Incest जिंदगी के रंग अपनों के संग (Completed)

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वहाँ घर पे जॅक किसी परेसानी में अपने कमरे में इधर उधर टहल रहा था.

जॅक-नंबर9 क्या रिपोर्ट है .

नंबर9-रिपोर्ट अच्छी नही है हमारा एक फाइटर गायब है और उस से कोई संपर्क नही हो रहा .

जॅक-पर ऐसा कैसे हो सकता है वो एक ट्रॅक फाइटर है उस का ऐसे गायब होना मुझे कुछ ठीक नही लगता तुम अभी के अभी एक सर्च टीम को उस की तलाश में लगा दो और मुझे जल्द ही रिपोर्ट चाहिए किसी भी कीमत पे मुझे मेरा फाइटर सही सलामत चाहिए.

नंबर9-जी सर में अभी जाता हूँ में खुद ही सर्च टीम के साथ जाता हूँ आप टेन्षन ना ले.

जॅक-ठीक है तुम जाओ में देखता हूँ की अजय घर से बाहर ना जाए.

फिर वो जो साया अब तक जिस को जॅक नंबर9 के नाम से बात कर रहा थॉ वो एक कदम पीछे हो के उपर हवा में उछल के ऐसे गायब हो गया जैसे की वहाँ उपर कोई चुंबक लगा हो.

जॅक मेम से माँ ये अजय कहाँ है .

मॉम-वो सब माल गये है कुछ शॉपिंग के लिए.

जॅक सिट ये क्या कर दिया उस ने .और जॅक भागते हुए अपने कमरे में पहुँच गया और फिर ध्यान लगाते हुए.
नंबर9-सर आप ने याद किया .

जॅक-हाँ ये बताओ कि कौन सा फाइटर गायब है और किस एरिया पे था वो.

नंबर9-नंबर7 गायब है सर सेंट्रेल एरिया देख रहा था वो.

जॅक-कुछ तो बहुत बुरा है तुम एक काम करो नंबर8 और नंबर10 को भी बुलाओ अभी और कुछ ही सेक. में यहाँ दो से चार हो गये.

नंबर10-ऐसा क्या ज़रूरी कम पड़ गया सर जो आपने हमें यहाँ बुलाया है.

जॅक-ज़्यादा बात करने का टाइम नही है मेरे पास.मुझे इस टाइम एक फाइव डिविषन बार्रियर चाहिए सेंट्रेल में जल्दी और कोई भी यहाँ से बाहर नही जाना चाहिए जिस पे भी शक हो उसे ख़तम कर दो जल्दी.

नंबर10-ओके सर आगले 5मिंट में आपको बार्रियर मिल जाएगा.

और फिर एक बार जॅक वहाँ अकेला था.

जॅक-ली अभी के अभी यहाँ आओ.

ली-कोई प्रॉब्लम है सर.

जॅक-तुम अभी के अभी सिटी माल जाओ और ये देखो कि वहाँ सब ठीक रहे .

ली-आप बिल्कुल भी टेन्षन ना ले में अभी जाता हूँ.

फिर से एक बार वो ही ली वहाँ से ऐसे गायब जैसे कि हवा में धूल गायब होती है.

जॅक अगर इस बार मुझे अपने फाइटर के बलि देने पड़ी तो में उसे नही छोड़ने वाला फिर चाहे इसके लिए मुझे किसी का भी सामना करना पड़े ….
ये जान के कि अजय जॅक को बिना बताए ही घर से बाहर गया है .जॅक का गुस्से से बुरा हाल था और वो इस टाइम हमारा जॅक तो
बिल्कुल ही नही लग रहा था.फिर जॅक ने अपनी आँखे बंद की और और अपने दोनों हाथों की हथेलियो को एक साथ मिला के कुछ
हरकत की और अगले ही पल उसके सामने ली खड़ा था.

ली-जी सर मुझे कैसे याद किया.

जॅक-ली जाओ अजय को मेरे पास ले के आओ.

ली-जी सर अभी ले के आता हूँ.

फिर ली वहाँ से चला गया और कोई 5मिनट बाद वापस आया पर इस बार वो अकेला नही था किसी को अपने कंधे पे ऐसे उठा रखा हो
जैसे की किसी ने फूलों(फ्लवर्स) की माला को उठा रखा हो.

ली-सर ये रहा अजय.

अजय-जॅक ये क्या तरीका है किसी को बुलाने का मुझे पता है कि तुम्हारे और तुम्हारे कुछ साथियो के पास कुछ सुपर नॅचुरल पवर है पर इसका मतलब ये नही की तुम मुझे ऐसे कही से भी उठा के ले आओ.

जॅक-पहले ये बताओ कि तुम वहाँ क्या कर रहे थे और वहाँ कुछ अजीब हुआ क्या कुछ भी .

में-हम लोग वहाँ पे शॉपिंग कर रहे थे कल हम लोग टूर पे जा रहे है उसी की शॉपिंग कर रहे थे और वहाँ कुछ अजीब नही हुआ बस तुम्हारा कोई दोस्त मिला था बड़ा ही अजीब था उस ने ये एड.दिया तुमारे लिए और कहाँ है कि तुम्हारे लिए गिफ्ट है वहाँ.

जॅक ने वो एड.ली को देते हुए कुछ इशारा किया जिसे ली समझते हुए वहाँ से चला गया .

तभी जॅक ने फिर से अपने हाथों की हथेलिओ को आपस में मिला के एक अजीब तरह का हॅंड सिंग बनाया और देखते ही देखते वहाँ 3 लोग साए के रूप में आ गये.और सिर झुका के बैठ गये .उन में से किसी की भी शकल नही दिख रही थी देखने में सभी बड़े अजीब थे
एक अजीब से ड्रेस पहन रखी थी और सभी के पास कुछ ना कुछ हथियार थे और वो भी पुराने जमाने के थे तो पुराने पर लग बिल्कुल नये जैसे रहे थे.
 
