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Update 45
मुम्बई के पास एक बहुत ही आलीशान मकान में जो समुन्दर के कनारे पर बना थोडासा अलग ही बना हुवा था वहां की बनी हुवी बाकी घरोसे, शायद उसके मालिक को लोग पसन्द ना हो या उसे लोगो से चिढ़ हो ,वजह वही जानता होगा ,उसके घर कहे या बंगला किसी को भी अंदर आने की इजाजत नही थी, बस उसके खास कुछ नौकर थे वो ही बंगेले में आते जाते रहते ,उस बँगले के मालिक को आज तक 25 साल से काम कर रहे उसके चौकीदार ने नही देखा था तो बाकी लोगो का क्या कहना ,उसको हर महीने में 1 तारिख को उसकी तनख्वाह मिल जाती बंगेले में काम कर रहे नोकर के हाथ से,चौकीदार ने उसे भी पूछा था क्या में मालिक को मिल सकता हु कभी तो उस नोकर ने जो कहा ,उसके बाद उसने कभी उस मालिक से मिलने का नाम निकाला ही नही ,
मिल सकते हो मालिक से अगर तुमको जिंदा नही रहना तो,उनको देखने वाले को आजतक कभी मेने जिंदा नही देखा है ,पिछले 30 साल से,यहाँ पर कभी भी ताक झाक मत करना ,और ना यहां की बातें बाहर किसीसे करना जिस दिन तुम कुछ ऐसा करोगे उसके बाद अपनी मौत पक्की समझ लेना,अपना काम करो ,महीने की पगार लो ,और बंगेले के गेट पर ही रुको उसके अंदर नही सिर्फ बाहर नजर रखो,
उसी बंगले में एक कमरे में दो लोग बात कर रहे थे ,आइये उनकी बातें सुन लीजिये
तुम मुझे कुछ सही बात बोलोगे या नही,तुमको मेने आज तक कितनी बार बचाया है,ये बात मेरे लिये बहुत जरूरी है नील ,तुम हमे बता दो हम यहां से चले जायेंगे ,
विशाखा में भी तुम्हारी तरह एक संरक्षक ही हु, जिस शक्ति को कोई हजारो साल से कोई ढूंढ नही सका, ना उसके बारे में किसी को पता था ,उसके अस्तित्व की बात सिर्फ कुछ को थी ,जो कब के उसके लोभ के चक्कर मे मारे गये, और मेरी बात का यकीन करो वो शक्ति अब भी मंदिर में ही है पर कही पर छूपी हुवी ,ना उसको कोई महसूस कर सके ना उसे कोई पा सके इस तरह उसने खुद को अब अदृष्य कर लिया है ,तुम बेवजह उसको ढूंढ रही हो बाहर,तुमको मंदिर की रक्षा छोड़कर ऐसे नही आना चाहिये ,नील
में उस शक्ति को बाहर कहि भी महसूस करती तो मुझे पता चल जाता वो कहा है ,और दुनिया मे कोई ऐसी चीज नही जिसको में महसूस ना कर सकू,उसको में मन्दिर में महसूस नही कर पा रही हु पहले की तरह पिछले 6 महीने से,मेने उसे पूरी दुनिया मे ढूंढा पर वो नही मिली ,अब तुम्हारी बात को मानते हुवे में मन्दिर की रक्षा करने जा रही हु, सिर्फ़ इतना याद रखना नील यह बात अगर झूठ निकली तो तुम कहि भी छुप लो ,में तुमको मार दुंगी, विशाखा के जाने के बाद उसके कमरे में दो आदमी आकर निल के सामने खड़े हो गए
अब क्या होगा नील हम दोनों कुछ समझ नही पा रहे हैं ,अब हमको क्या करना होगा ,उन दोनों में से एक ने बोला,
जोगी और होरा तुम दोनो अब विशाखा की मदद करोगो आज से ,अब उस मंदिर में बहुत सी बड़ी ताकते आएगी जिसका मुकाबला विशाखा भी अकेली नही कर सकती तुम को अपनी पूरी ताकद लगानी होगी उस काम मे ,निल बोला
नील क्या उस मुकाबले में ही सब फैसला हो जाएगा या बात और कुछ है,जोगी बोला ,
नही मुकाबले के दिन फैसला नही होगा पर अब एक दूसरे को मारकर ,अपने रास्ते मे आने वाला हर खतरे को कम करने की कोशिश उस दिन से बहुत तेज़ होगी,उस दिन तो सिर्फ पहचान ही होगी कि कौन कौन है उस दौड़ में जिनको शक्ति हासिल करनी हे ,निल ने कहा
