- 1,131
- 1,471
- 143
Update 39
शिवा के माथे से पसीना टपक रहा था ,उसको अपने आप ही गुस्सा आने लगा था ,इतनी शक्तिया है उसके पास और वो कैसे ऐसी भूल कर बैठा ,उसे इतना भी पता नही चल सका कि वह सुनीता की नही शांति के जिस्म से खेल रहा है , शिवा ने सुनीता को याद करते हुवे देखा तो वो,इसी होटल के दूसरे कमरे में सिमा के साथ सो रहीं थी ,शिवा को क्या करे यह समझ नहीं आ रहा था ,उसके लंड को शांति के चुत की गर्मी और कसावट से मजा आ रहा था ,उसके लंड को शन्ति की चुत की थरथराहट से मजा आ रहा था ,उसके हाथों में जो उसके नरम और मोटी गांड थी,शिवा सोचते हुवे कब अपनी कमर हिलाने लगा और उसकी गांड दबाने लगा उसे खुद पता नही चला ,उसे इस मखमली चुत में लंड को मजा आ रहा था ,किसी कमसिन लड़की के जैसी वो चुत लग रही थी उसको, उसने अपने तूफानी धक्कों से उस चुत के बारा बजा दिए थे ,उसने जब अपने लंड से अपनी लंबी लंबी पिचकारियां को शांति के चुत में लबालब भर दिया तब उसको होश आया कि उसने क्या कर दिया ये ,साला इसकी बेटी से प्यार करता हु और इसको ही चोद डाला ,अब क्या मुह दिखाऊंगा पूजा को ,शिवा ने शांति के बदन को चादर से ढक दिया ,और अपने आप को गालियां देता हुवा वापिस आ गया ,वो अपने बिस्तर पर पड़ा यह सोच रहा था ,साला में भी अपनी शक्तियों का इस्तेमाल पूरा नही कर रहा ,मुझे ज्वाला की बातों से यह तो यकीन है मुझ मे कुछ खास बात है जो में उसकी मन की बाते सुन सकता हु , उसके पास मेरी जैसी सभी शक्तियां है,पर वो गायब नहीं हो सकती ,और ना किसी चीज के आरपार जा सकती है ,उसकी स्पीड भी मुझसे कम लगती है जहाँ में 1 सेकंड में 100 km से ज्यादा दूर जा सकता हु तो वो 1 मिनिट में 100 km जा सकती है ,मुझे अब अपनी शक्तियों पर ध्यान देना होगा ऐसी ग़लती दुबारा नही होंनी चाहिए मुझसे, यह सोचकर शिवा उस पहाड़ी इलाके मे पहुँच कर अपनी शक्तियों को आजमाने लगा ,पहले उसने दौड़ने के बारे में सोचके दौड़ लगाई ,अब वह स्पीड कैसे गिने ,उसने उस पहाड़ी से हाइवे तक दौड़ लगाई ,हाइवे पर जाकर उसने दौड़ लगानी शुरू की ,उसको यकीन ही नही हो रहा था अपनी स्पीड का ,उसकी नजर उसको दौडते हुवे दूर तक का दिखा रही थी ,उसको रास्ते मे आने वाले मोड़ ,गाड़िया ,सब पहले ही नजर आते थे ,उसने रुक कर देखा तो वो 1 मिनिट भी नही दौड़ा था 10 सेकंड में ही वो उस पहाड़ी वाली जगह से 500 km दूर आ गया था ,उसने वापिस मुड़ के दौड़ लगाई तो वो उससे भी जल्दी पहाड़ी इलाको में पहुच गया ,शिवा अब एक जगह बैठ कर सोचने लगा ,मेने अभी तक जितनी भी शक्तियों के बारे में सोचा था ,वो में कर पाया था, इसका मतलब यह तो नही में जो सोचूं वो शक्ति का इस्तेमाल कर सकता हु ,यही सोचकर शिवा ने हवा में उड़ने के बारे मे सोचा तो वो आसानी से हवा में उड़ने लगा ,उसकी हवा में उड़ने की स्पीड बहुत ज्यादा थी ,उसके सारे कपड़े फट गए थे , शिवा ने अपने कपड़े देखे तो वो पूरा नंगा हो गया था ,उसको अपनी हालत देखकर हँसी आ गई ,वो सोचने लगा वो अगर हवा में उड़कर कहि गया तो उसको नंगा ही जाना होगा ,उसके कपड़े तो फट ही जाने थे ,
