Adultery आँचल की अय्याशियां

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आँचल
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रेस्टोरेंट के बाथरूम से बाहर आकर आँचल अब बेहतर महसूस कर रही थी. वो डिनर टेबल पर सुनील के साथ बैठ गयी. आँचल के सामने टेबल के दूसरी तरफ रवि बैठा था. आँचल ने देखा रवि उसको बार बार घूर रहा है. रिया का मंगेतर मेरे ऊपर लटटू हो गया है , ये देखकर आँचल को बड़ी खुशी हुई. वो डिनर करते समय रवि को टीज़ करने लगी. जब उसकी नज़र रवि से मिलती तो वो अपने होठों पर जीभ फिरा देती. अपने बाल ठीक करने के बहाने बाँहे उठाकर अपनी चूचियों को आगे की ओर तान देती , जिससे उसके तने हुए नुकीले निपल रवि का निशाना लगाते.

सामने बैठा रवि आँचल की सब हरकतें देख रहा था. जब डांस फ्लोर में आँचल नशे में थी तो रवि उसको चोदने के लिए कार पार्किंग में ले जा रहा था लेकिन सुनील और रिया सामने आ गये तो रवि के हाथ से वो मौका निकल गया. अब आँचल को अपने होठों पर जीभ फिराते देख सोचने लगा , इन रसीले होठों के बीच मेरा लंड घुसेगा तो कितना मज़ा आएगा. ये होंठ मेरा लंड चूसते हुए कितने अच्छे लगेंगे. उन होठों का मुलायम स्पर्श पाने के लिए रवि का लंड मचलने लगा. आँचल की गोरी बाँहे और शेव की हुई कांख को देखकर रवि सोचने लगा, इस चिकनी कांख और बाँहों को चूमने और चाटने का मौका कब मिलेगा. आँचल की ब्लैक ड्रेस में बिना ब्रा के साफ दिखते तने हुए निप्पलों को देखकर रवि इमेजिन करने लगा की वो आँचल के निप्पलों को अपने मुँह में भरकर चूस रहा है.

डिनर करते समय उनकी ज़्यादा बातें नही हुई. रवि आँचल के ख़यालो में डूबा हुआ था तो दूसरी तरफ सुनील और रिया भी एक दूसरे में डूबे हुए थे. सुनील ने पहले कभी डांस नही किया था लेकिन रिया के लिए उसने वो भी कर दिया. डिनर करते हुए वो सामने बैठी रिया को घूरते रहा. पता नही क्यूँ पर सुनील को चुलबुली रिया का साथ बहुत अच्छा लगता था. इससे पहले आँचल के अलावा कभी किसी लड़की से उसे लगाव महसूस नही हुआ था.

ऐसे ही बिना ज़्यादा बोले डिनर खत्म हो गया. रवि ने उन तीनो को कार से सुनील के घर छोड़ दिया. रवि बहुत उत्तेजना महसूस कर रहा था. आँचल ने उसे बहुत गरम कर दिया था. पर उसे अपने कज़िन के यहाँ रहना था. उन तीनो को ‘बाय’ बोलके वो बुझे मन से कज़िन के घर चला गया.

लेकिन अकेला रवि ही गरम नही था. वो तीनो भी बहुत उत्तेजना महसूस कर रहे थे.

जैसे ही सुनील अपने बेडरूम में पहुँचा वो आँचल से लिपट गया. आँचल को अपनी बाँहों में भरके बेतहाशा चूमने लगा. फिर जल्दबाज़ी में आँचल के कपड़े उतारने लगा.

आँचल भी सुनील को इतना उत्तेजित देखकर हैरान रह गयी.

“अरे , मेरी ड्रेस फाड़ ही डालोगे क्या ? रूको , मैं खुद उतारती हूँ.”

सुनील को दूर हटाकर आँचल अपनी ड्रेस उतारने लगी.

आँचल को कपड़े उतारने के बाद नंगी देखकर सुनील उस पर टूट पड़ा और आँचल की बड़ी गोरी चूचियों को मसलने और चूसने लगा. आँचल को भी मस्ती चढ़ी हुई थी उसने सुनील का पैंट उतारकर लंड हाथ में पकड़ लिया. फिर नीचे बैठकर सुनील के लंड को मुँह में भर लिया और चूसने लगी. आँचल की गरम साँसे लंड पर महसूस होते ही सुनील सिसकारियाँ लेने लगा.

“ओह्ह आँचल ……..आआहह……….बहुत मज़ा आ रहा है…….”

आँचल रवि के लंड को सोचते हुए मज़े से सुनील का लंड चूसने लगी. सुनील आनंद के सागर में गोते लगाने लगा.

थोड़ी देर में ही सुनील आँचल के मुँह में झड़ गया. आँचल उसका लंड चूसते रही और सारा वीर्य गटक गयी. आँचल ने महसूस किया और आदमियों के मुक़ाबले सुनील ने ज़्यादा वीर्य उसके मुँह में नही छोड़ा , सारा वीर्य गटकने में उसे कोई परेशानी नही हुई. लंड चूसना आँचल को बहुत अच्छा लगता था और अब तो वो लंड चूसकर मर्दों को मज़ा देने में माहिर हो चुकी थी.

झड़ने के बाद सुनील मस्त होकर बेड पर लेट गया. आँचल को बहुत मस्ती चढ़ी थी, वो भी सुनील के पीछे पीछे बेड में आ गयी. आँचल चाह रही थी सुनील उसके बदन को चूमे , चाटे , उसकी चुदाई करे. लेकिन झड़ने के बाद सुनील शांत पड़ गया. और चुदास से तड़पती आँचल की ओर उसने कोई ध्यान नही दिया.

आँचल ने देखा ये तो कुछ कर ही नही रहा. आँख बंद करके लेट गया है. अब मुझे ही कुछ करना पड़ेगा.

आँचल सुनील के मुरझाए हुए लंड को फिर से खड़ा करने की कोशिश करने लगी, उसे सहलाने लगी. फिर लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी और गोलियों को सहलाने लगी. 10-15 मिनिट तक वो ऐसे ही करते रही लेकिन सुनील का पतला लंड एक बार झड़ने के बाद खड़ा ही नही हुआ. आँचल हताश हो गयी और सुनील के बगल में लेट गयी.