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जॅक ने फिर से अपने हाथों की हथेलिओ को आपस में मिला के एक अजीब तरह का हॅंड सिंग बनाया और देखते ही देखते वहाँ 3 लोग साए के रूप में आ गये.और सिर झुका के बैठ गये .उन में से किसी की भी शकल नही दिख रही थी देखने में सभी बड़े अजीब थे
एक अजीब से ड्रेस पहन रखी थी और सभी के पास कुछ ना कुछ हथियार थे और वो भी पुराने जमाने के थे तो पुराने पर लग बिल्कुल नये जैसे रहे थे.

जॅक-नंबर10 क्या रिपोर्ट है .

नंबर10-सिर रिपोर्ट अच्छी नही है हमारा एक साथी से हमारा संपर्क नही हो पा रहा हम ने एक सर्च टीम भेजी है जिस का लीडर चार्ली
है बाकी उसके आने से ही पता चलेगा कि क्या बात है.

जॅक-इंटेरशटिंग तुम लोग सबसे अड्वान्स लेवेल के फाइटर हो और तुम्हारा ही एक साथी ऐसे गायब हो जाता है और तुम को ही नही पता कि वो कहाँ है .तुम कैसे लीडर हो.

नंबर10-में माफी चाहता हूँ सिर पर मुझे सिटी के सेंटर में कुछ अजीब सी शक्तियों का अहसास हुआ जिस को चेक करने के लिए ही मैने नंबर 07 को वहाँ भेजा था क्यूँ कि मुझे शक्तियों का बहुत ही मामूली सिंगल मिला था इसलिए मैने उसे अकेले ही भेज दिया ये देखने के लिए कि कही कोई हमारा साथी तो नही आया है हमारी मदद के लिए पर तब से उस से कोई कॉंटॅक्ट नही हुआ.

जॅक-तुम कब से इतने नासमझ हो गये नंबर10 मुझे तो लगा कि तुम एक अच्छे फाइटर के साथ साथ अच्छे लीडर भी हो पर अब मुझे
अपने फ़ैसले से खुद पे ही गुस्सा आ रहा है.तुम उसके लाइफ एनेर्जी से भी तो पता लगा सकते हो कि वो कहाँ है .

नंबर09-सर हम ने ट्राइ किया पर उसके सिंगनल पूरी सिटी से आ रहे है ऐसा लग रहा जैसे कि कोई उसे ले के पूरे सिटी में घूम रहा है .

जॅक-अब ये क्या मुसीबत है .ठीक है तुम लोगो का बॅरियर का काम कहाँ तक पहुँचा.(बॅरियर एक ऐसा जाल है जो किसी को दिखाई नही देता पर बहुत ही पवर फुल होता है इसको बनाने के लिए पाँच तरह के तत्वो की ज़रूरत होती है आग,पानी,हवा,धरती और लास्ट आप अपनी शक्ति के मुताबिक किसी का भी यूज़ कर सकते हो फॉर एग्ज़ॅंपल बिजली .अगर एक बार बॅरियर बन जाए तो जितनी जगह पे ये बॅरियर होगा वहाँ पे हो हमारी शक्तियाँ दस गुना बढ़ जाएगी और दुश्मन की शक्तियाँ धीरे धीरे ये बॅरियर ऐसे खिचता है कि उस को पता ही ना चले
और उस को इस हद तक कमज़ोर कर देता है कि सामने वाला अपने पैरो पे खड़ा भी नही रह पाता.पर ये एक दो धारी तलवार भी है अगर इसको बनाने वालो में से कोई एक भी मारा जाता है या किसी वजह से काबू से बाहर हो जाता है तो इसका असर हम पे उल्टा हो है
इसी लिए ये ट्रिक कुछ ही फाइटर को अलाउ होती है.)

नंबर10-सर 60% तक हो गया है जल्द ही पूरा हो जाएगा.

जॅक-और जो हमारे साथी आने वाले थे उन का क्या हुआ.

नंबर10-सर पोर्टल खोलने में कुछ दिक्कत आ रही है कोई है जो नही चाहता कि कोई यहाँ आए वो ही हमें रोक रहा है पर आप टेन्षन ना ले हम ने उस का तोड़ निकाल लिया है जल्द ही हमारे साथी हम को जाय्न कर लेंगे.पर एक बुरी खबर भी है सर कल के टाइम भी पोटल खोला गया था और वहाँ से कुछ फाइटर यहाँ आए है पर वो हमारे नही है और काफ़ी ताकतवर है .मुझे लगता है कि दुश्मन भी पूरी तैयारी में है.

जॅक-हाँ मैने भी महसूस किया है कि आज कल उन की तरफ से कुछ ज़्यादा ही खामोसी छाई हुई है और ये अच्छा नही है.पर तुम
लोग बॅरियर को जल्द से जल्द कंप्लीट करो और चार्ली के आने पे उसे मुझे रिपोर्ट करने को कहो.

फिर वो तीनो वहाँ से चले जाते या गायब हो जाते है .और एक बार फिर में और जॅक उस कमरे में अकेले थे उन की बातो को सुन के में ये तो समझ गया था कि मामला कुछ ठीक नही है पर कितना खराब है ये मुझे नही पता था और सच कहूँ तो मुझे एस टाइम जॅक से बहुत डर
भी लग रहा था .शायद जॅक को किसी का इंतज़ार था पर किस का ये नही पता शायद ली का इसलिए उस ने मुझ पे कोई ध्यान ना देते हुए अपनी अलमारी से कुछ निकालने लगा …

कुछ देर में ली भी आ गया पर वो काफ़ी घबराया हुआ था.

जॅक-ली क्या बात है.