शिवा ने अपनी नजर से दूर तक देखने की कोशिश करने लगा, जैसा वो दौड़ते हुवे दूर तक देख सकता था ,वह अब अपनी नजरो से बहुत दूर तक देख पा रहा था ,इस पहाड़ी से ही वो 50 km दूर का साइनबोर्ड भी पढ़ सकता था ,यहा तक उसको चीजो के आरपार भी दिखाई दे रहा था,उसने अपने सुनने और सूंघने की ताकत के बारे मे जाना तो उसने पाया कि उसकी बारीक से बारीक आवाज तक सुनाई दे सकती है अगर उसने सिर्फ सोचा तो ,वो 10 km दूर बस में बैठे आदमियों की बाते ऐसे सुन पा रहा था मानो वो उनको बाजू में बैठकर बाते कर रहे हो ,उसके सूंघने की ताकत भी वैसी ही बढ़ गई थी ,वो फूलों की ,जनावरो की ,इंसानों के बदन तक कि महक को अलग से महसूस कर सकता था, वो किसी को भी उसके बदन से आने वाली महक से दूर से पहचान सकता था,
लेकिन शिवा की एक सोच यह भी पक्की थी उसको यह ताकद जीनत की कवारी गांड मारकर ही मिली है इसकी पुष्टि उसको नीलो की कवारी गांड मारकर हो गई थी ,उसको अब यह देखना था कि नीलो की बाकी 3 बहनों की कवारी गांड मारकर क्या ताकत मिलती है ,उसके सोच की वजह ऐसी इसलिये थी ,क्योंकि शिवा एक अनाथ था ,बचपन से उसमे कोई खास खूबी उसमे नही थी, अगर उसमे बचपन से ऐसी ताकते होती तो उसको कभी ना कभी पता चल जाता,ना उसको किसीने ताकद का इंजेक्शन दिया था ,ना कोई जादुई दवा उसको किसीने दी थी, ,उसको यह सब जीनत और नीलो की गांड मारने के बाद ही मिला था ,
शिवा उस पहाडी इलाको से घर लौट आया ,उसको यह पता चला था उसको अब नींद भी बहुत कम लगती है वो अगर सोया भी नही तो उसे कोई फर्क नही पड़ता था ,
शिवा को शांति के बारे में ख्याल आया उसने देखा शांति को होश आ चुका है और वो अपने बेड पर लेटी सोच रही है ,
शांति ,मेरी चुत में घुसने वाला लंड मुकेश का कभी नही हो सकता, जो मेरी चुत में घुसा था वो किसी इंसान का लंड नही हो सकता ,इतनी तकलीफ तो मुझे मेरे सुहागरात या मनोज के साथ चुदने पर भी नही हुवी थी ,मेरी चुत में इतना माल भरा था, मानो कोई घोड़ा मुझे चोद कर गया हो, पूरी चुत का कबाड़ कर गया है वो एक बार मे ,मेरी चुत इतनी सूज गई है कि अब सुबह मुझसे चला भी नही जाएगा ,इन लड़कियों के वजह से मुझे यहा रहना पड़ रहा है ,कौन आकर मुझे चोद गया पता कैसे करूँ ,मुकेश और मिलिद तो आज ही दिल्ली गये है ,मनोज और नरेश भैया तो गांव गये है 7 दिन के लिए,साला ये कौन मुझे चुपके से चोद गया, मुझे जल्द इस बात का पता लगाना पड़ेगा ,
शिवा को ,सुनीता की मन की बातों से पता चल गया था कि मनोज के घर मे कुछ काम चल रहा था ,मोना और पूजा के मुताबिक जिसकी वजह से उन्होंने पूरे घरवालों को दौड़ा रखा था ,पूजा और मोना , घर मे चल रहे काम की वजह से ही कुछ लोग होटल में रुके थे ,क्योकि ,उन दोनों ने खुद के ही नही पूरे घर के कमरों को नया बनाने को कहा था
सुबह के 6 बज गये थे और कॉलेज जाने में समय था अभी,फिर शिवा कुछ देर तक उसकी कालेज की किताबें पढता रहा, जब तक उसको नाश्ते के लिए बुलाया नही गया ,
शिवा ने इतने समय मे उसकी इजनियरिग के पहले साल की आधी से ज्यादा किताबे पढ़ ली थी,और उसको अपने दिमाग की ताकद पता चल गई थी ,उसकी पढ़ने की और समंझने कि ताकत बहुत ज्यादा पढ़ गई थी ,एक बार पढ़कर ही उसको सब मुहजुबानी याद हो रहा था ,शिवाने नाश्ता करते हुवे यह सोच लिया कि उसको इस दिमाग की ताकद का सही इस्तेमाल करना चाहिए ,और उसने किया भी वैसा ही