फिर उसे कुछ याद आया की पहले दिन सुनील को उसने कैसे उत्तेजित किया था. आँचल सुनील की तरफ करवट लेके उसे रवि का किस्सा सुनाने लगी.

“सुनील, डांस फ्लोर में डांस करते समय रवि ने मुझे अपने से चिपटाया हुआ था . उसका खड़ा लंड मुझे अपने पेट में चुभ रहा था.”

आँचल की बात सुनकर सुनील ने आँखें खोल दी.

“अच्छा ! , और क्या क्या किया रवि ने तुम्हारे साथ ? ”

सुनील को उत्तेजित होते हुए देखकर आँचल बढ़ा चढ़ाकर बताने लगी.

“जानते हो सुनील, उस हरामी रवि ने डांस करते हुए पीछे से मेरी ड्रेस में हाथ डाल दिए और मेरे नितंबों को मसलने लगा.”

आँचल कामुक बातें करते हुए सुनील के लंड को सहलाने लगी.

“रवि ने मुझे इतना कसके पकड़ा हुआ था की मैं हिल भी नही पा रही थी और वो मेरे बदन पर हाथ फिरा रहा था. मेरे नितंबों को तो उसने जी भरके दबाया और निचोड़ दिया.”

आँचल के गोरे गोरे बड़े नितंबों को रवि ने मसल दिया , इस सीन को इमेजिन करके सुनील का लंड फनफनाने लगा. ये देखकर आँचल खुश हो गयी.

“जानते हो सुनील. वो रवि इतना कमीना है, अगर तुम वहाँ नही होते तो वो मुझे पक्का चोद ही देता.”

अब सुनील से और नही सुना गया. उत्तेजना से भरकर वो उठ गया और आँचल की टाँगों को फैलाकर उसकी रस टपकाती गीली चूत में लंड घुसाकर चोदने लगा. आँचल की चूत में सुनील के तेज तेज धक्के पड़ने लगे.

“आअहह………….... यस यस …….सुनील……..रवि मुझे ऐसे ही चोद देता ……” कामोन्माद से आँचल सिसकने लगी.

फिर अपने नितंबों को ऊपर उछालकर सुनील के धक्कों का जवाब देने लगी.

“यस यस ………..बिल्कुल ऐसे ही ……वो रवि …….उन्न्नह………आआहह……….” आँचल चुदते हुए मजे लेने लगी और रवि का नाम लेकर सुनील की उत्तेजना भड़काती रही.

सुनील ने आँचल को इतनी ज़ोर से चोदा की थोड़ी देर में ही आँचल को ओर्गास्म आ गया.

“उन्न्ह…………..ओह……………..आअहह…………..ओइईईईईईईईईई…………” करती हुई आँचल ने अपनी कमर उठा कर टेढ़ी कर दी और वो झड़ने लगी. उसकी चूत ने रस बहाते हुए सुनील के लंड को डुबो दिया.

लेकिन सुनील जोरदार धक्के मारते रहा. आँचल को भी हैरानी हुई. आज जनाब को क्या हो गया है ? ये तो चार धक्के मारकर पानी छोड़ देते थे. आज तो जनाब रुकने का नाम ही नही ले रहे.

आँचल को लग रहा था की ये सुनील नही कोई और ही आदमी है. वो आँचल की चूत में गहराई तक जोरदार स्ट्रोक लगा रहा था.

“ तुम चाहती हो की रवि तुम्हें चोदे ?” आँचल की चूत पर जोरदार धक्का मारते हुए सुनील बोला.

“ओह……..उन्न्नह………….सुनील……….आअहह……..” अब आँचल के लिए सुनील के धक्कों का साथ देना मुश्किल हो रहा था. सुनील का ये रूप उसने पहले कभी नही देखा था. सुनील बेरहमी से आँचल की चूत चोद रहा था.

“सुनील , थोड़ा आराम से करो प्लीज़. तुम मुझे दर्द करा दे रहे हो……..प्लीज़ थोड़ा धीरे धीरे करो ना.” आँचल सुनील से धीरे करने को कहने लगी.

आँचल की बात सुनकर सुनील ने धक्के लगाना बंद कर दिया. उसका लंड अभी भी आँचल की चूत के अंदर था. कुछ देर बाद उसने फिर से आँचल की चुदाई शुरू कर दी पर इस बार वो आराम से हल्के हल्के शॉट लगा रहा था. अपना मुँह नीचे लाकर वो आँचल की मीठी मीठी चूचियों को चूसने लगा. आँचल के तने हुए निपल को मुँह में भरकर चूसने लगा , जैसे उनसे दूध पी रहा हो. आँचल के निपल के चारो ओर हल्के भूरे रंग के ऐरोला पर जीभ फिराकर चाटने लगा.

“आअहह……………..ऊहह……….. यस यस ….सुनील ऐसी ही चोदो ……..” ऐरोला पर सुनील के चाटने से आँचल सिसकने लगी.

अब सुनील उसे आराम आराम से चोद रहा था.

“मैंने पूछा की तुम चाहती हो की रवि तुम्हें चोदे ? तुमने जवाब नही दिया……..”

सुनील को इस बात से एक्साइट्मेंट हो रही थी की उसकी प्यारी बीवी मादक आँचल किसी और आदमी से चुद रही है.

“उन्न्नह………...ऊऊऊओह…………………..वो मुझे इतना कसके दबा रहा था ना………………..ओह….” आँचल सुनील की उत्तेजना बढ़ाती रही.

आँचल को दूसरा ओर्गास्म आ गया.

“आआईयईईईईए…………….ऊओह यस सुनील………………...ओइईईईईईईईईईईईईई…..” आँचल झड़ने लगी.

आँचल को ओर्गास्म की मस्ती में डूबे देखकर सुनील ने भी आँचल की चूत में वीर्य छोड़ दिया और आँचल के ऊपर ही लेट गया.

जबरदस्त चुदाई से दोनो ही कामतृप्त हो गये और गहरी साँसे लेने लगे.

