Incest जिन्दगी एक अनाथ की ~written by Goldybull~

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Update 60
काल जब सुबह विशाखा की गुफा में पहुचा तो सब लडकिया बैठकर बाते कर रही थी ,नेत्रा ने हिमानी और केतकी को आज के दुनिया का सब ज्ञान दे दिया था ,सबसे बड़ी मुसीबत का हल केतकी ने हल कर दिया था ,वो था हिमानी कहा रहेगी ,तो केतकी उसे अपने साथ लेके जाने वाली थी ,हिमानी को यह मंजुर नही था ,बस कहने को वो हा कह रही थी पर उसकी आंखो की नमी से काल और नेत्रा समज गये तब नेत्रा के साथ उसके घर मे अमरीका की दोस्त शादी का सुनकर मिलने को आ गई है ऐसा बहाना बनाकर वो तीनो घर की तरफ निकल गए ,काल तो सुबह से हिमानी के बदन की आती खुशबू से परेशान हो गया था ,उसे ऐसा लग रहा था जाकर सीधा हिमानी की चुत में मुह घुसाकर चाटने लगे , जब तीनो घर पहुचे ,तो लड़कियों की इतनी पलटन के सामने काल का लन्ड पैंट फाड़ने तक कड़क हो गया ,उसे तो हर लड़की और औरत के चुत की अलग अलग ख़ुश्बू रही थी ,उसको अब अपने उपर काबू करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल हो गया था ,अगर वह यहां रुकता तो किसी ना किसी के कपड़े फाड़कर उसे चोदने लगता ,बाथरूम का बहाना करके अपने कमरे में चला गया ,उसने मन मे सुनीता ,निता,ज्वाला कह है वो देखा ,निता तो अभी उन सबसे मिलकर अपने कमरे में गयी थी ,निता को अपने अदृश्य यार की याद आ रही थी ,वो अपने कमरे में दरवाजा लगाकर अपने स्तनोसे खेल रही थी ,काल तुंरत अदृष्य होकर निता के कमरे में पहुँचा ,वो अपने यूनिफॉर्म में ही निता के कमरे में आ गया था मतलब पूरा नंगा ,निता के कान के पास जाकर वो बोला,निता क्या कर रही हो ,निता अपने कमरे में अपने अदृष्य यार की आवाज सुनकर खुश हो गई
निता,तुम यहा तक आ गये मेरे बलम
काल,हा मेरी सजनी तेरे चुत के बिना तो में बहुत प्यासा हो गया था
निता ,में भी मेरे बलम के लन्ड को कितना मिस कर रही हु,
काल,जान मुझे तेरी चुत का पानी पीना है ,चल जल्दी से अपनी चुत खोल ना
निता ,मुझे भी तुम्हारे लन्ड का माल पीना है ,में आज जबतक मेरा मन नही भरता तबतक तुम्हारा माल पीती रहुंगी
काल,मेरी रानी तेरे मुह को नही ,तेरी इस गुलाबी चुत और लाल लाल गांड़ के छेद भी तो भरने है
दोनो कभी ऐसी बाते नही करते थे पर आज काल कुछ अलग ही अंदाज में था ,दोनो अपनी बातों से इतने गर्म हो गए कि निता के कपड़े फाड़ता काल उसकी चुत को मुह में भरता उसे चुसने लगा ,दोनो 69 में थे ,निता ने भी काल के लन्ड को मुह में भरकर चुसने लगी आज उसको काल का लंड बहुत ज्यादा गर्म और पहले से कड़क लग रहा था ,उसे तो उसके लंड को मुह में लेते ही एक नशा चढ़ने लगा ,वो जितना हो सके इस गर्म डंडे को अपने हलक में उतारने लगी,
काल ने निता के मुह से लंड निकाला तो उसे गुस्सा आ गया था पर जब काल ने एक ही बार मे अपना पूरा मूसल उसकी चुत में उतारा तो उसका गुस्सा प्यार में बदल गया उसे अपने चुत में उस मूसल की गर्मी अलग ही मजा दे रही थी ,काल निता को पीठ के बल लिटाकर चोद रहा था ,निता तो आज इतने मजे में आ गयी थी कि बस ,वो अपनी चुत काल के लन्ड पर आज ऐसे पटक रही थी मानो पूरा काल को ही अपने अंदर घुसा लेगी ,उन्होंने बस दोपहर का खाने और रात के खाने को ही रुके थे ,काल ने कितनी बार निता के चुत और गांड़ को भरा ,गिनती करना मुश्किल था,काल के लंड को जितना नीता के चुत को मारने में मजा आता था वैसा किसीके साथ भी नही आता था ,काल ने अपने लंड से निता की लाल लाल गांड के छेद में माल भरकर ही सुबह को निता को छोड़ा था ,
काल जब अपने कमरे में नहाने गया तो नेत्रा ने उसको इतना ही पूछा कब तक मेरी माँ को चोदते रहोगे ,जरा अपनी बीवी पर भी ध्यान दीजिये ,काल के कान लाल हो गए थे यह बात सुनकर ,उसने अपने कपड़े पहने और चाय पानी पीकर घर के बाहर निकल गया ,काल को अब अपने महानाग बनने के बाद ऐसा लग रहा था वो 24 घण्टे सेक्स के बारे में ही सोच रहा है ,अब इस का क्या उपाय करें ,काल मन्दिर के पीछे बने जंगल मे अदृष्य बनकर घूमने लगा ,उसे अब किसी भी लड़की के सामने जाने का डर सता रहा था ,वो अब किसी हवसी की तरह हर लड़की को देख रहा था ,नरगिस और सनम से बात करके 3 दिन होने को आये थे ,नेत्रा और वो जब विषलोक गये थे उस दिन सुबह ही उनसे बात हुवीं थी ,उन्हें तो उसने यही सोचा था कि उसे विषलोक में समय लग सकता है ,इसीलिए उसने यह बताया था कि वो सीधा मुंबई में मिलेगा 7 दिन बाद ,हम थोड़ी पहाड़ी इलाको में है शायद फोन लगे नही ,उनको यकीन होने के लिये उसने अपने शक्ति का अभ्यास जिस जगह पर करता वहां जाकर एक पहाड़ के पास खड़े होकर एक विडियो कॉल किया था ,काल ने भले ही शक्कल बदली हो पर दिल नही बदला था ,अगर वो ऐसा अपने हवसी भावना के साथ 4 दिन बाद सबके साथ मुम्बई में रहेगा तो सब पर गलत असर हो सकता है ,भले ही वो सब उसके साथ चुदाई करना चाहती हो, लेकिन अब काल मे हवस भर गई थी ,और वो सब दिल से उसे प्यार करती थी ,काल को सब को एक अच्छी जिंदगी देनी थी (ना कि अच्छी तरह चोदना था ) और इसके लिये उसे सबसे पहले अपनी हवस कम करनी थी ,
काल ना कोई गुरु था ,ना कोई समझाने वाला , फिर भी उसके पास इतनी शक्तिया होने पर भी उसका दिमाग खराब नही हुवा था , कोई दूसरा होता तो अपनी शक्तियों के साथ इस कामवासना में अबतक क्या नही कर जाता ,पर काल तो इसे कम किस तरह किया जाए इसिका रास्ता ढूंढ रहा था ,जंगल में एक पेड़ के नीचे काल बैठकर अपने ही खयालो में खोया था ,तभी उसे किसी की आने की आहट हुवीं उसके सामने बहुत ही बड़ी और सुंदर दो अश्वमानव सुंदरियां थी ,उनको काल के होने का कुछ पता ही नही था, वो दोनो अपनी ही बातो में काल जिस पेड़ के पास बैठा था उसी के छाव में आकर वो आराम से बात करने लगी, पहली,बानी तू नही जानती शक्ति मिलने के बाद उसके साथ उसके फायदे भी है और नुकसान भी ,जो नुकसान का हमेशा ध्यान रखता है ,उसे टालता है वही अपनी शक्ति का सही इस्तेमाल कर सकता है ,
दूसरी (बानी),माला तुमको कोई गुरु या बाबा बनना चाहियें तुम कोई भी बात हो उसे पूरी तरह जानकर ही अपना मत रखती हो ,
माला ,बानी में हम दोनों पहली जुड़वां संतान है अश्व मानवों में,जिस तरह आज तक हम दोनों हमारे अंदर कितनी ताकते है जान नही पाये ,उसी तरह सर्पिणी और विशाखा है ,हम चारो की एक ही समस्या है कि हमे आजतक हमारा जीवन साथी नही मिला है ,
बानी ,माला सर्पिणी की बाते सुनकर नही लगता काल ही उन दोनों का पति हो सकता है ,हजारों साल में पहली बार दोनो का दिल मे किसी को देखकर कामवासना का जन्म हुवा है,हिमांनी भी तो काल की पत्नी ही बनेगी ऐसा उसके जन्म के बाद से कहा गया था ,
माला, बानी ,काल की शक्तियां पहले ही बहुत ज्यादा थी ये हमने मुकाबले में देखा था अब तो वो महानाग बन गया है ,उसके पास कितनी ही नई शक्तिया होगी अब ,वह अपने नई शक्तियों के साथ कितनी जल्दी खुद को सम्भल पाता है ,ये देखने वाली बात होगी ,और महानाग में क्या शक्तिया है ये किसी को पता नही है ,वो तो पहली बार ही सबके सामने आया है काल के रूप में ,काल ने जिस तरह सर्पिणी की मदद की उसे बचाया ,मुझे लगता है वही भेड़िये मानव को वापिस ला सकता है काली घाटी से ,उस कोहिम ने कितने ही मानवभेडियो को अपने काली घाटी में बंदी बनाकर रखा है कितने सालो से ,
बानी,माला उस काली घाटी में ऐसा क्या है जो वहाँ पर हम लोगो की कोई शक्ति काम नही करती ,यहाँ तक के हम अपनी ताकद की मदद से वहा क्या हो रहा है वह देख भी नही पाते
माला ,बानी यह बात कोई नही जानता कि काली घाटी में हमारी शक्तिया काम क्यो नही करती ,नही तो अभी तक हम सबने मिलकर काली घाटी पर हमला करके उन सब मानवभेडियो को बचा लिया होता ,
बानी ,तो काल की शक्तिया वहाँ काम करना बंद नही करेगी अगर वह वहा गया तो ,भले ही काल अब महानाग बन गया है लेकिन उसीकी भी शक्तिया वहां काम करेगी की नही यह हम भी तो नहीं जानते,उसका वहाँ पर जाना खतरे से खाली नही होगा,
माला ,बानी लेकिन काल को एक कोशिश करके देखनी चाहिए ,काली घाटी में जाकर अगर उसकी शक्तिया वहा पर काम कर गई तो वो कोहिम को अच्छा सबक सिखा सकता है ,और मानव भेड़ियों को भी बचा सकता है ,
माला और बानी अपनी बातें करती वहां पर ज्यादा देर नही रुकी वो वहां से चली गई ,काल उनकी बातें को सोचता उन दो अश्वसुंदरियों के शरीर को देख रहा था ,चार पैरों के ऊपर लड़की का आधा शरीर ,वह दोनो आम घोड़ो से काफी ऊंची और तगड़ी थी ,उनके जो लड़कियों का कमर से ऊपर का शरीर पकड़ के उनकी लंबाई 15 फिट से ज्यादा थी ,उनके चेहरे बहुत ही ख़ूबसूरत थे , उनकी चुचिया इतनी बड़ी थी कि काल के दोनो हाथो में मिलकर भी पूरी नही आ सके ,दोनो एकदम सफेद कलर की थी ,काल का लंड तो उनकी घोडी के शरीर मे पीछे से दिख रही बड़ी सी चुत की खुशबू से ही टनटना रहा था ,जब बाते करते वक्त बानी एक बार अपनी चुत से पेशाब कर रही थी ,तो उसके तेज खुश्बू से काल को ऐसा लग रहा था जाकर सीधा उसकी चुत को मुह में भर ले और उस पेशाब को पी ले ,पर उसने अपने आप को रोक के रखा था ,जब वो दोनो चली गयी ,काल अपने मन मे साला पहले औरतो की चुत की महक से पागल हो रहा था ,अब घोड़ियों की चुत देखकर उनको चोदने का मन कर रहा है ,अब तो रस्ते पे घूमने वाली कुतियों को देखकर कहि में चोदना ना शुरू कर दु ,जब से उन काली नागिनों को भोगा है में चोदने के लिये पागल ही हो गया हूं,काली घाटी में अगर यह काम वासना बन्द हो गई तो बहुत अच्छा होगा ,साले उस कोहिम को तो वैसेही मारना था ,बहुत पाप कर चुका है वो ,मेने उसके तीनो लड़को के दिमाग पढ़े है ,मुझे काली घाटी का रास्ता तो अंगारा से पता चला था जब उसके हाथ पांव तोड़ते वक्त वो अपने घर के बारे में याद करते हुवे रो रहा था ,नेत्रा को कुछ और बात बोलकर मुझे अभी ही निकलना होगा काली घाटी,उसे बता कर गया तो वो साथ मे ही निकल पड़ेगी ,काल ने फिर नेत्रा को बता दिया कि उसे महानाग के ठिकाने जाना है अपनी शक्तियों के बारे में जानने के लिए और वह काली घाटी की और अपने मन की शक्ति से झट से पहुच गया ,काली घाटी एक दुनिया की नजरों से छुपी दुनिया थी, पश्चिम बंगाल के सुंदरबन के जंगलों से ही वहां पर जाने का रास्ता था ,काल अब उसी जंगलों के बीच अदृष्य रूप से काली घाटी के रास्ते पर जा रहा था ,काल एक बड़े झरने के पास पहुचा उसी झरने के पीछे एक रास्ता जाता था ,अंदर 2 घण्टे के उस अंधेरे से भरे पहाड़ से गुजर कर ही काली घाटी में जा सकते है ,उसी रास्ते से काल तेजी से काली घाटी पहुच गया, काली घाटी उसे इसलिए कहा जाता है कि वहा पहुँचने के लिए काले अँधरे से भरे पहाड़ो से गुजरना पड़ता था ,काली घाटी एक मायावी असुरों का बहुत बड़ा ठिकाना था ,उस काली घाटी में हजारों मायावी असुर रहते थे ,जो अपनी बुद्धि और बल के साथ अपने अंदर की मायावी ताकदो से बहुत बलशाली थे ,वह ज्यादा इंसानी दुनिया में कभी किसी के सामने अपने वास्तविक रूप में नही जाते, जाना हो तो वो इंसानों के भेष में ही जाते थे , या गुप्त रूप से वो घूमते थे ,दो बार वो भवानीगढ़ आये थे ,पहली बार नरभेडिये को पकड़ने और कुश्ती मुकाबले में हिस्सा लेने,उनके आने की वजह काल को अंगारा के दिमाग से यही पता चली थी कि उसके पिता कोहिम ने अंगारा को भवानीगढ़ के मुकाबले में इस
साल इसी लिये भेजा था कि अंगारा उस मुकाबले को जीतकर मन्दिर में जा सके ,मन्दिर में कोई चमत्कारी चीज को तलाश उसके अंदर जाकर ही कि जा सकती है ,और मन्दिर में रहने वाली दो भयानक नागिनों को सामना उन असुरों का एक बार हुवा था जब नरभेडिये को पकड़ने उनके कुछ योद्धा आये थे, उसमे उनको दो सबसे अच्छे योद्धा को बुरी तरह मार दिया था उन नागिनों ने ,उस मन्दिर के पास और कुछ ताकते थी जो उन असुरों को दिखती नही थी पर जब वो चोरी से मन्दिर में दाखिल होने की कोशिश करते तो उनके शरीर के टुकड़े करके मार दिया जाता था , अपनी इतनी मायावी आसुरी ताकद के बावजूद वो कौन उनको मार रहा है ये देख नही पाते थे ,इसी वजह से जब कोहिम को मालूम गिरा की उस मन्दिर में चमत्कारि चीज है तो उसने कपट का सहारा लेकर अंगारा को मुकाबले में उतारा था और मन्दिर के परंपरा के अनुसार मुकाबले में जितने वाले को मन्दिर के पूजा का प्रथम मान मिलता है ,और इस परंपरा का सहारा लेकर उसका बेटा मन्दिर में प्रवेश कर सकता है ,और उसे मन्दिर के जो रक्षक है वो रोक भी नही सकते थे परंपरा के नियमों नुसार ,उन्हें पृथ्वी और नरेश के बारे में सब पता था उनकी दोनो की ताकद उनके सामने कुछ भी नही थी ,उनको मालूम था मुकाबले में उनका मुकाबला करने नरेश या पृथ्वी से हो सकता है जो उनके सामने पलभर में हार जाते पर उनके सामने काल नामकी मौत आ गई थी जिसने बुरी तरीके से उनको मार दिया था ,कोहिम अपने बेटे अंगारा के हालात देखकर बहुत ज्यादा भड़क चुका था काल से और जब काल ने उसके दो और बेटे गगन और देबन को मार दिया था विषलोक में तबसे वो काल के खून का प्यासा था ,कोहिम को बस काल की तलाश थी और काल इस वक्त उसके शहर में दाखिल होने वाला था ,
काल देख रहा था काली घाटी को जो बहुत ही ज्यादा बड़ी थी पहाड़ो के नीचे बहुत ही बड़े जंगलों में बनी थी यह ,यहा पर हजारो असुर काल को दिख रहे थे जो काली घाटी के चारो और बनी एक अदृश्य दीवार के सुरक्षा घेरे में थे ,उस काली घाटी में एक ही आने जाने का रास्ता था जहाँ पर सैनिकों का कड़ा पहरा था ,जो भी उस प्रवेश द्वार से अंदर आता या बाहर जाता उसकी बारीकी से तलाशी ली जाती ,पूछताछ की जाती थी ,उस प्रवेश द्वार पर एक बहुत ही बड़ी असुर की मूर्ति लगीं हुवीं थी ,हर आने जाने वालों को उसके सामने से ही गुजरना पड़ता था ,काल सब देख रहा था,उसने अपने आप को एकं असुर में बदल लिया ,असुर दिखने में इंसान जैसे ही होते है पर उनके शरीर का आकार बड़ा होता है ,असुर 14 से 15 फिट के ऊंचाई के होते है ,पर हर एक का शरीर समान नही होता है इंसानों की तरह कोई दुबला पतला,मोटा ,तगड़ा होता था ,काल ने जब असुर रूप लिया तो वो 15 फिट का एकदम तगड़ा असुर दिखने लगा था ,असुरों के तरह लंबे बाल ,लंबी दाढ़ी मुछे, में वो बहुत ही खूबसूरत असुर दिख रहा था ,उसने भी अपने कमर पर एक लँगोट लगाया था ,लेकिन यहा पर भी उसका लंड ने अपना कमाल दिखाया था जैसा आम इंसान होकर भी काल का लन्ड दुगने से भी मोटा और बड़ा था यहा पर भी उसका लंड और आंड उसी ही तरह आम असुर के मुकाबले दुगने से बड़ा बन गया था , और हमेशा की तरह उसका लन्ड खड़ा ही था जो लंगोट से दिख रहा था ,काल जब उस अदृश्य प्रवेशद्वार से दाखिल हुवा तो उसके आसपास के सब असुर उसके मजबूत शरीर और चेहरे को ही देख रहे थे ,बहुत सी असुर औरते इस तगडे असुर के लंगोट के अंदर दिख रहे असमान्य उभार को ही देख रही थी ,काल उन असुर महिला के कमर और छाती के दो कपड़ो से दिख रही उनके बडी चुचिया और गांड़ को ही देख रहा था ,यहा की आसुर औरते बहुत ही ज्यादा कामुक थी और यहां कोई भी किसीके साथ संभोग कर सकता था ,बस दोनो एक दूसरे के साथ संभोग के लिए तैयार हो बस इतना ही जरूरी था ,यहा बस दो ही नाते थे नर या मादा ,काल एक कतार में चल रहा था जो उसको तलाशी और पूछताछ के लिये असुर सैनिकों तक लेके जा रही थी काल के आगे एक बहुत ही मादक और खूबसूरत असुर औरत चल रही थी जिसके बड़ी सी गांड़ को देखता और उसकी चुत के ख़ुश्बू में खोया चल रहा था ,आगे कतार अचानक थमने से काल उस औरत से टकरा गया ,काल उस औरत के स्पर्श से बिथर गया उसने अपने दोनो हाथ आगे बढ़ाकर उसकी पीछे से ही दोनो चुचिया दबाते हुवे उसकी गांड़ में अपना लंड दबाने लगा ,काल के इस हरकत से उस औरत के मुह से हल्की चीख निकल गई ,उसकी चीख सुनकर कुछ असुर सिपाही आगे बढ़कर उससे पुछने लगे क्या हुवा ,तुम चीखी क्यो ,और ये आसुर तुमसे जबरदस्ती तो नही कर रहा ,
