देख तू सच सच बताओ झूठ मत बोल पूरे गांव में तुझे कौन सी लड़की सबसे अच्छी लगती है,,,
नहीं मामी इन सब बातों पर मेरा कभी ध्यान ही नहीं गया।
हे भगवान तेरे जैसा लड़का तो मैंने आज तक नहीं देखी अच्छा यह तो बता कि तुझे कौन अच्छी लगती है।
( सूरज को अपनी मामी की बातें और उसके बात करने का अंदाज कुछ अलग लग रहा था लेकिन तभी उसे अपने दोस्त की बात याद आ गई उसे भी लगने लगा कि आज उसकी मामी उसके दोस्त की भाभी की तरह ही बात कर रही है जिस तरह से वह बहुत चुदवासी थी हो सकता है उसकी मामी भी चुदवासी हो गई हो,, वरना इस तरह की बातें ना करती सूरज के लिए मौका बड़ा खास था वह मन ही मन सोचने लगा कि जब ऐसी बातें करते हुए उसके दोस्त की भाभी अपने ही देवर को ऊकसा कर उसके साथ चुदाई का सुख प्राप्त की। और आज उसकी मामी थी अपनी बातों से उसे उकसा रही है हो सकता है कि आज उसका भी मन लंड लेने को कर रहा है यही सब सोचकर सूरज इस मौके को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहता था वह अपनी मामी की बातों का मतलब धीरे-धीरे समझ रहा था वरना ऐसी मुश्किल घड़ी में भी किसी औरत के चेहरे पर मुस्कुराहट नहीं आती लेकिन जिस तरह से मंगल मुस्कुरा रही थी सूरज को अब लगने लगा था कि इस मुस्कुराहट के पीछे कोई वजह जरुर है। ओर यह वजह शारीरिक सुख से ही संबंधित है। इस बात की शंका सूरज के मन में होते ही उसके बदन में गुदगुदी सी होने लगी।अब वह भी अपनी मामी से दूसरी तरह से ही बातें करना चाहता था क्योंकि उसकी मामी ने ही बोली थी कि आज जो भी उसके मन में हो सब बोल डाले,,,,
क्या हुआ क्या सोच रहा है बता ना तुझे कौन अच्छी लगती है । (अपनी मामी की बात सुनते ही जैसे उसकी तंद्रा भंग हुई हो इस तरह सेकपकाते हुए बोला)
कककक,,, कुछ तो नही,,,,
तो बताना तुझे कौन अच्छी लगती है ।
क्या मामी तुम तो मेरे पीछे ही पड़ गई हो,,,,,,,
अच्छा ठीक है कुछ मत बताओ मैं तुझसे अब कुछ पूछुंगी भी नहीं,,,( मंगल बनावटी गुस्सा बताते हुए बोली।)
लो अब तुम नाराज हो गई मामी मैं कह रहा हूं फिर बताने जैसा नहीं है क्योंकि वह लोग प्यार व्यार की बातें नहीं करते थे वह लोग कुछ और ही बताते थे।
क्या बताते थे वह लोग कैसी बातें करते थे?
क्या बताऊं मामी बताने लायक नहीं है।
( सूरज की यह बात सुनकर मंगल के मन में उत्सुकता जागने लगी उसे लगने लगा कि सूरज कुछ गंदी बातें छुपा रहा है और यही मौका भी अच्छा है उसके मुंह से गंदी बातें उगलवा कर आज की रात हसीन करने का,, मंगल के मन में ढेर सारी भावनाएं उमड़ने लगी वह सूरज से बोली।)
देख तू मुझसे शर्मा मत सब कुछ बोल डाल,,,,,
मामी मुझे बहुत शर्म आती है मैं कैसे बोलूं,,,,,,,
अच्छा तुम मुझे एक बात बता अगर मेरी जगह ऐसे मौके पर ऐसी सुनसान जगह पर और बरसती बारिश में तेरी कोई सहेली होती तो क्या तू उसे नहीं बताताा,,,,,, देख शर्मा मत,,,,
( अपनी मामी की ऐसी बातें सुनकर सूरज को लगने लगा कि आप जरुर उसके साथ कुछ ना कुछ अच्छा होने वाला है,,, वह भी मन ही मन सोचने लगा की जब उसकी मामी खुद ही सब कुछ सुनने के लिए तैयार है तो उसे बोलने में क्या हर्ज है इसलिए वह बोला।)
मामी वह लोग गंदी बातें करते है।,,,,
कैसी गंदी बातें किसके बारे में,,,,( इतना कहने के साथ ही वह बैलगाड़ी में पीछे सरक कर आराम से बैठ गई,,,,)