सुनील के जिस्म से दबी हुई आँचल आज बहुत खुश थी. अपने पति सुनील पर उसे बहुत प्यार आ रहा था. वो सुनील की नंगी पीठ पर हाथ फिराने लगी. आज सुनील ने उसे जी भरके प्यार दिया था. सुनील के सर के बालों से लेकर उसके नितंबों तक पूरी पीठ को आँचल सहलाती रही. सुनील में इतना परिवर्तन कैसे आ गया है ? दूसरे मर्दों के आँचल के मादक बदन से छेड़खानी के किस्से सुनकर सुनील को इतना जोश, इतनी उत्तेजना क्यूँ आ जाती है, आँचल सोचने लगी.

आँचल के मन में हमेशा ही अपराधबोध रहता था की वो दूसरे मर्दों से कामसुख लेती है. क्यूंकी उसका अपना पति उसे कामसुख नही दे पाता था. लेकिन पिछले दो दिन से सब कुछ बदल सा गया था. सुनील बेड में सांड़ की तरह उसे रौंद दे रहा था.

आँचल सोचने लगी , अब मैं दूसरे मर्दों से संबंध नही रखूँगी और सुनील से बेवफ़ाई नही करूँगी. अब मैं पिल लेना भी बंद कर दूँगी और सुनील के साथ बच्चा पैदा करके अपने परिवार को आगे बढ़ाऊँगी.

ऐसा सोचते सोचते आँचल अपने पति सुनील की बाँहों में संतुष्ट होकर नंगी ही सो गयी.
 
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उस रात डिनर से आने के बाद आँचल और सुनील तो अपने बेडरूम में चले गये और जमकर चुदाई का मज़ा लिया. रिया और रवि को भी चुदाई का बहुत मन हो रहा था लेकिन रवि के ठहरने का इंतज़ाम उसके कज़िन के घर पे था इसलिए वो वहाँ चला गया. रिया के सोने की व्यवस्था आँचल की सास के बेडरूम में थी. जब रिया बेडरूम में गयी तो वहाँ आँचल की सास और नौकरानी सुनीता गहरी नींद में सोए हुए थे. रिया दबे पाँव बेडरूम से बाहर आकर ससुरजी के पास लिविंग रूम में गयी तो उसने देखा , ससुरजी गहरी नींद में खर्राटे ले रहे हैं.

रिया को बहुत फ्रस्ट्रेशन हुई , लेकिन कुछ कर नही सकती थी. इसलिए अपने बेडरूम में वापस आ गयी और कपड़े बदलकर बेड में लेट गयी. पर उसे नींद नही आ रही थी. चुदाई के लिए वो तड़प रही थी . तड़प को शांत करने के लिए रिया चूत में उंगली डालके मूठ मारने लगी.

हुआ ये था की ससुर ने उनके डिनर से लौटने का बहुत देर तक इंतज़ार किया , पर उन तीनो को डिस्को और डिनर करके लौटने में बहुत देर हो गयी , और इंतज़ार करते करते ससुर सो गया था. आज रात भी रिया के साथ चुदाई के मज़े लूँगा सोचकर ससुर ने परफ्यूम डालकर नहाया था. सुनीता आई थी ससुर के पास चुदाई के लिए लेकिन ससुर को रिया की टाइट चूत चोदने का मन था इसलिए उसने सुनीता को वापस लौटा दिया. तो सुनीता भी चुपचाप सास के साथ सो गयी थी.

रात में करीब 2 बजे ससुर की नींद खुली. उसे पेशाब लगी थी. वो अपने बेडरूम में बने बाथरूम में गया. उसने देखा रिया गहरी नींद में सोई है. उसकी छोटी नाइटी जो सिर्फ़ घुटनों तक थी , अभी ऊपर खिसकी हुई है. रिया की गोरी जांघें और चूत के ऊपर के घने काले बाल दिख रहे थे. इस दृश्य को याद करके बाथरूम में पेशाब करते समय ससुर का लंड खड़ा हो गया.

बाथरूम से लौटते समय ससुर अपने ऊपर काबू नही रख पाया. वो धीरे से रिया के बेड में बैठ गया और रिया की चूत के बालों में उंगलियाँ फिराने लगा. उसने रिया की चूत में एक उंगली डाली और अंगूठे से उसकी क्लिट को धीरे से रगड़ने लगा. सोई हुई रिया के मुँह से हल्की सी सिसकारी निकली. ससुर ने रिया को देखा. रिया का मासूम चेहरा देखकर उसको रिया को चूमने की तीव्र इच्छा हुई. रिया के खुले होठों के बीच अपना फनफनाता लंड घुसाने का उसका मन हुआ.

बाकी बची हुई रात में ससुर रिया के साथ चुदाई करना चाहता था. अब वो रिया की चूत में तेज तेज उंगली करने लगा. रिया की नींद खुल गयी उसने देखा ससुरजी उसके बेड में बैठे हैं. ससुर उसको देखकर मुस्कुरा दिया और चूत में उंगली करना बंद कर दिया. ससुर ने बाँहें पकड़कर रिया को बेड से उठाया और लिविंग रूम में ले गया. वहाँ ससुर सोफे में बैठ गया और रिया को अपने पास बैठा लिया.

फिर रिया का हाथ पकड़कर अपने पैजामे के बाहर से लंड के ऊपर रख दिया.

“देखो रिया बेटी, मेरा लंड तुम्हें चोदने को कितना तड़प रहा है.” कहते हुए ससुर ने अपना पैजामा थोड़ा खोल दिया और लंड बाहर निकाल लिया.

“उहह……...” खुली हवा में फनफनाते ससुर के बड़े लंड को देखकर रिया के होंठ सूख गये. लंड को हाथ से पकड़कर रिया ने उसके कड़ेपन का एहसास किया. रिया की चूत गीली हो गयी.

अपने बड़े लंड पर रिया को मंत्रमुग्ध हुए देखकर ससुर खुश हो गया. अब सुबह होने में जितना भी टाइम बचा है , उसमे रिया की ऐसी चुदाई करूँगा की जिंदगी भर मुझे याद रखेगी.

ससुर ने रिया की छोटी नाइटी को ऊपर उठाया और उसकी गीली चूत सहलाने लगा. रिया सिसकने लगी.

“देखो रिया, तुम्हारी चूत भी उतनी ही तड़प रही है, पानी पानी हो रही है , मेरे लंड के लिए.”

ससुर के मुँह से लंड चूत की कामुक बातें सुनकर रिया शरमा गयी और ससुर का लंड हाथ में पकड़े हुए ही उसने अपना मुँह ससुर की छाती में छुपा लिया.

