Incest तीनो की संमति से .....

Dark knight
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कुछ दिन पूरा माहोल शोकग्रस्त रहा | धीरे धीरे सब घर के लोग अपने वास्तविक जीवन में प्रश्थापित हुए |

और ऐसे ही एक दिन सब तीनो अपने घर में बैठे हुए थे रविवार का दिन था जैसे पहले ही था

रमेश: मोम अब हमें क्या करना चाहिए ??? आखिर कब तक ऐसे ही चलेगा अब हमें पूजा के बारे में और सोचना चाहिए? या फिर जैसे अभी चल रहा है वैसे ही चलना चाहिए ?

मोम: नहीं बेटा हमें पूजा के बारे में सोच ना चाहिए और जल्द से जल्द

कोमल: “भैया आप ने शायद सब सोच रखा है लेकिन आप जैसे शतरंज की चाल जैसे चल रहे हो ऐसा मुझे लगता है अगर आपन ने कुछ सोच के रखा है तो बताओ तो ज्यादा समय व्यतीत ना हो और हम उस पर पूरा ध्यान दे सके” “भाभी आप भी कुछ नहीं बोल रहे”

मोम: yes बेटा कोमल सही कह रही है अगर तुम ने कुछ सोचा है तो बताओ फिर जैसा भी हो हम लोग पूरी चर्चा के बाद ही सर्वानुमत ही कोई निर्णय लेंगे या ऐसा होता है की सब की सोच अलग अलग हो ती है या हो सकती है फिर तय करना मुश्किल हो जाएगा सब को ओनी सोच सही लगती है तो मेरा भी यही सुझाव है की तुम ने कुछ सोचा है तो बताओ वैसे भी अब प्रदीप नहीं है तो उनके बारे में जो सोच रखा था वो तो होना नहीं है अब दुसरे पहलु पे सोचे”



रमेश: “फिर भी मै सब के मन का समजना चाहूँगा और को इहो ऐसा तो अच्छी बात है

सभी ने अपने अपने विचार रखने शुरू किया मोम ने अपने भाई के बारे में बताया तो कोमल ने अपने ही किसी स्कुल का सीनियर के बारे में बताया पर सब में या ओ रमेश ने मना किया आया फिर पूजा ने

मोम:”अब तुम ही बताओ रमेश हम ने हमारा सोच कह दिया और नकारा भी गया”

रमेश: “मोम, कोमल,पूजा मै क्या सोचता हु की कुछ ऐसा हो जो हमारी फेमिली से हो और हम अपनी ही फेमिली में एक नया रिश्ता बनाए जिस से कोई हंगामा नहीं हो और सब सही तरीके से चलता रहे| ये एक दो दिन की बात नहीं है शायद हो सकता है की बच्चा होने का बाद भी ये रिलेशंचालू रहे और उसमे किसी को कोई आपत्ति ही ना हो और सब सही तरीके से चले |”

मोम:”हां ये भी सही है लेकिन अब तुमने सोचा है या फिर तुम दोनों का कोई अलग सोच के ही रखा है तो सिर्फ बताओ हम या मै हामी भर दूंगी|”

“जी भैया” कहती हुए भाभि के पेट पे हाथ घुमाते हुए बोली| “अब जल्दी ही कुछ करो यहाँ कुछ भरने के लिए”



“अब सब suno मैंने काफि सोच विचार के बाद ये निर्णय पे आया हु शायद आप लोगो को पसंद आये या ना भी आये” कह के रमेश ने बोलना शुरू किया .......................................



बहोत और सब जगह से सोच विचार करने के बाद सभी ने उस सोच को अपनाने ने के लिए हां मी भर दी |



अब उसका नतीजे के स्वरुप आप लोगो ने अब तक की कहानी सुन राखी है या पढ़ राखी है मतलब ये है की अब तक की कहानी जो आपने पढ़ी वो एक प्लान के स्वरुप चल रही थी और वो सब दिमांग रमेश का था| और आगे जो चलेगा वो सब रमेश के दिमांग की उपज होगा जिस में उसके घर वालो की रजामंदी से चल रहा है|

लेकिन इस बात की दीपू को या मंजू को कोई भी भनक नहीं है| ना पूजा ने बताया ना रमेश ने किसी को कुछ भी नहीं पता सिर्फ रमेश पूजा और उसके घरवालो के अलावा आपको पता है तो आप को भी विनंती है की आप भी किसी को ना बताये वैसे भी किसी के घर में क्या हो रहा है हमें क्या!!!!!!!!!!!!



अब हम चलते है वापिस अपनी कहानी पे जहा हम ने छोड़ा हुआ था|



ट्रिन.......ट्रिन.........ट्रिन.......पूजा का मोबाइल बज उठा

पूजा ने स्क्रीन पे देखते हुए थोडा मुस्कुराई और फोन पिक किया

हल्लो .....

सामने से आवाज आई “hello आपको तो हमारी याद आएगी नहीं सोचा हमें ही याद करना पड़ेगा”

पु:”अरे एसा कुछ नहीं है डियर मै तुम लोगो को कैसे भूल सकती हु भला”

सामने: “खेर आपका फोन अब तक नहीं आया तो मुझे तो ऐसा लगा की मुझे आपको याद दिलानी ही पड़ेगी की दुनिया में और कोई भी है ....और बताओ बाकी आप लोग कैसे है?”

पु; “जी हम लोग तो सही है और अच्छे है आप लोग कैसे है और हां भूल ने की कोई बात ही नहीं बस समय नहीं मिला”

और दोनोने कुछ बाते की जो मंजू ने कुछ ध्यान नहीं दिया उसका मन कही और ही चल रहा था अब वो दीपू के बारे में कुछ ह्ज्यदा ही सोच ने लगी थी|

आखिर फोन पर बात ख़तम होने के बाद पूजा वापिस अपने मा की पास आई और कुछ इधर उधर की बात हुई


“मम्मी, दीपू ने मुझे जिंदगी का असल आनंद दिया है। उसी ने मुझे बताया की एक मर्द एक औरत को कितना मज़ा और आनंद दे सकता है, सच माँ, दुनिया ने तो जितना दर्द दिया सब भुला दिया भाई ने। चाहे दुनियाँ इस प्यार को जो चाहे नाम दे, या पाप कहे लेकिन मेरे लिए दीपू किसी भगवान से कम नहीं है। मेरे लिए देवता है, मेरा मालिक है, मैं तो अपने भाई के साथ ये जिंदगी बिताने के लिए कुछ भी करने को तैयार हूँ। कल तक लण्ड, चूत, चुदाई जैसे शब्द मुझे गाली लगते थे, लेकिन आज ये सब मेरी जिंदगी हैं। मम्मी, तू तो मेरी मम्मी है। तुझे तो मेरी खुशी की प्रार्थना करनी चाहिए। अब तो तुझे भी मर्द का सुख ना मिलने पर दुख हो रहा होगा। मम्मी, अब मैंने दीपू को अपना पति, अपना परमेश्वर मान लिया है…”



यहाँ से हमें आगे जाना है

मुझे खुशी थी की पूजा दीदी खुद सारी जिंदगी मेरी बनकर रहना चाहती थी। वाह… बहन हो तो ऐसी।

पूजा दीदी और मम्मी को अकेले छोड़कर मैं अपने रूम में चला गया। कपड़े चेंज किए और घर से निकल गया। शाम को जब वापिस आया तो मम्मी मुझे अजीब नज़रों से देख रही थी। मम्मी ने भी आज लो-कट गले वाली स्लीवलेस कमीज़ और सलवार पहनी हुई थी। मम्मी का सूट इतना टाइट था की उसमें से मम्मी की बाडी का हर अंग का पूरा आकार सॉफ-सॉफ नज़र आ रहा था।

मेरे सामने मम्मी आंटा गूंधने लगी। जब वो आगे झुकती तो उसकी चूची लगभग पूरी झलक जाती, मेरी नज़र के सामने। मेरा लण्ड खड़ा होने लगा। अपने लण्ड को मसलते हुए मैंने सोचा की चलो दीदी को कमरे में लेजाकर चोदता हूँ। तभी माँ फिर से आगे झुकी और मेरी तरफ देखने लगी। उसकी नज़र से नहीं छुपा था की मैं मम्मी की गोरी-गोरी चूचियों को घूर रहा हूँ। तभी उसकी नज़र मेरी पैंट के सामने वाले उभार पर पड़ी। मेरी प्यारी मम्मी मुश्कुरा पड़ी।

मम्मी की मुश्कुराहट को देखकर मेरे मन में आया की उसको बाहों में भर लूँ और प्यार करूँ। मैंने कहा-“मम्मी, पूजा दीदी कहाँ है? दिखाई नहीं पड़ रही कहीं भी…”