वो असुर औरत ,जी नहीं ऐसी कोई बात नही ,यह मेरे पति जीवा है ,आज जंगल मे कुछ औषधियों के तलाश करते हुवे ,इन्होंने गलतीसे कामशक्ति बढ़ने की दवा खा ली है ,इसी वजह से यह ऐसा कर रहे है ,
असुर सैनिक ,ठीक है ,इसे फिर जल्दी घर लेकर जाओ ,अगर इसने किसी और के साथ ऐसा किया होता तो उसको दंड दिया जाता ,तुम दोनो इस कतार से बाहर निकालो हम सीधे तुम्हारी तलाशी लेकर तुम दोनो को अंदर भेज देंगे
वो असुर सैनिक उस औरत और काल को सीधा उस बड़े से असुर पुतले के पास पहुंचे ,वहां पर पहले ही दो असुरो को पकड़ा था वो दोनो अपने साथ कुछ इंसानों का मास लेकर आये थे, काली घाटी में इंसानी मास नही खाते थे पर ये दो असुर किसी मायावी शक्ति को पाने लेकर आये थे वो मास ,इसी वजह से कतार भी अचानक रुक गई थी ,काल के साथ उस औरत की तलाशी ली गई और दोनो के नाम और क्या काम से बाहर गए ये पुछने पर उस असुर औरत ने बताया,जी मेरा नाम माया है और यह मेरे पति जीवा है हम दोनों जंगल में औषधि वनस्पति लाने जाते है ,जो यहा किसी असुर को बीमार और जख्मी होने के बाद काम मे आती है ,
उस औरत के पास थैले में बहुत सी औषधि वनस्पति भी थे तो सैनिकों ने उन दोनों को अंदर जाने दिया ,वो दोनो जैसे ही उस बड़ी असुर मूर्ति के सामने से गुजरे कुछ ही पल में वो पूरी मूर्ति एक बड़े से विस्फोट के साथ टुकडो में बदल गई ,
उसके बाद उस प्रवेशद्वार को जल्दी से बन्द कर दिया गया ,वहां पर बहुत बड़ी भगदड़ मच गई थी ,वहाँ बहुत से असुर सैनिक जमा हो रहे थे ,
माया अपने एक हाथ मे काल के हाथ को पकड़कर कबसे वहां से गायब होकर काल को अपने साथ लेकर अपने घर पर आयी थी ,काल ने जब उसकी चुचिया दबायी थी उसके बाद ही माया ने उसको एक फूल सूंघा दिया था ,जिसकी वजह से काल किसी कठपुतली की तरह माया के साथ बिना बोले चल रहा था ,
माया जब अपने घर पहुंची तो ,उसके सामने दो लडकिया आयी वो अपने माँ के साथ आये इस खूबसूरत असुर को देख रही थी ,उनमें से एक लड़की बोली ,माँ ,आपके साथ यह असुर कौन है और यह ऐसा किसी कठपुतली जैसा क्यों कर रहा है,
माया , सारा बेटी यह कोई असुर नही है ,यह मुझे प्रवेशद्वार से जब टकराया तभी में इसको जान गई थी यह कोई असुर नही है ,में यह तो नही जान पायी की यह कौन है पर इतना तो जरूर पता लग चुका है कि यह कोहिम को मार सकता है ,सारा ,में कुछ समझी नही माँ ,
माया ,बेटी में असुर राज की बेटी हु मेरे पास कुछ जन्म से ही ताकते है जिस तरह तुम दोनो में है ,मुझे स्पर्श मात्र से ही सामने वाले के बारे में सब पता चल जाता है ,इसने जब मुझे स्पर्श किया तो में तुरंत जान गई के ये असुर नही है ,पर में यह नही जान पा रही थी, कि यह है कौन जो मुझे पहचान में नही आ रहा ,तब मैंने इसको अपने पास रखी नागासुर वटी सुंघाई पर यह बेहोश ही नही हुवा ,जिस वटी को सूंघने 1000 असुर बेहोष हो जाये ,उसे सूंघकर भी यह बेहोश नही हुवा ,और जब हम उस काले असुर के पुतले से गुजरे जो यहाँ पर आने वालो कि शक्ति को अपने अंदर खींच लेता है उस पुतले ने जब इसकी शक्ति छीननी चाही तो वो पुतला ही टुकडो में बिखर गया,सोचो बेटी जिस पुतले के अंदर बड़े से बड़े योद्धा जो कोई भी जाति का हो उसकी पूरी शक्ति खींच कर उसे कमजोर कर देता था वो इसकी शक्ति को झेल तक नही पाया ,यही इस काली घाटी को वापिस असुर घाटी में बदल देगा ,कोहिम जो कभी हमारा सेनापति हुवा करता था उसने मेरा पिता और पति को धोके से मारकर राजा बन बैठा है सैकड़ो सालो से यह उस कोहिम को खत्म करके उसके पाप के साम्राज्य को मिटा देगा ,बेटी तुम दोनो बस एक काम करना इस को जब होश आये इसके सामने मत आना
सारा ,ऐसा क्यों मा ,हम क्यो सामने नही आये इसके
माया ,सारा बेटा तुम और हीरा इसके सामने नही जाओगी बस तुम दोनो अपने कमरे में चली जाओ और जब में बोलू तभी बाहर आना ,
सारा और हीरा दोनो अपने कमरे में गुस्से से चली गई
माया मन मे ,अब इन दोनो को क्या बोलू इसने मुझे कहा स्पर्श किया था ,यह तो उसी कतार में मेरी गांड फाड़ देता अपने उस बड़े से मूसल से ,मेरी गांड़ तो कभी मेरे पति ने नही मारी ,औऱ इसने उसी में अपने लंड को घुसा रहा था ,अगर यह मुझपर मोहित होकर सबके सामने मेरे ऊपर चढ़ सकता है, तो मेरी दोनो बेटियोके यह क्या हाल करेगा
 
Maurya ji
1,059
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Update 60
काल जब सुबह विशाखा की गुफा में पहुचा तो सब लडकिया बैठकर बाते कर रही थी ,नेत्रा ने हिमानी और केतकी को आज के दुनिया का सब ज्ञान दे दिया था ,सबसे बड़ी मुसीबत का हल केतकी ने हल कर दिया था ,वो था हिमानी कहा रहेगी ,तो केतकी उसे अपने साथ लेके जाने वाली थी ,हिमानी को यह मंजुर नही था ,बस कहने को वो हा कह रही थी पर उसकी आंखो की नमी से काल और नेत्रा समज गये तब नेत्रा के साथ उसके घर मे अमरीका की दोस्त शादी का सुनकर मिलने को आ गई है ऐसा बहाना बनाकर वो तीनो घर की तरफ निकल गए ,काल तो सुबह से हिमानी के बदन की आती खुशबू से परेशान हो गया था ,उसे ऐसा लग रहा था जाकर सीधा हिमानी की चुत में मुह घुसाकर चाटने लगे , जब तीनो घर पहुचे ,तो लड़कियों की इतनी पलटन के सामने काल का लन्ड पैंट फाड़ने तक कड़क हो गया ,उसे तो हर लड़की और औरत के चुत की अलग अलग ख़ुश्बू रही थी ,उसको अब अपने उपर काबू करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल हो गया था ,अगर वह यहां रुकता तो किसी ना किसी के कपड़े फाड़कर उसे चोदने लगता ,बाथरूम का बहाना करके अपने कमरे में चला गया ,उसने मन मे सुनीता ,निता,ज्वाला कह है वो देखा ,निता तो अभी उन सबसे मिलकर अपने कमरे में गयी थी ,निता को अपने अदृश्य यार की याद आ रही थी ,वो अपने कमरे में दरवाजा लगाकर अपने स्तनोसे खेल रही थी ,काल तुंरत अदृष्य होकर निता के कमरे में पहुँचा ,वो अपने यूनिफॉर्म में ही निता के कमरे में आ गया था मतलब पूरा नंगा ,निता के कान के पास जाकर वो बोला,निता क्या कर रही हो ,निता अपने कमरे में अपने अदृष्य यार की आवाज सुनकर खुश हो गई
निता,तुम यहा तक आ गये मेरे बलम
काल,हा मेरी सजनी तेरे चुत के बिना तो में बहुत प्यासा हो गया था
निता ,में भी मेरे बलम के लन्ड को कितना मिस कर रही हु,
काल,जान मुझे तेरी चुत का पानी पीना है ,चल जल्दी से अपनी चुत खोल ना
निता ,मुझे भी तुम्हारे लन्ड का माल पीना है ,में आज जबतक मेरा मन नही भरता तबतक तुम्हारा माल पीती रहुंगी
काल,मेरी रानी तेरे मुह को नही ,तेरी इस गुलाबी चुत और लाल लाल गांड़ के छेद भी तो भरने है
दोनो कभी ऐसी बाते नही करते थे पर आज काल कुछ अलग ही अंदाज में था ,दोनो अपनी बातों से इतने गर्म हो गए कि निता के कपड़े फाड़ता काल उसकी चुत को मुह में भरता उसे चुसने लगा ,दोनो 69 में थे ,निता ने भी काल के लन्ड को मुह में भरकर चुसने लगी आज उसको काल का लंड बहुत ज्यादा गर्म और पहले से कड़क लग रहा था ,उसे तो उसके लंड को मुह में लेते ही एक नशा चढ़ने लगा ,वो जितना हो सके इस गर्म डंडे को अपने हलक में उतारने लगी,
काल ने निता के मुह से लंड निकाला तो उसे गुस्सा आ गया था पर जब काल ने एक ही बार मे अपना पूरा मूसल उसकी चुत में उतारा तो उसका गुस्सा प्यार में बदल गया उसे अपने चुत में उस मूसल की गर्मी अलग ही मजा दे रही थी ,काल निता को पीठ के बल लिटाकर चोद रहा था ,निता तो आज इतने मजे में आ गयी थी कि बस ,वो अपनी चुत काल के लन्ड पर आज ऐसे पटक रही थी मानो पूरा काल को ही अपने अंदर घुसा लेगी ,उन्होंने बस दोपहर का खाने और रात के खाने को ही रुके थे ,काल ने कितनी बार निता के चुत और गांड़ को भरा ,गिनती करना मुश्किल था,काल के लंड को जितना नीता के चुत को मारने में मजा आता था वैसा किसीके साथ भी नही आता था ,काल ने अपने लंड से निता की लाल लाल गांड के छेद में माल भरकर ही सुबह को निता को छोड़ा था ,
काल जब अपने कमरे में नहाने गया तो नेत्रा ने उसको इतना ही पूछा कब तक मेरी माँ को चोदते रहोगे ,जरा अपनी बीवी पर भी ध्यान दीजिये ,काल के कान लाल हो गए थे यह बात सुनकर ,उसने अपने कपड़े पहने और चाय पानी पीकर घर के बाहर निकल गया ,काल को अब अपने महानाग बनने के बाद ऐसा लग रहा था वो 24 घण्टे सेक्स के बारे में ही सोच रहा है ,अब इस का क्या उपाय करें ,काल मन्दिर के पीछे बने जंगल मे अदृष्य बनकर घूमने लगा ,उसे अब किसी भी लड़की के सामने जाने का डर सता रहा था ,वो अब किसी हवसी की तरह हर लड़की को देख रहा था ,नरगिस और सनम से बात करके 3 दिन होने को आये थे ,नेत्रा और वो जब विषलोक गये थे उस दिन सुबह ही उनसे बात हुवीं थी ,उन्हें तो उसने यही सोचा था कि उसे विषलोक में समय लग सकता है ,इसीलिए उसने यह बताया था कि वो सीधा मुंबई में मिलेगा 7 दिन बाद ,हम थोड़ी पहाड़ी इलाको में है शायद फोन लगे नही ,उनको यकीन होने के लिये उसने अपने शक्ति का अभ्यास जिस जगह पर करता वहां जाकर एक पहाड़ के पास खड़े होकर एक विडियो कॉल किया था ,काल ने भले ही शक्कल बदली हो पर दिल नही बदला था ,अगर वो ऐसा अपने हवसी भावना के साथ 4 दिन बाद सबके साथ मुम्बई में रहेगा तो सब पर गलत असर हो सकता है ,भले ही वो सब उसके साथ चुदाई करना चाहती हो, लेकिन अब काल मे हवस भर गई थी ,और वो सब दिल से उसे प्यार करती थी ,काल को सब को एक अच्छी जिंदगी देनी थी (ना कि अच्छी तरह चोदना था ) और इसके लिये उसे सबसे पहले अपनी हवस कम करनी थी ,
काल ना कोई गुरु था ,ना कोई समझाने वाला , फिर भी उसके पास इतनी शक्तिया होने पर भी उसका दिमाग खराब नही हुवा था , कोई दूसरा होता तो अपनी शक्तियों के साथ इस कामवासना में अबतक क्या नही कर जाता ,पर काल तो इसे कम किस तरह किया जाए इसिका रास्ता ढूंढ रहा था ,जंगल में एक पेड़ के नीचे काल बैठकर अपने ही खयालो में खोया था ,तभी उसे किसी की आने की आहट हुवीं उसके सामने बहुत ही बड़ी और सुंदर दो अश्वमानव सुंदरियां थी ,उनको काल के होने का कुछ पता ही नही था, वो दोनो अपनी ही बातो में काल जिस पेड़ के पास बैठा था उसी के छाव में आकर वो आराम से बात करने लगी, पहली,बानी तू नही जानती शक्ति मिलने के बाद उसके साथ उसके फायदे भी है और नुकसान भी ,जो नुकसान का हमेशा ध्यान रखता है ,उसे टालता है वही अपनी शक्ति का सही इस्तेमाल कर सकता है ,
दूसरी (बानी),माला तुमको कोई गुरु या बाबा बनना चाहियें तुम कोई भी बात हो उसे पूरी तरह जानकर ही अपना मत रखती हो ,
माला ,बानी में हम दोनों पहली जुड़वां संतान है अश्व मानवों में,जिस तरह आज तक हम दोनों हमारे अंदर कितनी ताकते है जान नही पाये ,उसी तरह सर्पिणी और विशाखा है ,हम चारो की एक ही समस्या है कि हमे आजतक हमारा जीवन साथी नही मिला है ,
बानी ,माला सर्पिणी की बाते सुनकर नही लगता काल ही उन दोनों का पति हो सकता है ,हजारों साल में पहली बार दोनो का दिल मे किसी को देखकर कामवासना का जन्म हुवा है,हिमांनी भी तो काल की पत्नी ही बनेगी ऐसा उसके जन्म के बाद से कहा गया था ,
माला, बानी ,काल की शक्तियां पहले ही बहुत ज्यादा थी ये हमने मुकाबले में देखा था अब तो वो महानाग बन गया है ,उसके पास कितनी ही नई शक्तिया होगी अब ,वह अपने नई शक्तियों के साथ कितनी जल्दी खुद को सम्भल पाता है ,ये देखने वाली बात होगी ,और महानाग में क्या शक्तिया है ये किसी को पता नही है ,वो तो पहली बार ही सबके सामने आया है काल के रूप में ,काल ने जिस तरह सर्पिणी की मदद की उसे बचाया ,मुझे लगता है वही भेड़िये मानव को वापिस ला सकता है काली घाटी से ,उस कोहिम ने कितने ही मानवभेडियो को अपने काली घाटी में बंदी बनाकर रखा है कितने सालो से ,
बानी,माला उस काली घाटी में ऐसा क्या है जो वहाँ पर हम लोगो की कोई शक्ति काम नही करती ,यहाँ तक के हम अपनी ताकद की मदद से वहा क्या हो रहा है वह देख भी नही पाते
माला ,बानी यह बात कोई नही जानता कि काली घाटी में हमारी शक्तिया काम क्यो नही करती ,नही तो अभी तक हम सबने मिलकर काली घाटी पर हमला करके उन सब मानवभेडियो को बचा लिया होता ,
बानी ,तो काल की शक्तिया वहाँ काम करना बंद नही करेगी अगर वह वहा गया तो ,भले ही काल अब महानाग बन गया है लेकिन उसीकी भी शक्तिया वहां काम करेगी की नही यह हम भी तो नहीं जानते,उसका वहाँ पर जाना खतरे से खाली नही होगा,
माला ,बानी लेकिन काल को एक कोशिश करके देखनी चाहिए ,काली घाटी में जाकर अगर उसकी शक्तिया वहा पर काम कर गई तो वो कोहिम को अच्छा सबक सिखा सकता है ,और मानव भेड़ियों को भी बचा सकता है ,