रिया की मजबूत पकड़ से ससुर ने अपने लंड को छुड़ाया और रिया की नाइटी उतारकर उसको नंगी कर दिया. फिर अपने कपड़े उतारकर वो भी नंगा हो गया. रिया सोफे में नंगी बैठी थी और अपने हाथ से उसने अपनी चूचियाँ ढकी हुई थीं. ससुर भी उसके बगल में बैठ गया.

“रिया बेटी शरमाओ नही. अभी तो बहुत मज़ा मिलेगा तुम्हें. आओ मेरे पास.” कहते हुए उसने रिया की बाँहें पकड़ी और उसे अपनी गोद में बिठा लिया.

रिया का मुँह ससुर की तरफ था और ससुर का तना हुआ लंड उसके पेट में रगड़ खा रहा था. रिया की दोनो टाँगें ससुर के दोनो तरफ थी. और उसकी चूत ससुर की गोलियों से चिपकी हुई थी. गोद में बिठाने के बाद ससुर रिया के खूबसूरत और मासूम चेहरे को चूमने लगा. और उसके बाद रिया के रसीले होठों को चूसकर उसकी जवानी का रस पीने लगा. उत्तेजना में तड़पते हुए रिया भी चुंबन में साथ देने लगी.

फिर ससुर रिया की मुलायम चूचियों को दबाने और चूसने लगा. रिया के तने हुए निपल को उसने मुँह में भर लिया.

“ओह……..” अपनी मुलायम चूचियों को चूसे जाने से रिया सिसकने लगी.

ससुर बारी बारी से दोनो निप्पलों को चूसने लगा और हल्के से चूचियों पर जगह जगह दाँत भी गड़ा दे रहा था.

आनंद से रिया सिसकारियाँ लेने लगी और उसकी चूत से रस निकलकर ससुर की गोलियों में बहने लगा. ससुर का लंड चूत में लेने को रिया तड़पने लगी. वो लंड को पकड़कर ऊपर नीचे मूठ मारने लगी.

ससुर ने रिया के सुंदर चेहरे को देखा जो उत्तेजना से लाल हो गया था. वो रिया के मीठे गालों और होठों को चूमने लगा.

“रिया बेटी, मज़ा आ रहा है ना ?”

“उन्न्नह…” रिया ने सिसकी से जवाब दिया.

फिर ससुर ने रिया को गोद से उतार दिया और सोफे पर बिठा दिया. रिया की दोनो टाँगों को फैला के वो बीच में आ गया और अपने लंड से रिया की चूत की दरार को कुरेदने लगा.

“आअहह……... हाँ …. हाँ …...” रिया तड़पने लगी.

रिया की चूत के होंठ उत्तेजना से फूल गये थे. अपनी गीली चूत में लंड के घुसने का इंतज़ार उससे बर्दाश्त नही हो रहा था. उसकी आँखें मदहोशी से नशीली हो रखी थी.

तभी ससुर ने रिया की चूत के छेद पर लंड का सुपाड़ा लगाया और एक धक्के में सुपाड़ा अंदर घुस गया.

“आअहह………....ऊऊओह……………...ओइईईईईईईईईई………...” टाइट चूत में मोटा सुपाड़ा घुसते ही रिया ज़ोर से सिसकी. वो इतनी गरम हो चुकी थी की सुपाड़ा चूत में घुसते ही उसको ओर्गास्म आ गया. झड़ते हुए रिया ने अपने नितंबों को ऊपर उछाला , जिससे पूरा लंड जड़ तक उसकी गीली चूत में घुस गया.

रिया को ऐसा लगा जैसे उसकी चूत की दीवारें पूरी स्ट्रेच हो गयी हैं. उसकी टाँगें काँपने लगी.

ससुर उसकी टाँगों को पकड़कर लंड को चूत में अंदर बाहर करने लगा. उसकी गोलियाँ रिया के उठे हुए नितंबों से टकराने लगी. ससुर धीरे धीरे अपने धक्कों की स्पीड बढ़ाने लगा. रिया कामोन्माद में सिसकारियाँ लेने लगी.

“आआहह………....ऊऊओह……………”

फिर ससुर ने रिया की टाँगों को छोड़ दिया और उसकी कमर पकड़कर तेज़ी से चोदने लगा. रिया ने अपनी टाँगे ससुर की कमर में लपेट ली. अपनी चूत पर पड़ते तेज धक्कों से रिया ज़ोर से सिसकने लगी. मोटे लंड से उसकी टाइट चूत की जबरदस्त रगड़ाई होने लगी. दर्द और आनंद से रिया ने ससुर की नंगी पीठ पर नाख़ून गड़ा दिए. और फिर उसको दूसरी बार ओर्गास्म आ गया.

“आअहह……………..उूउउफफफफफफ्फ़………..ओइईईईई…..”

झड़ने के बाद रिया का बदन ढीला पड़ गया. जवान रिया को दूसरी बार झड़ते हुए देखकर ससुर भी रुक नही पाया और उसने रिया की चूत में वीर्य की धार छोड़ दी.

रिया ने अपनी चूत में ससुर के वीर्य को महसूस किया. फिर ससुर ने रिया की चूत से लंड बाहर निकाल लिया. प्वाच...... की आवाज़ के साथ लंड बाहर निकल आया और चूत से वीर्य निकलकर सोफे में गिरने लगा.

“रिया बेटी तेरी चूत तो बहुत टाइट है. तेरे रवि ने तुझे अच्छे से नही चोदा क्या ?” रिया के चेहरे को सहलाते हुए ससुर ने पूछा.

“उईईइ माँ …….उसने मुझे ऐसे तो नही चोदा. आपका लंड तो बहुत मोटा और बड़ा है. मुझे आपका लंड बहुत मज़ा दे रहा है.” मदहोशी से ससुर को देखते हुए रिया ने मुस्कुराकर जवाब दिया.

रिया की बात सुनकर ससुर खुश हो गया.

“रिया बेटी , अब ज़रा देखो तो………...ज़रा हाथ में लो और देखो मेरा लंड कितना छोटा हो गया है.” अपने मुरझाए हुए लंड को ससुर रिया से हाथ में पकड़ने को कहने लगा.