मुझे याद आया कल रात की बात मम्मी बहार हम भाई बहन को देख रही हैं। लेकिन हम इस बात से अंजान थे। मैं पूजा दीदी के साथ लिपट कर सो गया। चुदाई इतनी ज़ोरदार थी कि मुझे पता ही नहीं चला कि मैं कब तक सोता रहा। जब नींद खुली तो दोपहर के 12 बज चुके थे। दीदी मेरे बिस्तार में नहीं आप। उठ कर कपड़े पहनने और मैं नहाने चला गया। पिछले दिन की शराब का नशा मुझे कुछ सोचने से रोक रहा था.. सर भारी था। नहा कर जब बाहर निकला तो मैं चूसूंगा। दीदी के साथ चुदाई की याद मुझे अभी भी उत्तेजित कर रही थी। रात के बाद दीदी की चुदाई का अपना ही अलग मजा था पर मुझे डर था कि कहीं मां हमारी इस रिश्ते से नाराज तो नहीं होगी? ये सवाल मेरे दिमाग में कौंध रहे थे।



मम्मी-“अब सारा प्यार अपनी पूजा दीदी को ही देता रहेगा या अपनी इस मम्मी को भी कुछ हिस्सा देगा? बेटा, पूजा तुझसे बहुत खुश है। लेकिन हम लोगों को प्लान करना पड़ेगा। हम तीनों को किसी ना किसी चीज़ की ज़रूरत है। जमाई राजा ने जमाई का काम तो कुछ नहीं किया, लेकिन उसको हम ब्लैकमेल ज़रूर कर सकते हैं। तुम ऐसा करो की कुछ बीयर वगैरा ले आओ और हम मिलकर रात को बीयर पीकर बात करेंगे और हाँ कुल्फि तो तू अपनी दीदी को ही खिलाएगा, माँ की तुझे क्या ज़रूरत है? तुझे तो बस यही पता चला की मुझे एक अच्छे दामाद की ज़रूरत है। पर तूने इस बात का कभी नहीं सोचा की पूजा को भी पापा की कमी महसूस होती होगी…”



“क्यू तुझे अब पूजा के सिवा कोई दिखता नहीं है” ये सुन कर.... या इतना बोल मम्मी मंद मंद मुस्कुराने लगी मुझे समझ आ गया कि मम्मी का मन आज मस्ती करने का है मै थोड़ा सोच समज कर आगे बढ़ रहा था कि कहा मैं गलत ना हु मम्मी की बात सुन कर मैंने मम्मी की आंखें मेरी आंखे डाल कर कहा,

“ दिखता तो मुझे बहुत है पर क्या करूं कोई मुझे प्यार करने वाला मिले तब ना”

मम्मी; “अब सारा प्यार अपनी पूजा दीदी को ही देता रहेगा?”

मम्मी की इस बात पर मैंने कहा “मम्मी आपकी ही बेटी पूजा चाहती थी कि मैं उससे भाई के साथ साथ पति का बी प्यार दूं।“

मेरी बात सुन कर मम्मी, कुछ इस अंदाज में बोली “अच्छा तूने तो जान लिया कि पूजा को पति के प्यार की जरुरत ही तूने ये नहीं देखा कि पूजा को पापा के प्यार की भी जरूर है या..........

मम्मी ये बात बोलते अपने होंथ अपने दांतो मी दबा कर कटने लगी मम्मी ये बात बोलते अपने होंथ अपने दांतों में दबा कर काटने लगी। मैं मम्मी की बात समझ गया कि वो क्या कहना चाहती थी, मैं मुस्कुराता हुआ मम्मी के पास गया और मम्मी को कहा “अपनी बहन, मेरे साथ आए मम्मी का चेहरा उठा कर पूजा को तो पति के साथ, पापा के प्यार की ज़रुरत ही, पर पूजा की मम्मी को किसके प्यार की ज़रुरत ही ज़रा हमें भी तो पता चले और मम्मी की आँखे मी आँखे डाल कर मुस्कुरा कर “बताओ ना पूजा की मम्मी की पूजा की मम्मी को किसके प्यार की ज़रुरत है मेरे इस तरह रोमांटिक तारिके से पूछने पर मम्मी बड़े प्यार से मेरे कंधे पर अपना सर रख कर बोली.......................



अब अगले पार्ट में क्या होगा आप सको पता ही है ...............
Well...
abhi dipu ko bahanchod ke bad machod bhi banana hai...
Good going,
Keep updating
Love ❤️
 
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चलो अब आगे चलते है मजेदार एपिसोड में ............



“पूजा के पापा को पता होगा कि पूजा की मम्मी को किसका प्यार चाहिए”,

मम्मी ये बात बोलते अपने होंथ अपने दांतों पर मी दबा कर काटने लगी। मुझे मम्मी की बात समझ में आ गई कि वो क्या कहना चाहती थी, मैं मुस्कुराते हुए मम्मी के पास गया और मम्मी को अपनी बाहो मी भारते हुए मम्मी का चेहरा उठा कर बोला

“पूजा को तो पति के साथ पापा के प्यार की जरूरत ही पर पूजा कि मम्मी को किसके प्यार की ज़रूरत है? हा ज़रा हमें भी तो पता चले”



और मम्मी की आँखे में मेरी आँखे डाल कर और मुस्कुरा कर प्रेम से पूछा



“बताओ ना पूजा की मम्मी की पूजा कि मम्मी को किसके प्यार की ज़रूरत है?”

मेरे इस तरह रोमांटिक तारिके से पूछने पर मम्मी बड़े प्यार से मेरे कंधे पर अपना सर रख कर



“पूजा के पापा को पता होगा कि पूजा की मम्मी को किसका प्यार चाहिए पर किसी को पूजा की मम्मी की क्या चिंता है?”

“ क्या कह रही हो पूजा की मम्मी अगर पूजा की मम्मी की चिंता पूजा का पापा नहीं करेगा तो कौन करेगा!!!!! पता नहीं तुम्हें पूजा की मम्मी पूजा के पापा को कितनी चिंता है”?



मै मम्मी के मस्त मुलायम गालों से खेलते हुए बोला

“पूजा की मम्मी, पूजा का पापा तो ये चाहते हैं कि पूजा को पापा का दू और प्यार मिले पर क्या करूं अगर मै पूजा को पापा का प्यार देता हूं तो कहीं उसकी मम्मी को बुरा ना लगे।“



मैंने अपनी बात से मम्मी को ये सिग्नल दे दिया था कि मैं उसे चोदने के लिए कब से तड़प रहा हूँ। मम्मी मेरी आँखो में देख कर बोली

“अच्छा पूजा की मम्मी को बुरा क्यों लगेगा अगर तू उसे पापा का प्यार देगा तो उसे तो अच्छा ही लगेगा ना “.ओर अपनी अलग सी स्त्री अदा से मुस्कुराने लगी.



मै: वैसे मंजू पूजा बता रही थी कि उसकी मम्मी को किसी और के प्यार की ज़रुरत है???”

मम्मी; “अच्छा एसा कहा पूजा ने। वैसे तुम्हें क्या पता कि उसकी मम्मी को किसके प्यार की ज़रूरत ही है?”

“पूजा बता रही थी उसकी मम्मी को किसी मर्द के प्यार की जरुरत ही जो उसे बाहों में भर कर प्यार कर सके क्यू मंजू, पूजा सच कह रही थी ना?। की पूजा की मम्मी को किसी मर्द के प्यार की जरुरत है। बताओ ना तुम्हें अच्छा लगता ही कोई मर्द तुझे बहुत अच्छा प्यार करे”

मम्मी; ”अच्छा पूजा ने ऐसा कहा था। मम्मी मेरी बाहो मी शर्म से और मुस्कुरा रही थी और मम्मी के गाल एकदुम से लाल हो चुके थे

मम्मी मेरी बाहो से निकलने का नाटक करती बोली “मै पूजा को भेजती हु बहुत मिस कर रहे हो ना पूजा को।!!!!! आपके पास तो उसके लिए पति का प्रेम बहोत पड़ा हुआ है”

मै अब कुछ ज्यादा ही खुल के बोला “ मेरी जान, इस समय तो मेरी पूजा को नहीं बल्की उसकी मम्मी को मिस कर रहा था और देखो जिसको मिस कर रहा था वो खूबसूरत हसीना मेरी बाहों में है।“



मां; ” बड़े चालाक हो मेरी बेटी के बाद उसकी मम्मी को ही फंसा रहे हो। दोनों से प्रेम कर रहे हो !!!! क्या इतना प्रेम भरा पड़ा है पूजा और उसकी मा के लिए!!!!!!!!!!”



मै;” क्या करु रानी तुम हो ही ऐसी चीज किसी को पागल बना डालो। मंजू तुम ने मेरी जिंदगी में इतनी खूबसूरत लड़की दी लेकिन तुम तो भगवान का दिया हुआ अनमोल खजाना हो



और मैंने मम्मी के चिकने गालों को सहलते हुए कहा “वैसे मेरी पूजा की मम्मी को क्या अच्छा लगता है?”