चूचूचूचू,,, चुदाई के बारे में,,,,,,( सूरज एकदम से डरते हुए बोला आज पहली बार उसके मुंह से यह शब्द बाहर निकले थे मंगल को भी अपने भांजे के मुंह से चुदाई शब्द सुनकर गर्माहट सी फैलने लगी। )
चुदाई के बारे में किस तरह के कैसी बातें जरा खुलकर तो बता मैं पहले ही तुझे बता चुकी हूं कि तू आज मत शर्मा,,, यह समझ ले कि तेरे सामने तेरी सहेली बैठी है और वैसे भी तो मैं तुझे अच्छी लगती हुं ना,, तो यही समझ ले आज यहां पर इस एकांत में तेरे साथ तेरी मामी नहीं बल्कि तेरी सहेली बैठीे है। और अपनी सहेली से शर्माने की कोई जरूरत नहीं है।
( मंगल के मन में पूरी तरह से वासना सवार हो चुकी थी कि मंजू वाली बात उसे अच्छी तरह से याद थी,,,, मंजू बार-बार उसे सूरज की तरफ इशारा करके उससे जवान लंड लेने की बात कर रही थी इसलिए मंगल का मन अपने भांजे के प्रति आकर्षित होने लगा था और ऐसे माहौल में तो उसके बदन में एक अजीब सी उत्सुकता सीे फेल जा रही थी। सूरज भी अपनी मामी की बातें सुनकर बोला।)
चचचच,, चुदाई,,,,, वाली बातें,,,,( सूरज फिर से शर्माते हुए बोला।,, अपनी मामी से इस तरह की बातें करने में उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था जिसे वह बार-बार धोती के ऊपर से एडजस्ट कर रहा था और मंगल की नजर उसकी इस हरकत को ध्यान से देख रही थी। )
चुदाई वाली बातें तेरे दोस्त यह सब बातें करत लेकिन किस की चुदाई के बारे में बातें करते हैं
तेरे दोस्त इस तरह की बातें करते हैं। लेकीन कीस की चुदाई की बाते करते हैं । ( मंगल के बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी अपने भांजे के मुंह से यह सब सुनकर उसका अंग अंग उन्माद से भरने लगा था। बाहर बारिश अपने जोरों पर अपना जलवा बिखेर रहे थे साथ ही बादलों की गड़गड़ाहट मौसम को और भी ज्यादा भयानक बना रहीे थी,,, लेकिन यह बारिश यह एकांत और बादलों की गड़गड़ाहट बैलगाड़ी के अंदर के माहौल को गर्मी प्रदान कर रही थी। सूरज भी अपनी मामी की बात का जवाब देते हुए बोला,,,,)
मामी वह बहुत गंदी बातें करते थे मैं तो वह बातें सुनकर ही हैरान था कि आखिर वह इस तरह की बातें कर कैसे लेते हैं।
किस तरह की बातें बेटा मुझे भी तो बता,,,,,( मंगल इस बार अपने एक पैर को फैलाकर आराम से बैठ गई लेकिन वह अपने पैर को जानबूझ कर इतना उठाई थी की साड़ी ऊपर की तरफ सरक गई और उसकी पिंडलियां जो कि एकदम गोरी थी वह साफ साफ नजर आने लगी उस पिंडलियों पर सूरज की नजर चली गई,,,, जिसे देख कर उसका लंड ठुनकी लेने लगा,,,,। इस बात का एहसास मंगल को भी है हो गया कि उसकी गोरी पिंडली को देखकर सूरज के बदन में हलचल सी मचनें लगी थी,,, इसलिए वह अपनी हथेली को अपनी पिंडली पर रखकर हल्के हल्के सहलाने लगी जिसे देखकर सूरज बावला होने लगा। और अपने बदन में अपनी मामी की गोरी गोरी पिंडली की गर्माहट को महसूस करते हुए बोला।)
मामी वह लोग एक दूसरे की बहन भाभी की गंदी बातें उनकी चुदाई करने की बातें करके मजा लेते थे,,,, ( मंगल को अपने भांजे की बात सुनते ही उसके बदन में गुदगुदी होने लगी और वह बोली।)