विशाखा भी उनको रोक नही सकती ,उसके सामने तो कोई भी पराक्रमी योद्धा पल भर नही टिकता,वो अकेली ही हज़ारों महायोद्धा को मार सकती है ,क्या उससे भी बलवान अब मैदान में आनेवाले है ,होरा ने पूछा
उस शक्ति को पाने के लिये ,विशाखा के जितने ही नही ,उससे कई गुना ताक़दवर होंगे ,जिनका मुझे भी अंदाजा नही है ,हम तीनों को अपनी आखरी साँस तक विशाखा का साथ देना है, बाकी लोक भी हमारी मदद करेंगें इस काम मे ,
तुम दोनों अब से मन्दिर के पास ही रहोगे ,जावो तुम वो दोनो भी चले गए,नील अकेला ही रह गया था कमरे में ,
यह कैसी पहेली ही जिसका जवाब किसीके पास नही ,में ,विशाखा कब तक बचा सकेंगे इस शक्ति को , हम चारों के अलावा कोई है भी नही जो इन ताकतों से लड़ सके, पता नही समय के गर्भ में क्या छुपा है ,
आज शाम को ही होटल से छुटी मिल गई शिवा को वो 6 बजे ही घर पहुँच गया था ,सबसे पहले वो अपने कमरे में जाकर नहाने गया उसको जो अजीब से बैचेनी हो रही थी शायद नहाने से चली जायेगी ऐसा सोच कर वो ठंडे पानी से नहाकर अपने कपड़े पहनने लगा ,उसको अपने शरीर मे बदलाव नजर आ रहा था ,जब से उसको चमत्कारी शक्तियों का अहसास हो गया था ,अब उसको किसी भी चीज की हैरानी नही होती थी,वो आईने में अपने शरीर को देख रहा था ,उसका अपना शरीर पहले से गठीला लग रहा था ,नीलो के साथ सेक्स करने के बाद वो हर रोज खुद को चेक करने लगा था ,की उसके शरीर मे क्या बदलाव आया है ,उसको अपनी बाइसेप ,चेस्ट ,शोल्डर, थाइज पहले से बड़े और मजबूत हो गए है ऐसा लग रहा था ,उसने अपने टीशर्ट को पहना जो पहले उसको लूज होता था थोड़ा ,वो एकदम स्किन फीट हो गया था ,शिवा ने कुछ सोचकर उसको निकाल दिया और एक लूज आस्तीन वाला टी शर्ट पहन कर बाहर आया ,उसने सोच लिया था कि वह अब थोड़े लूज कपडे ही पहना करेगा ,नही तो अचानक उसकी बढ़ी ऐसी शरीर की मासपेशियां के बढ़ने का कारण क्या बतायेगा उनको , उसने सनी को फोन करके अपने लिये कुछ एक्सट्रा लार्ज टीशर्ट लाने को बोल दिया था,सनी रात के वक्त घर आता था तब लाकर देने वाला था ,
आज दुबई से नरगिस के यहाँ कुछ लोग आए थे इसलिये वो अपने कमरे में बैठकर उनसे बात कर रही थी, दुबई में शिवा के साथ अस्पताल में जो लड़की नरगिस के साथ रहतीं थी वो और उसके साथ रियाज की बेवा थी ,शिवा ने कुछ देर उनकी बात सुनी तभी वहां पर मोना आ गई जो सनम के साथ बाहर घूमने गई थी ,फिर मोना ने रात के खाने तक उसका पीछा ही नही छोड़ा , रात को खाने के वक्त नरगिस के साथ उसकी दोस्त ,और रियाज की बेवा शबनम आई थी ,वो दोनो ने भी सबसे अच्छी तरीके से बात की थीं, आज भी मोना और नरगिस साथ मे ही सोने को चले गये, शिवा आज बस निताके पास कब जाऊ यहीं सोच रहा था ,उसे अब ना ज्वाला की याद आ रही थी ना सुनीता की उसको तो बस निता के पास जाना था ,
