यादा ही बड़ा,मोटा और मजबूत लगा था ,शिवा आज जब उसकी चुत में झडा थो उसकी चुत तो आज उसके वीर्य की गरमी से जल जाएगी ऐसा उसको लगा था ,ज्वाला को छोड़ कर उसने सुनीता के पास जाकर उसे भी समाझाया की वह काम से नही आ पाया ,उसको भी एक घण्टे में चोदकर ठंडा कर दिया ,
रात के 3 बज गए थे निता अपने बाथरूम में नंगी नहा रही थी उसके बदन की गरमी उसे आज जला रहीं थी ,उसके साथ आजतक ऐसा नही हों रहा था ,वो ठंडे पानी के शॉवर के नीचे खड़ी अपनी चुत पर अपनी एक उंगली कबसे फिरा रही थी,उसने शावर बन्द करके अपनी चुत को दो अंगलियो से फैलाकर खड़े होकर अपनी आंखें बंद करके पेशाब करने लगी ,उसको बहुत ज्यादा सुकून मिल रहा था पेशाब करके उसने अपनी पेशाब करने के बाद शॉवर चालु करना चाहा तो उसे याद आया कि उसकी पेशाब नीचे गिरने की आवाज आयीं ही नही ,उसे अपने चुत पर किसीके जीभ का अहसास हो रहा था वो कुछ सोच समझ ही नही पा रही थी,वो भी अपनी आँखें बंद करती उसको अपनी चुत का रस उसका सर पकड़ कर पिलाने लगी ,निता को अपना होश सुबह 7 बजे आया जब उसका कोई गेट बजा रहा था ,यह पूजा थी जो निता को उठाने आई थी ,रोज निता 7 बजे से पहले उठकर अपने बेडरूम से किचन में नोकरो से नाश्ता बनवाती, पर उसको वहाँ न देखने से पूजा उसको उठाने आ गई थी ,
निता को रात की सब बातें याद थी उसके बाथरूम में चुत चुसने वाले ने उसको वहासे बेड पर उठाकर लाया था ,निता को वह अपनी आंखों से दिखा नही बस उसकी आवाज़ ही सुनाई देती थी ,उसको किसी बात का डर भी नही लगा था उसके ना दिखने ना का ,निता के शरीर को उसने जिस तरह भोगा था मानो वो उसके हक्क का हो ,निता उसके लन्ड को अपने दोनो हाथोसे महसूस करके डर गई थी पर उसकी चुत और गांड में वो लंड आराम से जड़ तक घुस गया था ,निता को अपने वजूद को पूरा कर लिया हो ऐसा उसके लंड के अपने चुत में समाने से लगा था ,अपनी उंगलियों से टटोलते हुवे लंड को अपने चुत और गांड में उसने देखा था पूरा जड़ तक वो मूसल घुस रहा था ,निता को उसने अपने लंड से निकलने वाली गरम गाढ़ी मलाई पेटभर पिलाई थी ,उसके चुत और गांड में अपना माल भरकर वो सुबह चला गया ,इतना बोलकर की वो रोज रात को 12 बजे आया करेगा आज से ,
शिवा निता को भोग के बहुत खुश था ,उसके बदन को चैन मिला था निता को भोगने के बाद ,जब वो मोना को लेकर कॉलेज जा रहा था ,तब नरगिस के साथ उसकी सहेली उनको विदा कर रही थी ,उसकी मन की बात सुनकर शिवा मन मे बोला ,तुम्हारी तकलीफ़ का यह आखरी दिन है ,तुम्हारी तड़प ,दर्द को आज में हमेशा के लिये खत्म कर दूंगा सिनोब ,तुमको भी जीने का हक है ,जो तुम चाहती हो तुमको वो जरूर मिलेगा
Nice update bhai
 
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Update 46
पृथ्वी ने शक्ति को अपने सामने इतना शांत बैठा हुवा देखकर कहा ,बेटा तुम जो सोच रहे हो ,वैसी कोई बात नही है
शक्ति बोला, लेकिन आप को कैसे पता कि मुकाबले में कुछ बड़ा होने वाला है ,जिसको आप जैसा इस वक्त का दुनिया का सबसे शक्तिशाली भी रोक नही सकता ,
बेटा , विशाखा को में 400 सालो से जानता हूं आजतक उसके वजह से ही ,मन्दिर बचा है ,मन्दिर में जब उसको शक्ति का अहसास नही हुवा उसने मुझको मानसिक संदेश देकर बुलाया था ,जैसे मेंने और नरेशने इंसानों से उस शक्ति की रक्षा करने की कसम ली है ,उसी तरह संसार के हर प्रजाति से दो सबसे बलवान योध्दा चुने गए थे ,अपनी अपनी प्रजाति से उस शक्ति को बचाने , विशाखा तो उनमें से एक है बाकी 3 मानव भेड़िये, निल ,जोगी और होरा ,उनके अलावा औऱ भी हो सकते है पर में इन को ही जानता हूं,