रिया ने ससुर के छोटे हो चुके लंड को देखा और उसे हाथ में पकड़कर सहलाने लगी. रिया सोचने लगी, मुरझाने के बाद भी ये रवि के लंड से बड़ा और मोटा है. रिया के नरम हाथों के स्पर्श से ससुर का लंड फिर से बड़ा होने लगा.
 
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“रिया बेटी , अब ज़रा देखो तो………...ज़रा हाथ में लो और देखो मेरा लंड कितना छोटा हो गया है.” अपने मुरझाए हुए लंड को ससुर रिया से हाथ में पकड़ने को कहने लगा.

रिया ने ससुर के छोटे हो चुके लंड को देखा और उसे हाथ में पकड़कर सहलाने लगी. रिया सोचने लगी, मुरझाने के बाद भी ये रवि के लंड से बड़ा और मोटा है. रिया के नरम हाथों के स्पर्श से ससुर का लंड फिर से बड़ा होने लगा.

“अब मेरे लंड को चूसो रिया बेटी……..”

लेकिन रिया ने मुँह नही खोला.

रिया को झिझकते देखकर ससुर ने फिर कहा,” झिझक क्यूँ रही हो. क्या कभी लंड नही चूसा ?”

रिया ने सर हिलाकर “ ना “ में जवाब दिया.

ससुर ने रिया की गर्दन पीछे से पकड़ी और नीचे को झुकाते हुए अपने लंड पर उसका मुँह लगा दिया.

“डरो मत रिया बेटी, ये तुम्हें काटेगा नही. चूसो इसे, बहुत मज़ा आएगा मुझे और बाद में तुम रवि को भी ऐसे ही मज़ा दे सकोगी…..”

रिया ने थोड़ा सा मुँह खोला और जीभ बाहर निकालकर थोड़ा झिझकते हुए लंड के सुपाड़े को चाटा. सुपाड़े पर प्री-कम की कुछ बूंदे लगी हुई थी जिसका स्वाद रिया ने चखा. तीन चार बार ऐसे जीभ लगाने के बाद रिया ने सुपाड़े को मुँह में भर लिया और चूसने लगी. रिया के रसीले होठों के अंदर बाहर जाते हुए लंड को देखकर ससुर आनंद से सिसकने लगा.

“ओह्ह …... हाँ हाँ ……ऐसे ही चूसो रिया बेटी……....बहुत मज़ा आ रहा है……..बिल्कुल लॉलीपॉप के जैसे चूसो.”

फिर ससुर उसे लंड चूसाई का तरीका बताने लगा की कैसे लड़कियाँ मर्दों को मज़ा देती हैं.

“ये जो लंड की जड़ है ना, यहाँ पर भी चाटो ……...हाँ ऐसे ही………..गोलियों को भी चाटो, बहुत मज़ा आता है……”

रिया ने अच्छे स्टूडेंट की तरह ससुर की बातों को सुना और जैसे जैसे उसने बताया वैसे ही वो करती रही.

फिर ससुर ने रिया के गले तक लंड घुसा दिया और जब उसका दम घुटने लगा तो लंड बाहर निकाल लिया. और कुछ पल बाद फिर से मुँह के अंदर लंड घुसाते रहा और निकालते रहा. रिया को ससुर सिखाते रहा कैसे कैसे चूसना है.

“रिया बेटी , लंड चूसते हुए अपनी उंगलियों से गोलियों को सहलाओ, इससे मज़ा बढ़ जाता है.”

रिया ने वैसा ही किया. ससुर का लंड चूसते हुए रिया उसकी गोलियाँ सहलाने लगी. जल्दी ही रिया को अपने मुँह और होठों के जादू का पता चल गया की कैसे लंड चूसकर मर्द को मज़ा दिया जाता है. उसके लंड चूसने से ससुर झड़ने के करीब पहुँच गया.

कुछ ही देर में ससुर ने रिया के मुँह को वीर्य से भर दिया. रिया ने वीर्य को निगलने की कोशिश की पर उसका दम घुटने लगा. उसने लंड को मुँह से निकाल लिया. लंड से निकलती वीर्य की धार उसके चेहरे , बालों और गर्दन में गिर गयी.

झड़ने के बाद ससुर बोला,” अभी मैं तेरी चूत चूसूँगा.”

फिर ससुर रिया की टाँगों के बीच आ गया. दोनो हाथों में उसने रिया के मुलायम नितंबों को पकड़ लिया और रिया की क्लिट पर जीभ लगाकर गोल गोल घुमाने लगा. क्लिट को छेड़ने से रिया मज़े में सिसकने लगी.
उसके बाद ससुर ने जीभ को रिया की चूत में घुसा दिया और चूत के अंदर चाटने लगा.

“उुउऊहह……...ओह गॉड …………..उफफफफफफ्फ़………....आआअहह…….” रिया को इतना मज़ा मिला की वो अपने नितंबों को ससुर के मुँह में उछालने लगी.

फिर ससुर ने चूत से जीभ बाहर निकाल ली और रिया की क्लिट को होठों के बीच दबा लिया और उसे चूसने लगा. रिया से बर्दाश्त नही हुआ , वो फड़फड़ाने लगी.

“उउन्न्नगज्गग………ओह…………….ओइईईईई………...” अपने नितंबों को उपर उछालते हुए रिया झड़ने लगी.

रिया की जांघें काँपने लगी. ससुर ने रिया की गांड के छेद में उंगली घुसा दी.

“आआईयईईईईईई…………...उफफफफ्फ़……..” रिया चिल्लाई , गांड में उंगली घुसने से उसका मज़ा दुगना हो गया.

सेक्सी रिया को सिसकारियाँ लेते हुए झड़ते देखकर ससुर का लंड फिर से फनफनाने लगा. उसने रिया को सोफे पर पेट के बल झुका दिया और गांड ऊपर को उठा दी. सोफे की पीछे साइड को रिया ने अपने हाथों से पकड़ा हुआ था. रिया की गांड पर हल्के से दो तीन चपत लगाने के बाद ससुर ने रिया की कमर को पकड़कर पीछे से उसकी चूत में लंड घुसा दिया.

“ओह्ह ……...उूउउ…..” ससुर के बड़े और मोटे लंड के अपनी टाइट चूत में घुसते ही रिया चिल्लाई. उसे लगा ससुर ने एक झटके में पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया है. मेरी चूत ने ससुर के बड़े लंड को पूरा निगल लिया है सोचकर रिया रोमांचित हो उठी.