मेरी बात सुन मम्मी बोली “क्या मेरे पास है ऐसा कुछ अच्छा लगने वाला????



तो मैंने कहा “क्यू नहीं मुझे तो बहुत कुछ अच्छा लगता है” उसकी मम्मी को ये बात बताओ



मेरे लिए मम्मी के लाल लाल मुलायम गालों को सहलते हुए मैंने कहा “पूजा की मम्मी मुझे तो बहुत कुछ अच्छा लगता है तुम बताओ तुम्हें क्या अच्छा लगता है

और मम्मी को अपनी बाहों में ले लो अपने होठों को मम्मी के मुलायम गालों पर रगड़ने लगा तो मम्मी मेरी आंखे मुझे देखती मुस्कुरा रही थी और बोली

“पहले पूजा का पापा बताएं कि उन्हें क्या अच्छा लगता है बाद में बताऊंगी”

तो मैंने मम्मी के चिकने गालों को सहलते हुए मम्मी के चेहरे को अपनी तरफ घुमाते हुए, “क्या कहा पूजा की मम्मी!!!,

“पूजा के पापा वैसे पूजा की मम्मी, उसके पापा ने ये बता दिया कि पूजा के पापा को क्या अच्छा लगता है तो कहीं पूजा की मम्मी बुरा ना मान जाए”



तो मम्मी वोही मादक अदा से मेरी आंखें में आंखे डाल मुस्कुराती बोली “बता ही डालो कि पूजा के पापा को क्या अच्छा लगता है हाय फिर जो होगा देखा जाएगा।“



मुझे समझ आ गया कि मम्मी इस समय पूरी गरम है तो मैंने हिम्मत करके बोल ही दिया।



“पूजा की मम्मी मुझे तो तुम्हें प्यार करना अच्छा लगता है,”



इस पर मम्मी आंखे बंद करके अपने होंथ मेरे होठों की ऑर बढाते एक सेक्सी अंदाज में कहने लगी

“तो फिर करो ना प्यार मुझे तुम को किस ने रोका है और अपने होठ मेरे होठों पर रख कर चूमने लगी मैंने भी मम्मी के होठों को अपने होठों से ले कर चुसने लगा मै मम्मी के होठों को चूस जा रहा था। मैं मम्मी के होठों को चूस रहा था कि मम्मी मेरी बहो में कसमसा रही थी|

मेरे होठों को चूम रही थी मै मम्मी के गालों को चूम रहा था मम्मी मेरी बाहों में थी



“क्या कर रहे हो दम घुट रहा ही सांस तो लेने दो!!!!!”



लेकिन मेरे लिए मम्मी के चिकने गालो पर अपने होंथ रगड़ते बोला,



“कितनी नमकीन हो तुम कितनी नरम हो तुम करने दो प्यार मुझे मेरी जान”



मम्मी मेरी बहो से निकल कर शरमाते हुए मुझसे अलग हुई और बोली



“क्या जी बड़े वो हो गए हो”

“वो????? वो क्या हू मै????

मम्मी; अपनी गर्दन निचे की और जुकते और शरमाते हुए अपनी एक बाह को मेरे गले में डालती हुई बोली

“बड़े बदमाश हो तुम पूजा के पप्पा”

मै मम्मी का सुंदर चेहरा अपने हाथो में लेके उसके चिकने गालों को सहलते बोला



“जब तुम जैसे सुंदर अप्सरा मेरी बाहो में होगी तो बदमाश हो ही जाऊंगा ना जान” और मै उसके कान में फुसफुसाया “मुझे पूजा की मम्मी अक मस्त माल सी लग रही है”

“पूजा के पापा बदमाशिया ना करो और ये माल मै आपकी कब से हु आपका माल तो पूजा है उसके माल से खेलते रहते हो” मुझे चिड़ाते हुई बोली

“देखो पूजा की मा अगर अगर तुम जैसा माल मेरी बाहों में हो तो पूजा का पप्पा बदमाशिया तो करेगा ही और बदमाशिया पूजा की मम्मी के साथ नहीं करेगा तो किसके साथ करेगा|”

मम्मी शरमाते हुए “क्या तुम भी ना इतनी बदमाशियां मुझे नहीं चाहिए”



मै;” पूजा की मम्मी, अगर पूजा का पप्पा बदमाश है तो तुम भी बदमाश बन जाओ ना मेरे साथ और करो ना बदमाशिया” मै मम्मी के पीछे गया और पिछे से मम्मी को अपनी बाहो मी भर लिया और एक हाथ उसकी गांड के दरार पे रख दिया थोडा हिम्मत कर के जो कल हुआ था उसी तरह ......................मम्मी भी आज कल की तरह ही अब तक अच्छा रिस्पोंस दे रही थी .................वैसे मुझे लगा की पूजा ने अपना कम कर दिया है पर मुझे अभी भी डर लग रहा था की काम बिगड़ ना जाये| हाथ में एक अच्छा भरा हुआ कसा हुआ दमदार माल है जो चला ना जाये ...................



बाकी कल
 
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चलिए चलते है अब आगे
 
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और मम्मी के गरदन और रेशमी झुल्फो को चूमते बोला

“अच्छा जी हमें भी तो बताओ कि हम बड़े वो क्या है?”

तो मम्मी इस बार मुस्कुराती बोली “बदमाश।“ .

मम्मी की बात सुन कर मैंने मम्मी को पलट दिया और अब मम्मी और मेरा चेहरा सामने था मैंने मम्मी को अपनी बाहो में ऑर जोर से कसते कहा

“मेरी जान अब जो भी है वो तुमने ही तो बनाया है तुम्हारी इस खूबसूरत जवानी ने।“



औरत अपनी तारीफ सुन कर कितनी खुश होती है अगर कोई इस समय मम्मी को देख ले तो ये बात बहुत अच्छे से जान ले| और मैंने फिर से अपने होठों को मम्मी के गुलाबी होठों पर रख दिया मै मम्मी के होठों को चूस रहा था और साथ ही मेरे हाथ मम्मी के मांसल बदन को सहला रहे थे | मम्मी की मस्त गद्देदार गांड को अपने हाथो से हलकी सी थप्पड़ मार रहा था जिस से मम्मी के मुँह से सिसकियाँ निकल रही थी पर ना उसने कोई मना किया ना मेरा हाथ उसने अपनी गांड की दरार से हटाया ना कुछ हिली बस मुझे उनकी गांड से खेल ने कका कुल्ला निमंत्रण था | हम दोनो के होठ आपस में जुड़े हुए और आपस में बाते करते होने के कारण मम्मी की सिस्की मेरे मुँह के अंदर ही दब कर रह जाती थी। मै मम्मी के होठों को चूमते मेरा हाथ जो पीछे था उससे आगे ले जाते हुए मम्मी के चिकने पेट पर फिराने लगा और धीरे-धीरे अपने हाथ को मम्मी की सलवार के अंदर सरकने लगा। मम्मी ने अपनी सलवार का नाड़ा बहुत कस कर बाँध रखा था और जैसे ही मैंने अपना हाथ मम्मी की सलवार मी घुसाने की कोशिश की मम्मी ने अपनी सांसों को अंदर खींच लिया जिससे मम्मी का पेट अंदर चला गया और अगले ही पल मेरा हाथ मम्मी की सलवार के अंदर चला गया। मम्मी ने शर्म से अपनी टांगों को कस कर जोड़ कर बंद कर लिया, मैंने अपने हाथ से खोलने की कोशिश की, लेकिन मम्मी की सलवार टाइट बंधी थी कि मैं मम्मी की टांगें खोलने में कामयाब नहीं हो सका तो मैंने मम्मी को चूम लिया।

धीरे से कहा “जान ये क्या प्लीज खोलो ना मुझे प्यार करने दो ना अगर पूजा के पप्पा उसकी मम्मी को प्यार नहीं करेंगे तो कैसे चलेगा फिर उसकी मम्मी मुज से नाराज हो जायेगी”

मम्मी मेरी बाहो मेरी खड़ी शरमाते हुए बोली “नहीं मुझे शर्म आती है।“



मैंने मम्मी की आंखें मेरी आंखें डाल कर कहा “मेरी जान अब पूजा के पापा से बहुत शर्म आती है। हम कोई गैर थोड़े ही है अब तो तुम पूजा के पापा की जान हो और इस पर अब पूजा के पापा का हक है ना, या इस पर अब सिर्फ पूजा के पापा का ही नाम लिखा है बोलो डार्लिंग लिखा हाय ना!!!!!