ली-सर वहाँ पे हमारा एक साथी ज़ख्मी पड़ा हुआ पड़ा था उस की लगभग सारी शक्ति ख़तम हो गयी थी वो तो अच्छा है कि उस का डिफेन्स अच्छा है इसीलिए अब तब किसी तरह जिंदा है.

जॅक-किस लेवेल का फाइटर था.

ली-ए लेवेल शायद.

जॅक-ओके तुम अजय के रूप में माल जा के हालात संभाल लो वो लोग अजय को ढूँढ रहे होगे.और ये लेते जाओ आज से तुम इंचार्ज हो
इस बार उम्मीद है मुझे निराश नही करोगे.

ली-पर सर इसकी क्या ज़रूरत है अभी तो आपके जाने में टाइम है अभी अजय तैयार नही है.

जॅक-ली मुझे पता है में क्या कर रहा हूँ में अब अपने और साथी नही खो सकता किसी एक के लिए फिर चाहे वो कही का राजकुमार ही क्यूँ ना हो.

ली-पर सर अभी ये उस शक्ति को संभाल नही पाएगा.

जॅक-इसे संभालना होगा कैसे वो ये जाने उस शक्ति की वजह से में अपनी पॉवर यूज़ नही कर सकता औरअपने आद्मिउो को सिर्फ़ मरते हुए ही देख सकता हू.
 
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ली-सिर पर अगर आप ने ये किया तो उन सब के बलिदान बेकार हो जाएगे.

जॅक-तुम समझ नही रहे तुम नही जानते कि किसी अपने को अपनी ही आँखों के सामने दम तोड़ते हुए देख कर कैसा महसूस होता है और वो भी तब जब में उन में से बहुत को बचा सकता था पर में इसलिए कुछ नही कर सकता क्यूँ कि मेरे पास ये खास शक्ति है जो मेरे शरीर से मेरी ताक़त का एक एक कतरा चूस लेती है ताकि वो जिंदा रह सके .ली तुम्हे नही लगता कि मेरे साथ कुदरत ने एक बेहद ही भद्दा मज़ाक
किया है ना तो में मर सकता हूँ ना में बूढ़ा हो सकता हूँ ना में खुश रह सकता हूँ और ना ही में किसी पे गुस्सा कर सकता हूँ सिर्फ़
इस शक्ति की वजह से जो मुझे किसी के अमानत के तोर पे दी गयी है तुम्हे पता है में चाह के भी इस अजय से दूर नही हो सकता.

ली-सर मुझे पता है इसे संभालना कितना मुस्किल है पर एक सिर्फ़ आप ही इसे संभाल सकते है .प्ल्ज़ सर इस लड़के को एक आख़िरी
मोका दे दे प्ल्ज़ इसके लिए ना सही इसके पूर्वजो के लिए ही जिन्होने हमेंशा ही हमें उन शक्तियोंवो से बचाया है जिन से बचना नामुमकिन था.

जॅक-ली शायद तुम ठीक कह रहे हो मुझे इसे एक आख़िरी मोका देना चाहिए पर वो मोका इसे यहाँ नही मिलेगा .

ली-जैसा आप ठीक समझे.

जॅक-अब तुम माल जाओ और अजय बन के इसके परिवार के साथ रहना .और एक बात ली मुझे तुम पे गर्व है मुझे ख़ुसी है कि तुम मेरे भाई के बेटे हो उस भाई के जो एक अच्छा देश भक्त और अच्छा लीडर था तुम में वो सब गुण है मुझे उम्मीद है कि तुम बहुत कुछ करोगे
और हमारे खानदान का नाम रोशन करोगे............

तो अजय अब तुमारे पास सिर्फ़ दो रास्ते है या तो मेरा साथ दो या फिर में अपने तरीके से तुम से अपना काम निकलवा लूँ.

अजय-पर ये सब हो क्या रहा है.

जॅक-अब वक़्त आ गया है कि तुम ये जान लो कि तुम कौन हो और किसलिए हो.में कौन हूँ और तुम्हारे साथ ये सब क्यूँ हो रहा है.

अजय-मुझे नही पता तुम क्या कह रहे हो.पर मुझे सब कुछ जानना है सब कुछ .

जॅक-मुझे लगता है कि तुमे बताने से अच्छा है कि में तुम्हे वो दिखा दूं जो तुम्हारा है और जिस चीज़ के लिए ये सब हो रहा है.

में-तो फिर इंतज़ार किस का है सुरू करो.

जॅक-ऐसे नही पहले तुम ये जान लो कि सच्चाई जानने के बाद तुम यहाँ ऐसे नही रह सकते तुम्हारी जिंदगी के मायने बदल जाएगे तुम
बदल जाओगे और तुम्हारा परिवार बदल जाएगा .

में-ऐसा कभी नही हो सकता चाहे कुछ भी हो में अपना परिवार अपने दोस्त कभी नही छोड़ सकता ना ही कभी बदल सकता हूँ.

जॅक-अजय बदलाव ही जिंदगी है अब ये सब तुम्हारी जिंदगी में सिर्फ़ ये कमज़ोरी बन के रहेगे हम तुमे कभी कमज़ोर नही देख सकते चाहे उसके लिए हमें कुछ भी करना पड़े.

में-तुम ग़लत सोच रहे हो जॅक ये मेरी कमज़ोरी नही ताक़त बनेगे.

जॅक-ये अब तुम्हे डिसाइड करना है कि तुम क्या चाहते हो वो सब जिंदा रहे और खुश रहे या में उन को ऐसी दुनिया में भेज दूं जहाँ पे तुम चाह के भी उन को ना पा सको.

में-तुम पागल हो गये हो तुम ऐसा कुछ नही कर सकते.

