रेस्टोरेंट के बाथरूम से बाहर आकर आँचल अब बेहतर महसूस कर रही थी. वो डिनर टेबल पर सुनील के साथ बैठ गयी. आँचल के सामने टेबल के दूसरी तरफ रवि बैठा था. आँचल ने देखा रवि उसको बार बार घूर रहा है. रिया का मंगेतर मेरे ऊपर लटटू हो गया है , ये देखकर आँचल को बड़ी खुशी हुई. वो डिनर करते समय रवि को टीज़ करने लगी. जब उसकी नज़र रवि से मिलती तो वो अपने होठों पर जीभ फिरा देती. अपने बाल ठीक करने के बहाने बाँहे उठाकर अपनी चूचियों को आगे की ओर तान देती , जिससे उसके तने हुए नुकीले निपल रवि का निशाना लगाते.
सामने बैठा रवि आँचल की सब हरकतें देख रहा था. जब डांस फ्लोर में आँचल नशे में थी तो रवि उसको चोदने के लिए कार पार्किंग में ले जा रहा था लेकिन सुनील और रिया सामने आ गये तो रवि के हाथ से वो मौका निकल गया. अब आँचल को अपने होठों पर जीभ फिराते देख सोचने लगा , इन रसीले होठों के बीच मेरा लंड घुसेगा तो कितना मज़ा आएगा. ये होंठ मेरा लंड चूसते हुए कितने अच्छे लगेंगे. उन होठों का मुलायम स्पर्श पाने के लिए रवि का लंड मचलने लगा. आँचल की गोरी बाँहे और शेव की हुई कांख को देखकर रवि सोचने लगा, इस चिकनी कांख और बाँहों को चूमने और चाटने का मौका कब मिलेगा. आँचल की ब्लैक ड्रेस में बिना ब्रा के साफ दिखते तने हुए निप्पलों को देखकर रवि इमेजिन करने लगा की वो आँचल के निप्पलों को अपने मुँह में भरकर चूस रहा है.
डिनर करते समय उनकी ज़्यादा बातें नही हुई. रवि आँचल के ख़यालो में डूबा हुआ था तो दूसरी तरफ सुनील और रिया भी एक दूसरे में डूबे हुए थे. सुनील ने पहले कभी डांस नही किया था लेकिन रिया के लिए उसने वो भी कर दिया. डिनर करते हुए वो सामने बैठी रिया को घूरते रहा. पता नही क्यूँ पर सुनील को चुलबुली रिया का साथ बहुत अच्छा लगता था. इससे पहले आँचल के अलावा कभी किसी लड़की से उसे लगाव महसूस नही हुआ था.
ऐसे ही बिना ज़्यादा बोले डिनर खत्म हो गया. रवि ने उन तीनो को कार से सुनील के घर छोड़ दिया. रवि बहुत उत्तेजना महसूस कर रहा था. आँचल ने उसे बहुत गरम कर दिया था. पर उसे अपने कज़िन के यहाँ रहना था. उन तीनो को ‘बाय’ बोलके वो बुझे मन से कज़िन के घर चला गया.
लेकिन अकेला रवि ही गरम नही था. वो तीनो भी बहुत उत्तेजना महसूस कर रहे थे.
जैसे ही सुनील अपने बेडरूम में पहुँचा वो आँचल से लिपट गया. आँचल को अपनी बाँहों में भरके बेतहाशा चूमने लगा. फिर जल्दबाज़ी में आँचल के कपड़े उतारने लगा.
आँचल भी सुनील को इतना उत्तेजित देखकर हैरान रह गयी.
“अरे , मेरी ड्रेस फाड़ ही डालोगे क्या ? रूको , मैं खुद उतारती हूँ.”
सुनील को दूर हटाकर आँचल अपनी ड्रेस उतारने लगी.
आँचल को कपड़े उतारने के बाद नंगी देखकर सुनील उस पर टूट पड़ा और आँचल की बड़ी गोरी चूचियों को मसलने और चूसने लगा. आँचल को भी मस्ती चढ़ी हुई थी उसने सुनील का पैंट उतारकर लंड हाथ में पकड़ लिया. फिर नीचे बैठकर सुनील के लंड को मुँह में भर लिया और चूसने लगी. आँचल की गरम साँसे लंड पर महसूस होते ही सुनील सिसकारियाँ लेने लगा.
“ओह्ह आँचल ……..आआहह……….बहुत मज़ा आ रहा है…….”
आँचल रवि के लंड को सोचते हुए मज़े से सुनील का लंड चूसने लगी. सुनील आनंद के सागर में गोते लगाने लगा.