रात को अपने कमरे में आने के बाद उसने देखा कि निता सिमा के उसके घर मे बैठी है ,और उसके ही बाजू में सुनीता बैठी है जो में उससे नही मिला था 2 दिनोसे उसका चेहरा उतरा हुवा था और मन मे मेरे ही खयाल चल रहे थे ,मुझे उसे देखकर ज्वाला की याद आयी वो भी होटल के बिस्तर पर नंगी लेटी उसकी राह देख रही थी ,शिवा को अपनी सोच से चिढ़ हो गई बिचारी दोनो उसके साथ 2 महिनो से वो जैसा चाहे वैसा चुदती थी अब निता के मिलने से वह बदल रहा है ,उनको भूल रहा है ,शिवा अपने कपड़े उतारकर गायब होकर ज्वाला के पास पहुच कर उसको अपनी बाहों में भर लिया,ज्वाला भी अपने प्रेमी की तरह उसके बाहो में समाके रोने लगी और शिवा से न आने के लिये शिकवा करने लगी ,उसको प्यार से समझाकर शिवा ने बताया कि उस को कुछ काम की वजह वक्त नही मिल पाया ,उसने आज 1 घण्टे में ही ज्वाला की प्यास बुझा दी ,ज्वाला को उसका लन्ड कुछ ज्यादा ही बड़ा,मोटा और मजबूत लगा था ,शिवा आज जब उसकी चुत में झडा थो उसकी चुत तो आज उसके वीर्य की गरमी से जल जाएगी ऐसा उसको लगा था ,ज्वाला को छोड़ कर उसने सुनीता के पास जाकर उसे भी समाझाया की वह काम से नही आ पाया ,उसको भी एक घण्टे में चोदकर ठंडा कर दिया ,
रात के 3 बज गए थे निता अपने बाथरूम में नंगी नहा रही थी उसके बदन की गरमी उसे आज जला रहीं थी ,उसके साथ आजतक ऐसा नही हों रहा था ,वो ठंडे पानी के शॉवर के नीचे खड़ी अपनी चुत पर अपनी एक उंगली कबसे फिरा रही थी,उसने शावर बन्द करके अपनी चुत को दो अंगलियो से फैलाकर खड़े होकर अपनी आंखें बंद करके पेशाब करने लगी ,उसको बहुत ज्यादा सुकून मिल रहा था पेशाब करके उसने अपनी पेशाब करने के बाद शॉवर चालु करना चाहा तो उसे याद आया कि उसकी पेशाब नीचे गिरने की आवाज आयीं ही नही ,उसे अपने चुत पर किसीके जीभ का अहसास हो रहा था वो कुछ सोच समझ ही नही पा रही थी,वो भी अपनी आँखें बंद करती उसको अपनी चुत का रस उसका सर पकड़ कर पिलाने लगी ,निता को अपना होश सुबह 7 बजे आया जब उसका कोई गेट बजा रहा था ,यह पूजा थी जो निता को उठाने आई थी ,रोज निता 7 बजे से पहले उठकर अपने बेडरूम से किचन में नोकरो से नाश्ता बनवाती, पर उसको वहाँ न देखने से पूजा उसको उठाने आ गई थी ,
निता को रात की सब बातें याद थी उसके बाथरूम में चुत चुसने वाले ने उसको वहासे बेड पर उठाकर लाया था ,निता को वह अपनी आंखों से दिखा नही बस उसकी आवाज़ ही सुनाई देती थी ,उसको किसी बात का डर भी नही लगा था उसके ना दिखने ना का ,निता के शरीर को उसने जिस तरह भोगा था मानो वो उसके हक्क का हो ,निता उसके लन्ड को अपने दोनो हाथोसे महसूस करके डर गई थी पर उसकी चुत और गांड में वो लंड आराम से जड़ तक घुस गया था ,निता को अपने वजूद को पूरा कर लिया हो ऐसा उसके लंड के अपने चुत में समाने से लगा था ,अपनी उंगलियों से टटोलते हुवे लंड को अपने चुत और गांड में उसने देखा था पूरा जड़ तक वो मूसल घुस रहा था ,निता को उसने अपने लंड से निकलने वाली गरम गाढ़ी मलाई पेटभर पिलाई थी ,उसके चुत और गांड में अपना माल भरकर वो सुबह चला गया ,इतना बोलकर की वो रोज रात को 12 बजे आया करेगा आज से ,
शिवा निता को भोग के बहुत खुश था ,उसके बदन को चैन मिला था निता को भोगने के बाद ,जब वो मोना को लेकर कॉलेज जा रहा था ,तब नरगिस के साथ उसकी सहेली उनको विदा कर रही थी ,उसकी मन की बात सुनकर शिवा मन मे बोला ,तुम्हारी तकलीफ़ का यह आखरी दिन है ,तुम्हारी तड़प ,दर्द को आज में हमेशा के लिये खत्म कर दूंगा सिनोब ,तुमको भी जीने का हक है ,जो तुम चाहती हो तुमको वो जरूर मिलेगा