जॅक-तुम मेरे बारे में अभी जानते ही कितना हो.में एक किल्लर मशीन हूँ कभी मेरे नाम से पूरे देश हिल जाया करते थे में लोगो को सिर्फ़ इस लिए मारता था क्यूँ कि मुझे इसे में ख़ुसी मिलती थी देश मेरा नाम सुन के स्लेंडरर कर दिया करते थे और तुम मुझे कह रहे हो कि में
पागल हूँ ऐसा कुछ नही कर सकता मैने अपने बेटे को अपने हाथों से मारा है इन्ही हाथों से तुम उस पुराने जॅक को देखना चाहते हो बोलो.

में-नही ये सच नही हो सकता तुम झूठ बोल रहे हो सिर्फ़ मुझे डराने के लिए.

जॅक-चलो फिर में तुमे इसका एक नमूना दिखाता हूँ किस से शुरुआत करू.शायद तुम्हारी वो गुड़िया ठीक रहेगी क्यूँ क्या कहते हो.

में-नही तुम ऐसा कुछ नही करोगे .

जॅक-में नही करूगा अजय ये तो वो चीज़ करेगी जो मेरे अंदर है तुम्हारा अंश जिसे सिर्फ़ खून चाहिए चाहे वो किसी का भी हो.

में-जॅक में वो सब करने को तैयार हूँ पर तुम मेरे परिवार को कुछ नही करोगे और उन की सेफ्टी की गारंटी दोगे .
 
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जॅक-ठीक है जब तक तुम मेरी बातें मानते रहोगे तब तक ली अजय बन के तुम्हारी फॅमिली को ख़ुसी और सेफ्टी दोनों देगा पर जिस दिन भी तुम मुझे..,

में-में समझ गया कब से स्टार्ट करना है ये बताओ .

जॅक-हम कल सुबह निकलेगे यहाँ से अभी तुम जाओ यहाँ से ली तुम्हारी फॅमिली के साथ आने वाला है तुम अपने कमरे में जाओ बाकी की बाते वो तुमे वहाँ आ के बता देगा.

और में किसी जिंदा लाश की तरह वहाँ से उठ के अपने कमरे में चला आया.मुझे नही पता कि जॅक मुझसे क्या चाहता है पर मुझे ये पता है कि वो जो बोल रहा है वो कर सकता है और में किसी भी तरह अपने परिवार को खोना नही चाहता था.वक़्त भी क्या चीज़ है हर पल अपना
रंग ऐसे बदलता है हर इंसान इसका बस एक गुलाम बन के रह जाता है जैसे कि आज में कल तक में अपने आपको एस दुनिया का सब
से ख़ुसनसीब इंसान समझ रहा था और आज मुझे अपने होने पे ही अफ़सोस था.

वहाँ जॅक भी अपने ख़यालो में खोया हुआ था.मुझे माफ़ करना अजय पर ये ज़रूरी था तुम्हारे और हमारे लिए जब तक तुम यहाँ से दूर नही जाओगे तुम अपने आपको समझ नही पाओगे.ये तुम्हारी अपनी जिंदगी नही है ये उन लोगो के विश्वास के जिंदगी है जो तुम पे विश्वास करते है ये उन लोगो की जिंदगी है जिन्होने सिर्फ़ तुम्हारे लिए अपनी जिंदगी की कुर्बानी डी है.और रही बात तुम्हारी इस फॅमिली की तो इसे तो में
वैसे भी कुछ नही कर सकता क्यूँ कि जिसे तुम प्रोटेक्ट करो उसे तो हम वैसे भी कुछ नही कर सकते मुझे उम्मीद है कि तुम अपनी आने वाली लाइफ के लिए तैयार होगे.

इधर में अपने ख़यालो में ही खोया हुआ था कि मेरा फोन बजने लगा मेरा मन नही था इस वक़्त किसी से भी बात करने का इसलिए मैने फोन की तरफ ध्यान नही दिया और बजने दिया.एक बार मेरा ध्यान फिर फोन की बेल ने तोड़ा इस बार मैने गुस्से में फोन को उठा के दीवार पे मारना चाहा पर जैसे की मेरी नज़र फोन की स्क्रीन पे पड़ी मेरे हाथ अपने आप ही रुक गये .........

फोन नैना दी का था दिल ना करते हुए भी मुझे फोन उठाना ही था इसलिए मैने जा के पहले वॉशरूम में अपना हूलिया ठीक किया क्यूँ कि दी की वीडियो कॉलिंग थी और में नही चाहता था कि वो मुझे ऐसे देखे और वापस आ के मैने उन्हे कॉल बॅक किया.

नैना दी-अजय वहाँ सब ठीक है ना में कब से कॉल कर रही हूँ तू खा था.मेरी तो जान ही निकल गयी थी मुझे कुछ अच्छा नही लग रहा में अब
तेरे पास आ रही हूँ आज ही तू मुझे रिसिव करने एरपोर्ट आ जा.

में-क्या दी आप भी ना अब में कोई छोटा बच्चा नही हूँ और में वॉशरूम में था जैसे ही आया तुरंत आपको कॉल बॅक किया हैआप भी ना बस ज़रा ज़रा सी बात पे घबरा जाती हो.और आपको अभी आने की कोई ज़रूरत नही है आप अकेले नही हो वहाँ मॉम (मामी)और डॅड(मामा) भी है अगर आप भी यहाँ आ गयी तो वो तो बिल्कुल ही टूट जाएगे.

नैना दी-तू मुझे एमोशनल ब्लॅक मेल नही कर सकता समझा.

में-क्या दी आप जैसे इंटेलिजेंट को भी कोई एमोशनल या बेबकूफ़ बना सकता है क्या आप भी ना.प्ल्ज़ समझा करो अगर आप भी यहाँ आ
गयी तो वहाँ सब अकेले पड़ जाएगे प्ल्ज़.