ये चारों मुझसे पहले सैकड़ों सालों से इसकी रक्षा कर रहे है ,इतने सालों में उन चारों को भी शक्ति के गायब होंने की कोई भी घटना याद नही है ,नील के अनुसार वो शक्ति अभी भी मंदिर में ही है ,और उस शक्ति ने अपने आप को छुपा लिया है ,अब सबसे बड़ा सवाल उस शक्ति ने ऐसा क्यों किया ,और इसकी वजह किसी को पता नही ,रोही के कबीले वाले मन्दिर में रक्षा करते है कितनी ही पीढ़ियों से ,उनको विशाखा रोज उसके गुफा में दिख जाती थी ,जहा पर मन्दिर के पुजारी के सिवा सिर्फ वही कबीले वाले ही जा सकते है , विशाखा ने मुझसे आज 200 साल बाद बात की थी ,उसने ही मुझे सबको मुकाबले के दिन तैयार रहने को कहा था ,वो शक्ति को पता कर रही थी दुनियाभर में ,उसने सभी जगह देख ली थी बस कुछ ही बची थी, तब नील ने उसे मन्दिर में रक्षा के लिये वापिस भेज दिया ,निल ने कुछ बहुत ही शक्तिशाली जीव महसूस किये थे मन्दिर के आसपास ,जब विशाखा वहा पर नही थी वो शक्ति को ढूंढ रही थी ,उसीके बताने से अब वो वापिस आ गई है मन्दिर में ,
मैने तुम्हे नरेश के पास इसलिये भेजा था कि वो विशाखा के वहां के जाने से घबरा जाएंगे, उनके मन मे कुछ गलत ख्याल न आये और वह अपने सुरक्षा के काम से विमुख ना हो जाये ,इसलिए मैंने विशाखा के कहने पर तुम्हे वहां भेजा ,और उनको सब बताने के लिये कहा ,जो युद्ध कलाये तुमने उनको सीखा रहे थे ,उसका फायदा उन्हें उस मुकाबले के दिन जरूर होगा ,एक बात याद रखना बेटे हम किसी भी इंसान का सामना कर सकते है ,पर जब हमारे सामने अनजानी असीम ताकद वाले कोई अलग प्रजाति होगी तभी हम खुद को परख सकेंगे ,मुझे मेरी नही पर बाकियों की चिन्ता है ,में किसी का भी सामना करने में सक्षम हु पर तुम लोग नहीं हो ,नरेश के पास भी मेरी जैसी ताकते नही है ,तुम सब के साथ मुझको उस शक्ति की भी रक्षा करनी है ,
मेरी सोच जो आज तक कभी गलत नही होती ये कहती है कि ,जब आप दुश्मन के सबसे शक्तिशाली योद्धा को ही लड़ाई में सबसे मार देते है उसी वक्त आप लड़ाई जीत जाते है ,उस दिन भी वही होगा वो सबसे पहले मुझे खत्म करना चाहेंगे और में भी इसीके इंतजार में रहूंगा ,मुझे भी देखना है में कितना पानी मे हु ,
जहा सब लोग 15 दिन बाद होने वाले मुकाबले में अपनी जान तक देने तैयार थे ,वही शिवा आज निता की चुदाई के मीठे यादों में अपने आगे कुछ नई प्लानिंग कर रहा था ,मोना के साथ कॉलेज में शिवा ने कहा,देखो मोना , में कुछ दिन कॉलेज नही आनेवाला हु ,अगर तुमको कॉलेज आना हो तो तुम आ सकतीं हो,या घर पर आराम कर लो कुछ दिन ,में अपने कुछ दोस्तों को मिलना जा रहा हु ,जो अनाथलय में मेरे साथ पढ़ते थे ,
हा , यह अच्छी बात है ,इसी बहाने में भी तुम्हारे साथ थोड़ी घूम लूंगी ,मोना ,मोना को शिवा ने बहुत समझाया कि उसके दोस्तो के यहां लेके जाना सही नही होगा ,वहां पर रहने ,खाने पीने की व्यवस्था कैसी है ,उसको यह भी पता नही है ,लेकिन वो तो मानने को ही तैयार नही थी ,शिवाने आखिर मोना का ऐसे रवैये से चिढ़कर कहा ,मोना हर जगह बचपना करके , तुम मेरे दिल मे जगह नही बना सकती हो ,जबर्दस्ती साथ रहने से कभी प्यार नही होता ,प्यार पाने हो तो सामने वाली की मर्जी का ध्यान दो ,अपने खुशी के लिये सामने वाले को हर बात मनवाने को प्यार नही गुलामी कहते है ,तुम घर मे रहने को आयीं ,मेरे साथ ही दिनभर रहा करती हो ,मेने कभी तुमको टोका नही इस बात के लिए ,इसका यह मतलब नही की तुम हर जगह मेरे साथ ही रहो ,सनम ,नरगिस को देखो वो मुझसे कितना प्यार करती है पर कभी मेरी बात को नही टालती ,पूजा तुम्हारी बड़ी बहन को देखो ,वो तो बिचारी मुझे देखकर ही खुश रहती है ,