इस पर पूजा के पापा का नाम.मेरी बात पर मम्मी ढेर सी शरमा उठी।

मैं: “जान प्लीज खोलो ना अपनी टाँगे तुम्हें मेरी कसम मुझे उस खजाने तक तो जाने दो जो आपने छुपा के रखा है बरसो से और वो भी सिर्फ मेरे लिए और जब आज मौक़ा है तो टला लगा दिया”

जैसे ही मैंने मम्मी को अपनी कसम दी मम्मी ने अपनी टैंगो को ढीला छोड़ दिया जिस को मैंने असानी से अलग कर के खोल दिया। मम्मी ने जैसे ही अपनी तांगे खोली मेरा हाथ मम्मी के अनमोल खज़ाने से टकरा गया मेरी ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा अब ये किमती खज़ाना मेरा था और मैं इस खज़ाने का मालिक था।

मम्मी की चूत पर थोड़े बालो का जंगल था। जो कांटे के माफिक थे| मम्मी की चूत पर इतने बाल थे मानो थोड़े दिन पहले ही उसे उनको सवारा ही गया हो। मेरे अपने हाथ से मम्मी की चूत को उनकी झांटों के साथ ही मसल रहा था जिससे मम्मी मस्ती में सिसक रही थी। मम्मी की झांटे इस समय पूरी तरह से गिली थी जो ये बता रही थी कि मम्मी इस समय बहुत गरम हो रही थी या करण उसकी चूत पानी छोड़ रही थी। कुछ देर मम्मी की झांटो से पर अपना हाथ फेरा ते मैंने अपनी उंगली को मम्मी की चूत में डाल दिया मेरी उंगली अपनी चूत मी जाते ही



मम्मी हल्के से उछल पड़ी पड़ी, आज बरसो बाद उसकी चूत के अंदर किसी ने कुछ डाला था मम्मी की गालों से मैंने मां की आंखें मी आंखे डाल कर कहा “क्या हुआ मेरी जान अभी तो ये छोटी सी उंगली गई ही तेरे अंदर तो तुम इतनी चीख रही हो या जब पूजा के पापा का मसल जैसा लंड अंदर जाएगा तब क्या हालत होगी तेरी” मैंने जान बुज कर लंड शब्द इस्तेमाल किया था ताकि अब शर्म मुझे ही तो तोडनी थी | मेरी बात पर मम्मी शर्मा उठी।



मै: “मंजू कितनी टाइट है तुम्हारी”

मम्मी; “बरसो से ये बंद पड़ी है”

मैं: “ ठीक कह रही हो बारसो से बंद रहने के कारण इसके दरवाजे जाम हो गए आज मेरा ये लंड अंदर तक स्पेसियल सफेद तेल डाल कर के दर्द से तेल लगाने का काम दूंगा फिर देखना कितनी आसान से अंदर आती जाती है।“

मम्मी बी समज चुकी थी कि मेरी कोन से सुरक्षित तेल को उसकी चूत मेरी दाल कर उसकी दिवारो को चिकना करने की बात कर रहा था| मम्मी ने जब कुछ नहीं कहा बस शरमाती रही तो मेरे लिए ये ग्रीन सिग्नल था कि मम्मी मेरे माल से अपनी चूत को खोलना चाहती है| मै थोडा डरे से मम्मी को चुमते और एक हाथ से मम्मी की चूत में उंगली करते हुए बोला ये

“क्या मंजू, क्या तुम इसकी सफाई नहीं करती देखो यहां कितना घना जंगल बना रखा है”

“हाय” तो मम्मी मस्ती में आंखे बंद करते हुए बोली “अभी थोड़े महीने पहले हिसाफ किया था पर इसका इस्तेमल अब होता ही कहा है तुम्हारे पापा के जाने के बाद इसकी ऑर देखता ही कोन है”

तो मैंने मम्मी की आंखे मे आंखे डाल कर बोला “क्या अब भी नहीं करोगी इस को साफ??? अब तो इसका रोज इस्तेमाल होगा जानती हो पूजा के पापा को चिकनी चूत ही अच्छी लगती है जिस पर वो अपना घोड़ा सरपत दौड़ा सके”

क्यू क्या कहना है? दौड ने डौगी ना अपने बेटे और पूजा के पति और तुम्हारा भी पति के इस लंड को??? और अपना हाथ मम्मी की सलवार से बाहर निकला मेरी उंगली मम्मी की चूत के रस से भरी हुई थी जिसे मैंने मम्मी की आंखो में देख कर अपने मुंह में दाल कर चूसने लगा और मम्मी की आंखो में देख कर बोला “

कितना स्वादिष्ट है ये चूतरस अब तो मै रोज इस रस को चखूंगा वो भी सिधा बहा से ही अपना प्यार लगा कर।“

मम्मी मेरी बात सुन कर थोड़ी सिकुड़ गई और बोली

“धत् तुम भी ना...” और अपना चेहरे एक तरफ मोड़ दिया लेकिन अब मैंने सोचा अपने जाल में आई चिड़िया को चोदने वाला था| मैंने प्यार से अपने हाथों से मम्मी के कांधे को पकड़ा या अपने एक हाथ से मम्मी की ठुड्डी पर से पकड़ कर अपनी तरफ घुमाते बोला,

” मंजू बोलो चखाओगी ना पूजा के पापा को अपना मीठा रस”

तो मम्मी को मुस्कुरा कर अपनी आँखों से ग्रीन सिग्नल देने लगी तो मैंने मम्मी को अपनी बाहो में कस्ते हुए कहा

“मेरी डार्लिंग तेरी इसी अदा का तो मैं दीवाना हूं। मेरी जान पूजा के पापा की जान हो तुम बोलो ना पिलाओगी ना पूजा के पापा को अपना एनर्जी ड्रिंक”

मम्मी को मेरी आँखों में देखकर ग्रीन सिग्नल दे दिया।

मै: “मेरी जान हम भी आपको अपना एनर्जी ड्रिंक पिलाएंगे मम्मी मेरा लंड चूसने की बात सुन कर मुस्कुराने लगी और मैंने उसके स्तन (धइले) पर हाथ रख कर थोडा सा मसल ने लगा|

मेरे मन में मम्मी के लिए इतना प्यार आया कि मैंने उसको बाहों में ले कर चूम लिया।

मम्मी अपने धइले को मेरे द्वारा मसले जाने की वजह से उसकी सांसें भी तेज़ हो गईं और उसके सीने का उत्थान ऊपर नीचे होने लगा। मम्मी की चूची मेरी छाती से चिपक गयी। मुझे वही लग रहा है जो पूजा दीदी को किस करते हुए हो रही थी। मुझे लग रहा था कि मेरा प्यार मेरी बाहों में है। जब मैंने मम्मी के मुंह में अपनी जुबान डाल दी तो मम्मी उसे चूसने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था और मेरा लंड अब फिर से मम्मी के पेट से टकरा रहा था। मैंने अब हर हद पार करते हुए मम्मी कपाट के ऊपर से खड़े लंड की ऑर इशारा किया और मम्मी का हाथ अपने तड़पते हुए लंड पर रख दिया|

मम्मी ने पहले तो मेरा लंड थाम लिया और मेरे लंड को सहलाने लगी मम्मी को इस तरह अपना लंड सहलाते हैं देख अपनी आंखे मम्मी की आंखो में डाल दी या मम्मी से पूछने लगा

“ मेरी रानी केसा लग रहा जो रात को देखा था कि पूजा कैसे मेरे लंड से खेल रही थी”

मम्मी की तो मानो चोरी ही पकड़ी तो मम्मी अपनी आंखे मेरी आंखो से हटा कर बोली,

“नहीं तो मैं कह रही हूं मुझे कुछ नहीं पता तो मैं मम्मी के चिकने गालों को मसल कर बोल चल झूठी मुझे सब पता ही है कि कैसे तू मेरे काले नाग को देख रही थी बता ना तुझे मेरा केला कैसा लगा? बता ना मेरी छमकछल्लो तुझे पूजा के पापा का लंड कैसा लगा???”

मम्मी; शरमाते हुए:” मुझे नहीं पता”

मैं: “अरे शरमाती क्यों हो? बता ना केसा लगा तुझे मेरा फुला हुआ लंड तूने क्या किसी मर्द का देखा है? पूजा के पापा का केला पूजा की मम्मी नहीं देखेगी तो क्या दूसरी औरत देखेगी? बता ना देखा पूजा की मम्मी ही देखेगी ना .देखा था ना मेरा. हमें भी तो पता चले पूजा की मम्मी को उसके पापा का केला कैसा लगा छोटा तो नहीं लगेगा ?

