Incest मै दूध वाले से चुदती पकड़ी गई फिर ससुर और जेठ ने मुझे खूब चोदा

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मै दूध वाले से चुदती पकड़ी गई फिर ससुर और जेठ ने मुझे खूब चोदा
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दोस्तों जब किसी का पति मर जाए और विधवा हो जाये भरी जवानी में तो उस औरत की ही पता होता है उसकी ज़िंदगी कैसे नर्क बन जाती है। आप वासना को नहीं मार सकते जैसे भूख के लिए खाना जरुरी है वैसे ही शरीर के लिए सेक्स जरुरी है। विधवा की दुःख को कोई नहीं समझता। ये भी नहीं समझता की एक 22 साल की औरत जिसको अभी बच्चा भी नहीं हुआ था और उसका पति चल बसा उसकी ज़िंदगी कैसे कटेगी। ये समझ बहुत दोगला है दोस्तों जब किसी की पत्नी मर जाये तो वो तुरंत शादी कर लेगा कुछ ही महीनो में। पर एक औरत का पति मर जाये तो कहेगा अब तुम जोगन बन जाओ। धर्म कर्म में विस्वास करो। किसी को देखो नहीं किसी को घूरो नहीं अच्छे कपडे पहनो नहीं।



पर मैं समाज की रूढ़ियों को तोड़कर मैंने पति के मौत के बाद अपनी सुंदरता को बरक़रार रखा। और जो मन हुआ वही किया। मेरे घर में ससुर और जेठ है। जेठ जी की पत्नी अभी मायके गई थी ससुर जी हैं सास नहीं है वो बुढ़िया पहले ही चल बसी। पति का मौत कोरोना से हो गया शादी को हुए अभी 6 महीने ही हुए थे और पति चल बसा। ज़िंदगी सुनी हो गयी मेरी। 22 साल की हूँ मेरा नाम कविता है। मैं बचपन से ही बिंदास थी तो अपने सरुराल में भी भी बिंदास थी पति किसी चीज के लिए नहीं रोकता था प्यार बहुत करता था।



पर ऊपर वाले को हम दोनों का साथ मंजूर नहीं था और मैं अकेली हो गयी। जब से पति गया तब से मैं मनमसोस कर रहने लगी किसी काम में मन नहीं लगता। पूरी रात नॉनवेज सेक्स कहानिया पढ़कर अपने चूत में ऊँगली कर के खुद से ही चूचियां दबाककर सो जाया करती थी। पर ये सब ज्यादा दिन नहीं चला। मैं और भी ज्यादा कामुक और सेक्सी हो गई। आप रोजाना सेक्स कहानी पढ़ेंगे या फिल्म देखेंगे तो आपको भी मन करेगा मेरे साथ भी यही हुआ मुझे भी मन करने लगा चुदाई का।



किसे बुलाती कुछ नहीं सूझ रहा था। मेरे यहाँ रोजाना भीम सिंह भैया आते थे दूध देने। सुबह छह बजे उस समय ससुर जी सत्संग में चले जाते और मेरे जेठ तो आठ बजे के बाद ही उठते थे। मेरे पास सही समय था। मैं धीरे धीरे दूध वाले भैया के सामने अठखेलियां करने लगी मैं ऐसे वैसे कपडे में ही चली जाती थी। कभी वो मेरी बूब्स को निहारता कभी गांड को निहारता कई बार वो मेरी नाभि को देखकर खो जाता। मैं भी जब उसके सामने जाती तो सेक्सी अंदाज में बात करती। मटकती और आँखे चमकाती।

ससुर जेठ सेक्स

अगर आप किसी को लाइन दोगे तो जल्द ही आपके करीब आ जाएगा। उसने शुरआत किया बहुत अच्छी हो आप भाभी जी। आपके जैसा कोई नहीं है मैं तो कई घर में जाता है। आप बहुत अच्छे हो। तो मैं पूछ लिया क्या अच्छी हूँ। वो उसने कहा आप सुन्दर हो हसीं हो आप मस्त औरत हो। आप सेक्सी हो आपके नैन नक्स और फिगर काफी अच्छा है। फिर उसने कहा पर मैं दुखी होता है। आप इतने अच्छे हो और आप अकेली हो। आप फिर से शादी कर लो। ये ज़िंदगी बड़ी है और अकेले काटना बहुत मुश्किल है।
 