ससुर के धक्कों से उसका पूरा बदन हिलने लगा. नीचे को लटकती उसकी चूचियाँ भी आगे पीछे को हिलने लगी.

ससुर रिया की कमर पकड़कर उसे चोदते रहा. रिया के लिए सोफे को पकड़े रखना मुश्किल हो गया.

ससुर भी अब थक गया था. लेकिन इस उमर में जवान छोकरी की चूत के लालच से वो रिया की चुदाई करते रहा. रिया की इतनी जबरदस्त चुदाई पहले कभी नही हुई थी. उसको ओर्गास्म पर ओर्गास्म आ रहे थे.

“आआहह………...ओइईईईईईईईईईईईईईई…...” करते हुए रिया चूत से रस बहाते हुए फिर से झड़ गयी.

रिया के साथ ही ससुर भी झड़ गया और उसने फिर से रिया की चूत अपने वीर्य से भर दी. दोनो इतना थक चुके थे की सोफे पर ही गिर पड़े. वीर्य , चूतरस और पसीने से लथपथ उनके बदन आपस में चिपक गये. गहरी साँसे लेते हुए वो दोनो कुछ देर तक वैसे ही सोफे पर पड़े रहे.

चुदाई के आनंद में वो दोनो इस कदर डूबे हुए थे की उन्हें एहसास ही नही हुआ की कोई उन्हें देख रहा है. कौन ?


...

कोई लिविंग रूम के दरवाज़े के पीछे से उनकी ये काम लीला देख रहा था. रिया की चूत के अंदर बाहर जाते ससुर के मोटे लंड को देखकर वो मंत्रमुग्ध हो गया था. उसने कभी ऐसी जबरदस्त चुदाई नही देखी थी. रिया की नाज़ुक चूत की उस मोटे लंड से बेरहमी से होती ठुकाई को वो चुपचाप देख रहा था. कामोन्माद से सिसकती रिया की सिसकारियों को वो सुन रहा था. ससुर के स्टैमिना को देखकर वो आश्चर्यचकित था.

रात में सुनील की नींद खुली और वो बाथरूम गया. बाथरूम से आते हुए हुए उसे सिसकारियों की आवाज़ आई. आवाज़ को सुनते हुए वो लिविंग रूम के दरवाज़े पर आया तो उसे रिया और अपने पापा की काम लीला दिखाई दी. दरवाज़े के पीछे से उसने अपने पापा को बेरहमी से रिया को चोदते हुए देखा. अपने पापा के बड़े लंड और उनके स्टैमिना को देखकर वो हैरान रह गया. ओह माय गॉड ! पापा का लंड कितना बड़ा और मोटा है. रिया की चूत को तो ये पूरा फैला दे रहा है.

उनकी चुदाई देखकर वो वहीं पर मूठ मारते हुए झड़ गया. फिर सोचने लगा अगर पापा इतने बड़े लंड से मेरी बीवी आँचल को चोदते तो वो कैसे चुदवाती और चुदवाते हुए कैसी लगती. इस ख़याल से उसे इतनी उत्तेजना आई की उसका मुरझाया हुआ लंड फिर से खड़ा हो गया और वो दुबारा मूठ मारने लगा. रिया को अपने पापा से चुदते हुए देखकर वो कल्पना करने लगा की पापा अपने मोटे लंड से रिया को नही बल्कि आँचल को चोद रहे हैं. और आँचल ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए चीख रही है , चिल्ला रही है. इस कल्पना से जल्दी ही सुनील का पानी निकल गया.

कुछ देर बाद ससुर सोफे से उठा और कुर्ता पैजामा पहनकर रिया को भी नाइटी पहनने के लिए कहने लगा. उन्हें उठते देकर सुनील चुपचाप अपने बेडरूम में चला गया. लेकिन उसके दिल की धड़कने बढ़ी हुई थी . जो उसने आज अपने घर में देखा उससे सुनील के दिमाग़ में उथल पुथल मची हुई थी.

कामतृप्त होकर रिया भी अपने बेडरूम में चली गयी . अभी सुबह होने में वक़्त था.
 
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अगली सुबह सुनील उठा तो उसका लंड पूरा तना हुआ था. रात में अपने पापा को रिया को चोदते हुए उसने देखा था. उसने अपने पापा का जितना बड़ा और मोटा लंड पहले कभी नही देखा था. उस मोटे लंड से रिया की जवान चूत की बेरहमी से हुई ठुकाई देखकर सुनील मंत्रमुग्ध हो गया था. ये होती है असली चुदाई.

अब उसकी नींद खुल चुकी थी , बेड पर लेटे हुए अपने खड़े लंड पर हाथ फिराते हुए सुनील के दिमाग़ में रिया की चूत को फैलाते हुए अंदर बाहर जाते उस मोटे लंड से चुदाई का सीन घूमने लगा.

सुनील की उत्तेजना बढ़ने लगी. उसने बगल में लेटी हुई आँचल को उठाने की कोशिश की. लेकिन रात में सुनील के साथ भरपूर चुदाई से संतुष्ट होकर आँचल बेसुध होकर सो रही थी.

सुनील ने देखा की आँचल तो उठ नही रही है, पर सुनील का लंड खड़ा हो रखा था , उसे मस्ती चढ़ी थी. वो नंगी सोई हुई आँचल की टांगों के बीच आ गया और आँचल की चूत के फूले हुए होठों पर मुँह लगाकर उन्हें चूसने लगा. अपनी जीभ से उसने चूत के होठों को चाटा और क्लिट को जीभ से छेड़ने लगा. छेड़ने से क्लिट में कसाव आने लगा और वो तनने लगी. सोई हुई आँचल के मुँह से एक हल्की सी सिसकारी निकल गयी.

अब सुनील और ज़ोर से क्लिट पर जीभ रगड़ने लगा और आँचल की चूत के मोटे होठों को अलग करके उनके बीच उंगली घुसा दी.

चूत में सुनील की उंगली अंदर बाहर होने से आँचल ने सिसकारी ली,” ऊओह……...आअहह…...”