शिवाने मोना को बता दिया की वह आज घर पर नही जाने वाले है खाना खाने तुमको जाना हो तो तुम जा सकती हो,
मोना जिस तरह शिवा पर सिर्फ अपना ही अधिकार समंझने लगी थी, उसे ऐसे कहना शिवा को अच्छा नही लगा पर ये बाते अभी कहना जरूरी था ,शिवा मोना को वही छोड़कर होटल की और चला गया, उसने पूजा को बोल दिया के वो 7 दिन के लिये काम पर नही आएगा ,पूजा ने उसको वजह पूछने पर उसने वही दोस्तो के मिलने की बताई ,पूजा ने उसको अपना ख्याल रखना और सम्भल कर रहने को कहा ,यही बड़ा फर्क था पूजा में और मोना में ,
घर पर आकर शिवा ने सबको यही वजह बताई और नरगिस को इतना ही कहा कि अगर में बिना गार्ड को लेकर जा सकता हु , नरगिस पहले मानी नही बाद में उसे भी लगा कि गार्ड के साथ 24 घण्टे रहना ,जेल जैसा ही लगता है ,वो तो बचपन से गार्ड के बीच ही पली बढ़ी थी ,उसने भी सम्भल कर रहने का कहकर और कुछ भी लगे तो फोन करने के लिए कहा , ।
शिवा ने घर के बाहर आकर एक टैक्सी लेकर रेलवे स्टेशन निकल गया ,और वहासे गायब हो गया ।
सिनोब एयरपोर्ट पर खड़ी थी उसे नरगिस के गार्ड वहां छोड़कर घर लौट गए ,शबनम कुछ दिन यही रहने वाली थी पर उसके दिल मे जो दर्द था उसको रुकने नही दे रहा था ,
सिनोब जैसे ही अपने बैग को लेकर बाथरम के गेट की और बढ़ी तो वह वहां से गायब होकर एक कमरे में थी
सिनोब ,डरो मत में तुमको कुछ नही करूँगा ,अगर अपने दिल के अरमान पूरे करना चाहती हो तो ,यही रुक जाना ,अगर दिल नही माने तो दरवाजा खुला है
सिनोब अपना बैग लेकर दरवाजे के तरफ गई दरवाज़ा खुला था ,वो 10 कदम बाहर जाकर रुकी और 5 मिनीट में कमरे में अंदर वापिस आ गई और दरवाजे को अंदर से बन्द कर दिया ।
 
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Update 47
सिनोब जिसे दुनिया का सबसे खूबसूरत हिजडा कहा जाता था ,सुंदर चेहरा , नीली आंखे, खून की तरह लाल होठ ,लम्बी सुनहरी जुल्फे ,38 30 42 की फिगर ,6 फिट की हाइट ,लाल गोरी ,उसके पूरे बदन पर एक अलग ही चमक थी ,वह जन्म से ब्रिटिश थी ,उसकी उम्र महज 22 साल की थी ,उसको रियाज लाया था लंदन से ,कुदरत की एक नायाब कारगिरी की नमूना थी वो ,
नरगिस के साथ सिनोब कि बहुत पटती थी ,नरगिस ने कभी उसको वो हिजडा है इसका एहसास ही नही होने देती ,वो उसके साथ एक सहेली की जैसी ही रहती

सिनोब सोचती दुनिया मे ऐसा कोई मर्द पैदा ही नही हुवा जो मुझे इस दर्द से मुक्त कर दे ,मेरी गांण्ड को मार कर मेरी खुजली मिटा दे ,अगर ऐसा कोई मर्द मिल गया तो में उसकी गुलाम बन जाऊंगी सदा के लिये , और आज वो अपनी खुजली मिटाने के लिये जो दिखता नहीं ऐसे आदमी के सामने बिना डरे बैठी थी ,

शिवा ने सिनोब से कहा, तुम बाथरूम से फ्रेश हो लो पहले ,और मुझ पर भरोसा करके रुकने का शुक्रिया ,में तुमको तुम्हारे हर दर्द से आज आझाद करूँगा ,

शिवा अब अपनी आवाज़ को थोड़ी बदल कर बात करता था जब भी वो गायब होकर किसी के सामने जाता ,ताकि कोई उसे पहचान न सके ,अपने अंदर की अद्धभुत शक्तियों की मदद से वो जल्द ही अपनी आवाज ऐसी बदलता की कोई पहचान ही न पाए ये शिवा है ,


शिवा ने घड़ी में समय देखा अभी रात के 9 बज गये थे ,उसने अच्छा हुवा यहाँ पर साउंडप्रूफ कमरा लिया था वरना सिनोब की चीखें ऐसी थी मानो पूरा शहर जमा करा दे ,उसने फोन करके अपने कमरे में खाना मंगवा लीया और जबतक खाना नही आ जाता तब तक सिनोब को बाथरुम में ले जाकर उसको नहलाया तब तक खाना भी आ गया ,उसने कमरे के बाहर ही खाना रखने को कह दिया ,फिर वेटर के जाने के बाद उसने खाने को अंदर लेकर सिनोब को खिलाया बाद में खुद भी खा लिया ,सिनोब को उसने एक पेनकिलर देकर सोने को कहा तब तक 10 बजते आये थे ,