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वो भी इस बात को समझता था। की अकेली ज़िंदगी आसान नहीं होता। फिर उसने कहा क्यों आप शादी नहीं कर रहे हो। तो मैंने कहा मैं नहीं कर सकती शादी। क्यों की मेरे मायके में भी मेरे पापा नहीं है और मम्मी भी भाग गयी शादी के चक्कर में मेरी शादी यहाँ चाचा और गाँव वाले ने मिलकर कर दिया नहीं तो मैं भी कुवारी ही रह जाती। ये बात सुनकर दूधवाला बहुत ही भावुक हो गया और चला गया। उस दिन के बाद से वो और भी मेरे करीब आ गया। उसकी बातें मुझे अच्छी लगने लगी। वो भी कहने लगा आपको किसी चीज की कमी हो तो बता देना।

पर मुझे बताने में समय लग गया। क्यों की मैं तो सेक्स करना चाहती थी। एक दिन की बात है मैंने उसको अंदर बुलाया और सेक्स का ऑफर दे दिया। पहले तो वो मना कर रहा था। वो कह रहा था मैं आपको बहुत चाहता हूँ पर आपकी दुःख की कहानी जब उस दिन सूना तो मेरा मन बदल गया चाहे तो आप मुझे भाई बना लो पर मैं आपके साथ सेक्स नहीं कर सकता। पर मैं निकली मेनका मैंने उसके सामने ही अपने कपडे उतार दिए और वही उसका मन डोल गया। उसने अपना कुर्ता उतारा और वही सोफे पर चुम्मा चाटी शुरू हो गया।

वो था बड़ा बलवान और सेक्सी उसने जैसे ही मेरे जिस्म को अपनी आगोश में लिया और उसके मजबूत हाथ मेरी चूचियों पर पड़े मैं पागल हो गयी। उसका लंड करीब दस इंच का था मोटा लम्बा ओह्ह्ह्हह्हह मैंने तुरंत ही उसको अपनी मुँह में ले लिया और चूसने लगा। पर उसे ये अच्छा नहीं लग रहा था पर मुझे बहुत उछला लग रहा था। उसने कहा अब मुझे पेलने दो। आपकी गर्मी मुझे उतारनी है ताकि आप और किसी के चक्कर में ना आओ। और उसने मेरी टांगो को खोला चूत को पांच मिनट तक चाटा और अपना मोटा लंड मेरी चुत पर लगा कर पेल दिया।

मैं सिहर गयी। इतना मोटा लंड और अंदर तक जब गया मेरी सिहरन शुरू हो गयी मेरे होठ सूखने लगे। मेरे कंठ सूखने लगे हाथों और पैरों में थरथराहट होने लगी। वो जोर जोर से धक्के देने लगा। मैं मजे लेने लगी ऐसा लग रहा था की रेगिस्तान में बारिश हो रही हो। काफी दिनों से नहीं चुदी थी और आज मौक़ा मिला तो पहलवान से चुदने का। जोर जोर से धक्के देकर अपना लंड मेरी चूत में पेल रहा था और मेरी मुँह से सिर्फ सिसकारियां ही निकल रही थी।

करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद वो जोर से आआआआ आआआ कर के अपना वीर्य छोड़ दिया मेरी चूत में। वो कुछ ज्यादा जोर से ही आआआ ओह्ह्ह्हह्हह अअअअअ कर के वीर्य निकाला इस वजह से मेरे जेठ जी दौड़कर निचे आ गए देखने की क्या हुआ है। उनकी नींद खुल गयी थी। सुबह के करीब 6 : 45 हुआ था। भीम सिंह तुरंत ही वह से चलता बना अपना दूध का बर्तन लेकर। मैं नंगी थी तो जेठ के सामने ही कपडे पहनने लगी और फिर अपने कमरे में चली गयी और दरवाजा बंद कर ली।

मुझे बहुत डर लग रहा था की आगे क्या होगा। ये सब सोच कर मैं परेशां होने लगी। तभी मेरे जेठ जी मेरे ससुर को फ़ोन पर कह रहे थे। बाबूजी आप जल्दी घर आओ। तो उधर से ससुर जी बोले सत्संग के बाद आऊंगा। वो जेठ जी कह रहे थे तुरंत आओ। नहीं तो घर में बहुत बड़ा मुसीबत हो जाएगा। आपको आना पडेगा आओ देखो क्या हुआ घर में। आप सोच भी नहीं सकते। जल्दी आओ। अगर आपने देर किया तो घर में कुछ उल्टा सीधा होगा तो उसका जिम्मेदार मैं नहीं हु।