माला और बानी अपनी बातें करती वहां पर ज्यादा देर नही रुकी वो वहां से चली गई ,काल उनकी बातें को सोचता उन दो अश्वसुंदरियों के शरीर को देख रहा था ,चार पैरों के ऊपर लड़की का आधा शरीर ,वह दोनो आम घोड़ो से काफी ऊंची और तगड़ी थी ,उनके जो लड़कियों का कमर से ऊपर का शरीर पकड़ के उनकी लंबाई 15 फिट से ज्यादा थी ,उनके चेहरे बहुत ही ख़ूबसूरत थे , उनकी चुचिया इतनी बड़ी थी कि काल के दोनो हाथो में मिलकर भी पूरी नही आ सके ,दोनो एकदम सफेद कलर की थी ,काल का लंड तो उनकी घोडी के शरीर मे पीछे से दिख रही बड़ी सी चुत की खुशबू से ही टनटना रहा था ,जब बाते करते वक्त बानी एक बार अपनी चुत से पेशाब कर रही थी ,तो उसके तेज खुश्बू से काल को ऐसा लग रहा था जाकर सीधा उसकी चुत को मुह में भर ले और उस पेशाब को पी ले ,पर उसने अपने आप को रोक के रखा था ,जब वो दोनो चली गयी ,काल अपने मन मे साला पहले औरतो की चुत की महक से पागल हो रहा था ,अब घोड़ियों की चुत देखकर उनको चोदने का मन कर रहा है ,अब तो रस्ते पे घूमने वाली कुतियों को देखकर कहि में चोदना ना शुरू कर दु ,जब से उन काली नागिनों को भोगा है में चोदने के लिये पागल ही हो गया हूं,काली घाटी में अगर यह काम वासना बन्द हो गई तो बहुत अच्छा होगा ,साले उस कोहिम को तो वैसेही मारना था ,बहुत पाप कर चुका है वो ,मेने उसके तीनो लड़को के दिमाग पढ़े है ,मुझे काली घाटी का रास्ता तो अंगारा से पता चला था जब उसके हाथ पांव तोड़ते वक्त वो अपने घर के बारे में याद करते हुवे रो रहा था ,नेत्रा को कुछ और बात बोलकर मुझे अभी ही निकलना होगा काली घाटी,उसे बता कर गया तो वो साथ मे ही निकल पड़ेगी ,काल ने फिर नेत्रा को बता दिया कि उसे महानाग के ठिकाने जाना है अपनी शक्तियों के बारे में जानने के लिए और वह काली घाटी की और अपने मन की शक्ति से झट से पहुच गया ,काली घाटी एक दुनिया की नजरों से छुपी दुनिया थी, पश्चिम बंगाल के सुंदरबन के जंगलों से ही वहां पर जाने का रास्ता था ,काल अब उसी जंगलों के बीच अदृष्य रूप से काली घाटी के रास्ते पर जा रहा था ,काल एक बड़े झरने के पास पहुचा उसी झरने के पीछे एक रास्ता जाता था ,अंदर 2 घण्टे के उस अंधेरे से भरे पहाड़ से गुजर कर ही काली घाटी में जा सकते है ,उसी रास्ते से काल तेजी से काली घाटी पहुच गया, काली घाटी उसे इसलिए कहा जाता है कि वहा पहुँचने के लिए काले अँधरे से भरे पहाड़ो से गुजरना पड़ता था ,काली घाटी एक मायावी असुरों का बहुत बड़ा ठिकाना था ,उस काली घाटी में हजारों मायावी असुर रहते थे ,जो अपनी बुद्धि और बल के साथ अपने अंदर की मायावी ताकदो से बहुत बलशाली थे ,वह ज्यादा इंसानी दुनिया में कभी किसी के सामने अपने वास्तविक रूप में नही जाते, जाना हो तो वो इंसानों के भेष में ही जाते थे , या गुप्त रूप से वो घूमते थे ,दो बार वो भवानीगढ़ आये थे ,पहली बार नरभेडिये को पकड़ने और कुश्ती मुकाबले में हिस्सा लेने,उनके आने की वजह काल को अंगारा के दिमाग से यही पता चली थी कि उसके पिता कोहिम ने अंगारा को भवानीगढ़ के मुकाबले में इस
साल इसी लिये भेजा था कि अंगारा उस मुकाबले को जीतकर मन्दिर में जा सके ,मन्दिर में कोई चमत्कारी चीज को तलाश उसके अंदर जाकर ही कि जा सकती है ,और मन्दिर में रहने वाली दो भयानक नागिनों को सामना उन असुरों का एक बार हुवा था जब नरभेडिये को पकड़ने उनके कुछ योद्धा आये थे, उसमे उनको दो सबसे अच्छे योद्धा को बुरी तरह मार दिया था उन नागिनों ने ,उस मन्दिर के पास और कुछ ताकते थी जो उन असुरों को दिखती नही थी पर जब वो चोरी से मन्दिर में दाखिल होने की कोशिश करते तो उनके शरीर के टुकड़े करके मार दिया जाता था , अपनी इतनी मायावी आसुरी ताकद के बावजूद वो कौन उनको मार रहा है ये देख नही पाते थे ,इसी वजह से जब कोहिम को मालूम गिरा की उस मन्दिर में चमत्कारि चीज है तो उसने कपट का सहारा लेकर अंगारा को मुकाबले में उतारा था और मन्दिर के परंपरा के अनुसार मुकाबले में जितने वाले को मन्दिर के पूजा का प्रथम मान मिलता है ,और इस परंपरा का सहारा लेकर उसका बेटा मन्दिर में प्रवेश कर सकता है ,और उसे मन्दिर के जो रक्षक है वो रोक भी नही सकते थे परंपरा के नियमों नुसार ,उन्हें पृथ्वी और नरेश के बारे में सब पता था उनकी दोनो की ताकद उनके सामने कुछ भी नही थी ,उनको मालूम था मुकाबले में उनका मुकाबला करने नरेश या पृथ्वी से हो सकता है जो उनके सामने पलभर में हार जाते पर उनके सामने काल नामकी मौत आ गई थी जिसने बुरी तरीके से उनको मार दिया था ,कोहिम अपने बेटे अंगारा के हालात देखकर बहुत ज्यादा भड़क चुका था काल से और जब काल ने उसके दो और बेटे गगन और देबन को मार दिया था विषलोक में तबसे वो काल के खून का प्यासा था ,कोहिम को बस काल की तलाश थी और काल इस वक्त उसके शहर में दाखिल होने वाला था ,
काल देख रहा था काली घाटी को जो बहुत ही ज्यादा बड़ी थी पहाड़ो के नीचे बहुत ही बड़े जंगलों में बनी थी यह ,यहा पर हजारो असुर काल को दिख रहे थे जो काली घाटी के चारो और बनी एक अदृश्य दीवार के सुरक्षा घेरे में थे ,उस काली घाटी में एक ही आने जाने का रास्ता था जहाँ पर सैनिकों का कड़ा पहरा था ,जो भी उस प्रवेश द्वार से अंदर आता या बाहर जाता उसकी बारीकी से तलाशी ली जाती ,पूछताछ की जाती थी ,उस प्रवेश द्वार पर एक बहुत ही बड़ी असुर की मूर्ति लगीं हुवीं थी ,हर आने जाने वालों को उसके सामने से ही गुजरना पड़ता था ,काल सब देख रहा था,उसने अपने आप को एकं असुर में बदल लिया ,असुर दिखने में इंसान जैसे ही होते है पर उनके शरीर का आकार बड़ा होता है ,असुर 14 से 15 फिट के ऊंचाई के होते है ,पर हर एक का शरीर समान नही होता है इंसानों की तरह कोई दुबला पतला,मोटा ,तगड़ा होता था ,काल ने जब असुर रूप लिया तो वो 15 फिट का एकदम तगड़ा असुर दिखने लगा था ,असुरों के तरह लंबे बाल ,लंबी दाढ़ी मुछे, में वो बहुत ही खूबसूरत असुर दिख रहा था ,उसने भी अपने कमर पर एक लँगोट लगाया था ,लेकिन यहा पर भी उसका लंड ने अपना कमाल दिखाया था जैसा आम इंसान होकर भी काल का लन्ड दुगने से भी मोटा और बड़ा था यहा पर भी उसका लंड और आंड उसी ही तरह आम असुर के मुकाबले दुगने से बड़ा बन गया था , और हमेशा की तरह उसका लन्ड खड़ा ही था जो लंगोट से दिख रहा था ,काल जब उस अदृश्य प्रवेशद्वार से दाखिल हुवा तो उसके आसपास के सब असुर उसके मजबूत शरीर और चेहरे को ही देख रहे थे ,बहुत सी असुर औरते इस तगडे असुर के लंगोट के अंदर दिख रहे असमान्य उभार को ही देख रही थी ,काल उन असुर महिला के कमर और छाती के दो कपड़ो से दिख रही उनके बडी चुचिया और गांड़ को ही देख रहा था ,यहा की आसुर औरते बहुत ही ज्यादा कामुक थी और यहां कोई भी किसीके साथ संभोग कर सकता था ,बस दोनो एक दूसरे के साथ संभोग के लिए तैयार हो बस इतना ही जरूरी था ,यहा बस दो ही नाते थे नर या मादा ,काल एक कतार में चल रहा था जो उसको तलाशी और पूछताछ के लिये असुर सैनिकों तक लेके जा रही थी काल के आगे एक बहुत ही मादक और खूबसूरत असुर औरत चल रही थी जिसके बड़ी सी गांड़ को देखता और उसकी चुत के ख़ुश्बू में खोया चल रहा था ,आगे कतार अचानक थमने से काल उस औरत से टकरा गया ,काल उस औरत के स्पर्श से बिथर गया उसने अपने दोनो हाथ आगे बढ़ाकर उसकी पीछे से ही दोनो चुचिया दबाते हुवे उसकी गांड़ में अपना लंड दबाने लगा ,काल के इस हरकत से उस औरत के मुह से हल्की चीख निकल गई ,उसकी चीख सुनकर कुछ असुर सिपाही आगे बढ़कर उससे पुछने लगे क्या हुवा ,तुम चीखी क्यो ,और ये आसुर तुमसे जबरदस्ती तो नही कर रहा ,
वो असुर औरत ,जी नहीं ऐसी कोई बात नही ,यह मेरे पति जीवा है ,आज जंगल मे कुछ औषधियों के तलाश करते हुवे ,इन्होंने गलतीसे कामशक्ति बढ़ने की दवा खा ली है ,इसी वजह से यह ऐसा कर रहे है ,
असुर सैनिक ,ठीक है ,इसे फिर जल्दी घर लेकर जाओ ,अगर इसने किसी और के साथ ऐसा किया होता तो उसको दंड दिया जाता ,तुम दोनो इस कतार से बाहर निकालो हम सीधे तुम्हारी तलाशी लेकर तुम दोनो को अंदर भेज देंगे
वो असुर सैनिक उस औरत और काल को सीधा उस बड़े से असुर पुतले के पास पहुंचे ,वहां पर पहले ही दो असुरो को पकड़ा था वो दोनो अपने साथ कुछ इंसानों का मास लेकर आये थे, काली घाटी में इंसानी मास नही खाते थे पर ये दो असुर किसी मायावी शक्ति को पाने लेकर आये थे वो मास ,इसी वजह से कतार भी अचानक रुक गई थी ,काल के साथ उस औरत की तलाशी ली गई और दोनो के नाम और क्या काम से बाहर गए ये पुछने पर उस असुर औरत ने बताया,जी मेरा नाम माया है और यह मेरे पति जीवा है हम दोनों जंगल में औषधि वनस्पति लाने जाते है ,जो यहा किसी असुर को बीमार और जख्मी होने के बाद काम मे आती है ,
उस औरत के पास थैले में बहुत सी औषधि वनस्पति भी थे तो सैनिकों ने उन दोनों को अंदर जाने दिया ,वो दोनो जैसे ही उस बड़ी असुर मूर्ति के सामने से गुजरे कुछ ही पल में वो पूरी मूर्ति एक बड़े से विस्फोट के साथ टुकडो में बदल गई ,
उसके बाद उस प्रवेशद्वार को जल्दी से बन्द कर दिया गया ,वहां पर बहुत बड़ी भगदड़ मच गई थी ,वहाँ बहुत से असुर सैनिक जमा हो रहे थे ,
माया अपने एक हाथ मे काल के हाथ को पकड़कर कबसे वहां से गायब होकर काल को अपने साथ लेकर अपने घर पर आयी थी ,काल ने जब उसकी चुचिया दबायी थी उसके बाद ही माया ने उसको एक फूल सूंघा दिया था ,जिसकी वजह से काल किसी कठपुतली की तरह माया के साथ बिना बोले चल रहा था ,
माया जब अपने घर पहुंची तो ,उसके सामने दो लडकिया आयी वो अपने माँ के साथ आये इस खूबसूरत असुर को देख रही थी ,उनमें से एक लड़की बोली ,माँ ,आपके साथ यह असुर कौन है और यह ऐसा किसी कठपुतली जैसा क्यों कर रहा है,
माया , सारा बेटी यह कोई असुर नही है ,यह मुझे प्रवेशद्वार से जब टकराया तभी में इसको जान गई थी यह कोई असुर नही है ,में यह तो नही जान पायी की यह कौन है पर इतना तो जरूर पता लग चुका है कि यह कोहिम को मार सकता है ,सारा ,में कुछ समझी नही माँ ,
माया ,बेटी में असुर राज की बेटी हु मेरे पास कुछ जन्म से ही ताकते है जिस तरह तुम दोनो में है ,मुझे स्पर्श मात्र से ही सामने वाले के बारे में सब पता चल जाता है ,इसने जब मुझे स्पर्श किया तो में तुरंत जान गई के ये असुर नही है ,पर में यह नही जान पा रही थी, कि यह है कौन जो मुझे पहचान में नही आ रहा ,तब मैंने इसको अपने पास रखी नागासुर वटी सुंघाई पर यह बेहोश ही नही हुवा ,जिस वटी को सूंघने 1000 असुर बेहोष हो जाये ,उसे सूंघकर भी यह बेहोश नही हुवा ,और जब हम उस काले असुर के पुतले से गुजरे जो यहाँ पर आने वालो कि शक्ति को अपने अंदर खींच लेता है उस पुतले ने जब इसकी शक्ति छीननी चाही तो वो पुतला ही टुकडो में बिखर गया,सोचो बेटी जिस पुतले के अंदर बड़े से बड़े योद्धा जो कोई भी जाति का हो उसकी पूरी शक्ति खींच कर उसे कमजोर कर देता था वो इसकी शक्ति को झेल तक नही पाया ,यही इस काली घाटी को वापिस असुर घाटी में बदल देगा ,कोहिम जो कभी हमारा सेनापति हुवा करता था उसने मेरा पिता और पति को धोके से मारकर राजा बन बैठा है सैकड़ो सालो से यह उस कोहिम को खत्म करके उसके पाप के साम्राज्य को मिटा देगा ,बेटी तुम दोनो बस एक काम करना इस को जब होश आये इसके सामने मत आना
सारा ,ऐसा क्यों मा ,हम क्यो सामने नही आये इसके
माया ,सारा बेटा तुम और हीरा इसके सामने नही जाओगी बस तुम दोनो अपने कमरे में चली जाओ और जब में बोलू तभी बाहर आना ,
सारा और हीरा दोनो अपने कमरे में गुस्से से चली गई
माया मन मे ,अब इन दोनो को क्या बोलू इसने मुझे कहा स्पर्श किया था ,यह तो उसी कतार में मेरी गांड फाड़ देता अपने उस बड़े से मूसल से ,मेरी गांड़ तो कभी मेरे पति ने नही मारी ,औऱ इसने उसी में अपने लंड को घुसा रहा था ,अगर यह मुझपर मोहित होकर सबके सामने मेरे ऊपर चढ़ सकता है, तो मेरी दोनो बेटियोके यह क्या हाल करेगा
Ab to Shiva asuro ki gand marega.... Bhut bdia update Bhai waiting for next update
 
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Update 61
माया ने काल को अपने कमरे में लेकर गई और एक पलंग पर लिटा दिया ,काल को जब माया उस पलँग पर लिटा रही थी ,उस वक्त काल का लन्ड अपनी पूरी औकात में खड़ा था ,माया जब काल पैर पलंग पर रख रही थी उसकी नजर काल के उस गोरे लाल सुपाडे पर गई ,काल का लंड उस छोटे से लंगोट में कहा छिपता वो अपनी मौजूदगी अपने सर को बाहर निकालाकर दिखा रहा था ,माया अपने पतीसे मुश्किल से बस 5 या 6 बार चुदी जिसकी बदौलत वो दो जुड़वा लड़कियों की माँ बनी थी,अपने पति का साथ उसे एक महीने से ज्यादा नही मिला उसके बाद ही उसको कोहिम ने मार दिया था ,तब से माया काली घाटी में रूप बदलकर रह रही थी ,आज जब काल ने माया की गांड़ में अपना लन्ड घुसाया था और उसकी चुचिया दबाई थे ,तबसे उसकी चुत ने पानी टपकना शुरू किया था,माया बहुत दिनो बाद गर्म हो गयी थी,जब उसने काल के लन्ड को देखा तो उसे छूने के मोह स बच न सकी अपने एक हाथ मे उसे लेकर वो सहलाने लगी ,उस गर्म लन्ड को अपने हाथ मे पकड़के माया को बहुत मजा आ रहा था,अपने दोनो हाथो में लेकर वो उसको ऊपर नीचे कर रही थी , 16 इंच मोटे और 36 इंच लम्बे लन्ड के साथ वो माया ऐसे खेल रही थी, मानो वो उसका मनपसंद खिलौना हो ,काल के उस छोटे फुटबॉल जितने सुपाडे पर कुछ छोटी बूंदे चमक रही थी, जो माया के सहलाने से जमा हो गई थी माया को उसकी तेज महक ने अपने खींच लिया , माया ने अपना मुह उस लंड के सुपाडे के पास लेकर अपनी जीभ से चाट लिया ,माया को वह स्वाद थोड़ा ज्यादा ही नमकीन लगा,लेकिन उसे वह पसन्द भी बहुत आया वो अपनी जीभ से उस लन्ड को चाटने लगी तो उसको और ज्यादा मजा आने लगा ,वो किसी कुतिया की तरह तेजी से उसके लन्ड को चाटने लगी थी ,उसने कभी अपने पति के लंड को हाथ तक नही लगाया तो चुसने की बात बहुत दूर थी ,आज उसको लंड चाटने में बहुत मजा आ रहा था ,कब वो उसके लंड को मुह में लेकर चुसने लगी ,उसे पता ही नही चला वो अपने मुह में इस लंड को अंदर तक लेने की कोशिश कर रही थी ,पर पूरा ले नही पा रही थी ,उसके पति के लन्ड से काल का लन्ड दुगना लम्बा और मोटा था ,माया ने कितने ही असुरों के लंड देखे थे, जब वो जंगलों में औषधि वनस्पति ढूंढेने जाती थी ,