क्या एक दूसरे की बहन भाभी को चोदने की बात करते थे,,,( मंगल चोदने शब्द को कुछ ज्यादा ही भार देकर बोली थी ताकि सूरज के बदन में मस्ती की लहर दौडने़ लगे और वैसा हो भी रहा था सूरज कभी सोचा नहीं था कि उसकी मामी ऐसे शब्दों का प्रयोग करेगी और वह भी उसके ही सामने इसलिए आज पहली बार अपनी मामी के मुंह से चुदाई की बात सुनकर उसके बदन में हलचल सी मचलने लगी थी। सूरज का भी मन खुलने लगा वह मन ही मन सोच रहा था कि जब उसकी मामी इतना खुल सकती है तो वह भी अपनी बात को नमक मिर्च लगाकर क्यों नहीं बता सकता इसलिए वह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला इस बार वह अपने अंदर चल रही हलचल को अपने शब्दों में बाहर लाते हुए अपनी मामी से बोला।)
और तो और मामी जब उन लोगों की मैंने यह बात सुनी कि वह लोग अपनी मा को भी गंदी नजर से देखते हैं तो मेरा दिमाग एकदम सन्न हो गया।
( सूरज दोस्तों की मा वाली बात जानबूझकर बोला था ताकि वह अपने लिए रास्ता साफ कर सके और अपने सूरज बेटे के मुंह से दोस्तों की मामी वाली बात सुनकर मंगल भी हैरान थी वह सूरज से बोली।)
क्या वह अपनी मा को गंदी नजर से देखते हैं पर तुझे कैसे मालूम पड़ा क्या बोल रहे थे वह लोग ?
मामी कैसे बताऊं मुझे शर्म आ रही है,,,,
शर्मा मत देख मैं तुझे बता चुकी हूं कि तू मुझे अपनी दोस्त समझ और मुझे सब कुछ बता दे । (इतना कहने के साथ ही वह अपनी पिंडली को खुजलाते खुजलाते एक बहाने से साड़ी को हल्के से और ऊपर उठा दी जिससे मंगल की जांघ का थोड़ा भाग नजर आने लगा। चिकनी गोरी जांघ का थोड़ा सा भाग देख कर सूरज के मन पर बिजलियां दौड़ने लगी,, और वह बोला।)
मामी बोलो ढेर सारी बातें करते थे जब हम लोग गांव में क्रिकेट खेलते रहते हैं और खेलते खेलते बाते करते रहते हैं तो दोस्त आपस में यह वाले ही बातें करते हैं जो कि मुझे साफ साफ सुनाई देती है एक तो अपने दोस्त से बोल रहा था कि,,,,, यार आज तो सुबह-सुबह ही मेरा मूड बन गया और मुझे मुठ मारना पड़ा,,,,
( मंगल तो अपने भांजे के मुंह से मुठ शब्द सुनते ही दंग रह गई और बोली।)
मूड बन गया मतलब कैसे,,,,,?
मामी वह बोल रहा था कि जब वह सुबह उठ कर बाथरूम की तरफ गया तो उसे नहीं मालूम था कि बाथरुम में उसकी भाभी है और वह बाथरूम का दरवाजा हल्का सा खुला ही था कि उसकी भाभी उसे एकदम नंगी बाथरूम में नहाती मिल गई,,, और वह बताने लगा कि उसकी भाभी की बड़ी-बड़ी गांड और उसकी बड़ी बड़ी चूचियां को देखकर उसका लंड टनटनाकर खड़ा हो गया। ( लंड टनटनाकर खड़े होने की बात सुनते ही मंगल की बुर में चीटियां रेंगने लगी। )
और तों और मामी जब उसने कहा कि,,, अगर उसकी भाभी जरा सा इशारा कर देती तो वह बाथरुम में घुसकर अपनी भाभी की बुर में लंड डालकर चोद दीया होता।
( अपने भांजे के मुंह से इस तरह की खूबी बातें सुनकर उसकी बुर उत्तेजना के मारे फुलने पिचकने लगी,,,, आश्चर्य के साथ उसका मुंह खुला का खुला रह गया था। मंगल हैरान होते हुए और साथ ही अपनी गोरी जांघ को हथेली से सहलाते हुए बोली।)
फिर क्या किया उसने,,,
फिर उसने बताया मामी की वह वंही दरवाजे पर ही अपने आप को छुपा कर खड़ा रहा और धीरे से अपने धोती को नीचे कर दिया,,, और वही खड़े खड़े अपनी भाभी को नंगी देखते हुए अपने लंड को हिलाने लगा,,,,, और तब तक हिलाते रहा जब तक कि उसका पानी नहीं निकल गया,,,,,