ससुर जी शायद उधर से बोले की ठीक है मैं आ रहा है। तभी मैंने दरवाजा खोला और जेठ जी को बोला मुझे माफ़ कर दीजिये बहुत बड़ी गलती हो गयी है मुझसे। ऐसा नहीं होगा। तो उन्होंने का आने दो बाबूजी को फिर बताता हु तेरे से क्या हुआ और तुम्हे बहुत गर्मी चढ़ गई है आने दो उनको फिर बताता हूँ।

मैंने फिर से दरवाजा बंद कर ली और पलंग पर लेट गयी मेरी धड़कन तेज तेज बढ़ने लगी। मुझे बहुत डर लग रहा था मुझे ये नहीं पता की वो दोनों मेरे साथ क्या करने वाले है।
 
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जैसा की आपको पता है मेरे साथ क्या हुआ और मैंने क्या किया। भीम सिंह दूध वाला मुझे चोद दिया और वीर्य निहालते समय इतना जोर से ओह्ह्ह्हह्हह अअअअअ चिल्लाया की मेरे जेठ ऊपर वाले कमरे से दौड़कर आते हैं और भीम सिंह को देख लेते हैं मेरे से लिपटे हुए। भीम सिंह तो भाग जाता है। मैं नंगी उनके सामने थी उन्ही के सामने कपडे पहनी और दरवाजा बंद कर के अंदर ही डरने लगी की अब क्या होगा। तभी मेर जेठ ने फ़ोन कर के बाबूजी को बुला लिया ये बोलकर की जल्दी आओ देखो घर में क्या क्या हुआ है। उन्होंने कहा भी था मैं सत्संग में हूँ पर जेठ जी बोले आना ही पड़ेगा और फिर मैं दरवाजा खोलकर के माफ़ी भी मांगी थी अपने जेठ से की माफ़ कर दीजिये पर उन्होंने मुझे कहा आने दो बाबूजी को फिर बताता हूँ।



मैं डर कर फिर से दरवाजा बंद कर ली और अंदर ही पलंग पर लेट गयी। मैं बहुत डरी और सहमी हुई थी। मेरे पूरा शरीर जो अभी आधे घंटे पहले वासना की आग में जल रहा था मैं हिचकोले ले रही थी। मेरी चूत से बार बार गरमा गर्म पानी निकल रहा था। मेरी बूब्स यांनी की चूचियां जो की भीम सिंह मसल रहा था। मेरे होठ बार बार सुख रहे थे। मैं भीम सिंह का मोटा लंड अपनी चूत में लेकर गोल गोल घूम रही थी और अंगड़ाइयां ले रही थी। मेरी जिस्म की गर्म शांत होते ना हो रही थी। बार बार वो ऊपर से धक्के देता और मैं निचे से गोल गोल घुमा कर अपनी गांड को हौले से धक्के देती और भीम सिंह का पूरा लंड मेरी चूत में सेट हो जाता।



पर अब सब कुछ बदल गया था क्यों की मैं डर से पानी पानी हो गयी थी। मुझे क्या लग रहा था दोस्तों वो मैं ही जानती हूँ। पर धीरे धीरे हिम्मत बाँधी और सोची जो होगा देखा जायेगा। और मैं अपने आंसू पोछ ली और पलंग पर ही बैठ गयी। जब सेक्स कर ही लिया तो अब क्या डरना जो करना होगा करेंगे पर अब मैं भी दब के नहीं रहूंगी। एक जवान लड़की हूँ मेरी भी भूख है सेक्स की तो मैं कहाँ जाऊ। क्यों नहीं समझता किसी भी विधवा को जिसने अपने पति को जवानी में ही खो दिया। और समाज की बेड़ियाँ में विधवा को बाँध कर रखता है।



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तभी दरवाजे पर किसी की आने की आहट हुई और जेठ जी भाग कर दरवाजा खोले। ससुर जी बोले क्या हो गया, मुझे सत्संग छोड़कर आना पड़ा। तो जेठ जी बोले, आपको नहीं पता है ये हराम औरत क्या गुल खिला रही थी। चुदवा रही थी दूधवाला भीम सिंह से। वो पेल रहा रहा इस रंडी को। इस रंडी को ये नहीं पता की मेरे घर की वहू है। कितनी खुजली मची है इसकी चूत में की एक दूधवाले को दे दी अपनी चूत। आप देखते तो हैरान हो जाते बाबूजी, इसके बदन पर एक भी कपडा नहीं था वो पहलवान इस रंडी को पेल रहा था।