ज्वाला और सुनीता को एक ,एक घंटा बजाकर वो निता के पास 12 बजे पहुच गया जो किसी प्रमिका की तरह उसकी राह देख रही थी ,वहाँ पर दोनो सुबह की पहली किरण निकलने तक एक दूसरे में समाने की कोशिश करते रहे ,अपनी चुत और गांड के साथ अपने मुह में भी उसके गाढ़े माल को भरभर के उसको निता ने विदा किया ,
आज निता ने उसको नाम और उसकी शक्कल कैसी है जानना चाहा ,तो शिवा ने टालने के लिए कह दिया में जल्द तुमको मिलूंगा और शक्कल भी दिखा दूँगा ,
सुबह जब शिवा सिनोब के कमरे में आया वो सोयी हुवी थी ,तो वो बाथरुम में जा कर नहाया ,जब वो अपने कपड़े बदल रहा था ,तब वो खुद को आइने में देखकर अपनी शक्कल बदलने के बारे में सोची तो उसकी शक्कल वो बदल सकता था ,पहले उसने विनोद ,सनी ,शफ़ी चाचा, इनकी शक्कल याद करके वैसा बनने की सोची तो वैसा बन गया ,यह तक उसकी आवाज तक उनके जैसी ही निकलती जिसका रुप वो लेता फिर उसने सनम ,नरगिस ,नीलो की शक्कल याद की तो वो उनके जैसा बन जाता था आराम से,मतलब अब वह किसीका का भी रूप ले सकता है आदमी हो या औरत वो किसी के जैसा रूप बदल सकता है ,
फिर उसने अपने कपड़े पहने और शिवा के ही हाइट बॉडी वाला, पर अलग शक्कल का रूप ले लिया पहले उसकी आंखें नीली थी, अब काली कर ली ,बाल भी ब्राउन जो पहले काले थे,पहले बाल ज्यादा बड़े नही थे ,अब थोड़े बड़े कर लिए ,चेहरा उसका पहले ही बहुत खूबसूरत था अपने ग्रीक गॉड हृतिक रोशन की तरह जो उसने अपने एवहरग्रीन अक्षय कुमार जैसा कर लिया ,अब उसको अपने इस बदले चेहरे का नाम भी रखना था ,जिसके वजह से अब बहुत ज्यादा कांड होने वाले थे ,।
 
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Update 48
शिवा अपनी बदली शक्कल के साथ गायब होकर ही बाहर आया सिनोब को उठाया ,सिनोब को अब तकलीफ़ थोड़ी कम थी कल के मुकाबले ,उसने खुद जाकर नहाकर बाहर आयी ,शिवाने अपने और सिनोब को नास्ता मंगवा लिया था ,जब तक वह नहा लेती उसने अपना नाश्ता पूरा किया और जब सिनोब बाहर आई तब उसके साथ बैठकर उसको नास्ता और चाय पिलाते वक्त बाते करता रहा ,उसने कल के सेक्स के बारे में कुछ भी नही कहा बस बाकी बाते करता रहा , नास्ता होने के बाद सिनोब ने उसको पूछा क्या वो उसको एक बार गले लगा सकता है ,शिवा ने हा कहकर उसको अपने गले लगा लिया , सिनोब के आंखों में आंसू थे और चेहरे पर एक मुस्कान ,तुम कौन हो मुझे नही पता ,पर मेरे लिये भगवान हो ,आज में अपने अंदर के बहुत बड़े दर्द से दूर हो पायी ,इस दर्द के साथ ज्यादा दिन जिंदा रहने के बजाय मेने अपने आप को ही ख़त्म करने की सोची थी ,इसी वजह से जो दिल के करीब थे उनको मिलने आखरी बार आयी थी ,मेरे दिल मे भी खुशी की जिंदगी गुजारने की ख्वाहिश थी लेकिन इस दर्द ने मुझे खुदखुशी करने तक ला दिया था ,पर जाने तुमको कैसे मेरे दर्द के बारे में पता चला और तुम मुझे यहा लेकर आये ,तुमने मुझे एक नया जीवन दिया है ,आजसे तुम मेरे जीवन भर के लिये मालिक हो,तुम्हारे लिए में हसते हसते अपनी जान भी देने को तैयार हूं ,सिर्फ तुम एक इशारा कर देना ,
सिनोब तुम किसी की गुलाम नही हो, तुमको जैसे जिना है,जो तुम्हारे ख़्वाब है वो तुम पूरे करना ,आज के बाद अपने लिये जीना ,तुम अपनी खुशी जिस काम मे है वही करना ,शिवा
एक बार क्या में तुम्हारी शक्कल देख सकती हूं , अगर तुमको ऐतराज ना हो तो ,सिनोब
शक्कल अच्छी नही हों तो दिल टूट सकता है ,शिवा