थोड़ी देर में ही सुनील आँचल के मुँह में झड़ गया. आँचल उसका लंड चूसते रही और सारा वीर्य गटक गयी. आँचल ने महसूस किया और आदमियों के मुक़ाबले सुनील ने ज़्यादा वीर्य उसके मुँह में नही छोड़ा , सारा वीर्य गटकने में उसे कोई परेशानी नही हुई. लंड चूसना आँचल को बहुत अच्छा लगता था और अब तो वो लंड चूसकर मर्दों को मज़ा देने में माहिर हो चुकी थी.
झड़ने के बाद सुनील मस्त होकर बेड पर लेट गया. आँचल को बहुत मस्ती चढ़ी थी, वो भी सुनील के पीछे पीछे बेड में आ गयी. आँचल चाह रही थी सुनील उसके बदन को चूमे , चाटे , उसकी चुदाई करे. लेकिन झड़ने के बाद सुनील शांत पड़ गया. और चुदास से तड़पती आँचल की ओर उसने कोई ध्यान नही दिया.
आँचल ने देखा ये तो कुछ कर ही नही रहा. आँख बंद करके लेट गया है. अब मुझे ही कुछ करना पड़ेगा.
आँचल सुनील के मुरझाए हुए लंड को फिर से खड़ा करने की कोशिश करने लगी, उसे सहलाने लगी. फिर लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी और गोलियों को सहलाने लगी. 10-15 मिनिट तक वो ऐसे ही करते रही लेकिन सुनील का पतला लंड एक बार झड़ने के बाद खड़ा ही नही हुआ. आँचल हताश हो गयी और सुनील के बगल में लेट गयी.
फिर उसे कुछ याद आया की पहले दिन सुनील को उसने कैसे उत्तेजित किया था. आँचल सुनील की तरफ करवट लेके उसे रवि का किस्सा सुनाने लगी.
“सुनील, डांस फ्लोर में डांस करते समय रवि ने मुझे अपने से चिपटाया हुआ था . उसका खड़ा लंड मुझे अपने पेट में चुभ रहा था.”
आँचल की बात सुनकर सुनील ने आँखें खोल दी.
“अच्छा ! , और क्या क्या किया रवि ने तुम्हारे साथ ? ”
सुनील को उत्तेजित होते हुए देखकर आँचल बढ़ा चढ़ाकर बताने लगी.
“जानते हो सुनील, उस हरामी रवि ने डांस करते हुए पीछे से मेरी ड्रेस में हाथ डाल दिए और मेरे नितंबों को मसलने लगा.”
आँचल कामुक बातें करते हुए सुनील के लंड को सहलाने लगी.
“रवि ने मुझे इतना कसके पकड़ा हुआ था की मैं हिल भी नही पा रही थी और वो मेरे बदन पर हाथ फिरा रहा था. मेरे नितंबों को तो उसने जी भरके दबाया और निचोड़ दिया.”
आँचल के गोरे गोरे बड़े नितंबों को रवि ने मसल दिया , इस सीन को इमेजिन करके सुनील का लंड फनफनाने लगा. ये देखकर आँचल खुश हो गयी.
“जानते हो सुनील. वो रवि इतना कमीना है, अगर तुम वहाँ नही होते तो वो मुझे पक्का चोद ही देता.”
अब सुनील से और नही सुना गया. उत्तेजना से भरकर वो उठ गया और आँचल की टाँगों को फैलाकर उसकी रस टपकाती गीली चूत में लंड घुसाकर चोदने लगा. आँचल की चूत में सुनील के तेज तेज धक्के पड़ने लगे.
“आअहह………….... यस यस …….सुनील……..रवि मुझे ऐसे ही चोद देता ……” कामोन्माद से आँचल सिसकने लगी.
फिर अपने नितंबों को ऊपर उछालकर सुनील के धक्कों का जवाब देने लगी.
“यस यस ………..बिल्कुल ऐसे ही ……वो रवि …….उन्न्नह………आआहह……….” आँचल चुदते हुए मजे लेने लगी और रवि का नाम लेकर सुनील की उत्तेजना भड़काती रही.
सुनील ने आँचल को इतनी ज़ोर से चोदा की थोड़ी देर में ही आँचल को ओर्गास्म आ गया.
“उन्न्ह…………..ओह……………..आअहह…………..ओइईईईईईईईईई…………” करती हुई आँचल ने अपनी कमर उठा कर टेढ़ी कर दी और वो झड़ने लगी. उसकी चूत ने रस बहाते हुए सुनील के लंड को डुबो दिया.