नैना दी-चल चल ज़्यादा मस्का लगाने की ज़रूरत नही है ठीक है और सुना क्या हो रहा है वहाँ कोई गर्लफ्रेंड मिली या अभी तक ऐसा ही है.

में-क्या दी आप भी ना बस ज़रा सा मोका मिलना चाहिए बस फिर तो मेरी खीचाई होना तय है.वैसे हम लोग कल एक ट्रिप पे जा रहे है.

नैना दी-सच में बहुत अच्छा लगा ये जान के कि तू वहाँ पे अपने आपको अकेला महसूस नही कर रहा.चल में अब फोन रखती हूँ ट्रिप से आ के मुझे पूरी रिपोर्ट चाहिए समझा.

में-ये भी कोई बोलने की बात है.

फिर दी ने फोन रख दिया और मैने भी फोन को एक साइड में फेख दिया.अब मेने उपर से एक बहुत बड़ा भोझ कम होता हुआ महसूस हुआ और वही बेड पे लेट गया और अपने आने वाली जिंदगी के बारे में सोचने लगा.अभी में अपने आने वाली जिंदगी के बारे में सोच ही रहा था कि
मुझे किसी की आवाज़ सुनाई दी मैने उठ के देखा तो वो ली था.
 
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में-ये भी कोई बोलने की बात है.

फिर दी ने फोन रख दिया और मैने भी फोन को एक साइड में फेख दिया.अब मेने उपर से एक बहुत बड़ा भोझ कम होता हुआ महसूस हुआ और वही बेड पे लेट गया और अपने आने वाली जिंदगी के बारे में सोचने लगा.अभी में अपने आने वाली जिंदगी के बारे में सोच ही रहा था कि
मुझे किसी की आवाज़ सुनाई दी मैने उठ के देखा तो वो ली था.

में-तो कैसा रही शॉपिंग .

ली-बकवास बस पूरे टाइम इधर से उधर ही घूमता रहा और कुछ नही.तुम सुनाओ तुम्हारा टाइम कैसा गुजरा.

में-तुम्हें क्या लगता है कैसा गुज़ारा होगा मेरा टाइम.

ली-जॅक सर के साथ हमेंशा कुछ ना कुछ सीखने को मिलता है बस बाकी तो वो कमाल के फाइटर है बस में इतना ही जानता हूँ.

में-हाँ शायद तुम सही हो .पर मेरे लिए आज से जॅक को ग़लत साबित करना ही मेरे लाइफ का उद्देश् है .

ली-तब तो गुड लक क्यूँ कि तुम्हें उस की बहुत ज़्यादा ज़रूरत है.

में-थॅंक्स फॉर ब्लशसिंग अब मुझे ये बताओ कि तुम मुझे क्या बताने आए हो जॅक ने कहा था कि तुम मुझे मेरे पहले स्टेप के बारे में बताओगे .

ली-हूँ तो बात ये है कि में तुम्हारा रूप तो ले सकता हूँ पर तुम्हारे विचार और तुम्हारी सोच को अभी तक कॉपी नही कर पाया हूँ उसके लिए
मुझे तुम्हारी हेल्प चाहिए.

में-में क्या कर सकता हूँ .

ली-कुछ खास नही बस कुछ देर के लिए तुम शांत रहो में तुम्हारे दिमाग़ में घुस के सब कॉपी कर लूँगा बस तुम किसी भी काम में मुझे रोकना मत .

में-ओके .

फिर ली खड़ा हो गया और मेरे पीछे आ के उस ने अपने दोनों हाथों को कुछ अजीब सी पोज़िशन में किया और अपने दोनों हाथों को जोड़ते
हुए अपने हाथों से एक हल्की सी वाइट रोशनी निकालने लगा.

ली-डरो मत ये तुम्हारी सेफ्टी के लिए है .

में-किस चीज़ से सेफ्टी.

ली-तुम समझ जाओगे अब बिल्कुल शांत रहो टेन्षन ना लो मुझे पे भरोसा रखो.
 
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मैने ली की बातों को मानते हुए अपने आपको ढीला छोड़ दिया और कुछ ही देर में मुझे अपने कंधे पे किसी के हाथ महसूस हुए में समझ गया कि ये ली ही है पर फिर मुझे कुछ अजीब लगा जैसे कि कोई मेरे अंदर आने की कोशिश कर रहा है और कोई चीज़ उसे ऐसा करने से रोक रही है.

ली-शांत रहो अजय अगर तुम ऐसे ही डरते रहोगे तो हम दोनों के लिए ही ख़तरनाक है इस टाइम हम दो नही एक है अगर तुम मुझे ऐसे ही
रोकते रहोगे तो हम से किसी एक को हार माननी पड़ेगी और ये किसी के लिए भी अच्छा नही होगा सो प्ल्ज़ रेलेक्स..

फिर मेने एक लंबी सास ली और अपने आपको रेलेक्स फील करने लगा और कुछ देर के बाद मुझे महसूस हुआ कि अब जो चीज़ उसे अंदर आने से रोक रही थी वो अब शांत थी.

तभी मुझे मेरे अंदर से ली की आवाज़ सुनाए दी.बहुत बढ़िया अजय तुम ने तो अपने दिमाग़ पे बहुत जल्द ही अपनी पकड़ बना ले मुझे ये काम
करने में पूरे दो महीने लग गये थे तुम सच में स्पेशल हो बस मेरा काम भी हो गया.और ली ने अपने हाथ मेरे कंधे से हटा लिए.

ली-तो कैसा फील हो रहा है.

में-ये क्या मज़ाक है तुम ने क्या किया मेरे साथ .

ली-क्यूँ क्या हुआ मैने क्या किया.