मेने कभी किसी की सीरत नही देखी ,बस जिसकी नियत अच्छी लगी वही मुझे पसन्द थे ,सिनोब
शिवा ने कुछ देर सोचकर अपनी बदली हुवी शक्कल के साथ सिनोब को दिखने लगा ,
पहले उसके चेहरे पर शिवा के बदले रूप को देखकर नाराजगी दिखी फिर कुछ पल में उसने उस नाराजगी को छुपा के एक मीठी मुस्कानने ली,
शिवा को उसकी सोच से हैरानी हुवी ,उसके नाराजगी की वजह यह थी उसे लगा था, जो गायब शख्स है वो शिवा होगा पर निकला दूसरा , उसको ऐसा लगने की वजह जब गायब होते हुवे में उससे बाते कर रहा था, कल उसके साथ सेक्स करने के बाद मेने सहारा दिया, खाना खिलाया ,आज भी नास्ता होने तक उससे बाते कि ,बाद में उसको खुद के लिए जीने की सलाह दी ,ऐसा सिर्फ शिवा ने ही किया था उसके साथ ,उसका सच जानकर की वह लड़की नही हिजडा है,उसकी एक ही दिल की तमन्ना थी लड़की बनकर शिवा के साथ जिंदगी भर उसके पास रहना ,पर उसके गांड के दर्द से वह परेशान थी ,डॉक्टरों ने भी कहा था कि उसकी सर्जरी करके वह उसे लड़की बना सकते है ,पर गांड की खुजली का इलाज उनके पास नही है ,उसके लिये उसे किसी तगडे लंड से ही हमेशा गांड मरवानी होगी , उसका इलाज तो इस ना दिखने वाले ने कर दिया ,पर उसको ऐसा लगता था ये शिवा ही है जो उसके दर्द को दूर कर रहा है ,पर जब उसने शक्कल देखी तो कोई दूसरा ही था
सिनोब की मन की पूरी बात जानकर उसे बुरा लगा ,उसे पता था कि सिनोब शिवा को दिल से पसन्द करती हे, और उसके दिल में यह बात घर कर गयी के वो शिवा को इतना पसन्द करती है कि उसे कोई भी अब शिवा के जैसे ही लगता है, जो दिख नही रहा था वो तक उसे शिवा ही लग रहा था ,
आप की शक्कल दिखा दी ,नाम नही बताएंगे ,सिनोब
लगता है आपको मेरी शक्कल पसन्द नही आयीं ,शिवा
नही ऐसी कोई बात नही है ,आप को क्यू लगा ऐसा ,सिनोब
पहली बात तुम बहुत देर तक सोचती रही और दूसरी तुम मुझसे बात करते वक्त शक्कल देखने के बाद आप करके बात कर रही हो ,शिवा
ऐसा कुछ नही है ,पहले में आपकी शक्कल देख रही थी ,मुझे लगा आप कोई और हो जिसे में जानती हूं ,पर आप वो नही निकले ,इसलिये चुप थी कुछ देर ,बाकी कुछ नही ,सिनोब,
अच्छा मतलब में आपकी सोच जैसा नही ,इसलिए आप नाराज है ,कि ये वो नही निकला, अगर में आपकी सोच जैसा निकलता तो क्या करती फिर तुम ,शिवा
सिनोब के आंखों में एक अजीब उदासी थी उसने कहा,
मुझे तो भगवान ने बनाते वक्त ही ऐसा बनाया था जो कभी पूरी नही थी,एक अधूरी ,एक कमी दिल मे लेकर जीने वाली, मुझे कोई पूरा कभी नही कर सकता ,उसके दिल को यह बात हमेशा याद रखनी होती है, की उसकी सच्चाई भूलकर वह कभी जीने की कोशिश ना करे, ना जाने यह पागल दिल भी ऐसी चाहते रखता है जो कभी पूरी नही होती, बस दिल टूट जाता है और चाहत भी मुझ जैसी अधूरी रह जाती है ,
शिवा को उसके दिल के दर्द ने परेशान कर दिया ,वह वापिस अपने शिवा वाले रूप में आकर ,सिनोब ,मेरी तरफ देखो ,
सिनोब की आँखें झुकी थी ,जब उसने सामने शिवा की आवाज सुनी ,उसे अपने ऊपर ही हँसी आ गई शिवा की आवाज यह कैसे आ सकती है ,
शिवा ने आगे बढ़कर उसके चेहरे को ऊपर किया ,अपने सामने शिवा को देखकर वो स्तब्ध रह गई ,वो शिवा को एकटक देख रही थी और अभीतक की सब बातें याद कर रही थी ,उसके आँखों से आँसू की धार निकली , शिवा ,मेरा दिल पहले से कह रहा था ,ऐसा प्यार मेरे साथ सिर्फ तुम ही करते थे ,मेरे जीवन का सबसे बड़ा दर्द दूर तुम नही तो कौन दूर करता ,मुझे पता था कि मेरी आँखों को तुम जरूर पढ़ लोगे एक दिन ,पर मुझे क्या पता तुम्हे मेरी आँखें नही दिल को भी पढ़ लिया है ,