लेकिन सुनील जोरदार धक्के मारते रहा. आँचल को भी हैरानी हुई. आज जनाब को क्या हो गया है ? ये तो चार धक्के मारकर पानी छोड़ देते थे. आज तो जनाब रुकने का नाम ही नही ले रहे.
आँचल को लग रहा था की ये सुनील नही कोई और ही आदमी है. वो आँचल की चूत में गहराई तक जोरदार स्ट्रोक लगा रहा था.
“ तुम चाहती हो की रवि तुम्हें चोदे ?” आँचल की चूत पर जोरदार धक्का मारते हुए सुनील बोला.
“ओह……..उन्न्नह………….सुनील……….आअहह……..” अब आँचल के लिए सुनील के धक्कों का साथ देना मुश्किल हो रहा था. सुनील का ये रूप उसने पहले कभी नही देखा था. सुनील बेरहमी से आँचल की चूत चोद रहा था.
“सुनील , थोड़ा आराम से करो प्लीज़. तुम मुझे दर्द करा दे रहे हो……..प्लीज़ थोड़ा धीरे धीरे करो ना.” आँचल सुनील से धीरे करने को कहने लगी.
आँचल की बात सुनकर सुनील ने धक्के लगाना बंद कर दिया. उसका लंड अभी भी आँचल की चूत के अंदर था. कुछ देर बाद उसने फिर से आँचल की चुदाई शुरू कर दी पर इस बार वो आराम से हल्के हल्के शॉट लगा रहा था. अपना मुँह नीचे लाकर वो आँचल की मीठी मीठी चूचियों को चूसने लगा. आँचल के तने हुए निपल को मुँह में भरकर चूसने लगा , जैसे उनसे दूध पी रहा हो. आँचल के निपल के चारो ओर हल्के भूरे रंग के ऐरोला पर जीभ फिराकर चाटने लगा.
“आअहह……………..ऊहह……….. यस यस ….सुनील ऐसी ही चोदो ……..” ऐरोला पर सुनील के चाटने से आँचल सिसकने लगी.
अब सुनील उसे आराम आराम से चोद रहा था.
“मैंने पूछा की तुम चाहती हो की रवि तुम्हें चोदे ? तुमने जवाब नही दिया……..”
सुनील को इस बात से एक्साइट्मेंट हो रही थी की उसकी प्यारी बीवी मादक आँचल किसी और आदमी से चुद रही है.
“उन्न्नह………...ऊऊऊओह…………………..वो मुझे इतना कसके दबा रहा था ना………………..ओह….” आँचल सुनील की उत्तेजना बढ़ाती रही.
आँचल को दूसरा ओर्गास्म आ गया.
“आआईयईईईईए…………….ऊओह यस सुनील………………...ओइईईईईईईईईईईईईई…..” आँचल झड़ने लगी.
आँचल को ओर्गास्म की मस्ती में डूबे देखकर सुनील ने भी आँचल की चूत में वीर्य छोड़ दिया और आँचल के ऊपर ही लेट गया.
जबरदस्त चुदाई से दोनो ही कामतृप्त हो गये और गहरी साँसे लेने लगे.
सुनील के जिस्म से दबी हुई आँचल आज बहुत खुश थी. अपने पति सुनील पर उसे बहुत प्यार आ रहा था. वो सुनील की नंगी पीठ पर हाथ फिराने लगी. आज सुनील ने उसे जी भरके प्यार दिया था. सुनील के सर के बालों से लेकर उसके नितंबों तक पूरी पीठ को आँचल सहलाती रही. सुनील में इतना परिवर्तन कैसे आ गया है ? दूसरे मर्दों के आँचल के मादक बदन से छेड़खानी के किस्से सुनकर सुनील को इतना जोश, इतनी उत्तेजना क्यूँ आ जाती है, आँचल सोचने लगी.
आँचल के मन में हमेशा ही अपराधबोध रहता था की वो दूसरे मर्दों से कामसुख लेती है. क्यूंकी उसका अपना पति उसे कामसुख नही दे पाता था. लेकिन पिछले दो दिन से सब कुछ बदल सा गया था. सुनील बेड में सांड़ की तरह उसे रौंद दे रहा था.
आँचल सोचने लगी , अब मैं दूसरे मर्दों से संबंध नही रखूँगी और सुनील से बेवफ़ाई नही करूँगी. अब मैं पिल लेना भी बंद कर दूँगी और सुनील के साथ बच्चा पैदा करके अपने परिवार को आगे बढ़ाऊँगी.
ऐसा सोचते सोचते आँचल अपने पति सुनील की बाँहों में संतुष्ट होकर नंगी ही सो गयी.