मम्मी शरमाते हुए हा में सर हिला देती है

मैं:”तो फिर बता मेरी जान तुझे पूजा के पापा का केला केसा लगा। वैसे आपकी बेटी इस लंड पे पागल हो गई है अब उसकी मम्मी को भी पागल कर दूंगा बस तुम्हारे इस चीरे के अन्दर गया तो मुझे लगता है की तुम भी इस लंड के लिए कुछ भी करोगी”



मम्मी: “निचे की ऑर देखते हुए “बड़ा काला है”

मै: तो क्या हुआ मम्मी लंड तो काले ही होते है और काले लंड में मलाई भी उतनी ही सफ़ेद आती है देखना तेरी बेटी को इसी लंड से बच्चा होनेवाला है”

मम्मी: “पता है पूजा कह रही थी” उसने अभी तक निचे से ऊपर नहीं देखा बस मेरे लंड की ऑर देख रही थी शायद wait कर रही थी की कब ये लंड उसे उसके सभी छेदों को छेदेगा


चुदाई आगे भी जारी रहेगी ...............जाइएगा नहीं ............
 
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चले अब आगे देखते है दीपू और मंजू कितने आगे बढे .......................



मैं: ” काला है तो क्या पर तुम जैसी गोरियों को काला ज़्यादा पसंद होता है। क्यों तुम्हें काला पसंद नही? अगर काला पसंद नहीं मेरी जान तुम अपने हाथों से क्रीम लगा कर इसको गोरा कर देना”

मम्मी शरमाते हुए “ऐसा नहीं है”

मैं: “यानी तुझे भी काला पसंद है”

मम्मी: “पर तुम्हारा बहुत बड़ा मोटा है”

मैं: “ सिर्फ मोटा है लंबा नहीं!!!! तुम्हारे पहले पति का कितना था बताओ ना”

मम्मी धीरे से शरमाते हुए “उनका भी तुम्हारे जितना पर तुम से कम मोटा।“

फिर तो तुम्हें खांख मजा आता होगा तेरे इस पूजा के पापा का झांटे ही कितना बड़ा है पूरे 8 इंच का पूरा अंदर तक जाता है बच्चेदानी तक, जब मेरा बड़ा सा लंबा मोटा अंदर जाएगा तो ऐसे चीखेगी जैसे सोलह साल की लौंडिया चीखती है। मेरी जान ये मेरा हथियार तुझे सोलह साल की लौंडिया बना देगा ये मेरा हथियार,”

मेरे हथियार के बारे सुन कर मम्मी हैरानी से अपना मुँह हाथ से दबाते हुए “क्या इतना बड़ा वैसे बाप वैसा बेटा”

मैं: “अरे बड़ा है तभी तो तुझे मजा आएगा क्यू पगली तुझे बड़ा पसंद नहीं मेरा बड़ा और मोटा जब तुम्हारे चूत का भोसड़ा बनाएगा तो देखना तुझे कितना मजा आएगा”

मम्मी: “मुझे नहीं पता”

मैं: हाय हाय मेरी छमकछल्लो कैसी शरमा रही है, अरे बता ना रात को पूजा को मेरा मस्त केला खाते देख तेरा दिल भी मेरा केला खाने को कर रहा था ना?”

मै: “ बोल ना अब क्यू शरमा रही हो, पूजा के पापा का केला देख कर तेरा दिल भी किया था ना तूने भी अपनी सलवार उतार कर खुजली मिटाई थी ना!!! बता ना कैसे मिटाई थी खुजली उंगली से या फिर गाजर से???”

शर्म की मारी मम्मी का लाल चेहरा देखने लायक था मम्मी मेरी बाहो में आंखे झुकाए शरमा रही थी मैं मम्मी को अपनी बाहो में ज्यादा भ्सिते बोला

“मेरी जान अब से तुम्हें अपनी उंगली से अपनी खुजली मिटाने की जरूरत नहीं अब पूजा का पापा ही तुम्हारी खुजली मिटाएगा। आज तुम्हारी नथ उतरूंगा तुम्हे पहले से बेहतर औरत बनाऊंगा आज तुझे पता चलेगा असली मर्द के साथ सोने तुझे कितना मजा मिलता है”

“मेरी जान आज मैं अपनी रानी को अपना मस्त केला खिलाऊंगा ऊपर से भी और दूसरे से दो छेदों में भी बोलो खाओगी ना!!!”

मम्मी: “ मुझे नहीं पता”;

मै:” पूजा की मम्मी अगर तुझे नहीं पता तो फिर किसे पता होगा। पूजा के पापा का केला तो पूजा की मम्मी ही खायेगी ना बोल ना पूजा की मम्मी कैसे खायेगी केला निचे लेट कर या फिर जैसे पूजा खाती है ऊपर चढ़ कर घोड़ी बन कर। बोल ऊपर चढ़ कर खायेगी या घोड़ी बन कर पूजा की मम्मी”



मैं: ” देखा था ना पूजा कैसे मेरे लंड पर बैठ कर कितना मजे से उछल रही थी वैसे ही. पूजा के पापा की गोद में बैठ कर उछाल उछाल कर मजा लोगी या फिर इस गोरी को घोड़ी बना कर पीछे से ठोकू”

मम्मी ने शरमा कर अपना चेहरा मेरे सीने मैंने छुपा लिया, फिर अचानक अपना हाथ पीछे खींच लिया,

“'नहीं दीपू बेटा...नहीं...ये ठीक नहीं है...छोड़ दो मुझे!!''

शायद मम्मी के मन में हमारे रिश्ते के कारण झिझक सी आ गई थी या वो इसे पाप समझने के कारण पीछे हट गई थी या फिर क्या पता कुछ नाटक ही कर रही थी|||| लेकिन मेरी तो गांड ही फट गई थी |

मैं मम्मी का हाथ पकड़ कर अपने से चिपकते हुए कहा :” डार्लिंग मैंने ये हाथ छोड़ने के लिए नहीं पकड़ा अब से तुम मेरी हो मेरी और आज रात मैं तुम पर अपनी पक्की मोहर लगा दूंगा”।

पक्की मोहर लगाने की बात कह कर एक तरह से मैंने मम्मी को बता दिया था कि आज मैं उसको चोद कर हमेशा हमेशा के लिए अपनी बना लूंगा।

बनोगी ना मेरी?? पूजा की मम्मी

मम्मी का दिमाग अब भी शायद हमारे इस नए रिश्ते को स्वीकार नहीं कर रहा था चाहे वो दिल से तो चाहती थी पर उसका दिमाग ये सोच रहा था कि ये गलत है इस के लिए ही वो मुझसे दूर हो रही थी पर मुझे अब डर लगने लगा की अगर मम्मी को मेरा और उसका ये रिश्ता गलत लग रहा है तो मेरा और दीदी का रिश्ता गलत लगने लगेगा या कहीं वो हम दोनो को प्यार करने से रोक ना दे मै यही सोच कर कांप उठा | और आज ही मम्मी को अपना लंड से चुदवा कर अपनी बनना चाहता था| मम्मी पर अपनी पक्की मोहर लगा कर उन्हें अपना बना लेना चाहता था। क्योंकि अब मैंने ठान लिया था और पूजा ने भी तो मम्मी को सही तरीके से बताया हुआ था तभी तो कह रहीथी की तेरा रास्ता क्लीन है जब चाहे मम्मी को चोद सकता है बस थोडा सा प्यार से | तभी से मेरे दिमाग में अपनी मां के लिए वासना भर चुकी थी। मैंने मम्मी का हाथ पकड़ कर अपनी ऑर खींची मम्मी मेरी बाहो में फिर से आ गई|

मेरा एक साथ मम्मी का हाथ पकड़ और दूसरा हाथ मम्मी की कमर डाल कर मम्मी को अपने से चिपका लिया | और अपना चेहरा मम्मी के चेहरे के पास ले जा कर मम्मी की बड़ी गांड को सहलाते हुए मम्मी से कहा,

“ मेरी रानी अब हम से दूर कहा जा रही हो और वो बी पूजा के पापा से!!! और मेरा जो हाथ मम्मी की गांड पर था वो अग्गे मम्मी की सलवार का नाड़ा ढूंढने लगा और जैसा ही मेरे हाथ मी मम्मी की सलवार का नाड़ा आया मै उसको खींचने लगा तो मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली

“प्लीज इसको मत खोलो”

मैं “ क्यू जान अब पूजा की मम्मी की सलवार खोलने का हक पूजा के पापा का है और तुम मुझे पूजा का पापा मान भी चुकी हो तो फिर सलवार खोलने का हक नहीं देती”।

और मम्मी का हाथ पकड़ कर अपना लंड पर रख दिया और अपने मुँह माँ के मुँह के करीब ले गया और बोला

“देखो ना रानी कैसे मेरा पप्पू अपनी रानी से मिलने को तड़प रहा है| मम्मी अपना हाथ मेरे लंड से हटाने लगी तो मैंने कहा “क्या हुआ मेरी जान क्या हुआ मेरी जान क्या तुम्हें मेरी कुल्फी पसंद नहीं आई”।