पर काल का लंड ना उन असुरों जैसा काला था औऱ छोटा ,एकदम गोरा लाल जिसको देखकर माया जैसी असर रानी भी ललचा रही थी ,काल का लंड चुसने में माया अपनी सुधबुध ही खो बैठी थी ,लेकिन जब उसे अपनी चुत पर कुछ गिला सा लपलपाता कुछ महसूस हुवा ,माया ने देखा कि उसके लँगोट को काल ने कबसे निकाल दिया है और अपने छाती पर उसके पैरों को रखकर यानी 69 में उसकी चुत पर अपनी जीभ घुमा था माया कुछ कहने वाली थीं कि तभी काल ने उसके चुत के होठो को फैलाकर उसके छेद में अपनी जीभ घुसा दी और चुत को चुसने लगा ,माया के बदन को तेज झटका लगा उसके साथ ऐसा पहली बार हो रहा था जिंदगी में ,जो उसकी चुत को चाट रहा था वो कुछ बोल ही नही पा रही थी बस उसके मुह से कामुक सिसकिया निकलने लगी,काल के जीभ अब उसकी चुत नाच रही थी ,इतने सालों से बन्द इस चुत के झरने ने आज अपना पानी बरसाना शुरू कर दिया था ,काल ने जब अपनी एक मोटी से उंगली उसके गांड के भूरे से छेद में घुसाकर अंदर बाहर करना शुरू किया तो माया चिखती हुवीं झड़ने लगी काल ने भी उसके झड़ने तक कुछ नही किया बस मन लगाकर उसकी चुत का पानी पीने लगा ,जितना माया पानी छोड़ रही थी उतना पानी काल पी रहा था ,माया आज बहुत दिनों के बाद इतना झड़ी थी ,उसका पूरा चेहरा लाल हो गया था ,जैसे ही उसके चुत का झड़ना खत्म हुवा ,काल ने फिर से उसकी गांड़ में उंगली चलानी शुरू कर दी और चुत को चाटना और भी तेजीसे कर दिया माया कुछ पल में ही फिर से गर्म हो गई जब पहले काल ने उसकी चूसना शुरू कर दिया था उसने अपने मुह से लन्ड निकाल कर अपने झड़ने तक बस उसको सहलाती रही थी ,पर अब उसने काल के लन्ड को मुह में लेकर तेजीसे चुसना शुरू कर दिया वो लंड के टोपे पर बने छेद में अपनी जीभ का नोकदार करके घुसाने लगी काल को भी इस असुरी औरत की मुह की गर्मी में आनंद आ रहा था इस बार दोनो साथ मे झड़े ,काल के लंड से जो माल निकल रहा था माया वो लन्ड को अपने मुह के अंदर तक लेकर सीधा पेट मे भर रही थी ,पहली बार लंड चुसने के साथ आज वो लंड का माल भी गटक रही थी ,काल जब इंसान तभी एक चाय के कप को भर दे इस मात्रा में वीर्य छोड़ता था ,अब असुर बनने के बाद तो उसने एक लोटेभर जितना गाढ़ा माल माया को पिलाया था ,माया को उस मलाई को पीने के बाद थोड़ा हल्का सा नशा होने लगा था ,उसकी आंखें भारी हो गयी थी और चेहरे पर एक खूशी दिख रही थी ,उसको काल ने कब बिस्तर पर पीठ के बल सुलाया और उसकी छाती से आखरी कपड़ा निकाल कर उसे पूरा नंगा कर दिया इसका पता भी नही चला ,काल उस गोरी गोरी इतनी बड़ी चुचिया देखकर उनपर टूट पड़ा कभी वो उनको दबाता ,तो कभी काटता ,उसने उन चुचिया को दबादबाकर लाल कर दिया ,उनके बड़े से निप्पल को खींच कर वो उनको भी चूस रहा था ,माया तो को तो कुछ सुध ही नही नही थी काल के चुचिया के साथ मस्ती करने पर वो उसके बालो में हाथ फिराती उसे और बढ़ावा दे रही थी ,काल बहुत देर तक उन बडी कड़क चुचियो को दबाकर नरम करता रहा ,माया की चुत पूरी गिल्ली हो गई थी काल की इस हरकत की वजह से काल ने जब अपने गर्म लंड के टोपे को उसकी चुत पर रखा तो दोनो की आंखे पहली बार एक दूसरे से टकराई ,माया ने अपनी टाँगे उठाकर अपनी दोने बाहें काल के पीठ पर कस ली ,काल की आंखों में देखकर उसने एक बार अपनी आंख झपकाई ,काल भी इस पूरी हरकत से माया की मन की बात (उसको मन की बात सुनाई दे रहीं थीं माया की) समझकर माया की गांड को अपने हाथों में लेकर एक करारा धक्का माया की चुत पर मार दिया ,काल के मूसल ने माया की चुत के। छेद को अपनी औकात से चार गुना बड़ा करता अंदर घुस गया ,माया के मुह से एक जोरदार चीख निकल गई उसे लगा जैसे उसके चुत में किसी ने चाकू घुसा दिया हो ,उसके दिमाग से चुदाई भुत एक सेकंड में उतर गया ,वो काल के पीठ को नाखूनों से नोचने लगी ,उसको अपने दांतों से काटने लगी ,चीख चीख कर उसे अपने ऊपर से दूर करने की कोशिश करने लगी ,पर काल को माया की इन हरकतों ने और गर्म कर दिया उसने और दो जोरदार धक्कों में अपना पूरा लंड माया की चुत में उतार दिया ,माया का तो दर्द से बुरा हाल था ,उसकी चुत में काल के पहले हमलों से ही उसको जानलेवा दर्द हो रहा था ,और जब काल ने और दो हमले किये उसके चुत के अंदर तक तो उसके दर्द की इंतेहा हो गई थी ,उसकी चुत से खून भी टपकने लगा था जो चुत के फटने से निकल रहा था ,वो जोरजोरसे गला फाड़ के रो रही थी काल को मार रही थी पर काल तो जानवर बन गया था आज वो माया की गांड़ पकडर बड़ी तेजी से माया को काटता नोचता चोद रहा था ,माया की चुत में अपने लंड से वो अंदर तक ठोकरें मार रहा था ,माया पागलो जैसी रोती चिखती उसके नीचे पड़ी उसके लन्ड की मार अपने चुत पर झेल रही थी, कब माया की चीखे बन्द होकर सिसकियों में बदली और उसका नोंचना काटना, चूमने चाटने में बदला खुद उसको भी पता नही चला ,माया काल के चुत पर पडने वाले हर धक्के के साथ खुद के कमर को मिलाती अपनी चुत उठा उठाकर उसके लंड को और अंदर लेती अब कामूक आवाजे निकलती काल को और जोरसे चोदने को कहकर उकसा रही थी ,माया बहुत जल्द काल के लन्ड पर अपना पानी छोड़ कर झड गई थी, पर काल ने माया को घोड़ी बनाकर उसकी बड़ी से गोरी गोरी गांड़ पे चाटे मारकर उसे लाल करता चोद रहा था ,माया की चुत चोदने के साथ अब काल उसके गांड़ के छेद में पहले एक उंगली से डालते हुवे उसकी गांड के अंदर बाहर करता अब उसमें दो दो उंगलिया अंदर तक डालकर गांड़ के छेद अच्छे से चौडा कर रहा था ,माया काल के इस तरह के हमलों से हर पांच मिनट में झड रही थी ,कालने माया को अब कुतिया बनाकर उसकी चुत को चोद रहा था अब उसके लंड भी अपना माल इस गर्म चुत में खाली करना चाहता था ,कालने माया को दो तीन तूफानी धक्के मारकर अपना लंड उसकी चुत में अंदर तक घुसाकर अपना माल छोड़ने लगा ,माया को भी इस गर्म माल की बौछार अपने चुत में बहुत पसंद आ रही थी ,काल ने अपने लंड से आखरी बून्द तक माया की चुत में खाली करके ही हटा था,माया पेट के बल अपनी गांड़ ऊपर करके पड़ी थी,उसे अपने चुत में काल का गर्म माल एक सुकून दे रहा था ,अपने चुत में इतना दर्द झेलने के बाद उसी चुत में अब मीठी दर्द की तरंगें पूरे बदन के साथ आत्मा को सुकून दे रही थी ,तभी उसे अपनी गांड के छेद पर काल की उंगलियां महसूस हुवीं, काल के उंगलियों उसके गांड़ के छेद में अंदर बाहर कर रहा था कुछ चिकनाई भी उसे काल की उंगलियों पर महसुस हो रही थी ,माया अपनी आंख बंद करके अपने शरीर मे फैले सुकून के साथ अपनी गांड ऊपर करके अपनी गांड़ के छेद में घुस रही उंगलियों का मजा ले रहीं थी ,काल ने माया के मन से यह जान लिया था कि घर मे चिकनाहट की चीज कहा मिलेगी ,उसने वो लेकर पहले अपनी अंगलियो से माया की गांण्ड के छेद को चिकना करता रहा ,फिर कुछ देर बाद उसने माया की गांड के उस लाल छेद में अपना लंड के टोपे को रखा और माया के कुछ समंझने से पहले ही अपने लंड को माया की उस नरम गांड के लचीले छेद में टोपे से 9 इंच तक घुसा दिया,माया ने जैसा अपनी चुत मरवाते वक्त तमाशा किया था फिर वैसा ही तमाशा करती रही पर काल इस बार तो दुगनी तेजी से उसकी गांड मारता रहा ,जब काल अपना माल उसकी नरम गांड में अपना माल भरकर उसके साइड में आकर लेटा ,माया का रो रो कर बुरा हाल हो गया था ,काल ने उसकी गांड में अपना माल छोड़कर जब उसके बाजू में लेटा ,तो माया वैसे ही लेटी अपनी आंखों से पानी बरसा रही थी ,काल ने जब उसकी आँखों से बहते पानी को देखा तो उसने माया को किसी बच्चे की तरह अपने पेट पर खीच लिया माया भी एक बच्ची की तरह उससे चिपक गई ,काल उसके आसु को पोछकर उसे चूमता चुप करता रहा ,लेकिन दोनो ऐसा करते फिर से गर्म हुवे लेकिन इस बार काल ने किसी प्रेमी की तरह बहुत प्यार से उसकी चुत मारी और अपना माल उसकी चुत में छोड़ा ,उसकी इस चुत की चुदाई से खुश होकर माया ने उसे अपनी गांड़ मारने को दे दी ,काल ने ज्यादा दर्द ना देते हुवे बहुत देर तक माया की गांड़ मारकर उसको गांड में लन्ड लेने का सुख का अहसास कराया ,दोनो एक दूसरे में अब इतना डूब गए थे कि ना उनको समय का ध्यान रहा ना वक्त को ,काल ने दोपहर से जो माया की चुत मार रहा था वो रात तक गांड पर खत्म हुवीं पर दोनो का मन नही भरा था ,वो सुबह तक लगे रहे ,काल ने माया की चुत और गांड को मारमार कर अपने लंड के साइज के हिसाब से बढ़ा करता रहा ,माया को उसने सुबह तक 3 बार अपना माल पिलाया तो बार उसकी चुत के पेशाब का मजा लिया ,माया ने भी हक़ से काल के पेशाब को 2 बार पिया और अपनी प्यास भुजाती रही ,सुबह होने से ठीक पहले माया काल के लन्ड का माल पीकर उठी ,उसे अहसास हो गया कि दोपहर से उसने कुछ नही खाया है ना कि इस मेहमान ने उसने अपने चुत और गांण्ड को एक कपड़े से पोछकर साफ किया जो काल के माल से भरी हुवीं थी ,फिर काल को देखा जो पलँग पर नंगा ही लेटा था ,माया ने अपनी छोटी चोली और लँगोट को पहनकर काल के नंगे बदन पर एक कम्बल डाल दिया,जब वो अपने कमरे से बाहर जाने लगी तो उसने देखा उसके कमरे का दरवाजा खुला है और दरवाजे के बाहर उसकी दोनो बेटिया नंगी जमीन पर सो रही है,उनके दोनो के चुत से बहते पानी के दाग उनकी जांघो पर सुख गये थे ,माया को याद आ रहा था कि रात को कैसे चिल्लाती हुवे चुद रही थी ,यहा पर संभोग करना खुला था कोई भी किसके साथ भी चुदाई कर सकता था ,पर माया आज पहली बार अपनी जवान बेटियोके सामने चुदी थी ,इस अनजान मेहमान ने माया को चुदाई का वो ज्ञान दिया था कि माया अब उसकी दीवानी हो गई थी ,उसे वो अनजान से अब मोहब्बत हो गई थी ,माया को अपनी नंगी बेटीयो को देखकर अब समझ आ गया था कि उसकी बेटियां अब काल से जरूर चुदेगी ,माया ने दोनो की गांड़ पर प्यार से चपत लगाकर उन्हें उठाकर नहाने भेज दिया, वो खुद भी नहा धोकर कुछ खाने पीने का सामान बनाने लग गई ।
 
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Update 62
काल आज बहुत दिनों बाद सोया था ,न जाने कितने दिनों से उसे नींद नही आयी थी ,जब काल की आंखे खुली तो उसने अपने आप के नंगा लेटा पाया ,उसे फिर माया की याद आयी तो उसे कल की सब बातें अपने दिमाग मे याद आ गई ,काल ने अपना लंगोट लगा कर कमरे से बाहर आया ,बाहर माया एक कुर्सी पर लेटी अपनी रात की थकान कम कर रही थी ,काल के कदमो की आवाज से उसने सामने देखा तो अपनी जगह पर झट से खड़ी हो गई ,उसे देखकर काल ने कहा में नहाकर आता हूं तब तक आप कुछ खाने को बना दीजिये ,माया ने हा में गर्दन हिलायी ,काल ने माया की मन की बातों से कुछ बाते जान ली थी जिसकी मदद से वो जल्दी ही नहाकर माया के घर मे वापिस आया, तब माया एक मेज पर खाना लगा रही थी ,काल को देखकर उसने उसे खाने पर बिठा दिया ,काल को उसने खाना परोस दिया और खाने को कहा ,काल ने भी पेट भरकर खाया ,खाना सब शाकाहारी ही था ,इंसानो जैसा नही था पर जो भी था बहुत ही स्वादिष्ट था ,दोनो के बीच खाना खत्म होने तक कोई बात नही हुवी,जब खाना खत्म होने के बाद काल ने अपने हाथ मुह धोकर पानी पिया ,फिर काल ने कहा ,माया जी आपने मुझे अपने घर मे पनाह दी ,खाना खिलाया ,में आपका शुक्रगुजार हूं ,आप को मुझसे जो भी पूछना हो आप पूछ सकती है ,
माया ,आप कौन है ,यहा आप क्यो आये है ,
काल ,पहली बात आप नही तुम कहकर आप बुलाएगी मुझको ,मेरा नाम काल है ,में एक मानव हु ,यहा पर में दो चीजो की तलाश में आया था उसमें से एक तो मेरे हाथों से तबाह हो गई और दूसरी में भेड़िये मानव को यहां से आझाद करके अपने साथ लेके जाने आया हु ,
माया ,और पहली चीज क्या थी जिसके लिये तुम यहाँ पर आये थे
काल ,जी वही चीज जिसकी वजह से कल आप और में टकरा गये थे ,में उसी चीज को कम करने यहा पर आया था
माया एक समझदार असुर औरत थी वह काल की बात समझ गई थी कि वो अपनी कामवासना कम करने की बात कर रहा है ,
माया ,लेकिन उसके लिये आपको परेशान होने की जरूरत नही है ,आप मुझपर भरोसा रखें मै आपकी परेशानी समझ तो गई हूं पर आप अगर खुल कर बात को बोलेंगें तो में आपकी अवश्य सहायता कर सकती हूं,में असुरराज की बेटी हु ,मेरे पिता ने मुझे दुनिया की काली और सफेद दोनो विद्या का ज्ञान दिया है ,
काल ,मायाजी में आपको में एक बात कहना चाहता हु ,में पिछले कितने दिनों से सोया नही था, पर कल आप के साथ संभोग करके मुझे जो तृप्ती मीली है ,वह में आपको बता नही सकता ,आज मेरी कामवासना भी कल के मुकाबले कम ही महसूस हो रही है, काल की बात सुनकर माया को कल रात की चुदाई याद आ गयी ,उसके चेहरा शर्म से लाल हो गया था ,वो अपनी आंखें नीचे करके काल की बाते सुन रही थी , काल ,मायाजी बात ऐसी है कि मेरी शक्तिया कुछ दिनों में बहुत ज्यादा बढ़ी है साथ मे मेरी कामवासना भी उसी मात्रा में बड़ी है ,में हर पल बस हवस से भरा रहने लगा हु
माया ,काल आप खुलकर पूरी बात बताइये शक्ति कैसे बढ़ी और शक्ति बढ़ने के बाद आपने क्या क्या किया हर बात बताइये ताकि हम समस्या का कारण बता सके ,
फिर काल ने माया को विष लोक के साथ उसकी महानाग बनने की कहानी सुनाई उसके बाद नील नदी के पानी को पीकर खत्म करके विषलोक को तबाह करना,पाताल की काली नागिनों के साथ चुदाई करना ,सब बातें कहकर वो शांत होकर माया के चेहरे को ध्यान से देखने लगा
माया,काल महानाग की शक्तियों के बारे में कहना बहुत मुश्किल है ,क्योंकि महानाग का सिर्फ लोगो ने नाम सुना है पर उसके बारे में कही कोई जानकारी नही है, और तुमने जो नील नदी का पूरा पानी पिया है वो कोई मामूली बात नही है ,विषलोक हजारो सालो से जहरीले जीवो को सब तरह के जहर देकर उनको अपनी ताकद बढाने में मदत करता था ,नील नदी ही के पानी से ही हर तरह के जहर बनते थे ,वह नील नदी और हजारो साल तक भी जहर निमार्ण कर सकती थी ,जिसको तुमने पूरा पीकर अपने अंदर समा लिया है ,यह जहर तुम्हे ताकद तो देगा ही पर तुम्हारे कामवासना को भी हजार गुना बढा देगा ,जितनी मात्रा में तुम वीर्य छोडोगो उतनी तुम्हारी काम वासना कम होतीं जायेगी ,इंसान के रूप में तुम जितनी मात्रा में वीर्य छोड़ते थे ,उससे 5 गुना अधिक असुर रूप में छोड़ सकते हो ,इसी लिये मेरे साथ संभोग करके तुमको थोड़ा अच्छा लगा था ,अगर तुम किसी भेडियऔरत के साथ भेडियमानव के रूप में संभोग करोगे तो 10 गुना वीर्य छोडोगो उसी तरह अश्वकन्या के साथ अश्वपुरष बनके करोगे तो 20 गुना वीर्य छोड़ोगे ,भेड़ियेऔरत तो यही काली घाटी में मिल सकती है पर अश्वकन्या मिलना बहुत ही दुर्लभ है हो गया है अब ,तुमको अगर इंसान बनकर खुशाल जींदगी गुजारनी है तो दिन में तुम्हे किसी असुर औरत से 6 घण्टे या भेड़िया औरत से 3 घण्टे या अश्वकन्या के साथ 1 घण्टा रोज संभोग करना होगा ,इससे तुम आसानी से इंसानों में रह सकते हों नही तो तुम्हे हर पल हवस में ही रहना होगा ,