तुझे कैसे मालूम कि वह पानी निकलते तक हिलाते रहा।
नहीं मामी इन सब बातों पर मेरा कभी ध्यान ही नहीं गया।
हे भगवान तेरे जैसा लड़का तो मैंने आज तक नहीं देखी अच्छा यह तो बता कि तुझे कौन अच्छी लगती है।
( सूरज को अपनी मामी की बातें और उसके बात करने का अंदाज कुछ अलग लग रहा था लेकिन तभी उसे अपने दोस्त की बात याद आ गई उसे भी लगने लगा कि आज उसकी मामी उसके दोस्त की भाभी की तरह ही बात कर रही है जिस तरह से वह बहुत चुदवासी थी हो सकता है उसकी मामी भी चुदवासी हो गई हो,, वरना इस तरह की बातें ना करती सूरज के लिए मौका बड़ा खास था वह मन ही मन सोचने लगा कि जब ऐसी बातें करते हुए उसके दोस्त की भाभी अपने ही देवर को ऊकसा कर उसके साथ चुदाई का सुख प्राप्त की। और आज उसकी मामी थी अपनी बातों से उसे उकसा रही है हो सकता है कि आज उसका भी मन लंड लेने को कर रहा है यही सब सोचकर सूरज इस मौके को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहता था वह अपनी मामी की बातों का मतलब धीरे-धीरे समझ रहा था वरना ऐसी मुश्किल घड़ी में भी किसी औरत के चेहरे पर मुस्कुराहट नहीं आती लेकिन जिस तरह से मंगल मुस्कुरा रही थी सूरज को अब लगने लगा था कि इस मुस्कुराहट के पीछे कोई वजह जरुर है। ओर यह वजह शारीरिक सुख से ही संबंधित है। इस बात की शंका सूरज के मन में होते ही उसके बदन में गुदगुदी सी होने लगी।अब वह भी अपनी मामी से दूसरी तरह से ही बातें करना चाहता था क्योंकि उसकी मामी ने ही बोली थी कि आज जो भी उसके मन में हो सब बोल डाले,,,,
क्या हुआ क्या सोच रहा है बता ना तुझे कौन अच्छी लगती है । (अपनी मामी की बात सुनते ही जैसे उसकी तंद्रा भंग हुई हो इस तरह सेकपकाते हुए बोला)
कककक,,, कुछ तो नही,,,,
तो बताना तुझे कौन अच्छी लगती है ।
क्या मामी तुम तो मेरे पीछे ही पड़ गई हो,,,,,,,
अच्छा ठीक है कुछ मत बताओ मैं तुझसे अब कुछ पूछुंगी भी नहीं,,,( मंगल बनावटी गुस्सा बताते हुए बोली।)
लो अब तुम नाराज हो गई मामी मैं कह रहा हूं फिर बताने जैसा नहीं है क्योंकि वह लोग प्यार व्यार की बातें नहीं करते थे वह लोग कुछ और ही बताते थे।
क्या बताते थे वह लोग कैसी बातें करते थे?
क्या बताऊं मामी बताने लायक नहीं है।
( सूरज की यह बात सुनकर मंगल के मन में उत्सुकता जागने लगी उसे लगने लगा कि सूरज कुछ गंदी बातें छुपा रहा है और यही मौका भी अच्छा है उसके मुंह से गंदी बातें उगलवा कर आज की रात हसीन करने का,, मंगल के मन में ढेर सारी भावनाएं उमड़ने लगी वह सूरज से बोली।)
देख तू मुझसे शर्मा मत सब कुछ बोल डाल,,,,,
मामी मुझे बहुत शर्म आती है मैं कैसे बोलूं,,,,,,,
अच्छा तुम मुझे एक बात बता अगर मेरी जगह ऐसे मौके पर ऐसी सुनसान जगह पर और बरसती बारिश में तेरी कोई सहेली होती तो क्या तू उसे नहीं बताताा,,,,,, देख शर्मा मत,,,,
( अपनी मामी की ऐसी बातें सुनकर सूरज को लगने लगा कि आप जरुर उसके साथ कुछ ना कुछ अच्छा होने वाला है,,, वह भी मन ही मन सोचने लगा की जब उसकी मामी खुद ही सब कुछ सुनने के लिए तैयार है तो उसे बोलने में क्या हर्ज है इसलिए वह बोला।)
मामी वह लोग गंदी बातें करते है।,,,,
कैसी गंदी बातें किसके बारे में,,,,( इतना कहने के साथ ही वह बैलगाड़ी में पीछे सरक कर आराम से बैठ गई,,,,)