मेरी बात सुनते ही मम्मी बोली

“अरे नहीं जी ऐसी बात नहीं, कोन औरत होगी जिसको ये पसंद नहीं आएगा और तेरी ये कुल्फी नहीं ये तो मस्त खुलफा ही कोई बी औरत तुम्हारा ये मस्त खुलफा देख ले तो मुझे यकीन है कि इसे अपने में समाये बिना चैन नहीं लेगी”

मम्मी का इतना कहना ही था कि मै मम्मी की छातीयो को मसलने लगा और मम्मी की बगिया पर किस करने लगा (सच बात तो ये थी कि मम्मी को ये सब अच्छा लग रहा था लेकिन वो ऊपर से नाटक करती थी ताकि उसके और उसके बेटे के बीच में शरम का पर्दा बना रहे ..) और मै अब हाथ में आई हुई तक को किसी भी हालत में छोड़ न नहीं चाहता था मै उसे तन से तो ठीक है पर मन से भि नंगी करना चाहता था जैसे मै और पूजा दीदी खुल्लेआम लंड और चूत की बाते करते थे ठीक वैसे ही मै मम्मी को भि खुल्लेआम लंड और चूत की बाते करते हुए देखना चाहता था हलाकि मुझे पता था की मम्मी और पूजा दोनों आपस में काफी नंगी है|

मैं: ”अच्छा, मेरी जान फिर क्या तुम्हारा मन ये कुल्फ़ा खाने को नहीं करता। या फिर तुम औरत नहीं हो”।

मां: “धत् मुजे शर्म आती है”

मैं: ”हाय मेरी जान तेरी इसी अदा पर तो मेरी मौत हो गई अभी से इतनी शरम करोगी तो फिर बिस्तर पर मेरा साथ कैसे दे पाओगी?”

मम्मी - दीपू प्लीज पीछे हटो मुझे अभी बहुत काम करना है”

मै मम्मी की दूध को मसलते हुए बोला “मेरी जान मुझे भी तो आज आपका सारा काम करना है मेरी रानी अब से मेरा बेटा नहीं बल्कि तुम मेरे बेटे की मम्मी हो”।

मम्मी शरारत से – “बदतमीज कहीं का…!!! अपनी मम्मी से कोई ऐसी बात करता है”।

मै –“ बदतमीज दिल…. बदतमीज़ दिल……मने ना माने ना….”!!!!!

मम्मी- “हां बड़ा आया हीरो...चल पीछे हट अगर पूजा आ गई तो गड़बड़ हो जाएगी”

मै “-हाय मेरी रानी तेरे जैसी पटाखा माल पास हो तो गड़बड़ तो हो जाएगी। मेरी जान मुझे प्यार करने दो.. “

मम्मी; ”चल बदमाश कहीं का और हा अब ऑर इस से आगे नहीं बढ़ना”।

“और हां अब बस भी करो मै कोई ऐसी वैसी औरत नहीं हु मेरी भी कुछ इज्जत है थोड़ी लिमिट में रहो”।

“अगर ऐसा होता तो अब तक तुम्हारे बदन पर कोई कपड़े ही नहीं होते यहा इस सारे कमरे में ऐसे ही ज़मीन पर बिखरे पड़े होते या तुम मेरे सामने एक दम नंगी अपनी पैर खोल कर मेरे लौड़े के नीचे पड़ी होती या फिर”

मैंने मम्मी को बहो मी भारत हुए कहा “”मुझे एक बात बताओ तो”

मम्मी ने कहा “पूछ”

तो मैंने कहा “पापा के बाद उनकी हर चीज पर मेरा हक है?

तो मम्मी ने कहा “हा है तो???”

फिर अपने हाथ से मम्मी की गांड को सहलाते हुए पूछा “अगर है तो फिर पापा के सब से सीमित खज़ाने पर क्या मेरा पूरा हक नहीं? अगर पापा की हर चीज मेरी है तो क्या उनकी सुंदर जवान सेक्सी बीवी मेरी बीवी नहीं है? उनकी सुंदर जवान बीवी की जवानी का रस चूसने का हक क्या मुझे नहीं है?”

“या जिस तरह तूने पापा की हर चीज को भोगने का हक मुझे दिया और क्या अपनी जिंदगी में मम्मी पापा का हक नहीं दे सकती कि मेरे पापा की तरह ही आपकी जवानी को भोग लग सकता है?”

माँ अब चुप मेरी बाहो में मुस्कुरा रही थी और धीरे से बोली “लगता है आज तुम पूरी तरह से अपने पापा की जगह ले लोगे मुझे विधवा से फिर से सुहागन बना दोगे।“

मेने अपना एक हाथ को मम्मी की निपल से हटा दिया और और मम्मी से बोला “क्यों नहीं बनाऊंगा सुहागन अपनी रानी को तुम्हारी मांग मी भर दूंगा और तुम्हारी पैरो के बीच जो मांग है उसे मेरा ये लंड अपनी खुद की श्याही से भरेगा”

“तुम सारे रिश्ते भूल जाओ बस ये सोचो कि तुम औरत हो और मै एक मर्द। समझो मेरी छमकछल्लो”

और मेरे हाथ में मम्मी की सलवार का नाड़ा पे आ गया तो मैंने मम्मी का सलवार का नाड़ा पकड़ कर खींचने लगा तो मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ लिया तो मैंने मम्मी को चूमते कहा “क्या हुआ मेरी जान खोलने दो ना।“

तो मम्मी शरमाते हुए जल्दी से मेरी बाहो से निकल कर किचन में भाग गई।



मै: बहेनचोद, ये माल को पाना आसन नहीं रहेगा जितना पूजा की चूत का रास्ता मुझे जल्दी मिला था

मै मम्मी के पीछे पीछे किचन में गया और दरवाजे के पास ही खड़ा हो गया तो मम्मी मेरी ऑर पलट कर देखने लगी मम्मी हमें समय मेरी या देख कर मुस्कुरा रही थी तो मैंने मम्मी से दूर से खड़े हो कर कहा “मेरी जान क्या हुआ भाग क्यों रही हो खोलने दो ना”

तो मम्मी शामरते निचे देखती हुई ना में सर हिलाने लगी।

मै: ” अच्छा अभी तो भाग गई हो देखता हूं रात को कैसे मुझसे दूर भागती हो जब मैं तुम्हारा नाडा खोलूंगा।“ और हां अब खुल्ला बोल रहा हु की तेरी चूत का भोसडा बना दूंगा” शायद मैंने अपनी धीरज गवा दी थी |

मै;” मेरी रानी वो तो मैं खोल कर रहूंगा”।

मम्मी मेरी बात से बुरी तरह शरमा गई और बोली “धत् बदमाश।“

मैं मम्मी के पास गया और अपनी आंखे मम्मी की आंखो में डाल कर बोला,

“ मेरी रानी अभी से बदमाश कह रही हो अभी मैंने बदमाशी की ही कहा है, बदमाशी तो रात को होगी ना मेरी रानी जब तुम मेरे साथ बिस्तर पर हमसाथ होगी और तब मै तुम्हारी सलवार खोल कर तुम ऊपर चडूंगा और सच बात कहू तो तेरी इस चूत रूपी मांग को मेरा ये लोडा अपने सफ़ेद रस तेर मांग भरेगा“

मेरी बात सुन मम्मी ढेर से मुस्कुरा पड़ी और बोली “हटो ना जाओ ना “

मम्मी मेरी आंखें में आंखे डाल कर बोली “तुम्हारी मंजू रानी जानती है की तुम्हारी मा की सलवार का नाडा कैसे खुलेगा??”

पता नहीं उस समय मम्मी के मुंह से कैसे निकल गया और जब मेरी मम्मी की आँखे मुझे देख कर मुस्कुराया तो मम्मी को पता चला उसके मुँह से क्या निकल गया और शर्म से मुँह छुपा लिया

और मैंने मम्मी का चेहरे अपने हाथों से पकड़ कर ऊपर उठाया और मम्मी की आँखे मेरी आँखे डाल कर बोला “मै तुम्हारी जैसी मस्त हसीना की सलवार का नाड़ा मी अपने हाथ से नहीं खोलूंगा”

तो मम्मी मेरी आंखें, ऐसे देख कर मुस्कुराने लगी मानो पूछ रही हो कि अगर हाथ से नहीं खोलोगे तो फिर कैसे खोलोगे तो मैंने कहा

“तेरे जैसी हसीना की सलवार का नाड़ा हाथ से नहीं मेरी जान अपनी होठो से खोलूंगा।“

होठों से खोलने की बात सुन मम्मी बुरी तरह से शर्म की मारी पानी पानी गई और मम्मी का चेहरे एक दम से लाल हो गया मेरी बात सुन मम्मी मुस्कुराते हुए बोली “पागल हो गए हो तुम”

मैंने मम्मी के होठों को चूमते कहा “मेरी रानी पागल तो मुझे तेरी जवानी ने कर रखा है मम्मी शरमाते हुए मेरी बाहो से निकल गई

मैं: “ पूजा की मम्मी मुँह से तो खोलने दोगी??”