शिवाने 2 महीने तक एक ही टाइम टेबल रखा था सुबह 5 बजे से 8 बजे तक पढाई ,9 से 3 कॉलेज में जाकर लेक्चर तो करना लेकिन उसमे भी वो अपनी किताब पढ़ा करता था,
4 बजे घर से खाना खाकर होटल में आकर अपना काम करता ,उसका काम 2 घण्टे में ही पूरा करके ,वो 9 बजे तक फिर पढ़ाई करता ,फिर 10 बजे घर जाकर खाना खाता सबसे बाते करता 11 बजे अपने कमरे में जाता ,11:30 बजे पहले होटल जाकर ज्वाला को चुत की आग भुजा देता और फिर 2 बजे लेकर 4 बजे तक सुनीता को जो अब मनोज के घर रहने गई थी उसे ठंडा करता था , ( दोनो के एमसी के वक्त वो बस घर पर ही रुकता और पढ़ाई करता था ) 4 से 5 बजे तक अपनी नींद लेता था ,
दो महीनों में मोना को तो शिवा अब उसके जिंदा रहने की वजह बन गया था ,वह कालेज में बस शिवा के लिए ही आती थी, पूजा अपना काम के बहाने से शिवा को अपने पास ही रखने की कोशिश करती ,और ना बने तो खुद शिवा के ऑफिस में जाकर उसको देखती रहती ,
शिवाने 2 महीनों में अपनी इंजीनयरिंग की 4 साल की पढ़ाई पूरी कर ली थी ,उसको मैथ्स का हर therom ,हर formula मुहजुबानी था ,उसने मेड़किल, सायन्स, इतिहास,जीवशास्त्र ,प्राणीशास्त्र ,वनस्पतिशास्त्र पढ़ लिया था ,उसने 2 महिनो में इतना पढ़ने के बाद यही जाना था जीवन भर भी वह पढता रहा ,तो वह नही पढ़ सकता ,इतना ज्ञान का खजाना बढा और समृद्ध है ,
शिवाने 2 महीने में आने वाला हर रविवार का छुटी का पूरा दिन परिवार के साथ ही बिताता ,उनके साथ खाना,पीना ,कहि बाहर घूमने जाना,पूरा वक्त वो सबके साथ ही हसते खेलते गुजार लेता था ,
शांति 2 महीने से परेशान थी ,और उसके परेशानी की वजह अलग ही थी ,उसके चुत में लगी आग ,उसने मुकेश के साथ हमबिस्तर होकर देखा ,मनोज को कसमे देकर मनाकर उसके साथ संभोग करके देखा पर कोई फर्क ही नही पड़ा ,
शिवा को इतनी पढाई करने से अब एक बच्चे की तरह नही बल्कि एक ज्ञानी पंडित के जैसी सोच हो गईं थी ,उसके पास हर तरह का ज्ञान था पुराणिक इतिहास पढ़कर मिला हुवा ,और आधुनिक विज्ञान से मिला हुवा ,साथ मे अनेक चमत्कारी शक्तिया ,जो अब कोई 19 साल का बच्चा नही एक काबिल दिमाग करने वाला था ,जिसको अच्छे बुरे की समझ अब पहले से ज्यादा थी ,
शिवा कॉलेज जा रहा था तभी उसके फोन पर नीलो का फोन आया ,उसने अपनी बाइक रोक कर उसका फोन उठाया
हो नीलो बोलो ,क्या बात है ,शिवा
कुछ काम हों तभी तूमको फोन कर सकती हूं क्या ,नीलो
नही ऐसी कोई बात नही है ,तुम जब चाहो मुझसे बात कर सकती है ,शिवा
में तुम्हारी कौन लगती हु ,ये अब तुम भूल गए क्या ,नीलो
शिवा ने तुरंत नीलो के मन की बात पढ़ ली ,तो उसे बहुत बुरा लगा ,वो कितना मतलबी बन गया, जो इस बिचारी के लिये कभी समय ही नही दे पाया ,उसने देखा कोमल पास के ही एक पार्क में अकेली बैठी है ,
नीलो ,तुम 5 मिनिट रुको में तुम्हे फिर फोन करता हु,शिवा
और शिवाने गाड़ी पार्क की और दौड़ा दी ,वह जब नीलो के पास पहुचा ,तो नीलो अपनी गर्दन झुकायें रो रही थी ,
उसको लगा शिवा अब उसको भूल चुका है ,या उसको पसन्द नही करता ,उसके सवाल के जवाब दिये बिना उसके फोन काटने से उसको और बुरा लगा था ,