चूचूचूचू,,, चुदाई के बारे में,,,,,,( सूरज एकदम से डरते हुए बोला आज पहली बार उसके मुंह से यह शब्द बाहर निकले थे मंगल को भी अपने भांजे के मुंह से चुदाई शब्द सुनकर गर्माहट सी फैलने लगी। )
चुदाई के बारे में किस तरह के कैसी बातें जरा खुलकर तो बता मैं पहले ही तुझे बता चुकी हूं कि तू आज मत शर्मा,,, यह समझ ले कि तेरे सामने तेरी सहेली बैठी है और वैसे भी तो मैं तुझे अच्छी लगती हुं ना,, तो यही समझ ले आज यहां पर इस एकांत में तेरे साथ तेरी मामी नहीं बल्कि तेरी सहेली बैठीे है। और अपनी सहेली से शर्माने की कोई जरूरत नहीं है।
( मंगल के मन में पूरी तरह से वासना सवार हो चुकी थी कि मंजू वाली बात उसे अच्छी तरह से याद थी,,,, मंजू बार-बार उसे सूरज की तरफ इशारा करके उससे जवान लंड लेने की बात कर रही थी इसलिए मंगल का मन अपने भांजे के प्रति आकर्षित होने लगा था और ऐसे माहौल में तो उसके बदन में एक अजीब सी उत्सुकता सीे फेल जा रही थी। सूरज भी अपनी मामी की बातें सुनकर बोला।)
चचचच,, चुदाई,,,,, वाली बातें,,,,( सूरज फिर से शर्माते हुए बोला।,, अपनी मामी से इस तरह की बातें करने में उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था जिसे वह बार-बार धोती के ऊपर से एडजस्ट कर रहा था और मंगल की नजर उसकी इस हरकत को ध्यान से देख रही थी। )
चुदाई वाली बातें तेरे दोस्त यह सब बातें करत लेकिन किस की चुदाई के बारे में बातें करते हैं
तेरे दोस्त इस तरह की बातें करते हैं। लेकीन कीस की चुदाई की बाते करते हैं । ( मंगल के बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी अपने भांजे के मुंह से यह सब सुनकर उसका अंग अंग उन्माद से भरने लगा था। बाहर बारिश अपने जोरों पर अपना जलवा बिखेर रहे थे साथ ही बादलों की गड़गड़ाहट मौसम को और भी ज्यादा भयानक बना रहीे थी,,, लेकिन यह बारिश यह एकांत और बादलों की गड़गड़ाहट बैलगाड़ी के अंदर के माहौल को गर्मी प्रदान कर रही थी। सूरज भी अपनी मामी की बात का जवाब देते हुए बोला,,,,)
मामी वह बहुत गंदी बातें करते थे मैं तो वह बातें सुनकर ही हैरान था कि आखिर वह इस तरह की बातें कर कैसे लेते हैं।
किस तरह की बातें बेटा मुझे भी तो बता,,,,,( मंगल इस बार अपने एक पैर को फैलाकर आराम से बैठ गई लेकिन वह अपने पैर को जानबूझ कर इतना उठाई थी की साड़ी ऊपर की तरफ सरक गई और उसकी पिंडलियां जो कि एकदम गोरी थी वह साफ साफ नजर आने लगी उस पिंडलियों पर सूरज की नजर चली गई,,,, जिसे देख कर उसका लंड ठुनकी लेने लगा,,,,। इस बात का एहसास मंगल को भी है हो गया कि उसकी गोरी पिंडली को देखकर सूरज के बदन में हलचल सी मचनें लगी थी,,, इसलिए वह अपनी हथेली को अपनी पिंडली पर रखकर हल्के हल्के सहलाने लगी जिसे देखकर सूरज बावला होने लगा। और अपने बदन में अपनी मामी की गोरी गोरी पिंडली की गर्माहट को महसूस करते हुए बोला।)
मामी वह लोग एक दूसरे की बहन भाभी की गंदी बातें उनकी चुदाई करने की बातें करके मजा लेते थे,,,, ( मंगल को अपने भांजे की बात सुनते ही उसके बदन में गुदगुदी होने लगी और वह बोली।)