काली घाटी में भेडियमानव को इसी लिये पकड़ कर लाया है ताकि जो असुर काली विद्या के प्रभाव से कामवासना से ग्रस्त हो जाते है ,वह अपनी हवस मिटाने भेड़िये औरत से संभोग करते है ,और अपनी वासना पर काबू पाने की कोशिश करते है ,पहले ये असुर अपनी कामवासना को मिटाने की लिये असुर औरतो से संभोग करते पर दूसरे दिन ही वो औरत मर जाती थीं काली शक्ति के प्रभाव से ,इसी वजह से कोहिम ने उन भेडियमानव के मादाओ की कामशक्ति का फायदा उठाने की सोची ,असुर औरतो से दस गुना कामशक्ति इस भेड़ियेऔरत मे होती है ,कोहिम ने जब उनको यहा पर पकड़ कर लाया था तो वो बस 150 मादा और 50 नर भेड़िये थे ,पर कोहिम ने उनको विषलोक से बहुत ही ताक़दवर जहर दिया ताकि वो और ताक़दवर बने और उनकी कामशक्ति भी और बढ़े ताकि उनका फायदा उसे और उसके सब साथियों को हो ,उनके सोच से अब यहा पर 1200 मादा 100 नर भेड़िये हो गये है जो पहले से कही ज्यादा शक्तिशाली और बड़े हो गए है ,जो नई नस्ल इस विषलोक से पैदा हुवीं है वो पुराने भेड़ियों के मुक़ाबले 3 गुना बड़ी और 10 गुना शक्तिशाली है ,पहले के भेड़ियेमानव 10 से 12 फिट के थे पर जो अभी कि नस्ल बनी है वो ,30 फिट से ऊंची और ताक़दवर हे ,विषलोक के जहर से उनमे अब बहुत ही ज्यादा ताकत आ गई है ,कोहिम को लगा था वो उनको आसानी से काबू कर लेगा पर वो इतने शक्तिशाली हो गए है कि उनको काबू करने के लिये कोहिम ने पाताल से खास काली शक्तियों के असुर बुलाने पड़े, पर वो असुर उनको सिर्फ कैद ही कर सके काबू में नही कर पाए ,जबतक भेडियमानव की मादा कवारी होती है उनकी ताकद आधी ही होती है उनका जब किसी के साथ संभोग होता है तो उसके बाद उनकी पूरी ताकद उन्हें मिल जाती है साथ मे ही वो जिसके साथ संभोग करती है उनको भी आधी ताकद मिल जाती है उन मादा भेड़ियो से ,कोहिम को तो अंदाजा भी नही था कि ये विषलोक का जहर का इतना फायदा होगा उन भेडियमानव को ,अब उसे एक और फायदा मिल रहा है उन मादा भेड़ियों से उनसे सम्भोग करके उनकी आधी ताकत का मालिक बन जाते है ,कोहिम तो बहुत ज्यादा खुश हुवा था अपनी और अपने साथीयो की ताकद को बढ़ते देखकर ,उसने और ज्यादा मात्रा में उनपर विषलोक के जहर को प्रयोग करके 100 ऐसी मादा पैदा की है जो बहुत हीं ज्यादा शक्तिशाली है ,पर अब उसके सामने समस्या यह है कि उन कवारी मादा तो बस कैद ही कर सकता है वो ,कोई भी उनके साथ संभोग नहीं कर पा रहा है उसके सबसे शक्तिशाली असुर भी उन कवारी मादा ने मार दिए थे जब वो उनसे संभोग करने का प्रयास कर रहे थे ,उसको उनकी बेमिसाल ताकद चाहिये जिसके बदौलत वो बेहद ताक़दवर असुर बन सके ,पर वो बहुत से प्रयास कर चुका है उनपर काबू पाने के पर नाकाम ही रहा है अब तक ,कोहिम को बिजली नाम की भेड़िया मादा की दो जुड़वा बेटीयो की बेमिसाल ताकद पानी है जो उसे दुनिया का सबसे ताक़दवर शख्स बना सकती है ,पर बिजली अकेली ही कोहिम को मार सकती है और उसकी दोनो कवारी बेटियाँ उससे भी ज्यादा खतरनाक और ताक़दवर हे जो 100 कोहिम को मार दे ,उनको खास मायावी कैद में रखा है कोहिम ने नहींतो वो तीनो अब तक पूरी काली घाटी के असरो को मार देती ,कोहिम को बस तलाश है ऐसा कोई उपाय की जिससे वो उन दोनों कवारी मादा से संभोग कर सके ,तुमको उस कोहिम को जल्द मारना होगा अगर उसे कोई उपाय मिल गया और उसने उन मादाओं से संभोग करके ताकद पा ली उसे मारना नामुमकिन हो जाएगा ,
काल,माया में कोहिम को बहुत जल्द मार दूँगा साथ मे उसके सब काली शक्तिओ के असुर साथीयो को भी ,जो उसके साथ होगा उसके बहुत ही बुरी मौत मार दूँगा में
माया ,काल एक बात यह है कि कोहिम तो पापी है पर उसके साथ उसके कुछ साथी असुर छोड़कर बाकी सभी लोग बस उसके राजा होने की वजह से उसका साथ दे रहे है ,वो बिचारे तो निर्दोष है ,कोहिम ने मेरे पति और पिता को धोके से मार दिया था ,उसके बाद वो राजा बन गया ,उसके राजा बन जाने से यहाँ के असुरलोग उसका हुकुम मानने को मजबूर हो गए है ,तुम अगर मेरी किसी बेटी से शादी कर लोगो तो तुम एक राजवंश के असुर बन सकते हो ,और यहा असुरलोग के नियम अनुसार तुम कोहिम को चुनौती दे सकते हो राजगद्दी के लिये ,उसे यह चुनौती कबूल करनी ही होगी जो यहा पर एक नियम है उसके मुताबिक, अगर तुम उसे मार दोगे तो तुम यहाँ के नए राजा बन जाओगे,फिर तुम भेडियमानव को आझाद भी कर सकते हो ,और इस असुरलोक को भी पहले जैसा बना सकते हो ,जो सबके लिये अच्छा हीं होगा ,
काल को माया की बाते सही लग रही थी, पर उसे शादी की बात थोड़ी मश्किल लग रही थी, पहले से ही उसके पीछे लड़कियों की लंबी कतार थी जो उसके साथ शादी के लिए तैयार बैठी थी ,काल को इतना सोचते देखकर माया ने कहा ,काल मेरी दोनो बेटिया बहुत ज्यादा सुंदर और खूबसूरत है,तुम उन्हें एक बार देख लों फिर अपना फैसला बताना,
काल माया की बात सुनकर अपने मन मे माया में तुमको क्या बताऊँ मेने कालीघाट के प्रवेश द्वार पर ही तुमको पहचान कर तुमसे जानबुझ कर चिपका था ,में उस तुम्हारी वटी से बेहोश नहीं हुवा था पर सिर्फ में तुम्हारी मदद से काली घाटी में प्रवेश करने वाला था ,तुम मुझे अंदर लाने के बाद में तुम्हारे पास से गायब होकर चला जाने वाला था ,पर उस पुतले के विस्फोट से में कुछ वक्त सोच में पड़ गया और तुम मुझे तुम्हारे घर लेकर आयीं, मेने तुम्हारी दोनो बेटीयो को भी देख लिया था जो तुम्हारे जैसी ही गजब की माल थी,तुम अगर मेरा लन्ड पकड़ के नही खेलती मुझे पलँग पर सुलाने के बाद तो में यहा से चला जाता पर तुम्हारी इस जवानी को भोगने की चाहत ने मुझे यह पर रुकवा दिया ,
माया ने उसकी दोनो बेटीयो को बाहर बुला लिया जो अपने कमरे में बैठी सब सुन रही थी ,
माया ,काल ये मेरी दोनो बेटियां है सारा और हीरा ,तुम्हे जो पसन्द हों इन दोनों में से तुम उसके साथ शादी कर सकते हो ,काल ने दोनो लड़कियों को देखा जो उसके सामने खड़ी थी,दोनो जुडवा दिखने में एक जैसी ,अपनी माँ माया की तरह हिं एकदम खूबसूरत काल को दोनो लड़कियो की गांड़ बहुत पंसद थी जो माया से भी बड़ी और जानलेवा थी
सारा और हीरा दोनो बचपन से एकदूसरे से बहुत प्यार करती थी ,उनकी माँ हमेशा उनको सबकी नजरोसे बचाकर ही रखती थी ,जिसकी वजह था कोहिम जो माया को मार देना चाहता था पर माया अपने मायावी असुर विद्या में बहुत ज्यादा माहिर थी जो हमेशा रूप बदल कर रहती जिसे कोई भी पहचान नही पाता था अगर कोहिम माया से अधिक बलशाली नही होता तो कब का माया उसे मार देती ,माया का साथ कुछ पुराने राजा के वफादार लोग कोहिम की नजरोसे बचकर देते थे ,जिसकी वजह से ही माया असुरलोग में सबकी नजरों से बच कर अपनी बेटियों को पाल रही थी ,सारा और हीरा को उसने अपनी तरह ही हर कला में माहिर कर दिया था ,युद्धकला से मायावी जादू भी उनको सीखा दिया था ,दोनो बेटियाँ माया के सिखाई हर कला में पारंगत हो गयी थी उन्हें भी कोहिम से उनकी पिता के हत्या का प्रतिशोध लेना था ,पर माया ने उनको सही मौके का इंतजार करने को कहा था ,जो अब कितने सालो बाद काल के रूप में अब उनके सामने आया था ,
सारा और हीरा दोनो चाहती थी कि दोनो की शादी काल से हो ना किसी एक कि वह यह बात काल से कहना चाह रही थी ,जो उनके सामने बैठा उन दोनों को देख रहा था ,
काल उन दोनों से बोला ,आप दोनो में से कौन मुझसे शादी करना चाहता है ,
दोनो ने काल की बात सुनकर एक साथ कहा ,आप हम दोनों से शादी कर ले तो आपकी बहुत कृपा होगी हम पर ,हम एकदूसरे के सिवा नहीं रह सकते ,और हम दोनों को आप बेहद पसंद है ,आप अगर किसी एक से शादी को कहेंगे तो हम आपसे शादी नही करेंगे ,आप हमको हमारी ऐसी बात करने के लिये हमें माफ कर दे ,
काल ने माया की तरफ देखा तो उसकी आँखों मे उसे इस बात का सहमति थी कि काल दोनो से शादी को मान जाए,
काल अपने मन मे सोच रहा था मुझे बस अपने फायदे की बात का नही सोचना चाहिये इन दोनों की दिल की बात भी सही है ,मुझे इनका दिल नहीं तोड़ना चाहिये ,बचपन से दोनो राजकुमारी होकर भी ऐसी फकीरों की तरह रह रहीं है ,दोनो दिल से अच्छी है और उनको भी कुछ उनके मन के मुताबिक अपने फैसले लेने का हक है ,अगर दोनो से में शादी कर लू तो दोनो हमेशा साथ मे रहेगी और खुश भी रहेगी,
काल ,ठीक है में तुम दोनो से शादी करने को तैयार हूं,
माया और उसकी दोनो बेटिया काल की बातों से खुश हो गई ,माया उन्हें अपने असुरदेवता के मंदिर ले गई ,वहाँ के पुजारी को उसने अपनी बेटियों और काल की शादी करने को कहा ,वह पुजारी भी माया का वफादार सेवक था ,उसने भी असुर रीति रिवाज के साथ उन की शादी कर दी ,उस शादी के दौरान काल माया की मन की बाते सुन रहा था ,उसने अपने मन मे कुछ फैसला कर लिया ,सारा और हीरा के साथ अपनी शादी होने के बाद उसने माया के पास जाकर उसका हाथ पकड़ा और पुजारी से कहा ,आप अब हम दोनों की भी शादी करा दीजिये ,माया काल की बाते सुनकर चौक गयी ,उसकी आँखों मे खुशी से आँसू आ गए थे,वो काल को एकटक देख रही थी,काल ने उसके आंसू पोछकर कर कहा,तुम मेरी आज से बीवी बनकर रहोगी ,जब में असुरलोक का राजा बन जाऊंगा तब तुम उसकी महारानी बनोगी ,तुमको ही आगे इस असुरलोक और मेरी दोनो पत्नियों का ख्याल रखना है ,काल ने माया से भी वही पूरे असुर रीति से शादी कर ली ,उसकी दोनो बेटिया भी काल के फैसले से खुश थी ,माया तो काल की पत्नी बनकर सुहागन बन जानेसे बहुत ज्यादा खुश थी ,असुरलोग में कोई भी किसीसे शादि कर सकता था एक बेटा भी अपने माँ से शादी कर सकता था ,यहाँ माया तो सिर्फ एक विधवा थी जिससे किसे भी इस बात को एतराज नही होना था ,
शाम को वह सब मन्दिर से अपने घर आ गए माया ने सबके लिए खाना बना लिया ,चारो ने थोड़ी बहुत बाते करते हुवे खाना खा लिया,फिर माया ने काल को एक कमरे में इंतजार करने को कहा और एक दूसरे कमरे में जाकर अपनी जादू से एक बहुत बड़ा बेड बनाकर उसे सुगन्धित फूलों से सजा दिया,उसके बाजू में ही एक मेज पर कुछ सुगन्धि तेल,जलपान का सामन और फल रख दिये ,सारा और हीरा को संभोग के कुछ बातों को समझाकर बेड पर खुद के साथ बिठा दिया,यहा असुरलोक में सुहागरात के वक्त सब दुल्हन एक साथ मनातीं थी चाहे वो आपस मे मा बेटी हो या बहने,अब उन तीनों का काल का इंतजार था ,
काल दूसरे कमरे में बैठकर सोच रहा था काश नेत्रा और निता के साथ वो ऐसी सुहागरात मना सकता तो कितना मजा आता उसको ।
 
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Update 63
काल जब माया के बताए कमरे में दाखिल हुवा तो उसके लंड ने एक जोरदार झटका मारा ,सामने सुहाग के बेड पर माया ,सारा और हीरा अपने तीनो के बदन को कोई सुगन्धित तेल से मालिश कर रही थी ,तीनो मादरजाद नंगी थी ,उन तीनों ने अपने पूरे बदन को चिकना कर लिया था जिसकी वजह से उनकी चुचिया और गांड चमक रही थी,उनके चुत से भी पानी रिस रहा था जो तेल की खुशबू के साथ कमरे में फैल गया था ,जिसकी ख़ुश्बू से काल की आंखे थोड़ी लाल हो गई थी,और काल का लंड उसके लंगोट से बाहर निकल कर एकदम लोहे की तरह कड़क हो गया था ,जब उन तीनों की नजर काल पे गई तो माया ने बेड से उतरकर काल के हाथ को पकड़कर बेड पर ले गई ,और उसका लंगोट निकाल दिया ,काल को उन तीनो ने मिलकर बेड पर लिटा दिया,माया ने एक सुगन्धित तेल की शीशी को लेकर उसे काल के पुरे बदन पर अपने कोमल हाथोसे लगाने लगी
काल के पूरे बदन पर उन तीनों मा बेटीयो के हाथ तेल की मालिश में लग गए थे जिससे काल को बहुत ज्यादा मजा आने लगा था ,सारा और हीरा तो काल के लंड से ही चिपक गई थी दोनो उसे 3 फिट के बड़े से लन्ड को तेल से चिकना कर रही थी ,उसे को दोनो अण्डों को भी वो मसल मसल कर दबाती चिकना करने में लग गई थी ,काल को ऐसा मजा पहले कभी नही आया था ,माया ने काल से कहा ,काल मे तुमको एक राज की बात बताना चाहती हु जो शायद मेरे अलावा किसी को पता नही है ,मेरी बेटीयो को तक नही ,मेने असुर देवता की तपस्या करके बहुत सी शक्तिया अर्जित की थी उनके ही आशिर्वाद से मुझे यह दो बेटियां हुवी है ,उन्होंने इनके जन्म से पहले कहा था कि जो भी मेरी बेटीयो को पति होगा वो असुरलोग का सबसे शक्तिशाली राजा बनेगा ,इनकी कवारी बुर से निकला इनका कौमार्य भंग होने के बाद का खून जिसके लन्ड को नहलायगा वो असुरशक्ति का मालिक बनेगा ,मेरी बेटियाँ में भी बहुत सी नई ताकद आएगी जो इनके पति की मदद करेगी ,अब से यह सब तुम्हारा होने वाला है ,तुमने सिर्फ असुर का रूप लिया है पर आज इनसे संभोग करके तुम भी एक असली असुर बन जाओगे ,मुझे तुमने अपनी पत्नी बना लिया है ,आज मुझसे संभोग करके तुम भी मेरी सभी हजारो साल से साधना की हुवीं कितनी ही शक्तियों के स्वामी बन जाओगे,आज से तुम हम तीनों के पति ही नहीं असली मालिक बन जाओगे ,
काल माया की बात सुन रहा था पर उसके दोनो हाथोसे वो माया की बड़ी बड़ी चुचिया को मसल कर लाल भी कर रहा था ,जैसी ही माया की बाते खत्म हुवीं उसने माया को अपनी बाहों में खीच लिया और उसके होठो को चुसने लगा ,माया भी उसका पूरा साथ दे कर उसे अपने होठो का रस पिलाती उसके मुह में अपनी जीभ घुमा रहीं थी काल के लन्ड पर नीचे सारा और हीरा किसी भूखे बिल्लियों की तरह टूट पड़ी थी,वो उस भीमकाय लंड को अपनी नाजुक जीभ से चाट रही थी ,काल माया की दोनो चुचिया दबाता उसके होठों का रस निचोड़ ने में लगा था ,माया को कुछ देर में ही काल ने पूरा गर्म कर दिया था ,उसने माया को छोड़ दिया और अपनी जगह पर बैठ गया ,उसने सारा और हीरा को अपने लन्ड से अलग कर दिया और माया को पेट के बल सुलाकर उसकी तेल से चिकनी चुत में अपना लंड एक ही वार में जड़ तक घुसाकर अंदर कर दिया ,माया कल से उसके इस मूसल से चुद रही थी फिर भी उसको एक वार में इस लंड को अपने चुत में लेने से दर्द तो हुवा ही था ,काल ने उसको दो मिनीट में ही जोरजोर से चोदकर अपने लंड का आदि बना दिया ,उसने सारा और हीरा को माया के सर के पास घोडी बनाके खड़ा कर दिया और दोनो की चुत और गांड़ के छेद को अपनी जीभ से चाटने लगा ,सारा और हीरा को अपनी चुत और गांण्ड में काल की इस जुबान से बहुत मजा आ रहा था ,वो जब सारा की चुत चाटता ,उस वक्त अपनी उंगलियों से हीरा के गांड में और चुत में अंगलियो डालकर उसे मजा देता, तो और जब हीरा की चुत और चाटता तो सारा को अपनी अंगलियो से उसकी चुत और गांड को मजा देता ,दोनो के गांड़ के छेद एकदम लाल थे और चुत एकदम गुलाबी जिससे चाटकर काल को बहुत मजा आ रहा था ,दोनो बहनो की शक्कल ही नहीं बल्कि चुत और गांड के छेद तक एक जैसे ही थे ,काल के हमलों से दोनो बहने दो बार झड गईं थी और अपने चुत का पानी काल को पिला चुकी थी ,नीचे उनकी माँ माया अपने चुत में काल के तूफानी धक्के सहती जाने कितनी बार अपना पानी छोड़ चुकीं थी ,वो पसीने से पूरी भीग गई थीं काल ने जब अपना पानी उसकी चुत की गहराइयों में भरना शुरू किया तो अपनी चुत की खुशी दिखाती वो भी अपना पानी बरसाती काल के लन्ड को भिगोने लगीं ,काल जब माया के ऊपर से उठा तो तीनों मा बेटिया अपनी चूत का पानी बहाकर थकी अपनी साँसे ठीक करती बिस्तर पर लेटी थी ,काल ने माया को छोड़कर सारा अपने नीचे लिटा दिया,उसका लंड झड़ने के बाद भी खडा ही था , सारा को पेट के बल लिटाकर वो उसके होठो को चूसता उसकी चुचिया दबाने में लगा रहा, सारा के नाजुक होठो को चूसकर उसने उसकी उन गोरी चुचियो पर हमला बोल दिया साथ मे अपने लंड को वो उसकी चुत की दोनो ओठो पर घिस रहा था ,सारा के उन बड़ी चुचियो को उसने चूस चूस कर पूरा लाल कर दिया था ,सारा भी काल के इस हरकतों से ज्यादा ही गरम हो गई थी ,उसकी चुत पानी छोड़कर पूरी भीग गई थी ,काल ने भी अब सारा की चुचिया छोड़कर उसके बड़ी बड़ी नरम सी गांड को अपने हाथों में लेकर दबाना शुरू कर दिया और सारा के होठों को चुसने लगा ,सारा तो मानो पागल होकर काल से लिपट कर उसके होठो को चुस्ती अपने चुत को उसके लन्ड पर घिसने लगीं काल ने भी समझा यही सही मौका है उसने अपने लन्ड से एक जोरदार धक्का लगा दिया,सारा की फूल जैसी चुत को चीरता, उसकी कुवारी झील के चमड़ी को फाड़कर उसका लंड उसकी चुत में आधा