तो मम्मी शरमाते ना मील सर हिलाने लगी।



थक गई बाकी कल
 
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मैं; “ठीक है मेरी छाम्क्छाल्लो आज मैं तेरी सलवार का नाड़ा नहीं खोलूंगा,”

यह सुनकर मम्मी को थोड़ी राहत महसूस हुई और बोली थैंक्स दीपू,

मैं: “मेरी जान, मैंने कहा था न कि मैं तेरी सलवार का नाड़ा नहीं खोलूंगा पर तू खोल सकती है, आज रात पूजा की मम्मी पूजा के सामने खुद अपनी सलवार का नाड़ा खोलेगी और अपनी टांगे फैला कर अपनी चूत सहलाएगी और कहेगी पूजा के पापा प्लीज पूजा की मम्मी की चूत चाट, अब यह तेरी अमानत है”।

अपनी सलवार का नाड़ा खुद खोलने और मुझसे चूत चटवाने की बात सुनकर मम्मी का चेहरा शर्म से लाल हो गया,

मुझे भी उस वक्त बाहर जीजू से मिलने जाना था तो मैंने मम्मी को छोड़ दिया|

एक बात थी अब मम्मी मुझसे पूरी तरह से सेट हो चुकी थी। मेरी हर बात उन्हें अच्छी लग रही थी। जब मैं अपनी मम्मी को उनके नाम से बुलाता या प्यार से जान या रानी कहता तो उन्हें बिल्कुल भी ऐतराज नहीं होता था।

मैं बाहर जाकर आता हु मम्मी तब तक तुम अपनी यह मेरी जान जो है है अब आप इसे चिकनी कर दो।

“क्या??”

माँ मुझसे ऐसे पूछने लगी जैसे उन्हें कुछ पता ही न हो, तो मैंने मुस्कुराते हुए कहा

“ओ मेरी गुलाबो तुम्हारी टांगों के बीच में क्या है, वहाँ जहा जंगल है, क्योंकि अब पूजा का पापा रोज तुम्हारी गुलाबो का इस्तेमाल करेंगे”।

क्या मेरा इशारा मम्मी की चूत की तरफ था या मैंने अपने शब्दों से मम्मी को बता दिया था कि मुझे चिकनी चूत पसंद है और इसीलिए उन्हें अपनी चूत के बाल साफ करने चाहिए। मेरे इतना कहते ही मम्मी शर्म के मारे पलट गई और फिर अपना चेहरा छुपाते हुए दीवार के सहारे खड़ी हो गई।

मम्मी को इस तरह शरमाते देख मै मम्मी के पास गया और पीछे से मम्मी को बाहों में भरते बोला “मंजू करोगी ना चिकना!!! मुझे चिकनी चिकनी चाटने में बड़ा मजा आता ही आज मैं तुम्हारी चिकनी चटना चाहता हूं।

मेरी बात सुन कर मम्मी शरमाते हुए बोली “मैं नहीं करूंगी”

अब मैं मुस्कुराता बोला “वो रात को देखूंगा मेरी बुलबुल की पूजा की मम्मी पूजा के पापा की बात मानती है या नहीं अब देखता हूं रात को बिस्तर पर मै बदमाशी करता हूं और तुम बोलो करोगी ना जान करोगी ना अपनी गुलाबो को चिकना या नहीं”

तो मम्मी अपने अंगुठे को अपने दांतो पर दबा कर मुस्कुरा कर ये बताने लगी कि “अगर वो मेरी बात नहीं मानेगी तो फिर किसकी मानेगी??”

यानी के मम्मी ने मुझे मन से मुझे अपना पति मान लिया था बस अब रात को मुझे मम्मी को तन से बी अपनी बनाना था

मैं; पूजा की मम्मी अगर तुम कहो तो मुझे चिकना कर दो

मम्मी;” नहीं”



और फिर मम्मी मेरे लिए अपनी चूत को चिकना करेगी यहीं सब सोचते हुए मैं वहां से बाहर की या निकल पड़ा।


बने रहिये

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Update after long time
But it's worth it.
Keep updating
Love ❤️
जी हां आपकी बात सही है पर
इस साईट पे आना मुश्किल हो गया है या फिर ये ठीक से चलती नहीं
 
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चलिए अब जानते है मा की मनोदशा के बारे में ............



जब दीपू बहार चला गया उसके बाद मा अकेली घर पर थी और अब तक जो हुआ था उसके बारे में सोच रही थी| बेटा अब तुझे कैसे बताऊ की तुम बाप बेटे में कोई अंतर नहीं है| तेरे पापा भी एक नंबर के असल चोदु थे, उनका लंड भी तेरे जैसा ही था| मुझे याद है की जब तू छोटा था तब तुजे नंगा देखते हुए मै ने तेरे पापा से कहा था ये आप पर ही गया लगता है तब तेरे पापा ने कहा था नजर मत डाल मेरे बेटे के लंड पर | मैने कहा था की अभी से ऐसा है तो बड़ा होके लगता है आप को भी पीछे छोड़ देगा तब तेरे पापा ने कहा था की एक दिन ऐसा भी आ सकता है की वो तुम पर ही चढ़ जाए वो तुम जैसे माल के लिए हो बना है ऐसा मुझे लगता है| वैसे तुम जैसे माल को कोई भी देखे तो लंड तो फूलेगा ही| शायद वो दिन आ गया ................... वो उठ के पापा इ तस्वीर के सामने खड़ी हो गई..........

“सुनिए जी, आज आपने देखा न सब आपके सामने ही हुआ आपका बेटा आप का ही माल चोद ने जा रहा है|”

“और इतना ही नहीं आपकी बेटी को भी फाड़ चुका है आपने जो मेरा हाल किया था चूत और गांड सब एक कर के रखा हुआ था पर सालो के बाद वो सब सिकुड़ के फिर से कमसिन बन गई है| बस उसे अब मेरा शील हिनहि मिलेगा बाकी सब कुछ एक युवती की तरह ही बना हुआ है| आप को भी सब चिकना माल ही पसंद था और उसे भी झांटे आपको भी नहीं पसंद थी उसे भी| अब सालो के बाद मेरी और आपकी दोनों की इच्छापूर्ति हो रही है शायद आपको पसंद ना भी हो पर अब मुज से रुका भी नहीं जाएगा आपने सब देखा है पूजा ने ही मुझे ये सब करने पे विचलित कर दिया और अब शायद मै नहीं रुकुंगी| आप है नहीं तो बस अब आपका बेटा ही मेरी मांग भरेगा| हा हा निचे भी उसका लंड ही उसके वीर्य से मेरी चूत की मांग भरेगा या भरने जा रहा है| आप की अनुपश्थिति बस अब वोही आपका रोल निभाएगा| बस या तो आप मुझे माफ़ करे या फिर सम्मति दे|”



बेटे तेरे जैसे लंड मै तेरे बाप से खेल चुकी हु पर अब मै तेरे बाप के आगे तेरा लंड को नीचा नहीं दिखा सकती थी इसलिए मैंने कहा था की तेरा बड़ा है”

अब मुझे मेरी परी को साफ़ कर देना पड़ेगा और चिकनी भी कह के शरमाई और अपने ही मुह छुपाते हुए बाथरूम की ऑर चल पड़ी| अब मुझे मेरे बेटी की पत्नी बन के रहना पड़ेगा फिर भी डर तो मुझे बहोत लगता है दीपू के पापा क्या करू कुछ अच्छा ही सुझाना मेरे मन में ...........बस ऐसे ही अपने आप से बाते करती रही और अपने डर को दूर करने का प्रयास करती रही....... शायद वो समाज के निति नियमो से डर रही थी|







खेर मै जीजू से मिल कर वापिस आते हुए ............. हा हा हा भाई जीजू से जो बात हुई मै बाद में बता दूंगा आप सब को अभी तो ये रंगीन समय का लुफ्त लीजिये

मैं सोच रहा था कि शायद मम्मी अपने बेटे के साथ पहले नाजायज संपर्क से घबरा रही है। लेकिन चिंता की कोई बात ना थी। क्योंकि आज रात को मेरी मम्मी या मेरे मां बेटे के रिश्ते को खत्म करके हम दोनों के बीच एक नया रिश्ता जो मर्द या औरत के बीच होता ही वो कायम करने वाला था यानि आज रात ही मम्मी को चोद कर उसे अपना बना लेना चाहता था और सब के लिए मैंने इंतेज़ाम भी कर लिया था| मैं रात के लिए शराब लाने वाला था या रात को पूजा दीदी के साथ मम्मी को पिला कर उसके साथ ये सब करने वाला था क्योंकि शराब से आदमी की झझक ख़तम हो जाती है. मैं बाजार से कुछ बीयर और एक बोतल वोडका की ले आया जिसको मैंने फ्रिज में रख दिया। आज मेरा शराब और शबाब का मजा एक साथ लेना चाहता था।

तभी मुझे मम्मी रूम मी आती दिखाई दी। मेरी आंख से आंख मिलते ही मां ने शर्म से अपनी आंख झुका ली मैंने देखा आज मां ने अपनी रेशमी झुल्फो को खुला छोड़ रखा था और मां की जुल्फे उड़ कर मां के चेहरे पर आ रही थी जिस से मां ऑर भी सुंदर या खूबसूरत लग रही थी माँ का ये रूप आज मेरी पहली बार देख रहा था। या फिर आज वासना भरी नजर से एक औरत का बदन मुझे दिख रहा था और उसकी खूबसूरती दिख रही थी| मम्मी का रूप देख कर मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने मम्मी से कहा

“मेरी रानी आज किस का कत्ल करने का इरादा है मम्मी ने एक अदा से अपनी आंखे उठा कर मेरी ऑर देखा या कहा

“जी!!!”