क्या एक दूसरे की बहन भाभी को चोदने की बात करते थे,,,( मंगल चोदने शब्द को कुछ ज्यादा ही भार देकर बोली थी ताकि सूरज के बदन में मस्ती की लहर दौडने़ लगे और वैसा हो भी रहा था सूरज कभी सोचा नहीं था कि उसकी मामी ऐसे शब्दों का प्रयोग करेगी और वह भी उसके ही सामने इसलिए आज पहली बार अपनी मामी के मुंह से चुदाई की बात सुनकर उसके बदन में हलचल सी मचलने लगी थी। सूरज का भी मन खुलने लगा वह मन ही मन सोच रहा था कि जब उसकी मामी इतना खुल सकती है तो वह भी अपनी बात को नमक मिर्च लगाकर क्यों नहीं बता सकता इसलिए वह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला इस बार वह अपने अंदर चल रही हलचल को अपने शब्दों में बाहर लाते हुए अपनी मामी से बोला।)
और तो और मामी जब उन लोगों की मैंने यह बात सुनी कि वह लोग अपनी मा को भी गंदी नजर से देखते हैं तो मेरा दिमाग एकदम सन्न हो गया।
( सूरज दोस्तों की मा वाली बात जानबूझकर बोला था ताकि वह अपने लिए रास्ता साफ कर सके और अपने सूरज बेटे के मुंह से दोस्तों की मामी वाली बात सुनकर मंगल भी हैरान थी वह सूरज से बोली।)
क्या वह अपनी मा को गंदी नजर से देखते हैं पर तुझे कैसे मालूम पड़ा क्या बोल रहे थे वह लोग ?
मामी कैसे बताऊं मुझे शर्म आ रही है,,,,
शर्मा मत देख मैं तुझे बता चुकी हूं कि तू मुझे अपनी दोस्त समझ और मुझे सब कुछ बता दे । (इतना कहने के साथ ही वह अपनी पिंडली को खुजलाते खुजलाते एक बहाने से साड़ी को हल्के से और ऊपर उठा दी जिससे मंगल की जांघ का थोड़ा भाग नजर आने लगा। चिकनी गोरी जांघ का थोड़ा सा भाग देख कर सूरज के मन पर बिजलियां दौड़ने लगी,, और वह बोला।)
मामी बोलो ढेर सारी बातें करते थे जब हम लोग गांव में क्रिकेट खेलते रहते हैं और खेलते खेलते बाते करते रहते हैं तो दोस्त आपस में यह वाले ही बातें करते हैं जो कि मुझे साफ साफ सुनाई देती है एक तो अपने दोस्त से बोल रहा था कि,,,,, यार आज तो सुबह-सुबह ही मेरा मूड बन गया और मुझे मुठ मारना पड़ा,,,,
( मंगल तो अपने भांजे के मुंह से मुठ शब्द सुनते ही दंग रह गई और बोली।)
मूड बन गया मतलब कैसे,,,,,?
मामी वह बोल रहा था कि जब वह सुबह उठ कर बाथरूम की तरफ गया तो उसे नहीं मालूम था कि बाथरुम में उसकी भाभी है और वह बाथरूम का दरवाजा हल्का सा खुला ही था कि उसकी भाभी उसे एकदम नंगी बाथरूम में नहाती मिल गई,,, और वह बताने लगा कि उसकी भाभी की बड़ी-बड़ी गांड और उसकी बड़ी बड़ी चूचियां को देखकर उसका लंड टनटनाकर खड़ा हो गया। ( लंड टनटनाकर खड़े होने की बात सुनते ही मंगल की बुर में चीटियां रेंगने लगी। )
और तों और मामी जब उसने कहा कि,,, अगर उसकी भाभी जरा सा इशारा कर देती तो वह बाथरुम में घुसकर अपनी भाभी की बुर में लंड डालकर चोद दीया होता।
( अपने भांजे के मुंह से इस तरह की खूबी बातें सुनकर उसकी बुर उत्तेजना के मारे फुलने पिचकने लगी,,,, आश्चर्य के साथ उसका मुंह खुला का खुला रह गया था। मंगल हैरान होते हुए और साथ ही अपनी गोरी जांघ को हथेली से सहलाते हुए बोली।)
फिर क्या किया उसने,,,
फिर उसने बताया मामी की वह वंही दरवाजे पर ही अपने आप को छुपा कर खड़ा रहा और धीरे से अपने धोती को नीचे कर दिया,,, और वही खड़े खड़े अपनी भाभी को नंगी देखते हुए अपने लंड को हिलाने लगा,,,,, और तब तक हिलाते रहा जब तक कि उसका पानी नहीं निकल गया,,,,,
तुझे कैसे मालूम कि वह पानी निकलते तक हिलाते रहा।