सिनोब शिवा के बाहो में बहुत देर तक अपनी खुशियों के आंसू निकालती रही ,सिनोब अब शिवा को अपनी बाहों में भरकर ,उसे अपने सीने से लगाये लेटी शिवाक़े बालो में हाथ घुमा रही थी ,
सिनोब तुमने मुझे कुछ पूछा नही अभी तक की में गायब कैसे होता हु ,शक्कल कैसे बदलता हु ,तुम्हे कुछ अजीब नही लगा ये सब ,शिवा
नही शिवा ,मुझे कुछ अजीब नही लगा सब ,कुछ बाते है जो तुमको जल्द ही पता चलेगी ,ये समझ लो कि में तो बस एक जरिया थी जिसको तुमसे मिलना था ,सिनोब
में कुछ समझा नही सिनोब,शिवा
सब जान जाओगे शिवा ,आजतक तुमने इतना वक्त सब्र किया है ,थोड़ा और कर लो ,15 दिन बाद सब पता चल जाएगा ,पहले तुम किको को भी उसके दर्द से छुटकारा दे दो ,उसे भी तुम ही ठीक कर सकते हो ,उसके दर्द के छुटकारा के बाद तुमको बहुत सी बातें समझ आएगी ,सिनोब
तुम किको को तीन दिन बाद ले आना तब तक मुझे तुम्हारी जरूरत है ,मुझे दिन में दो बार सन्तुष्ट करने से ही मेरा दर्द हमेशा के लिये खत्म होगा ,जब तुमको लगे में तैयार रहुंगी ,सिनोब बोलकर चुप हो गई ,शिवा उसकी मन की बाते पढ़ कर सब समझ चुका था ,फिर कुछ देर बाद शिवा बोला ,
चलो ठीक है ,जैसा तुम चाहोगी ,तुम अभी आराम करो ,में अपना रूप बदलकर तुम्हारी बहनों को सताकर आता हूं ,दोपहर का खाना हम साथ मे करंगे ,
शिवा ने अपना रूप बदलकर बाहर आया सबसे पहले वो देखने लगा कौन किधर है ,अभी सुबह के 9 बज गए थे नरगिस और सनम घर पर थे ,नीलो ,सलमा ,बेनजीर ,कॉलेज
में थी शिवा ने तीनों को बहुत परेशान किया ,अलग अलग पाकर ,उन्हें शादी के लिये बोला ,बहुत अमीर हु ,पैसेवाला हु ,ऐसी बहुत सी बातें करके उनका मन पढता ,तीनो शिवा को दिलोजान से चाहते थी ,उन्होंने उसको भाव तक नही दिया ,हा नीलो ने चिढ़कर उसे बहुत गालिया दी जो शिवा हस् हस कर सुनता गया, उन तीनों के तंग करने के बाद पूजा के होटल गया उसे शादी के प्रपोजल दिया ,पर उसने सीधा यह कह दिया कि उसकी शादी हो चुकी है ,बस घर पर पता नही है ,उसने दूल्हे का नाम पूछने पर शिवा का नाम बताया ,उसके बाद शिवा ने देखा तो मोना उसके घर पर है ,उसने उसे टाल दीया और तब तक दोपहर के खाने का वक्त हो गया ,शिवा ने होटल के रूम में जाकर सिनोब के साथ खाना खाया जो उसने मंगा लिया था फोन करके, फिर दोनो सो गये, शाम को शिवाने फोन पर सबसे बहुत देर तक बात की घरपे भी किया और पूजा को भी ,उसने सुबह भी सबसे कॉलेज में जाने से पहले एक बार बात की थी तो घरवालों को उसकी चिंता नही थी ,
3 दिन बाद शिवा कोकी को दुबई से लेकर सीधा सिनोब के कमरे में लेकर आया
कोकी सिनोब को और मुझे देख रहा था ,फिर वह बोला ,सिनोब क्या यह मुझे भी दर्द से मुक्त करा पायेगा ,
कोकी ,यही है वो जिसका इंतजार हमे था ,मेने मेरा फर्ज पूरा किया अब तुम्हारी बारी है ।
 
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Update 49
सिनोब ने कहा शिवा क्या तुम कोकी को लेकर किसी ऐसी जगह जा सकते हो जहा अगर तुम दोनों में कुछ हाथपाई हुवी तो किसी दूसरे को नुकसान ना हो ,शिवा में जिस तरह शीत थी उसके उलट कोकी है उष्ण ,मैंने तकलीफ बर्दाशत की संभोग की लेकिन यह कोकी का प्रथम संभोग है ,वो अति उग्र होगा यह ध्यान रखना ,इसके अंदर की औरत को बाहर लाकर इसके पूरे जिस्म में उसका संचार कराना है और कायम करना है ,तुमको कष्ट हो सकते है इसमें लेकिन तुम।पीछे मत हटना ,जब तक यह तुम्हारे सामने पूर्णत समर्पण ना करे तुम तब तक रुकना मत और ना ही इसे कहि जाने देना ,