सुनील ने आँचल के भरे हुए सुडौल नितंबों को दोनों हाथों से दबाया और उन्हें मसलने लगा. आँचल की चूत में उसने अपनी जीभ घुसा दी और चूत की नरम लिसलिसी दीवारों पर अपनी खुरदूरी जीभ रगड़ने लगा. बीच बीच में चूत से जीभ बाहर निकालकर क्लिट को भी जीभ से छेड़ दे रहा था.

“उउउन्न्नज्ज्ग…...ऊऊहह……आआअहह….” आँचल ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी.

आँचल अब जाग रही थी और सुनील से अपनी चूत चुसाई के पूरे मज़े ले रही थी. सुनील के हाथ उसके नितंबों को मसल रहे थे और उसकी जीभ चूत में घुसी हुई थी.

सुनील की हरकत से वो हैरान तो थी की पतिदेव पहले तो कभी इतने एक्साइटेड नही होते थे, आज तो सुबह सवेरे ही शुरू हो गये हैं. लेकिन ज़्यादा ना सोचते हुए वो अपनी चूत चुसाई का आनंद लेने लगी.

“ओह्ह ………..हाँ सुनील हाँ………………..ऐसे ही करते रहो……...बहुत मज़ा आ रहा है…..”, उत्तेजना में छटपटाकर आँचल अपने नितंबों को सुनील के मुँह पर उछालने लगी.

सुनील समझ गया की आँचल अब झड़ने वाली है. आँचल के ओर्गास्म को थोड़ी देर और रोकने के लिए उसने आँचल के नितंबों पर अपनी पकड़ और मज़बूत कर दी जिससे आँचल उन्हें ज़्यादा हिला डुला नही पाए. और अपनी जीभ चूत से बाहर निकाल ली.

आँचल को मज़ा मिलना बंद हो गया.

“आअहह………...सुनील ….रुक क्यूँ गये…….प्लीज़ मुझे झड़ने दो …..ओह……...” आँचल मदहोशी में गिड़गिडाई.

आँचल की बात सुनकर सुनील ने उसके नितंबों पर पकड़ ढीली कर दी और फिर से चूत में जीभ अंदर बाहर करने लगा. बीच बीच में आँचल की क्लिट को होठों के बीच दबाकर चूसने लगा.

सुनील की हरकतों से आँचल की उत्तेजना चरम पर पहुँच गयी. उसकी जांघें और नितंब फड़फड़ाने लगे.

“आऐईयईईई………....ऊऊहह……...सुनील………….उूउउफफफ्फ़…………...आआआहह……...”
आँचल ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए झड़ने लगी . उसको एक के बाद एक ओर्गास्म आने लगे.

तभी बेडरूम के दरवाजे को किसी ने खटखटाया. सुनील ने सुन लिया लेकिन आँचल आँखे बंद किए सिसकारियाँ लेती रही. जब उसकी सिसकारियाँ थोड़ी कम हुई तो सुनील ने फिर से खटखटाने की आवाज़ सुनी.

सुनील ने अपने पापा को अपना नाम लेते हुए सुना. दरवाज़े के बाहर से उसके पापा ने ‘सुनील …..सुनील’ कहा.

सुनील सोचने लगा , उसके पापा दरवाज़े पर क्यूँ हैं ? कहीं उन्होने आँचल की सिसकारियाँ तो नही सुन ली ?

आँचल सिसकारियाँ भी तो इतनी ज़ोर ज़ोर से लेती है. मदहोशी में आँचल को कुछ होश ही नही रहता है की घर पे और लोग भी हैं.

मुझे तो लगता है ज़रूर आँचल की सिसकारियाँ सुनकर ही पापा दरवाज़े को नॉक कर रहे हैं.
इस ख़याल से सुनील को बड़ी एक्साइट्मेंट हुई. उसके दिमाग़ में शरारत सूझी.

ओर्गास्म की मदहोशी में अपनी सांसो पर काबू करने का प्रयास करती आँचल से सुनील धीरे से बोला,” आँचल कोई दरवाज़ा खटखटा रहा है. शायद पापा हैं. जाकर देखो तो , क्या कह रहे हैं ?”

ऐसा बोलकर खुद बेडरूम में बने बाथरूम में चला गया.

आँचल अभी भी मदहोशी में थी. सुनील के बाथरूम जाने के बाद वो धीरे से बेड से उठी. बेड के पास पड़ी हुई एक पतली सी नाइटी उसने अपने नंगे बदन पर डाल ली. और बेडरूम का दरवाज़ा खोल दिया. बाहर उसका ससुर खड़ा था.

हुआ ये था की ओर्गास्म की मस्ती में आँचल ज़ोर से चिल्लाई थी. ससुर उनके बेडरूम के आगे से जा रहा था तो सिसकारियाँ सुनकर रुक गया. दरवाज़े पर खड़े रहकर उसने कुछ पलों तक आँचल की सिसकारियाँ सुनी. उन कामुक सिसकारियों को सुनकर ससुर का लंड पैजामे में तंबू बनाकर खड़ा हो गया. जानबूझकर उसने दरवाजा खटखटा दिया.

ससुर ने देखा आँचल की आँखे नशीली हो रखी हैं. उसकी बड़ी चूचियाँ गहरी साँसे लेने से ऊपर नीचे हिल रही हैं. एक पतली सी नाइटी पहन रखी है. शायद ये अंदर कुछ भी नही पहनी है. अभी भी मदहोशी में लग रही है. मादक आँचल का वो कामुक रूप देखकर ससुर सम्मोहित सा हो गया. अहा…... बहू कितनी कामुक लग रही है. अंग अंग से रस टपक रहा है.

आँचल का चेहरा सुर्ख लाल हो रखा था. उसके बदन से उठती मादक गंध और चूतरस की खुशबू ससुर ने अपने नथुनों में महसूस की.

आँचल ने देखा ससुर उसके बदन को ऊपर से नीचे तक घूर रहा है. उस पतली नाइटी में ससुर के घूरने से उसे लगा जैसे वो नंगी ही हो. कहीं ससुरजी ने मेरी सिसकारियाँ तो नही सुन ली ? जाने कब से खड़े थे बेडरूम के दरवाज़े पर. ये ऐसे क्यूँ मुझे घूर रहे हैं ? शायद इनको पता चल गया है की अंदर हम क्या कर रहे थे.