मेरी बेगम इस बाग में बैठकर क्यो रो रही है ,यह आवाज़ और उसमे जो कहा वो सुनकर उसके चेहरे पर रोते हुवे भी हसी आ गई और वो शिवा से लिपटकर किसी बच्चे की तरह रोनो लगी , शिवाने उसे रोने दिया ताकि उसके दिल का गुबार कम हो जाये ,थोड़ी देर में वो चुप हो गई ,शिवाने उसकी आंखें साफ की और उसको अपने साथ अपनी गाड़ी पर बिठाकर दिनभर घुमाता रहा ,शिवाने उसकी मन की बातों से निलो को क्या क्या करना था शिवा के साथ रहकर वो हर चीज हो सके करवाई ,उसको पानी पूरी खाना, आइसक्रीम लेकर देना ,होटल में खाना ,समुन्दर किनारे हाथो में हाथ डालकर घूमना ,
पृथ्वी और शक्ति दोनो समुन्दर किनारे गाड़ी में बैठकर किसी की राह देख रहे थे ,उनके सामने से शिवा बाइक पर नीलो को लेकर आकर रुका ,फिर बाइक वहा लगाकर वो दोनो अंदर घूमने चले गये ,
दादा ,देखा आपने यह शिवा ही था ,शक्ति
देखा मेने इसको बेटा ,पृथ्वी
अब यह क्या कर रहा है यहा पे ,शक्ति
अब यहा पर वो पढ़ता है कॉलेज में,पृथ्वी
आप अभी इसपर नजर नही रखते होंगे ,जबसे पता चला होगा इसमे शक्तिया नही है ,शक्ति
नही ऐसा नही है ,में इसके खानदान के किसी शख्स को, कभी भी हल्के में नही ले सकता ,में हमेशा देखता हूं ,और इसके मन की बात पता करता हु ,अभी शिवा इस लड़की के साथ किसी होटल में जाकर इसकी चुदाई करने वाला है ,पृथ्वी बोला , उसके बाद उसने शक्ति से कहा ,शक्ति हमे जिस इंसान की तलाश है, उसके मन की बात में नही पढ़ पा रहा हु ,बस में उसको देख सकता हु, ऐसा पहली बार हो रहा है मेरे साथ जिंदगी में,की में किसी की बात नही पढ़ सकता
शक्ति से कोई जवाब न मिलने से पृथ्वी ने उसकी जान के बोला ,शक्ति वह हमारा दुश्मन है ,साँप कितना भी खूबसूरत दिखता हो ,उसे गले मे नही टांगते है ,वह कभी ना कभी अपना जहर के दाँत दिखा ही देता है
दादा, आप मुझसे बड़े है,आप की बात में कभी नही टालता ,ना कभी आपकी बात गलत साबित होती है ,पर में मानता हूं के शिवा के बारे में आपका अंदाज गलत निकले ,वो लड़का मुझे बहुत पसंन्द आया है ,दिल का भला और सच्चा है ,में भला मन की बात नही पढ़ सकता पर मुकाबले के दिन शिवा को जब उस कुत्ते ने पकड़ा था, तब आपके हाथ से टूटती उस लोहे की ग्रिल को मैने देखा था ,अगर नरगिस ने मुकाबला नही रोक होता ,शिवा के बेहोश होने के बाद कोई और जानवर पिंजरे में उतरता, तो आप उस पिंजरों को तोड़कर अंदर घुस जाते ,और फिर वहां पर आप उस जानवर को ही नही सबको मार देते ,आपकी आँखों मे बहते आंसू मेने देख लिए थे, जब नरगिस उसको अस्पताल लेके जा रही थी तब, जो आप सबसे छुपा गए थे ,
शक्ति, मुझे सब लोग गलत समजते है ,यहा तक मेरी बीवी औऱ तुम्हारी दादी ज्वाला को भी, में एक गलत आदमी लगता हूँ,भले में उसकी मन की बात नही जानता पर उसकी आँखों मे अपने लिये नफरत देख कर सब पहचान जाता हूं, मुझे कुछ काम मजबूरी में करने पड़ते है ,ना मुझे ताकद की भूक है ना किसी दौलत की, में तो बस यही चाहता हु किसी गलत हाथो में ऐसी ताकद ना आ जाये ,जिसकी वजह से यहा पर तबाही मच जाये, इंसानीयत यह पर बनी रहनी चाहिए ,और उसके लिये में अपनी आखरी सांस तक कोशिश करूंगा , ।