में-तुम तो कुछ बोल भी नही रहे और मुझे तुम्हारी आवाज़ बिल्कुल ही सॉफ साफ सुनाई दे रही है ये कैसे हुआ.

ली-ओह ये मैने तुम्हारे अंदर अपने दिमाग़ का एक छोटा सा हिस्सा बिठा दिया है जहाँ तुम जा रहे हो वहाँ तुम को इसकी बहुत ज़रूरत पड़ेगी क्यूँ कि वो तुम्हारे लिए ही नयी दुनिया होगी और तुम वहाँ के बारे में कुछ नही जानते वो दुनिया यहाँ जैसी बिल्कुल नही है वो पूरी तरह
से छलावो से भरी पड़ी है अगर वहाँ तुम बिना किसी तैयारी के गये तो एक दिन भी जिंदा रह सकते समझे और फिर अगर मुझे यहाँ तुम्हारी कभी ज़रूरत पड़ी तो में तुम से कॉंटॅक्ट में रहुगा इससे .

में-थॅंक्स अब क्या तुम मेरी एक लास्ट मदद कर सकते हो.

ली-मुझे पता है आज कि रात तुम अपनी फॅमिली के साथ रह सकते हो जॅक सर को में समझा लूँगा .

में-थॅंक्स यार में तुम्हारा ये अहसान कभी नही भूलुगा.

और मैने उठ के ली को गले लगा लिया .ली कोई नही यार में समझ सकता हूँ और मुझे पूरी उम्मीद है कि जब तुम्हें सच का पता चलेगा तो तुम भी इस बात को समझ जाओगे कि ये सब कितना ज़रूरी है.

ली-चलो अब जाओ नीचे तुम्हारी गुड़िया तुम्हारा इंतज़ार कर रही है.

में-अगर लाइफ में कभी कुछ बनपाया या कभी तुम्हें कभी मेरी मदद की ज़रूरत पड़े तो में अपनी जान देने से भी पीछे नही हटूँगा.

ली- में जानता हू .वैसे मानना पड़ेगा तुम दोनों भाई बेहन के रिस्ते को किसी को मुझ पे शक नही था पर गुड़िया को कभी भी मुझ पे यकीन नही हुआ की में असली अजय हूँ सच में मुझे ऐसा प्यार देख के बहुत अच्छा लगा चलो में जाता हूँ कल मॉर्निंग में आ जाउन्गा ओके गुड नाइट
अगर नीद आए तो.

और ली वहाँ से चला गया गुड़िया के बारे में सुन के मुझे बहुत अच्छा लगा और दुख भी हुआ कि कही कल मेरे जाने के बाद उस का क्या होगा.फिर में वॉशरूम में चला गया और एक बार और फ्रेश हो के नीचे चला गया और फ्रेश हो के नीचे जाने लगा
 
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में नीचे हॉल में आया तो यहाँ का महॉल काफ़ी ख़ुसनूमा था सभी खुस लग रहे थे सिर्फ़ एक को छोड़ कर और थी मेरी गुड़िया .गुड़िया वहाँ बैठी ज़रूर थी पर उस का सारा ध्यान तो मेरे कमरे पे था जैसे कि वो बस मेरा ही इंतज़ार कर रही हो और मुझे देखते ही उस का चेहरा एकदम ख़ुसी से खिल गया जैसे कि उस को दुनिया की सब से कीमती चीज़ मिल गयी हो.और भाग के मेरे गले लग लगी उस को ऐसा करते देख एक बार फिर मेरे दिल में उस से जुदा हो के जीने के अहसास ने हिला के रख दिया मुझे नही पता कि मैने अपने जिंदगी के 15साल
इसके बिना कैसे काटे पर अब मेरी सोच ये थी कि काश में अपनी प्रिन्सस(गुड़िया ) से ना मिला होता.समझदार और बहादुर लोग किसी के साथ बिताए हुए कुछ ख़ुसी के पॅलो में ही अपनी पूरी जिंदगी बिता देते है पर शायद में ना तो समझदार था और ना ही बहादुर नही तो में ऐसे
नही टूट रहा होता.पर किसी ने सही कहा है कि डर इनसेन को सब सहने की ताक़त और हिम्मत देता है और मेरे साथ भी ऐसा ही था.
हम लोग करीब 5मीं.तक ऐसे ही खड़े रहे ना मुझे में गुड़िया को अलग करने की हिम्मत थी और ना वो ही मुझसे अलग होना चाह रही थी हमारे लिए तो जैसे वक़्त थम ही गया था और अब वो वक़्त दूर नही था जब मेरे आँसू निकल जाए पर किसी ने सही कहा है की बुजदिल इंसान कभी कुछ नही कर सकता ये ही हाल इस वक़्त मेरा था में गुड़िया को खुद से अलग तो करना चाह रहा था पर ये दिल इसके लिए राज़ी बिल्कुल नही था और दिमाग़ बोल रहा था की अगर अभी तूने इसे अपने से अलग नही किया तो आगे होने वाली प्रॉब्लम के लिए तू खुद ही
ज़िम्मेदार होगा में एक ऐसी कशमश में फसा हुआ था कि में खुद ही नही जानता था कि क्या करूँ.

जिया दी-सब ठीक है ना अजय.

में-अपने ख़यालो से बाहर आते हुए.जी दी मुझे क्या होना है में तो बिल्कुल ठीक हूँ.

मॉम-तुम दोनों भाई बेहन अपना ये प्यार ख़तम करो आओ यहाँ बैठो मुझे तुम से कुछ बात करनी है.

गुड़िया -मॉम आप ने आज तो बोल दिया दोबारा कभी ऐसा बोला ना तो मुझसे बुरा कोई नही होगा.जिस दिन हमारा प्यार ख़तम हुआ ना वो मेरी जिंदगी की आख़िर दिन होगा आप देख लेना.