बाबूजी इतना सुनते ही आग बबूला हो गए। उन्होंने गालिया देते हुए कमरे का दरवाजा पिटे मैं दरवाजा खोली वो गालिया देते हुआ बोले बता कितनी गर्मी है तेरे में, कितनी आग लगी है तेरे चूत में बता अभी शांत कर देता हूँ। इतना कहते कहते उन्होंने अपना धोती खोल दिया अंडरवियर खोल दिया और मेरे तरफ टूट पड़े मैं सिर्फ नाइटी ही डाली हुई थी ब्रा और पेंटी भी नहीं पहनी थी भीम सिंह के जाने के बाद। उन्होंने जेठ जी से कहा तुम क्या कर रहा है मादरचोद, तेरे से एक औरत भी काबू में नहीं आई। तुम इसको चोदता तो ये नौवत आती बोल साले बोल।


इतना सुनते ही जेठ जी भी अपने कपडे उतार दिया। और एक ने हाथ पकड़ा और दूर ने मेरी टांगो के बिच में आकर अपना लंड मेरी चूत पर लगा कर जोर से पेलने लगा। पहले बाबूजी मुझे चोदे पर उनमे इतनी ताकत नहीं थी। फिर जेठ जी जब चोदने लगे दोस्तों क्या बताऊँ जोर जोर से धक्के पर धक्का और गालिया साथ में। उन्होंने मेरी नाईटी उतार फेंका और मेरी चूचियों को दबोचते हुए जोर जोर से धक्के देने लगा। बाबूजी अपना लंड मेरी मुँह में दे दिया और गालिया देने लगे कर ना अब शांत देखते हैं तेरी चूत में कितनी गर्मी है।
 
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घर वाले मर गए थे जो बाहर चली मुँह मारने। क्यों इस लड़के का लंड (मेरे जेठ के तरफ देखते हुआ ) पसंद नहीं है तुम्हे जो चली दूधवाले से चुदने। तुमने मेरे खानदान का नाम ख़राब कर दिया है। और गालिया दे दे कर दोनों मिलकर मुझे चोदते। पर मैं भी कम चुड़क्कड़ नहीं थी क्यों की जब ये दोनों कोई कसर नहीं छोड़ रहा था तो मैं भी तैस में आ गई। मैं भी गालियां देले लगी। और अब मैं ससुर के लंड को पकड़ कर खींचती हुई बोली। बोल साले तेरे लंड में कितनी ताकत है। साले चोद आज देखती हूँ तेरे में कितनी हिम्मत है। मर्द है तो मार मेरी चूत शांत कर मेरी चूत।


और जेठ के तरफ देखकर बोली क्यों रे मादरचोद मार ना धक्का क्यों ताकत नहीं है। साले घुसा ना गांड में दम नहीं है चला था मर्द बनने तो ले चोद मार मेरी चूत। इतना कहते हुए मैं उठ खड़ी हुई और ससुर को धक्के देकर बेड पर लिटा दिया और ऊपर चढ़ गयी। उसका लंड मर चूका था ऐसा लग रहा था पिलपला सा किसी काम का नहीं मैंने कहा क्यों बे खड़ा कर ना अपना लंड। अब ससुर की गांड फटने लगी। उन्होंने कहा छोडो मुझे। छोडो मुझे मैंने कहा क्यों कहा गयी तेरी गर्मी। ससुर पानी पानी हो गया। उठकर भगा कमरे से।


जेठ के तरफ देखते हुए बोली ले ना मादरचोद चोद मुझे मैं उसके लंड में गांड रगड़ने लगी चूचियां रगड़ने लगी। वो तुरंत ही भाग खड़ा हुआ। मैंने कहा देख अगर तुमने मेरे और भीम सिंह के बिच आने की कोशिश की तो जान ले लुंगी। आज के बाद ये बात समझ लेना। पर दोस्तों वो भीम सिंह दूध वाला अब आ ही नहीं रहा है। वो भाग गया। पर अब मैं धीरे धीरे अपने जेठ के करीब आ रही हूँ। मैं आपको अपनी दूसरी कहानी में बताउंगी अपनी एक और चुदाई की कहानी।
 

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