शरम से आँचल ने अपना चेहरा झुका लिया. आँखें नीचे होते ही उसकी नज़र ससुर के पैजामे में बने तंबू पर पड़ी. उईईइ माँ…....ससुरजी का लंड तो पैजामा फाड़ने को उतारू है. अब तो मुझे पक्का यकीन हो गया है की ये ठरकी बुड्ढा ज़रूर दरवाज़े पे खड़ा होके मेरी काम लीला की सिसकारियाँ सुन रहा होगा. तभी इसका लंड दरवाज़े को धक्का दे रहा है.

ससुर ने दरवाजा खटखटाया किससे था ? हाथ से या खंभे जैसे लौड़े से ?

दरवाज़े पर खड़े ससुर और आँचल में से किसी ने भी अभी तक एक शब्द नही बोला था.

ससुर आँचल को देख के सम्मोहित हो गया था. और अब आँचल भी नज़रें नीचे किए हुए ससुर के तंबू को देख रही थी.

सुनील बाथरूम के दरवाज़े से ये सब देख रहा था. जानबूझकर उसने नंगी और मदहोश आँचल को दरवाज़ा खोलने भेज दिया था.

”पापा के सामने पतली नाइटी में आँचल नंगी ही लग रही है. पीछे से तो इसके नितंबों का शेप साफ दिख रहा है. आगे से पापा को इसकी बड़ी बड़ी चूचियों और निपल का शेप साफ दिख रहा होगा. पापा कैसे घूर रहे हैं आँचल को . जैसे कोई भेड़िया किसी मेमने को घूरता है. दोनों कुछ नही बोल रहे हैं. “

ससुर और बहू के बीच सेक्सुअल टेंशन को सुनील भी महसूस कर रहा था. उसका लंड भी पैजामे में तन गया और सुपाड़े से प्री-कम निकलने लगा. अब क्या करते हैं पापा आँचल के साथ, देखता हूँ.

तभी ससुर ने आँचल का हाथ पकड़ लिया और अपने पैजामे के बाहर से लंड पर रख दिया. फनफनाने लंड पर हाथ रखते ही जैसे आँचल को बिजली का झटका लगा , उसने तुरंत अपना हाथ पीछे खींच लिया. वो कुछ नही बोली लेकिन उसकी नज़रें तने हुए लंड पर ही थीं. ससुर ने फिर से आँचल का हाथ पकड़कर लंड पर रख दिया , आँचल ने दुबारा तुरंत हाथ हटा लिया.

ससुर सोचने लगा, देख मेरे लंड को ही रही है, लेकिन पकड़ नही रही.

अबकी बार ससुर ने आँचल का हाथ पकड़कर अपने लंड पर दबाया लेकिन टाइट पकड़े रखा ताकि आँचल हाथ हटा ना पाए. आँचल ने हाथ छुड़ाना चाहा ,पर ससुर ने कस के पकड़े रखा और आँचल के हाथ से अपने लंड को सहलाया. और फिर दूसरे हाथ से ज़ोर लगाकर आँचल की उँगलियों को अपने लंड पर लपेट दिया.

अब आँचल ने अपने दाएं हाथ से ससुर के फनफनाने लंड को पकड़ा हुआ था और आँचल के उस हाथ को ससुर ने अपने हाथों से कसके दबा रखा था. फनफनाने लंड के कड़ेपन का एहसास आँचल की उंगलियों को हुआ. आँचल के मुँह से सिसकारी निकल गयी. बाप रे……….. ससुर का खंभा तो लोहे जैसा सख़्त हो रखा है. आँचल की चूत से रस बहने लगा. उसके माथे पर पसीना आ गया. उसके होंठ सूख गये.

अपने सूखे होठों को जीभ फिराकर गीला करते हुए आँचल ने लंड से निकलती गर्मी को महसूस किया. अपने आप ही उसकी पकड़ लंड पर मजबूत हो गयी. खुद उसके अपने बदन में गर्मी बढ़ने लगी.

ससुर ने आँचल का हाथ छोड़ दिया था . उसे ये देखकर खुशी हुई की आँचल ने उसका लंड मजबूती से पकड़ रखा है. शायद आँचल को इस बात की होश ही नही थी की उसके हाथों के ऊपर से ससुर का हाथ हट चुका है.

बाथरूम के दरवाज़े से झाँककर सुनील ये सब देख रहा था. पापा के मोटे लंड को आँचल ने पैजामे के बाहर से पकड़ रखा है और अब हाथ छुड़ा भी नही रही है. अब इससे ज़्यादा सुनील से नही देखा गया. इस सीन को देखकर उसे इतनी एक्साइट्मेंट हुई की उसका पानी पैजामे में ही निकल गया.

“ओह्ह …….. शिट …..” अपने ओर्गास्म से सुनील खुद ही हैरान हुआ. और अपने पैजामे में निकले हुए वीर्य को देखने लगा. बिना लंड पर हाथ लगाए हुए ही वो झड़ गया था.

बाथरूम के दरवाज़े पर हुई खटपट से आँचल और ससुर दोनों चौंके.

आँचल ने एक झटके से अपना हाथ लंड से हटा लिया और साइड में मुड़कर देखा. बाथरूम का दरवाजा थोड़ा सा खुला हुआ था.

ससुर तुरंत बेडरूम के दरवाज़े से भाग लिया और जाते जाते ज़ोर से कह गया,” सुनील , नाश्ता तैयार है. मैं तो तुम दोनों को बुलाने आया था….”

सुनील को बाथरूम से बेडरूम में आते देखकर आँचल का चेहरा घबराहट और रोमांच से लाल हो गया. सुनील बाथरूम में है और ससुरजी मुझे अपना लंड पकड़ा रहे थे. अगर सुनील देख लेता तो ?

लेकिन आँचल को ये मालूम नही था की सुनील ने सब देख लिया है और ये सब उसका ही किया धरा है. पापाजी आँचल के साथ क्या करेंगे , देखता हूँ. इस प्लान से ही सुनील ने नंगी और मदहोशी में डूबी आँचल को दरवाज़ा खोलने भेज दिया था.

बाथरूम से बाहर आकर सुनील ने ऐसा दिखाया जैसे उसे कुछ पता ही नही. फिर आँचल बाथरूम चली गयी.

कुछ देर बाद दोनों नाश्ता करने डाइनिंग रूम में आ गये.
 

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