शिवा ने कोकी का हाथ पकड़ा और उसे लेकर उसी पहाड़ी इलाके में आ गया जहा पर वो उसकी शक्तियों की परीक्षण करता था ,कोकी को कुछ देर वही छोड़कर अपने पुराने घर से सोने के लिये वह एक बिस्तर लेकर आया बेड के साथ ही ,यह पहली बार था किसी बेड जैसी चीज को शिवा लेके आया था पहले वो,दो दो इंसानो को एक साथ में कही भी लेके जा सकता था ,पर ऐसा पहली बार था ,शिवा ने कोकी की तरफ एक बार देखा 7 फिट 2 इंच की लम्बी कोकी और उसके सामने 6 फिट 6 इंच का शिवा ,दोनो भी तगडे थे ,लेकिन 48 36 52 की तगड़ी फिगर की कोकी दिखने में भी बहुत।सुन्दर थी ,वो हमेशा एक लम्बी आस्तीन की टी शर्ट और नाईट पैंट पहनती थी ,उसके बालो को हमेशा सर के ऊपर बाँध के रखती थी


शिवा ने सीधा होटल के बाथरूम में ही कोकी को लेकर गया वहां से नहाकर शिवाने जाकर पहले कोकी को कपड़े लाकर दिये क्योंकि उसके कपड़े तो शिवा ने फाड़ दिए थे ,कोकी जब कपड़े पहनकर बाहर आई तो वो एकदम।अलग दिख रही थी ,उसकी मर्दानी चाल ,मर्दानी बोलचाल सब बदल गया था ,वो अब किसी औरत की तरह चल रही थी बात कर रही थी ,सिनोब उसके इस बदले रूप से बहुत खुश हो गयी ,सिनोब ने भी खाना नही खाया था उसने खाना मंगाया फिर तीनो ने मिलकर खाना खा लिया ,सिनोब की तरह ही कोकी ने उसका शुक्रिया अदा किया और बाते कहि ,उसने भी यहीं कहा कि सही वक्त पर सब पता चल जाएगा ,
शिवा ने भी उसकी बात सुन कर ज्यादा कुछ कहा नही

,जहा वो घर पर 7 दिन का बोल कर आया था वो 10 दिन होने पर भी घर नही गया ,वो मीठी बातो से सबको मना लेता की वो आ जायेगा जल्दी , शिवा अब दिनभर सिनोब और कोकी की गांड़ फाड़ता ,बादमे 10 से 12 ज्वाला और सुनीता को चोदता और रात में निता के साथ 12 से 7 बजे तक मैराथन चुदाई ,दिन में बस वो दो बार खाने और नहाने अलावा चुदाई हि करता रहता ,सिनोब तो पहले से बहुत सुंदर थी ,लेकिन कोकी तो शिवा के लन्ड के पानी पीकर और गांण्ड में भरकर अलग ही निखर आई थी ,वो अब एकदम औरतो की तरह सजती थी ,वो अब साड़ी ,पंजाबी ड्रेस पहनने लगीं थी ,सिनोब से वह सब पहनना और सजना सिख गयी थी ,
सुबह शिवा के फोन पर पूजा का फोन आ रहा था जब वो तीनो नास्ता कर रहे थे ,उसने बताया कि वो सब उनके गाव भवानीगढ़ पहुच गए है उसके साथ नरगिस और बाकी सब भी थे ,पूजा उसे पूछ रही थी कि वो कब आएगा ,तो शिवा के मन मे आया ,थोड़ा सबको भवानीगढ़ के मेले में जाकर रूप बदल के परेशान करेगा ,उसने पूजा को बताया के वो मेले में नही आ पायेगा ,बल्कि वो 2 दिन बाद मुम्बई में ही सबसे मिल लेगा अब ,सबने उसको बहुत मनाया पर शिवाने उन्हें अपनी बातों में बहलाकर मना लिया ,और नरगिस ,सनम शिवा की कोई भी बात कभी टालती नही थी,उन्होंने भी शिवा की बात का साथ दिया ,
ज्वाला ,सुनीता ,निता ने भी शिवा को बता दिया था कि वो 3 दिन के लिये भवानीगढ़ जाने वाली है शायद ही वो इन 3 दिनों में चुदाई कर पाए ,शिवाने तीनो को बताया कि वो अपनी जिम्मेदारियों को देखे 3 दिन बाद फिर मिलना ही है ,और अब उसने सिनोब ,कोकी से पूछा कि वो चलेगी भवानीगढ़ तो उन्होंने मना कर दिया,शिवा ने कहा वो घरपर जाकर रहे ,तो उन्होंने कहा सब लड़कियों के आने के बाद वो दोनो अब हमेशा उसके साथ वही रहैंगे ,
शिवा को पूजा की मन की बातों से पहले ही पता चला था कि मेले के 10 वे दिन ही सबसे बड़ा होता है ,उसी दिन ज्यादा मजा आता है मेले में ,शिवा भी आज की रात यही रुक कर कल सुबह भवानी गढ़ जाने वाला था ,