मॉम-चुप कर कोई ऐसा भी बोलता है क्या अगर दोबारा ऐसा बोला ना तो देख में क्या करती हूँ.

में-गुड़िया ये सब क्या है अभी के अभी मॉम से माफी माँगो और आज के बाद तुम ने अगर कभी ऐसा कुछ कहा या किया ना तो फिर तो फिर मुझे नही पता की में क्या करूगा.

गुड़िया -सॉरी मॉम पर आप ने भी तो****

में-गुड़िया ***

गुड़िया -ओके सॉरी मॉम आगे से ऐसा कभी नही होगा गॉड प्रोमिस अब आप प्ल्ज़ अपने मूड को ठीक कीजिए प्ल्ज़ नही तो भाई का भी मूड ठीक नही होगा प्लज़्ज़्ज़.

मॉम(हन्सते हुए)तो तुझे अब भी अपने भाई की पड़ी है और मेरी नही भाई की चमची रुक तुझे अभी बताती हूँ.
और मॉम ने उसके कान पकड़ लिए और गुड़िया ना ना में अपना सिर हिलाने लगी और मुझसे ये देखा नही गया और मैं अपने कान पकड़ते हुए मॉम के सामने आ गया.

में-मॉम इसमें इसकी कोई ग़लती नही है इसमें सारी ग़लती मेरी है मैने ही इसे सिर पे चढ़ा रखा है प्ल्ज़ इसे छोड़ दे प्ल्ज़ चाहे तो मुझे सज़ा दे दो.

मॉम(हँसते हुए मुझे गले लगाते हुए) सज़ा किस लिए में तो बस ये देखना चाह रही थी कि तू कैसे रेएक्ट करता है.तेरी गुड़िया सच में बहुत खुसकिस्मत है जो तू उसके साथ है.(और मेरे माथे पे किस करते हुए) चल आ जा बाकी के सब भी तेरा ही वेट कर रहे है किसीने भी अभी
टी तक नही पी सब तेरा ही वेट कर रहे है.

अमृता-किसी को अगर अपनी गुड़िया के अलावा कोई दिखे तभी तो.

पर तभी पता नही रवि को क्या हुआ वो भी आ के मेरे गले लग गया और रोने लगा मेरे तो समझ में नही आ रहा था कि ये हो क्या रहा है.
 
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में-क्या हुआ यार तुझे तू तो हम सब से बहादुर है फिर ये आँसू तुझे पे बिल्कुल भी अच्छे नही लगते चल चुप हो जा और बता कि बात क्या है.

रवि-कुछ नही बस किसी की याद आ गयी थी.

में-हे ये तो कोई बात नही है तूने जिया दी से प्रोमिस किया था कि तू उस हादसे को भूल जाएगा.दी आप ही इसे समझाओ ना प्ल्ज़.

जिया दी-रवि इधर आ.तूने ये क्यूँ कि सोच लिया कि तू अकेला है में हूँ ना तेरे साथ जो हुआ उसे अब भूल जा चल अपने आँसू सॉफ कर नही तो निशा क्या सोचेगी तेरे बारे में(हाँ दोस्तो बिल्कुल सही सोचा आप ने मैने जिया दी को ये बता दिया था कि रवि निशा पे ट्राइ कर रहा है में
अपनी नैना दी या जिया दी से कुछ नही छिपाता जब तक वो ज़रूरी ना हो)

गुड़िया -गुड़िया भी उन के हग में शामिल होते हुए.में भी तो आप की लिट्ल सिस्टर हूँ में भी आप से बहुत प्यार करती हूँ .हाँ अजय भाई से
थोड़ा सा कम .

और हमारे बार्बी डॉल के इस जबाब से सभी के चहरे पे मुस्कान आ गयी.

अमृता-हाँ क्यूँ नही 5.1इंच की लिट्ल लिट्ल सिस्टर मुबारक हो रवि अब तक ये अजय की जान खाती थी आज से तू भी तैयार हो जा.

निशा-ऐसा नही है ये तो बहुत ही प्यारी और समझदार है.

मॉम-तुम लोगो का मेल मिलाप ख़तम हो गया हो तो अब डिन्नर लगा दूं.

अमृता-अभी कहाँ आंटी अभी तो मेरा नो पेंडिंग में है ये गुड़िया की बच्ची छोड़े तब तो में भी मेल मिलाप करू.

गुड़िया -तो आपको रोका किस ने है पर में यहाँ से नही हटने वाली चाहे जो हो जाए.

अमृता-अच्छा निशा चल तू इसके पैर पकड़ में इसके हाथ और टाँग के इसको इसके कमरे में बंद कर देते है फिर देखते है क्या करती है.

गुड़िया चिल्लाते हुए नही और मेरे पीछे छिप गयी.

जिया दी-क्या हुआ शेरनी अब क्यूँ बिल्ली बनी फिर रही है चल सामने आ .

गुड़िया -क्या दी में तो मज़ाक कर रही थी आप भी ना .

अमृता-अच्छा तो में भी मज़ाक ही कर रही थी .

गुड़िया -मुझे पता था आप थोड़े ना ऐसा करती आप तो कितनी समझदार और खूबसूरत है.

जिया दी-मस्का लगाने की ज़रूरत नही है.

मॉम-चलो डिन्नर लग गया है सब चल के कर लो.
 
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हम सब डिन्नर टेबल पे बैठने लगे तो यहाँ भी एक महाभारत सी छिड़ गयी की मेरे पास कौन बैठेगा.और 15मीं के महाभारत के बाद ये डिसाइड हुआ कि मेरे लेफ्ट में निशा और राइट में गुड़िया बैठेगी ऐसा नही है की किसी को मेरे पास बैठने में इंटेरेस्ट था वो तो सब गुड़िया
की टाँग खिच रहे थे.