घुस गया,सारा के मुह से निकली चीख काल के ओठो में दब गई पर वो इतने जोरसे चीखकर झटपटा रहींथी जिसकी वजह से अपनी आंखें बंद करके लेटी,आराम कर रही माया और हीरा की आंख खुल गईं,उन दोनों ने देखा कि सारा काल के नीचे अपनी जान लगाकर छूटने के प्रयास कर रही और काल उसकी चुत में अपने लंड को पूरा घुसाकर जोरदार चुदाई में लगा है ,काल सारा के होंठ को चूसता उसकी चुत में तूफानी धक्के लगाता उसके होठो को चुस्त उसकी चुचिया दबा रहा था ,माया और सारा दोनो अब उठकर बैठ गईं थी और इन दोनों की चुदाई देख रही थी,अपनी बेटी और बहन को काल के नीचे इस तरह रोते हुवे चुदते देखकर दोनो को बुरा लग रहा था ,माया को पता था कि पहली बार हर लड़की को दर्द होता है बाद में मजा हीं आता है ,उसने भी काल के लंड से दर्द सहा था कल और बाद में जो उसके लंड ने अद्धभुत आनंद दिया था उसके मजे भी लिये थे,उसकीं बेटी को भी अवर्णनीय आनंद मिलने वाला था पर थोड़ी देर तो उसको इस दर्द को झेलना ही होगा, हीरा ने भी अपने माँ को कल दर्द में चिल्लाने के बाद अपनी गांड़ पटक पटक कर खुशी से चिल्लाते हुवे देखा था इसलिये वो भी चुपचाप सब देख रही थी ,उसको भी ऐसा हीं दर्द मिलने वाला था तो वो अपने आप को मजबूत करती अपने बहन को देख रही थी ,और थोड़ी देर बाद सारा भी अपनी गांड़ उठाकर काल से चुदने लगीं थी ,काल का लंड सारा के चुत से निकले खून से सना उसके चुत में अंदर तक धक्के लगा रहा था ,पर जैसे वो सारा को चोदते जा रहा था उसका लंड सारा की चुत से निकले खून को अपने आप अंदर सोख रहा था ,जिसका पता ना काल को था सारा को चला था ,काल के लन्ड ने अब सारा की चुत में अपनी जगह बना ली थी ,और सारा भी मजेसे अब उसके चुत में पड़ते धक्कों से चुद रही थी ,अब तक उसकीं चुत दो बार झड चुकी थी और पचपच पानी की आवाज के साथ काल के लन्ड से मस्ती में चुदवा रही थी, काल ने अब सारा को पेट के बल लिटाकर उसके ऊपर लेटकर पीछे से उसकी चुत को ढीला कर रहा था ,हीरा को उसने अपने पास बुलाकर उसे पेट के बल सारा के सिर के पास लिटा दिया और उसकी चुत और गांड़ में अपनी जीभ से हमला करके उसकी चुचिया को दबाने लगा साथ मे सारा के गांड पर लेटकर उसकी चुत जम कर बजाने लगा था ,सारा काल के नीचे पड़ी उस लंड के वार अपने चुत में अंदर लेती अलग ही दुनिया मे पहुँच गयी थी,हीरा भी अपनी चुत और गांड़ के रस को काल को पिलाती गरम हो रही थी ,काल ने एक तेज गुराहट से अपने लंड को सारा की चुत में जड़ तक भरता उसके चुत को अपने लंड के गर्म मलाई को खिलाने लगा ,सारा भीं अपने चुत में काल के गरम माल को महसूस करती मजे के सागर में गोते लगा रही थी,काल ने अपने लंड को उसकी चुत में खाली करके निकाला और अपनी अगली चुत को फतेह करने सारा को वैसा हीं लेटता छोड़कर हीरा के ऊपर चढ़ गया ,इसे बड़े से बेड का काल बहुत ही अच्छे तरीके से फायदा उठा रहा था ,हीरा भी अपने बहन की चुदाई देखने से और काल के अपने चुत और गांड चाटने से आग में जल रहीं थी ,
काल ने सीधा हीरा के होठों को अपने मुह में भरकर उन्हें चूसता उसकी चुत पर अपने लंड से हमला कर दिया ,हीरा की चुत और गांड सारा के मुकाबले ज्यादा ही नरम थीं ,काल ने तो हीरा की गांड को थाम कर उसके चुत में दो धक्कों मे ही अपना पूरा लन्ड ठोक दिया,किसी कुतिया की तरह उसके चुत को मार रहा था ,हीरा की चुत से बहता खून उसका लन्ड अपने अंदर सोखता और टनटना कर उसकी चुत को फाड़ रहा था ,हीरा का भी दर्द से बुरा हाल था, वो भी अपने दर्द से चीख तो रही थीं पर उसके मुह को काल ने अपने मुह को भरता उसके होठो को चूस रहा था ,हीरा ने काल के ओठो को काट लिया था पर उसे कुछ फर्क ही नही पड़ा था वो उसे चोदने में ही लगा था ,उसका दर्द कब खत्म हुवा और कब काल के होठों को प्यार से चुसने में लग गयी उसे पता ही नही चला ,काल ने उसे हर पोझ में चोदने के बाद आखिर उसके चुत में अपने माल को भरके उसे भी सन्तुष्ट कर दिया,हीरा भी उस माल को हजम करती अपनी आंखें बन्द करती पसर गई ,
तभी काल की नजर माया पर गईं जो घोडी बनकर अपने गांड़ को अपने हाथोसे तेल लगाती उसके लाल छेद को दिखा कर काल की तरफ नशीली आंखों से देख रही थी ,काल भी झट से अपनी इस गदराई घोडी के गांड की सवारी करने उसकी और लपक गया ,कालने माया की गांड को पकड़ के उसके अंदर अपने मूसल उतारने लगा,माया भी कबसे अपनी बेटियों की चुदाई से गर्म हो गई थी ,जब काल का गर्म लन्ड उसके गांण्ड के छेद को चीरता उसके अंदर तक दाखिल हुवा तो उसके दिल को सुकून पहुचा था ,काल ने भी भी माया की गांड़ को पूरी ताकद से को चोदने लगा माया इस लन्ड की गर्मी और उसके तूफानी धक्के से दो बार पानी छोड़ने के बाद निढाल हो गईं थी ,माया की आवाज से दोनो बेटिया उठ गईं थी और ललचाई नजरोसे अपनी माँ और काल को देख रही थी ,काल को भी उनपर दया आ गईं और उन दोनों की माँ के गांड के मेहनत का फल उन दोनों को फैसला किया और उनको अपने पास बुलाया ,दोनो भी उठके उनके पास आ गई तो काल ने भी उनको मुह खोंलने का इशारा करके अपने झड़ने के वक्त माया की गांड़ से लन्ड निकालकर उन दोनों को बारी बारी से पिलाया ,दोनो इस मलाई को पीकर खुश हो गईं और काल के लन्ड को चाट चाट कर साफ करके एक बूंद भी जाया न हो इसका ख्याल रखती अपनी जीभ से उसके टोपे को चाटती रही,माया भी अपनी बच्चीयों को ऐसे अपनी गांड के मेहनत का फल को खाती देखकर खुश होती अपने जगह पर लेटी देख रही थी ,काल ने तीनों मा बेटी को अदल बदल कर चोदता रहा और उनके चुत और मुह में अपना माल भरता रहा ,चारो सुबह तक चुदाई की एक मैराथन दौड़ लगाकर नंगे ही एक दूसरे की बाहों में सो गये ,
दोपहर को सबसे पहले काल की आंख खुल गई ,उसने देखा कि उसके दोनो बाजुओं को पकड़कर माया और सारा नंगी ही उसको चिपक कर सो रही है ,और हीरा उसके पेट पर लेटी सो रहा है ,काल ने तीनों को प्यार से चूमकर उठाया और खुद भी बेड पर बैठ गया ,तभी सारा बोली ,मा आपने देखा काल का शरीर कल के मुकाबले कुछ बड़ा हो गया है और उनका वो भी कुछ ज्यादा ही बड़ा लग रहा है ,
काल को भी उठने के बाद अपना शरीर कुछ बदला बदल सा लग रहा था ,वो बेड से उठकर खड़ा होकर अपने शरीर को देखने लगा ,उसे उसकी शरीर मे अब पहले से ज्यादा ताकद और स्फूर्ति महसूस होने लगी थी,माया बोली ,काल अब तुम एक असली असुर बन गए हो ,देखो तुम पहले से लम्बे और तगडे हो गए हो ,तुम्हारा शरीर और चेहरा भी पहले से ज्यादा चमकदार हो गया है ,और तुम्हारा वो भी काफी बड़ा हो गया है ,काल ने भी देखा था अब उसकी लंबाई 20 फिट से ज्यादा हो गई थी उसके हाथ पांव भी पहले से मजबूत और बलशाली हो गए थे ,और उसका लन्ड जो पहले 3 फिट से ज्यादा बड़ा होकर साडेतीन फीट से लम्बा और कुछ ज्यादा ही मोटा हो गया था ,तीनो औरते तो उसके बड़े लन्ड को ही देखकर खुश हो रही थी ,उनके तो अब और भी ज्यादा मजे होने वाले थे ,
माया ने सारा और हीरा से कहा तुम दोनो के भी शरीर आम असुर औरते से बड़े हो गए है ,देखो तुम दोनो तो मुझसे भी 3 फिट लंबी और ज्यादा सुंदर हो गई है ,उनकी चुचिया और गांड़ तो अब कहर ढा रहे थे ,दोनो भी अपने आप को देखती खुश हो गई थी ,माया ने उनको कहा सब जल्दी से तैयार हो जाओ दोपहर हो गई है ,सब जल्दी से तैयार होकर खाने की मेज पर आकर खाना खाने लगे ,माया ने खाना खाते हुवे काल से कहा ,आपको कोहिम को चुनोती देने से पहले बिजली और उसकी दोनो बेटीयो से उनकी ताकत को हासिल करना ठीक होगा ,अगर आपके चुनौती देने के बाद कोहिम ने उन दोनो की शक्ति हासिल कर ली तो आपको उसको हराने में मुश्किल होगी ,में यह नही कहती कि आप उसको अभी हरा नही सकते पर दुश्मन को कभी कमजोर नही समझना चाहिए और उसको अपनी ताकद बढ़ाने का कोई मौका देना हमेशा गलत होता है ,कोहिम तो एक बेहद चालक और कपटी असुर है ,जिसका कोई भरोसा नही की वो कब क्या करे ,आप की तरह आज के दिन में वो 20 फिट से लम्बा और तगड़ा है ,यह ताकद उसने मादा भेड़ियों से संभोग करके हासिल की है ,उसके कुछ साथी भी उसीके तरह लंम्बे और तगडे है ,मेने उसे 5 साल पहले देखा था ,तब वो बिल्कुल तुम्हारे जितना लंबा और तगड़ा था ,इन 5 सालो में उसने अपने आप को जरूर और मजबूत और शक्तिशाली बनाया होगा ,आपको भी अपनी ताकद को बढ़ाकर उस से भिड़ना सही होगा ,बिजली और उसकी बेटीयो की मदद से आप अजेय बन जाओगे ,
काल कुछ सोचकर ,मुझे भी तुम्हारी बाते सही लगती है ,तुम बिल्कुल मेरी पत्नी बनकर मेरा अब ध्यान देने लगी हो ,मुझे तुमसे यही उम्मीद थी ,
काल की बातों से माया शर्मा गई ,में तो बस कह रही थी बाकी आप को जो ठीक लगे वही करिये आप
काल ,अरे में मजाक या गुस्से में नही कह रहा तुम मेरी बात को गलत समज रही हो ,में तो तुम जो बोल रही हो वही करने वाला हु मेरी जान नहीं तो रात में मुझे मजा कोन देगा ,
माया काल की बातों से और शर्मा गई थी, वो अपनी बेटीयोके सामने काल की ऐसी बातों से खुश भी हों रहीं थी और शर्म से कुछ बोल भी नही पा रही थी ,थोड़ी और हसीं मजाक के साथ सबने खाना खत्म किया ,काल ने फिर तीनो से विदा लेकर उन भेडियमानव को बंदी बनाकर रखे ठिकाने की तरफ अदृष्य रूप से जाने लगा ,इस जगह का पता माया ने ही काल को बताया था ,काली घाटी में जब से उस मूर्ति के टुकड़े हो गए थे ,पहरा और भी कड़ा कर दिया था ,उस मूर्ति के टूटने से कोहिम भी हैरान हो गया था ,उसने अब काली घाटी में किसी का आनाजाना ही बन्द कर दिया था ,उस मूर्ति के टूटने का कारण किसी को समझ नही आया था ,कोहिम ने वो मूर्ति पाताल के असरो से मिलकर बनाई थी जो यहा पर आने वाले किसी भी बाहरी जीव की जो असुर ना हों उसे खीच कर उसको एकदम शक्तिहीन कर देती थी ,अगर कोई असुर रूप में छल से अंदर आ भी गया तो उसको पहचान के उसकीं ताकद को अपने अंदर सोख लेती थी ,कोहिम ने उस मूर्ति के टूटने के बाद फौरन वैसी ही कुछ मूर्तिया और बनानी शुरू कर दी थी ,इस बार वो पहले अपने महल के आसपास ऐसी मूर्तिया पहले लगवा रहा था ,ताकि कोई शक्तिशाली जीव काली घाटी के अंदर घुसा हुवा हों तो वो महल में पोहचने से पहले कमजोर हो जाये ,इस बार वो और ज्यादा ताक़दवर मूर्तिया बनवा रहा था ,2 दिन में उसने महल के साथ कुछ और महत्वपूर्ण ठिकानों पर ऐसी मूर्तिया लगवा भी दी थी और कल सुबह तक प्रवेशद्वार पर भी एक और ताक़दवर मूर्ति लगवाने वाला था ,
काल जब उस भेड़िये के बन्दीगृह के पास पहुँचा तो वहाँ पर दो पुतले लगे थे जो प्रवेशद्वार पर पहले वाले से ज्यादा बड़े और शक्तिशाली लग रहे थे ,पर अब काल को चिंता नहीं थी ,आज से वो भी एक असली असुर बन गया था ,काल ने आसानी से उन पुतलो को पार करता उस मायावी बन्दीगृह के अंदर दाखिल हो गया ,सारा और हीरा से संभोग के बाद उसमे कितनी ही मायावी ताकते आ गईं थी ,जो उसे असुरदेवता से मिली थी ,उसे अब कोई भी मायावी कैद में दाखिल होना मामूली बात हो गईं थी ,काल उस मायावी कैद खाने में बिना किसी की नजर में आये अदृश्य रूप से दाखिल हो गया ,वो एक छोटासा जंगल हीं था जहाँ पर इन तीनो को सब मानवभेडियो से अलग रखा था ,बिजली और उसकी दोनो बेटिया इसी जंगल मे रहती थी ,काल अपनी सूंघने की ताकद से जल्द ही उन तीनो के पास पहुँच गया ,बिजली और उसकी दोनो बेटिया एक तालाब के पास आराम से पूर्ण भेड़िया बनकर लेटी थी ,बिजली के मुकाबले उसकी दोनो बेटिया थोड़ी ज्यादा ही बड़ी लग रही थी जहाँ बिजली 20 फिट के आसपास थी तो उसकी बेटिया 24 फिट से ज्यादा लंबी थी ,
काल जब उनके पास पहुंचा तो उनके मन की बातों को जानकर उसे दुख हुवा की तीनों कितने दिनोसे अपने आप को इन असरो से बचाती लड़ रही है ,वो मायावी असुर इनको रोज नई नई तरकीबों से परेशान कर रहे थे ताकि वो उनको बाते मान जाए और उनसे संभोग करे ,पिछले एक साल से तो उनको वो लोग ने भूखा रख रहा था ,ताकि वो भूक से कमजोर हो जाये और अपनी भूक मिटाने के लिये हा कह दे या भूक से कमजोर होने के बाद उनकी बात मान जाए ,पर तीनों मरने को तैयार थी भूक से लेकिन उन असुरो की बाते मानने को तैयार नहीं थी ,आज भी वो बस तालाब से पानी पीकर अपनी भूक के आग में जल रहीं थी ,काल को कोहिम पर अब बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था पर उसने अपने गुस्से पर काबू करके पहले इन तीनो की भूक मिटाने के बारे में सोचना ठीक समझा ,काल उनके पास से गायब होकर सीधा बन्दी गृह में पहुंचा जहा पर इन भेड़ियेमानव को खिलाने के लिये भेड़ ,बकरियां कुछ जंगली सांड ,बैल बांध कर रखे हुवे थे ,काल ने वहां से कुछ भेड़ 3 बड़े बड़े सांड पकड़ कर उनके साथ वहासे गायब होकर उनको बिजली और उसके बेटीयो के सामने छोड़ दिया,तीनो अपने सामने इतने जानवरो को देख कर चौक गई काल ने फिर और 3 सांड़ वहा छोड़ दिये ,काल ने उन सब जानवरो को यहा लाने से पहले बेहोश कर दिया था ,उसे पता था अपने सामने इतने भीमकाय भेड़िये देखकर ये जानवर डर से चिल्ला सकते है ,जिसकी वजह से पहरेदार यहा पर आकर देखने का खतरा था ,काल को यह काम करते वक्त दुख हों रहा था ,ऐसे इन गरीब भेड़ बकरियों और सांडों को किसी का निवाला बनाते हुवे ,पर आज नही तो कल इनको कोई खाने वाला था ही ,और बिजली और उसकी बेटियां तो एक साल से भूखी थी ,फिर ऐसे भूखे को खिलाने के लिये थोड़ा पाप काल को मंजूर था ,
बिजली और उसकी बेटिया अपने सामने खाने के लिये इतने जानवर देखकर हैरान थी,उनको यह उन असुरों की कोई चाल लग रही थी ,शायद इन जानवरों में कुछ बेहोशी की दवा मिलाकर उनको खाने के बाद बेहोष करके पकड़ना हो,पहले भी ऐसी तरकीबें वे असुर कर चुके थे ,पर बिजली और उसकी बेटिया अपने दिमाग और सूझबूझ से उसको पकड़ लेती थी ,काल ने उनको कुछ खाता न देखकर उनसे सीधी बात करने का सोचा, उसने कहा ,बिजली इन जानवरो में कोई भी बेहोशी की दवा नही है तुम इन को खाकर अपनी भूक मिटा सकती हो ,फिर हम आगे की बात करेंगे ,
तीनो आवाज सुनकर अपनी जगह पर खड़े होकर चारो और देखने लगे और सूंघने लगे कि यह कौन असुर उनके पिंजरे में उनको पता लगे बिना घुस आया ,यहा के असुर कभी उनसे बात इतनी नजदीक से नही करते थे ,इन तीनो को किसी भी असुर की महक बहुत दूर से पहचान में आ जाती ,और इनके नजरो के सामने कितने हीं असुर अदृश्य होकर आने की कोशिश में मारे गये थे ,एक बार कोहिम तक खुद को अदृश्य करके आया था पर इन तीनों ने उसे देख लिया था वो किसी तरह अपनी जान बचाकर यहा से भाग गया था ,