शिवा के माथे से पसीना टपक रहा था ,उसको अपने आप ही गुस्सा आने लगा था ,इतनी शक्तिया है उसके पास और वो कैसे ऐसी भूल कर बैठा ,उसे इतना भी पता नही चल सका कि वह सुनीता की नही शांति के जिस्म से खेल रहा है , शिवा ने सुनीता को याद करते हुवे देखा तो वो,इसी होटल के दूसरे कमरे में सिमा के साथ सो रहीं थी ,शिवा को क्या करे यह समझ नहीं आ रहा था ,उसके लंड को शांति के चुत की गर्मी और कसावट से मजा आ रहा था ,उसके लंड को शन्ति की चुत की थरथराहट से मजा आ रहा था ,उसके हाथों में जो उसके नरम और मोटी गांड थी,शिवा सोचते हुवे कब अपनी कमर हिलाने लगा और उसकी गांड दबाने लगा उसे खुद पता नही चला ,उसे इस मखमली चुत में लंड को मजा आ रहा था ,किसी कमसिन लड़की के जैसी वो चुत लग रही थी उसको, उसने अपने तूफानी धक्कों से उस चुत के बारा बजा दिए थे ,उसने जब अपने लंड से अपनी लंबी लंबी पिचकारियां को शांति के चुत में लबालब भर दिया तब उसको होश आया कि उसने क्या कर दिया ये ,साला इसकी बेटी से प्यार करता हु और इसको ही चोद डाला ,अब क्या मुह दिखाऊंगा पूजा को ,शिवा ने शांति के बदन को चादर से ढक दिया ,और अपने आप को गालियां देता हुवा वापिस आ गया ,वो अपने बिस्तर पर पड़ा यह सोच रहा था ,साला में भी अपनी शक्तियों का इस्तेमाल पूरा नही कर रहा ,मुझे ज्वाला की बातों से यह तो यकीन है मुझ मे कुछ खास बात है जो में उसकी मन की बाते सुन सकता हु , उसके पास मेरी जैसी सभी शक्तियां है,पर वो गायब नहीं हो सकती ,और ना किसी चीज के आरपार जा सकती है ,उसकी स्पीड भी मुझसे कम लगती है जहाँ में 1 सेकंड में 100 km से ज्यादा दूर जा सकता हु तो वो 1 मिनिट में 100 km जा सकती है ,मुझे अब अपनी शक्तियों पर ध्यान देना होगा ऐसी ग़लती दुबारा नही होंनी चाहिए मुझसे, यह सोचकर शिवा उस पहाड़ी इलाके मे पहुँच कर अपनी शक्तियों को आजमाने लगा ,पहले उसने दौड़ने के बारे में सोचके दौड़ लगाई ,अब वह स्पीड कैसे गिने ,उसने उस पहाड़ी से हाइवे तक दौड़ लगाई ,हाइवे पर जाकर उसने दौड़ लगानी शुरू की ,उसको यकीन ही नही हो रहा था अपनी स्पीड का ,उसकी नजर उसको दौडते हुवे दूर तक का दिखा रही थी ,उसको रास्ते मे आने वाले मोड़ ,गाड़िया ,सब पहले ही नजर आते थे ,उसने रुक कर देखा तो वो 1 मिनिट भी नही दौड़ा था 10 सेकंड में ही वो उस पहाड़ी वाली जगह से 500 km दूर आ गया था ,उसने वापिस मुड़ के दौड़ लगाई तो वो उससे भी जल्दी पहाड़ी इलाको में पहुच गया ,शिवा अब एक जगह बैठ कर सोचने लगा ,मेने अभी तक जितनी भी शक्तियों के बारे में सोचा था ,वो में कर पाया था, इसका मतलब यह तो नही में जो सोचूं वो शक्ति का इस्तेमाल कर सकता हु ,यही सोचकर शिवा ने हवा में उड़ने के बारे मे सोचा तो वो आसानी से हवा में उड़ने लगा ,उसकी हवा में उड़ने की स्पीड बहुत ज्यादा थी ,उसके सारे कपड़े फट गए थे , शिवा ने अपने कपड़े देखे तो वो पूरा नंगा हो गया था ,उसको अपनी हालत देखकर हँसी आ गई ,वो सोचने लगा वो अगर हवा में उड़कर कहि गया तो उसको नंगा ही जाना होगा ,उसके कपड़े तो फट ही जाने थे ,