सिनोब ने शिवा से कहा ,तुम कभीं किसी को अपनी शक्कल नही दिखाना शिवा, जब तुम अपनी शक्तियों का इस्तेमाल सबके सामने करोगे उसी बदली शक्कल के साथ ही करना,मुझे और कोकी के अंदर जो दर्द था उसको खत्म करके तुमने हमको नई जिंदगी दी है ,एक और बात तुम्हारे अंदर एक ताकद यह भी आ गई है कि तुम कोई भी अदृश्य चीज को देख सकोगे ,कोई भी चीज तुम्हारी नजरोसे अब छिप नही सकती ,तुम जब अदृश्य होकर रहोंगे तब कोई भी हो ,कितना भी शक्तिशाली हो ,वो तुम्हे देख नही पायेगा ,पहले तुम किसी के भी मन मे चल रही बाते सुन सकते थे ,लेकिन अब तुम उसके मन मे जो बाते, घटना ,पल को देख या सोच रही वो तुम भी देख सकते हो ,यह दोनो ताकते तुमको हम दोनों से मिली है ,हम दोनों में यह ताकद हमारे भगवान अर्धनारींनटेश्वर महाकाल से मिली है ,
हम दोनों तुम्हे जैसे मिली थी किन्नर जाती से वैसेही हर जाति की जोड़ि या तुम्हे मिलेंगी ,तुमको भी उनको पहचान के उनके दर्द को दूर करना होगा ,तुम्हारी मंजिल क्या है यह हमें नही पता पर तुम्हारे मंजिल के तरफ जाने वाली पहली सीढ़ी हम ही है ,बस अपनी सोच कभी बदलने मत देना ,तुम्हारे इस सफर में तुम्हारी सोच ही तुम्हारी सबसे बड़ी ताकद है ,मुझे और कोकी को यह बाते पहले से पता थी कि कोई तो आएगा जो हमे इस दर्द से मुक्त करेगा ,हमे यह बात किसी ने नही बताई हमारे मन मे यह बात हमारे जन्म से ही थी ,बहुत सदियों से हम जैसे दो किन्नर पैदा होते रहे है तुम्हारे इंतजार में ,लेकिन शायद तुमसे मिलने का भाग्य हम दोनों को ही मिला है , इससे ज्यादा हम दोनों को कुछ पता नही है ,जितना पता था वो सब तुम्हे हमने बता दिया है ,
शिवा को सब बातें उन दोनों के मन से पहले ही पता थी ,वह सिर्फ ये देख रहा था ये दोनों कब अपने मन की बाते बोलेगी ,उसे पता था दोनो उसे यह बात कभी नही छुपाने वाली ,दोनो शिवा में अपना प्रेमी ,अपना भगवान देख रही थी, शिवाने दोनो को यही रुकने को कहा ,वो शाम को उनके पास ही लौट कर आएगा ,यह बताकर अपना रूप बदलकर अपना एक नया नाम काल रखकर भवानीगढ़ में दाखिल हो गया ,वो भवानीगढ़ के उस मेले के पास पहुचा था जो उसने कल पूजा को देखते वक्त देखा था ,
पूजा जब यहा पर आयी तो बहुत ही ज्यादा भीड़ दिख रही थी, लेकिन काल (शिवा का बदला रूप) जब यह पर आया तो उसे कल जितनी भीड़ नही दिख रही थी ,अभी 8 बज गए थे ,पूजा के सोच से 9 बजे मन्दिर में आज विजयदशमी की पूजा खत्म होती थी उसके बाद मेले में कुश्ती के मुकाबले होते जो 12 बजे से पहले खत्म हो जाते थे ,कुश्ती के विजेता की ढोल बाजे के साथ जुलूस निकालकर मेला शुरू हो जाता था ,पूजा की कितने ही पीढयों से यह मेला चल रहा था ,काल देख रहा था, वहा मेले में बहुत ज्यादा सुरक्षा रक्षक थे ,हर एक पास आधुनिक गन थी , मन्दिर के आसपास और मुकाबले की जगह बहुत ज्यादा सुरक्षा रक्षक दिख रहे थे ,जहा मुकाबले होने वाले थे उसी तरफ जाकर काल बैठ गया ,उसे वहाँ पर घूम रहे सुरक्षा कर्मियों ने रोककर पूछा था कि वो वहां पर क्या कर रहा है ,
काल को उनकी मन की बातों से पता चला यहा पर सिर्फ कुश्ती खेलने वाले स्पर्धकों ही जाने की अनुमति है ,आम लोगों को आज मुकाबले में देखने तो क्या ,मेले में भी आने नही दिया था ,आज कुछ बहुत बडी बात होने वाली थी मुकाबले में ,सबको बहुत सावधानी से रहने को कहा गया था, काल ने सुरक्षा कर्मियों की मन की बाते जानते हुवे उसकी मुताबिक उनके सब सवालों के जवाब भी दिए और उनके मन से यह समझ गया कि यहा पर कुछ बड़ा होने वाला है ,वो उन कुश्ती के स्पर्धकों में बैठकर देखने लगा यहा पर क्या होता है ,उसने सबसे पहले देखा कि सब लड़कियां किधर है तो वो सब उसे मन्दिर के अंदर पूजा के साथ दिख गई ,उसने अब यही रुककर उनकी राह देखने की सोचि, ।
 

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