फिर डिन्नर सुरू हुआ सब ने स्टार्ट किया पर गुड़िया ने अपने दोनों हाथ को कोहनियो के बल टेबल पे रख के अपना सिर उसके सहारे रख के इधर उधर देखने लगी .......

फिर डिन्नर शुरू हुआ सब ने स्टार्ट किया पर गुड़िया अपने दोनों हाथ को कोहनियो के बल टेबल पे रख के अपना सिर उसके सहारे रख के इधर उधर देखने लगी .......

अमृता-अब तुझे क्या हुआ तू डिन्नर क्यूँ नही कर रही.

मॉम-बेटा तू उस को छोड़ उस की तो आदत खराब कर दी है अजय ने जब तक वो अपने हाथों से नही खिलाएगा वो नही खाने वाली.

जिया दी-इंटरेस्टिंग तूने कभी मुझे या नैना को तो नही खिलाया अपने हाथों से इसका क्या मतलब निकाले हम.

रवि-मतलब क्या निकालना है सीधी सी बात है आप लोगो से वो कम प्यार करता है और क्या .

में-तू अपना मुँह बस खाने के लिए ही खोल नही तो किसी काम का नही छोड़ूँगा समझा.जब भी मुँह खोलेगा बकवास ही बाहर आएगी.और दी ये क्या है वो छोटी है मुझसे जैसे में आप सब से तो फिर मेरा हक बनता है खाना का खिलाने का नही.

जिया दी-हँसते हुए अच्छा ठीक है चल आज में तुझे खिलाती हूँ अपने हाथों से.

गुड़िया -नही दी में खिला दूँगी आप परेशान ना हो आप आप खाना ख़तम करे में खिला देती हूँ भाई.को

अमृता-ऐसे कैसे खिला देती हूँ हमारे होते हुए तुझे कोई परेशानी हो ये ठीक नही तू आराम से बैठ के अपने भाई से अपना खाना खा अजय को हम खिला देंगे.

मॉम-हाँ अमृता ने बिल्कुल सही कहा.जो लड़की अपना खुद का खाना नही खा सकती वो दूसरे को क्या खिलाएगी.अजय तुझे में खिलाती हूँ
वैसे भी कभी तूने मेरे हाथो से नही खाया.

गुड़िया -मैने बोल दिया ना बस कि में खिलाउन्गि तो में ही खिलाउन्गि.

अमृता-मेरी झासी की रानी वापस बैठ जा नही तो हाथ पैर पकड़ के कमरे में बंद करने वाली बात याद है ना या भूल गयी ...

गुड़िया -मुझे नही खाना आप सब के साथ मॉम आप मेरा और भाई का डिन्नर मेरे रूम में भेजवा दे प्ल्ज़.(और मुझे उठाते हुए) भाई चलो मेरे रूम में डिन्नर करेंगे.
 
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में-क्या हुआ यार तुझे तू तो हम सब से बहादुर है फिर ये आँसू तुझे पे बिल्कुल भी अच्छे नही लगते चल चुप हो जा और बता कि बात क्या है.

रवि-कुछ नही बस किसी की याद आ गयी थी.

में-हे ये तो कोई बात नही है तूने जिया दी से प्रोमिस किया था कि तू उस हादसे को भूल जाएगा.दी आप ही इसे समझाओ ना प्ल्ज़.

जिया दी-रवि इधर आ.तूने ये क्यूँ कि सोच लिया कि तू अकेला है में हूँ ना तेरे साथ जो हुआ उसे अब भूल जा चल अपने आँसू सॉफ कर नही तो निशा क्या सोचेगी तेरे बारे में(हाँ दोस्तो बिल्कुल सही सोचा आप ने मैने जिया दी को ये बता दिया था कि रवि निशा पे ट्राइ कर रहा है में
अपनी नैना दी या जिया दी से कुछ नही छिपाता जब तक वो ज़रूरी ना हो)

गुड़िया -गुड़िया भी उन के हग में शामिल होते हुए.में भी तो आप की लिट्ल सिस्टर हूँ में भी आप से बहुत प्यार करती हूँ .हाँ अजय भाई से
थोड़ा सा कम .

और हमारे बार्बी डॉल के इस जबाब से सभी के चहरे पे मुस्कान आ गयी.

अमृता-हाँ क्यूँ नही 5.1इंच की लिट्ल लिट्ल सिस्टर मुबारक हो रवि अब तक ये अजय की जान खाती थी आज से तू भी तैयार हो जा.

निशा-ऐसा नही है ये तो बहुत ही प्यारी और समझदार है.

मॉम-तुम लोगो का मेल मिलाप ख़तम हो गया हो तो अब डिन्नर लगा दूं.

अमृता-अभी कहाँ आंटी अभी तो मेरा नो पेंडिंग में है ये गुड़िया की बच्ची छोड़े तब तो में भी मेल मिलाप करू.

गुड़िया -तो आपको रोका किस ने है पर में यहाँ से नही हटने वाली चाहे जो हो जाए.

अमृता-अच्छा निशा चल तू इसके पैर पकड़ में इसके हाथ और टाँग के इसको इसके कमरे में बंद कर देते है फिर देखते है क्या करती है.

गुड़िया चिल्लाते हुए नही और मेरे पीछे छिप गयी.

जिया दी-क्या हुआ शेरनी अब क्यूँ बिल्ली बनी फिर रही है चल सामने आ .

गुड़िया -क्या दी में तो मज़ाक कर रही थी आप भी ना .

अमृता-अच्छा तो में भी मज़ाक ही कर रही थी .

गुड़िया -मुझे पता था आप थोड़े ना ऐसा करती आप तो कितनी समझदार और खूबसूरत है.

जिया दी-मस्का लगाने की ज़रूरत नही है.

मॉम-चलो डिन्नर लग गया है सब चल के कर लो.
 

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