शिवा ने अपनी नजर से दूर तक देखने की कोशिश करने लगा, जैसा वो दौड़ते हुवे दूर तक देख सकता था ,वह अब अपनी नजरो से बहुत दूर तक देख पा रहा था ,इस पहाड़ी से ही वो 50 km दूर का साइनबोर्ड भी पढ़ सकता था ,यहा तक उसको चीजो के आरपार भी दिखाई दे रहा था,उसने अपने सुनने और सूंघने की ताकत के बारे मे जाना तो उसने पाया कि उसकी बारीक से बारीक आवाज तक सुनाई दे सकती है अगर उसने सिर्फ सोचा तो ,वो 10 km दूर बस में बैठे आदमियों की बाते ऐसे सुन पा रहा था मानो वो उनको बाजू में बैठकर बाते कर रहे हो ,उसके सूंघने की ताकत भी वैसी ही बढ़ गई थी ,वो फूलों की ,जनावरो की ,इंसानों के बदन तक कि महक को अलग से महसूस कर सकता था, वो किसी को भी उसके बदन से आने वाली महक से दूर से पहचान सकता था,
लेकिन शिवा की एक सोच यह भी पक्की थी उसको यह ताकद जीनत की कवारी गांड मारकर ही मिली है इसकी पुष्टि उसको नीलो की कवारी गांड मारकर हो गई थी ,उसको अब यह देखना था कि नीलो की बाकी 3 बहनों की कवारी गांड मारकर क्या ताकत मिलती है ,उसके सोच की वजह ऐसी इसलिये थी ,क्योंकि शिवा एक अनाथ था ,बचपन से उसमे कोई खास खूबी उसमे नही थी, अगर उसमे बचपन से ऐसी ताकते होती तो उसको कभी ना कभी पता चल जाता,ना उसको किसीने ताकद का इंजेक्शन दिया था ,ना कोई जादुई दवा उसको किसीने दी थी, ,उसको यह सब जीनत और नीलो की गांड मारने के बाद ही मिला था ,
शिवा उस पहाडी इलाको से घर लौट आया ,उसको यह पता चला था उसको अब नींद भी बहुत कम लगती है वो अगर सोया भी नही तो उसे कोई फर्क नही पड़ता था ,
शिवा को शांति के बारे में ख्याल आया उसने देखा शांति को होश आ चुका है और वो अपने बेड पर लेटी सोच रही है ,
शांति ,मेरी चुत में घुसने वाला लंड मुकेश का कभी नही हो सकता, जो मेरी चुत में घुसा था वो किसी इंसान का लंड नही हो सकता ,इतनी तकलीफ तो मुझे मेरे सुहागरात या मनोज के साथ चुदने पर भी नही हुवी थी ,मेरी चुत में इतना माल भरा था, मानो कोई घोड़ा मुझे चोद कर गया हो, पूरी चुत का कबाड़ कर गया है वो एक बार मे ,मेरी चुत इतनी सूज गई है कि अब सुबह मुझसे चला भी नही जाएगा ,इन लड़कियों के वजह से मुझे यहा रहना पड़ रहा है ,कौन आकर मुझे चोद गया पता कैसे करूँ ,मुकेश और मिलिद तो आज ही दिल्ली गये है ,मनोज और नरेश भैया तो गांव गये है 7 दिन के लिए,साला ये कौन मुझे चुपके से चोद गया, मुझे जल्द इस बात का पता लगाना पड़ेगा ,
शिवा को ,सुनीता की मन की बातों से पता चल गया था कि मनोज के घर मे कुछ काम चल रहा था ,मोना और पूजा के मुताबिक जिसकी वजह से उन्होंने पूरे घरवालों को दौड़ा रखा था ,पूजा और मोना , घर मे चल रहे काम की वजह से ही कुछ लोग होटल में रुके थे ,क्योकि ,उन दोनों ने खुद के ही नही पूरे घर के कमरों को नया बनाने को कहा था
सुबह के 6 बज गये थे और कॉलेज जाने में समय था अभी,फिर शिवा कुछ देर तक उसकी कालेज की किताबें पढता रहा, जब तक उसको नाश्ते के लिए बुलाया नही गया ,
शिवा ने इतने समय मे उसकी इजनियरिग के पहले साल की आधी से ज्यादा किताबे पढ़ ली थी,और उसको अपने दिमाग की ताकद पता चल गई थी ,उसकी पढ़ने की और समंझने कि ताकत बहुत ज्यादा पढ़ गई थी ,एक बार पढ़कर ही उसको सब मुहजुबानी याद हो रहा था ,शिवाने नाश्ता करते हुवे यह सोच लिया कि उसको इस दिमाग की ताकद का सही इस्तेमाल करना चाहिए ,और उसने किया भी वैसा ही