काल फिर बोला ,बिजली में तुम्हारा दोस्त हु ,यहा पर में तुम तीनो को नही बल्कि सब मानवभेड़ियों को बचाने आया हु ,अगर तुम को लगता है मुझे तुम तीनो को बेहोश करने के लिए इन जानवरो में कुछ मिलना हो तो में तुम तीनो को एक पल में बेहोश कर सकता हु ,जो आजतक कोई असुर कर नही पाया है ना कभी कर सकता है ,इसका नमूना में तुमको नही तुम्हारी इन दो बेटियों को करके तुम्हें दिखता हु ,में इनको बेहोश करता हु तुम देखो इनको उठाकर और तुम दोनो भी अपनी पूरी ताकद लगा लो बेहोश न हो इसलिये ,इतना कहकर काल ने एक पल में बिजली की बेटीयो को बेहोश कर दिया ,बिजली ने बहुत कोशिश की उनको उठाने की ,वो अपने भेडियमानव रूप में भी आकर कोशिश करके देखने लगी लेकिन नाकाम रही ,फिर वी पूर्ण मानव बनकर भी कोशिश करने लगी लेकिन दोनो को होश में लाने में नाकामयाब रही ,काल ने थोड़ी देर उसे और कोशिश करने दी ,फिर उसकी बेटीयो को होश में ले आया ,बिजली की बेटियां भी होश में आकर झट से खड़ी हो गई ,अब तीनो की आंखों में डर दिख रहा था ,
काल फिर बोला ,बिजली में तुम्हारा दुश्मन नही हु ,तुमको यही दिखाने के लिये मेने तुम्हारी बेटीयो को बेहोश किया था ना की डराने के लिये ,तुमको में यह भी बता सकता हु तुम्हारे पिता का नाम नील है और माँ का भोली था,तुम्हारी माँ और तुमको यहाँ पर बन्दी बना कर लाया गया जब तुम तुम्हारे मा के पेट मे थी ,तुम्हारी माँ अभी भी जिंदा है और इसी बन्दीगृह में है ,तुम्हारी दोनो बेटीयो को नाम हिना और हनी है जो सिर्फ तुमको पता है ,मेने तुमको यह सब बाते बतायी है जो इस असुरलोक मे किसी को भी नही पता ,तुम्हारी मा ने तुमको भवानीगढ़ के बारे में बताया होगा ही ,वहां की सर्पिणी और विशाखा की कहानी भी सुनाई होगी जो तुम्हारी माँ की अच्छी सहेलिया थी ,में उनको भी जानता हूं ,अब तुमपर है तुम मुझे अपना दोस्त समझो या दुश्मन ,
बिजली इतनी सब बातें जानकार हैरान थी ,जितनी बातें इस अदृश्य दिखने वाले ने बताई थी वो कोई नही जानता था ,वो किसीकी बेटी है यह बात उसके मा और उसके अलावा कोई नही जानता था ,अगर यह दुश्मन होता तो उसकी बेटीयो को बेहोश ही रखता साथ मे उसे भी बेहोश करके कबका अपना मतलब निकाल लेता ,पर इसने उसकी बेटीयो को वापिस होश में लाकर इतनी अंदरतक की बाते बता रहा था ,यह दुश्मन नही बल्कि एक दोस्त हीं था ,
बिजली ने अपनी बेटियों को कुछ इशारा किया फिर तीनो ने उन सब भेड़ बकरी और सांड को खाकर अपना पेट भर लिया ,उन्होंने उन जानवरो की हड्डीया तक चबा डाली ,काल ने उनकी भूक देखकर और कुछ जानवरो को बेहोश करके उनके सामने लाकर दिये ,उनको पेट भरने तक काल पूरे बन्दीगृह में कितने भेड़िये है, कोई भूका है क्या यह सब देखकर कुछ और भूखे भेडियो को कुछ बेहोश जानवर खाने को दे आया ऊन भेडियो के सामने जानवर दिखने की देरी थी ,उनको कुछ बोलना भी नहीं पड़ता वो सीधा उनपर झपट के उनको खा लेते थे ,इसी वक्त में काल ने जितने भी काली शक्तियों के असुरों को उस बन्दीगृह में देखा था उन सबको मारकर भेडियो के सामने खाने के लिये फेक आया था ,जो एक बहुत बड़ी चोट होने वाली थीं कोहिम के ताकद पर उसके आधे से ज्यादा ताक़दवर काली शक्ति धारक असुर मार दिए थे काल ने एक ही रात में ।
 
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Update 64
काल जब बिजली के पास लौट कर आया तो तीनों मा बेटिया अपना पेट भर जाने के बाद आराम से बैठकर बाते कर रही थी तीनो ही अब भेडियो के रूप में ही थी ,काल ने बिजली के पास एक पत्थर पर बैठ कर कहा ,बिजली तुम तीनो का पेट भर गया हैं ना अब ,बिजली को कब से इस आवाज की ही तलाश थी ,उसने भी कहा,जी हम तीनों का पेट भर गया है अब, आप का शुक्रिया जो आपने हमे खाना लाकर दिया, काल ने कहा,बिजली मैने तो बस जो मेरे हाथ मे था वही किया है ,इसमे ज्यादा कोई बड़ी बात नही थी ,में तुमसे अब अपनी बात कहता हूं ,जो तुम तीनो जानने को कबसे इच्छुक हु ,सबसे पहले मेरा नाम काल है और में एक इंसान हु जो तुम लोगों को इस कोहिम से छुड़ाने और कोहिम के इस पाप के साम्राज्य को खत्म करने आया हु ,मेने इसकी शुरूआत आज यही से कर दी है ,बन्दीगृह में जितने भी काली शक्ति के धारक असुर थे उनको मार कर कर दी है ,अब कल में इस कोहिम को चुनोती देकर उसे भी खत्म करने वाला हु और मुझे इस काम मे तुम्हारी मदद की जरूरत है ,अगर तुमको ठीक लगे तो ही तुम हा करना नहीं तो तुम नही कहने का पुरा हक रखती हो ,मुझे अपनी बात किसी पर थोपने की आदत नही है ,औऱ ना ही में किसी के मन के खिलाफ कोई कदम उठाने के पक्ष में रहता हूं ,
बिजली,काल तुम अपनी बात खुलकर कह दो ,तुम हम लोगो के लिये ही यह सब कुछ कर रहे हो ,में जितना हो सके तुमको मदद करने को तैयार हूं ,में तुम्हे निराश नही करूंगी ,
काल ,बिजली में सिर्फ तूमको मदद करने नही अपने भी एक मकसद से यहाँ पर आया था ,और उसमे शायद में सफल भी रहा हु की नही यह बात में भी ठीक से नही जान पाया हूं ,
बिजली,काल तुम अगर हमारे लिये अपनी जान की बाजी लगाकर काली घाटी में घुस आए ,हमारी मदद करने हमारे अपने भी आजतक नही आये थे ,ऐसे में तुम अकेले यहां आए हो और जिस तरह से तुमने चंद पलो में कोहिम के खास आदमियों को मार दिया इससे एक बात तो कोई भी समझ जाएगा तुम एक बहादुर और दिलेर इंसान हो ,तुम्हारी परेशानी तुम बोलकर देखो में यकीन दिलाती हु मेरे बस में जितना हो सके में तुम्हारी मदद करूंगी ,
काल ने फिर बिजली को अपनी विषलोक की पूरी कहानी बता दी ,उसके महानाग बनकर विषलोक को तबाह करने तक,और काली घाटी में आने के बाद माया और उसकी बेटियोके साथ शादी तक सब कुछ बिजली को बताया,माया की यह बात भी बता दी कोहिम को मारने के लिए उसकी और उसके बेटीयो से ताकद पाने तक ,सब उसने बिजली को बता दिया ,
काल की कहानी सुनने के बाद उसके और उसकी बेटीयो के नजर में काल की इज्ज़त पहले से और ज्यादा बढ़ गई थी,
बिजली ने सब सुनकर कहा ,काल तुम सचमुच एक अच्छे इंसान हो जो किसी के मदद करने के लिये तुम अपनी जान तक को दांव पर लगाने से पीछे नही हटते हो,तुमको यह सब परेशानी दुसरो को मदद करने से ही मिली है ,इतनी शक्तिया होने के बाद भी तुम्हारा बात करने का अंदाज यही बताता है कि तुम सच मे ऐसी दिव्य शक्तिया पाने के हकदार हो,तुमने कभी कोई काम शक्ति पाने के लिये नही किया ,बल्कि दूसरे का भला करने के लिये कदम बढाते रहे और शक्तिया तुम्हारे कदमो में अपनेआप गिरती चली गयी ,हमे भी अपनी शक्तिया तुम जैसे को देने में आनंद ही होगा जो अपनी शक्तियों का उपयोग दुसरो के भले के लिये करता हो ,क्या हम तुमको देख सकते है ,अगर तुम चाहो तो
काल ,माफ करना में अपने आप को आपके सामने कबसे अदृष्य रूप से बैठकर बाते कर रहा हु ,में भूल गया था अपने आपको सदृश्य करना ,काल ने अपने आप को उनके सामने प्रकट हो गया ,तीनो अपने सामने काल को देख के हैरान हो गये थे, काल दिखने में पहले से अच्छा था और असुर शक्ति से उसमे और निखार आ गया था ,20 फिट का लंबा ,तगडा, गोरा,हसमुख चेहरे को तीनो एकटक देख रहीं थी ,हिना और हनी को काल का चरित्र पहले से पसन्द आ गया था उसकी कहानी सुनने के बाद और जब उसको देखकर दोनो को वह बहुत ज्यादा पसन्द आ गया था ,
बिजली ने काल से कहा ,जैसा तुम्हारा चरित्र है उससे ज्यादा तुम खूबसूरत हो काल ,कोई भी लड़की तुम को ना नही कह सकती ,मेरी दोनो लडकिया की आंखों से मुझे यह पता चल चुका है ,उनको तुम बेहद पसंद हो ,और मुझे भी तुमसे कोई आपत्ति नही है , में तुमको एक बात पूछना चाहती हु इसका जवाब तुम्हारा नहीं होगा तो भी हम तुमको अपनी शक्तिया देंगे ही ,और मेरा सवाल है कि मेरी बेटीयो के साथ तुम संभोग करने के बाद तुम इनको छोड़ दोगे या अपने साथ रखोगे ,एक माँ होने के नाते में बस यह बात जानना चाहती हु, काल को ऐसे सवाल की ही उम्मीद थी बिजली से ,उसने कहा ,में आपकी बेटी को नही आपको भी अपनी पत्नी का दर्जा दूँगा बिजली जी ,में सिर्फ शक्तिया पाने के लिये नहीं तो उसके बाद भी इनका ख्याल रखूंगा, पर में एक इंसान हु और इनको में अपने साथ अपनी दुनिया मे कैसे लेकर जा सकता हु यह बात भी आपको पहले बता देना सही होगा ,
बिजली,काल तुम हमे पत्नी का दर्जा देने वालो हो यही बात बहुत है हमारे लिये और तुम्हारे साथ इंसानी दुनिया मे हम आने की जिद कभी नही करेंगे ,तुम चाहोगे तभी हम तुम्हारे साथ आएंगे ,बिजली ने थोड़ा रुककर कहा ,काल अगर तुमको भेड़ियो की असली ताकद चाहिए होगी और हमारी शक्तियों का सही इस्तेमाल करना हो तो तुमको एक भेडियमानव ही बनना होगा ,कोहिम जिस तरह से एक भेड़िया मादा के साथ संभोग करके अपनी ताकद बढ़ाता है उससे उसको आधी नही बल्कि उससे भी कम मात्रा में ताकद हासिल होतीं है ,कोई भी कवारी भेड़ियामादा जब संभोग से पूर्ण रूप से संतुष्ट होती है तभी उसकी पूरी शक्तिया जागृत होती है और अपने प्रेमी को वो अपनी शक्तियां देती है ,मुझे कोहिम ने इन दोनों के पैदा होने के बाद कितने ही शक्तिशाली जहर दिये थे ताकि मेरे दूध पीने वाली मेरी बेटीयो के शरीर मे वो जा सके ,उसने मुझे 1साल तक जहर दिए थे जिसके मुझे भी फायदा हुवा और मेरी बेटीयो को भी ,मेरा कौमार्य मुझे उससे वापिस मिल गया 1साल में और मेरी बेटिया सबसे ताक़दवर मादा भेड़िया बन गई आज तक कि ,अब तुम बोलो तुम क्या चाहते हो
काल ,मेरे भेड़िये बनने के बाद मेरे इंसानी जीवन मे क्या बदलाव आ सकता है क्या में भी मास खाने लग जाऊंगा भेड़िया बनने के बाद
बिजली ,तुम्हारी सिर्फ ताकद बढ़ेगी और कद थोड़ा बढ़ सकता है ,इससे ज्यादा कुछ नही होगा और हमे यहा बचपन से मास खिलाने से हम माँसाहारी हो गए है ,हम भी भेडियमानव ही है ,हम मानव की तरह शाकाहारी भोजन भी कर सकते है पेट भरने के लिये ,तुम बचपन से शाकाहारी हो तुम अगर चाहो तो मास खा सकते हों यह तुम्हारी मर्जी है ,
काल ,ठीक है में तैयार हूं भेडियमानव बनने के लिये ,आप बोलिये मुझे क्या करना होगा ,
बिजली ,काल मे तुम्हारे शरीर को अपने दांतों से काटूंगी उसके 1 घण्टे बाद तुम भेडियमानव बन जाओगे ,बस तुमको इस 1 घण्टे में बहुत ज्यादा तकलीफ होगी उसे बर्दाश्त करना होगा ,उसके बाद बिजली ने काल के कंधों में काटना चाहा पर काल की चमड़ी इतनी सख्त थी कि वो उसको काट ही नही पा रही थी उसकी दोनो बेटीयो ने कोशिश की पर कुछ फरक नही पड़ रहा था उनके दांतो से काल की चमड़ी पर एक खरोच तक नहीं आयी थी तीनो परेशान होकर और जोर जोरसे उसको काटने में लगीं थी ,काल भी सब देख रहा था तभी उसे याद आया वो अगर अपने मन मे सोचेगा तभी उसको यह काट सकेगी काल ऐसा सोचते ही उसके बदन में तीनों के दाँत एक साथ अंदर घुस गए जिसकी वजह से काल के बदन से पानी की तरह खून बहने लगा ,तीनो उसको काटकर एक तरफ हो गई ,काल से और उन तीनों से एक गलती हो गई थी ,उन्होंने काल को एक असुर के रूप में काट लिया था जो उसे इंसान के रूप में काटना चाहिये था ,जहा एक ने काटना था वहाँ उसे तीनो ने काटा था,
काल को ऐसा लग रहा था उसके खून में जैसे उबाल आ गया हो ,उसके बदन में पहले से नील नदी को जहर मौजूद था अब इन मादा भेड़िये के दांतो से उन तीनों का जहर उसमे शामिल हो गया ,काल मे पहले से महानाग की ताकदे थी,असुरदेवता के वरदान से एक असुर की ताकद भी थी और उसमे एक भेड़िये के दांतों को जहर उसको अब एक अलग ही भेड़िया बनाने वाली थी,काल का शरीर अब तेजीसे बदलने लगा था उसका आकार भी बढ़ने लगा था और उसके शरीर पर बड़े बड़े बाल भी आने लगे थे ,उसकी शक्कल भी तेजीसे बदलने लगीं थी ,एक घण्टे में नही बस 15 मिनीट में हीं काल एक पूरे भेड़िये में बदल गया था ,तीनो मा बेटियोके के आंखों में काल के इस रूप को देखकर आश्चर्य, डर,और हैरत के भाव आ रहे थे ,जो खुदको दुनिया का सबसे बडी भेड़िया मादा समज रहीं थी उनके सामने एक उनसे भी बड़ा और ताक़दवान अनोखा भेड़िया बन रहा था,जिसके सामने वो तीनो कुछ भी नहीं थी ,काल अब एक पूरे भेड़िये में बदलकर उन तीनों के सामने खड़ा था ,उसके बदन पर पूरे काले घने बाल थे उसके गले मे एक सुनहरी नकाशी उसे और ज्यादा आकर्षक बना रही थी , काल एक 35 फिट से बड़ा एकदम तगडा बड़े से जबड़े वाला, जो किसी हाथी को अपने जबड़े में एक बार मे भर के खा सके, ऐसा बड़े दांतो वाला खूंखार भेड़िया बन गया था ,उसके पंजे एकदम बड़े और नाखून ऐसे धारदार के किसी लोहे की बड़ी सी मोटी प्लेट को आसानी से चिर दे ऐसे बन गए थे ,उसके बदन से एक तेज महक हर तरफ फैल गई थी जो उन तीनों मा बेटीयो के साथ उस बन्दीगृह में मौजूद सब मादाओं को पागल बना रही थी उसके गंन्ध से हर मादा कामुक होकर अपने चुत से पानी रिसना शुरू कर दी थी ,उन मादाओं के मुह से कामुक हो जाने से दहाड़े निकलने लगीं थी काल को भी सबकी चुत के पानी की गंध अपनी बड़ी नथुनों से आरही थी उसने भी अपने मुह को खोलकर एक तेज दहाड़ लगाई जो पुर बन्दीगृह में नही बल्की पूरे काली घाटी के साथ उस सन्दरबन में गूंज गई इतनी तेज थी ,कोहिम का महल का हर दीवार तक इस दहाड़ से हिल गईं थी ,कोहिम भी इस दहाड़ को सुनकर डर गया था ,उसके मन मे उस दहाड़ ने ही डर पैदा कर दिया था ,उसे समझ नही आ रहा था कि ऐसी तेज दहाड़ किसकी हो सकती है ,उसे लग रहा था शायद काली घाटी या उसके आसपास कोई भयंकर जानवर तो नही आ गया ,उसने अपने आदमियों को इस आवाज के मालिक की तलाश करने रवाना कर दिया ,माया और उसकी बेटीयो ने भी यह दहाड़ सुनी थी और उन तीनों को ऐसा लग रहा था शायद यह काल ही हो सकता है जो अपने मकसद में कामयाब हो गया था
बिजली ,हिना और हनी काल की गंध से कामुक होकर उसके पास आकर उसको चाटने लगी थी ,वो तीनो काल के बड़े से लन्ड को चाट रही थीं जो उसके पेट के नीचे था ,उसके बड़े बड़े आंड को चाट कर उसको रिझा रही थी अपनी पूछ हिलती अपने नर के सामने अपनी चुत से बहता पानी से खुशबू से उसको खुद को चोदने को रिझाने में लगी थी ,बिजली की चुत तो ऐसे अनोखे नर से चुदने को मचल रही थी ,काल ने भी बिजली के चुत में अपना बड़ा सा जबड़ा लेकर अपनी लंबी खरदूरी जीभ से उसके चुत को चाटने लगा ,बिजली तो मानो पागल सी हो गई अपनी चुत पर इतनी गर्म जीभ के स्पर्श से ,काल ने भी अपने पेट से अपने विशाल लाल लन्ड को निकाल लिया जिसके टोपे से उसका वीर्य टपक रहा था जो हिना और हनी अपनी जीभ लगा कर चाट रही थी ,काल ने अपने दोनो पंजो को बिजली के ऊपर डाल कर उसपे चढ़ गया ,बिजली ने अपनी चुत से अपनी बड़ी सी पूछ बाजू में सरका ली ,बिजली काल के अपने उपर चढ़ने से उसके प्रचंड वजन को सहती थोड़ी दब सी गई थी ,कालने देरी ना करते हुवे उसकी छोटी से चुत में अपना लाल लाल धारदार लन्ड तेजीसे अंदर भर दिया जो उसकी चुत को चीरता फाड़ता खून से नहलाता उसके पेट के अंदर तक घुस गया ,बिजली के मुह से दर्द के साथ एक कामुक गुराहट निकल गई काल तेजीसे बिजली को चोदने लगा ,बिजली भी इस गर्म लन्ड को अपने अंदर तक लेती गुर्राहट भरती अपनी चुत मरवा रहीं थी ,बिजली ज्यादा देर तक उसके लन्ड के मार को झेल ना सकी और अपनी चुत से पानी छोड़ दी काल ने भी उसकी चुत को अपने गाढ़े और गर्म वीर्य से लबालब भर दिया ,बिजली अपनी चुत मरवाकर एक बाजू में हो गयी उसके बाद हिना काल के आगे आ गयी कालने उसकी भी चुत को फाड़कर उसे चोदकर अपने माल से भर दिया ,हनी भी कहा पीछे रहती उसने भी अपनी चुत काल से मरवाकर अपनी चुत फड़वाकर उसके माल से भरवा ली ,कालने एक घण्टे मे ही तीनो की चुत को 5 बार अपने माल से भरवाकर उन्हें तृप्ती के सागर में धकेल दिया था ,तीनो काल से अपनी चुत मरवाकर उसके माल की गर्मी से अपनी चुत को सेकती जमीन पर अपने चारों पैरों को फैलाकर आराम करने लगी ,पर काल का मन नही भरा था ,वो तो इन तीनो को चोदने आया था पर उसने सुबह होने तक जितनी भी 100 कवारी मादा उस बन्दीगृह सबको चोदकर उनके कवारे पन को तोड़ता उनकी चुत में अपनी गर्मी उतारता रहा और अपनी आग बुझाता रहा ,सुबह होने के बाद वो वहासे निकल कर माया के घर आ गया था अदृष्य होकर और सब मादा भेड़िये अपनी चुत फड़वाकर उसमे काल के गर्म माल को अपने अंदर लेकर आराम कर रही थी,