तो मैंने बात को घुमा कर “पूजा कहा है?”

तो मम्मी बोली “बाहर गई है आती होगी कुछ काम था क्या?”

तो मैंने मम्मी की आंखें में झाकते हुए कहा “वैसे इस समय काम मुझे पूजा से नहीं बल्कि उसकी मम्मी से था जो इस समय अपने दिवाने पर अपने रूप की बिजलिया गिराते हुए मुझे घायल कर रही है”

रूप देख मैंने खुद को रोक नहीं पाया और बोला “मेरी रानी आज किस पर बिजली गिराने का इरादा ही है। मेरी बात सुन कर मम्मी ढेर से मुस्कुरा पड़ी और बोली

“क्या पूजा के पापा आप भी ना”।

मै भी अब कहा रुकने वाला था

“हाय मेरी जान तेरी ये अदा तो जान ले लेती है, जरा पास तो आओ ना मेरी रानी”

तो मम्मी मुस्कुराती ना मी सर हिलाने लगी मैंने फिर मम्मी से कहा

“आओ ना मेरी जान लग जाओ मेरे सीने से, मै भी तो देखू तुमने पूजा के पापा की बात मान कर उसको चिकना किया है या नहीं।“

मम्मी समझ गई कि मै उसकी चूत को देखना चाहता हूं कि मम्मी ने अपनी झांटों को साफ किया या नहीं मम्मी शर्मा कर मुझसे दूर दीवार की ऑर मुंह कर बोली

“धत् तुम भी ना”

मै चलते चलते मम्मी के पीछे गया और मम्मी को पीछे से अपनी बाहों में पकड़ लिया मेरे इस तरह पकड़े से मम्मी मचल उठी और कसमसाती हुई

“उयी आह्ह…….ह्ह्ह्ह” करने लगी

मैंने अपने होठों को मम्मी के गालो और गर्दन को चूमने लगा और धीरे से उसके धइले पर हाथ जमाने लगा|

“अभी तो सिर्फ पकड़ा ही है अभी से उई माँ करने लगी तब क्या होगा जब इस गोरे शरीर से खेलूँगा और अपने टेग्स लगाऊंगा ये गालो पर ये गर्दन पर पर और तुम समज गई ना कहा कहा सब जगह मेरी छप हो जायेगी” ये तुम्हारे बड़े बड़े कबूतर पर मेरे नाम की छाप पड़ेगी और पीछे वाले सुरंग पर भी मेरा इस सैनिक अपना निशान लगा जाएगा”

मैं “पर मेरी जान आज की रात पूजा का पापा उनकी घोड़ी पर बिलकुल भी रहम करने के मूड में नहीं है इस घोड़ी की लगाम अब मेरे हाथ में है”

मम्मी: ” तो रोक कौन रहा है और कौन कह रहा है की रहम करने को मै कोई भीख थोड़ी मांगूंगी?”

मैं “ मेरी जान क्या चीज़ हो तुम अह्ह्ह्हह्ह बड़ी मस्त हो तुमने मुझे पागल कर दिया है मम्मी मेरी बाहो में पड़ी और मैंने अपना काम चालु कर दिया और उसके स्तनों को जरा जोर से दबाया ............ साथ ही में मैंने अपना लोडे को उसकी गांड के दरार पर रख दिया वैसे लंड सही जगह पर नहीं था पर मम्मी जानबुज कर थोडा सा हीली जैसे मेर लंड को अपनी दरार पर सही तरीके से टिकाया ............ शायद वो चाहती थी की मेरा लंड उसकी दरार को नाप ले| आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआजा

“प्लीज़ रुक जाओ ना बस करो”

“चलो हटो ना मैं तुम्हारे लिए कुछ खाने पीने को ले आति हु”



मैं: ”मेरी जान इतनी स्वादिष्ट चीज़ मेरे पास मेरी बाहो में हो और भूख कैसे लगेगी बस आज तो तुझे ही खाने का मन है

मम्मी: “तो कुछ पिने को लाती हूँ”

मैं अपनी उंगली मम्मी के गुलाबी होठों पर फेरते “मेरी जान अगर पिलाना ही है तो अपने रस भरे होठों का रस पिला दो।“ ”रस भरे होठों में कितना नशा है”

मम्मी शर्माते हुए “हटो ना कितने बेशर्म हो कोई लड़का अपनी माँ के साथ इतनी गंदी बात करता है क्या” शायद वो अब ये चाहती थी की अब्मा बेटे का रिश्ता नहीं है पर कुछ और ही रिश्ता बन रहा है या फिर बनानी की कोशिश में थी|

मैं: “मम्मी को अपनी बेटी की कीमत चुकानी पड़ी, कोई अपनी मां के साथ ऐसी बात नहीं करता, बल्कि अपने होने वाले बच्चों की मां के साथ तो कर ही सकता है, ना” मम्मी बच्चों की बात सुन कर शर्मिंदा हुई “धत् मै कहा हुई तुम्हारे बच्चों की मां?

मैं “हुई नहीं तो हो जाओगी आज मेरे साथ बिस्तर पर खुशी मेरे इस दीवाने से लड़ोगी तो देखना कल से ही अपने पेट में मेरा बच्चा ले कर घुमेगी और 9 महीने की गिनती शुरू कर दोगी जैसे तेरी बेटी मेरा बच्चा अपने पेट में ले कर घुमती है”

“चल जूठे अभी तक नहीं हुई वो अभी पिल्स पे है”

हां जानता हु क्यों की अब मुज से वो ज्यादा से ज्यादा चुदवाने के लिए अभी वो बच्चा लेके अपनी चुदाई रोकने के मुड में नहीं है सही कहा ना मम्मी ???”

“हम्म”

पर मुझे लगता है की अगर वो पिल्स पर नहीं होती तो आज उसका फुग्गा फुल ही जाता|

“छी कैसी बाते करते हो बाहें के लिए फुग्गा थोड़ी बोलते है ?????? आखिर वो तुम्हारी बहन है”

“देखो मम्मी जब तक वो मेरे लंड के निचे है वो मेरी बहन नहीं है बस मेरा एक माल है और उसके तीनो माल पर मेरा हक है और जब हम बहार होते है तो वो मेरी बहन है निश्चित रूप से”

“हां ये बात तो है बेटा”

“और जब तक वो मेरा माल है तब तक तो मै उसे फुग्गा कह ही सकता हु वैसे मम्मी आपने भी तो उसे ऐसा ही पूछा था उसक एपेट पे हाथ रखते हुए की फुग्ग्गा फुला या नहीं”

“वो तो बस ऐसे ही तुम्हे पता ना चले इस लिए वैसे तुम जो चाहो केह सकते हो आखिर अब वो तुम्हारे हाथो से मांग भर चुकी है”

“हा मेरे लोडे ने उसके सभी छेदों को अपने वीर्य से मांग भर दी है बस अब वो जब चाहे अपना फुग्गा फुलवा सकती है” मुझे लगा की मम्मी को अब खुलने में ज्यादा देर नहीं लगेगी और शायद पूजा की बाते करते हुए वो कभी कभी मेरे लंड को छु ने की कोशिश कर रही थी तो शायद अब उसका माल रस छोड़ ही रहा था मुज से अब रुका भी नहीं जा रहा था|



और मै मम्मी को उठा कर बेडरूम की ऑर चलने ही लगा था तभी घर की घंटी बजी.............. भेन्चोद अभिकौं टपक पड़ा .......... मेरे लंड ने आगंतुक को गाली दे दी|

और हम बाहर ड्रोयिंग रम में आ गये
 

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