शिवाने 2 महीने तक एक ही टाइम टेबल रखा था सुबह 5 बजे से 8 बजे तक पढाई ,9 से 3 कॉलेज में जाकर लेक्चर तो करना लेकिन उसमे भी वो अपनी किताब पढ़ा करता था,
4 बजे घर से खाना खाकर होटल में आकर अपना काम करता ,उसका काम 2 घण्टे में ही पूरा करके ,वो 9 बजे तक फिर पढ़ाई करता ,फिर 10 बजे घर जाकर खाना खाता सबसे बाते करता 11 बजे अपने कमरे में जाता ,11:30 बजे पहले होटल जाकर ज्वाला को चुत की आग भुजा देता और फिर 2 बजे लेकर 4 बजे तक सुनीता को जो अब मनोज के घर रहने गई थी उसे ठंडा करता था , ( दोनो के एमसी के वक्त वो बस घर पर ही रुकता और पढ़ाई करता था ) 4 से 5 बजे तक अपनी नींद लेता था ,
दो महीनों में मोना को तो शिवा अब उसके जिंदा रहने की वजह बन गया था ,वह कालेज में बस शिवा के लिए ही आती थी, पूजा अपना काम के बहाने से शिवा को अपने पास ही रखने की कोशिश करती ,और ना बने तो खुद शिवा के ऑफिस में जाकर उसको देखती रहती ,
शिवाने 2 महीनों में अपनी इंजीनयरिंग की 4 साल की पढ़ाई पूरी कर ली थी ,उसको मैथ्स का हर therom ,हर formula मुहजुबानी था ,उसने मेड़किल, सायन्स, इतिहास,जीवशास्त्र ,प्राणीशास्त्र ,वनस्पतिशास्त्र पढ़ लिया था ,उसने 2 महिनो में इतना पढ़ने के बाद यही जाना था जीवन भर भी वह पढता रहा ,तो वह नही पढ़ सकता ,इतना ज्ञान का खजाना बढा और समृद्ध है ,
शिवाने 2 महीने में आने वाला हर रविवार का छुटी का पूरा दिन परिवार के साथ ही बिताता ,उनके साथ खाना,पीना ,कहि बाहर घूमने जाना,पूरा वक्त वो सबके साथ ही हसते खेलते गुजार लेता था ,
शांति 2 महीने से परेशान थी ,और उसके परेशानी की वजह अलग ही थी ,उसके चुत में लगी आग ,उसने मुकेश के साथ हमबिस्तर होकर देखा ,मनोज को कसमे देकर मनाकर उसके साथ संभोग करके देखा पर कोई फर्क ही नही पड़ा ,
शिवा को इतनी पढाई करने से अब एक बच्चे की तरह नही बल्कि एक ज्ञानी पंडित के जैसी सोच हो गईं थी ,उसके पास हर तरह का ज्ञान था पुराणिक इतिहास पढ़कर मिला हुवा ,और आधुनिक विज्ञान से मिला हुवा ,साथ मे अनेक चमत्कारी शक्तिया ,जो अब कोई 19 साल का बच्चा नही एक काबिल दिमाग करने वाला था ,जिसको अच्छे बुरे की समझ अब पहले से ज्यादा थी ,
शिवा कॉलेज जा रहा था तभी उसके फोन पर नीलो का फोन आया ,उसने अपनी बाइक रोक कर उसका फोन उठाया
हो नीलो बोलो ,क्या बात है ,शिवा
कुछ काम हों तभी तूमको फोन कर सकती हूं क्या ,नीलो
नही ऐसी कोई बात नही है ,तुम जब चाहो मुझसे बात कर सकती है ,शिवा
में तुम्हारी कौन लगती हु ,ये अब तुम भूल गए क्या ,नीलो
शिवा ने तुरंत नीलो के मन की बात पढ़ ली ,तो उसे बहुत बुरा लगा ,वो कितना मतलबी बन गया, जो इस बिचारी के लिये कभी समय ही नही दे पाया ,उसने देखा कोमल पास के ही एक पार्क में अकेली बैठी है ,
नीलो ,तुम 5 मिनिट रुको में तुम्हे फिर फोन करता हु,शिवा
और शिवाने गाड़ी पार्क की और दौड़ा दी ,वह जब नीलो के पास पहुचा ,तो नीलो अपनी गर्दन झुकायें रो रही थी ,
उसको लगा शिवा अब उसको भूल चुका है ,या उसको पसन्द नही करता ,उसके सवाल के जवाब दिये बिना उसके फोन काटने से उसको और बुरा लगा था ,