कोहिम के महल में सुबह से अफरातफरी मची थी कल उस अनजान जानवर की दहाड़ से सब परेशान और सुबह भेड़िये के बन्दीगृह के सब असुर गायब होने की खबर ने सबको डरा दिया ,बन्दीगृह से एक भी भेड़ियेमानव गायब नही था लेकिन वहां के सब कलिशक्ति धारक असुर गायब थे,यह सब चल रहा था और तभी महल के बाहर माया उसकी दोनो बेटीयो के साथ काल असुर रूप में खडा होकर कोहिम को युद्ध के लिये ललकारने लगा था ,पूरी काली घाटी में यह खबर आग की तरह फैल गई थी ,सब असुर महल के पास जमा होकर देखने लगे थे कि कौन कोहिम को ललकार रहा है ,माया अब अपने असली रूप में थी उसको सब असुर जानते थे उसके साथ दो असुर लडकिया जो बेहद ताक़दवर और खूबसूरत थी और उनके साथ मे एक 25 फिट लम्बा असाधारण शरीर का मालिक एक खूबसूरत असुर था जिसके बाल थोड़े लम्बे और चेहरे पर दाढ़ी थी ,(काल का जिस्म भेड़िया बनने के बाद 5 फिट लम्बा और तगडा हो गया था साथ मे उसके बाल भी बढ़ गए थे और चेहरे पर दाढ़ी मुछ भी आ गई थी जो उसे बहुत जच रही थी )
कोहिम भी अपने महल से बाहर आकर देखने लगा कि कौन उसको ललकार रहा है ,उसने जब माया को देखा तो उसे सब समझ आ गया ,उसके साथ इस तगडे असुर को देख कर कोहिम को थोड़ा झटका लगा था यह असुर उससे से भी 2 फिट लम्बा और बहुत ज़्यादा तगडा दिख रहा था ,कोहिम को उसके बारे में कुछ पता नही था उसे वो एक असुर ही समझ रहा था ,माया ने सबसे कहा ये मेरा और मेरी दोनो बेटीयो को पति है जिसकी शादी असुरमन्दिर के पंडित ने असुरविधि से करवाई है ,यह अब एक राजवंश के नाते कोहिम को चुनौती दे सकता है ,असुरमन्दिर का पंडित भी ललकार की खबर से वहा पर आया था ,उसने भी सबसे इस बात की पुष्टि कर दी ,अब कोहिम को यह चुनौती स्वीकारनी ही पड़ने वाली थी जो यहा का नियम था और पूरी प्रजा के सामने वो अब पीछे भी नही हट सकता था ,कोहिम और काल दोनो ही महल के पास बने एक बड़े से मैदान में पहुँच गए जहाँ पर एक युद्ध का आखाडा था और चारो तरफ बैठने के लिये जगह जहा अब पूरी काली घाटी के असुर बैठकर यह युद्ध देखने वाले थे ,कोहिम भी एक बलवान योद्धा था ,वो भी पूरे जोश के साथ आखडे मे उतर गया उस आखडे को चारों तरफ से कोहिम के खास आदमियों ने घेर लिया जो काली शक्ति के धारक और सबसे मजबूत और तगडे योद्धा थे ,काल अकेला चलता उनके बीच से कोहिम के सामने खड़ा हो गया ,कोहिम के हाथ मे एक बड़ी सी मजबूत ढाल और तलवार थी जबकि काल के हाथ मे कुछ नही था ,
इस मायावी आखडे की एक बात थी उसमें जो कुछ होता था उसको उस आखाड़े के आसपास मैदान में बैठे लोग ऐसे देख और सुन सकते थे मानो सब एकदम उस अखाड़े में मौजूद हो ,कोहिम काल को अपनी लाल गुस्से से भरी आंखों से डरा कर मार देगा इस तरह देख रहा था ,कोहिम ,कौन हो तुम जो अपनी मौत को इस तरह गले लगाने यहा पर आ गए ,तुम्हे मेरे बारे में पता नही क्या पूरे काली घाटी में तो क्या कही भी मुझसे शक्तिशाली असुर कोई नही है
काल हसके ,कोहिम पहले नही था यह सही है लेकिन अब है और तुम्हारे सामने है ,
कोहिम चिढ़कर ,बच्चे लम्बे और तगडे होने से कुछ नही होता मेने तुमसे भी तगडे और शक्तिशाली योद्धाओ को एक वार में मार दिया है ,तुम भी मेरे वार से बचोगे नही ,
काल ,पहले वार करके देख लो बादमे बताना कौन शक्तिशाली है और कौन नही
कोहिम ,तुम भी अपने लिये कोई हथियार उठा लो सामने से और करो फिर मुकाबला मेरे साथ
काल ,कोहिम तुझे हराने के लिये मुझे कोई हथियार की जरूरत नही है
कोहिम हैरानी से ,कौन हो तुम ,क्या नाम है तुम्हारा
काल ,मेरा वादा है तुमसे कोहिम मेरा नाम जानने के बाद तुम तलवार और ढाल छोड़कर यहाँ से भाग जाओगे ,इसलिये पहले तुम अपनी ताकद दिखाकर मुझे मारने को कोशिश कर लो
काल की बाते सुनकर मैदान में मौजूद सब असुर हैरान थे ,काल कोहिम किसी तरह की कोई भी कीमत नही दे रहा था और कोहिम को इस तरह अपमान करने वाला सैकड़ों सालों में पहली बार देखने को मिल रहा था ,ज्यादातर असुर कोहिम के खिलाफ थे जिनको कोहिम को ऐसा बेइज्जत होते देखकर बहुत खुशी हो रही थी ,और कोहिम इस अनजान की शक्तियां समंझने के लिये पहली बार उसके मन को पढ़ने की कोशिश कर रहा था जिसमे वो नाकाम हो रहा था तभी उसके मन मे काल की आवाज आयीं कोहिम ये तो शुरुआत है तुमको अभी बहुत कुछ देखना है ,कोहिम की आंखे बड़ी हो गई कोई पहला उसके सामने आया था जिसका मन कोहिम नही पढ़ पा रहा था और सामने वाला उसके मनको पढ़कर उसके मन मे उसको धमका रहा था ,कोहिम ने अपने डर पर काबू पाकर काल पर अपनी तलवार से एक ताक़दवर वार कर दिया पर कालने कोहिम की तलवार के वार को अपने एक हाथ मे पकड़ लिया मानो कोई वो तलवार ना होकर खिलोना हो ,कोहिम अपनी पूरी ताकद लगाकर उसके एक हाथ से अपनी तलवार खींच रहा था पर वो कामयाब नही हो रहा था उसने चिढ़कर अपने पैर की एक लात काल के सीने पर मारनी चाही तो काल ने उसे भी अपने एक हाथ से पकड़ लिया और काल को उठाकर जमीन पर जोरसे पटक दिया ,पूरे मैदान में मौजूद असुर इस दृश्य को देखकर चकित हो गये ,कोहिम की पूरी कमर हिल गई थी काल के पटकने से फिर भी वह खड़ा रहा ,काल ने कहा अब में वार करता हु तुम रोककर दिखाना, कोहिम हैरानी से काल की तरफ देखने लगा ना इसके पास कोई तलवार ना कोई हथियार ये वार किससे करेगा ,काल ने हसके कोहिम को अपने हाथ की मुट्ठी दिखा कर एक तेज मुक्का कोहिम को मारा जो कोहिम ने अपनी ढाल से रोकना चाहा तो कोहिम ढाल के साथ मे पीछे दस फिट तक उस मुक्के के प्रहार से गिर गया,कोहिम के ढाल के दो टुकड़े हो गए थे ,कोहिम की तो इतनी ताकद देखकर गांड फट गई थी वो फ़टी आंखों से काल को जमीन पर लेटा काल को देख रहा था ,पूरे मैदान में कोहिम के हालत देखकर हँसी गूंज रही थी और बादमे काल के ताकद के नमूने को देखकर जोरदार तालियां आवाज भी गूँजने लगी थी, सब शांत होने के बाद जमीन पर पड़े कोहिम को देखकर काल हसते हुवे बोला ,कोहिम तुम तो बहुत कमजोर निकले मेरा एक वार भी नही सह सके ,तुम मेरे हाथों से मरने के लायक नही हो ,और हा मेरा नाम तुम जानते हो ,में काल हु जिसने तेरे छोटे बेटे के दोनो हाथ पांव उखाड़ के उसे तेरे पास भेज दिया था ,अंगारा नाम था ना उसका वो बुझ गया कि अभीतक जल रहा है ,और हा तेरे दोनो बड़े बेटे गगन और देबन को मेने उसके 20 आदमियों के साथ विषलोक मे मार दिया था ,काल की बात सुनकर जो कोहिम काल के ताकद से पहले से डर गया था वो उसका नाम जानकर बहुत ज्यादा घबराकर ,अपनी मौत से डरता युद्ध के आखडे से डरता अपनी टूटी ढाल और तलवार वही छोड़कर भाग गया और अपने आदमियों के पीछे जाकर छिप गया ,मैदान में बैठे सब असुर काल की बात सुनकर खुश हो गये उनको जब पता चला के कोहिम के तीनों बेटो को मारने वाला कोई और नही यही काल है जिसने कोहिम को एक बस एक मुक्के में ही धूल चटा दी ,तो वो सब अपनी जगह पे खडे होकर काल की जयजयकार करने लगे ,
कोहिम जो काल के डर से उसके असुर सैनिकों के पीछे छिप गया था वो सब असरो को काल जयजयकार करने से बौखला गया और अपने सैनिकों को काल को मारने का आदेश दे दिया उसके खास जो काले शक्ति धारक असुर सैनिक जो 500 की संख्या में थे वो काल की तरफ उसे मारने के लिये दौड़ पड़े तभी उनके सामने हवा में छलांग लगाकर माया ,सारा ,और हीरा अपने दोनो हाथो में तलवार लेकर कूद पड़े उन तीनों ने कुछ पलों में ही 50 से ज्यादा सैनिक को सिर काट दिये, तीनो की आंखे गुस्से से लाल हो गयीं थी ,वो तीनो उन सैनिकों को गाजर मूली के तरह काट रही थी कि वहाँ पर जोरदार दहाड़ के साथ 3 बहुत ही बड़े भेड़िये आ गए जिसमें एक 25 फिट का था और दो 30 फिट के थे ,वो तीनो को देखकर सब अपनी जगह पर खड़े हो गए ,तभी काल अखाड़े से चलता बाहर आया जोरसे चिल्लाया, सब अपनी जगह पर खड़े रहे कोई भी नही हिलेगा ,इस कोहिम ने सबसे ज्यादा तकलीफ़ इन भेड़ियो को ही दी है ,उसको और उसके इन काली शक्तिधारक सैनिकों को सजा अब यही देंगे ,काल ने भेड़ियो की तरफ देखकर कहा बिजली ,हिना और हनी ये रहे तुम्हारे गुन्हेगार तुमको खुली छूट है अपना बदला लेने की ,फ़िर क्या था तीनों ने मिलकर 5 मिनिट में उन सब असुर सैनिकों को बुरी तरह चीरफाड़ डाला ,कोहिम यह सब देखकर एक जगह पर डर से थरथर कांप रहा था ,उन तीनों ने जाकर कोहिम चारो हाथ पैर अपने जबड़ो से उखाड़ कर फेक दिये पर उसे जान से मारा नही वो तीनो जाकर काल के पीछे जाकर खड़ी हो गई ,काल ने माया से कहा माया अब तुम्हारी बारी है इस काल से बदला लेने की अपने पिता की हत्या का ,माया ने भी तलवार के एक ही वार में उसके सर को काट दिया था ,सब असुर कोहिम और उसके साथीयो के मरने से बहुत खुश थे काली घाटी अब फिरसे असुरलोग बनने वाली थी ,
उसके बाद माया ने यह ऐलान कर दिया के इस असुरलोग का नया राजा अब काल बनेगा ,सब असुर काल के बल और पराक्रम से बहुत खुश थे ,काल के राजा बनने की बाद सबने खुशी से मान ली पर काल मान नही रह था ,लेकिन माया सारा और हिना के बहुत मनाने के बाद वो मान गया ,दोपहर को ही उसका और माया का राजा और महारानी के पद का राज्याभिषेक हुवा उसमे सब असुरलोग के साथ सब भेड़िये मानव भी शामिल हुवे , दोपहर को सब असुरलोग को एक शाही भोजन दिया गया ,काल ने माया से कहा उसको आज जाना होगा सब भेडियमानव को भवानीगढ़ पहुंचाना पड़ेगा ,वो सब कितने सालोंसे अपने घरों से दूर है ,भेड़ियेमानव को जाने की बात पर नही पर काल के आज जाने पर माया और ऊसकी दोनो पत्नियां नाराज थी,काल उनकी नाराजगी जानकर बोला की वह इन सबको छोड़कर शाम को वापिस आएगा और रातभर रूककर सुबह चला जायेगा, तीनो की नाराजगी झट से दूर हो गई ,काल मे अब इतनी शक्तिं आ गई थीं कि अब वो अपने साथ कितने भी लोगो को कही भी ले जा सकता था ,वो सब भेड़ियामानव को असुरलोग के बाहर लेकर आया उस अदृष्य कवच से ,माया उस कवच को हमेशा के लिये हटाना चाहती थी पर काल ने उस रोक दिया और कहा यह कवच असुरलोग के सुरक्षा हेतु अच्छा है ,इसे निकालने के बजाय उसने और माया ने उसको और मजबूत बना दिया ,वहां से निकलने से पहले काल ने सर्पिणी और विशाखा के मन में नील और उसके साथियों के साथ जंगल मे पहुंचने का संदेश दिया और खास हिदायत दी कि वह नेत्रा को कुछ ना कहे ,काल उन 1200 मानवभेडियो को एक साथ गायब करके ,पलभर में भवानीगढ़ के जंगल मे ले आया वह ओर नील के साथ सर्पिणी और विशाखा पहले से मौजूद थे ,काल के साथ इतने भेडियमानव को देख कर वो दंग रह गये ,जितने भी 1200 नए भेडियमानव थे सब बहुत बड़े और शक्तिशाली थे खास कर बिजली और उसकी बेटिया हिना और हनी ,नील अपनी बीवी भोली से मिलकर बहुत खुश हुवा ,बिजली ने भी उन्हें काल के कोहिम को मारने की सारी कहानी मिर्च मसाला लगाकर सुनाई और यह भी बताया कि असुरलोग का राजा अब काल बन गया है ,आगे सब असुर इसके आगे कभी नही जा सकते नील तो काल का शुक्रिया अदा करते थक नही रहा था ,काल के अकेले काली घाटी जाकर कोहिम को मारकर 1200 भेड़ियामानव को जिंदा वापीस लाना और असुरलोग का राजा बनना यह एक बहुत बड़ी बात थी सबके लिये,काल की वजह से नील को उसका परिवार वापिस मिल गया 1200 और नए भेड़ियो के साथ ,तब बिजली ने यह बात बताई की कल भी एक भेड़ियेमानव बन गया है ,तब सबके कहने पर काल ने उनको अपनी शक्तियॉ जो बिजली और उसके बेटीयो के साथ 100 मादा भेड़िये के संभोग से मिली थीं जिससे अब वो 35 नही बल्कि 45 फिट का दैत्याकार भेड़िया में बदल गया था ,उसको देखकर सबकी आंखे फ़टी की फटी रह गई ,काल उन सबको कल मिलने का कहकर वापिस असुरलोग लौट आया , तीनो पत्नीयो के साथ रात का खाना खाकर उनकी रातभर अपने अब बढ़े हुवे 4 फिट के साइज से और 2फिट मोटे भीमकाय लन्ड से एक बार और उनकी चुत को बड़ा करता उनको अपने माल से भरता रहा और सुबह नहाधोकर सबसे पहले नेत्रा के पास पहुंच गया ,जो थोड़ी नाराज थी पर काल को देखकर खुश हो गई ,पर उसकी बातों से काल परेशानी बढ़ गई उसके असुर रूप और भेड़ियमानव बनने के थोड़ा फर्क उसके इंसानी शरीर पर भी पड़ा था वो अब साडे छह फीट नही बल्कि 7 फिट 3 इंच का लम्बा और तगडा हो गया था ,नेत्रा को उसने महानाग की ताकद बढ़ने से ऐसा हुवा यह बताया ,उसको भी लगा ऐसा ही हुवा होगा ,उसको तो ठीक है पर बाकी लोग का क्या तो उसने बताया शायद ही उसके घर के लोगो यह बात का पता चले क्योकि काल ज्यादा समय तो उनके साथ नहीं रहा था ,नरेश और पृथ्वी भी उसकी मदद कर सकते है ,क्योकि वो काल की हर बात मानते भी थे और उसका पूरा साथ भी देते थे ,सबसे बड़ी समस्या मुम्बई में होने वाली थी ,वहा पर क्या कहे तो नेत्रा ने उसकी एक धांसू आयडिया दिया वो मुंबई में सबको बोल कर गया था ना पहाड़ी पर जा रहा है तो सबको बोल देने वहां खाने में कुछ ऐसा आ गया था जिसकी वजह से उसकी हाइट और बॉडी बढ़ गईं थी ,उसके वजह से ही उसको आने में देर हो रहीं थी और इसके ही कुछ साइड इफेक्ट्स तो नही हुवे वो ही डॉक्टर से चेकअप भी करा रहा था इसी लिए वो भवानीगढ़ नही आया था ऐसा बोल देंना ,उस दिन नेत्रा के घरवालों से इजाजत लेकर हिमानी को साथ मे लेकर वो अपने स्पीड से सिनोब के कमरे में पहुंचे ,काल के साथ 2 लडकिया देखकर दोनो चौक गये ,उन दोनों को नेत्रा ने ही सम्भल लिया ,फिर उन दोनों को उसी होटल में एक रूम में रुकवाकर ,जल्दी दोनो को शिवा के साथ उसके घर मे रहने का कुछ बन्दोबस्त करना का वादा लेकर आज काल शिवा बनकर अपने मुंबई के घर वापिस जा रहा था ,यहाँ से निकलते वक्त वो अकेल गया था और लौटते वक्त 4 बीवियों का दूल्हा बनकर वापिस आया था , ।
 

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