मेरी बेगम इस बाग में बैठकर क्यो रो रही है ,यह आवाज़ और उसमे जो कहा वो सुनकर उसके चेहरे पर रोते हुवे भी हसी आ गई और वो शिवा से लिपटकर किसी बच्चे की तरह रोनो लगी , शिवाने उसे रोने दिया ताकि उसके दिल का गुबार कम हो जाये ,थोड़ी देर में वो चुप हो गई ,शिवाने उसकी आंखें साफ की और उसको अपने साथ अपनी गाड़ी पर बिठाकर दिनभर घुमाता रहा ,शिवाने उसकी मन की बातों से निलो को क्या क्या करना था शिवा के साथ रहकर वो हर चीज हो सके करवाई ,उसको पानी पूरी खाना, आइसक्रीम लेकर देना ,होटल में खाना ,समुन्दर किनारे हाथो में हाथ डालकर घूमना ,
पृथ्वी और शक्ति दोनो समुन्दर किनारे गाड़ी में बैठकर किसी की राह देख रहे थे ,उनके सामने से शिवा बाइक पर नीलो को लेकर आकर रुका ,फिर बाइक वहा लगाकर वो दोनो अंदर घूमने चले गये ,
दादा ,देखा आपने यह शिवा ही था ,शक्ति
देखा मेने इसको बेटा ,पृथ्वी
अब यह क्या कर रहा है यहा पे ,शक्ति
अब यहा पर वो पढ़ता है कॉलेज में,पृथ्वी
आप अभी इसपर नजर नही रखते होंगे ,जबसे पता चला होगा इसमे शक्तिया नही है ,शक्ति
नही ऐसा नही है ,में इसके खानदान के किसी शख्स को, कभी भी हल्के में नही ले सकता ,में हमेशा देखता हूं ,और इसके मन की बात पता करता हु ,अभी शिवा इस लड़की के साथ किसी होटल में जाकर इसकी चुदाई करने वाला है ,पृथ्वी बोला , उसके बाद उसने शक्ति से कहा ,शक्ति हमे जिस इंसान की तलाश है, उसके मन की बात में नही पढ़ पा रहा हु ,बस में उसको देख सकता हु, ऐसा पहली बार हो रहा है मेरे साथ जिंदगी में,की में किसी की बात नही पढ़ सकता
शक्ति से कोई जवाब न मिलने से पृथ्वी ने उसकी जान के बोला ,शक्ति वह हमारा दुश्मन है ,साँप कितना भी खूबसूरत दिखता हो ,उसे गले मे नही टांगते है ,वह कभी ना कभी अपना जहर के दाँत दिखा ही देता है
दादा, आप मुझसे बड़े है,आप की बात में कभी नही टालता ,ना कभी आपकी बात गलत साबित होती है ,पर में मानता हूं के शिवा के बारे में आपका अंदाज गलत निकले ,वो लड़का मुझे बहुत पसंन्द आया है ,दिल का भला और सच्चा है ,में भला मन की बात नही पढ़ सकता पर मुकाबले के दिन शिवा को जब उस कुत्ते ने पकड़ा था, तब आपके हाथ से टूटती उस लोहे की ग्रिल को मैने देखा था ,अगर नरगिस ने मुकाबला नही रोक होता ,शिवा के बेहोश होने के बाद कोई और जानवर पिंजरे में उतरता, तो आप उस पिंजरों को तोड़कर अंदर घुस जाते ,और फिर वहां पर आप उस जानवर को ही नही सबको मार देते ,आपकी आँखों मे बहते आंसू मेने देख लिए थे, जब नरगिस उसको अस्पताल लेके जा रही थी तब, जो आप सबसे छुपा गए थे ,
शक्ति, मुझे सब लोग गलत समजते है ,यहा तक मेरी बीवी औऱ तुम्हारी दादी ज्वाला को भी, में एक गलत आदमी लगता हूँ,भले में उसकी मन की बात नही जानता पर उसकी आँखों मे अपने लिये नफरत देख कर सब पहचान जाता हूं, मुझे कुछ काम मजबूरी में करने पड़ते है ,ना मुझे ताकद की भूक है ना किसी दौलत की, में तो बस यही चाहता हु किसी गलत हाथो में ऐसी ताकद ना आ जाये ,जिसकी वजह से यहा पर तबाही मच जाये, इंसानीयत यह पर बनी रहनी चाहिए ,और उसके लिये में अपनी आखरी सांस तक कोशिश करूंगा , ।